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भारतीय राज्यों के वर्तमान मुख्यमंत्रियों के नाम एवं उनकी राजनीतिक पार्टी 2018

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भारत के सभी राज्यों के वर्तमान मुख्यमंत्री: (Current Chief Ministers of all Indian States 2018 in Hindi)

भारतीय राज्यों के मुख्यमंत्री:

भारत गणराज्य में उन्तीस राज्यों और दो केन्द्र-शासित प्रदेशों (दिल्ली और पुद्दुचेरी) की प्रत्येक सरकार के मुखिया को मुख्यमंत्री कहा जाता है। भारतीय संविधान के अनुसार राज्य स्तर पर राज्यपाल क़ानूनन मुखिया होता है लेकिन वास्तव में कार्यकारी प्राधिकारी मुख्यमंत्री ही होता है। राज्य विधान सभा चुनावों के बाद राज्यपाल सामान्यतः सरकार बनाने के लिए बहुमत वाले दल (अथवा गठबंधन) को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित करता है।

गुजरात और हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव परिणाम 2017:

गुजरात और हिमाचल प्रदेश में हुए विधानसभा चुनावों में एक बार फिर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) का दबदबा देखने को मिला। गुजरात विधानसभा चुनावों में बीजेपी को 99 सीट, कांग्रेस को 77 सीट और वहीं अन्‍य दलों को 6 सीट पर जीत मिली हैं। वहीं हिमाचल  प्रदेश विधानसभा चुनावों में बीजेपी को 44 सीटों पर जीत मिली है। कांग्रेस को 21 सीट, वहीं अन्‍य दलों के खाते में 3 सीट गई हैं।

भाजपा केंद्रीय पर्यवेक्षक टीम ने विजय रूपानी को गुजरात का अगला मुख्यमंत्री और नितिन पटेल को उपमुख्यमंत्री चुना है और उन्होंने 26 दिसम्बर को शपथ ग्रहण की। वही जयराम ठाकुर को हिमाचल प्रदेश का नया मुख्यमंत्री चुना गया है और वह उन्होंने 27 दिसम्बर को मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ग्रहण की है। आइये जानते है इन बदलावों के बाद कौन-सा व्यक्ति किस राज्य में वर्तमान मुख्यमंत्री के पद पर आसीन है।

इन्हें भी पढे: भारतीय राज्यों के वर्तमान राज्यपालों के नाम एवं उनका कार्यकाल

भारत के सभी 29 राज्यों के वर्तमान मुख्यमंत्रियों की सूची:

राज्य का नाम मुख्यमंत्री का नाम राजनीतिक पार्टी का नाम
आंध्र प्रदेश एन. चंद्रबाबू नायडू तेलुगू देशम पार्टी
अरुणाचल प्रदेश पेमा खांडू पीपुल्स पार्टी ऑफ़ अरुणाचल
असम सर्बानन्दा सोनवाल भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी)
बिहार नितीश कुमार जनता दल (यूनाइटेड)
छत्तीसगढ़ रमन सिंह भारतीय जनता पार्टी
दिल्ली अरविंद केजरीवाल आम आदमी पार्टी
गोवा मनोहर पर्रिकर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी)
गुजरात विजय रूपानी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी)
हरियाणा मनोहर लाल खट्टर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी)
हिमाचल प्रदेश जयराम ठाकुर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी)
जम्मू और कश्मीर महबूबा मुफ्ती सईद पीडीपी, भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी)
झारखण्ड रघुबर दास भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी)
कर्नाटक सिद्धारमैया भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
केरल पिनाराई विजयन मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी
मध्य प्रदेश शिवराज सिंह चौहान भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी)
महाराष्ट्र देवेन्द्र फड़नवीस भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी)
मणिपुर एन. बीरेन सिंह भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी)
मेघालय डॉ. मुकुल संगमा भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
मिजोरम लाल थान्हावला भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
नागालैण्ड टी.आर. जेलियांग नगा पीपुल्स फ्रंट (एनपीएफ)
ओडिशा नवीन पटनायक बीजू जनता दल
पुडुचेरी (यू.टी) वी॰ नारायणस्वामी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
पंजाब कैप्टन अमरिंदर सिंह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
राजस्थान वसुंधरा राजे भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी)
सिक्किम पवन कुमार चामलिंग सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट
तमिलनाडु इदापड्डी पलानीस्वामी ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम
तेलंगाना चंद्रशेखर राव तेलंगाना राष्ट्रीय समिति (टीआरएस)
त्रिपुरा माणिक सरकार भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी)
उत्तराखंड त्रिवेंद्र सिंह रावत भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी)
उत्तर प्रदेश योगी आदित्यनाथ भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी)
पश्चिम बंगाल ममता बनर्जी अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस

अंतिम संशोधन: 31 जनवरी 2017

भारत में मुख्यमंत्री की नियुक्ति कैसे होती है:-

मुख्यमंत्री की नियुक्ति राज्यपाल के द्वारा भारतीय संविधान के अनुच्छेद 163 के तहत की जाती है। राज्यपाल मुख्यमंत्री की नियुक्ति या तो आम चुनाव के बाद करता है या फिर तब करता है, जब मुख्यमंत्री के त्यागपत्र देने के कारण या बर्ख़ास्त कर दिये जाने के कारण उसका पद रिक्त हो जाता है। आम चुनाव में किसी एक ही दल को विधानसभा में बहुमत प्राप्त हो जाये और उस दल का कोई निर्वाचित नेता हो, तब उसे मुख्यमंत्री पद पर नियुक्त करना राज्यपाल की संवैधानिक बाध्यता है। यदि मुख्यमंत्री अपने दल के आन्तरिक मतभेदों के कारण त्यागपत्र देता है, तो उस दल के नये निर्वाचित नेता को मुख्यमंत्री पद पर नियुक्त किया जाता है।

भारत में मुख्यमंत्री पद के लिए क्या-2 योग्यताएँ होनी चाहिए:-

मुख्यमंत्री पद के लिए संविधान में कोई योग्यता विहित नहीं की गयी है, लेकिन मुख्यमंत्री के लिए यह आवश्यक है कि वह राज्य विधानसभा का सदस्य हो। इस प्रकार मुख्यमंत्री में राज्य विधानसभा के सदस्य की योग्यता होनी चाहिए। राज्य विधानसभा का सदस्य न होने वाला व्यक्ति भी मुख्यमंत्री पद पर नियुक्त किया जा सकता है, लेकिन इसके लिए आवश्यक है कि वह 6 मास के अन्तर्गत राज्य विधानसभा का सदस्य निर्वाचित हो जाये। 21 सितम्बर, 2001 को उच्चतम न्यायालय के एक निर्णय के अनुसार किसी सज़ायाफ़्ता को मुख्यमंत्री पद के लिए अयोग्य माना जाएगा।

भारत में मुख्यमंत्री के कर्तव्य तथा अधिकार:-

  • वह राज्य के शासन का वास्तविक अध्यक्ष है और इस रूप में वह अपने मंत्रियों तथा संसदीय सचिवों के चयन, उनके विभागों के वितरण तथा पदमुक्ति और लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष तथा अन्य सदस्यों एवं महाधिवक्ता और अन्य महत्त्वपूर्ण पदाधिकारियों की नियुक्ति के लिए राज्यपाल को परामर्श देता है।
  • राज्य में असैनिक पदाधिकारियों के स्थानान्तरण के आदेश मुख्यमंत्री के आदेश पर जारी किये जाते हैं तथा वह राज्य की नीति से सम्बन्धित विषयों के सम्बन्ध में निर्णय करता है।
  • वह राष्ट्रीय विकास परिषद में राज्य का प्रतिनिधित्व करता है।
  • मुख्यमंत्री परिषद की बैठक की अध्यक्षता करता है तथा सामूहिक उत्तरदायित्व के सिद्धान्त का पालन करता है। यदि मंत्रिपरिषद का कोई सदस्य मंत्रिपरिषद की नीतियों से भिन्न मत रखता है, तो मुख्यमंत्री उसे त्यागपत्र देने के लिए कहता है या राज्यपाल उसे बर्ख़ास्त करने की सिफ़ारिश कर सकता है।
  • वह राज्यपाल को राज्य के प्रशासन तथा विधायन सम्बन्धी सभी प्रस्तावों की जानकारी देता है।
  • यदि मंत्रिपरिषद के किसी सदस्य ने किसी विषय पर अकेले निर्णय लिया है, तो राज्यपाल के कहने पर उस निर्णय को मंत्रिपरिषद के समक्ष विचारार्थ रख सकता है।
  • वह राज्यपाल को विधानसभा भंग करने की सलाह देता है।

भारत में मुख्यमंत्री को किन-2 स्थितियों में बर्ख़ास्त किया जा सकता है:-

सामान्यत: मुख्यमंत्री अपने पद पर तब तक बना रहता है, जब तक उसे विधानसभा का विश्वास मत प्राप्त रहता है। अत: जैसे ही उसका विधानसभा में बहुमत समाप्त हो जाता है, उसे त्यागपत्र दे देना चाहिए। यदि वह त्यागपत्र नहीं देता है, तो राज्यपाल उसे बर्ख़ास्त कर सकता है। इसके अतिरिक्त मुख्यमंत्री निम्नलिखित स्थितियों में बर्ख़ास्त किया जा सकता है:-

  • यदि राज्यपाल मुख्यमंत्री को विधानसभा का अधिवेशन बुलाने तथा उसमें बहुमत सिद्ध करने की सलाह दे और यदि राज्यपाल के द्वारा निर्धारित अवधि के भीतर मुख्यमंत्री विधानसभा का अधिवेशन बुलाने के लिए तैयार नहीं हो, तो राज्यपाल मुख्यमंत्री को बर्ख़ास्त कर सकता है।
  • यदि राज्यपाल अनुच्छेद 356 के अधीन राष्ट्रपति को यह रिपोर्ट दे कि राज्य का शासन संविधान के अनुसार नहीं चलाया जा सकता या राष्ट्रपति को अन्य स्रोतों यह समाधान हो जाए कि शासन संविधान के प्रावधानों के अनुसार नहीं चलाया जा सकता, तो राष्ट्रपति मुख्यमंत्री को बर्ख़ास्त करके राज्य का शासन चलाने का निर्देश राज्यपाल को दे सकता है।
  • जब मुख्यमंत्री के विरुद्ध राज्य विधानसभा में प्रस्ताव पारित हो जाए और मुख्यमंत्री त्यागपत्र देने से इन्कार कर दे, तब राज्यपाल मुख्यमंत्री को बर्ख़ास्त कर सकता है।

और जानिये : भारतीय राज्यों के वर्तमान मुख्यमंत्रियों के नाम एवं उनकी राजनीतिक पार्टी 2018


भारतीय राज्यों के वर्तमान राज्यपालों के नाम एवं उनका कार्यकाल की सूची 2018

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भारत के सभी राज्यों के वर्तमान राज्यपाल एवं उप-राज्यपाल 2018: (Current Governors of Indian States 2018 in Hindi)

राज्यपाल किसे कहते है?

