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भारत के प्रमुख बांध के नाम और उनके प्रकार

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भारत के सबसे बड़े बांधो की सूची: (List of Largest Dams of India in Hindi)

बाँध किसे कहते है?

बाँध की परिभाषा: बाँध एक अवरोध होता है, जो पानी को बहने से रोकता है और एक जलाशय बनाने में मदद करता है। इससे बाढ़ आने से तो रुकती ही है, जमा किये गया जल सिंचाई, जलविद्युत, पेय जल की आपूर्ति, नौवहन आदि में भी सहायक होती है।

बांध के प्रकार:

भारत में कई बांध हैं, और इसलिए उनके बारे में जानने की आवश्यकता है क्योंकि भारत के बांधों पर आधारित प्रश्न हैं। IBPS या SBI जैसे बैंक परीक्षा में इस खंड के प्रश्न शामिल हैं। संरचना के आधार पर बांधों के प्रकार निम्नानुसार हैं:

  • आर्क बांध: एक आर्क बांध एक कंक्रीट बांध है जो योजना में ऊपर की तरफ घुमावदार है। इसे ऐसा बनाया गया है कि हाइड्रोस्टेटिक दबाव (इसके खिलाफ पानी का बल) आर्क के खिलाफ दबाता है, जिससे आर्क थोड़ा सा सीधा हो जाता है और संरचना को मजबूत करता है क्योंकि यह अपनी नींव या एब्यूमेंट में धकेलता है। एक चाप बांध संकीर्ण के लिए सबसे उपयुक्त है.
  • गुरुत्वाकर्षण बांध: कंक्रीट या पत्थर की चिनाई से निर्मित बांध ग्रेविटी बांध हैं। वे पानी के केवल दबाव का विरोध करने के लिए नींव के खिलाफ सामग्री और उसके प्रतिरोध का वजन का उपयोग करके पानी को वापस पकड़ने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं। इन्हें इस तरह से डिजाइन किया गया है कि बांध का प्रत्येक खंड अन्य खंड के लिए स्थिर और स्वतंत्र है।
  • आर्क-ग्रेविटी बांध: इस बांध में आर्च बांध और गुरुत्व बांध दोनों की विशेषताएं हैं। यह एक बांध है जो एक संकरी अवस्था में ऊपर की ओर घटता है जो कि घाटी की चट्टान की दीवारों के अधिकांश पानी के दबाव को निर्देशित करता है। पानी द्वारा बांध की आवक संपीड़न, बांध पर पार्श्व (क्षैतिज) बल को कम करता है।
  • बैराज: एक बैराज एक प्रकार का कम-सिर, डायवर्सन बांध है जिसमें कई बड़े द्वार होते हैं जिन्हें पानी के प्रवाह की मात्रा को नियंत्रित करने के लिए खोला या बंद किया जा सकता है। यह संरचना को सिंचाई और अन्य प्रणालियों में उपयोग के लिए नदी के जल उन्नयन को विनियमित और स्थिर करने की अनुमति देता है।
  • तटबंध बांध: तटबंध बांध एक बड़ा कृत्रिम बांध है। यह आम तौर पर मिट्टी, रेत, मिट्टी या चट्टान की विभिन्न रचनाओं के एक जटिल अर्ध-प्लास्टिक टीले के प्लेसमेंट और संघनन द्वारा बनाया जाता है। इसकी सतह और घने, अभेद्य कोर के लिए एक अर्ध-विकृत जलरोधक प्राकृतिक आवरण है।
  • रॉक-फिल्स बांध: रॉक-फिल बांध एक अभेद्य क्षेत्र के साथ कॉम्पैक्ट मुक्त-सूखा दानेदार पृथ्वी के तटबंध हैं।  “रॉक-फिल” शब्द  पृथ्वी का उपयोग अक्सर बड़े कणों का उच्च प्रतिशत होता है, इसलिए
  • कंक्रीट-फेस रॉक-फिल बांध: कंक्रीट-फेस रॉक-फिल डैम (CFRD) एक रॉक-फिल डैम है, जिसके ऊपरी हिस्से पर कंक्रीट स्लैब हैं। यह डिजाइन रिसाव को रोकने के लिए एक अभेद्य दीवार के रूप में कंक्रीट स्लैब प्रदान करता है
  • पृथ्वी-भरण बाँध: पृथ्वी से भरे बांध, जिन्हें मिट्टी के बांध भी कहा जाता है, लुढ़का-पृथ्वी बांध या बस पृथ्वी बांध, का निर्माण अच्छी तरह से कॉम्पैक्ट पृथ्वी के एक साधारण तटबंध के रूप में किया जाता है। एक सजातीय लुढ़का-पृथ्वी बांध पूरी तरह से एक प्रकार की सामग्री से बना है, लेकिन इसमें सीप का पानी इकट्ठा करने के लिए एक नाली की परत हो सकती है।

बांध के लाभ (फायदे):

बांध और जलाशय निम्‍नलिखित मानवीय मूलभूल आवश्‍यकताओं की पूर्ति करने में उल्‍लेखनीय योगदान देते हैं:-

  • उचित रूप से अभिकल्पित तथा सुनिर्मित किए गए बांध लोगों की पेयजल की आवश्‍यकताओं और औद्योगिक आवश्‍यकताओं की पूर्ति करने में जलाशयों में संचित जल का अत्‍य अधिक प्रयोग किया जाता है।
  • बांध और जलाशयों एक निर्माण से वर्षा ऋतु के दौरान अतिरिक्‍त जल का उपयोग शुष्‍क भूमि पर सिंचाई हेतु किया जा सकता है।
  • इस प्रकार की योजनाएं बाढ़ जैसे भयानक खतरे को रोकने में सहायक है।
  • बांध में एकत्रित पानी से विद्युत का उत्पादन होता है।  ऊर्जा देश के सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाती है। जल विद्युत ऊर्जा का सस्‍ता, स्‍वच्‍छ और नवीनीकरणीय स्‍त्रोत है।
  • बांध के निर्माण से आसपास का स्थान एक झील की तरह सुन्‍दर प्रस्‍तुत करता है,जो एक मनोरंजन का स्‍त्रोत बन जाता हैं। इसके अलावा लोग झील से नौकायन, तैराकी, मत्‍स्‍य पालन इत्‍यादि का भी लाभ उठा सकते हैं।

बांध से होने वाले नुकसान (हानियाँ):

  • नदी पर बांध बनने से नदी के जल का प्रवाह बाधित होता है।
  • बाँध से नदी की शाखाएँ बट जाती है, जो जल में रहने वाले वनस्पति को स्थानांतरित करता है।
  • बाढ़ निर्मित मैदान में बने जल भंडारों में वनस्पति डूब जाती है तथा मृदा विघटित हो जाती है।
  • बहुउद्देशीय परियोजनाएं तथा बड़े बांध नर्मदा बचाओ आंदोलन और टिहरी बांध आंदोलन के जन्मदाता बन गये है क्योंकि लोगो को इनके कारण अपने घरो से पलायन करना पड़ा।
  • बांधों के कारण पानी रुकने से मछलियों की कई प्रजाति समाप्त हो जाती है जिससे जलीय जैव विविधता को नुकसान होता है।
  • बांधो के जलाशयों में रुके पानी में मलेरिया की कीटाणु पनपते हैं. जो जलाशयों के नजदीकी क्षेत्र में रह रहे लोगों की बीमारियाँ बढ़ाते हैं।
  • बाँध के जलाशयों में पत्ते, टहनियां और जानवरों की लाशें नीचे जमती हैं और सड़ने लगती है. तालाब के नीचे इन्हें ऑक्सीजन नहीं मिलती है जिस कारण मीथेन गैस बनती है जो कार्बन डाई ऑक्साइड से ज्यादा ग्लोबल वार्मिंग को बढ़ाती है।

इन्हें भी पढे: नदियों के किनारे बसे भारत के प्रमुख शहर

भारत के प्रमुख बांधों के बारे में रोचक तथ्य:

  • उत्तराखंड में भारत का सबसे ऊंचा और विशाल टिहरी बांध है।
  • टिहरी बांध एशिया का दूसरा सबसे ऊँचा बांध और दुनिया में आठवाँ सबसे ऊँचा बांध है।
  • इस बांध की ऊंचाई 857 फीट (260.5 मीटर) है जबकि इसकी लंबाई 575 मीटर है तथा इससे 2400 मेगावाट बिजली का उत्पादन होता है।
  • सरदार सरोवर बांध भारत का सबसे बड़ा और विश्व का दूसरा सबसे बड़ा बांध है। गुजरात में वडोदरा जिले के दभोई में स्थित सरदार सरोवर बांध की ऊंचाई 138.68 मीटर और लंबाई 1210 मीटर है।
  • दुनिया के सबसे लंबे बांधों में से एक हीराकुंड बांध ओडिशा के संबलपुर में है। साल 1956 में महानदी पर बने इस बांध की लंबाई 26 किलोमीटर है, जो देश का सबसे लंबा और दुनिया के लंबे बांधों में से एक है।
  • आधुनिक तकनीक से बना नागार्जुन सागर बांध अपनी मजबूती के साथ-साथ अपनी भव्य बनावट और खूबसूरती के लिए भी प्रसिद्ध है। आंध्र प्रदेश के नलगोंडा जिले में कृष्णा नदी पर बना यह बांध आंध्र प्रदेश के लिए सिंचाई का अहम साधन है। नागार्जुन सागर डैम की ऊंचाई 124 मीटर और लंबाई 1450 मीटर है।

आइये जानते है कि भारत का कौन-सा बांध किस नदी पर बना हुआ है तथा किस राज्य में स्थित है:-

भारत के सबसे बड़े बांधो की सूची:

बांध का नाम किस नदी पर बना हुआ है किस राज्य में स्थित है
सरदार सरोवर बांध नर्मदा नदी वडोदरा,गुजरात
टेहरी बांध भागीरथी नदी प्रतापनगर, उत्तराखंड
लखवार बांध यमुना नदी देहरादून, उत्तराखंड
इडुक्की (एब)/इडुक्की आर्च बांध पेरियार नदी तोडुपुलै, केरल
भाखडा बांध सतलुज नदी बिलासपुर, हिमाचल प्रदेश
पकाल दुल बांध मरुसूदर नदी किश्तवाड़, जम्मू कश्मीर
सरदार सरोवर गुजरात बांध नर्मदा नदी राजपीपल, गुजरात
श्रीसैलम बांध कृष्णा नदी नन्दीकोटकुर, आंध्र प्रदेश
रंजीत सागर बांध रवि नदी पठानकोट, पंजाब
बगलिहार बांध चेनाब नदी रामबाण, जम्मू कश्मीर
चेमेराई बांध रवि नदी भटियात, हिमाचल प्रदेश
चेरुठोणी बांध चेरुठोणी नदी तोडुपुलै, केरला
पांग बांध बीस नदी गोपीपुर, हिमाचल प्रदेश
जमरनी बांध गोला नदी नैनीताल, उत्तराखंड
सुबनसिरी लोअर बांध सुबनसिरी नदी सुबनसिरी, अरुणाचल प्रदेश
रामगंगा बांध रामगंगा नदी लैंसडौन, उत्तराखंड
नागार्जुन सागर बांध कृष्णा नदी गुरुजला, आंध्र प्रदेश
कक्की (एब) बांध कक्की नदी रानी, केरल
नगी बांध नगी नदी जमुई, बिहार
सलाल (रॉकफिल एंड कंक्रीट) बांध चेनाब नदी गुलाब गढ़, जम्मू कश्मीर
लख्या बांध लख्या होल नदी मुदिगेरे, कर्नाटक
शोलयर बांध शोलयर नदी पोलाची, तमिलनाडु
कोयना बांध कोयना नदी पतन, महाराष्ट्र
इदमलयर (एब) बांध इदमलयर नदी देवीकोलम, केरल
सुपा बांध काली नदी सुपा, कर्नाटक
कर्जन बांध कर्जन नदी राजपीपला, गुजरात
धारोई बांध साबरमती नदी मेहसाणा, गुजरात
हीराकुंड बांध महानदी संबलपुर, ओडिशा

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

भारत में कुछ महत्वपूर्ण बांध कौन-कौन से हैं ?
  1. भारत में सबसे ऊंचा बांध: टिहरी बांध (उत्तराखंड)
    1. ऊंचाई: 260.5 मीटर
    2. लंबाई: 575 मीटर
    3. नदी: भागीरथी नदी
    4. स्थान: उत्तराखंड
    5. पूरा होने का वर्ष: 2006 (पहला चरण)
  2. भारत में सबसे लंबा बांध: हीराकुंड बांध (ओडिशा)
    1. कुल लंबाई: 25.79 किमी (16.03 मील)
    2. मुख्य बांध की लंबाई: 4.8 किमी (3.0 मील)
    3. नदी: महानदी
    4. स्थान: ओडिशा
    5. पूरा होने का वर्ष: 1953
  3. भारत में सबसे पुराना बांध: कल्लनई बांध (तमिलनाडु)
    1. नदी: कावेरी
    2. स्थान: तमिलनाडु
    3. पूरा होने का वर्ष: 100 ईसा पूर्व -100 ईस्वी

बांध किसे कहते है?
नदी अथवा नीचले जल ग्रहण क्षेत्र में अवरोधक लगाकर जल का संग्रहण करना बांध (Dam) कहलाता है। भारत में 4000 से अधिक और विश्व में एक लाख से अधिक छोटे-बड़े बांध बने हुए हैं।

बांध का निर्माण कैसे होता है?
बांध का निर्माण कंक्रीट, चट्टानों के काटव, लकड़ी अथवा मिट्टी से किया जाता है । भाखड़ा बांध, सरदार सरोवर, टीहरी बांध इत्यादि बड़े बांधों के उदाहारण है । एक बांध की इसके पीछे के पानी के भार को वहन करने की क्षमता बेहद जरूरी होती है। बांध पर धकेले जाने वाली जल की मात्रा को जल-दाब कहा जाता है । जल-दाब जल की गहराई के साथ-साथ बढ़ता रहता है । इसके परिणामस्वरूप कई बांधों का तल चौडा होता है जिससे यह सतह के काफी नीचे बहुभागा में बहने वाले जल का भार वहन कर सकें।

हमें बांधों की आवश्यकता क्यों होती है?
हमारे निजी जीवन में भी बांधो का बहुत महत्व हैं क्योंकि बांधों का उपयोग सिंचाई, पीने का पानी, बिजली बनाने तथा पुनः सृजन के लिए जल के भण्डारण में किया जाता है। बांधों से बाढ़ जैसी विकराल आपदा नियंत्रण में भी सहायता मिलती है। आप बांध के जलाशय से पीने का पानी प्राप्त कर सकते हैं अथवा बांध के जलाशय के जल से सिंचित क्षेत्रों के खाद्य पदार्थों का सेवन कर सकते हैं अथवा जल विद्युत सयंत्र से उत्पन्न बिजली प्राप्त कर सकते हैं। नदी का जल बांधों के पीछे उठता है तथा कृत्रिम झीलों का निर्माण करता है, जिसे जलाशय कहा जाता हैं। जलाशय, मछली पकड़ने तथा खेलने के लिए भी अच्छे स्थान है।

बांध कितने प्रकार के होते हैं?
भारत मे बांध काई प्रकार के हैं यहाँ कुछ निम्न प्रकार के बांध दिये हुए हैं जिनमें आर्क बांध, गुरुत्वाकर्षण बांध, आर्क-ग्रेविटी बांध, बैराज, तटबंध बांध, रॉक-फिल्स बांध, कंक्रीट-फेस रॉक-फिल बांध, पृथ्वी-भरण बाँध सम्मिलित हैं।

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भारत के प्रसिद्ध राष्ट्रीय अभ्यारण्य व उद्यान

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भारत के प्रमुख राष्ट्रीय अभ्यारण्य व उद्यानों की सूची: (National Parks and Reserves of India in Hindi)

1936 में भारत का पहला राष्ट्रीय उद्यान था- हेली नेशनल पार्क, जिसे अब जिम कोर्बेट राष्ट्रीय उद्यान के रूप में जाना जाता है। 1970 तक भारत में केवल 5 राष्ट्रीय उद्यान थे। 1980 के दशक में वन्यजीव संरक्षण अधिनियम और प्रोजेक्ट टाइगर योजना के अलावा वन्य जीवों की सुरक्षार्थ कई अन्य वैधानिक प्रावधान लागू हुए. अप्रेल 2012 में देश में राष्ट्रीय उद्यानों की संख्या 102 थी, जिनका कुल क्षेत्रफल 39919 वर्गकिलोमीटर है, जो भारत के सम्पूर्ण भू क्षेत्रफल का 1.21 प्रतिशत भाग है।

भारत में 500 से अधिक अभयारण्य हैं, जिन्हें वन्य जीवन अभयारण्य कहा जाता है। कई राष्ट्रीय उद्यान पहले वन्य जीवन अभयारण्य ही थे। कुछ वन्य जीवन अभयारण्य अपनी कुछ मुख्य प्राणी प्रजातियों के संरक्षण के कारण राष्ट्रीय महत्व रखते हैं:

भारत में राष्ट्रीय उद्यान- UPSC IAS परीक्षा से संबंधित मुख्य बिंदु: 

  • राष्ट्रीय उद्यान, वन्यजीव अभयारण्य, रिजर्व फॉरेस्ट, संरक्षण भंडार, समुद्री भंडार, सामुदायिक भंडार, बायोस्फीयर रिजर्व संरक्षित क्षेत्रों के अंतर्गत आते हैं।
  • भारत दुनिया के 17 मेगाडेवर्स देशों में से एक है। देश को वनस्पतियों और जीवों के ढेर से सर्वोत्तम माना जाता है।
  • राष्ट्रीय उद्यान IUCN श्रेणी II के अंतर्गत संरक्षित क्षेत्र हैं। भारत का पहला राष्ट्रीय उद्यान 1936 में उत्तराखंड, जिम कॉर्बेट राष्ट्रीय उद्यान में स्थापित किया गया था।
  • भारत में 1970 तक केवल पांच राष्ट्रीय उद्यान थे। 1972 में, भारत ने वन्यजीव संरक्षण अधिनियम को लागू किया।

भारत के राष्ट्रीय उद्यान एवं अभयारण्य की सूची:

क्र:सं: राष्ट्रीय उद्यान/अभ्यारण्य  राज्य  प्रमुख वन्यजीव प्राणी
1 पलामू अभ्यारण्य झारखंड हाथी, हिरण, तेंदुआ, सांभर, जंगली सूअर
2 दाल्मा वन्य जीव अभ्यारण्य झारखंड हाथी, हिरण, तेंदुआ, भालू, जंगली सूअर
3 हजारीबाग वन्य जीव अभ्यारण्य झारखंड चीता, भालू, तेंदुआ, चीतल, सांभर, जंगली सूअर
4 कैमूर वन्य जीव अभ्यारण्य बिहार बाघ, नीलगाय, घड़ियाल, सांभर, जंगली सूअर
5 गिर राष्ट्रीय उद्यान गुजरात शेर, सांभर, तेंदुआ, जंगली सूअर
6 नल सरोवर अभ्यारण्य गुजरात जल-पक्षी
7 जिम कॉर्बेट राष्ट्रीय उद्यान उत्तराखंड हाथी, बाघ, चीता, हिरण, भालू, नीलगाय, सांभर, जंगली सूअर
8 दुधवा राष्ट्रीय उद्यान उत्तर प्रदेश हाथी, बाघ, चीता, हिरण, नीलगाय, तेंदुआ
9 चन्द्रप्रभा अभ्यारण्य उत्तर प्रदेश चीता, भालू, नीलगाय, तेंदुआ, सांभर
10 बन्दीपुर राष्ट्रीय उद्यान कर्नाटक हाथी, चीता, तेंदुआ, हिरण, चीतल, सांभर,
11 भद्रा अभ्यारण्य कर्नाटक भालू, हाथी, सांभर, तेंदुआ, हिरण
12 सोमेश्वर अभ्यारण्य कर्नाटक चीता, जंगली कुत्ता, हिरण, तेंदुआ, सांभर
13 तुंगभद्रा अभ्यारण्य कर्नाटक तेंदुआ, चीतल, काला हिरण, चौसिंगा और पक्षी
14 पाखाल वन्य जीव अभ्यारण्य आंध्र प्रदेश चीता, तेंदुआ, सांभर, भालू, जंगली सूअर
15 कावला वन्य जीव अभ्यारण्य आंध्र प्रदेश चीता, तेंदुआ, सांभर, भालू, जंगली सूअर, चीतल
16 मानस राष्ट्रीय उद्यान असम हाथी, चीता, भालू, एक सींग वाला गेंडा, लंगूर, हिरण
17 काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान असम चीता, एक सींग वाला गेंडा, हुन्गली सूअर, भैंसा
18 घाना पक्षी विहार राजस्थान सांभर, काला हिरण, जंगली सूअर, मुर्गा, घड़ियाल, साइबेरियन क्रेन.
19 रणथम्भौर अभ्यारण्य राजस्थान चीता, बाघ, शेर, तेंदुआ, लक्कड़बग्घा, भालू, नीलगाय, सांभर
20 कुंभलगढ़ अभ्यारण्य राजस्थान चीता, नीलगाय, सांभर, भालू, नीलगाय
21 पेंच राष्ट्रीय उद्यान मध्य प्रदेश चीता, नीलगाय, सांभर, भालू, जंगली सूअर
22 तंसा अभ्यारण्य महाराष्ट्र तेंदुआ, सांभर, चौसिंगा, जंगली सूअर, चीतल, पक्षी
23 वोरिविली राष्ट्रीय उद्यान महाराष्ट्र लंगूर, हिरण, सांभर, तेंदुआ, जंगली सूअर
24 अबोहर अभ्यारण्य पंजाब जंगली सूअर, हिरण, नीलगाय, काला हंस, कबूतर
25 चिक्ला अभ्यारण्य ओडिशा क्रेन, जलकौवा, पेलिवन,प्रवासी पक्षी
26 सिम्लिपाल अभ्यारण्य ओडिशा हाथी, बाघ, चीता, तेंदुआ, सांभर, हिरण, मगरमच्छ, जलीय पक्षी
27 वेदांतगल अभ्यारण्य तमिलनाडु जलीय पक्षी
28 इंदिरा गांधी अभ्यारण्य तमिलनाडु हाथी, बाघ, चीतल, तेंदुआ, सांभर, रीछ, जंगली कुत्ता, लंगूर
29 मुदुमलाई अभ्यारण्य तमिलनाडु हाथी, चीता, तेंदुआ, सांभर, हिरण, जंगली कुत्ते
30 डाम्फा अभ्यारण्य मिजोरम कोबरा, चीता, बिल्ली, फीजेंट
31 पेरियार अभ्यारण्य केरल चीता, हाथी, तेंदुआ, सांभर, हिरण, भालू, नीलगाय, जंगली सूअर
32 पराम्बिकुलम अभ्यारण्य केरल चीता, हाथी, तेंदुआ, सांभर, हिरण, नीलगाय, जंगली सूअर
33 कान्हा राष्ट्रीय उद्यान मध्य प्रदेश बाघ, चीतल, तेंदुआ, सांभर, बारहसिंघा
34 पंचमढ़ी अभ्यारण्य मध्य प्रदेश बाघ, तेंदुआ, सांभर, नीलगाय, चीतल, हिरण, भालू, जंगली भैंसा.
35 डाचिगम राष्ट्रीय उद्यान जम्मू-कश्मीर तेंदुआ, काला भालू, लाल भालू, हिरण,
36 किश्तवार राष्ट्रीय उद्यान जम्मू-कश्मीर काला हिरण, जंगली याक, तिब्बती गधा
37 बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान मध्य प्रदेश बाघ, तेंदुआ, सांभर, भालू, चकोर
38 राजीव गांधी अभयारण्य (नागरहोल राष्ट्रीय उद्यान) कर्नाटक चीता, हाथी, तेंदुआ, सांभर, भालू, चकोर, तीतर,
39 पखुई वन्य जीवन अभ्यारण्य अरुणाचल प्रदेश हाथी, अजगर, हिरण, सांभर
40 सुल्तानपुर झील अभ्यारण्य हरियाणा विभिन्न जल पक्षी
41 रोहिला राष्ट्रीय उद्यान हिमाचल प्रदेश कस्तूरी हिरण, भूरा भालू, पहाड़ी मुर्गा, पहाड़ी तेंदुआ
42 सुंदरवन राष्ट्रीय उद्यान पश्चिम बंगाल बाघ, चीता, हिरण, मगरमच्छ
43 भगवान् महावीर उद्यान गोवा हिरण, चूहा, साही, सांभर
44 नोंगखाइलेम अभ्यारण्य मेघालय हाथी, चीता, बाघ, हिरण, सांभर, भालू
45 कीबुल लामजाओ राष्ट्रीय उद्यान मणिपुर हिरण, जंगली बकरी, विभिन्न जल पक्षी
46 राजाजी राष्ट्रीय उद्यान उत्तराखंड हाथी, हिरन, चीते, सांभर और मोर
47 ओरंग टाइगर रिज़र्व असम बाघ
48 कमलंग टाइगर रिज़र्व अरुणाचल प्रदेश
49 दिबांग वन्यजीव अभयारण्य अरुणाचल प्रदेश बाघ


भारत में राष्ट्रीय उद्यानों पर महत्वपूर्ण तथ्य और प्रश्न


राष्ट्रीय उद्यान क्या है?
किसी भी प्राकृतिक आवास को प्राकृतिक वातावरण के संरक्षण के लिए किसी राज्य या केंद्र शासित प्रदेश की सरकार द्वारा अलग रखा जाता है, जिसे राष्ट्रीय उद्यान कहा जाता है।

भारत का सबसे बड़ा राष्ट्रीय उद्यान कौन सा है?
लद्दाख का हेमिस राष्ट्रीय उद्यान भारत का सबसे बड़ा राष्ट्रीय उद्यान है। हेमिस नेशनल पार्क अपने हिम तेंदुओं के लिए विश्व स्तर पर प्रसिद्ध है, यह माना जाता है कि दुनिया में किसी भी संरक्षित क्षेत्र में इनका सबसे अधिक घनत्व है।

हमें राष्ट्रीय उद्यानों की आवश्यकता क्यों है?
राष्ट्रीय उद्यान बनाने के लिए कई उद्देश्य हैं:
यह पारिस्थितिकी तंत्र ओएस के एक विशिष्ट क्षेत्र या क्षेत्र के संरक्षण में मदद कर सकता है
प्रजातियों का संरक्षण जो विलुप्त होने के कगार पर हैं
पारिस्थितिक विकास के लिए प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण करना
यह विभिन्न प्रजातियों को संरक्षित करने में मदद कर सकता है

भारत का पहला मरीन नेशनल पार्क कौन सा था?
पहला मरीन नेशनल पार्क कच्छ की खाड़ी में स्थित है और 1982 में बनाया गया था। यह गुजरात राज्य के देवभूमि द्वारका जिले में कच्छ की खाड़ी के दक्षिणी किनारे पर स्थित है।

देश का एकमात्र तैरता हुआ राष्ट्रीय उद्यान कौन सा है और यह कहाँ स्थित है?
वह केइबुल लामजाओ नेशनल पार्क भारत में मणिपुर राज्य के बिष्णुपुर जिले में एक राष्ट्रीय उद्यान है। यह दुनिया का एकमात्र तैरता हुआ राष्ट्रीय उद्यान है।

राष्ट्रीय उद्यान और वन्यजीव अभयारण्य में क्या अंतर है?
एक वन्यजीव अभयारण्य प्रकृति का एक क्षेत्र है जो कि सरकार या एक निजी एजेंसी के पास है जो वर्ष के एक भाग के दौरान या इसकी संपूर्णता में वनस्पतियों या जीवों की विशेष प्रजातियों के संरक्षण के लिए है। जबकि, राष्ट्रीय उद्यान सरकार के स्वामित्व वाली भूमि का आरक्षित क्षेत्र है जो औद्योगिकीकरण, मानव शोषण और प्रदूषण से सुरक्षित है।

भारत का सबसे पुराना राष्ट्रीय उद्यान कौन सा है?
जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क भारत का सबसे पुराना राष्ट्रीय उद्यान है। यह उत्तराखंड में स्थित है और 1936 में स्थापित किया गया था।

भारत में कितने राष्ट्रीय उद्यान हैं?
भारत में कुल 101 राष्ट्रीय उद्यान (अप्रैल 2021 तक) हैं। वे कुल 40,564 किमी 2 के क्षेत्र को कवर करते हैं, जो देश के भौगोलिक क्षेत्र का 1.23% है।

इन्हे भी पढ़े: भारत का कौन-सा बांध किस राज्य में स्थित है

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मिस यूनिवर्स विजेता की सूची (वर्ष 1952 से 2020 तक)

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मिस यूनिवर्स (ब्रह्माण्ड सुन्दरी) विजेताओं की सूची (1952-2020): (List of Miss Universe Winners in Hindi)

ब्रह्माण्ड सुन्दरी (मिस यूनिवर्स) मिस यूनिवर्स संगठन द्वारा आयोजित किया जाने वाली एक वार्षिक अंतरराष्ट्रीय सौन्दर्य प्रतियोगिता है। मिस यूनिवर्स 2019 का खिताब दक्षिण अफ्रीका की ज़ोज़िबिनी टुन्ज़ी ने जीता था। वह खिताब जीतने वाली दक्षिण अफ्रीका की तीसरी महिला हैं, और अंगोलन लीला लोपेज के बाद पहली अश्वेत महिला को मिस यूनिवर्स 2011 का ताज पहनाया गया था।

मिस यूनिवर्स का इतिहास:

मिस यूनिवर्स प्रतियोगिता को 1952 में कैलिफोर्निया स्थित कपड़ा कंपनी पेसेफिक मिल्स द्वारा स्थापित किया गया था। पहली ब्रह्माण्ड सुन्दरी प्रतियोगिता लांग बीच, कैलिफोर्निया में सन 1952 मे आयोजित की गयी थी। फ़िनलैंड की अर्मि कूसेला ने प्रथम ब्रह्माण्ड सुन्दरी खिताब जीता था। सी.बी.एस. ने 1960 से ब्रह्माण्ड सुन्दरी और अमरीकी सुन्दरी का संयुक्त प्रसारण करना शुरु किया। यह प्रतियोगिता कैसर-रोथ और बाद में गल्फ एंड वेस्टर्न इण्डस्ट्रीज का हिस्सा बनी। 1965 से सी.बी.एस. ने अलग-अलग प्रसारण करना शुरु किया। वर्ष 1996 में इसे डोनाल्ड ट्रम्प ने अधिग्रहित कर लिया। सन 2003 में एन.बी.सी ने प्रतियोगिता के टेलिविज़न अधिकार खरीद लिए।

मिस यूनिवर्स 2020

मिस यूनिवर्स 2020 मिस यूनिवर्स प्रतियोगिता का 69 वां संस्करण होगा, जो कि 16 मई, 2021 को हॉलीवुड, फ्लोरिडा, संयुक्त राज्य अमेरिका के सेमिनोले हार्ड रॉक होटल एंड कसीनो में आयोजित किया जाएगा।

3 मार्च 2021 को, मिस यूनिवर्स ऑर्गनाइजेशन ने घोषणा की कि यह प्रतियोगिता 16 मई, 2021 को हॉलीवुड, फ्लोरिडा, संयुक्त राज्य अमेरिका के सेमिनोल हार्ड रॉक होटल एंड कसीनो में आयोजित की जाएगी। COVID-19 महामारी के कारण, प्रतियोगिता को पतन / सर्दी 2020 से वसंत 2021 तक स्थगित कर दिया गया था।

वर्ष 1952 से 2020 तक की सभी मिस यूनिवर्स विजेताओं की सूची:

वर्ष विजेता का नाम देश
2020
2019 ज़ोज़िबिनी टुन्ज़ी दक्षिण अफ्रीका
2018 कैटरिओना इलिसा ग्रे फिलीपींस
2017 डेमी-ले नेल-पीटर्स दक्षिण अफ्रीका
2016 इरिस मितेनाएरे फ्रांस
2015 पिया वुर्ट्ज़बाक फिलीपींस
2014 पोलीना वेगा कोलम्बिया
2013 गैब्रिएला इसलऱ़ वेनेजुएला
2012 ओलिविया कुलपो संयुक्त राज्य अमरीका
2011 लीला लोपेज अंगोला
2010 जिमेना नावारेती मेक्सिको
2009 स्‍टेफानिया फर्नाडिस वेनेजुएला
2008 डायना मेंडोजा वेनेजुएला
2007 रियो मोरी जापान
2006 जुलेेका रिवेरा प्यूर्टो रिको
2005 नैताली ग्‍लेबोवा कनाडा
2004 जेनिफर हॉकिंस ऑस्ट्रेलिया
2003 एमीलिया वेगा डोमिनिकन गणराज्य
2002 ओक्‍साना फेदोरोवा रूस
2002 जस्टिन पेसेक पनामा
2001 डेनिस एम. क्विनोनेस प्यूर्टो रिको
2000 लारा दत्‍ता भारत
1999 मपुले क्बिलागोब बोत्सवाना
1998 वेडी फित्‍जविलियम ट्रिनिडाड और टोबैगो
1997 ब्रु‍क ली संयुक्त राज्य अमरीका
1996 एलिसिया मेकाडो वेनेजुएला
1995 चेल्‍सी स्मिथ संयुक्त राज्य अमरीका
1994 सुष्मिता सेन भारत
1993 डेयनारा टोरेेस प्यूर्टो रिको
1992 मिसेल मैकलीन नामीबिया
1991 लुपिटा जोन्स मेक्सिको
1990 मोना ग्रुड नार्वे
1989 एन्‍जडेजा विस्‍सेर नीदरलैंड्स
1988 पोर्नटिक नखीरून कुनॉक थाईलैण्‍ड
1987 सेसिला बोलोको चिली
1986 बारबरा पेलेसिओ टेडे वेनेजुएला
1985 डेब्रो कार्थी ड्यू् प्‍यूर्टोरिको
1984 य्वोंने रायडिंग स्वीडन
1983 लोरेन डौन्स न्यूजीलैंड
1982 केरेन डायन बाल्डविन कनाडा
1981 आइरीन सायस वेनेजुएला
1980 शॉन वेथर्ली संयुक्त राज्य अमरीका
1979 मेरिज सायलेरो वेनेजुएला
1978 मार्गरेट गार्डिनर दक्षिण अफ्रीका
1977 जनेले कमिशनग ट्रिनिडाड और टोबैगो
1976 रीना मेसेंंजर इजराइल
1975 ऐनी मरि पोटामो फ़िनलैंड
1974 ऐम्‍पारो मूूनस स्पेन
1973 मार्गरिटा मोरांन फिलीपींस
1972 केरी एनी वेल्स ऑस्ट्रेलिया
1971 जॉर्जीना रिज़्क़ लेबनान
1970 मारिसोल मालरेट प्यूर्टो रिको
1969 ग्लोरिया डियाज़ फिलीपींस
1968 मरथा वास्कोनसेलोस ब्राज़ील
1967 सिल्विया हिचकॉक संयुक्त राज्य अमरीका
1966 मार्गरेटा अवित्‍सन स्वीडन
1965 अपार्स होंगसकुला थाईलैंड
1964 कोरिना सपे ग्रीस
1963 अडिया मरिया वागस ब्राज़ील
1962 नोर्मा नोलन अर्जेंटीना
1961 मार्लेन समिड्ट जर्मनी
1960 लिंडा बेमेन्ट संयुक्त राज्य अमरीका
1959 अकिको कोजिमा जापान
1958 लूज़ मरीना ज़ुलुग कोलंबिया
1957 ग्लेडिस जेंडर पेरू
1956 कैरोल मोरिस संयुक्त राज्य अमरीका
1955 हिल्लेवी रोम्बीन स्वीडन
1954 मिरियम स्टीवेंसन संयुक्त राज्य अमरीका
1953 क्रिस्टियाने मार्टल फ्रांस
1952 आर्मी कूसेला फ़िनलैंड


अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न


मिस यूनिवर्स क्या है?
मिस यूनिवर्स ( miss universe ) प्रतियोगिता, मिस यूनिवर्स संगठन ( Miss universe organization ) द्वारा आयोजित की जाती है, जो बिजनेस टाइकून डोनाल्ड ट्रम्प ( Business tycoon Donald Trump ) और एनबीसी ( NBC ) के बीच एक संयुक्त उद्यम ( joint venture ) है।

मिस यूनिवर्स की शुरुआत कब हुई?
दुनिया का पहला मिस यूनिवर्स कॉन्टेस्ट साल 1952 में अमेरिका के कैलिफोर्निया में हुआ था। मिस यूनिवर्स प्रतियोगिता को कैलिफोर्निया स्थित कपड़ा कंपनी पेसेफिक मिल्स द्वारा स्थापित किया गया था।

मिस वर्ल्ड मिस यूनिवर्स में क्या अंतर है?
मिस वर्ल्ड प्रतियोगिता का स्वामित्व और प्रबंधन मिस वर्ल्ड ऑर्गनाइजेशन द्वारा किया जाता है। जूलिया मोर्ले (बाएं) इसके अध्यक्ष हैं। दूसरी ओर, मिस यूनिवर्स संगठन मिस यूनिवर्स संगठन द्वारा चलाया जाता है, जो वर्तमान में ब्रॉडकास्टर एनबीसी के साथ एक संयुक्त उद्यम में बिजनेस टाइकून डोनाल्ड ट्रम्प के स्वामित्व में है।

भारत की प्रथम मिस यूनिवर्स कौन थी?
21 मई साल 1994 में सुष्मिता सेन ने मिस यूनिवर्स का ताज पहना था। सुष्‍मिता सेन 1994 में मिस यूनिवर्स का खिताब जीतने वाली पहली भारतीय महिला हैं।

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भारत की प्रमुख नदियों के नाम, उद्गम स्थल एवं सहायक नदियों की सूची

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भारत की प्रमुख नदियाँ: (Important Rivers of India in Hindi)

भारत की नदियों का देश के आर्थिक एवं सांस्कृतिक विकास में प्राचीनकाल से ही महत्वपूर्ण योगदान रहा है। सिन्धु तथा गंगा नदियों की घाटियों में ही विश्व की सर्वाधिक प्राचीन सभ्यताओं- सिन्धु घाटी तथा आर्य सभ्यता का आर्विभाव हुआ। आज भी देश की सर्वाधिक जनसंख्या एवं कृषि का संकेन्द्रण नदी घाटी क्षेत्रों में पाया जाता है। प्राचीन काल में व्यापारिक एवं यातायात की सुविधा के कारण देश के अधिकांश नगर नदियों के किनारे ही विकसित हुए थे तथा आज भी देश के लगभग सभी धार्मिक स्थल किसी न किसी नदी से सम्बद्ध है।

इन्हें भी पढे: नदियों के किनारे बसे भारत के प्रमुख नगर व शहर

भारत की नदियों को चार समूहों में वर्गीकृत किया जा सकता है जैसे :-

  • हिमालय से निकलने वाली नदियाँ
  • दक्षिण से निकलने वाली नदियाँ
  • तटवर्ती नदियाँ
  • अंतर्देशीय नालों से द्रोणी क्षेत्र की नदियाँ

भारत की प्रमुख नदियों की सूची:

यहाँ हम आपको भारत की सभी प्रमुख नदियों के नामों की सूची दे रहें हमेशा इसी आईएस आईएएस परीक्षाओं में इनसे संबंधित प्रश्न पूछे जाते हैं

नदी का नाम उद्गम स्थल सहायक नदियाँ व प्रवाह क्षेत्र
सिन्धु नदी मानसरोवर झील के निकट (तिब्बत) सतलुज, व्यास, झेलम, चिनाब, रावी, शिंगार, गिलगित, श्योक (जम्मू और कश्मीर, लेह)
झेलम नदी शेषनाग झील, जम्मू-कश्मीर किशन, गंगा, पुँछ, लिदार, करेवाल, सिंध (जम्मू-कश्मीर, कश्मीर)
चिनाब नदी बारालाचा दर्रे के निकट चन्द्रभागा (जम्मू-कश्मीर)
रावी नदी रोहतांग दर्रा, कांगड़ा साहो, सुइल (हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, पंजाब)
सतलुज नदी मानसरोवर के निकट राकसताल व्यास, स्पिती, बस्पा (हिमाचल प्रदेश, पंजाब)
व्यास नदी रोहतांग दर्रा तीर्थन, पार्वती, हुरला (हिमाचल प्रदेश)
गंगा नदी गंगोत्री के निकट गोमुख से यमुना, रामगंगा, गोमती, बागमती, गंडक, कोसी, सोन, अलकनंदा, भागीरथी, पिण्डार, मंदाकिनी (उत्तरांचल, उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल)
यमुना नदी यमुनोत्री ग्लेशियर चम्बल, बेतवा, केन, टोंस, गिरी, काली, सिंध, आसन (उत्तरांचल, उत्तर प्रदेश, दिल्ली)
रामगंगा नदी नैनीताल के निकट एक हिमनदी से खोन (उत्तरांचल, उत्तर प्रदेश)
घाघरा नदी मप्सातुंग (नेपाल) हिमनद शारदा, करनली, कुवाना, राप्ती, चौकिया (उत्तर प्रदेश, बिहार)
गंडक नदी नेपाल तिब्बत सीमा पर मुस्ताग के निकट काली, गंडक, त्रिशूल, गंगा (बिहार)
कोसी नदी नेपाल में सप्तकोशिकी (गोंसाईधाम) इन्द्रावती, तामुर, अरुण, कोसी (सिक्किम, बिहार)
चम्बल नदी मऊ के निकट जानापाव पहाड़ी से काली, सिंध, सिप्ता, पार्वती, बनास (मध्य प्रदेश)
बेतवा नदी भोपाल के पास उबेदुल्ला गंज के पास – (मध्य प्रदेश)
सोन नदी अमरकंटक की पहाड़ियों से रिहन्द, कुनहड़ (मध्य प्रदेश, बिहार)
दामोदर नदी छोटा नागपुर पठार से दक्षिण पूर्व कोनार, जामुनिया, बराकर (झारखण्ड, पश्चिम बंगाल)
ब्रह्मपुत्र नदी मानसरोवर झील के निकट (तिब्बत में सांग्पो) घनसिरी, कपिली, सुवनसिती, मानस, लोहित, नोवा, पद्मा, दिहांग (अरुणाचल प्रदेश, असम)
महानदी सिहावा के निकट रायपुर सियोनाथ, हसदेव, उंग, ईब, ब्राह्मणी, वैतरणी (मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, उड़ीसा)
वैतरणी नदी क्योंझर पठार – (उड़ीसा)
स्वर्ण रेखा छोटा नागपुर पठार – (उड़ीसा, झारखण्ड, पश्चिम बंगाल)
गोदावरी नदी नासिक की पहाड़ियों से प्राणहिता, पेनगंगा, वर्धा, वेनगंगा, इन्द्रावती, मंजीरा, पुरना (महाराष्ट्र, कर्नाटक, आन्ध्र प्रदेश)
कृष्णा नदी महाबलेश्वर के निकट कोयना, यरला, वर्णा, पंचगंगा, दूधगंगा, घाटप्रभा, मालप्रभा, भीमा, तुंगप्रभा, मूसी (महाराष्ट्र, कर्नाटक, आन्ध्र प्रदेश)
कावेरी नदी केरकारा के निकट ब्रह्मगिरी हेमावती, लोकपावना, शिमला, भवानी, अमरावती, स्वर्णवती (कर्नाटक, तमिलनाडु)
नर्मदा नदी अमरकंटक चोटी तवा, शेर, शक्कर, दूधी, बर्ना (मध्य प्रदेश, गुजरात)
ताप्ती नदी मुल्ताई से (बेतूल) पूरणा, बेतूल, गंजल, गोमई (मध्य प्रदेश, गुजरात)
साबरमती जयसमंद झील (उदयपुर) वाकल, हाथमती (राजस्थान, गुजरात)
लूनी नदी नाग पहाड़ सुकड़ी, जनाई, बांडी (राजस्थान, गुजरात, मिरूडी, जोजरी)
बनास नदी खमनौर पहाड़ियों से सोड्रा, मौसी, खारी (कर्नाटक, तमिलनाडु)
माही नदी मेहद झील से सोम, जोखम, अनास, सोरन (मध्य प्रदेश, गुजरात)
हुगली नदी नवद्वीप के निकट जलांगी
उत्तरी पेन्नार नंदी दुर्ग पहाड़ी पाआधनी, चित्रावती, सागीलेरू
तुंगभद्रा नदी पश्चिमी घाट में गोमन्तक चोटी कुमुदवती, वर्धा, हगरी, हिंद, तुंगा, भद्रा
मयूसा नदी आसोनोरा के निकट मेदेई
साबरी नदी सुईकरम पहाड़ी सिलेरु
इन्द्रावती नदी कालाहाण्डी, उड़ीसा नारंगी, कोटरी
क्षिप्रा नदी काकरी बरडी पहाड़ी, इंदौर चम्बल नदी
शारदा नदी मिलाम हिमनद, हिमालय, कुमायूँ घाघरा नदी
तवा नदी महादेव पर्वत, पंचमढ़ी नर्मदा नदी
हसदो नदी सरगुजा में कैमूर पहाड़ियाँ महानदी
काली सिंध नदी बागलो, ज़िला देवास, विंध्याचल पर्वत यमुना नदी
सिन्ध नदी सिरोज, गुना ज़िला चम्बल नदी
केन नदी विंध्याचल श्रेणी यमुना नदी
पार्वती नदी विंध्याचल, मध्य प्रदेश चम्बल नदी
घग्घर नदी कालका, हिमाचल प्रदेश
बाणगंगा नदी बैराठ पहाड़ियाँ, जयपुर यमुना नदी
सोम नदी बीछा मेंड़ा, उदयपुर जोखम, गोमती, सारनी
आयड़ या बेडच नदी गोमुण्डा पहाड़ी, उदयपुर बनास नदी
दक्षिण पिनाकिन चेन्ना केशव पहाड़ी, कर्नाटक
दक्षिणी टोंस तमसा कुंड, कैमूर पहाड़ी
दामन गंगा नदी पश्चिम घाट
गिरना नदी पश्चिम घाट, नासिक

इन्हें भी पढे: भारत के प्रमुख पर्वतीय नगर और उनकी ऊंचाई

भारत की प्रमुख नदियों के प्राचीन नाम व आधुनिक नामों की सूची:

भारत की प्रमुख नदियों का प्राचीन नाम भारत की प्रमुख नदियों आधुनिक नाम
क्रुभु कुर्रम
कुभा काबुल
वितस्ता झेलम
आस्किनी चिनाव
पुरुष्णी रावी
शतुद्रि सतलज
विपाशा व्यास
सदानीरा गंडक
दृषद्वती घग्घर
गोमती गोमल
सुवास्तु स्वात
सिंधु सिन्ध
सरस्वती / दृशद्वर्ती घघ्घर / रक्षी / चित्तग
सुषोमा सोहन
मरूद्वृधा मरूवर्मन


अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न


सिंधु नदी प्रणाली क्या है?
  • मानस सरोवर झील के पास तिब्बत में कैलाश श्रेणी के उत्तरी ढलानों से सिंधु निकलती है।
  • इसकी भारत और पाकिस्तान दोनों में बड़ी संख्या में सहायक नदियाँ हैं और स्रोत से कराची के पास बिंदु तक लगभग 2897 किमी की कुल लंबाई है जहाँ यह अरब सागर में गिरती है जिसमें से लगभग 700 किमी भारत में स्थित है।
  • यह एक सुरम्य कण्ठ बनाकर जम्मू-कश्मीर में भारतीय क्षेत्र में प्रवेश करता है।
  • कश्मीर क्षेत्र में, यह कई सहायक नदियों – ज़स्कर, श्योक, नुब्रा और हुंजा के साथ मिलती है।
  • यह लेह में लद्दाख रेंज और ज़स्कर रेंज के बीच बहती है।
  • यह अटैक के पास 5181 मीटर गहरे कण्ठ से हिमालय को पार करती है, जो नंगा परबत के उत्तर में स्थित है।
  • भारत में सिंधु नदी की प्रमुख सहायक नदियाँ झेलम, रावी, चिनाब, ब्यास और सतलज हैं।


ब्रह्मपुत्र नदी प्रणाली क्या है?
  • ब्रह्मपुत्र मानसरोवर झील से निकलती है, जो सिंधु और सतलज का एक स्रोत भी है।
  • यह 3848kms लंबा है, सिंधु नदी की तुलना में थोड़ा लंबा है।
  • इसका अधिकांश पाठ्यक्रम भारत के बाहर है।
  • यह पूर्व दिशा में हिमालय के समानांतर बहती है। जब यह नामचा बरवा पहुंचता है, तो यह इसके चारों ओर एक यू-टर्न लेता है और अरुणाचल प्रदेश राज्य में प्रवेश करता है।
  • यहां इसे दिहांग नदी के नाम से जाना जाता है। भारत में, यह अरुणाचल प्रदेश और असम राज्यों के माध्यम से बहती है और कई सहायक नदियों द्वारा जुड़ा हुआ है।
  • ब्रह्मपुत्र का असम में अधिकांश लंबाई में एक लट में चैनल है।

नदी को तिब्बत में त्सांगपो के नाम से जाना जाता है। यह पानी की कम मात्रा प्राप्त करता है और तिब्बत क्षेत्र में कम गाद है। लेकिन भारत में, नदी भारी वर्षा के क्षेत्र से गुजरती है, और इस तरह, नदी वर्षा के दौरान बड़ी मात्रा में पानी और एक महत्वपूर्ण मात्रा में गाद ले जाती है। इसे वॉल्यूम के लिहाज से भारत की सबसे बड़ी नदियों में से एक माना जाता है। यह असम और बांग्लादेश में आपदा पैदा करने के लिए जाना जाता है।


गंगा नदी प्रणाली क्या है?
  • गंगा गंगोत्री ग्लेशियर से भागीरथी के रूप में निकलती है।
  • गढ़वाल मंडल में देवप्रयाग पहुंचने से पहले मंदाकिनी, पिंडर, धौलीगंगा और बिशनगंगा नदियाँ अलकनंदा और भेलिंग नाले में भागीरथी में मिल जाती हैं।
  • पिंडर नदी पूर्वी त्रिशूल से निकलती है और नंदा देवी करन प्रयाग में अलकनंदा से मिलती है। मंदाकिनी रुद्रप्रयाग में मिलती है।
  • भागीरथी और अलकनंदा दोनों का पानी देवप्रयाग में गंगा के नाम से बहता है।

पंच प्रयाग की अवधारणा

  1. विष्णुप्रयाग: जहां अलकनंदा नदी धौली गंगा नदी से मिलती है
  2. नंदप्रयाग: जहाँ अलकनंदा नदी नंदकिनी नदी से मिलती है
  3. कर्णप्रयाग: जहाँ अलकनंदा नदी पिंडर नदी से मिलती है
  4. रुद्रप्रयाग: जहाँ अलकनंदा नदी मंदाकिनी नदी से मिलती है
  5. देवप्रयाग: जहाँ अलकनंदा नदी भागीरथी-गंगा नदी से मिलती है

गंगा की प्रमुख सहायक नदियाँ यमुना, दामोदर, सप्त कोसी, राम गंगा, गोमती, घाघरा और सोन हैं। नदी अपने स्रोत से 2525 किमी की दूरी तय करने के बाद बंगाल की खाड़ी से मिलती है।


यमुना नदी प्रणाली क्या है?
  • यमुना नदी गंगा नदी की सबसे बड़ी सहायक नदी है।
  • यह उत्तराखंड के बंदरपून शिखर पर यमुनोत्री ग्लेशियर से निकलती है।
  • नदी में शामिल होने वाली मुख्य सहायक नदियों में पाप, हिंडन, बेतवा केन और चंबल शामिल हैं।
  • टोंस यमुना की सबसे बड़ी सहायक नदी है।
  • नदी का जलग्रहण क्षेत्र दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान और मध्य प्रदेश तक फैला हुआ है।