भारत गणराज्य में राज्यपाल 29 राज्यों में राज्य प्रमुख का संवैधानिक पद होता है। राज्यपाल की नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति 5 वर्ष के लिए करते हैं और वे राष्ट्रपति की मर्जी पर पद पर रहते हैं। राज्यपाल राज्य सरकार का विधित मुखिया होता है जिसकी कार्यकारी कार्रवाई राज्यपाल के नाम पर सम्पन्न होती है।

भारतीय राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 30 सितम्बर 2017 को देश के पांच राज्यों में नए राज्यपालों की नियुक्ति की है। जिन राज्यों के राज्यपालों (गवर्नरों) को बदला गया है, उनमें मेघालय, असम, अरुणाचल प्रदेश, तमिलनाडु और बिहार शामिल हैं। इसके अलावा अण्डमान और निकोबार द्वीपसमूह के उपराज्यपाल को भी बदला गया है। आइये जानते है इन बदलावों के बाद कौन किस राज्य में राज्यपाल पद पर कार्यरत है:-

भारत के सभी 29 राज्यों के वर्तमान राज्यपालों की सूची:

राज्य का नाम राज्यपाल का नाम पदग्रहण (कार्यकाल अवधि)
अरुणाचल प्रदेश ब्रिगेडियर बीडी मिश्रा 03 अक्टूबर 2017
असम जगदीश मुखी 10 अक्टूबर 2017
आन्ध्र प्रदेश ई॰एस॰एल॰ नरसिंहन 28 दिसम्बर 2009 (06 वर्ष, 123 दिन)
उत्तर प्रदेश राम नाईक 14 जुलाई 2014 (01 वर्ष, 290 दिन)
उत्तराखण्ड कृष्णकांत पॉल 08 जनवरी 2015 (01 वर्ष, 112 दिन)
ओडिशा एस॰सी॰ जमीर 21 मार्च 2013 (03 वर्ष, 39 दिन)
कर्नाटक वजूभाई वाला 01 सितम्बर 2014 (01 वर्ष, 241 दिन)
केरल पलनिस्वामी सदाशिवम 05 सितम्बर 2014 (01 वर्ष, 237 दिन)
गुजरात ओम प्रकाश कोहली 16 जुलाई 2014 (01 वर्ष, 288 दिन)
गोवा मृदुला सिन्हा 31 अगस्त 2014 (01 वर्ष, 242 दिन)
छत्तीसगढ बलराम जी दास टंडन 25 जुलाई 2014 (01 वर्ष, 279 दिन)
जम्मू और कश्मीर नरिंदर नाथ वोहरा 25 जून 2008 (07 वर्ष, 309 दिन)
झारखण्ड द्रौपदी मुर्मू 18 मई 2015 (0 वर्ष, 347 दिन)
तमिलनाडु बनवारी लाल पुरोहित 06 अक्टूबर 2017
तेलंगाना ई॰एस॰एल॰ नरसिंहन (अतिरिक्त प्रभार) 02 जून 2014 (01 वर्ष, 332 दिन)
त्रिपुरा तथागता रॉय 20 मई 2015 (345 दिन)
नागालैण्ड पद्मनाभ बालकृष्ण आचार्य 19 जुलाई 2014 (01 वर्ष, 285 दिन)
पंजाब कप्तान सिंह सोलंकी (अतिरिक्त प्रभार) 22 जनवरी 2015 (01 वर्ष, 98 दिन)
पश्चिम बंगाल केशरी नाथ त्रिपाठी 24 जुलाई 2014 (01 वर्ष, 280 दिन)
बिहार सत्यपाल मलिक 22 जून 2017
मणिपुर डॉ॰ नजमा हेपतुल्ला 21 अगस्त 2016 (362)
मध्य प्रदेश आनंदीबेन पटेल 23 जनवरी 2018
महाराष्ट्र चेन्नामनेनी विद्यासागर राव 30 अगस्त 2014 (01 वर्ष, 243 दिन)
मिज़ोरम निर्भय शर्मा 26 मई 2015 (339 दिन)
मेघालय गंगा प्रसाद 05 अक्टूबर 2017
राजस्थान कल्‍याण सिंह 04 सितम्बर 2014 (01 वर्ष, 238 दिन)
सिक्किम श्रीनिवास दादासाहेब पाटील 20 जुलाई 2013 (02 वर्ष, 284 दिन)
हरियाणा कप्तान सिंह सोलंकी 27 जुलाई 2014 (01 वर्ष, 277 दिन)
हिमाचल प्रदेश आचार्य देव व्रत 12 अगस्त 2015 (261 दिन)

इन्हें भी पढे: भारतीय राज्यों के वर्तमान मुख्यमंत्रियों के नाम एवं उनकी राजनीतिक पार्टी

भारत के केन्द्रशासित प्रदेशों के वर्तमान प्रशासक और उप-राज्यपालों की सूची:-

केन्द्रशासित प्रदेश नाम पद ग्रहण(कार्यकाल अवधि)
अण्डमान और निकोबार द्वीपसमूह (उपराज्यपाल) देवेंद्र कुमार जोशी 09 अक्टूबर 2017
चण्डीगढ़ (प्रशासक) वी.पी. सिंह बदनोर 22 अगस्त, 2016
दमन और दीव (प्रशासक) प्रफुल्ल पटेल 29 अगस्त, 2016
दादरा और नगर हवेली (प्रशासक) प्रफुल्ल पटेल 30 दिसम्बर, 2016
दिल्ली (उपराज्यपाल) अनिल बैजल 31 दिसम्बर, 2016
पुदुच्चेरी (उपराज्यपाल) किरन बेदी 29 मई, 2016
लक्षद्वीप (प्रशासक) फ़ारुक़ ख़ान 06 सितम्बर, 2016

अंतिम संशोधन: 23 जनवरी 2018

राज्यपाल के पद में लिए योग्ताएं:

अनुच्छेद 157 के अनुसार राज्यपाल पद पर नियुक्त किये जाने वाले व्यक्ति में निम्नलिखित योग्यताओं का होना अनिवार्य है:-

  • वह भारत का नागरिक हो।
  • वह 35 वर्ष की आयु पूरी कर चुका हो।
  • वह राज्य सरकार या केन्द्र सरकार या इन राज्यों के नियंत्रण के अधीन किसी सार्वजनिक उपक्रम में लाभ के पद पर न हो
  • वह राज्य विधानसभा का सदस्य चुने जाने के योग्य हो।

राज्यपाल की नियुक्ति:

संविधान के अनुच्छेद 155 के अनुसार- राज्यपाल की नियुक्ति राष्ट्रपति के द्वारा प्रत्यक्ष रूप से की जाएगी, किन्तु वास्तव में राज्यपाल की नियुक्ति राष्ट्रपति के द्वारा भारत के प्रधानमंत्री की सिफ़ारिश पर की जाती है। राज्यपाल की नियुक्ति के सम्बन्ध में निम्न दो प्रकार की प्रथाएँ बन गयी थीं:-

  • किसी व्यक्ति को उस राज्य का राज्यपाल नहीं नियुक्त किया जाएगा, जिसका वह निवासी है।
  • राज्यपाल की नियुक्ति से पहले सम्बन्धित राज्य के मुख्यमंत्री से विचार विमर्श किया जाएगा।

यह प्रथा 1950 से 1967 तक अपनायी गयी, लेकिन 1967 के चुनावों में जब कुछ राज्यों में गैर कांग्रेसी सरकारों का गठन हुआ, तब दूसरी प्रथा को समाप्त कर दिया गया और मुख्यमंत्री से विचार विमर्श किए बिना राज्यपाल की नियुक्ति की जाने लगी।

राज्यपाल की उन्मुक्तियाँ तथा विशेषाधिकार:

राज्यपाल को निम्नलिखित विशेषाधिकार तथा उन्मुक्तियाँ प्राप्त हैं:-

  • राज्यपाल अपने पद की शक्तियों के प्रयोग तथा कर्तव्यों के पालन के लिए किसी न्यायालय के प्रति उत्तरदायी नहीं है।
  • राज्यपाल की पदावधि के दौरान उसके विरुद्ध किसी भी न्यायालय में किसी भी प्रकार की आपराधिक कार्यवाही प्रारम्भ नहीं की जा सकती।
  • जब राज्यपाल पद पर आरूढ़ हो, तब उसकी गिरफ्तारी या कारावास के लिए किसी भी न्यायालय से कोई आदेशिका जारी नहीं की जा सकती।
  • राज्यपाल का पद ग्रहण करने से पूर्व या पश्चात उसके द्वारा व्यक्तिगत क्षमता में किये गये कार्य के सम्बन्ध में कोई सिविल कार्यवाही करने के पहले उसे दो मास पूर्व सूचना देनी पड़ती है।

और जानिये : भारतीय राज्यों के वर्तमान राज्यपालों के नाम एवं उनका कार्यकाल की सूची 2018

भारत में कृषि का महत्व, इतिहास, प्रमुख फसलें एवं उनकी विशेषताओं की सूची

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भारत में कृषि का महत्व, इतिहास, प्रमुख फसलें एवं विशेषतायें: (Importance of Agriculture in India, History, Major Crops and Characteristics)

भारतीय अर्थव्यवस्था में कृषि का महत्व:

फसल या सस्य किसी समय-चक्र के अनुसार वनस्पतियों या वृक्षों पर मानवों व पालतू पशुओं के उपभोग के लिए उगाकर काटी या तोड़ी जाने वाली पैदावार को कहते हैं। जब से कृषि का आविष्कार हुआ है बहुत से मानवों के जीवनक्रम में फ़सलों का बड़ा महत्व रहा है।

कृषि भारत की अर्थव्यवस्था की रीढ़ मानी जाती है। विभिन्न पंचवर्षीय योजनाओं द्वारा चलाए जा रहे विभिन्न कार्यक्रमों एवं प्रयासों से कृषि को राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में गरिमापूर्ण दर्जा मिला है। कृषि क्षेत्रों में लगभग 64% श्रमिकों को रोज़गार मिला हुआ है। 1950-51 में कुल घरेलू उत्पाद में कृषि का हिस्सा 59.2% था जो घटकर 1982-83 में 36.4% और 1990-91 में 34.9% तथा 2001-2002 में 25% रह गया। यह 2006-07 की अवधि के दौरान औसत आधार पर घटकर 18.5% रह गया।

उत्तर भारत, पाकिस्तान व नेपाल में रबी की फ़सल और ख़रीफ़ की फ़सल दो बड़ी घटनाएँ हैं जो बड़ी हद तक इन क्षेत्रों के ग्रामीण जीवन को निर्धारित करती हैं। इसी तरह अन्य जगहों के स्थानीय मौसम, धरती, वनस्पति व जल पर आधारित फ़सलें वहाँ के जीवन-क्रमों पर गहरा प्रभाव रखती हैं।

भारत में कृषि का इतिहास:

कृषि भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। भारत में कृषि सिंधु घाटी सभ्यता के दौर से की जाती रही है। भारत में कृषि में 1960 के दशक के मध्य तक पारंपरिक बीजों का प्रयोग किया जाता था जिनकी उपज अपेक्षाकृत कम थी। उन्हें सिंचाई की कम आवश्यकता पड़ती थी। किसान उर्वरकों के रूप में गाय के गोबर आदि का प्रयोग करते थे।

1960 के बाद उच्च उपज बीज का प्रयोग शुरु हुआ। इससे सिंचाई और रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों का प्रयोग बढ़ गया। इस कृषि में सिंचाई की अधिक आवश्यकता पड़ने लगी। इसके साथ ही गेहूँ और चावल के उत्पादन में काफी वृद्धी हुई जिस कारण इसे हरित क्रांति भी कहा गया। सन् 2007 में भारतीय अर्थव्यवस्था में कृषि एवं सम्बन्धित कार्यों (जैसे वानिकी) का सकल घरेलू उत्पाद में हिस्सा 16.6% था।

भारत में विविध प्रकार की फसलें विविध ऋतुओं में उत्पादित होती है। यहां मुख्यतया 3 फसली ऋतुएं मिलती हैं:-

  1. खरीफ की फ़सल
  2. रबी की फ़सल
  3. जायद की फ़सल

1. रबी की फ़सल किसे कहते है?