तापी नदी प्रणाली क्या है?
  • यह एक केंद्रीय भारतीय नदी है। यह पूर्व से पश्चिम तक की दौड़ के साथ प्रायद्वीपीय भारत की सबसे महत्वपूर्ण नदियों में से एक है।
  • यह दक्षिणी मध्य प्रदेश राज्य के पूर्वी सतपुड़ा में उत्पन्न होती है।
  • यह एक पश्चिम दिशा में बहती है, कुछ महत्वपूर्ण ऐतिहासिक स्थानों जैसे मध्य प्रदेश के निमाड़ क्षेत्र, पूर्वी विदर्भ क्षेत्र और महाराष्ट्र के खानदेश से दक्षिण पूर्व पठार के उत्तर-पश्चिम कोने में और दक्षिण गुजरात में अरब सागर के कैम्बे की खाड़ी में बहने से पहले बहती है।
  • तापी नदी का बेसिन नदी ज्यादातर पूर्वी और उत्तरी जिलों में स्थित है।
  • नदी मध्य प्रदेश और गुजरात के कुछ जिलों को भी कवर करती है।
  • तापी नदी की प्रमुख सहायक नदियाँ वाघुर नदी, अनर नदी, गिरना नदी, पूर्णा नदी, पंजारा नदी और बोरी नदी हैं।


गोदावरी नदी प्रणाली क्या है?
  • गोदावरी नदी भारत में भू-जल के साथ दूसरा सबसे लंबा कोर्स है।
  • नदी को अक्सर दक्षिण (दक्षिण) गंगा या वृद्ध (पुरानी) गंगा के रूप में जाना जाता है।
  • यह एक मौसमी नदी है, जो गर्मियों के दौरान सूख जाती है, और मानसून के दौरान चौड़ी हो जाती है।
  • यह नदी महाराष्ट्र के नासिक के पास त्र्यंबकेश्वर से निकलती है।
  • यह दक्षिण-मध्य भारत में मध्य प्रदेश, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और उड़ीसा राज्यों से होकर बहती है और बंगाल की खाड़ी में बहती है।
  • राजामुंदरी में नदी एक उपजाऊ डेल्टा बनाती है।
  • इस नदी के तट पर कई तीर्थ स्थल हैं, नासिक (महाराष्ट्र), भद्राचलम (टीएस), और त्र्यंबक। इसकी कुछ सहायक नदियों में प्राणहिता (पेनुंगा और वर्धा का संयोजन), इंद्रावती नदी, बिन्दुसार, सबरी और मंजीरा शामिल हैं।
  • एशिया का सबसे बड़ा रेल-सह-सड़क पुल जो कोवूर और राजमुंदरी को जोड़ता है, गोदावरी नदी पर स्थित है।


कृष्णा नदी प्रणाली क्या है?
  • कृष्णा भारत की सबसे लंबी नदियों में से एक है, जो महाराष्ट्र के महाबलेश्वर से निकलती है।
  • यह सांगली से होकर बहती है और बंगाल की खाड़ी में समुद्र को बहा देती है।
  • यह नदी महाराष्ट्र, कर्नाटक, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश राज्यों से होकर बहती है।
  • तुंगभद्रा नदी मुख्य सहायक नदी है जो स्वयं पश्चिमी घाट में उत्पन्न होने वाली तुंगा और भद्रा नदियों द्वारा बनाई गई है।
  • दुधगंगा नदियाँ, कोयना, भीम, मल्लप्रभा, बिंदी, घाटप्रभा, वार्ना, येरला, और मुसी कुछ अन्य सहायक नदियाँ हैं।


कावेरी नदी प्रणाली क्या है?
  • कावेरी को दक्षिण गंगा के नाम से भी जाना जाता है।
  • यह पश्चिमी घाट में स्थित तालकवेरी से निकलती है।
  • यह कर्नाटक के कोडागु जिले में एक प्रसिद्ध तीर्थ और पर्यटन स्थल है।
  • नदी के मुख्यद्वार कर्नाटक राज्य के पश्चिमी घाट श्रेणी में हैं, और तमिलनाडु के माध्यम से कर्नाटक से।
  • नदी बंगाल की खाड़ी में बहती है। नदी कृषि के लिए सिंचाई का समर्थन करती है और इसे दक्षिण भारत के प्राचीन राज्यों और आधुनिक शहरों के समर्थन का साधन माना जाता है।
  • नदी की कई सहायक नदियाँ हैं, जिन्हें अर्कावथी, शिमशा, हेमवती, कपिला, शिमशा, होन्नुहोल, अमरावती, लक्ष्मण काबीनी, लोकपावनी, भवानी, नौय्याल और तीर्थ कहा जाता है।


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भारत के राष्ट्रीय राजमार्ग के नाम एवं कुल लंबाई

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देश में राज्यवार राजमार्गों की सूची: (Indian National Highway List in Hindi)

भारत का सबसे बड़ा राजमार्ग राष्ट्रीय राजमार्ग 7 है, जो उत्तर प्रदेश के वाराणसी शहर को भारत के दक्षिणी कोने, तमिलनाडु के कन्याकुमारी शहर के साथ जोड़ता है। इसकी लंबाई 2369 किमी है। सबसे छोटा राजमार्ग ६ किलोमीटर लंबा राष्ट्रीय राजमार्ग 47A है, जो एरनाकुलम को कोची बंदरगाह से जोड़ता है।

राष्‍ट्रीय राजमार्गों के विकास और रखरखाव की जिम्‍मेदारी केंद्र सरकार की है। इस समय राजमार्गों की कुल लंबाई का नेटवर्क 70548 किलोमीटर तक फैला है। सभी राष्‍ट्रीय राजमार्गों के विकास और रखरखाव का कार्य परिवहन मंत्रालय, राज्यों के लोक निर्माण विभाग, भारतीय राष्‍ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण और सीमा सड़क संगठन के माध्‍यम से करती है। देश में आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने व्‍यापक राष्‍ट्रीय राजमार्ग विकास परियोजना शुरू की है। राष्‍ट्रीय राजमार्ग विकास परियोजना देश की अब तक की सबसे बड़ी राजमार्ग परियोजना है। इस परियोजना का क्रियान्‍वयन राष्‍ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा किया जा रहा है।

राष्‍ट्रीय राजमार्ग विकास परियोजना (एनएचडीपी I और II) की उपलब्‍धियां चरण I और चरण II की गतिविधियां इस प्रकार हैं:

  • चार महानगरों – दिल्‍ली, मुंबई, चेन्‍नई और कोलकाता को 5846 किलोमीटर लंबी राजमार्ग से जोड़ने वाली योजना स्‍वर्णिम चतुर्भुज।
  • उत्तर-दक्षिण और पूर्व-पश्‍चिम कॉरिडोर जिसकी लंबाई 7142 किलोमीटर है और जो क्रमश: कोच्‍चि-सेलम स्‍पर मार्ग सहित श्रीनगर को कन्‍याकुमारी और सिलचर को पोरबंदर से जोड़ता है।
  • देश के 12 प्रमुख बंदरगाहों को जोड़ने वाले 380 किलोमीटर लंबे राष्‍ट्रीय राजमार्ग को चार लेन वाला बनाए जाने का प्रस्‍ताव है।
  • 962 किलोमीटर लंबे अंतर्राष्‍ट्रीय राजमार्गों का नवीनीकरण। एनएचडीपी के पहले और दूसरे चरण के तहत कुल 14,145 किलोमीटर लंबाई के राष्‍ट्रीय राजमार्ग के निर्माण और नवीनीकरण के लिए 80,626 करोड़ रुपए का अनुमानित खर्च आएगा।

राष्‍ट्रीय राजमार्ग विकास परियोजना चरण III: एनएचडीपी चरण-III में राज्‍यों की राजधानियों, प्रमुख पर्यटक स्‍थलों और आर्थिक महत्‍व के स्‍थानों को जोड़ने वाले अत्‍यधिक यातायात वाले 12,109 किलोमीटर के राजमार्गों को 80,616 करोड़ रुपए की अनुमानित लागत से 4/6 लेन वाला बनाना।

राष्‍ट्रीय राजमार्ग विकास परियोजना चरण-IV: एनएचडीपी के चरण चार में राजमार्गों का 20,000 किलोमीटर हिस्‍सा फुटपाथ सहित दो लेन का है।

राष्‍ट्रीय राजमार्ग विकास परियोजना चरण-V: एनएचडीपी चरण पांच में डिजाइन बिल्‍ड फाइनेंस एंड ऑपरेट (डीबीएफओ) के आधार पर चार लेन वाले 6500 किलोमीटर राजमार्गों की 41,210 करोड़ रुपए की अनुमानित लागत से छ: लेन वाला बनाने के लिए स्‍वर्णिम चतुर्भुज और अन्‍य राजमार्गों का 5,700 किलोमीटर हिस्‍सा शामिल है। सरकार ने राष्‍ट्रीय राजमार्ग विकास परियोजना के अंतर्गत एक लेन मध्‍यम आकार वाले दो लेन वाले 5000 कि.मी. लंबे राष्‍ट्रीय राजमार्गों को चौड़ा करने/सुधारने की मंजूरी दे दी है।

राष्‍ट्रीय राजमार्ग विकास परियोजना चरण-VI: चरण VI में डिजाइन-निर्माण-वित्त-संचालन (डीबीएफओ) के आधार पर सरकारी और निजी क्षेत्र की भागीदारी के अंतर्गत 1000 कि.मी. के एक्‍सप्रसे-वे निर्माण की मंजूरी दे दी गई है। इसकी अनुमानित लागत 16680 करोड़ रुपए है।

राष्‍ट्रीय राजमार्ग विकास परियोजना चरण-VII: चरण VII में 16,680 करोड़ रुपए की अनुमानित लागत से रिंग रोड, बाईपास ग्रेड सेपरेटर, फ्लाईओवर, अंडरपास, ओवर ब्रिज एलीवेटेड सड़क के निर्माण की और सड़कों की मरम्‍मत की मंजूरी शामिल है।

भारत के राष्ट्रीय राजमार्गों की सूची: (संख्या के क्रम में)

राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या यात्रा मार्ग (रूट) प्रदेश में लंबाई (कि.मी.) कुल लम्बाई (कि.मी.)
राष्ट्रीय राजमार्ग 1 दिल्ली – अंबाला – जालंधर – अमृतसर –अटारी (भारत पाकिस्तान सीमा) दिल्ली (22), हरियाणा (180), पंजाब (254) 456
राष्ट्रीय राजमार्ग 1A जालंधर – माधोपुर – जम्मू – बनिहाल – श्रीनगर – बारामूला – उरी पंजाब (108), हिमाचल प्रदेश (14), जम्मू और कश्मीर(541) 663
राष्ट्रीय राजमार्ग 1B बटोटे – दोडा – किश्तवाड़ – सिंथन पास – खानाबल जम्मू और कश्मीर (274) 274
राष्ट्रीय राजमार्ग 1C डोमेल – कटरा जम्मू और कश्मीर (8) 8
राष्ट्रीय राजमार्ग 2 दिल्ली – मथुरा – आगरा – कानपुर – इलाहाबाद – वाराणसी – मोहनिया – बरही – पलसित – बैद्यबटी – बाराचट्टी – कोलकाता दिल्ली (12), हरियाणा (74), उत्तर प्रदेश (752), बिहार (202), झारखंड (190),पश्चिम बंगाल (235) 1465
राष्ट्रीय राजमार्ग 2A सिकन्दरा – भोगनीपुर उत्तर प्रदेश (25) 25
राष्ट्रीय राजमार्ग 3 आगरा – ग्वालियर – शिवपुरी – इंदौर – धुले – नासिक – थाने – मुंबई उत्तर प्रदेश (26), राजस्थान (32), मध्य प्रदेश (712), महाराष्ट्र (391) 1161
राष्ट्रीय राजमार्ग 4 मुंबई – थाणे – पुणे – सतारा – सांगली – कोल्हापुर बेलगाम – हुबली – बेंगलोर – कोलार – चितूर – तिरुवालम – रानीपेट – वालजपेट – श्रीपेरुमबुदुर – चेन्नई महाराष्ट्र (371), कर्नाटक (658), आन्ध्र प्रदेश (83), तमिलनाडु (123) 1235
राष्ट्रीय राजमार्ग 4A बेलगाम – अनमोड़ – पोंडा – पणजी कर्नाटक (82), गोवा (71) 153
राष्ट्रीय राजमार्ग 4B नवाशेवा – कालमबोली – पाल्सपे महाराष्ट्र (27) 27
राष्ट्रीय राजमार्ग 5 झारपोखरिया राष्ट्रीय राजमार्ग 6 के पास से – कटक – भुवनेश्वर – विशाखापटनम – विजयवाड़ा – चेन्नई उड़ीसा (488), आन्ध्र प्रदेश (1000), तमिलनाडु (45) 1533
राष्ट्रीय राजमार्ग 5A राष्ट्रीय राजमार्ग 5 के पास हरिदासपुर – पारादीप बंदरगाह उड़ीसा (77) 77
राष्ट्रीय राजमार्ग 6 हजीरा – धुले – नागपुर – रायपुर – संबलपुर – बहाराघोड़ा – कोलकाता महाराष्ट्र (813), छत्तीसगढ़ (314), उड़ीसा (462), झारखंड (22), पश्चिम बंगाल (161), गुजरात (177) 1949
राष्ट्रीय राजमार्ग 7 वाराणसी – मंगावन – रीवा – जबलपुर – ख्नादों – नागपुर – हैदराबाद – कुरनूल – बैंगलोर – कृष्णागिरि – सलेम – डिंडीगुल – मदुरई – तिरुनावली – कन्याकुमारी उत्तर प्रदेश (128), मध्य प्रदेश (504), महाराष्ट्र (232), आन्ध्र प्रदेश (753), कर्नाटक (125), तमिलनाडु (627) 2369
राष्ट्रीय राजमार्ग 7A पलयमकोट्टई – तुतिकोरन बंदरगाह तमिलनाडु (51) 51
राष्ट्रीय राजमार्ग 8 दिल्ली – जयपुर – अजमेर – उदयपुर – अहमदाबाद – वडोदरा – मुंबई दिल्ली (13), हरियाणा (101), राजस्थान (688), गुजरात (498), महाराष्ट्र (128) 1428
राष्ट्रीय राजमार्ग 8A अहमदाबाद – लिंबड़ी – मोरवी – काँदला – माँडवी गुजरात (618) 618
राष्ट्रीय राजमार्ग 8B बामनबोर – राजकोट – पोरबंदर गुजरात (206) 206
राष्ट्रीय राजमार्ग 8C चिलोड़ा – गाँधीनगर – सरखेज गुजरात (46) 46
राष्ट्रीय राजमार्ग 8D जेतपुर – सोमनाथ गुजरात (127) 127
राष्ट्रीय राजमार्ग 8E सोमनाथ – भावनगर गुजरात (445) 445
राष्ट्रीय राजमार्ग 9 पुणे – शोलापुर – हैदराबाद – विजयवाड़ा – मछलीपटनम महाराष्ट्र (336), कर्नाटक (75), आन्ध्र प्रदेश (430) 841
राष्ट्रीय राजमार्ग 10 दिल्ली – फाजिल्का – भारत पाकिस्तान सीमा दिल्ली (18), हरियाणा (313), पंजाब (72) 403
राष्ट्रीय राजमार्ग 11 आगरा – जयपुर – बीकानेर उत्तर प्रदेश (51), राजस्थान (531) 582
राष्ट्रीय राजमार्ग 11A मनोहरपुर – दौसा – लटसोट – कोथम राजस्थान (145) 145
राष्ट्रीय राजमार्ग 12 जबलपुर – भोपाल – खिल्चीपुर – अकलेरा – झालावर – कोटा – बूँदी – देवली – टोंक – जयपुर मध्य प्रदेश (490), राजस्थान (400) 890
राष्ट्रीय राजमार्ग 12A जबलपुर – माँडला – चिल्पी – सिमगा (रायपुर के पास) मध्य प्रदेश (152), छत्तीसगढ़ (128) 280
राष्ट्रीय राजमार्ग 13 शोलापुर – चित्रदुर्गा – शिमोगा – मैंगलोर महाराष्ट्र (43), कर्नाटक (648) 691
राष्ट्रीय राजमार्ग 14 बीवार – सिरोही – राधापुर राजस्थान (310), गुजरात (140) 450
राष्ट्रीय राजमार्ग 15 पठानकोट – अमृतसर – भटिंडा – गंगानगर – बीकानेर – जैसलमेर – बाड़मेर – समाखियाली (काँदला के पास) पंजाब (350), राजस्थान (906), गुजरात (270) 1526
राष्ट्रीय राजमार्ग 16 निज़ामाबाद – माँचेरल – भोपालपतनम – जगदलपुर आन्ध्र प्रदेश (220), महाराष्ट्र (30), छत्तीसगढ़ (210) 460
राष्ट्रीय राजमार्ग -17 पानवेल – महद – पणजी – करवर – मैंगलोर – कन्नूर – कोज़ीकोड – फेरोख – कुतीपुरम – पुडु – पोनानी – चौघाट – कन्नूर – इदपल्ली (राष्ट्रीय राजमार्ग 47 के पास) महाराष्ट्र (482), गोवा (139), कर्नाटक (280), केरल(368) 1269
राष्ट्रीय राजमार्ग 17A (राष्ट्रीय राजमार्ग 7 के पास), कोर्टलम – मढ़गाव गोवा (19) 19
राष्ट्रीय राजमार्ग 17B पोंडा – वर्णा – वास्को गोवा (40) 40
राष्ट्रीय राजमार्ग 18 राष्ट्रीय राजमार्ग 7 के पास कुरनूल – नंदयाल – कुद्दापह – राष्ट्रीय राजमार्ग 4 के पास चित्तूर आन्ध्र प्रदेश (369) 369
राष्ट्रीय राजमार्ग 19 गाज़ीपुर – बलिया – पटना बिहार (120), उत्तर प्रदेश (120) 240
राष्ट्रीय राजमार्ग 20 पठानकोट – मंडी पंजाब (10), हिमाचल प्रदेश (210) 220
राष्ट्रीय राजमार्ग 21 चंडीगढ़ के पास राष्ट्रीय राजमार्ग 22 से – रोपड़ – बिलासपुर – मंडी – कुल्लू – मनाली चंडीगढ़ (24), पंजाब (67), हिमाचल प्रदेश (232) 323
राष्ट्रीय राजमार्ग 21A पिंजौर – नालागढ़ – स्वारघाट हरियाणा (16), हिमाचल प्रदेश (49) 65
राष्ट्रीय राजमार्ग 22 अंबाला – कालका – शिमला – नारकंडा – रामपुर – भारत चीन सीमा के पास शिपकिला हरियाणा (30), पंजाब (31), हिमाचल प्रदेश (398) 459
राष्ट्रीय राजमार्ग 23 चस – राँची – राउरकेला – तलचेर – राष्ट्रीय राजमार्ग 42 के संगम से झारखंड (250), उड़ीसा (209) 459
राष्ट्रीय राजमार्ग 24 दिल्ली – बरेली – लखनऊ दिल्ली (7), उत्तर प्रदेश (431) 438
राष्ट्रीय राजमार्ग 24A बख्शी का तालाब – चेन्हट (राष्ट्रीय राजमार्ग 28) उत्तर प्रदेश (17) 17
राष्ट्रीय राजमार्ग 25 लखनऊ – कानपुर – झाँसी – शिवपुरी उत्तर प्रदेश (270), मध्य प्रदेश (82) 352
राष्ट्रीय राजमार्ग 25A (राष्ट्रीय राजमार्ग 25) – बख्शी का तालाब उत्तर प्रदेश (31) 31
राष्ट्रीय राजमार्ग 26 झाँसी – लखान्दों उत्तर प्रदेश (128), मध्य प्रदेश (268) 396
राष्ट्रीय राजमार्ग 27 इलाहाबाद – मंगावन उत्तर प्रदेश (43), मध्य प्रदेश (50) 93
राष्ट्रीय राजमार्ग 28 बरौनी के पास राष्ट्रीय राजमार्ग 31 से – मुजफ्फरपुर – पिपरा – कोठी – गोरखपुर – लखनऊ बिहार (259), उत्तर प्रदेश (311) 570
राष्ट्रीय राजमार्ग 28A पिपरा के पास राष्ट्रीय राजमार्ग 28 से – कोठी – सगौली – रक्सौल – भारत नेपाल सीमा बिहार (68) 68
राष्ट्रीय राजमार्ग 29 गोरखपुर – गाज़ीपुर – वाराणसी उत्तर प्रदेश (196) 196
राष्ट्रीय राजमार्ग 30 मोहनिया (राष्ट्रीय राजमार्ग 2 के पास), – पटना – बख्तियारपुर बिहार (230) 230
राष्ट्रीय राजमार्ग 30A फतुहा – चंढ़ी – हमौत – बर्ह बिहार (65) 65
राष्ट्रीय राजमार्ग 31 बरही के पास राष्ट्रीय राजमार्ग 2 से – बख्तियारपुर – मोकमेह – पुर्निया – दलकोला – सिलिगुड़ी – सिवोक – कूच – बेहार- उत्तरी सलमारा – नलबारी – चरली – अमीनगाँव के पास राष्ट्रीय राजमार्ग 37 के संगम से बिहार (393), पश्चिम बंगाल (366), असम (322),झारखंड (44) 1125
राष्ट्रीय राजमार्ग 31A सिवोक – गंगटोक पश्चिम बंगाल (30), सिक्किम (62) 92
राष्ट्रीय राजमार्ग 31B उत्तरी सलमारा – जोगीघोपा के पास राष्ट्रीय राजमार्ग 37 के संगम असम (19) 19
राष्ट्रीय राजमार्ग 31C गलगलिया के पास – बघदोघरा – चलसा – नगरकाटा – गोयेरकाटा – डल्गाँव – हसीमरा – राजबात खवा – कोचगाँव – सिदिली – बिजनी के पास राष्ट्रीय राजमार्ग 31 तक पश्चिम बंगाल (142), असम (93) 235
राष्ट्रीय राजमार्ग 32 गोबिन्द्पुर के पास राष्ट्रीय राजमार्ग 2 के संगम से – धनबाद – जमशेदपुर झारखंड (107), पश्चिम बंगाल (72) 179
राष्ट्रीय राजमार्ग 33 बरही के पास राष्ट्रीय राजमार्ग 2 से – राँची – बहाराघोरा के पास राष्ट्रीय राजमार्ग 6 तक झारखंड (352) 352
राष्ट्रीय राजमार्ग 34 दलकोला के पास राष्ट्रीय राजमार्ग 31 से – बहरामपुर – बरसात – कोलकाता पश्चिम बंगाल (443) 443
राष्ट्रीय राजमार्ग 35 बरसात – बनगाँव – भारत बांग्लादेश सीमा पश्चिम बंगाल (61) 61
राष्ट्रीय राजमार्ग 36 नौवगौँग – दीमापुर(मणिपुर रोड) असम (167), नागालैंड (3) 170
राष्ट्रीय राजमार्ग 37 गोलपरा के पास राष्ट्रीय राजमार्ग 31B से – गुवाहाटी – जोराबाट – कमरगाँव – मकूम – शैखोआघाट असम (680) 680
राष्ट्रीय राजमार्ग 37A कुआरीताल – तेज़पुर के पास राष्ट्रीय राजमार्ग 52 तक असम (23) 23
राष्ट्रीय राजमार्ग 38 मुकूम – लेदो – लेखपानी असम (54) 54
राष्ट्रीय राजमार्ग 39 नुमालीगढ़ – इंफाल – पलेल – भारत – म्याँमार सीमा असम (115), नागालैंड (110), मणिपुर (211) 436
राष्ट्रीय राजमार्ग 40 जोरबाट – शिलौंग – भारत बांग्लादेश सीमा के पास दावकी – जोवाई मेघालय (216) 216
राष्ट्रीय राजमार्ग 41 कोलाघाट के पास राष्ट्रीय राजमार्ग 6 के संगम से – हल्दिया बंदरगाह पश्चिम बंगाल (51) 51
राष्ट्रीय राजमार्ग 42 संबलपुर के पास राष्ट्रीय राजमार्ग 6 के संगम से – अँगुल – कटक के पास राष्ट्रीय राजमार्ग 5 के संगम तक उड़ीसा (261) 261
राष्ट्रीय राजमार्ग 43 जगदलपुर – विजयनगरम नतवलासा के पास राष्ट्रीय राजमार्ग 5 के संगम तक छत्तीसगढ़ (316), उड़ीसा (152), आन्ध्र प्रदेश (83) 551
राष्ट्रीय राजमार्ग 44 शिलांग – पस्सी – बदरपुर – अगरतला – सब्रूम मेघालय (184), असम (111), त्रिपुरा (335) 630
राष्ट्रीय राजमार्ग 44A आईजोल – मनु मिजोरम (165), त्रिपुरा (65) 230
राष्ट्रीय राजमार्ग 45 चेन्नई – त्रिचुरापल्ली – डिंडीगु्ल तमिलनाडु (387) 387
राष्ट्रीय राजमार्ग 45A विल्लुपुरम – पुदुचेरी – चिदम्बरम – नागापतनम तमिलनाडु (147), पुदुचेरी (43) 190
राष्ट्रीय राजमार्ग 45B त्रिचिरापल्ली – मेलुर – टुटिकोरिन तमिलनाडु (257) 257
राष्ट्रीय राजमार्ग 46 कृष्णागिरि – वालजपेट तमिलनाडु (132) 132
राष्ट्रीय राजमार्ग 47 सलेम – कोयम्बटूर – त्रिचूर – एरनाकुलम – त्रिवेंद्रम – कन्याकुमारी तमिलनाडु (224), केरल (416) 640
राष्ट्रीय राजमार्ग 47A राष्ट्रीय राजमार्ग 47 के संगम से विलिंगटन द्वीप केरल (6) 6
राष्ट्रीय राजमार्ग 48 बेंगलोर – हासन – मैंगलोर कर्नाटक (328) 328
राष्ट्रीय राजमार्ग 49 कोचीन – मदुरई – धनुषकोडी तमिलनाडु (290), केरल (150) 440
राष्ट्रीय राजमार्ग 50 नासिक – पुणे के पास राष्ट्रीय राजमार्ग 4 तक महाराष्ट्र (192) 192
राष्ट्रीय राजमार्ग 51 पैकन – टुरा – दालु असम (22), मेघालय (127) 149
राष्ट्रीय राजमार्ग 52 बैहाटा – चरली – तेज़पुर – बाँदेर देवा – उत्तरी लखीमपुर – पासीघाट – तेज़ु – सीतापानी – सैखोआघाट के पास राष्ट्रीय राजमार्ग 37 तक असम (540), अरुणाचल प्रदेश (310) 850
राष्ट्रीय राजमार्ग 52A बाँदेर देवा – इटानगर – गोहपुर असम (15), अरुणाचल प्रदेश (42) 57
राष्ट्रीय राजमार्ग 52B कुलाजन – डिब्रूगढ़ असम (31) 31
राष्ट्रीय राजमार्ग 53 बदरपुर के पास राष्ट्रीय राजमार्ग 44 से – जिरिघाट – सिल्चर – इंफाल असम (100), मणिपुर (220) 320
राष्ट्रीय राजमार्ग 54 दबाका – लुमडिंग – सिलचर – आईजोल – टुइपाँग असम (335), मिजोरम (515) 850
राष्ट्रीय राजमार्ग 54A थेरिआट – लुंगिई मिजोरम (9) 9
राष्ट्रीय राजमार्ग 54B वीनस सैडल – सैहा मिजोरम (27) 27
राष्ट्रीय राजमार्ग 55 सिलीगुढ़ी – दार्जिलिंग पश्चिम बंगाल (77) 77
राष्ट्रीय राजमार्ग 56 लखनऊ – वाराणसी उत्तर प्रदेश (285) 285
राष्ट्रीय राजमार्ग 56A चेनहट (राष्ट्रीय राजमार्ग 28) – (राष्ट्रीय राजमार्ग 56) उत्तर प्रदेश (13) 13
राष्ट्रीय राजमार्ग 56B (राष्ट्रीय राजमार्ग 56), – (राष्ट्रीय राजमार्ग 25) उत्तर प्रदेश (19) 19
राष्ट्रीय राजमार्ग 57 मुज़फ़्फ़रपुर – धरभंगा – फोरबेसगंज़ – पुर्निया बिहार (310) 310
राष्ट्रीय राजमार्ग 58 दिल्ली – गाज़ियाबाद – मेरठ – हरिद्वार – बद्रीनाथ – मनपास उत्तर प्रदेश (165),उत्तराखंड (373) 538
राष्ट्रीय राजमार्ग 59 अहमदाबाद – गोधरा – धर – इंदौर गुजरात (211), मध्य प्रदेश (139) 350
राष्ट्रीय राजमार्ग 59A इंदौर – बेतुल मध्य प्रदेश (264) 264
राष्ट्रीय राजमार्ग 60 बालासोर – खड़गपुर — आसनसोल उड़ीसा (57), पश्चिम बंगाल (248) 305
राष्ट्रीय राजमार्ग 61 कोहिमा – वोखा – मुकोकचुंग – झाँजी नागालैंड (220), असम (20) 240
राष्ट्रीय राजमार्ग 62 दुधनई-दामरा-मेघालय सीमा असम (5), मेघालय (190) 195
राष्ट्रीय राजमार्ग 63 अंकोला – हुबली – होसपेट – गूटी कर्नाटक (370), आन्ध्र प्रदेश (62) 432
राष्ट्रीय राजमार्ग 64 चंडीगढ़ – राजपुरा – पटियाला – संगरूर – भटिंडा – डबवाली पंजाब (256) 256
राष्ट्रीय राजमार्ग 65 अंबाला – कैथल – हिसार – फ़तेहपुर – जोधपुर – पाली हरियाणा (240), राजस्थान (450) 690
राष्ट्रीय राजमार्ग 66 पुदुचेरी – टिंडीवनम – जिन्गी – थिरुवन्नामलाई – कृष्णागिरि पुदुचेरी (10), तमिलनाडु (234) 244
राष्ट्रीय राजमार्ग 67 नागापटनम – त्रिचिरापल्ली – करूर – कोयम्बटूर तमिलनाडु (357) 357
राष्ट्रीय राजमार्ग 68 उलुंडरूपेट – सलेम तमिलनाडु (134) 134
राष्ट्रीय राजमार्ग 69 नागपुर – ओबेदुल्लागंज महाराष्ट्र (55), मध्य प्रदेश (295) 350
राष्ट्रीय राजमार्ग 70 जालंधर – होशियारपुर – हमीरपुर – धरमपुर – मंडी हिमाचल प्रदेश (120), पंजाब (50) 170
राष्ट्रीय राजमार्ग 71 जालंधर – मोगा – संगरूर – रोहतक – बावल पंजाब (130), हरियाणा (177) 307
राष्ट्रीय राजमार्ग 71A रोहतक – पानीपत हरियाणा (72) 72
राष्ट्रीय राजमार्ग 72 अंबाला – नाहन – पौंटा साहिब – देहरादून – हरिद्वार हरियाणा (50), हिमाचल प्रदेश (50), उत्तर प्रदेश(100) 200
राष्ट्रीय राजमार्ग 72A छुटमलपुर – बिहारीगढ़ – देहरादून उत्तराखंड (15),उत्तर प्रदेश (30) 45
राष्ट्रीय राजमार्ग 73 रुड़की – सहारनपुर – यमुनानगर – साहा – पँचकुला हरियाणा (108), उत्तर प्रदेश (59), उत्तराखंड (21) 188
राष्ट्रीय राजमार्ग 74 हरिद्वार – नगीना – काशीपुर – किच्छा – पीलीभीत – बरेली उत्तर प्रदेश (147),उत्तराखंड (153) 300
राष्ट्रीय राजमार्ग 75 ग्वालियर – झाँसी – छतरपुर – रीवा – रेनुकूट – गरवा – डालटनगंज – राँची मध्य प्रदेश (600), उत्तर प्रदेश (110),झारखंड (245) 955
राष्ट्रीय राजमार्ग 76 पिंडवारा – उदयपुर – मंगलवार – कोटा – शिवपुरी – झाँसी – बाँदा – इलाहाबाद मध्य प्रदेश (60), उत्तर प्रदेश (467), राजस्थान (480) 1007
राष्ट्रीय राजमार्ग 77 हाज़ीपुर – सीतामढ़ी – सोनबरसा बिहार (142) 142
राष्ट्रीय राजमार्ग 78 कटनी – शाहदोल – अम्बिकापुर – जसनगर – गुम्ला मध्य प्रदेश (178), छत्तीसगढ़ (356),झारखंड (25) 559
राष्ट्रीय राजमार्ग 79 अजमेर – नसीराबाद – नीमच – मंदसौर – इंदौर मध्य प्रदेश (280), राजस्थान (220) 500
राष्ट्रीय राजमार्ग 79A किशनगढ़ (राष्ट्रीय राजमार्ग 8) – नसीराबाद (राष्ट्रीय राजमार्ग 79) राजस्थान (35) 35
राष्ट्रीय राजमार्ग 80 मोकामेह – राजमहल – फरक्का बिहार (200),झारखंड (100), पश्चिम बंगाल (10) 310
राष्ट्रीय राजमार्ग 81 कोरा – कटिहार – माल्दा बिहार (45), पश्चिम बंगाल (55) 100
राष्ट्रीय राजमार्ग 82 गया – बिहार शरीफ – मोकामेह बिहार (130) 130
राष्ट्रीय राजमार्ग 83 पटना – ज़हानाबाद – गया – बोधगया – धोबी बिहार (130) 130
राष्ट्रीय राजमार्ग 84 आरह – बक्सर बिहार (60) 60
राष्ट्रीय राजमार्ग 85 छपरा – सिवान – गोपालगंज बिहार (95) 95
राष्ट्रीय राजमार्ग 86 कानपुर – छत्रपुर – सागर – भोपाल – देवास उत्तर प्रदेश (180), मध्य प्रदेश (494) 674
राष्ट्रीय राजमार्ग 87 रामपुर – पंतनगर – हल्द्वानी – नैनीताल उत्तर प्रदेश (32),उत्तराखंड (51) 83
राष्ट्रीय राजमार्ग 88 शिमला – बिलासपुर – हमीरपुर – भवन – राष्ट्रीय राजमार्ग 20 हिमाचल प्रदेश (115) 115
राष्ट्रीय राजमार्ग 90 बरन – अक्लेरा राजस्थान (100) 100
राष्ट्रीय राजमार्ग 91 गाज़ियाबाद – अलीगढ़ – एटा – कन्नौज – कानपुर उत्तर प्रदेश (405) 405
राष्ट्रीय राजमार्ग 92 भोंगाँव – इटावा – ग्वालियर उत्तर प्रदेश (75), मध्य प्रदेश (96) 171
राष्ट्रीय राजमार्ग 93 आगरा – अलीगढ़ – बबराला – चंदौसी – मुरादाबाद उत्तर प्रदेश (220) 220
राष्ट्रीय राजमार्ग 94 ऋषिकेश – अंपाता – टेहरी – धराशु – कुथानुर – यमुनोत्री उत्तराखंड (160) 160
राष्ट्रीय राजमार्ग 95 खरड़ (चंडीगढ़), – लुधियाना – जगराओं – फ़िरोज़पुर पंजाब (225) 225
राष्ट्रीय राजमार्ग 96 फैज़ाबाद – सुल्तानपुर – प्रतापगढ़ – इलाहाबाद उत्तर प्रदेश (160) 160
राष्ट्रीय राजमार्ग 97 गाज़ीपुर – ज़मानिया – सैयदराजा उत्तर प्रदेश (45) 45
राष्ट्रीय राजमार्ग 98 पटना – औरंगाबाद – राजहरा बिहार (156), झारखंड (51) 207
राष्ट्रीय राजमार्ग 99 दोभी – च्त्र – चाँदवा झारखंड (110) 110
राष्ट्रीय राजमार्ग 100 चत्र – हज़ारीबाग – बोगोडा झारखंड (118) 118
राष्ट्रीय राजमार्ग 101 छपरा – बनियापुर – मोहमदपुर बिहार (60) 60
राष्ट्रीय राजमार्ग 102 छपरा – रेवाघाट – मुज़फ़्फ़रपुर बिहार (80) 80
राष्ट्रीय राजमार्ग 103 हाज़ीपुर – मुश्रीघरारी बिहार (55) 55
राष्ट्रीय राजमार्ग 104 चकिया – मधुबन – शिवहर – सीतामढी – सुरसंद – जयनगर – नरहिया बिहार (160) 160
राष्ट्रीय राजमार्ग 105 धरभंगा – औंसी – जयनगर बिहार (66) 66
राष्ट्रीय राजमार्ग 106 बीरपुर – माधेपुरा – बीहपुर बिहार (130) 130
राष्ट्रीय राजमार्ग 107 महेशकुंड – सोनबरसरज – सिमरी बख्तियारपुर – बरियाही – सहरसा – मधेपुरा – पुर्निया बिहार (145) 145
राष्ट्रीय राजमार्ग 108 धराशु – उत्तरकाशी – यमुनोत्री – धाम उत्तराखंड 127
राष्ट्रीय राजमार्ग 109 रुद्रप्रयाग – गुप्तकाशी – गंगोत्री उत्तराखंड 76
राष्ट्रीय राजमार्ग 150 आईजोल – चूढ़चाँदपुर – इंफाल – उख्रुल – जेसामी – कोहिमा मणिपुर (523), मिजोरम (141), नागालैंड (36) 700
राष्ट्रीय राजमार्ग 151 करीमगंज़ – भारत – बांग्लादेश सीमा असम (14) 14
राष्ट्रीय राजमार्ग 152 पतचरकुचि – भारत भूटान सीमा असम (40) 40
राष्ट्रीय राजमार्ग 153 लेदो – लेखापानी – भारत – म्याँमार सीमा असम (20), अरुणाचल प्रदेश (40) 60
राष्ट्रीय राजमार्ग 154 धलेश्बर – भैराबी – कनपुई असम (110),मिजोरम (70) 180
राष्ट्रीय राजमार्ग 200 रायपुर – बिलासपुर – साजगढ़ – कनकटोरा – झरसुगुडा – कोचिंदा – देवगढ़ – तल्चेर – चांदीकोले उड़ीसा (440), मध्य प्रदेश (300) 740
राष्ट्रीय राजमार्ग 201 बोरिगुम्मा – बोलनगीर – बारगढ़ उड़ीसा (310) 310
राष्ट्रीय राजमार्ग 202 हैदराबाद – वारंगल – वेंकटपुरम – भोपालपटनम आन्ध्र प्रदेश (244),छत्तीसगढ़ (36) 280
राष्ट्रीय राजमार्ग 203 भुवनेश्वर – पुरी उड़ीसा (59) 59
राष्ट्रीय राजमार्ग 204 रत्नागिरि – कोल्हापुर महाराष्ट्र (126) 126
राष्ट्रीय राजमार्ग 205 अनंतपुर – रेनिगुंटा – चेन्नई आन्ध्र प्रदेश (360), तमिलनाडु (82) 442
राष्ट्रीय राजमार्ग 206 तुमकुर – शिमोगा – होनावर कर्नाटक (363) 363
राष्ट्रीय राजमार्ग 207 होसुर – सर्जापुर – देवनहल्ली – नीलमंगला कर्नाटक (135), तमिलनाडु (20) 155
राष्ट्रीय राजमार्ग 208 कोट्टार्क्कारा – पुनालूर थेनमाला – अर्यन्कवु – शेन्कोटा – तेनकासी – राजपलयम – थिरुमंगलम (मदुरई) केरल (81), तमिलनाडु (125) 206
राष्ट्रीय राजमार्ग 209 डिंडीगुल – पोलाची – पलानी – कोयम्बटूर – अन्नूर – को्लेगल – बेंगलोर तमिलनाडु (286), कर्नाटक (170) 456
राष्ट्रीय राजमार्ग 210 त्रिचिरापल्ली – देवकोट्टई – रामनाथपुरम तमिलनाडु (160) 160
राष्ट्रीय राजमार्ग 211 सोलापुर – ओस्मानाबाद – औरंगाबाद – धुले महाराष्ट्र (400) 400
राष्ट्रीय राजमार्ग 212 कोज़ीकोड – मैसूर – कोलेगल कर्नाटक (160), केरल (90) 250
राष्ट्रीय राजमार्ग 213 पालघाट – कोज़ीकोड केरल (130) 130
राष्ट्रीय राजमार्ग 214 काथीपल्ली – काकीनाढ़ा – पमारू आन्ध्र प्रदेश (270) 270
राष्ट्रीय राजमार्ग 215 पानिकोली – केवंझर – राजामुंद्रा उड़ीसा (348) 348
राष्ट्रीय राजमार्ग 216 रायगढ़ – सरनगढ़ – सरायपल्ली छत्तीसगढ़ (80) 80
राष्ट्रीय राजमार्ग 217 रायपुर – गोपालपुर छत्तीसगढ़ (70), उड़ीसा (438) 508
राष्ट्रीय राजमार्ग 218 बीजापुर – हुबली कर्नाटक (176) 176
राष्ट्रीय राजमार्ग 219 मदनापल्ली – कुप्पम – कृष्णागिरि आन्ध्र प्रदेश (128), तमिलनाडु (22) 150
राष्ट्रीय राजमार्ग 220 कोल्लम – कोट्टार्क्कारा – अदूर – कोट्टयम – पामबड़ी – पोनकुनम – कंजिरापल्ली – मुद्दकयम – पिरुमेडु – वंडीपेरियार – कुमिली – थेनी केरल (210), तमिलनाडु (55) 265
राष्ट्रीय राजमार्ग 221 विजयवाड़ा – भद्रचलम – जगदालपुर आन्ध्र प्रदेश (155), छत्तीसगढ़ (174) 329
राष्ट्रीय राजमार्ग 222 कल्याण – अहमदनगर – परभणी – नांदेण – निर्मल महाराष्ट्र (550),आन्ध्र प्रदेश (60) 610
राष्ट्रीय राजमार्ग 223 पोर्ट ब्लेयर – बाराताँग – मायाबँदर अंडमान और निकोबार (300) 300
राष्ट्रीय राजमार्ग 224 खोरधा – नयागढ़ – सोनापुर – बालनगिर उड़ीसा (298) 298
राष्ट्रीय राजमार्ग 226 थंजावुर – मनमदुरई तमिलनाडु (126) 144
राष्ट्रीय राजमार्ग 227 तिरुचापल्ली – चिदम्बरम तमिलनाडु (136) 136
राष्ट्रीय राजमार्ग 228 साबरमती आश्रम – नादियाड – आनंद – सूरत – नवसारी -दाँडी गुजरात (374) 374
राष्ट्रीय राजमार्ग 229 तवांग-बोमडिला-सेप्पा-ज़िरो-दपोरिजो-अलोंग-पासीघाट अरुणाचल प्रदेश (1,090) 1,090


अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न :


भारत में कितने राष्ट्रीय राजमार्ग हैं?
भारत में 200 से अधिक राष्ट्रीय राजमार्ग हैं। मार्ग आमतौर पर उत्तर-दक्षिण और पूर्व-पश्चिम से होते हैं।

भारत में सबसे लंबा राष्ट्रीय राजमार्ग कौन सा है?
भारत में सबसे लंबा राष्ट्रीय राजमार्ग NH-44 है। यह श्रीनगर से कन्याकुमारी (उत्तर-दक्षिण कॉरिडोर) तक लगभग 3700 किमी की लंबाई के साथ है।

भारत में पहला राष्ट्रीय राजमार्ग कौन सा है?
वह भारत में पहला राष्ट्रीय राजमार्ग NH-1 है। यह राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली को भारत-पाक सीमा के पास पंजाब के अटारी से जोड़ता है।

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फॉर्मूला वन वर्ल्ड ड्राइवर्स चैंपियंस

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फार्मूला वन विश्व चैम्पियन ड्राइवरों की सूची: ( List of Formula One World Drivers Champions in Hindi)

फार्मूला-वन रेस क्या है?

फार्मूला वन दुनिया की सबसे बड़ी रेस प्रतियोगिता है। इसे सभी देशों में आयोजित नहीं किया जाता। सुपर लाइसेंस वाले चालक ही इस प्रतियोगिता में भाग ले सकते है। इस प्रतियोगिता का आयोजन फेडरेशन ऑफ इंटरनेशनल (एफआईए) ऑटोमोबाइल नाम की संस्‍था करती है। फेडरेशन ऑफ इंटरनेशनल (एफआईए) संस्‍था की स्‍थापना वर्ष 1904 में की गई थी।

 

फार्मूला-वन रेस से संबंधित जो भी प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती हैं उसे फॉर्मूला वन वर्ल्ड चैंपियनशिप कहा जाता है। फॉर्मूला का अर्थ उन नियमों से है, जिसका पालन प्रतियोगिता के दौरान करना पड़ता है। फार्मूला वन के तहत कई प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है। इनमें एफ़ वन ग्रांप्री प्रमुख है। भारत में फ़ॉमूर्ला वन चैंपियनशिप का पहली बार आयोजन अक्टूबर 2011 में किया गया था।

फॉर्मूला वन रेस रविवार को होती है, जबकि शुक्रवार और शनिवार को दो अभ्यास सत्र होते हैं। प्रत्येक सत्र में कुल 12 टीमें भाग लेती हैं। हर टीम से दो ड्राइवर प्रत्येक रेस में उतरते हैं। इस तरह कुल 24 ड्राइवर रेस में उतरते हैं।

फॉर्मूला वन विश्व चैम्पियन रहे ड्राइवरों की सूची:

वर्ष ड्राइवर का नाम देश का नाम टीम का नाम
2021
2020 लुईस हैमिल्टन यूनाइटेड किंगडम मर्सिडीज
2019 लुईस हैमिल्टन यूनाइटेड किंगडम मर्सिडीज
2018 लुईस हैमिल्टन यूनाइटेड किंगडम मर्सिडीज
2017 लुईस हैमिल्टन यूनाइटेड किंगडम मर्सिडीज
2016 निको रोसबर्ग जर्मनी मर्सिडीज
2015 लुईस हैमिल्टन ग्रेट ब्रिटेन मर्सिडीज
2014 लुईस हैमिल्टन ग्रेट ब्रिटेन मर्सिडीज
2013 सेबेस्टियन वेट्टल जर्मनी रेड बुल
2012 सेबेस्टियन वेट्टल जर्मनी रेड बुल
2011 सेबेस्टियन वेट्टल जर्मनी रेड बुल
2010 सेबेस्टियन वेट्टल जर्मनी रेड बुल
2009 जेनसन बटन ग्रेट ब्रिटेन मांसपेशी
2008 लुईस हैमिल्टन ग्रेट ब्रिटेन मैकलारेन
2007 किमि राइकोनेन फिनलैंड फेरारी
2006 फर्नांडो अलोंसो स्पेन रेनॉल्ट
2005 फर्नांडो अलोंसो स्पेन रेनॉल्ट
2004 माइकल शूमाकर जर्मनी फेरारी
2003 माइकल शूमाकर जर्मनी फेरारी
2002 माइकल शूमाकर जर्मनी फेरारी
2001 माइकल शूमाकर जर्मनी फेरारी
2000 माइकल शूमाकर जर्मनी फेरारी
1999 मिका हकिनेन फिनलैंड मैकलारेन
1998 मिका हकिनेन फिनलैंड मैकलारेन
1997 जैक्स विल्लेनेयूव कनाडा विलियम्स
1996 डैमन हिल ग्रेट ब्रिटेन विलियम्स
1995 माइकल शूमाकर जर्मनी बेनेटन
1994 माइकल शूमाकर जर्मनी बेनेटन
1993 एलेन प्रोस्ट फ्रांस विलियम्स
1992 निगेल मैनसिल ग्रेट ब्रिटेन विलियम्स
1991 एर्टन सेना ब्रिटेन मैकलारेन
1990 एर्टन सेना ब्रिटेन मैकलारेन
1989 एलेन प्रोस्ट फ्रांस मैकलारेन
1988 एर्टन सेना ब्रिटेन मैकलारेन
1987 नेल्सन पिकेट ब्रिटेन विलियम्स
1986 एलेन प्रोस्ट फ्रांस मैकलारेन
1985 एलेन प्रोस्ट फ्रांस मैकलारेन
1984 निकी लौडा ऑस्ट्रिया मैकलारेन
1983 नेल्सन पिकेट ब्रिटेन ब्रैबहम
1982 केके रोसबर्ग फिनलैंड विलियम्स
1981 नेल्सन पिकेट ब्रिटेन ब्रैबहम
1980 एलन जोन्स ऑस्ट्रेलिया विलियम्स
1979 जोड़ी स्चेकतर दक्षिण अफ्रीका फेरारी
1978 मारियो ऐंड्रेटी संयुक्त राष्ट्र अमेरिका कमल
1977 निकी लौडा ऑस्ट्रिया फेरारी
1976 जेम्स हंट ग्रेट ब्रिटेन मैकलारेन
1975 निकी लौडा ऑस्ट्रिया फेरारी
1974 एमर्सन फिट्टिपाल्डी ब्रिटेन मैकलारेन
1973 जैकी स्टीवर्ट ग्रेट ब्रिटेन ट्यर्रेल्ल
1972 एमर्सन फिट्टिपाल्डी ब्रिटेन कमल
1971 जैकी स्टीवर्ट ग्रेट ब्रिटेन ट्यर्रेल्ल
1970 जोचेन Rindt ऑस्ट्रिया कमल
1969 जैकी स्टीवर्ट ग्रेट ब्रिटेन मातरा
1968 ग्राहम हिल ग्रेट ब्रिटेन कमल
1967 डेनी हुल्म न्यूजीलैंड ब्रैबहम
1966 जैक ब्रैबहम ऑस्ट्रेलिया ब्रैबहम
1965 जिम क्लार्क ग्रेट ब्रिटेन कमल
1964 जॉन सुर्टीस ग्रेट ब्रिटेन फेरारी
1963 जिम क्लार्क ग्रेट ब्रिटेन कमल
1962 ग्राहम हिल ग्रेट ब्रिटेन बी आर
1961 फिल हिल संयुक्त राष्ट्र अमेरिका फेरारी
1960 जैक ब्रैबहम ऑस्ट्रेलिया कूपर
1959 जैक ब्रैबहम ऑस्ट्रेलिया कूपर
1958 माइक नागफनी ग्रेट ब्रिटेन फेरारी
1957 जुआन मैनुअल फांगियो अर्जेंटीना आईटीए मसेराटी
1956 जुआन मैनुअल फांगियो अर्जेंटीना फेरारी
1955 जुआन मैनुअल फांगियो अर्जेंटीना मर्सिडीज
1954 जुआन मैनुअल फांगियो अर्जेंटीना आईटीए मसेराटी
1953 अल्बर्टो अस्कारी इटली फेरारी
1952 अल्बर्टो अस्कारी इटली फेरारी
1951 जुआन मैनुअल फांगियो अर्जेंटीना अल्फा रोमियो
1950 नीनो पराग इटली अल्फा रोमियो

इन्हें भी पढे: राष्‍ट्रीय खेल पुरस्‍कार विजेता 2020

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नदियों के किनारे बसे प्रमुख शहर

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नदियों के किनारे बसे विश्व के प्रमुख शहर/नगर (World’s major cities situated on river banks in Hindi)

यहां पर नदियों के किनारे बसे विश्व के प्रमुख शहरों अथवा नगरों के नाम और सम्बंधित राज्य के बारे में सामान्य जानकारी दी गयी है। नदियों के किनारे बसे विश्व के प्रमुख शहरों के आधार पर हर परीक्षा में कुछ प्रश्न अवश्य पूछे जाते है, इसलिए यह आपकी सभी प्रकार की परीक्षा की तैयारी के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। आइये जानते है संसार के प्रमुख शहरों के बारे में जो नदियों के किनारे बसे हुए है:-