शीत ऋतु की फसलें रबी कहलाती है। इन फसलों की बुआई के समय कम तापमान तथा पकते समय खुश्क और गर्म वातावरण की आवश्यकता होती है। ये फसलें सामान्यतः अक्तूबर-नवम्बर के महिनों में बोई जाती हैं।

  • रबी फ़सल का पौधा लगाने का समयः अक्टूबर से दिसम्बर।
  • रबी फसल की कटाई का समयः फरवरी से अप्रैल।
  • रबी की प्रमुख फसलें: गेहूं, जौ, जई, मटर, चना, सरसों, बरसीम, आलू, मसूर, लुसर्न, आदि।

2. ख़रीफ़ की फ़सल किसे कहते है?

वर्षा ऋतु की फसलें खरीफ कहलाती हैं। इन फसलों को बोते समय अधिक तापमान एवं आर्द्रता तथा पकते समय शुष्क वातावरण की आवश्यकता होती है। उत्तर भारत में इनको जून-जुलाई में बोते हैं और इन्हें अक्टूबर के आसपास काटा जाता है।

  • ख़रीफ़ फ़सल का पौधा लगाने का समयः मई से जुलाई
  • खरीफ फसल की कटाई का समयः सितम्बर से अक्टूबर
  • खरीफ की प्रमुख फसलें: ज्वार, बाजरा, धान, मक्का, मूंग, सोयाबीन, लोबिया, मूंगफली, कपास, जूट, गन्ना, तम्बाकू, आदि।

3. ज़ायद की फ़सल किसे कहते है? 

खरीफ और रबी की फसलों के बाद संपूर्ण वर्ष में कृत्रिम सिंचाई के माध्यम से कुछ क्षेत्रें में जायद की फसल उगाई जाती है। इस वर्ग की फसलों में तेज गर्मी और शुष्क हवाएँ सहन करने की अच्छी क्षमता होती हैं। उत्तर भारत में ये फसलें मूख्यतः मार्च-अप्रैल में बोई जाती हैं।इसे दो श्रेणी में रखा जाता है जिसे तालिका से समझा जा सकता है।

जायद खरीफ:

  • बीज लगाने का समयः अगस्त से सितम्बर
  • फसलों की कटाई का समयः दिसंबर से जनवरी
  • प्रमुख फसलें: धान, ज्वार, रेप्सीड, कपास, तिलहन, आदि।

जायद रबी:

  • बीज लगाने का समयः फरवरी से मार्च
  • फसलों की कटाई का समयः अप्रैल से मई
  • प्रमुख फसलें: खरबूजा, तरबूज, ककड़ी, मूंग, लोबीया, पत्तेदार सब्जियां, आदि।

व्यापारिक फसलें किसे कहते है?

वे फसलें जिन्हें उगाने का मुख्य उद्देश्य व्यापार करके धन अर्जित करना होता है। जिसे किसान या तो संपूर्ण रूप से बेच देते हैं या फिर आंशिक रूप से उपयोग करते है तथा शेष बड़ा हिस्सा बेच देते हैं।

मुख्य व्यापारिक फसलें इस प्रकार हैं:-

  • तिलहन: मूंगफली, सरसों, तिल, अलसी, अण्डी, सूर्यमुखी।
  • शर्करा वाली फसलें: गन्ना, चुकन्दर।
  • रेशे वाली फसलें: जूट, मेस्टा, सनई और कपास।
  • उद्दीपक फसलें: तम्बाकू।
  • पेय फसलें: चाय और कहवा।

भारतीय कृषि की विशेषताएँ:

भारतीय कृषि की प्रमुख विशेषतायें इस प्रकार हैं:-

  • भारतीय कृषि का अधिकांश भाग सिचाई के लिए मानसून पर निर्भर करता है।
  • भारतीय कृषि की महत्त्वपूर्ण विशेषता जोत इकाइयों की अधिकता एवं उनके आकार का कम होना है।
  • भारतीय कृषि में जोत के अन्तर्गत कुल क्षेत्रफल खण्डों में विभक्त है तथा सभी खण्ड दूरी पर स्थित हैं।
  • भूमि पर प्रत्यक्ष एवं परोक्ष रूप से जनसंख्या का अधिक भार है।
  • कृषि उत्पादन मुख्यतया प्रकृति पर निर्भर रहता है।
  • भारतीय कृषक ग़रीबी के कारण खेती में पूँजी निवेश कम करता है।
  • खाद्यान्न उत्पादन को प्राथमिकता दी जाती है।
  • कृषि जीविकोपार्जन की साधन मानी जाती हें
  • भारतीय कृषि में अधिकांश कृषि कार्य पशुओं पर निर्भर करता है।

भारत की प्रमुख फसलें (Major crops of India in Hindi):

भारत एक कृषिप्रधान देश है तथा यहाँ पर अनेक प्रकार की फसलें उगाई जाती हैं। यहाँ पर हम भारत की प्रमुख फसलों के बारे महत्वपूर्ण सामान्य ज्ञान जानकारी दी गई है:-

  • चावल की फसल: चावल भारत में सबसे अधिक उगाई जाने वाली फसल है। चावल उगाने के लिए 75 से.मी. से 200 से.मी. तक की वर्षा की आवश्यकता होती है। चावल बोते समय 20 डिग्री सेल्शियस तथा काटते समय 27 डिग्री सेल्शियस तापमान होना चाहिए। चिकनी, कछारी तथा दोमट मिट्टी को चावल की खेती के लिए उपयुक्त माना जाता है। छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल, बिहार, आन्ध्र प्रदेश, ओड़िसा, उत्तर प्रदेश तथा तमिलनाडु चावल के प्रमुख उत्पादक राज्य हैं।
  • गेहूँ की फसल: गेहूँ उत्तर भारत की सबसे पसंदीदा फसल है। गेहूँ उगाने के लिए 25 से.मी. से 75 से.मी. तक की वर्षा की आवश्यकता होती है। चावल बोते समय 10 डिग्री सेल्शियस तथा काटते समय 25 डिग्री सेल्शियस तापमान होना चाहिए। चिकनी तथा हल्की दोमट मिट्टी को गेहूँ की खेती के लिए उपयुक्त माना जाता है। पंजाब, हरयाणा, बिहार, उत्तर प्रदेश तथा मध्य प्रदेश गेहूँ के प्रमुख उत्पादक राज्य हैं।
  • ज्वार की फसल: ज्वार भारत की प्रमुख फसलों में से एक है। ज्वार उगाने के लिए 30 से.मी. से 100 से.मी. तक की वर्षा की आवश्यकता होती है। ज्वार बोते समय 21 डिग्री सेल्शियस तथा काटते समय 25 डिग्री सेल्शियस तापमान होना चाहिए। हल्की दोमट मिट्टी को चावल की खेती के लिए उपयुक्त माना जाता है। महाराष्ट्र, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, आन्ध्र प्रदेश, तथा तमिलनाडु ज्वार के प्रमुख उत्पादक राज्य हैं।
  • बाजरा की फसल: बाजरा भारत की प्रमुख फसलों में से एक है। बाजरा उगाने के लिए 50 से.मी. से 70 से.मी. तक की वर्षा की आवश्यकता होती है। बाजरा बोते समय 25 डिग्री सेल्शियस तथा काटते समय 35 डिग्री सेल्शियस तापमान होना चाहिए। बालुई मिट्टी को बाजरा की खेती के लिए उपयुक्त माना जाता है। महाराष्ट्र, तमिलनाडु, पंजाब, आन्ध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश तथा राजस्थान बाजरा के प्रमुख उत्पादक राज्य हैं।
  • मक्का की फसल: मक्का भारत की प्रमुख फसलों में से एक है। मक्का उगाने के लिए 50 से.मी. से 100 से.मी. तक की वर्षा की आवश्यकता होती है। मक्का बोते समय 25 डिग्री सेल्शियस तथा काटते समय 30 डिग्री सेल्शियस तापमान होना चाहिए। गहरी दोमट मिट्टी को मक्के की खेती के लिए उपयुक्त माना जाता है। उत्तर प्रदेश, बिहार, पजाब तथा राजस्थान मक्का के प्रमुख उत्पादक राज्य हैं।
  • मूंगफली की फसल: मूंगफली भारत की प्रमुख फसलों में से एक है। मूंगफली उगाने के लिए 75 से.मी. से 150 से.मी. तक की वर्षा की आवश्यकता होती है। मूंगफली बोते समय 15 डिग्री सेल्शियस तथा काटते समय 25 डिग्री सेल्शियस तापमान होना चाहिए। हल्की रेतीली मिट्टी को मूंगफली की खेती के लिए उपयुक्त माना जाता है। गुजरात, आन्ध्र प्रदेश, तमिलनाडु, कर्नाटक, महाराष्ट्र तथा छत्तीसगढ़ मूंगफली के प्रमुख उत्पादक राज्य हैं।
  • चाय की फसल: चाय भारत की प्रमुख फसलों में से एक है। चाय उगाने के लिए 200 से.मी. से 300 से.मी. तक की वर्षा की आवश्यकता होती है। चाय बोते समय 24 डिग्री सेल्शियस तथा काटते समय 30 डिग्री सेल्शियस तापमान होना चाहिए। हल्की तथा उपजाऊ मिट्टी को चाय के बगानों के लिए उपयुक्त माना जाता है। गुजरात, आन्ध्र प्रदेश, तमिलनाडु, कर्नाटक, महाराष्ट्र तथा छत्तीसगढ़ चाय के प्रमुख उत्पादक राज्य हैं।
  • कपास की फसल: कपास भारत की प्रमुख फसलों में से एक है। कपास उगाने के लिए 50 से.मी. से 100 से.मी. तक की वर्षा की आवश्यकता होती है। कपास बोते समय 20 डिग्री सेल्शियस तथा काटते समय 40 डिग्री सेल्शियस तापमान होना चाहिए। गहरी तथा मध्यम काली मिट्टी को कपास की खेती के लिए उपयुक्त माना जाता है। पंजाब, गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक, तथा हरयाणा कपास के प्रमुख उत्पादक राज्य हैं।
  • गन्ना की फसल: गन्ना भारत की प्रमुख फसलों में से एक है। गन्ना उगाने के लिए 100 से.मी. से 150 से.मी. तक की वर्षा की आवश्यकता होती है। गन्ना बोते समय 30 डिग्री सेल्शियस तथा काटते समय 35 डिग्री सेल्शियस तापमान होना चाहिए। दोमट या नमी वाली गहरी तथा चिकनी मिट्टी को गन्ने की खेती के लिए उपयुक्त माना जाता है। उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, कर्नाटक तथा आन्ध्र प्रदेश गन्ना के प्रमुख उत्पादक राज्य हैं।
  • जूट की फसल: जूट भारत की प्रमुख फसलों में से एक है। जूट उगाने के लिए 100 से.मी. से 200 से.मी. तक की वर्षा की आवश्यकता होती है। जूट बोते समय 25 डिग्री सेल्शियस तथा काटते समय 35 डिग्री सेल्शियस तापमान होना चाहिए। कांप मिट्टी को जूट की खेती के लिए उपयुक्त माना जाता है। पश्चिम बंगाल, बिहार, असम, ओड़िसा तथा आन्ध्र प्रदेश जूट के प्रमुख उत्पादक राज्य हैं।
  • सरसों की फसल: सरसों भारत की प्रमुख फसलों में से एक है। सरसों उगाने के लिए 75 से.मी. से 150 से.मी. तक की वर्षा की आवश्यकता होती है। सरसों बोते तथा काटते समय 20 डिग्री सेल्शियस तापमान होना चाहिए। दोमट मिट्टी को सरसों की खेती के लिए उपयुक्त माना जाता है। राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात, पश्चिम बंगाल, पंजाब तथा असम सरसों के प्रमुख उत्पादक राज्य हैं।
  • रेपसीड की फसल: रेपसीड भारत की प्रमुख फसलों में से एक है। रेपसीड उगाने के लिए 75 से.मी. से 150 से.मी. तक की वर्षा की आवश्यकता होती है। रेपसीड बोते तथा काटते समय 20 डिग्री सेल्शियस तापमान होना चाहिए। दोमट मिट्टी को रेपसीड की खेती के लिए उपयुक्त माना जाता है। राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात, पश्चिम बंगाल, पंजाब तथा असम रेपसीड के प्रमुख उत्पादक राज्य हैं।
  • चने की फसल: चना भारत की प्रमुख फसलों में से एक है। चना उगाने के लिए 100 से.मी. से 200 से.मी. तक की वर्षा की आवश्यकता होती है। चना बोते समय 25 डिग्री सेल्शियस तथा काटते समय 35 डिग्री सेल्शियस तापमान होना चाहिए। हल्की दोमट तथा चिकनी मिट्टी को चने की खेती के लिए उपयुक्त माना जाता है। पंजाब, हरयाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल, तथा महाराष्ट्र चना के प्रमुख उत्पादक राज्य हैं।