नदियों के किनारे बसे विश्व/संसार के प्रमुख नगरों की सूची:

शहर का नाम नदी का नाम देश का नाम
लन्दन थेम्स इंग्लैंड
बर्लिन स्प्रे जर्मनी
विएना डेन्यूब ऑस्ट्रेलिया
बगदाद टिगरिस इराक
काहिरा नील मिस्र
रोम टाइबर इटली
पेरिस सीन फ्रांस
लाहौर रावी पाकिस्तान
करांची सिंधु पाकिस्तान
बुडापेस्ट डेन्यूब हंगरी
मैड्रिड मैंजियर स्पेन
पर्थ स्वान ऑस्ट्रेलिया
टोक्यो अरकाव जापान
सिडनी डार्लिंग ऑस्ट्रेलिया
लिस्बन लिंफे पुर्तगाल
शंघाई यन्गिट्जसीक्यांग चीन
न्यूयार्क हडसन अमेरिका
वाशिंगटन पोटोमेक अमेरिका

इन्हें भी पढे: विश्व का कौन-सा देश कब आजाद हुआ

नदियों के किनारे बसे भारतीय शहरों की सूची:

शहर नदी राज्य
आगरा यमुना उत्तर  प्रदेश
अहमदाबाद साबरमती गुजरात
अल्लाहाबाद गंगा, यमुना और सरस्वती के संगम पर उत्तर प्रदेश
कोलकाता हुगली पश्चिम बंगाल
कटक महानदी ओडिशा
नई दिल्ली यमुना दिल्ली
डिब्रूगढ़ ब्रह्मपुत्र असम
फिरोजपुर सतलुज पंजाब
गुवाहाटी ब्रह्मपुत्र असम
अयोध्या सरयू उत्तर प्रदेश
बद्रीनाथ अलकनंदा उत्तराखंड
बांकी महानदी ओडिशा
ब्रह्मपुर रुशिकुल्या ओडिशा
कोट्टायम मीनाचिल केरल
जौनपुर गोमती उत्तर प्रदेश
तिरुचिरापल्ली कावेरी तमिलनाडु
वाराणसी गंगा उत्तर प्रदेश
विजयवाड़ा कृष्णा आंध्र प्रदेश
वडोदरा विश्वामित्री गुजरात
मथुरा यमुना उत्तर प्रदेश
हैदराबाद मूसी तेलंगाना
जबलपुर नर्मदा मध्य प्रदेश
कानपुर गंगा उत्तर प्रदेश
कोटा चंबल राजस्थान
श्रीनगर झेलम जम्मू-कश्मीर
सूरत तापी गुजरात
पटना गंगा बिहार
राजमुंदरी गोदावरी आंध्र प्रदेश
छत्रपुर रुशिकुल्या ओडिशा
भागलपुर गंगा बिहार
मंगलौर नेत्रावती, गुरुपुरा कर्नाटक
शिमोगा तुंगा नदी कर्नाटक
भद्रावती भद्रा कर्नाटक
होसपेट तुंगभद्रा कर्नाटक
फतेहगढ़ गंगा उत्तर प्रदेश
कन्नौज गंगा उत्तर प्रदेश
हरिद्वार गंगा उत्तराखंड
मिर्जापुर गंगा उत्तर प्रदेश
औरैया यमुना उत्तर प्रदेश
इटावा यमुना उत्तर प्रदेश
बैंगलोर वृशाभावाठी कर्नाटक
फर्रुखाबाद गंगा उत्तर प्रदेश
कारवार काली कर्नाटक
बागलकोट घाटप्रभा कर्नाटक
होन्नावर शरावथी कर्नाटक
ग्वालियर चंबल मध्य प्रदेश
गोरखपुर राप्ती उत्तर प्रदेश
लखनऊ गोमती उत्तर प्रदेश
कानपुर गंगा उत्तर प्रदेश
शुक्लागंज गंगा उत्तर प्रदेश
चकेरी गंगा उत्तर प्रदेश
मालेगांव गिरना नदी महाराष्ट्र
संबलपुर महानदी ओडिशा
राउरकेला ब्राह्मणी ओडिशा
पुणे मुला, मुथा महाराष्ट्र
दमन दमन गंगा नदी दमन
मदुरै वैगई तमिलनाडु
तिरुचिरापल्ली कावेरी तमिलनाडु
चेन्नई कौम, अड्यार तमिलनाडु
कोयंबटूर नोय्याल तमिलनाडु
इरोड कावेरी तमिलनाडु
तिरुनेलवेली थामिराबरानी तमिलनाडु
भरूच नर्मदा गुजरात
कर्जत उल्हास महाराष्ट्र
नासिक गोदावरी महाराष्ट्र
महाड सावित्री महाराष्ट्र
नांदेड़ गोदावरी महाराष्ट्र
कोल्हापुर पंचगंगा महाराष्ट्र
नेल्लोर पेन्नार आंध्र प्रदेश
निजामाबाद गोदावरी तेलंगाना
सांगली कृष्णा महाराष्ट्र
कराड कृष्ण, कोयना महाराष्ट्र
हाजीपुर गंगा बिहार
उज्जैन शिप्रा मध्य प्रदेश

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विश्व के प्रमुख देश और उनके राष्ट्रीय स्मारक

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विश्व के प्रमुख देशों के नाम और उनके राष्ट्रीय स्मारको की सूची (List of National Monuments of the World)स्मारक 

किसे कहते हैं?

एक स्मारक एक संरचना है जिसे किसी प्रसिद्ध व्यक्ति या घटना के लोगों को याद दिलाने के लिए बनाया जाता है।

किस स्मारक को भारत का राष्ट्रीय स्मारक कहते हैं?

इंडिया गेट, जिसे मूल रूप से अखिल भारतीय युद्ध स्मारक कहा जाता है, भारत का राष्ट्रीय स्मारक है। यह 1914-21 के दौरान मारे गए अविभाजित भारतीय सेना के 82,000 सिपाहियों की याद में निर्मित एक स्मारक है तो नई दिल्ली में स्थित है।

किसी देश का राष्ट्रीय स्मारक एक एसा स्मारक होता है जिसे उस देश के इतिहास, राजनीती या उस्के लोगों के अनुकूल किसी अती महत्वपूर्ण घटना(जैसे: किसी युद्ध या देश की संस्थापना) की स्मृती में निर्मित किया गया हो, ऐसे स्मारक को उस देश में प्रायः संपूर्ण राष्ट्र, उसके लोग, उसकी संस्कृती एवं उसकी राष्ट्रीय विचारधारा के स्मारकीय प्रतीक के रूप में भी दर्शा जाता है। राष्ट्रीय स्मारक को देश के संस्कृती, सम्मान एवं विचारधारा का प्रतीक एवं राष्ट्रीय-पहचान का अभिन्न अंग माना जाता है। आइये जाने प्रमुख देशों की राष्ट्रीय स्मारकों के बारे में:-

विश्व के देश और उनके राष्ट्रीय स्मारको की सूची:

राष्ट्रीय स्मारक कहाँ पर स्थित है देश का नाम
क्राइस्‍ट द रिडीमर स्टेच्यू रियो डी जेनेरो ब्राजील
क्रेमलिन मास्को रूस
पीसा की झुकी हुई मीनार पीसा इटली
विशाल दीवार उत्‍तर चीन चीन
पार्थनान एथेंस यूनान
इम्पीरियल पैलेस टोकियो जापान
स्टेच्यू ऑफ लिबर्टी न्यूयॉर्क संंयुुक्‍त राज्‍य अमेरिका
ओपेरा हाउस सिडनी आस्ट्रेलिया
पिरामिड गीजा मिस्र
एफिल टावर पेरिस फ्रांस
पवन चक्की किंडरडिज्क डेनमार्क
ताजमहल आगरा भारत

इन्हें भी पढे: विश्व के प्रमुख देशों के राष्ट्रीय चिन्ह और प्रतीक

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मात्रकों का एक पद्धति से दूसरी पद्धति में मान

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मात्रकों का एक पद्धति से दूसरी पद्धति में मान की सूची: (List of Value system from a system of Matrkon)

मात्रक किसे कहते है?

किसी भौतिक राशि को व्यक्त करने के लिए उसी प्रकार की राशि के मात्रक की आवश्यकता होती है। प्रत्येक राशि की माप के लिए उसी राशि को कोई मानक मान चुन लिया जाता है। इस मानक को मात्रक कहते हैं। किसी राशि की माप को प्रकट करने के लिए दो बातों का बताना आवश्यक है:-

  • राशि का मात्रक: भौतिक राशि जिसमें मापी जाती है।
  • आंकिक मान: जिसमें राशि के परिमाण को व्यक्त किया जाता है। इससे यह बताना सम्भव होता है कि उस राशि में उसका मात्रक कितनी बार प्रयोग किया गया है। उदाहरण स्वरूप यदि तार की लम्बाई ‘3 मीटर’ है , तो इसका अर्थ यह है कि लम्बाई मापने का मात्रक ‘मीटर’ है और तार की लम्बाई चुने गये मात्रक ‘मीटर’ की तीन गुनी है।

मात्रक के प्रकार:

मात्रक दो प्रकार के होते हैं। (i) मूल मात्रक (ii) व्युत्पन्न मात्रक:

  1. मूल मात्रक: मूल मात्रक वे मात्रक हैं, जो अन्य मात्रकों से स्वतंत्र होते हैं, अर्थात् उनको एक–दूसरे से अथवा आपस में बदला नहीं जा सकता है। उदाहरण के लिए लम्बाई, समय और द्रव्यमान के लिए मीटर, सेकेण्ड और किलोग्राम का प्रयोग किया जाता है।
  2. व्युत्पन्न मात्रक: एक अथवा एक से अधिक मूल मात्रकों पर उपयुक्त घातें लगाकर प्राप्त किए गए मात्रकों को व्युत्पन्न मात्रक कहते हैं।

मापने की अन्तर्राष्ट्रीय मान पद्धति या SI पद्धति:

भौतिक में अनेक राशियों को मापना पड़ता है और यदि प्रत्येक भौतिक राशि के लिए अलग मात्रक माना जाए तो मात्रकों की संख्या इतनी अधिक हो जाएगी कि उनको याद रख सकना असम्भव हो जाएगा। इसीलिए सभी भौतिक राशियों को व्यक्त करने के लिए एक पद्धति अपनायी गयी है, जिसे मूल मात्रकों की अन्तर्राष्ट्रीय पद्धति अथवा इसे SI पद्धति कहते हैं। इस पद्धति के अनुसार यांत्रिकी में आने वाली सभी राशियों को लम्बाई, द्रव्यमान, व समय के मात्रकों में व्यक्त कर सकते हैं। ऊष्मा गति की, विद्युत तथा चुम्बकत्व एवं प्रकाशिकी में काम आने वाली राशियों को ताप, विद्युत धारा व ज्योति तीव्रता के मानकों में व्यक्त करते हैं। 1971 में माप और तौल की अन्तर्राष्ट्रीय समिति के द्वारा पदार्थ की मात्रा को मूल राशि मानते हुए मोल को इसका मूल मात्रक निर्धारित किया गया है।

आधार और व्युत्पन्न इकाइयाँ

अधिकांश मात्राओं के लिए, उस भौतिक मात्रा के मूल्यों को संप्रेषित करने के लिए एक इकाई आवश्यक है। कल्पना कीजिए कि आपको कार की छत पर कुछ बांधने के लिए कुछ रस्सी खरीदने की जरूरत है। आप मापक को कैसे बताएंगे कि माप की कुछ इकाई का उपयोग किए बिना आपको कितनी रस्सी की आवश्यकता है?

हालांकि, सभी मात्राओं को अपनी स्वयं की एक इकाई की आवश्यकता नहीं होती है। भौतिक कानूनों का उपयोग करते हुए, मात्राओं की इकाइयों को अन्य मात्राओं की इकाइयों के संयोजन के रूप में व्यक्त किया जा सकता है। इसलिए, केवल इकाइयों का एक छोटा सा सेट आवश्यक है। इन इकाइयों को आधार इकाई कहा जाता है, और अन्य इकाइयाँ व्युत्पन्न इकाइयाँ हैं। व्युत्पन्न इकाइयाँ सुविधा का विषय हैं, क्योंकि इन्हें मूल इकाइयों के रूप में व्यक्त किया जा सकता है।

इकाइयों की विभिन्न प्रणालियाँ आधार इकाइयों के विभिन्न विकल्पों पर आधारित हैं। इकाइयों का सबसे अधिक इस्तेमाल किया जाने वाला सिस्टम इंटरनेशनल सिस्टम ऑफ यूनिट्स या SI है। सात SI आधार इकाइयाँ हैं, और अन्य सभी SI इकाइयाँ इन आधार इकाइयों से प्राप्त की जा सकती हैं।

सात आधार SI इकाइयाँ हैं:

  1. लंबाई: m (मीटर)
  2. द्रव्यमान: kg (किलोग्राम)
  3. समय: s (सेकंड)
  4. विद्युत प्रवाह: A (एम्पीयर)
  5. थर्मोडायनामिक तापमान: K (डिग्री केल्विन)
  6. पदार्थ की मात्रा: mol (मोल)
  7. चमकदार तीव्रता: cd (कैंडेला)

मात्रकों का एक पध्दति से दूसरे पध्दति में मान:

एक मील 1.6 किमी०
एक लीटर 1000 घन सेन्टीलीटर
एक एकड़ 104 वर्ग मीटर
एक एंगस्ट्रम 10 -10 मीटर
एक नॉटिकल मील 1. 85 किमी०
एक इंच 2. 54 सेंटीमीटर
एक चेन 20. 11 मीटर
एक फुट 30 सेंटीमीटर
एक फैदम 1. 8 मीटर
एक गज 91 सेंटीमीटर
एक औंस 28. 35 किलोग्राम
एक पाउण्ड 4. 536 ग्राम
एक गज 3 फीट
37० सेंटीग्रेड 98. 6० फारेनहाइट

द्रव्यमान के मात्रक:

मात्रक द्रव्यमान
1 टेराग्राम 109 किग्रा
1 जीगाग्राम 106 किग्रा
1 मेगाग्राम 103 किग्रा
1 टन 103 किग्रा
1 क्विटंल 102 किग्रा
1 पिकोग्राम 10-15 किग्रा
1 मिलीग्राम 10-6 किग्रा
1 डेसीग्राम 10-4 किग्रा
1 स्लग 10.57 किग्रा
1 मीट्रिक टन 1000 किग्रा
1 आउन्स 28.35 ग्राम
1 पाउंड 16 आउन्स (453.52 ग्राम)
1 किग्रा 2.205 पाउंड
1 कैरेट 205.3 मिलीग्राम
1 मेगाग्राम 1 टन
1 ग्राम 10-3 किग्रा

समय के मात्रक:

मात्रक समय
1 पिकोसेकेण्ड 10-12 सेकेण्ड
1 नैनोसेकेण्ड 10-9 सेकेण्ड
1 माइक्रोसेकेण्ड 10-6 सेकेण्ड
1 माइक्रोसेकेण्ड 1-3 सेकेण्ड

लम्बाई के प्रमुख मात्रक:

मात्रक लम्बाई (मीटर में)
1 टेरामीटर (T) 1012
1 गीगामीटर (G) 109
1 मेगामीटर (M) 106
1 मिरियामीटर 104
1 किलोमीटर (K) 103
1 हेक्टोमीटर 102
1 डेकामीटर 10
1 डेसीमीटर (d) 1-Oct
1 सेंटीमीटर (c) 2-Oct
1 मिलीमीटर (m) 3-Oct
1 माइक्रोन μ 6-Oct
1 मिली माइक्रोन mμ 9-Oct
1 एंग्ट्राम (Å) 10-Oct
1 पिकोमीटर (p) 12-Oct
1 X–मात्रक 13-Oct
1 फर्मीमीटर (f) 15-Oct
1 आटोमीटर 18-Oct

इन्हें भी पढे: मापने की महत्वपूर्ण इकाइयाँ, मात्रक एवं प्रकार

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भारत की प्रमुख झीलें

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भारत की प्रमुख झीलों की सूची: (List of Famous Lakes of India in Hindi)

झील किसे कहते है?

झील जल का वह स्थिर भाग है जो चारों तरफ से स्थलखंडों से घिरा होता है। झील की दूसरी विशेषता उसका स्थायित्व है। सामान्य रूप से झील भूतल के वे विस्तृत गड्ढे हैं जिनमें जल भरा होता है। झीलों का जल प्रायः स्थिर होता है। झीलों की एक महत्त्वपूर्ण विशेषता उनका खारापन होता है लेकिन अनेक झीलें मीठे पानी की भी होती हैं। झीलें भूपटल के किसी भी भाग पर हो सकती हैं। ये उच्च पर्वतों पर मिलती हैं, पठारों और मैदानों पर भी मिलती हैं तथा स्थल पर सागर तल से नीचे भी पाई जाती हैं।

भारत में झीलों के प्रकार:

भारत में विभिन्न प्रकार की झीलें पायी जाती है, जिनके प्रकार निम्नलिखित है:-

  • विवर्तनिक झीलें: भूभर्गिक हलचलों के कारण निर्मित झीलों को विवर्तनिक झीलों के अंतर्गत रखा जाता है। कश्मीर की वूलर झील तथा कुमायूँ हिमालय में स्थित अनेक झीलें ।
  • क्रेटर झील या ज्वालामुखी क्रिया से निर्मित झील: शांत ज्वालामुखियों के वृहदाकार मुखों या क्रेटरों में जल भर जाने से ऐसी झीलों की उत्पत्ति होती है। इसका प्रमुख उदाहरण महाराष्ट्र के बुलढ़ाणा ज़िले की लोनार झील और अफ्रीका की विक्टोरिया झील है।
  • लैगून या अनूप झीलें: चिल्का झील (उड़ीसा), पुलिकट झील (आंध्र प्रदेश), कोलेरू झील (आंध्र प्रदेश)
  • हिमानी द्वारा निर्मित झीलें: ताजे या मीठे पानी की झीलें जिनमें नदियों के माध्यम से निरंतर ताजे जल का प्रवाह होता रहता है मीठे पानी की झीलें होती हैं क्योंकि इनमें विभिन्न प्रकार के लवणों का जमाव नहीं होने पाता है। कुमायूँ हिमालय की अधिकांश झीलें इसी प्रकार की हैं। इनके उदाहरण हैं: राकसताल, नैनीताल, सातताल, भीमताल, नौकुचिया ताल, खुरपाताल, समताल, पूनाताल, मालवाताल आदि।
  • वायु द्वारा निर्मित झीलें: राजस्थान की सांभर, डीडवाना, पंचभद्रा, लूनकरनसर आदि।
  • भ्रंशन द्वारा बनी झीलें: भूगर्भिक हलचलों के कारण धरातल के किसी भाग के नीचे धंस जाने या ऊपर उठ जाने से बनी बेसिनों में जल भर जाने के परिणामस्वरूप ऐसी झीलों का निर्माण होता है।
  • दरार घाटी झीलें: धरातल की दो समानांतर दरारों के मध्यवर्ती भाग के नीचे धंस जाने एवं उसमें जल भर जाने के फलस्वरूप ऐसी झीलों का निर्माण होता है। इजरायल का मृत सागर इसका उदहारण है।
  • खारे पानी की झीलें: जिन झीलों में बाहर से पानी आकर मिलता तो है किन्तु नकिलकर बाहर नहीं जाता है, वे प्रायः खारी झीलें होती हैं। कैस्पियन सागर विश्व की सबसे बड़ी खारे पानी की झील है।

भारत की प्रमुख झीलें और संबंधित राज्यों की सूची

झील का नाम  सम्बंधित राज्य महत्वपूर्ण तथ्य
अनंतनाग झील जम्मू-कश्मीर  –
कोलेरू झील आंध्र प्रदेश  –
खुरपाताल झील उत्तराखंड  –
गोविंद सागर झील पंजाब
  1. यह भारत की सबसे कृत्रिम झील है।
  2. यह सतलुज नदी पर बने भाखड़ा नांगल बांध से निर्मित हुई है।
चिल्का झील ओडिशा
  1. यह भारत की सबसे बड़ी झील है।
  2. यह खारे पानी की एक लैगून झील है।
  3. इस झील पर नौसेना का प्रसिक्षण केंद्र भी है।
जयसमंद झील राजस्थान  –
डल झील जम्मू-कश्मीर  –
डीडवाना झील राजस्थान यह थार मरुस्थल के पूर्वी हिस्से में खारे पानी की झील है।
देवताल झील उत्तराखंड  –
नागिन झील जम्मू-कश्मीर  –
नैनीताल झील उत्तराखंड  –
नौकुछियाताल झील उत्तराखंड  –
पंचपोख्री झील उत्तराखंड यह भारत की सबसे अधिक ऊंचाई पर स्थित झील है।
पिछौला झील राजस्थान  –
पुलीकट झील तमिलनाडु  –
फतेहसागर झील राजस्थान  –
बेम्बानड झील केरल  –
बैरीनाग झील जम्मू-कश्मीर  –
मानस बल झील जम्मू-कश्मीर  –
मालाताल झील उत्तराखंड  –
राकसताल झील उत्तराखंड  –
राजसमंद झील राजस्थान  –
लुनकरनसर झील राजस्थान  –
लोकटक झील मणिपुर  –
लोनार झील महाराष्ट्र यह झील ज्वालामुखी उद्गार से बनी झील है।
वुलर झील जम्मू-कश्मीर यह भारत की सबसे बड़ी मीठे पानी की झील है।
शेषनाग झील जम्मू-कश्मीर  –
सांभर झील राजस्थान यह थार मरुस्थल के पूर्वी हिस्से में खारे पानी की झील है।
सातताल झील उत्तराखंड  –
हुसैनसागर झील आंध्र प्रदेश  –

भारत की प्रमुख झीलों से जुड़ी रोचक जानकारी:

  • कश्मीर की वूलर झील झेलम नदी पर बनी गोखुर झील मीठे पानी की झील है, यह भारत की मीठे पानी की सबसे बड़ी झील ( The Largest Freshwater Lake) है।
  • चिल्का झील खारे पनि की भारत की सबसे बड़ी झील है। इस लैगून झील में नौसेना का प्रशिक्षण केंद्र (Naval Lake Center) भी है।
  • ज्वालामुखी क्रिया द्वारा निर्मित महाराष्ट्र के बुलढाना की लोनार झील एक क्रेटर झील (Crater Lake) है।
  • उकाई (गुजरात) ताप्ती नदी पर स्थित मानव द्वारा निर्मित झील (Man-Made Lake) है.
  • स्टेनले जलाशय तमिलनाडू में कावेरी नदी पर बने मेट्टूर बाँध के पीछे बनी झील है।
  • बेम्बनाड झील (केरल) में वेलिंग्टन द्वीप है जहाँ पर नौकायान प्रतियोगिताएं भी होती हैं।
  • कोलेरू झील कृष्णा और गोदावरी नदियों के बीच में स्थित है।
  • पुलिकट झील आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु राज्य के सीमाई तट पर स्थित है।
  • केरल की लैगून झीलों को स्थानीय रूप से कयाल कहते हैं।
  • गोखुर झील का निर्माण नदियों द्वारा किया जाता है, दूसरे शब्दों में झेलम नदी ने ही वुलर झील का निर्माण किया है| वुलर झील एक गोखुर झील का उदाहरण है।
  • राजस्थान राज्य की अधिकतर झीलें लवणीय हैं। राजस्थान राज्य की झीलों का निर्माण पवनों द्वारा हुआ है।
  • राजस्थान की झीलों का लवणीय होना यह प्रमाणित करता है, कि यहाँ पर कभी टेथिस सागर रहा होगा जो अब एक अवशेष के रूप में बचा है, इसलिए इन झीलों का पानी खारा है।
  • पूर्वोत्तर भारत की ताजे पानी की सबसे बड़ी झील लोकटक झील है, यह मणिपुर राज्य में स्थित है।
  • मणिपुर राज्य में केबुललामजाओ नामक एक तैरता हुआ राष्ट्रीय पार्क स्थित है।
  • तमिलनाडु राज्य में कावेरी नदी का जल रोककर स्टेनले झील का निर्माण किया गया है।

इन्हें भी पढे: विश्व के प्रसिद्द जलप्रपातो की सूची

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विश्व बैंक के अध्यक्ष की सूची (वर्ष 1946 से 2021)

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विश्व बैंक के अध्यक्ष और उनके कार्यकाल की सूची: (List of World Bank Presidents and Their Tenure in Hindi)

विश्व बैंक क्या है ?(World Bank Hindi):

विश्व बैंक संयुक्त राष्ट्र की विशिष्ट संस्था है। विश्व बैंक समूह के मुख्यालय वाशिंगटन डी. सी. में है। विश्व बैंक के एक अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्था है कि ऋण प्रदान करता है।

विश्व बैंक से संबंधित संक्षिप्त जानकारी

स्थापना वर्ष जुलाई 1944
स्थापना कर्ता जॉन मेनार्ड कीन्स और हैरी डेक्सटर व्हाइट
मूल संगठन विश्व बैंक समूह
मुख्यालय वाशिंगटन, डी.सी., संयुक्त राज्य अमेरिका
प्रथम अध्यक्ष यूजीन मेयर
वर्तमान अध्यक्ष 2021 डेविड माल्पस

विश्व बैंक का इतिहास  (World Bank History):