इन्हें भी पढ़े: विश्व की प्रमुख फसलें एवं उत्पादक देश

और जानिये : भारत में कृषि का महत्व, इतिहास, प्रमुख फसलें एवं उनकी विशेषताओं की सूची

भारत की प्रमुख जांच समितियाँ एवं आयोगों के नाम तथा उनके क्षेत्रों की सूची

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भारत की प्रमुख जांच समिति एवं आयोगों की सूची: (Important Committees and Commissions of India in Hindi)

यहां पर भारत की प्रमुख जांच समिति एवं आयोग के बारे में महत्वपूर्ण सामान्य ज्ञान जानकारी दी गयी है। सामान्यतः इस सूची से सम्बंधित प्रश्न प्रतियोगी परीक्षाओं में पूछे जाते है। यदि आप विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं जैसे: आईएएस, शिक्षक, यूपीएससी, पीसीएस, एसएससी, बैंक, एमबीए एवं अन्य सरकारी नौकरियों के लिए तैयारी कर रहे हैं, तो आपको भारत की प्रमुख जांच समिति एवं आयोग के बारे में अवश्य पता होना चाहिए।

भारत की प्रमुख जांच समिति एवं आयोगों की सूची

आयोग /समति जाँच/क्षेत्र
नीरजकुमार गुप्ता समिति कैशलेस लेन-देन को बढ़ावा देने के लिए गठित की गयी
नानावटी आयोग गोधरा कांड
लिब्राहन आयोग बाबरी मस्जिद
फुकन आयोग तहलका टेपकांड
हिटले कमीशन श्रम
जैन आयोग राजीव गाँधी हत्याकांड
हंटर आयोग जलियाँवाला बाग कांड
नरसिम्हन समिति बैंकिग सुधर
ज्ञान प्रकाश समिति चीनी घोटाला
रंगराजन समिति भुगतान संतुलन
राजा चेलैया समिति कर सुधार
ठक्कर आयोग इंदिरा गाँधी हत्याकांड
बलवंतराय मेहता समिति पंचायती राजव्यवस्था
सत्यम समिति वस्त्र नीति
नरेश चन्द्र समिति एविएशन सेक्टर
श्रीकृष्ण आयोग मुंबई दंगा ( 1993 )
सरकारिता आयोग केन्द्र – राज्य संबंध
गोइपोरिया समिति बैंकिंग सेवा सुधार
जानकी रमन समिति प्रतिभूति घोटाला

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प्रथम विश्‍व युद्ध होने के कारण, परिणाम और सम्बंधित महत्वपूर्ण तथ्‍य

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प्रथम विश्‍व युद्ध होने के कारण, परिणाम और सम्बंधित महत्वपूर्ण तथ्‍य: (First World War History in Hindi)

प्रथम विश्‍व युद्ध की सामान्य जानकारी:

विश्व के इतिहास में प्रथम विश्‍व युद्ध (28 जुलाई 1914 ई. से 11 नवंबर 1918 ई.) के मध्य संसार के तीन महाद्वीप यूरोप, एशिया और अफ्रीका के बीच जल, थल और आकाश में लड़ा गया। इसमें भाग लेने वाले देशों की संख्या, इसका क्षेत्र और इससे हुई क्षति के अभूतपूर्व आंकड़ों के कारण ही इसे विश्व युद्ध का नाम दिया गया। प्रथम विश्वयुद्ध 4 वर्ष (लगभग 52 महीने) तक चला था। करीब आधी दुनिया हिंसा की चपेट में चली गई और इस दौरान अनुमानतः एक करोड़ लोगों की जान गई और इससे दोगुने घायल हो गए।

इसके अलावा बीमारियों और कुपोषण जैसी घटनाओं से भी लाखों लोग मरे। विश्व युद्ध खत्म होते-होते चार बड़े साम्राज्य रूस, जर्मनी, ऑस्ट्रिया-हंगरी और उस्मानिया ढह गए। यूरोप की सीमाएं फिर से निर्धारित हुईं और अमेरिका निश्चित तौर पर एक ‘सुपर पावर’ बन कर उभरा।

प्रथम विश्वयुद्द के कारण:

  • गुप्त संधियो का प्रचलन।
  • राष्ट्रीय भावना का विकास।
  • सेन्यवाद और शस्त्रीकरण पर जोर।
  • अंतराषट्रीय अराजकता।
  • साम्राज्यवाद तथा आर्थिक प्रतिद्वंद्विता।
  • जर्मन चाँसलर विलियम केंसर का चरित्र।
  • सामाचार पत्र एव प्रचार सधनो द्वारा विसेली प्रचार।
  • अंतराष्ट्रीय शांति कायम करने वाली संस्था का अभाव।
  • तात्कालिक कारण।

प्रथम विश्‍व युद्ध से जुड़े महवपूर्ण तथ्‍य इस प्रकार हैं:

  • प्रथम विश्वयुद्ध की शुरुआत 28 जुलाई 1914 ई. में हुई।
  • प्रथम विश्वयुद्ध 4 वर्ष तक चला।
  • प्रथम विश्‍वयुद्ध में 32 देशों ने भाग लिया था।
  • प्रथम विश्वयुद्ध का तात्का‍लिक कारण ऑस्ट्रिया के राजकुमार फर्डिंनेंड की हत्या था।
  • ऑस्ट्रिया के राजकुमार की हत्या बोस्निया की राजधानी सेराजेवो में हुई.
  • प्रथम विश्वयुद्ध के दौरान दुनिया मित्र राष्ट्र और धुरी राष्ट्र दो खेमों में बंट गई.
  • धुरी राष्ट्रों का नेतृत्व जर्मनी के अलावे ऑस्ट्रिया, हंगरी और इटली जैसे देशों ने भी किया।
  • मित्र राष्ट्रों में इंगलैंड, जापान, संयुक्त राज्य अमेरिका, रूस तथा फ्रांस थे।
  • गुप्त संधियों की प्रणाली का जनक बिस्मार्क था।
  • ऑस्ट्रिया, जर्मनी और इटली के बीच त्रिगुट का निर्माण 1882 ई. में हुआ।
  • सर्बिया की गुप्त क्रांतिकारी संस्था काला हाथ थी।
  • रूस-जापान युद्ध का अंत अमेरिकी राष्ट्रपति रूजवेल्टा से हुआ।
  • मोरक्को संकट 1906 ई. में सामने आया।
  • प्रथम विश्वयुद्ध के दौरान जर्मनी ने रूस पर 1 अगस्त 1914 ई. में आक्रमण किया।
  • जर्मनी ने फ्रांस पर हमला 3 अगस्त 1914 ई. में किया।
  • इंग्‍लैंड प्रथम विश्व युद्ध में 8 अगस्त 1914 ई. को शामिल हुआ।
  • प्रथम विश्वथयुद्ध के समय अमेरिका के राष्ट्रपति वुडरो विल्सन थे।
  • जर्मनी के यू बोट द्वारा इंगलैंड लूसीतानिया नामक जहाज को डुबोने के बाद अमेरिका प्रथम विश्ववयुद्ध में शामिल हुआ। क्योंकि लूसीतानिया जहाज पर मरने वाले 1153 लोगों में 128 व्यक्ति अमेरिकी थे।
  • इटली मित्र राष्ट्र की तरफ से प्रथम विश्वयुद्ध में 26 अप्रैल 1915 ई. में शामिल हुआ।
  • प्रथम विश्वयुद्ध 11 नवंबर 1918 ई. में खत्म हुआ।
  • पेरिस शांति सम्मेलन 18 जून 1919 ई. में हुआ।
  • पेरिस शांति सम्मेलन में 27 देशों ने भाग लिया।
  • वरसाय की संधि जर्मनी और मित्र राष्ट्रों के बीच (28 जून 1919 ई.) हुई.
  • युद्ध के हर्जाने के रूप में जर्मनी से 6 अरब 50 करोड़ की राशि की मांग की गई थी।
  • अंतर्राष्ट्रीय क्षेत्र में प्रथम विश्वयुद्ध का सबसे बड़ा योगदान राष्ट्रसंघ की स्थापना था।