इंटरनेशनल बैंक फॉर रिकंस्ट्रक्शन एंड डेवलपमेंट (IBRD) की स्थापना जुलाई 1944 में हुई थी और जिसे बाद में वर्ल्ड बैंक कहा गया। इसके कार्यक्षेत्र का विस्तार पाँच निकट से संबंधित विकास संस्थानों के समूह में शामिल करने के लिए हुआ है। समय के साथ, विश्व बैंक का ध्यान बांधों, बिजली ग्रिडों, सिंचाई नेटवर्क, और सड़कों जैसे बुनियादी ढांचे पर जोर देने के साथ पुनर्निर्माण से विकास में बदल गया है। 1956 में अंतर्राष्ट्रीय वित्त निगम की स्थापना के साथ, विश्व बैंक समूह विकासशील देशों में निजी क्षेत्र की कंपनियों और वित्तीय संस्थानों को ऋण प्रदान करने में सक्षम रहा है। 1960 में अंतर्राष्ट्रीय विकास संघ के निर्माण के साथ, गरीबी उन्मूलन की दिशा में एक स्थिर बदलाव के संदर्भ में, सबसे गरीब देशों पर अधिक जोर दिया गया, जो बैंक समूह का मुख्य लक्ष्य बन गया है। 1946 और 2019 के बीच, विश्व बैंक पांच संस्थाओं में विकसित हुआ और विश्व बैंक समूह बन गया। उस अवधि के दौरान 13 व्यक्तियों ने अध्यक्ष के पद पर कार्य किया है। इसका मुख्य उद्देश्य सदस्य राष्ट्रों को पुनर्निमाण और विकास के कार्यों में आर्थिक सहायता देना है। विश्व बैंक समूह पांच अन्तर राष्ट्रीय संगठनो का एक ऐसा समूह है जो देशो को वित्त और वित्तीय सलाह देता है।

विश्व बैंक के उद्देश्य (Objectives of World Bank):

इसके उद्देश्य निम्न है: –

  • विश्व को आर्थिक तरक्की के रास्ते पर ले जाना।
  • विश्व मे गरीबी को कम करना।
  • अंतरराष्ट्रीय निवेश को बढावा देना।

विश्व बैंक के वर्तमान अध्यक्ष (Current President of World Bank) 2019:

विश्व बैंक (WB) के वर्तमान अध्यक्ष डेविड मालपास है। वर्ल्‍ड बैंक के बोर्ड ऑफ डायरेक्‍टर्स ने 09 अप्रैल 2019 में डेविड मालपास को सर्वसम्मति से अध्‍यक्ष पद पर नियुक्‍त कर दिया है। डेविड मालपास अमेरिका के नागरिक है, उन्होनें विश्व बैंक के अध्यक्ष के रूप में काम करने से पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के डिप्टी के तहत अंतर्राष्ट्रीय मामलों के लिए ट्रेजरी के अंडर सेक्रेटरी के रूप में कार्य किया था।

विश्व बैंक से जुड़े अपडेट – World Bank related updates

  • वर्ष 2021 में  विश्व बैंक ने मिज़ोरम में स्वास्थ्य सेवाओं की प्रबंधन क्षमता और गुणवत्ता में सुधार के लिए 32 मिलियन (अमरीकी डालर) की परियोजनाओं को मंजूरी दी है। “मिजोरम हेल्थ सिस्टम स्ट्रेंग्थनिंग प्रोजेक्ट” (Mizoram Health System Strengthening Project) शीर्षक वाली परियोजना मिजोरम स्वास्थ्य विभाग और इसकी सहायक कंपनियों के शासन और प्रबंधन संरचना को मजबूत करेगी। यह परियोजना गरीबों और कमजोर लोगों और दूरदराज के क्षेत्रों में स्थित लोगों के लिए गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा देने के राज्य सरकार के प्रयासों का समर्थन करेगी।

विश्व बैंक के अध्यक्षों की सूची (1946-2021):

अध्यक्ष का नाम कार्यकाल (कब से कब तक)
यूजीन मेयर (संयुक्त राज्य अमेरिका) 1946–1946
जौन जे. मैक्लाय (संयुक्त राज्य अमेरिका) 1947–1949
यूजीन आर. ब्लैक (संयुक्त राज्य अमेरिका) 1949–1963
जॉर्ज वुड्स (संयुक्त राज्य अमेरिका) 1963–1968
रॉबर्ट मैक्नामारा (संयुक्त राज्य अमेरिका) 1968–1981
एल्डन डब्ल्यू क्लाउसेन (संयुक्त राज्य अमेरिका) 1981–1986
बार्बर कॉनेबल (संयुक्त राज्य अमेरिका) 1986–1991
लेविस टी. प्रेस्टन (संयुक्त राज्य अमेरिका) 1991–1995
सर जेम्स वोल्फेंसन (अमेरिका) 1995–2005
पॉल वोल्फोविट्ज (संयुक्त राज्य अमेरिका) 2005–2007
रॉबर्ट जोएलिक (संयुक्त राज्य अमेरिका) 2007–2012
जिम योंग किम (संयुक्त राज्य अमेरिका) 2012-2019
डेविड मालपास (संयुक्त राज्य अमेरिका) 2019 से अबतक

इन्हें भी पढे: विश्व के प्रमुख अंतर्राष्ट्रीय संगठन और उनके मुख्यालय

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भारत के मुख्य न्यायाधीश की सूची (वर्ष 1950 से 2021 तक)

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भारतीय सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश:

भारत में अब तक 46 (वर्तमान मुख्य न्यायाधीश सहित) लोगों ने देश के मुख्य न्यायाधीश के रूप में सेवा की है। भारत के पहले मुख्य न्यायाधीश के रूप में एच. जे. कनिया ने 26 जनवरी 1950 को शपथ ली थी। जस्टिस रंजन गोगोई भारत के वर्तमान मुख्य न्यायाधीश हैं। जस्टिस रंजन गोगोई 03 अक्टूबर 2018 से भारत के मुख्य न्यायाधीश का पदभार संभाल रहे हैं। आपकी जानकारी के लिए बता दे कि भारत के 45वें मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा 02 अक्टूबर 2018 को सेवानिवृत्त (रिटायर) हुए थे। जस्टिस जगदीश सिंह खेहर सिख समुदाय के पहले जस्टिस बने थे। रंजन गोगोई सुप्रीम कोर्ट के सबसे वरिष्ठ न्यायाधीश थे और उन्हे 03 अक्टूबर 2018 को देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द द्वारा भारत के 46वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ दिलाई। CJI बनने के बाद जस्टिस रंजन गोगोई करीब 1 साल 1 महीने तक अपने पद पर रहे और 17 नवंबर, 2019 को रिटायर हो गए। असम के रहने वाले जस्टिस गोगोई पूर्वोत्‍तर भारत से देश के पहले चीफ जस्टिस थे। परम्परा के मुताबिक कार्यकाल पूरा करने वाले मुख्य न्यायाधीश अपनी सेवानिवृत्ति से 30 दिन पहले अपने उत्तराधिकारी के नाम की सिफारिश सरकार को भेजते हैं और पूर्व जस्टिस दीपक मिश्रा ने केंद्र सरकार से रंजन गोगोई के नाम की सिफ़ारिश की थी।

सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठतम न्यायाधीश जस्टिस नूतलपाटि वेंकटरमण (Nuthalapati Venkata Ramana) को भारत के अगले मुख्य न्यायाधीश (CJI) के रूप में नियुक्त किया गया है. न्यायमूर्ति रमण 48 वें CJI के रूप में CJI शरद अरविंद बोबड़े (Sharad Arvind Bobde) से पदभार ग्रहण करेंगे. वह 24 अप्रैल, 2021 से 26 अगस्त, 2022 तक कार्यालय का प्रभार ग्रहण करेंगे.

जाने वर्ष 1950 से अब तक नियुक्त हुए भारत के सभी मुख्य न्यायाधीशों के नाम, उनकी योग्यताएँ और कार्यकाल अवधि के बारे सम्पूर्ण जानकारी दी गयी है।

वर्ष 1950 से अब तक भारत के मुख्य न्यायाधीशों की सूची:

 

नाम कार्यकाल अवधि न्यायालय
एच. जे. कनिया 26 जनवरी 1950 से 06 नवम्बर 1951 तक मुंबई उच्च न्यायालय
एम. पी. शास्त्री 07 नवम्बर 1951 से 03 जनवरी 1954 तक मद्रास उच्च न्यायालय
मेहरचंद महाजन 04 जनवरी 1954 से 22 दिसम्बर 1954 तक पूर्वी पंजाब उच्च न्यायालय
बी. के. मुखर्जी 23 दिसम्बर 1954 से 31 जनवरी1956 तक कोलकाता उच्च न्यायालय
एस. आर. दास 01 फरवरी 1956 से 30 सितम्बर 1959 तक कोलकाता उच्च न्यायालय
बी. पी. सिन्हा 01 अक्टूबर 1959 से 31 जनवरी 1964 तक पटना उच्च न्यायालय
पी. बी. गजेन्द्रगढ़कर 01 फरवरी 1964 से 15 मार्च 1966 तक मुंबई उच्च न्यायालय
ए. के. सरकार 16 मार्च 1966 से 29 जून 1966 तक कोलकाता उच्च न्यायालय
के. एस. राव 30 जून 1966 से 11 अप्रैल 1967 तक मद्रास उच्च न्यायालय
के. एन. वान्चू 12 अप्रैल 1967 से 24 फरवरी 1968 तक इलाहाबाद उच्च न्यायालय
एम. हिदायतुल्ला 25 फरवरी 1968 से 16 दिसम्बर 1970 तक मुंबई उच्च न्यायालय
जे. सी. शाह 17 दिसम्बर 1970 से 21 जनवरी 1971 तक मुंबई उच्च न्यायालय
एस. एम. सिकरी 22 जनवरी 1971 से 25 अप्रैल 1973 तक लाहौर उच्च न्यायालय
ए. एन. रे 26 अप्रैल 1973 से 27 जनवरी 1977 तक कोलकाता उच्च न्यायालय
मिर्जा हमीदुल्ला बेग 28 जनवरी 1977 से 21 फरवरी 1978 तक इलाहाबाद उच्च न्यायालय
वाई. वी. चंद्रचूड़ 22 फरवरी 1978 से 11 जुलाई 1985 तक मुंबई उच्च न्यायालय
पी. एन. भगवती 12 जुलाई 1985 से 20 दिसम्बर 1986 तक गुजरात उच्च न्यायालय
आर. एस. पाठक 21 दिसम्बर 1986 से 18 जून 1989 तक इलाहाबाद उच्च न्यायालय
ई. एस. वेंकटरमैय्या 19 जून 1989 से 17 दिसम्बर 1989 तक कर्नाटक उच्च न्यायालय
एस. मुखर्जी 18 दिसम्बर 1989 से 25 सितम्बर 1990 तक कोलकाता उच्च न्यायालय
रंगनाथ मिश्र 26 सितम्बर 1990 से 24 नवम्बर 1991 तक उड़ीसा उच्च न्यायालय
के. एन. सिंह 25 नवम्बर 1991 से 12 दिसम्बर 1991 तक इलाहाबाद उच्च न्यायालय
एम. एच. कनिया 13 दिसम्बर 1991 से 17 नवम्बर 1992 तक मुंबई उच्च न्यायालय
एल. एम. शर्मा 18 नवम्बर 1992 से 11 फरवरी 1993 तक पटना उच्च न्यायालय
एम. एन. वेंकटचेलैय्या 12 फरवरी 1993 से 24 अक्टूबर 1994 तक कर्नाटक उच्च न्यायालय
ए. एम. अहमदी 25 अक्टूबर 1994 से 24 मार्च 1997 तक गुजरात उच्च न्यायालय
जे. एस. वर्मा 25 मार्च 1997 से 17 जनवरी 1998 तक मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय
एम. एम. पुंछी 18 जनवरी 1998 से 09 अक्टूबर 1998 तक पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय
ए. एस. आनंद 10 अक्टूबर 1998 से 11 जनवरी 2001 तक जम्मू और कश्मीर उच्च न्यायालय
एस. पी. भरुचा 11 जनवरी 2001 से 06 मई 2002 तक मुंबई उच्च न्यायालय
बी. एन. कृपाल 06 मई 2002 से 08 नवम्बर 2002 तक दिल्ली उच्च न्यायालय
जी. बी. पटनायक 08 नवम्बर 2002 से 19 दिसम्बर 2002 तक उड़ीसा उच्च न्यायालय
वी. एन. खरे 19 2002 से 02 मई 2004 तक इलाहाबाद उच्च न्यायालय
राजेन्द्र बाबू 02 मई 2004 से 01 जून 2004 तक कर्नाटक उच्च न्यायालय
आर. सी. लहोटी 01 जून 2004 से 01 नवम्बर 2005 तक मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय
वाई. के. सभरवाल 01 नवम्बर 2005 से 13 जनवरी 2007 तक दिल्ली उच्च न्यायालय
के. जी. बालकृष्णन 13 जनवरी 2007 से 11 मई 2010 तक केरल उच्च न्यायालय
एस. एच. कापड़िया 12 मई 2010 से 28 2012 तक मुंबई उच्च न्यायालय
अल्तमास कबीर 29 सितम्बर 2012 से 18 जुलाई 2013 तक कोलकाता उच्च न्यायालय
पी. सतशिवम 19 जुलाई 2013 से 26 अप्रैल 2014 तक मद्रास उच्च न्यायालय
राजेन्द्र मल लोढ़ा 26 अप्रैल 2014 से 27 सितम्बर 2014 तक राजस्थान उच्च न्यायालय
एच. एल. दत्तु 28 सितम्बर 2014 से 02 दिसम्बर 2015 तक केरल उच्च न्यायालय व छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय
तीरथ सिंह ठाकुर 03 दिसम्बर 2015 से 03 जनवरी 2017 तक पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय और दिल्ली उच्च न्यायालय
जगदीश सिंह खेहर 04 जनवरी 2017 से 27 अगस्त 2017 तक पंजाब, हरियाणा, उत्तराखंड, कर्नाटक एवं उच्च न्यायालय
दीपक मिश्रा 28 अगस्त 2017 से 02 अक्टूबर 2018 तक दिल्ली, पटना, उड़ीसा उच्च न्यायालय
रंजन गोगोई 03 अक्टूबर 2018 से 17 नवम्बर 2019 तक पंजाब, हरियाणा, गुवाहाटी उच्च न्यायालय
शरद अरविंद बोबडे 18 नवंबर 2019 से  23 अप्रैल, 2021 तक बॉम्बे, मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय
नूतलपाटि वेंकटरमण 24 अप्रैल, 2021 से 26 अगस्त, 2022 दिल्ली उच्च न्यायालय

नोट:  यह लिस्ट 12 अप्रैल 2021 को अपडेट की गयी है।

इसे भी पढ़े: नवीनतम कौन क्या है 2021 की सूची

उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति:

उच्चतम न्यायालय के सभी न्यायाधीशों की नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति द्वारा उच्चतम न्यायालय के परामर्शानुसार की जाती है। सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश इस प्रसंग में राष्ट्रपति को परामर्श देने से पूर्व अनिवार्य रूप से चार वरिष्ठतम न्यायाधीशों के समूह से परामर्श प्राप्त करते हैं तथा इस समूह से प्राप्त परामर्श के आधार पर राष्ट्रपति को परामर्श देते हैं। अनुछेद  124 के अनुसार मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति करते समय राष्ट्रपति अपनी इच्छानुसार सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की सलाह लेगा। वहीं अन्य जजों की नियुक्ति के समय उसे अनिवार्य रूप से मुख्य न्यायाधीश की सलाह माननी पड़ेगी।

उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश की योग्यताएँ:

  • व्यक्ति भारत का नागरिक हो।
  • कम से कम पांच साल के लिए उच्च न्यायालय का न्यायाधीश या दो या दो से अधिक न्यायालयों में लगातार कम से कम पांच वर्षों तक न्यायाधीश के रूप में कार्य कर चुका हो।
  • किसी उच्च न्यायालय या न्यायालयों में लगातार दस वर्ष तक अधिवक्ता रह चुका हो।
  • वह व्यक्ति राष्ट्रपति की राय में एक प्रतिष्ठित विधिवेत्ता होना चाहिए।
  • उच्चतम न्यायालय का न्यायाधीश बनने हेतु किसी भी प्रदेश के उच्च न्यायालय में न्यायाधीश का पांच वर्ष का अनुभव होना अनिवार्य है और वह 62 वर्ष की आयु पूरी न किया हो।
सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों का कार्यकाल:

भारतीय सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों की सेवानिवृत्ति की आयु 65 वर्ष होती है। न्यायाधीशों को केवल (महाभियोग) दुर्व्यवहार या असमर्थता के सिद्ध होने पर संसद के दोनों सदनों द्वारा दो-तिहाई बहुमत से पारित प्रस्ताव के आधार पर ही राष्ट्रपति द्वारा हटाया जा सकता है।

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वित्त आयोग के अध्यक्ष की सूची एवं कार्य

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भारत के वित्त आयोगों की सूची: (List of Finance Commissions of India in Hindi)

वित्‍त आयोग:

भारतीय संविधान के अनुच्छेद 280 में वित्त आयोग की व्यवस्था की गई हैं। वित्‍त आयोग का गठन राष्‍ट्रपति द्वारा किया जाता है, परन्तु आवश्यकतानुसार पहले भी इसका गठन किया जा सकता हैं। उल्लेखनीय है कि देश में कर लगाने का काम केंद्र तथा राज्‍य सरकारें दोनों करती हैं और दोनों के लिए कर लगाने व उनकी वसूली की प्रक्रिया/अधिकार क्षेत्र निश्चित है। केंद्र सरकार कुछ ऐसे कर लगाती व वसूलती है जिनका विभाजन होता है यानी उनका कुछ हिस्‍सा राज्‍यों को जाता है। संविधान के अनुच्छेद-280 (1) के प्रावधानों के तहत वित्‍त आयोग संवैधानिक व सांविधिक निकाय है। पहला वित्‍त आयोग 22 नवंबर 1951 को गठित हुआ था।

वित्त आयोग का संक्षिप्त विवरण

नाम वित्त आयोग
स्थापना 22 नवंबर 1951
मुख्यालय नई दिल्ली
अधिकार – क्षेत्र भारत सरकार
स्थापना का उद्देश्य भारत के केन्द्रीय सरकार एवं राज्य सरकारों के बीच वित्तीय सम्बन्धों को पारिषित करना।
प्रथम अध्यक्ष क्षितिज चंद्र नियोगी
वर्तमान अध्यक्ष एन.के. सिंह
वित्त आयोग का कार्यकाल 5 वर्ष

वित्त आयोग के अध्यक्ष एवं अन्य सद्स्यों का चुनाव:

वित्त आयोग का अध्यक्ष सार्वजनिक मामलों का अनुभवी होना चाहियें, बाकी चार अन्य सदस्य निम्नलिखित क्षेत्रों से चुने
जायेगें:-

  • उच्च न्यायालय का न्यायाधीष/इस पद के योग्य व्यक्ति।
  • भारत का लेखा तथा वित्त मामलों का विषेषज्ञ।
  • प्रशासन व वित्तिय मामलों का विशेषज्ञ।
  • जो अर्थशास्त्र का विशेष ज्ञाता हों।

वित्त आयोग के कार्य:

  • करों के सभी बंटवारे और केन्द्र एवं राज्यों के बीच करों का सही निर्धारण।
  • केन्द्र व राज्यों को प्रदान की जाने वाली सहायता राशि का निर्धारण।
  • नगरपालिकाओं, पंचायतों के लिये नियमित राशि व संसाधनों का निर्धारण। यह सिफारिश राज्य वित्त आयोग की संस्तुति के आधार पर की जायेगी।
  • ऐसे कार्य जो राष्ट्रपति द्वारा भेजे जायें/निर्धारित हों।

14वें वित्त आयोग का गठन रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर वाई. वी. रेड्डी की अध्यक्षता में 01 जनवरी 2013 को हुआ। जिसने अपनी रिपोर्ट राष्ट्रपति को सौंपी। इसकी सिफारिशें 01 अप्रैल 2015 से 31 मार्च 2020 तक है।

केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा नवम्बर 2017 में 15वें वित्त आयोग के गठन को मंजूरी दे दी है। भारत सरकार द्वारा एनके सिंह को 15वें वित्त आयोग का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। नए वित्त आयोग की सिफारिशें 01 अप्रैल, 2020 से शुरू होने वाले पांच साल की अवधि के लिए होंगी। आयोग केंद्र व राज्य सरकारों के वित्त, घाटे, ऋण स्तर व राजकोषीय अनुशासन प्रयासों की मौजूदा स्थिति की समीक्षा करेगा। यह राजकोषीय स्थिति मजबूत करने की व्यवस्था पर सुझाव देगा। वित्त आयोग एक संवैधानिक संस्था है, जिसका गठन संविधान के अनुच्छेद 280 के तहत हर 5 साल में होता है।

वित्त आयोग के अध्यक्षों की सूची:

वित्त आयोग अध्यक्ष का नाम कार्यकाल अवधि
पहला क्षितिज चंद्र नियोगी 1952 से 1957 तक
दूसरा कस्तुरीरंगा संथानम 1957 से 1962 तक
तीसरा ए.के.चंदा 1962 से 1966 तक
चौथा पाकला वेंकटरामन राव राजामन्नर 1966 से 1969 तक
पॉचवां महावीर त्‍यागी 1969 से 1974 तक
छठा ब्रह्मानन्द रेड्डी 1974 से 1979 तक
सातवां जे.एम.शैलट 1979 से 1984 तक
आठवां वाई.वी. चव्हाण 1984 से 1989 तक
नौवां एन.के.पी.साल्‍वे 1989 से 1995 तक
दसवां कृष्ण चंद्र पंत 1995 से 2000 तक
ग्‍यारहवां डा. अली मोहम्मद खुसरो 2000 से 2005 तक
बारहवां चक्रवर्ती रंगराजन 2005 से 2010 तक
तेरहवां विजय.एल.केलकर 2010 से 2015 तक
चौदहवां डॉ. यागा वेणुगोपाल रेड्डी 2015 से 2020 तक
पंद्रहवां एनके सिंह 2020 से 2025 तक

वित्‍त आयोग से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्य:

  • वित्त आयोग के पहले अध्यक्ष के.सी. नियोगी थे।
  • वित्त आयोग में एक अध्यक्ष और चार अन्य अध्यक्ष होते है, जिनका कार्यकाल राष्ट्रपति आदेश द्वारा तय किया जाता है। इनकी पुर्ननियुक्ति भी हो सकती हैं।
  • इनकी योग्यता का निर्धारण संसद द्वारा किया जाता हैं।
  • वित्‍त आयोग 05 साल की अवधि के लिए सिफारिशें देता है।
  • वित्‍त आयोग का मुख्‍य काम केंद्र-राज्‍यों के बीच करों की हिस्‍सेदारी तय करना है।

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भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त की सूची (वर्ष 1950 से 2021 तक )

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भारत के मुख्य चुनाव आयुक्तों की सूची: (List of Chief Election Commissioners of India in Hindi)

मुख्य चुनाव आयुक्त किसे कहते है?:

मुख्य चुनाव आयुक्त अथवा मुख्य निर्वाचन आयुक्त भारत में स्वतंत्र एवं निष्पक्ष रूप से राष्ट्र और राज्य के चु्नाव करवाने का जिम्मेदार होता हैं। मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति भारत का राष्ट्रपति करता है। चुनाव आयोग के प्रमुख के रूप में वर्तमान में एक मुख्य चुनाव आयुक्त और दो चुनाव आयुक्त होते हैं।

भारत के वर्तमान मुख्य चुनाव आयुक्त कौन है?

भारत के वर्तमान मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा है। सुशील चंद्रा ने 13 अप्रैल को पदभार ग्रहण किया था। उन्होंने सुनील अरोड़ा का स्थान लिया था। 15 मई 1957 को जन्‍मे सुशील चंद्रा 1980 बैच के IRS अधिकारी हैं। उन्होंने IIT रूड़की से बीटेक और देहरादून से LLB किया था। चीफ इलेक्शन कमिश्नर सुनील अरोड़ा के रिटायर होने के एक दिन बाद 13 अप्रैल को चंद्रा उनकी जगह संभाली। वह 14 मई, 2022 तक इस पद पर रहेंगे। चंद्रा 14 फरवरी 2019 को लोकसभा चुनाव से पहले चुनाव आयुक्त नियुक्त किए गए थे। चंद्रा के कार्यकाल में चुनाव आयोग गोवा, मणिपुर, उत्तराखंड, पंजाब और उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव कराएगा। इन राज्यों में अगले साल मार्च से मई तक विधानसभा का कार्यकाल खत्म हो जाएगा। उत्तर प्रदेश विधानसभा का कार्यकाल 14 मई को खत्म होना है। पोल पैनल में शामिल होने से पहले सुशील चंद्रा सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेस (CBDT) के अध्यक्ष थे। टीएस कृष्णमूर्ति के बाद वह दूसरे ऐसे IRS अफसर थे, जिन्हें चुनाव आयुक्त बनाया गया। कृष्णमूर्ति को 2004 में मुख्य चुनाव आयुक्त नियुक्त किया गया था।

 

मुख्य चुनाव आयुक्त का कार्यकाल कितने वर्ष का होता है?

मुख्य चुनाव आयुक्त/मुख्य निर्वाचन आयुक्त का मुख्य निर्वाचन आयुक्त का कार्यकाल पद ग्रहण की तिथि से 6 वर्ष या 65 वर्ष होगा (जो पहले आये)। अन्य आयुक्तों का कार्यकाल 6 वर्ष या 65 वर्ष होगा। (जो पहले आये)। प्रोटोकाल में चुनाव आयुक्त/निर्वाचन आयुक्त का सम्मान और वेतन भारत के सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के सामान होता है। मुख्य चुनाव आयुक्त को संसद द्वारा महाभियोग के द्वारा ही हटाया जा सकता हैं।

1950 से अब तक भारत के मुख्य चुनाव आयुक्तों की सूची:

मुख्य चुनाव आयुक्त का नाम कार्यकाल का प्रारंभ कार्यकाल समाप्ति
सुकुमार सेन 21 मार्च 1950 19 दिसम्बर 1958
के. वी. के. सुंदरम 20 दिसम्बर 1958 30 सितम्बर 1967
एस. पी. सेन वर्मा 01 अक्तूबर 1967 30 सितम्बर 1972
डा. नागेन्द्र सिंह 01 अक्तूबर 1972 06 फरवरी 1973
टी. स्वामीनाथन 07 फरवरी 1973 17 जून 1977
एस. एल. शकधर 18 जून 1977 17 जून 1982
आर. के. त्रिवेदी 18 जून 1982 31 दिसम्बर 1985
आर. वी. एस शास्त्री 01 जनवरी 1986 25 नवम्बर 1990
वी. एस. रमादेवी 26 नवम्बर 1990 11 दिसम्बर 1990
टी. एन. शेषन 12 दिसम्बर 1990 11 दिसम्बर 1996
एम. एस. गिल 12 दिसम्बर 1996 13 जून 2001
जे. एम. लिंगदोह 14 जून 2001 07 फरवरी 2004
टी. एस. कृष्णमूर्ति 08 फरवरी 2004 15 मई 2005
बी. बी. टंडन 16 मई 2005 28 जून 2006
एन. गोपालस्वामी 29 जून 2006 20 अप्रैल 2009
नवीन चावला 21 अप्रैल 2009 29 जुलाई 2010
शाहबुद्दीन याकूब कुरैशी 30 जुलाई 2010 10 जून 2012
वी. एस. संपत 11 जून 2012 15 जनवरी 2015
हरि शंकर ब्रह्मा 16 जनवरी 2015 18 अप्रैल 2015
डॉ. नसीम जैदी 19 अप्रैल 2015 06 जुलाई 2017
अचल कुमार ज्योति 06 जुलाई 2017 22 जनवरी 2018
ओम प्रकाश रावत 23 जनवरी 2018 30 नवम्बर 2018
सुनील अरोड़ा 02 दिसम्बर 2018 12 अप्रैल 2021
सुशील चंद्रा 13 अप्रैल 2021 14 मई 2022

अंतिम संशोधन: 13 अप्रैल 2021

यह भी पढ़े: 2020 नवीनतम कौन क्या है?

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एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय (वनडे) क्रिकेट में सबसे तेज 10 हजार रन बनाने वाले शीर्ष 10 बल्लेबाज

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वनडे क्रिकेट में सबसे तेज 10000 रन बनाने वाले टॉप 10 बल्लेबाज: List of Top 10 batsmen to make fastest 10000 runs in ODI cricket in Hindi)

एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय (वनडे) क्रिकेट का पहला मैच ऑस्ट्रेलिया में स्थित विश्व के सबसे बड़े स्टेडियम मेलबोर्न क्रिकेट ग्राउंड पर ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के मध्य 05 जनवरी 1971 को खेला गया था। जब वनडे क्रिकेट की शुरुआत हुई थी, तब से लेकर अब तक क्रिकेट के इस प्रारूप में ढेरों कीर्तिमान रचे जा चुके हैं। इस प्रारूप ने विश्व को बहुत से बेहतरीन खिलाड़ी दिए हैं, जिन्होंने इस खेल को दुनियाभर में लोकप्रिय बनाया है।

भारत और वेस्टइंडीज के बीच 24 अक्टूबर 2018 को विशाखापट्टनम में खेले गए दूसरे वनडे मैच में भारतीय टीम के कप्तान विराट कोहली ने अपने 10000 वनडे रन पूरे करने का एक ओर नया कीर्तिमान स्थापित कर दिया। इसके साथ ही विराट कोहली वनडे क्रिकेट में सबसे तेजी से 10 हजार रन पूरे करने वाले बल्लेबाज बन गए हैं। उन्होने अपने करियर की 205वीं पारी के दौरान इस उपलब्धि को हासिल किया। कोहली ने भारत के सचिन तेंदुलकर को पछाड़ते हुए सबसे तेजी से 10 हजार रन बनाने की उपलब्धि हासिल की है। सचिन ने 266 मैचों में 10,000 रन पूरे किए थे, वहीं कोहली ने 213 मैचों में यह उपलब्धि अपने नाम की है। कोहली ने पारियों के लिहाज से भी मास्टर ब्लास्टर को पीछे छोड़ा है। कोहली ने 205वीं पारी में 10,000 रन पूरे किए हैं, वहीं सचिन ने 259 पारियों में यह कारनामा किया था। विराट कोहली भारत की तरफ से 10000 रन पूरे करने वाले 5वें खिलाड़ी है। भारत की ओर से वनडे क्रिकेट में 10,000 रन पूरे करने वाले खिलाड़ियों में कोहली के अलावा सचिन तेंदुलकर (18,426), पूर्व कप्तान सौरव गांगुली (11363), राहुल द्रविड़ (10889) और महेंद्र सिंह धोनी (10143) आदि शामिल हैं।

आज हम इस पोस्ट के माध्यम से आपको उन 10 क्रिकेटरों के बारे में बताएंगे, जिन्होंने वनडे क्रिकेट के इतिहास में सबसे तेज 10 हजार रन बनाने का रिकॉर्ड अपने नाम किया है, यानी कि आप इस लिस्ट मे ऐसे खिलाड़ियों के बारे में जानेंगे जिन्होंने सबसे कम मैचों में 10 हजार रन बनाने का कारनामा किया हैं। अब तक कुल 13 खिलाड़ियों ने वनडे इतिहास में 10 हजार रन बनाए हैं। इस सूची की खास बात यह है कि इसमें नंबर 1, 2, 3, 6 और 8 पर 5 भारतीय खिलाड़ियों के नाम भी शामिल है। तो आइए जानते हैं कौन हैं वो 10 खिलाड़ी जिनके नाम वनडे क्रिकेट में सबसे तेज 10 हजार रन बनाने का रिकॉर्ड है।

अंतर्राष्ट्रीय एकदिवसीय मैचों में सबसे तेज 10000 रन बनाने 10 बल्लेबाजों की सूची:

खिलाडी का नाम कुल पारी कुल मैच
विराट कोहली (भारत) 205 213
सचिन तेंदुलकर (भारत) 259 266
सौरव गांगुली  (भारत) 263 272
रिकी पोंटिंग (ऑस्ट्रेलिया) 266 272
जैक कालिस (दक्षिण अफ्रीका) 272 286
महेंद्र सिंह धोनी (भारत) 273 320
ब्रायन लारा (वेस्टइंडीज) 278 287
राहुल द्रविड़ (भारत) 287 309
तिलकरत्ने दिलशान (श्रीलंका) 293 319
कुमार संगाकारा (श्रीलंका) 296 315

इन्हें भी पढे: वनडे क्रिकेट में सबसे ज्यादा शतक लगाने वाले शीर्ष 10 बल्लेबाजों की सूची

नोट: इस पोस्ट में अंतिम संशोधन 14 अप्रैल 2021 को किया गया है।

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अर्जन सिंह का जीवन परिचय एवं उनसे जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी

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इस अध्याय के माध्यम से हम जानेंगे अर्जन सिंह (Arjan Singh) से जुड़े महत्वपूर्ण एवं रोचक तथ्य जैसे उनकी व्यक्तिगत जानकारी, शिक्षा तथा करियर, उपलब्धि तथा सम्मानित पुरस्कार और भी अन्य जानकारियाँ। इस विषय में दिए गए अर्जन सिंह से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्यों को एकत्रित किया गया है जिसे पढ़कर आपको प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने में मदद मिलेगी। Arjan Singh Biography and Interesting Facts in Hindi.

अर्जन सिंह के बारे में संक्षिप्त जानकारी

नामअर्जन सिंह (Arjan Singh)
वास्तविक नामएयर चीफ मार्शल अर्जन सिंह
जन्म की तारीख15 अप्रैल 1919
जन्म स्थानफैसलाबाद, पाकिस्तान
निधन तिथि16 सितम्बर 2017
माता व पिता का नामकरतार सिंह / किशन सिंह
उपलब्धि1964 - भारतीय वायुसेना के पहले एयर चीफ मार्शल
पेशा / देश / मार्शल /

अर्जन सिंह (Arjan Singh)

भारतीय वायु सेना के मार्शल अर्जन सिंह औलख, भारतीय वायु सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी थे। उन्होंने 1964 से 1969 तक वायु सेना के तीसरे प्रमुख के रूप में कार्य किया, 1965 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के माध्यम से वायु सेना का नेतृत्व किया। वह भारतीय वायु सेना (IAF) के पहले और एकमात्र अधिकारी थे, जिन्हें पाँच सितारा में पदोन्नत किया गया था

अर्जन सिंह का जन्म

मार्शल अर्जन सिंह का जन्म 15 अप्रैल 1919 को लायलपुर (अब फैसलाबाद,पाकिस्तान) में ब्रिटिश भारत के एक प्रतिष्ठित सैन्य परिवार हुआ था। इनके पिता का नाम किशन सिंह था जो कि एक रिसालदार के रूप मे कार्य करते थे. वे एक डिवीजन कमांडर के एडीसी के रूप में सेवा प्रदान करते थे। इनकी माता का नाम करतार सिंह था, वह एक गृहणी थी अर्जन सिंह के दादाजी ने भी 1917 के दौरान रिसालदार मेजर के रूप में कार्य किया. इनके परिवार के अधिकांश लोग सेनाओ में कार्यरत थे।

अर्जन सिंह का निधन

मार्शल अर्जन सिंह का निधन 16 सितम्बर 2017 शाम 7:47 बजे दिल का दौरा पड़ने से हुआ। (IST) उस शाम उनके निधन के बाद, उनका पार्थिव शरीर नई दिल्ली के 7A कौटिल्य मार्ग स्थित उनके घर वापस आ गया, जहाँ कई आगंतुकों और गणमान्य व्यक्तियों ने अपने सम्मान की पेशकश की, जिनमें राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री निर्मला केतारमन और तीन सेवा प्रमुख शामिल थे। भारतीय सशस्त्र बल। भारत सरकार द्वारा एक राजकीय अंतिम संस्कार के लिए, 18 सितंबर को नई दिल्ली के बरार स्क्वायर में पूरे सैन्य सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया, जिसमें भारतीय वायुसेना के लड़ाकू जेट और हेलीकॉप्टर भी शामिल थे। दिल्ली में राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका हुआ था।

अर्जन सिंह की शिक्षा

अर्जन सिंह ने अपनी शिक्षा मोंटगोमरी (अभी साहिवाल, पाकिस्तान) में पूरी की। उन्होंने 1938 में आरएएफ कॉलेज क्रैनवेल में प्रवेश किया और वर्ष 1939 में एक पायलट अधिकारी के रूप में नियुक्त किया गया।

अर्जन सिंह का करियर

अर्जन सिंह ने वायुसेना मे अपनी नौकरी की शुरुआत 1939 में की थी। सन 1964 मे अर्जन सिंह भारत के पहले एयर चीफ़ मार्शल बने थे। चीन के साथ 1962 की लड़ाई के बाद 1963 में उन्हें वायु सेना उप प्रमुख बनाया गया। एक अगस्त 1964 को जब वायु सेना अपने आप को नई चुनौतियों के लिए तैयार कर रही थी, उस समय एयर मार्शल के रूप में अर्जन सिंह को इसकी कमान सौंपी गई थी। जून 2008 में फील्ड मार्शल सैम मानेकशॉ की मृत्यु के बाद अर्जन सिंह पांच सितारा रैंक वाले अकेले भारतीय सैन्य अधिकारी थे। अपने कई दशकों के करियर में उन्होंने 60 प्रकार के विमान उड़ाए, जिनमें दूसरे विश्व युद्ध से पहले के तथा बाद में समसामयिक विमानों के साथ साथ परिवहन विमान भी शामिल हैं। मार्शल अर्जन सिह वर्ष 1971 से 1974 तक स्विट्ज़रलैंड में भारत के राजदूत रह रहे है। अर्जन सिह वर्ष 1989 से 90 तक देश की राजधानी दिल्ली के उपराज्यपाल रह चुके हैं। उन्होंने दिसंबर 1990 तक एक वर्ष के लिए इस पद पर कार्य किया।अर्जन सिंह पहले ऐसे वायु सेना प्रमुख हैं, जिन्होंने इस पद पर पहुंचने तक विमान उड़ाना नहीं छोड़ा था और अपने कार्यकाल के अंत तक वह विमान उड़ाते रहे।लगभग पाँच वर्षों तक भारतीय वायुसेना के प्रमुख रहने के बाद, इतिहास में वायु सेना प्रमुख के रूप में दूसरा सबसे लंबा कार्यकाल, सिंह ने जुलाई 1969 में, 50 वर्ष की आयु में सेवानिवृत्त किया।

अर्जन सिंह के पुरस्कार और सम्मान

पाकिस्तान के साथ 1965 के युद्ध मे महत्वपूर्ण भूमिका के लिए उन्हे पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था। 1944 में द्वितीय विश्वयुद्ध के बर्मा अभियान में उनकी भूमिका के लिए उन्हें डिस्टिग्विश्ड फ्लाइंग क्रॉस प्रदान किया गया था। वायु सेना के लिए उनकी सेवाओं के लिए सरकार ने जनवरी 2002 में वायु सेना के मार्शल के रैंक से नवाजा। यह उपलब्धि पाने वाले वह वायु सेना के एक मात्र अधिकारी हैं। 14 अप्रैल 2016 को, मार्शल के 97 वें जन्मदिन को चिह्नित करने के लिए एक कार्यक्रम में, तत्कालीन वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल अरूप राहा ने घोषणा की कि पश्चिम बंगाल के पनागर में भारतीय वायु सेना के बेस का नाम बदलकर एयर फ़ोर्स स्टेशन अर्जन सिंह किया जा रहा है मार्शल की सेवा। एयरबेस का निर्माण 1944 में द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान चीन बर्मा इंडिया थियेटर में संयुक्त राज्य वायु सेना द्वारा किया गया था, वही थिएटर जो युद्ध के दौरान सिंह ने सेवा की थी।

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ब्रांड एंबेसडर की सूची 2021

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ब्रांड एंबेसडर के बारे में जानकारी: (Information about Brand Ambassador)

एक ब्रांड एंबेसडर ऐसा व्यक्ति होता है जो किसी संगठन या कंपनी द्वारा एक ब्रांड का प्रतिनिधित्व करने के लिए एक सूचक का रूप होता है। Brand Ambassadors in India in Hindi for Banking, SSC and Railways Exams 2020-21 ब्रांड एंबेसडर को कॉरपोरेट एंबेसडर के नाम से भी जाना जाता है। भारत में ब्रांड एंबेसडर (Brand Ambassadors in India) कंपनियों की छवि, आचरण, मूल्यों और नैतिकता का प्रदर्शन करते हैं।  कोई भी व्यक्ति किसी संगठन या कंपनी का ब्रांड एंबेसडर (दूत) बनकर उसके ब्रांड के लिए जागरूकता और बिक्री बढ़ाने में मदद करता है और यह केवल मुख्य तत्व प्रचार रणनीतियों का उपयोग करने की उनकी क्षमता है जिससे यह ग्राहक-उत्पाद-सेवा संबंध को मजबूत करता है और बड़े दर्शकों को खरीदने और उपभोग करने के लिए प्रभावित भी करता है मुख्यतः ब्रांड एंबेसडर को एक सकारात्मक प्रवक्ता, एक राय नेता या एक सामुदायिक प्रभावक के रूप में जाना जाता है। वर्तमान में एक ब्रांड एंबेसडर को उत्पाद या सेवा की बिक्री को बढ़ावा देने और ब्रांड जागरूकता पैदा करने के लिए एक आंतरिक एवं बाहरी एजेंट के रूप में नियुक्त किया जाता है।

मूल रूप से, Brand Ambassadors in India एक समुदाय के प्रभावशाली और प्रवक्ता के रूप में कार्य करता है ताकि ब्रांड जागरूकता और उत्पाद खरीदने के लिए बड़े दर्शकों को प्रभावित किया जा सके। इसलिए यहां हम भारत में ब्रांड एंबेसडर पर जीके नोट्स प्रदान कर रहे हैं जो आगामी बैंक परीक्षाओं के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।

ब्रांड एंबेसडर 2021 की सूची (List of Brand Ambassador 2021) :

व्यक्ति ब्रांड और अभियान का नाम
अमिताभ बच्चन Amazon – Alexa voice assistant
सोनू सूद Acer India
आमिर खान CEAT Limited
प्रियंका चोपड़ा और अनुराग कश्यप 45th Toronto International Film Festival (TIFF) 2020
आयुष्मान खुराना Bajaj Allianz Life Insurance
सलमान खान Pepsi, BharatPe
रणवीर सिंह Manyavar, Oyakaya Power Group, JBL, Flite, Bingo, Llyod, Xiaomi India, Kajaria Ply, Dish TV, Siyaram, Big Muscle, Nutrition, Kansai Narolac, Kotak Mahindra Bank, Thumps Up, Make My Trip, Set Wet, Adidas, Carrera FW, Jack And Jones, Colgate, Nexa, Vivo, Ching’s, Kellogg’s, Royal Stag
आलिया भट्ट Cadbury, Hero MotoCorp, Phillips, Garnier, Hero Pleasure, Maybelline, Coca Cola, Caprese Bag
दिशा पटानी और शेफ संजीव कपूर Washington Apples
सुनील शेट्टी Brand Ambassador for NADA (National Anti-Doping Agency)
शिल्पा शेट्टी कुंद्रा Bodycare International
अनुष्का शर्मा Godrej Consumer Products, Myntra, Skill India Campaign, Cox and Kings, Colgate, Rupa and Company
पी. वी. सिंधु Visa (Payment Technology Company)
अक्षय कुमार CavinKare’s Indica, New India Conclave 2018, GOQI, TAFE(Tractors and Farm Equipments)Ltd.,Road Safety Awareness Campaign
सारा अली खान Vivo “S” Series, CARS24, Indian Army, Menswear Brand Indian Terrain, Indo-American Arts Council (IAAC), Colgate, redBus, Sumadhura Group, Mastercard, Bharat Matrimony, Indigo Paints, NetMeds (Online Pharmacy), Gaming platform Dream11, Chocolate Snickers
शाहरुख खान Pepsi, Hyundai, Frooti, Lux, Dish TV, Denver, Big Basket, Kent for Security product range, V-Nourish
अनिल कपूर Malabar Gold & Diamonds
कटरीना कैफ Metro Shoes, FBB Fashion, Splash, Johnson Tiles, Lux, Titan Raga, Fevicol, Yardley, Choc On, Slice, Veet, Doublemintne, Reebok, ‘Emami 7 Oils in One, Lino Perros Bags, Kalyan Jewellers, Educate Girls(Non-Profit Organization), Lenskart, Tropicana, PriyaGold Hunk, Berger Paints, Xiaomi’s Redmi Y
हिमा दास Gatorade by Pepsi company
आयुष्मान खुराना और कृति सनोन Magicbricks
गोविंदा Madhya Pradesh
अक्षय कुमार TAFE (Tractors and Farm Equipment) Ltd, GOQii
आयुष्मान खुराना Urban Clap, Vingajoy
जया प्रदा Goodwill Ambassador for Nepal tourism
रवीना टंडन Sanjay Gandhi National Park (SGNP)
करीना कपूर खान Swasth Immunised India
तपसे पन्नू PepsiCo’s Kurkure
हृतिक रोशन Ascent Meditech
शाहरुख खान Kent for security product range
सचिन तेंडुलकर Paytm First Games
सुरेश रैना Online poker platform 9stacks
इलियाना डिक्रूज CavinKare’s Indica
के. चंद्रशेखर राव Telangana State Road Transport Corporation
ब्रेट ली Sports Adda
सौरव गांगुली और सुनील छेत्री JSW Cement
पंकज त्रिपाठी Bihar Khadi
सुरेश रैना और हरमनप्रीत कौर WTF Sports
भुवनेश्वर कुमार और स्मृति मंधाना Playerzpot
ड्वेन ब्रावो SBOTOP (SBOTOP is a 1-Stop Shop offering a complete suite of gaming products.)
विराट कोहली Manyavar, Royal Challenge, Boost Energy Drink, American Tourister Bags, Vicks India, Uber India, MRF Tyres, Remit2India, Phillips India, Valvoline, Blue Star, Well Man, Himalaya, Myntra, Google Duo, Mobile Premier League, Shyam Steel, Amaze(Inverters and Batteries), Puma, Hero MotoCorp, Colgate, Sun Pharma- Volini, Wrogn, MuveAcoustics, Too Yum, Tissot, Audi India, Google Duo.
कृति सनोन Skincare Brand JOY, Magic Bricks, Dabur(for its skincare brand Fem), Whirpool, BATA
कार्तिक आर्यन ITC Engage, Lux Inferno, Armani Exchange Watches, Cadbury, Manyavar, Oppo, Hummel, Magic Moments, BoAt Speakers, Mufti, Emami(skincare), Park Avenue Fragrances, Envy 100 Crystal
मंदिरा बेदी MevoFit
रोहित शर्मा Spain’s Football League LaLiga, Noise, SHARP TV, Trusox India, Nissan Global Ambassador, IIFL Finance, Oakley
अनन्या पांडे Fastrack Perfumes
सुनील छेत्री Puma
एमिलिया क्लार्क Clinique
फरहान अख्तर United Breweries Limited (Kingfisher Ultra)
कार्तिक आर्यन Bombay Shaving Company
श्रेयस अय्यर boAt
अभिनेता शावर अली Call mama- Free Calling App from My Country Mobile
साइना नेहवाल Anker Innovations, Rasna, Edelweiss Group, Herbal Life, Yonex, FlipKart, Kaira, Bajaj Nomarks, Sahara, Indian OverSeas Bank, Iodex, Huawei, Kellog’s, Savlon India
नितिन गडकरी Road Safety
अभिनेता यश और पत्नी राधिका Govt-Aided Mass Marriage Scheme
अदिति राव हैदरी, मिताली राज और शक्ति मोहन L’Oreal Paris
जसप्रीत बुमराह Seagram’s Royal Stag
जसप्रीत बुमराह Estrolo
अर्जुन कपूर Chelsea FC
यामी गौतम Himachal Government’s Global Investors’ Meet 2019
हरभजन सिंह Brune & Bareskin
विक्टोरिया लोपरेवा FIFA World Cup 2018
भारतीय हॉकी खिलाड़ी धरमवीर सिंह Arganish
नीतू चंद्रा Pro Kabbadi Team Patna Pirates
विराट कोहली और ऋषभ पंत Himalaya Drug Company
कोलंबियाई फुटबॉलर येरी मीना Hero MotoCorp
वरुण धवन Emami Navratna Cool
दलिमा छिब्बर Vector X
गौतम गंभीर Pro Kabaddi League Outfit UP Yoddha
कैटरीना कैफ और वरुण धवन Reebok
एंड्रयू रसेल Monte Carlo
नम्रता मेनन Goa’s Ambassador for promoting Yoga
शिखर धवन GS Caltex India
पृथ्वी शॉ Fanmojo
विराट कोहली, अनुष्का शर्मा Myntra
आमिर खान PhonePe
मुरली कार्तिक Fantasy 11
मयंक अग्रवाल Fast&Up
वीरेंद्र सहवाग PolicyX.com
सुरेश रैना Fantasy Sports Platform Fantain
रणवीर सिंह और दीपिका पादुकोण Lloyd
नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी PokerStars India
बेनेडिक्ट काम्वारबेच MG Motor India
जस्टिन हेनिन French Open
गौतम गंभीर CricPlay’s inaugural ‘Ab India Khelega’ campaign
वीवीएस लक्ष्मण L V Prasad Eye Institute’s Whitathon
प्रणित सुभाष Election Commission (EC)
जया अहसान Women’s football tourney
हार्दिक और क्रुनाल पांड्या Fantasy Sports startup Hala-Play
गीता शर्मा Bareilly
विराट कोहली Mobile Premier League
शेन वार्न Rajasthan Royals Indian Premier League, (IPL) season 2019
साक्षी मग्गो E-Commerce Platform Mwoop
अनमोल के.सी. Sprite
लिसा हेडन लालवन Kerastase
पी. वी. सिंधु PNB MetLife
दिनेश भाटिया Ambassador of India to the Republic of Argentina
रुचिरा कंबोज Indian Ambassadors to Bhutan
श्रेया चोपड़ा Bharat Scouts And Guides
पी. वी. सिंधु और साक्षी मलिक Clean India Mission
जैकलीन फर्नांडीज Magic Moments, Tresemme, IMARA, Just F(Women Active Wear), M Bazar, Iconic Galaxy,,Delhi Dynamos FC, The Body Shop, Queo(Bath Wear), Dabur, boAt, Casio India, Bella Casa, Nova Eyewear.
पंकज शर्मा India’s Ambassador to UN
प्रियंका दास Ambassador for “For Girls and Science” initiative in France
रुद्रेंद्र टंडन Ambassador of India to ASEAN
वरुण धवन और अनुष्का शर्मा Skill India Campaign
गौरी श्योराण Health-related programmes of Haryana

सरकारी योजनाओं और अभियान के ब्रांड एंबेसडर (Brand Ambassadors of Government Schemes & Campaign) :

भारत में सरकारी योजनाओं और अभियान 2020 के ब्रांड एंबेसडर की सूची गई है-

प्रसिद्ध व्यक्ति ब्रांड एवं अभियान का नाम
अमिताभ बच्चन शहर खाद अभियान
जॉन अब्राहम अरुणाचल प्रदेश पर्यटन राजदूत
नरेंद्र मोदी अतुल्य भारत
नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी यूपी किसानों की योजना समाजवादी किसान योजना
पीवी सिंधु केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF)
सचिन तेंडुलकर शराब विरोधी और मारक केरल का अभियान
साक्षी मलिक बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान ”हरियाणा में
विराट कोहली पंजाब नेशनल बैंक
विद्या बालन समाजवादी पेंशन योजना
पिरुज खंबट्टा मेक इन इंडिया
शाहरुख खान पश्चिम बंगाल के ब्रांड एंबेसडर
स्टेफी ग्राफ केरल का आयुर्वेद
शिल्पा रेड्डी महिला उद्यमियों का परिसंघ (COWE)
बाबा रामदेव हरियाणा में योग और आयुर्वेद के ब्रांड एंबेसडर
मास्टर तिवारी डिजिटल इंडिया
अमिताभ बच्चन स्वच्छ भारत अभियान
अमिताभ बच्चन पल्स पोलियो
दीया मिर्ज़ा स्वच्छ साठी
माधुरी दिक्षित MAA- मदर्स एब्सोल्यूट अफेक्शन
दीपिका पादुकोन इंडियन साइकिएट्रिक सोसाइटी

 

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भारत के सर्वोच्च न्यायालय की महिला न्यायाधीश