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और जानिये : प्रथम विश्‍व युद्ध होने के कारण, परिणाम और सम्बंधित महत्वपूर्ण तथ्‍य

विश्व के प्रमुख अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं/संगठन और उनके मुख्यालयो की सूची

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विश्व के प्रमुख अंतर्राष्ट्रीय संगठन: (Major International Organisations and their Headquarters in Hindi)

20वीं सदी में सामाजिक, राजनीतिक एवं आर्थिक क्षेत्र में कई संस्थाओं/संगठनों की स्थापना की गई है। कुछ संस्थान जैसे विश्व बैंक, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष मौद्रिक मुद्दों से निपटने के लिए, संयुक्त राष्ट्र संघ राजनीतिक मुद्दों से निपटने के लिए और यूरोपीय संघ सामाजिक और वाणिज्यिक मुद्दों से निपटने के लिए स्थापित की गई है। इन संगठनों एवं संस्थानों से संबंधित बहुत से प्रश्न विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में पूछे जाते हैं। आइये जानते है विश्व के प्रमुख अंतर्राष्ट्रीय संस्थानों के नाम, स्थापना वर्ष और मुख्यालयो के बारे में:-

विश्व के प्रमुख अंतर्राष्ट्रीय संगठनो/संस्थानों के नाम और उनके मुख्यालयो की सूची:

स्थापना वर्ष प्रमुख अंतर्राष्ट्रीय संगठनो/संस्थानों के नाम मुख्यालय (स्थान)
1894 अंतर्राष्ट्रीय ओलम्पिक कमिटी (IOC) लुसाने (Lausanne)
1957 अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) वियना (Vienna) ऑस्ट्रिया की राजधानी
1945 अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) वाशिंगटन डी. सी. (Washington DC.) अमेरिका की राजधानी
1958 अफ़्रीकी आर्थिक आयोग (ECA) आदिस-अबाबा (Addis Ababa) इथियोपिया की राजधानी
1963 अफ़्रीकी एकता संगठन (OAU) आदिस-अबाबा (Addis Ababa) इथियोपिया की राजधानी
1948 अमरीकी राज्यों का संगठन (OAS) वाशिंगटन डी. सी. (Washington DC.) अमेरिका की राजधानी
1945 अरब लीग (Arab League) काहिरा (Cairo) मिस्र की राजधानी
1961 आर्थिक सहयोग और विकास संगठन (OECD) पेरिस (Paris) फ़्रान्स की राजधानी
1923 इंटरपोल (INTERPOL) पेरिस (Paris) फ़्रान्स की राजधानी
1961 एमनेस्टी इंटरनेशनल (Amnesty International) लंदन (London) इंग्लैंड की राजधानी
एशिया और प्रशांत क्षेत्रों का आर्थिक और सामाजिक आयोग बैंकॉक (Bangkok) थाईलैण्ड की राजधानी
1966 एशियाई विकास बैंक (ADB) मनीला (Manila) फ़िलीपीन्स की राजधानी
1947 गैट (GATT) जेनेवा (Geneva) स्विट्ज़रलैंड का दूसरा सबसे बड़ा शहर
1967 दक्षिण पूर्वी एशियाई राष्ट्रों का संघ (ASEAN) जकार्ता (Jakarta) इंडोनेशिया की राजधानी
1949 नाटो (NATO) ब्रसेल्स (Brussels) बेल्जियम की राजधानी
1949-1991 परस्पर आर्थिक सहायता परिषद् (COMECON) मास्को (Moscow) रूस की राजधानी
1941 पश्चिमी एशिया आर्थिक आयोग (ECWA) बगदाद (Baghdad) इराक़ की राजधानी
1960 पेट्रोलियम उत्पादक देशों का संगठन (OPEC) वियना (Vienna) ऑस्ट्रिया की राजधानी
1946 यूनिसेफ (UNICEF) न्यूयॉर्क (New York) अमेरिका का सबसे बड़ा शहर
1946 यूनेस्को (UNESCO) पेरिस (Paris) फ़्रान्स की राजधानी
 – यूरोपियन परमाणु ऊर्जा समुदाय (EURATON) ब्रसेल्स (Brussels) बेल्जियम की राजधानी
1964 यूरोपियन स्पेस रिसर्च आर्गेनाईजेशन (ESRO) पेरिस (Paris) फ़्रान्स की राजधानी
1958 यूरोपीय आर्थिक समुदाय (EEC) जेनेवा (Geneva) स्विट्ज़रलैंड
 – यूरोपीय ऊर्जा आयोग (EEC) जेनेवा (Geneva) स्विट्ज़रलैंड
1969 यूरोपीय कॉमन मार्केट (ECM) जेनेवा (Geneva) स्विट्ज़रलैंड
1998 यूरोपीय मुक्त व्यापार संघ (ECTA) जेनेवा (Geneva) स्विट्ज़रलैंड
1928 राष्ट्रमंडल (कॉमनवेल्थ) लंदन (London) इंग्लैंड की राजधानी
1973 राष्ट्रमंडलीय राष्ट्राध्यक्ष सम्मलेन (CHOGM) स्ट्रान्सबर्ग
1863 रेडक्रॉस (Red Cross) जेनेवा (Geneva) स्विट्ज़रलैंड
1948 वर्ल्ड काउंसिल ऑफ़ चर्चेज (WCC) जेनेवा (Geneva) स्विट्ज़रलैंड
1944 विश्व बैंक (World Bank) वाशिंगटन डी. सी. (Washington DC.) अमेरिका की राजधानी
1961 विश्व वन्य जीव संरक्षण कोष (WWF) ग्लांड (Gland) स्विट्ज़रलैंड का शहर
1919 विश्व व्यापार संगठन (WTO) जेनेवा (Geneva) स्विट्ज़रलैंड
1966 संयुक्त राष्ट्र औद्योगिक विकास संगठन (UNIDO) वियना (Vienna) ऑस्ट्रिया की राजधानी
1972 संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) नैरोबी (Nairobi) कीनिया की राजधानी
1964 संयुक्त राष्ट्र व्यापार एवं विकास सम्मलेन (UNCTAD) जेनेवा (Geneva) स्विट्ज़रलैंड
1950 संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी उच्चायोग (UNHCR) जेनेवा (Geneva) स्विट्ज़रलैंड
1985 सार्क (SAARC) काठमांडू (Kathmandu) नेपाल की राजधानी
1948 विश्व स्वास्थय संगठन (WHO) जेनेवा (Geneva) स्विट्ज़रलैंड

यह भी पढे: आधुनिक भारत की प्रमुख राजनीतिक एवं राष्ट्रवादी संस्थाएं

और जानिये : विश्व के प्रमुख अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं/संगठन और उनके मुख्यालयो की सूची

भारत मेँ आयोजित होने वाली प्रमुख प्रतियोगी परीक्षाओं की सूची

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भारत की प्रमुख प्रतियोगी परीक्षाओं की सूची: (List of Major Competitive Examinations of India in Hindi)

प्रतियोगिता परीक्षा किसे कहते है?

प्रतियोगिता परीक्षा उस परीक्षा को कहते हैं जिसे परिणाम के आधार पर परीक्षार्थियों की प्रावीण्य सूची या मेरिट लिस्ट बनती है। यदि यह परीक्षा n स्थानों को भरने के लिये की गयी है तो प्रावीण्य सूची में सबसे अधिक अंक पाने वाले पहले n अभ्यर्थियों को ‘उतीर्ण’ (पास) माना जाता है।

यहाँ भारत की प्रमुख प्रतियोगी परीक्षाओं की सूची दी गयी है:-

  • सिविल सेवा परीक्षा
  • इंजीनियरी सेवा परीक्षा
  • सीपीएमटी (CPMT)
  • आईआईटी संयुक्त प्रवेश परीक्षा (IIT JEE)
  • अखिल भारतीय इंजिनीयरिंग प्रवेश परीक्षा (AIEEE)
  • सम्मिलित प्रवेश परीक्षा (कॉमन ऐडमिशन टेस्ट / CAT)
  • प्रबन्धन योग्यता परीक्षा (MAT)
  • ओपेनमैट (OpenMAT)
  • सार्वजनिक प्रवेश परीक्षा (कॉमन इंट्रैन्स टेस्ट / CET)
  • इंजीनियरी में स्नातक अभिरुचि परीक्षा या गेट (GATE)
  • राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (NDA)
  • सम्मिलित रक्षा सेवा परीक्षा (CDS)
  • संयुक्त विधि प्रवेश परीक्षा (कॉमन लॉ एडमिशन टेस्ट / CLAT)
  • यूजीसी राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (यूजीसी नेट) (NET)
  • केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा‎ (Central Teacher Eligibility Test / CTET)
  • संयुक्त प्रवेश स्क्रीनिंग परीक्षा (Joint Entrance Screening Test / JEST)

इन्हें भी पढ़े: वर्ष 2017 की आयोजित होने वाली महत्वपूर्ण प्रतियोगिता परीक्षाएँ

1. सिविल सेवा परीक्षा: सिविल सेवा परीक्षा भारत की एक प्रतियोगी परीक्षा है जिसके परिणाम के आधार पर भारत सरकार एवं राज्य सरकार की सिविल सेवाओं के अधिकारी (जैसे जिलाधिकारी) चुने जाते हैं। इस परीक्षा में तीन स्तर होते हैं: प्रारंभिक परीक्षा, मुख्य परीक्षा और मुलाकात। प्रारंभिक परीक्षा में दो प्रश्नपत्र होते हैं उनमें से पेपर 1 में मिले हुए गुणों के आधार पर मुख्य परीक्षा में चुना जाता हैं और जो दूसरा पेपर होता हैं उनमेपास होने के लिए 33% गुण अनिवार्य हैं।

2. इंजीनियरी सेवा परीक्षा: इंजीनियरी सेवा परीक्षा संघ लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित होती है। इसके माध्यम से विभिन्न सरकारी संस्थाओं (जैसे: भारतीय रेल, बीएसएनएल आदि) में इंजीनियरों की भर्ती होती है।

3. संयुक्त प्री-मेडिकल टेस्ट या सीपीएमटी: संयुक्त प्री-मेडिकल टेस्ट या सीपीएमटी एक प्रतियोगिता परीक्षा है। इसके परिणाम (मेरिट) के आधार पर भारत के मेडिकल कालेजों में प्रवेश दिया जाता है। जीवविज्ञान विषय के साथ 12वी उतीर्ण करने के बाद इस प्रतियोगिता परीक्षा में बैठा जा सकता है। इसमें जीवविज्ञान, भौतिकी और रसायन शास्त्र विषयों में अब्यर्थ्यों के ज्ञान की परीक्षा होती है।

4. आईआईटी संयुक्त प्रवेश परीक्षा: आईआईटी संयुक्त प्रवेश परीक्षा की परीक्षा भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों में स्नातक स्तर पर प्रवेश के लिये की जाती है। इसमें गणित, भौतिकी एवं रसायन विज्ञान विषयों के प्रश्नपत्र होते हैं।

5. अखिल भारतीय इंजिनीयरिंग प्रवेश परीक्षा: इस प्रतियोगिता प्रवेश परीक्षा का लोकप्रिय नाम ए.आई.ई.ई.ई भी है। इसका आयोजन केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) द्वारा किया जाता है जो मेडिकल कालेजों में प्रवेश के लिये ए आई पी एम टी की परीक्षा भी लेती है।

6. कॉमन ऐडमिशन टेस्ट या सम्मिलित प्रवेश परीक्षा (कैट): सम्मिलित प्रवेश परीक्षा या कॉमन ऐडमिशन टेस्ट (कैट) एक अखिल भारतीय प्रवेश परीक्षा है। यह भारतीय प्रबन्धन संस्थानों द्वारा सम्मिलित रूप से ली जाने वाली परीक्षा है। इसके मेरिट के आधार पर भारत के प्रबन्ध संस्थानों में प्रबन्धन के पोस्ट ग्रैजुएट पाठ्यक्रमों में प्रवेश दिया जाता है।

7. प्रबन्धन योग्यता परीक्षा (मैट): प्रबंधन क्षेत्र में योग्य एवं कुशल कर्मियों की कमी दूर करने के लिये और एक कदम आगे बढ़ाते हुए ‘ऑल इंडिया मैनेजमेंट एसोसिएशन (आइमा)’ बहुप्रतीक्षित प्रबंधन योग्यता और कौशल परीक्षा (मास्ट) शुरु की थी। पहली मास्ट परीक्षा 25 सितंबर 2011 हुई थी।

व्यवसाय एवं संगठन के सन्दर्भ में प्रबन्धन का अर्थ है – उपलब्ध संसाधनों का दक्षतापूर्वक तथा प्रभावपूर्ण तरीके से उपयोग करते हुए लोगों के कार्यों में समन्वय करना ताकि लक्ष्यों की प्राप्ति सुनिश्चित की जा सके। प्रबन्धन के अन्तर्गत आयोजन, संगठन-निर्माण, स्टाफिंग, नेतृत्व करना, तथा संगठन अथवा पहल का नियंत्रण करना आदि आते हैं।

8. ओपेन मैट परीक्षा: देश के प्रमुख बी-स्कूलों में प्रवेश के लिए कैट, मैट, जैट, जेमेट आदि अनेक एंट्रेंस लिए जाते हैं। इन सबसे अलग और खास है-ओपेनमैट, जो इग्नू संचालित मैनेजमेंट कोर्सो में प्रवेश के लिए लिया जाता है। ओपेनमैट परीक्षा में सामान्य श्रेणी के 50 प्रतिशत और आरक्षित श्रेणी के 45 प्रतिशत अंक पाने वाले फ्रेश ग्रेजुएट भी भाग ले सकते है। ओपेनमैट परीक्षा में पहले सुपरवाइजरी और मैनेजरियल कैटेगरी में कम से कम तीन वर्ष का अनुभव होना आवश्यक था पर अब इस शर्त को अब हटा लिया गया है।

9. राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (एनडीए) परीक्षा: एनडीए प्रवेश परीक्षा संघ लोकसेवा आयोग द्वारा प्रतिवर्ष दो बार आयोजित की जाती है। एनडीए में भर्ती होने के लिए आपको 12 वीं कक्षा में उत्तीर्ण होना अनिवार्य है। इस परीक्षा के लिए विज्ञापन रोजगार समाचार, रोजगार और निर्माण तथा देश के प्रमुख समाचार-पत्रों में मार्च-अप्रैल और अक्टूबर-नवंबर में जारी किए जाते हैं।

10. इंजीनियरी में स्नातक अभिरुचि परीक्षा (गेट): इंजीनियरी में स्नातक अभिरुचि परीक्षा (गेट) एक अखिल भारतीय परीक्षा है जिसका आयोजन और संचालन गेट-समिति द्वारा भारत भर में स्थित आठ अंचलों में किया जाता है। समिति में भारतीय विज्ञान संस्थान, बंगलौर तथा सात भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों के संकाय सम्मिलित होते हैं और यह राष्ट्रीय समन्वयबोर्ड-गेट, शिक्षा विभाग, मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार की ओर से इस परीक्षा का आयोजन करती है।

11. सम्मिलित रक्षा सेवा परीक्षा (एसडीएस): सम्मिलित रक्षा सेवा परीक्षा का आयोजन संघ लोक सेवा आयोग द्वारा वर्ष में दो बार किया जाता है। इस परीक्षा के माध्यम से भारतीय सैन्य अकादमी, अधिकारी प्रशिक्षण अकादमी, भारतीय नौसेना अकादमी, तथा भारतीय वायुसेना अकादमी में अधिकारियों की भर्ती की जाती है।

12. संयुक्त विधि प्रवेश परीक्षा (क्लेट): संयुक्त विधि प्रवेश परीक्षा राष्ट्रीय विधि विद्यालयों तथा विधि विश्वविद्यालयो के विभिन्न स्नातक और स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों (एल.एल.बी एवं एल.एल.एम) में प्रवेश के लिए भारत भर में स्थापित किये गये 15 स्कूल/विश्वविद्यालयों द्वारा बारी–बारी से आयोजित की जाती है।

13. राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (यूजीसी नेट): राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा भारत में एक राष्ट्रीय पात्रता प्रवेश परीक्षा होती हैं। ये स्नातकोत्तर प्रतियोगियों के लिये विश्वविद्यालयों में शिक्षण प्रवेश हेतु अर्हक परीक्षा होती हैं। इसका आयोजन अर्ध-वार्षिक रूप से विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा किया जाता है। ज्ञातव्य है कि वर्ष 2009 के दिशानिर्देश के तहत विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने कालेजों में प्रोफेसर बनने के लिए इस परीक्षा की पात्रता को अनिवार्य बना दिया था।

14. केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा (सीटीईटी): केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा सीबीएसई द्वारा आयोजित पात्रता परीक्षा है। यह स्कूलों में अध्यापकों के लिये है। स्कूलों में छह से 14 वर्ष के बच्चों को मुफ्त एवं अनिवार्य शिक्षा का अधिकार कानून के तहत शिक्षकों की कमी को पूरा करने और गुणवत्ता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से स्कूलों में शिक्षकों की पात्रता परीक्षा का आयोजन की जा रही है।

15. संयुक्त प्रवेश स्क्रीनिंग परीक्षा (जेईई): संयुक्त प्रवेश परीक्षा में रैंक निर्धारित करने के लिए 12वी कक्षा के अंको को अहमियत नहीं दी जाती है। जेईई रैंक के आधार पर आईआईटी/एनआईटी/आईआईटी और इसे अन्य सीएफ़टीआई में प्रवेश के लिए उम्मीदवार की योग्यता 12वी कक्षा में न्यूनतम 75 प्रतिशत अंक है या सम्बंधित बोर्ड की 12वी कक्षा की परीक्षा में 20 सर्वाधिक परसेटाइल में शामिल होना है। एससी/एसटी उम्मीदवारों के लिए यह योग्यता 12वी कक्षा में 65 प्रतिशत अंक है।

इन्हें भी पढ़े: एसएससी परीक्षा की तैयारी के लिए महत्वपूर्ण सामान्य ज्ञान टिप्स

और जानिये : भारत मेँ आयोजित होने वाली प्रमुख प्रतियोगी परीक्षाओं की सूची

भारत और विश्व के महत्वपूर्ण कार्यालयों/कंपनियों और संगठनों के प्रमुखों के नाम 2018

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नवीनतम कौन क्या है 2018: (Latest Who is Who 2018 in India and World in Hindi)

इस पोस्ट में आप भारत और विश्व के महत्वपूर्ण कार्यालयों/कंपनियों और संगठनों के प्रमुखों के बारे में नवीनतम जानकारी प्राप्त करेंगे। वर्तमान में महत्वपूर्ण कार्यालयों/कंपनियों और संगठनों के प्रमुखों के आधार पर हर परीक्षा में दो या तीन प्रश्न अवश्य पूछे जाते है।

इस तरह के सवाल कौन क्या है की श्रेणी में आते हैं। महत्वपूर्ण व्यक्तियों और उनके पद बदलते रहते हैं, तो यह पोस्ट अपने आप को देश और दुनिया के मुख्य संगठनों या कार्यालयों के क्षेत्र की नवीनतम जानकारी से अवगत रखने के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। यह आपकी सभी प्रकार की सरकारी प्रतियोगी परीक्षाओं विशेषकर बैंक पीओ व क्लर्क, यूपीएससीएसएससीआईएएस, पीसीएस, केट, भारतीय रेलवे, गेट आदि के लिए अत्यंत उपयोगी है। आइये जाने वर्तमान में कौन-सा व्यक्ति किस कार्यालय/कंपनी और संगठन के प्रमुख पद पर कार्यरत है:-

नवीनतम कौन क्या है 2018 की सूची:

पद/कार्यालय/संगठन का नाम व्यक्ति का नाम
भारत के राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद (25 जुलाई 2017)
भारत के उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू (05 अगस्त 2017)
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र दामोदर दास मोदी
लोक सभा अध्यक्ष सुश्री सुमित्रा महाजन
राज्य सभा के उप-सभापति श्री पी. जे. कुरियन
लोकसभा के डिप्टी स्पीकर डॉ. एम. थम्बीदुरई
विपक्ष के नेता (राज्य सभा) गुलाम नबी आजाद
नीति आयोग के उपाध्यक्ष (वाइस चेयरमैन) डॉ. राजीव कुमार (सितम्बर 2017)
मुख्य चुनाव आयुक्त ओम प्रकाश रावत (23 जनवरी 2018)
चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा
चुनाव आयुक्त अशोक लवासा (21 जनवरी 2018)
चुनाव आयुक्त डॉ. नसीम जैदी
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग, अध्यक्ष न्यायमूर्ति एच एल दत्तु
भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) राजीव महर्षि (24 सि‍तम्‍बर 2017)
पिछड़ा वर्ग के लिए राष्ट्रीय आयोग, अध्यक्ष जस्टिस वंगाला ऐशवारया
दिल्ली पुलिस आयुक्त अमूल्य कुमार पटनायक
संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) के अध्यक्ष डेविड आर. सिम्लिह (04 जनवरी, 2017)
राष्ट्रीय किसान आयोग (एनसीएफ), अध्यक्ष डॉ. एम. एस. स्वामीनाथन
मुख्य सूचना आयुक्त (सीआईसी) आर. के. माथुर
एस.एस.सी के अध्यक्ष श्री असीम खुराना
रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड,अध्यक्ष श्री मुकेश अंबानी
भारतीय चिकित्सा अनुसंधान की परिषद, महानिदेशक डॉ. सौम्या स्वामीनाथन
भारत की महापंजीयक और जनगणना आयुक्त श्री शैलेश
21वें विधि आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति बलबीर सिंह चौहान
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर श्री उर्जित पटेल
प्रधानमंत्री के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (आंतरिक सुरक्षा) श्री अजीत डोभाल