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यह भारत के सर्वोच्च न्यायालय की महिला न्यायाधीशों की एक सूची है, जो भारत गणराज्य की सर्वोच्च अदालत है। कालक्रम के अनुसार सूची का आदेश दिया जाता है।

अदालत में पहली महिला न्यायमूर्ति फातिमा बीवी को 6 अक्टूबर 1989 को नियुक्त किया गया था। तब से अदालत में 7 और महिला न्यायधीश हैं। वर्तमान में कोर्ट में कुल 29 जजों (भारत के मुख्य न्यायाधीश सहित) में से 1 बैठी महिला न्यायाधीश हैं।

भारत के सर्वोच्च न्यायालय की महिला न्यायाधीश की सूची:

1. भारत के सर्वोच्च न्यायालय की पहली महिला न्यायाधीश

  • नाम: फातिमा बीवी
  • नियुक्त की तिथि: 6 अक्टूबर 1989
  • सेवा निवृत्ति की तिथि: 29 अप्रैल 1992
  • सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में नियुक्त होने से पहले: केरल उच्च न्यायालय के न्यायाधीश
  • अन्य जानकारी:
  1. भारत के सर्वोच्च न्यायालय की पहली महिला न्यायाधीश
  2. देश में किसी भी उच्च न्यायपालिका में नियुक्त होने वाली पहली मुस्लिम महिला।

2. भारत के सर्वोच्च न्यायालय की दूसरी महिला न्यायाधीश

  • नाम: सुजाता मनोहर
  • नियुक्त की तिथि: 6 अक्टूबर 1989
  • सेवा निवृत्ति की तिथि: 27 अगस्त 1999
  • सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में नियुक्त होने से पहले: केरल उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश
  • अन्य जानकारी:
  1. 1978 में मुंबई उच्च न्यायालय का न्यायाधीश नियुक्त किया गया, जो उस अदालत की पहली महिला न्यायाधीश थीं।
  2. जनवरी, 1994 में, उन्हें बॉम्बे के उच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया गया, जो उस पद को संभालने वाली पहली महिला थीं।
  3. उन्हें केरल उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में स्थानांतरित किया गया, फिर से वह पद को संभालने वाली पहली महिला थीं।

3. भारत के सर्वोच्च न्यायालय की तीसरी महिला न्यायाधीश

  • नाम: रूमा पाल
  • नियुक्त की तिथि: 28 जनवरी 2000
  • सेवा निवृत्ति की तिथि: 02 जून 2006
  • सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में नियुक्त होने से पहले: कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायाधीश
  • अन्य जानकारी:
  1. भारत के सर्वोच्च न्यायालय की सबसे लंबे समय तक कार्यरत महिला न्यायाधीश
  2. उन्हें 28 जनवरी 2000 को अदालत की स्वर्ण जयंती के दिन भारत के सर्वोच्च न्यायालय में नामांकित किया गया था।
  3. वह इंटरनेशनल फोरम ऑफ वूमेन जज की सदस्य भी हैं।

4. भारत के सर्वोच्च न्यायालय की चौथी महिला न्यायाधीश

  • नाम: ज्ञान सुधा मिश्रा
  • नियुक्त की तिथि: 30 अप्रैल 2010
  • सेवा निवृत्ति की तिथि: 27 अप्रैल 2014
  • सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में नियुक्त होने से पहले: झारखंड उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश

5. भारत के सर्वोच्च न्यायालय की छटी महिला न्यायाधीश

  • नाम: रंजना देसाई
  • नियुक्त की तिथि: 13 सितंबर 2011
  • सेवा निवृत्ति की तिथि: 29 अक्टूबर 2014
  • सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में नियुक्त होने से पहले: बॉम्बे हाई कोर्ट के जज

6. भारत के सर्वोच्च न्यायालय की पाँचवी महिला न्यायाधीश

  • नाम: आर. बनुमथी
  • नियुक्त की तिथि: 13 अगस्त 2014
  • सेवा निवृत्ति की तिथि: 19 जुलाई 2020
  • सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में नियुक्त होने से पहले: झारखंड उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश
  • अन्य जानकारी:
  1. वह देश की सर्वोच्च अदालत में उदय होने वाली केवल दूसरी महिला सत्र न्यायाधीश हैं।

7. भारत के सर्वोच्च न्यायालय की सतवी महिला न्यायाधीश

  • नाम: इंदु मल्होत्रा
  • नियुक्त की तिथि: 27 अप्रैल 2018
  • सेवा निवृत्ति की तिथि: 13 मार्च 2021
  • सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में नियुक्त होने से पहले: विधि और न्याय मंत्रालय में उच्च स्तरीय समिति (HLC) के सदस्य
  • अन्य जानकारी:
  1. दिसंबर 2016 में, इंदु को भारत में मध्यस्थता तंत्र के संस्थागतकरण की समीक्षा करने के लिए कानून और न्याय मंत्रालय में उच्च स्तरीय समिति (HLC) का सदस्य बनाया गया था।

 

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भारत मेँ आयोजित होने वाली प्रमुख प्रतियोगी परीक्षाएँ

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भारत की प्रमुख प्रतियोगी परीक्षाओं की सूची: (List of Major Competitive Examinations of India in Hindi)

प्रतियोगिता परीक्षा किसे कहते है?

प्रतियोगिता परीक्षा उस परीक्षा को कहते हैं जिसे परिणाम के आधार पर परीक्षार्थियों की प्रावीण्य सूची या मेरिट लिस्ट बनती है। यदि यह परीक्षा n स्थानों को भरने के लिये की गयी है तो प्रावीण्य सूची में सबसे अधिक अंक पाने वाले पहले n अभ्यर्थियों को ‘उतीर्ण’ (पास) माना जाता है।

यहाँ भारत की प्रमुख प्रतियोगी परीक्षाओं की सूची दी गयी है:-

  • सिविल सेवा परीक्षा
  • इंजीनियरी सेवा परीक्षा
  • सीपीएमटी (CPMT)
  • आईआईटी संयुक्त प्रवेश परीक्षा (IIT JEE)
  • अखिल भारतीय इंजिनीयरिंग प्रवेश परीक्षा (AIEEE)
  • सम्मिलित प्रवेश परीक्षा (कॉमन ऐडमिशन टेस्ट / CAT)
  • प्रबन्धन योग्यता परीक्षा (MAT)
  • ओपेनमैट (OpenMAT)
  • सार्वजनिक प्रवेश परीक्षा (कॉमन इंट्रैन्स टेस्ट / CET)
  • इंजीनियरी में स्नातक अभिरुचि परीक्षा या गेट (GATE)
  • राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (NDA)
  • सम्मिलित रक्षा सेवा परीक्षा (CDS)
  • संयुक्त विधि प्रवेश परीक्षा (कॉमन लॉ एडमिशन टेस्ट / CLAT)
  • यूजीसी राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (यूजीसी नेट) (NET)
  • केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा‎ (Central Teacher Eligibility Test / CTET)
  • संयुक्त प्रवेश स्क्रीनिंग परीक्षा (Joint Entrance Screening Test / JEST)

इन्हें भी पढ़े: वर्ष 2021 की आयोजित होने वाली महत्वपूर्ण प्रतियोगिता परीक्षाएँ

1. सिविल सेवा परीक्षा: सिविल सेवा परीक्षा भारत की एक प्रतियोगी परीक्षा है जिसके परिणाम के आधार पर भारत सरकार एवं राज्य सरकार की सिविल सेवाओं के अधिकारी (जैसे जिलाधिकारी) चुने जाते हैं। इस परीक्षा में तीन स्तर होते हैं: प्रारंभिक परीक्षा, मुख्य परीक्षा और मुलाकात। प्रारंभिक परीक्षा में दो प्रश्नपत्र होते हैं उनमें से पेपर 1 में मिले हुए गुणों के आधार पर मुख्य परीक्षा में चुना जाता हैं और जो दूसरा पेपर होता हैं उनमेपास होने के लिए 33% गुण अनिवार्य हैं।

2. इंजीनियरी सेवा परीक्षा: इंजीनियरी सेवा परीक्षा संघ लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित होती है। इसके माध्यम से विभिन्न सरकारी संस्थाओं (जैसे: भारतीय रेल, बीएसएनएल आदि) में इंजीनियरों की भर्ती होती है।

3. संयुक्त प्री-मेडिकल टेस्ट या सीपीएमटी: संयुक्त प्री-मेडिकल टेस्ट या सीपीएमटी एक प्रतियोगिता परीक्षा है। इसके परिणाम (मेरिट) के आधार पर भारत के मेडिकल कालेजों में प्रवेश दिया जाता है। जीवविज्ञान विषय के साथ 12वी उतीर्ण करने के बाद इस प्रतियोगिता परीक्षा में बैठा जा सकता है। इसमें जीवविज्ञान, भौतिकी और रसायन शास्त्र विषयों में अब्यर्थ्यों के ज्ञान की परीक्षा होती है।

4. आईआईटी संयुक्त प्रवेश परीक्षा: आईआईटी संयुक्त प्रवेश परीक्षा की परीक्षा भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों में स्नातक स्तर पर प्रवेश के लिये की जाती है। इसमें गणित, भौतिकी एवं रसायन विज्ञान विषयों के प्रश्नपत्र होते हैं।

5. अखिल भारतीय इंजिनीयरिंग प्रवेश परीक्षा: इस प्रतियोगिता प्रवेश परीक्षा का लोकप्रिय नाम ए.आई.ई.ई.ई भी है। इसका आयोजन केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) द्वारा किया जाता है जो मेडिकल कालेजों में प्रवेश के लिये ए आई पी एम टी की परीक्षा भी लेती है।

6. कॉमन ऐडमिशन टेस्ट या सम्मिलित प्रवेश परीक्षा (कैट): सम्मिलित प्रवेश परीक्षा या कॉमन ऐडमिशन टेस्ट (कैट) एक अखिल भारतीय प्रवेश परीक्षा है। यह भारतीय प्रबन्धन संस्थानों द्वारा सम्मिलित रूप से ली जाने वाली परीक्षा है। इसके मेरिट के आधार पर भारत के प्रबन्ध संस्थानों में प्रबन्धन के पोस्ट ग्रैजुएट पाठ्यक्रमों में प्रवेश दिया जाता है।

7. प्रबन्धन योग्यता परीक्षा (मैट): प्रबंधन क्षेत्र में योग्य एवं कुशल कर्मियों की कमी दूर करने के लिये और एक कदम आगे बढ़ाते हुए ‘ऑल इंडिया मैनेजमेंट एसोसिएशन (आइमा)’ बहुप्रतीक्षित प्रबंधन योग्यता और कौशल परीक्षा (मास्ट) शुरु की थी। पहली मास्ट परीक्षा 25 सितंबर 2011 हुई थी।

व्यवसाय एवं संगठन के सन्दर्भ में प्रबन्धन का अर्थ है – उपलब्ध संसाधनों का दक्षतापूर्वक तथा प्रभावपूर्ण तरीके से उपयोग करते हुए लोगों के कार्यों में समन्वय करना ताकि लक्ष्यों की प्राप्ति सुनिश्चित की जा सके। प्रबन्धन के अन्तर्गत आयोजन, संगठन-निर्माण, स्टाफिंग, नेतृत्व करना, तथा संगठन अथवा पहल का नियंत्रण करना आदि आते हैं।

8. ओपेन मैट परीक्षा: देश के प्रमुख बी-स्कूलों में प्रवेश के लिए कैट, मैट, जैट, जेमेट आदि अनेक एंट्रेंस लिए जाते हैं। इन सबसे अलग और खास है-ओपेनमैट, जो इग्नू संचालित मैनेजमेंट कोर्सो में प्रवेश के लिए लिया जाता है। ओपेनमैट परीक्षा में सामान्य श्रेणी के 50 प्रतिशत और आरक्षित श्रेणी के 45 प्रतिशत अंक पाने वाले फ्रेश ग्रेजुएट भी भाग ले सकते है। ओपेनमैट परीक्षा में पहले सुपरवाइजरी और मैनेजरियल कैटेगरी में कम से कम तीन वर्ष का अनुभव होना आवश्यक था पर अब इस शर्त को अब हटा लिया गया है।

9. राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (एनडीए) परीक्षा: एनडीए प्रवेश परीक्षा संघ लोकसेवा आयोग द्वारा प्रतिवर्ष दो बार आयोजित की जाती है। एनडीए में भर्ती होने के लिए आपको 12 वीं कक्षा में उत्तीर्ण होना अनिवार्य है। इस परीक्षा के लिए विज्ञापन रोजगार समाचार, रोजगार और निर्माण तथा देश के प्रमुख समाचार-पत्रों में मार्च-अप्रैल और अक्टूबर-नवंबर में जारी किए जाते हैं।

10. इंजीनियरी में स्नातक अभिरुचि परीक्षा (गेट): इंजीनियरी में स्नातक अभिरुचि परीक्षा (गेट) एक अखिल भारतीय परीक्षा है जिसका आयोजन और संचालन गेट-समिति द्वारा भारत भर में स्थित आठ अंचलों में किया जाता है। समिति में भारतीय विज्ञान संस्थान, बंगलौर तथा सात भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों के संकाय सम्मिलित होते हैं और यह राष्ट्रीय समन्वयबोर्ड-गेट, शिक्षा विभाग, मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार की ओर से इस परीक्षा का आयोजन करती है।

11. सम्मिलित रक्षा सेवा परीक्षा (एसडीएस): सम्मिलित रक्षा सेवा परीक्षा का आयोजन संघ लोक सेवा आयोग द्वारा वर्ष में दो बार किया जाता है। इस परीक्षा के माध्यम से भारतीय सैन्य अकादमी, अधिकारी प्रशिक्षण अकादमी, भारतीय नौसेना अकादमी, तथा भारतीय वायुसेना अकादमी में अधिकारियों की भर्ती की जाती है।

12. संयुक्त विधि प्रवेश परीक्षा (क्लेट): संयुक्त विधि प्रवेश परीक्षा राष्ट्रीय विधि विद्यालयों तथा विधि विश्वविद्यालयो के विभिन्न स्नातक और स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों (एल.एल.बी एवं एल.एल.एम) में प्रवेश के लिए भारत भर में स्थापित किये गये 15 स्कूल/विश्वविद्यालयों द्वारा बारी–बारी से आयोजित की जाती है।

13. राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (यूजीसी नेट): राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा भारत में एक राष्ट्रीय पात्रता प्रवेश परीक्षा होती हैं। ये स्नातकोत्तर प्रतियोगियों के लिये विश्वविद्यालयों में शिक्षण प्रवेश हेतु अर्हक परीक्षा होती हैं। इसका आयोजन अर्ध-वार्षिक रूप से विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा किया जाता है। ज्ञातव्य है कि वर्ष 2009 के दिशानिर्देश के तहत विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने कालेजों में प्रोफेसर बनने के लिए इस परीक्षा की पात्रता को अनिवार्य बना दिया था।

14. केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा (सीटीईटी): केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा सीबीएसई द्वारा आयोजित पात्रता परीक्षा है। यह स्कूलों में अध्यापकों के लिये है। स्कूलों में छह से 14 वर्ष के बच्चों को मुफ्त एवं अनिवार्य शिक्षा का अधिकार कानून के तहत शिक्षकों की कमी को पूरा करने और गुणवत्ता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से स्कूलों में शिक्षकों की पात्रता परीक्षा का आयोजन की जा रही है।

15. संयुक्त प्रवेश स्क्रीनिंग परीक्षा (जेईई): संयुक्त प्रवेश परीक्षा में रैंक निर्धारित करने के लिए 12वी कक्षा के अंको को अहमियत नहीं दी जाती है। जेईई रैंक के आधार पर आईआईटी/एनआईटी/आईआईटी और इसे अन्य सीएफ़टीआई में प्रवेश के लिए उम्मीदवार की योग्यता 12वी कक्षा में न्यूनतम 75 प्रतिशत अंक है या सम्बंधित बोर्ड की 12वी कक्षा की परीक्षा में 20 सर्वाधिक परसेटाइल में शामिल होना है। एससी/एसटी उम्मीदवारों के लिए यह योग्यता 12वी कक्षा में 65 प्रतिशत अंक है।

इन्हें भी पढ़े: एसएससी परीक्षा की तैयारी के लिए महत्वपूर्ण सामान्य ज्ञान टिप्स

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भारत के ताप विद्युत संयंत्र की सूची

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भारत के मुख्य ताप विद्युत केन्द्र: (List of Thermal Power Plants/Stations of India in Hindi)

विद्युत किसे कहते है?

विद्युत ऊर्जा का स्रोत है और यह प्राकृतिक खनिज, पानी और जीवाश्म ईंधन से उत्पादित की जा सकती है। इसके अतिरिक्त ऊर्जा के गैर-परंपरागत, वैकल्पिक, नए और फिर से उपयोग में लाए जा सकने वाले स्रोतों, जैसे-सौर, पवन और जैव ऊर्जा, आदि के विकास और संवर्द्धन पर लगातार ध्यान दिया जा रहा है।

भारत में बिजली का विकास 19वीं सदी के अंत में शुरू हुआ। सन् 1897 में दार्जिलिंग में बिजली आपूर्ति शुरू हुई। 1899 में एक थर्मल केन्द्र कोलकाता में लगाया गया। तब उसके बाद 1899 में तमिलनाडु में मेथुर में और 1902 में कर्नाटक में शिवसमुद्रम में जल-विद्युत केंद्र काम करने लगा। स्वतंत्रता से पहले बिजली की आपूर्ति मुख्य तौर पर निजी क्षेत्र करता था और यह सुविधा भी कुछ शहरों तक ही सीमित थी। 1948 में जारी विद्युत आपूर्ति अधिनियम और पंचवर्षीय योजनाओं के विभिन्न चरणों में राज्य बिजली बोडॉ का गठन, देशभर में बिजली आपूर्ति उद्योग के सुव्यवस्थित विकास की ओर एक महत्वपूर्ण कदम था।

एनटीपीसी लिमिटेड:

एनटीपीसी लिमिटेड (पूर्व नाम – राष्ट्रीय तापविद्युत निगम) भारत की सबसे बड़ी विद्युत उत्पादक कम्पनी है। सन् 2016 में के लिए विश्‍व की 2000 सबसे बड़ी कंपनियों में एनटीपीसी का 400 वां स्‍थान है। मई, 2010 को एनटीपीसी यह प्रतिष्ठा प्राप्त करने वाली सम्मानित चार कंपनियों में से, एक महारत्न कंपनी बन गई। यह भारत की सार्वजनिक क्षेत्र की कम्पनी है जो मुम्बई स्टॉक विनिमय में पंजीकृत है।

राष्ट्रीय ताप विद्युत निगम (एन.टी.पी.सी.) की स्थापना 1975 में नई दिल्ली में विद्युत के रख-रखाव हेतु की गई थी। राष्ट्रीय जल-विद्युत निगम (एन.एच.पी.सी.) की स्थापना 1975 में जल-विद्युत का सर्वांगीण विकास करने के उद्देश्य से की गई। एनएचपीसी के मुख्य उद्देश्यों में योजना बनाना, भारत और विदेश में परंपरागत व गैर-परंपरागत संसाधनों के माध्यम से इसके सभी पहलुओं में बिजली के एक एकीकृत एवं कुशल विकास को बढ़ावा देना एवं आयोजित करना और स्टेशनों में उत्पादित बिजली के ट्रांसमिशन, वितरण, कारोबार और बिक्री को बढ़ावा देना शामिल है। भारतीय बिजली ग्रिड निगम लिमिटेड (पावर ग्रिड) को 23 अक्टूबर, 1989 को विश्वसनीयता, सुरक्षा और अर्थव्यवस्था और ठोस व्यावसायिक सिद्धांतों के साथ विभिन्न क्षेत्रों के भीतर तथा उनके बीच बिजली के हस्तांतरण के लिए क्षेत्रीय तथा राष्ट्रीय बिजली ग्रिड की स्थापना एवं उसका संचालन करने हेतु सरकारी प्रतिष्ठान के रूप में गठित किया गया था। पावर ग्रिड को 1998 में देश के केंद्रीय ट्रांसमिशन संगठन के रूप में अधिसूचित किया गया था। 1 मई, 2008 को भारत सरकार द्वारा पावर ग्रिड को नवरत्न का दर्जा प्रदान किया गया।

ताप विद्युत:

तापीय ऊर्जा संयंत्र भारत में विद्युत के सबसे बड़े ऊर्जा स्रोत हैं। तापीय ऊर्जा संयंत्र में, जीवाश्म ईंधन (कोयला, ईंधन तेल एवं प्राकृतिक गैस) में स्थित रासायनिक ऊर्जा को क्रमशः तापीय ऊर्जा, यांत्रिक ऊर्जा एवं अंततः विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित किया जाता है।

भारत में ऊर्जा (शक्ति) विकास के शुरुआती चरणों में, तापीय ऊर्जा स्टेशन बेहद छोटे नेटवर्क कनेक्शन के साथ कई छोटे और व्यापक रूप से छितरी हुई इकाइयों में थे। दामोदर घाटी निगम परियोजना के तहत् बोकारो (झारखण्ड) में 60 मेगावाट के चार ऊर्जा स्टेशनों की स्थापना भारत में बड़े पैमाने पर तापीय ऊर्जा के विकास की दिशा में प्रथम कदम था। यह पॉवर स्टेशन बाद में विकसित किए गए तापीय ऊर्जा स्टेशनों की वृहद श्रृंखला का अगुवा रहा।

भारत के मुख्य ताप विद्युत केन्द्रों की सूची:

राज्य / केन्द्र शासित प्रदेश थर्मल पावर प्लांट / स्टेशन का नाम
आंध्र प्रदेश सिम्हाद्री सुपर थर्मल पावर प्लांट
बिहार बरौनी थर्मल पावर स्टेशन
कहलगाँव सुपर थर्मल पावर स्टेशन
मुजफ्फरपुर थर्मल पावर प्लांट
छत्तीसगढ़ भिलाई विस्तार पावर प्लांट
कोरबा सुपर थर्मल पावर प्लांट
सिपाट थर्मल पावर प्लांट
डॉ. श्यामा प्रकाश मुखर्जी थर्मल पावर प्लांट
दिल्ली बदरपुर थर्मल पावर प्लांट
इंद्रप्रस्थ पावर स्टेशन
राजघाट पावर स्टेशन
गुजरात गांधीनगर थर्मल पावर स्टेशन
झहर-गंधार थर्मल पावर स्टेशन
कावासा थर्मल पावर स्टेशन
कच्छ लिग्नाइट थर्मल पावर स्टेशन
मुंद्रा थर्मल पावर प्लांट
साबरमती थर्मल पावर स्टेशन
सिक्का थर्मल पावर स्टेशन
सूरत लिग्नाइट थर्मल पावर स्टेशन
उकाई थर्मल पावर स्टेशन
वानकॉबो थर्मल पावर स्टेशन
झारखंड बोकारो थर्मल पावर स्टेशन
चंद्रपुरा थर्मल पावर स्टेशन
पतरातू थर्मल पावर स्टेशन
कर्नाटक बेल्लारी थर्मल पावर स्टेशन
रायचूर सुपर थर्मल पावर स्टेशन
उडुपी थर्मल पावर प्लांट
मध्य प्रदेश अमरकंटक थर्मल पावर स्टेशन
संजय गांधी थर्मल पावर स्टेशन
संत सिंहजी थर्मल पावर प्लांट
सतपुरा थर्मल पावर स्टेशन
विंध्याचल सुपर थर्मल पावर स्टेशन
महाराष्ट्र अमरावती थर्मल पावर प्लांट
भुसावल थर्मल पावर स्टेशन
चंद्रपुर सुपर थर्मल पावर स्टेशन
खपरखेड़ा थर्मल पावर स्टेशन
कोरडी थर्मल पावर स्टेशन
नासिक थर्मल पावर स्टेशन
पारस थर्मल पावर स्टेशन
परळी थर्मल पावर स्टेशन
तिरोरा थर्मल पावर प्लांट
ओडिशा आईबी थर्मल पावर प्लांट
हीराकुड कैप्टिव पावर प्लांट
तालचर सुपर थर्मल पावर स्टेशन
राजस्थान अन्ता थर्मल पावर स्टेशन
बरसिंगार लिग्नाइट पावर प्लांट
छाबड़ा थर्मल पावर प्लांट
गिरल लिग्नाइट थर्मल पावर स्टेशन
राजवेस्ट लिग्नाइट पावर प्लांट
सूरतगढ़ सुपर थर्मल पावर स्टेशन
वीएस लिग्नाइट पावर प्लांट
तमिलनाडु एनर्नोर थर्मल पावर स्टेशन
मेट्टुर थेरेल पावर स्टेशन
नेवेली थर्मल पावर स्टेशन
उत्तर चेन्नई थर्मल पावर स्टेशन
टूटीकोरिन थर्मल पावर स्टेशन
उत्तर प्रदेश अनपारा थर्मल पावर स्टेशन
औरैया थर्मल पावर स्टेशन
फिरोज गांधी उन्चाहायर थर्मल पावर प्लांट
हार्डुगंज थर्मल पावर स्टेशन
राष्ट्रीय राजधानी थर्मल पावर प्लांट
ओबरा थर्मल पावर स्टेशन
पंकी थर्मल पावर स्टेशन
परिच्छा थर्मल पावर स्टेशन
रिहाना थर्मल पावर स्टेशन
रोजा थर्मल पावर स्टेशन
सिंगरौली सुपर थर्मल पावर स्टेशन
टांडा थर्मल पावर प्लांट
पश्चिम बंगाल बकरेश्वर थर्मल पावर स्टेशन
बैंडेल थर्मल पावर स्टेशन
दुर्गापुर थर्मल पावर प्लांट
दुर्गापुर थर्मल पावर स्टेशन
फारक्का सुपर थर्मल पावर स्टेशन
कोलाघाट थर्मल पावर स्टेशन
मेजिआ थर्मल पावर स्टेशन
सागरदीघी थर्मल पावर स्टेशन
संतालडीह थर्मल पावर स्टेशन

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