इंडियन नेशनल एकेडमी ऑफ इंजीनियरिंग, अध्यक्ष डॉ. बी.एन. सुरेश
ऑडिट ब्यूरो सर्कुलेशन (एबीसी), अध्यक्ष शशिधर सिन्हा
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी), अध्यक्ष सुशील चंद्रा (01 नवम्बर 2017)
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी), अध्यक्ष अजय त्‍यागी
राष्ट्रीय आयोग महिला, अध्यक्ष ललिता कुमारमंगलम
लोक वित्त एवं नीति के राष्ट्रीय संस्थान (एनआईपीएफपी), अध्यक्ष डॉ. विजय केलकर लक्ष्मण
प्रसार भारती के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) ए. सूर्य प्रकाश (दिसम्बर 2017)
प्रसार भारती के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) शशि शेखर वेमपति (02 जून, 2017)
भारतीय फिल्म एवं टेलीविजन संस्थान (एफटीआईआई) अनुपम खेर (11 अक्टूबर 2017)
निवेश आयोग, अध्यक्ष श्री रतन टाटा
संयुक्त राष्ट्र, उपमहासचिव जेन एलिअसन
विश्व बैंक के राष्ट्रपति डॉ. जिम योंग किम
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ), प्रबंध निदेशक क्रिस्टीन लैगार्डे (05 जुलाई 2011)
एशियाई रग्बी के अध्यक्ष आगा हुसैन (नवम्बर 2017)
यूनेस्को की महानिदेशक (प्रमुख) ऑद्रे आजोले (नवम्बर 2017)
विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक डॉ. टेडरोस अदानाम गिबेरेसस
अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन के महानिदेशक गाए राइडर
युक्त राष्ट्र अंतरराष्ट्रीय बाल आपात कोष (यूनिसेफ) के कार्यकारी निदेशक अन्थोनी लेक
संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन व्यापार पर और विकास (अंकटाड), महासचिव श्री मुखिसा किचयी
आर्थिक सहयोग और विकास संगठन (ओईसीडी) के महासचिव जोस एंजेल गुर्रिया
अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय  के न्यायमूर्ति रोनी इब्राहीम
एशियाई विकास बैंक (एडीबी) के अध्यक्ष ताकेहिको  नाकाओ
अफ्रीकी विकास बैंक के अध्यक्ष एकिनवुमी अदेसिना
अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति के अध्यक्ष थामस बाक
भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए)के अध्यक्ष नरिंदर बत्रा (15 दिसम्बर 2017)
राष्ट्रमंडल के महासचिव माननीय पेट्रीसिया
अफ्रीकी संघ के विधानसभा अध्यक्ष डॉ. नकोसज़ाना दलामिनी जुमा
विश्व व्यापार संगठन निर्देशक-जनरल रॉबर्टो एजेवेडो
मानवाधिकार के लिए संयुक्त राष्ट्र उच्चायोग के उच्चायुक्त ज़ेईड राड अल हुसैन
यूरोपीय परिषद के राष्ट्रपति डोनाल्ड टस्क
यूरोपीय आयोग के अध्यक्ष ज्यां क्लाड जंकर
यूनिडो के निर्देशक-जनरल ली योंग
खाड़ी सहयोग परिषद के महासचिव अब्दुल्लतीफ बिन राशिद अल-जायनी
इस्लामिक सहयोग संगठन के महासचिव डॉ.यूसुफ बिन अहमद अल-ओथिमीन
उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) के महासचिव जेन्स स्टोलटेनबर्ग
यूएनएफपीए कार्यकारी के निदेशक डॉ. बाबाटुंडे ओसोटिमेहिन
आसियान के महासचिव ली लुओंग मिन्ह
सार्क के महासचिव अमजद हुसैन बी. सियाल (01 मार्च, 2017)
इंटरनेशनल एमेच्योर एथलेटिक महासंघ (आईएएएफ) के अध्यक्ष सेबेस्टियन कोए
भारतीय भारोत्तोलन महासंघ (आईडब्ल्यूएलएफ) के अध्यक्ष बीरेन्द्र प्रसाद वैश्य (नवम्बर 2017)
नासा के चीफ (यूएसए) जिम ब्रेंडेन्सटाइन (Jim Bridenstine)
राज्य सभा के महासचिव श्री दीपक वर्मा (01 सितम्बर 2017)
लोकसभा के महासचिव स्नेहलता श्रीवास्तव (01 दिसम्बर 2017)
इंटेलिजेंस (खुफिया) ब्यूरो (आईबी) के चीफ राजीव जैन (जनवरी 2017)
केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) निदेशक श्री आलोक कुमार वर्मा
रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) निदेशक अनिल धस्माना (01 जनवरी 2017)
केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के महानिदेशक राजीव राय भटनागर
केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) के महानिदेशक श्री ओ. पी. सिंह
रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) के महानिदेशक श्री धमेंद्र कुमार
भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के महानिदेशक श्री आर. के. पचनंदा
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के अध्यक्ष प्रो. वेद प्रकाश
रक्षा मंत्री के वैज्ञानिक सलाहकार श्री जी. एस. रेड्डी
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के चेयरमैन (अध्यक्ष) श्री सिवन के (10 जनवरी 2018)
परमाणु ऊर्जा आयोग और सचिव, परमाणु ऊर्जा विभाग के अध्यक्ष डॉ. शेखर बसु
राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष सैयद ग़य्यूर-उल-हसन रिज़वी
राष्ट्रीय सांख्यिकी आयोग के अध्यक्ष डॉ. प्रणब सेन
सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) के महानिदेशक श्रीमती रजनीकांत मिश्र (18 सितम्बर 2017)
स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया (एसबीआई) के अध्यक्ष रजनीश कुमार (07 अक्टूबर 2017)
फेसबुक सीईओ मार्क जुकरबर्ग
इंफोसिस के संस्थापक नारायण मूर्ति
राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग (एनसीएसटी) के अध्यक्ष नंद कुमार साय
राष्ट्रीय ज्ञान आयोग के अध्यक्ष श्री सैम पित्रोदा
राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग (एनसीएससी) के अध्यक्ष प्रो. रामशंकर कठेरिया (31 मई, 2017)
राष्ट्रीय जांच एजेंसी या नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) के महानिदेशक श्री वाईसी मोदी (18 सितम्बर 2017)
भारतीय तटरक्षक के महानिदेशक राजेंद्र सिंह
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के अध्यक्ष विनोद राय (सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित बीसीसीआई के चार सदस्यीय प्रशासनिक समिति के अध्यक्ष)
चुनाव आयुक्त श्री ओम प्रकाश रावत
भारत के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस दीपक मिश्रा (28 अगस्त 2017)
भारत के महा अधिवक्ता (सॉलिसिटर जनरल) श्री रंजीत कुमार (20 अक्टूबर 2017 को इस्तीफा दिया, यह पद अभी खाली है, अभी उनके पद पर किसी की नियुक्ति नहीं हुई है)
संगीत नाटक अकादमी के अध्यक्ष श्री शेखर सेन
वाणिज्य इंटरनेशनल चैंबर (आईसीसी) भारत के अध्यक्ष श्री सुनील भारती मित्तल
भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के अध्यक्ष डॉ. नौशाद फोर्ब्स
भारतीय सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत (31 दिसम्बर, 2016)
भारतीय नौसेना प्रमुख एडमिरल सुनील लांबा (31 मई 2016)
भारतीय वायुसेना प्रमुख एअर मार्शल बी.एस. धनोआ (31 दिसम्बर, 2016)
भारत के महान्यायवादी (अटॉर्नी जनरल) श्री के. के. वेणुगोपाल (03 जुलाई, 2017)
बाल अधिकार के संरक्षण के लिए राष्ट्रीय आयोग (एनसीपीसीआर) के अध्यक्ष सुश्री स्तुति कक्कड़
14वें वित्त आयोग के अध्यक्ष डॉ. वाई. वी. रेड्डी
15वें वित्त आयोग के अध्यक्ष एनके सिंह (27 नवम्बर 2017)
सीमा सुरक्षा बल के महानिदेशक (बीएसएफ) श्री के.के. शर्मा
विश्व खाद्य कार्यक्रम (डब्लूएफपी) के कार्यकारी निदेशक एर्थरिन चचेरा
भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) के अध्यक्ष श्री जे सत्यनारायण
यूआईडीएआई के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) डॉ. ए. बी. पी. पांडे
दिल्ली मेट्रो रेल निगम (डीएमआरसी) बोर्ड के अध्यक्ष श्री डीएस मिश्रा
पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो के महानिदेशक डॉ. एम. सी. बोरवांकर
भारतीय विदेश सचिव श्री विजय केशव गोखले (29 जनवरी 2018)
भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के महानिदेशक श्री चंद्रजीत बनर्जी
नीति आयोग के अध्यक्ष नरेन्द्र मोदी
नीति आयोग के सीईओ श्री अमिताभ कांत
भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) के अध्यक्ष श्री देवेन्द्र कुमार सीकरी
भारतीय चैंबर के वाणिज्य एवं उद्योग (फिक्की) के अध्यक्ष राशेस शाह (14 दिसम्बर 2017)
राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (एनसीडीआरसी) के अध्यक्ष जस्टिस डी.के. जैन
राष्ट्रीय इस्पात निगम लिमिटेड के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक पी. मधुसूदन
वित्तीय योजना मानक बोर्ड ऑफ इंडिया के अध्यक्ष न्यायमूर्ति बी एन श्रीकृष्णा
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के अध्यक्ष श्री दीपक कुमार (27 जून, 2017)
सेंट्रल बोर्ड ऑफ़ एक्साइज एंड कस्टम्स (सीबीईसी) के अध्यक्ष श्री नजीब शाह
भारत के अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण के अध्यक्ष श्री अमिताभ वर्मा
राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन इंडिया लिमिटेड के महासंघ (नेफेड) के अध्यक्ष श्री वी. आर. पटेल
भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) के अध्यक्ष डॉ. गुरुप्रसाद महापात्र
बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (आईआरडीए) के अध्यक्ष श्री टी. एस. विजयन
अंतरराष्ट्रीय उर्वरक संघ (आईएफए) का अध्यक्ष राकेश कपूर
भारतीय किसान उर्वरक सहकारी लिमिटेड (इफको) के अध्यक्ष श्री बी. एस. नकई
भारतीय पर्यटन विकास निगम (आईटीडीसी) के अध्यक्ष उमंग नरूला
भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक श्री योगेन्द्र त्रिपाठी
भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) के अध्यक्ष श्री वी. के. शर्मा
पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस नियामक बोर्ड (पीएनजीआरबी) के अध्यक्ष श्री डी. के. सर्राफ (दिसम्बर 2017)
भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के अध्यक्ष राम सेवक शर्मा
भारतीय व्यापार संवर्धन संगठन (आईटीपीओ) के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक श्री एल. सी. गोयल
भारतीय मर्चेंट चैंबर के महानिदेशक श्री अरविंद प्रधान
केंद्रीय बिजली नियामक आयोग (सीईआरसी) के अध्यक्ष गिरीश बी प्रधान
भारतीय जहाजरानी निगम के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक कैप्टन अनूप कुमार शर्मा
भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक श्री अनुपम श्रीवास्तव
तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम लिमिटेड (ओएनजीसी) के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक श्री दिनेश कुमार सर्राफ
भारतीय महिला बैंक के कार्यकारी निदेशक सुश्री एस. एम. स्वाति
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) के अध्यक्ष (चेयरमैन) शशांक मनोहर
पावर फाइनेंस कॉर्पोरेशन लिमिटेड के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक श्री राजीव शर्मा (01 अक्टूबर 2016)
रेलवे बोर्ड के चेयरमेन श्री अश्वनी लोहानी (24 अगस्त 2017)
केन्द्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड या भारतीय सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष प्रसून जोशी
राष्ट्रीय अनुसंधान विकास निगम (एनआरडीसी) के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक डॉ. हनुमांथू पुरुषोतम
केंद्रीय सतर्कता आयुक्त (सीवीसी) श्री के. वी. चौधरी
रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग (डीआरडीओ) के सचिव डॉ. एस क्रिस्टोफर

राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के निदेशक इश कुमार (जनवरी 2017)
फीफा अध्यक्ष गिआनी इन्फैनटिनों
केंद्रीय प्रशासनिक ट्रिब्यूनल के अध्यक्ष जस्टिस प्रमोद कोहली
नागरिक उड्डयन सुरक्षा ब्यूरो (बीसीएएस) के महानिदेशक श्री कुमार राजेश चंद्र
भारतीय मर्चेंट चैंबर (आईएमसी) के अध्यक्ष सुश्री राधिका नाथ
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ़ इंडिया (एनएसई) के अध्यक्ष श्री अशोक चावला
खनिज और धातु व्यापार निगम (एमएमटीसी) के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक श्री वेद प्रकाश
राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) के अध्यक्ष डॉ. हर्ष कुमार भानवाला
विश्व व्यापार संगठन का भारतीय राजदूत श्रीमती अंजलि प्रसाद
प्रतिस्पर्धा अपीलीय न्यायाधिकरण के अध्यक्ष न्यायमूर्ति जी. एस. सिंघवी
बाल अधिकार के संरक्षण के लिए राष्ट्रीय आयोग के अध्यक्ष स्तुति नारायण कक्कड़
भारतीय निर्यातकों के संगठन संघ (एफआईईओ) के अध्यक्ष एस. सी. रल्हन
दिल्ली मेट्रो रेल निगम के एमडी डा. मंगू सिंह
भारत के विज्ञापन एजेंसियों एसोसिएशन के अध्यक्ष नकुल चोपड़ा
हिंदुस्तान चैंबर ऑफ़ कॉमर्स के अध्यक्ष श्री वी मुरली
नेशनल इंश्योरेंस कंपनी के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक सनत कुमार
भारत की औद्योगिक वित्त निगम (आईएफसीआई) के अध्यक्ष श्री एस.वी. रंगनाथ
सेंट्रल बोर्ड ऑफ एक्साइज एंड कस्टम्स (सीबीईसी) के अध्यक्ष नजीब शाह
परमाणु ऊर्जा निगम ऑफ़ इंडिया लिमिटेड (एनपीसीआईएल) के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक एस. के. शर्मा
राष्ट्रीय संग्रहालय, नई दिल्ली के महानिदेशक डॉ. बुद्ध रश्मि मणि
सेंट्रल बोर्ड ऑफ़ सेकेंडरी एज़ुकेशन (सीबीएसई) अध्यक्ष अनीता करवाल (31 अगस्त 2017)
खेल प्राधिकरण ऑफ इंडिया (साई) के डायरेक्टर जनरल श्री इंजेती श्रीनिवास
राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के महानिदेशक श्री ओ. पी. सिंह
कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) के अध्यक्ष श्री देवेन्द्र कुमार सिंह
संयुक्त राष्ट्र संगठन (संयुक्त राष्ट्र संघ) के महासचिव एंटोनी गुटरेज़
ब्रिक्स के नए विकास बैंक के अध्यक्ष के.वी. कामथ

इन्हें भी पढे: भारत के उच्च न्यायालयों के नाम, स्थापना वर्ष और उनका स्थान

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और जानिये : भारत और विश्व के महत्वपूर्ण कार्यालयों/कंपनियों और संगठनों के प्रमुखों के नाम 2018


भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) चेयरमैनों की सूची वर्ष 1963 से अब तक

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इसरो के बारे में जानकारी: (Full Information about Indian Space Research Organisation (ISRO) in Hindi) 

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन अर्थात इसरो भारत का राष्ट्रीय अंतरिक्ष संस्थान है। इसरो की स्थापना 15 अगस्त 1969 को की गई थी। संस्थान का मुख्य कार्य भारत के लिये अंतरिक्ष संबधी तकनीक उपलब्ध करवाना है। अन्तरिक्ष कार्यक्रम के मुख्य उद्देश्यों में उपग्रहों, प्रमोचक यानों, परिज्ञापी राकेटों और भू-प्रणालियों का विकास शामिल है। इसरो का मुख्यालय कर्नाटक राज्य की राजधानी बंगलुरू में स्थित है। सन 1963 से अब तक इसरो के 10 चेयरमैन बने हैं। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के वर्तमान अध्यक्ष या चेयरमैन डॉ. कैलासवादिवू सिवान है। उन्होंने ए. एस. किरण कुमार का स्थान लिया है। इसरो के पहले चेयरमैन डॉ. विक्रम साराभाई थे।
Quick Info about ISRO in Hindi:

मुख्यालय बैंगलोर या बेंगलुरू, कर्नाटक (भारत)
स्थापना 15 अगस्त 1969
प्रथम अध्यक्ष (चेयरमैन) विक्रम साराभाई
वर्तमान अध्यक्ष (चेयरमैन) सिवन के
आदर्श वाक्य मानव जाति की सेवा में अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी
मालिक भारत

वर्ष 1963 से अब तक सभी इसरो चेयरमैनों की सूची:

चेयरमैन का नाम कार्यकाल कार्यकाल अवधि
विक्रम साराभाई 1963 से 1972 तक 9 वर्ष
एम. जी. के. मेनन जनवरी 1972 से सितम्बर 1972 9 महीने
सतीश धवन 1972 से 1984 तक 12 वर्ष
प्रो. यू. आर.  राव 1984 से 1994 तक 10 वर्ष
के. कस्तुरीरंगन 1994 से 2003 तक 9 वर्ष
जी. माधवन नायर 2003 से 2009 तक 6 वर्ष
के.  राधाकृष्णन 2009 से 2014 तक 5 वर्ष
शैलेश नायक 01 जनवरी 2015 से 12 जनवरी  2015 तक 12 दिन
ए. एस. किरण कुमार 2015 से 2018 तक 3 वर्ष
डॉ. कैलासवादिवू सिवान 10 जनवरी 2018 से वर्तमान पदस्थ

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) से जुड़े महत्वपूर्ण रोचक तथ्य:

  • भारत का पहला उपग्रह आर्यभट्ट था, इसकी शुरूआत सोवियत संघ द्वारा 19 अप्रैल 1975 में की गयी थी। इस उपग्रह का नाम मशहूर गणितज्ञ आर्यभट्ट के नाम पर रखा गया था।
  • भारत के दूसरे उपग्रह का नाम भास्कर था। जिसका वजन 445 किलो था। 07 जून 1979 को भास्कर को पृथ्वी की कक्षा में स्थापित किया गया।
  • मंगलयान, (मार्स ऑर्बिटर मिशन), भारत का प्रथम मंगल अभियान है। 5 नवम्बर 2013 को 2 बजकर 38 मिनट पर मंगल ग्रह की परिक्रमा करने हेतु छोड़ा गया था। 24 सितंबर 2014 को मंगल पर पहुँचने के साथ ही भारत विश्व में अपने प्रथम प्रयास में ही सफल होने वाला पहला देश तथा सोवियत रूस, नासा और यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी के बाद दुनिया का चौथा देश बन गया है।
  • साल 2014 में इसरो को शांति, निरस्त्रीकरण और विकास के लिए इंदिरा गांधी पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
  • इसरो ने 29 सितंबर 2015 को मंगलयान के सफल प्रक्षेपण के लगभग एक वर्ष बाद एस्ट्रोसैट के रूप में भारत की पहली अंतरिक्ष वेधशाला को स्थापित किया।
  • इसरो जून 2016 तक लगभग 20 अलग-अलग देशों के 57 उपग्रहों को लॉन्च कर चुका है और इसके द्वारा उसने अब तक 10 करोड़ अमेरिकी डॉलर कमाए हैं।
  • इसरो की वजह से भारत उन 6 देशों में शामिल है, जो अपना उपग्रह खुद भेज सकते है
  • इसरो ने 40 साल में जितना पैसा खर्च किया है, उसका दुगना नासा एक साल में करती है।
  • भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) में लगभग 17, 000 कर्मचारी एवं वैज्ञानिक कार्यरत हैं।

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) की महत्वपूर्ण उपलब्धियाँ:

  • 1962: परमाणु ऊर्जा विभाग द्वारा अंतरिक्ष अनुसंधान के लिये एक राष्ट्रीय समिति का गठन और त्रिवेन्द्रम के समीप थुम्बा में राकेट प्रक्षेपण स्थल के विकास की दिशा में पहला प्रयास प्रारंभ।
  • 1963: थुंबा से (21 नवंबर) को पहले राकेट का प्रक्षेपण।
  • 1965: थुंबा में अंतरिक्ष विज्ञान एवं तकनीकी केन्द्र की स्थापना।
  • 1967: अहमदाबाद में उपग्रह संचार प्रणाली केन्द्र की स्थापना।
  • 1972: अंतरिक्ष आयोग एवं अंतरिक्ष विभाग की स्थापना।
  • 1975: पहले भारतीय उपग्रह आर्यभट्ट का (19 अप्रैल) को प्रक्षेपण।
  • 1976: उपग्रह के माध्यम से पहली बार शिक्षा देने के लिये प्रायोगिक कदम।
  • 1979: एक प्रायोगिक उपग्रह भास्कर-1 का प्रक्षेपण। रोहिणी उपग्रह का पहले प्रायोगिक परीक्षण यान एस एल वी-3 की सहायता से प्रक्षेपण असफल।
  • 1980: एस एल वी-3 की सहायता से रोहिणी उपग्रह का सफलतापूर्वक कक्षा में स्थापन।
  • 1981: ‘एप्पल’ नामक भूवैज्ञानिक संचार उपग्रह का सफलतापूर्वक प्रक्षेपण। नवंबर में भास्कर – 2 का प्रक्षेपण।
  • 1982: इन्सैट-1A का अप्रैल में प्रक्षेपण और सितंबर अक्रियकरण।
  • 1983: एस एल वी-3 का दूसरा प्रक्षेपण। आर एस-डी2 की कक्षा में स्थापना। इन्सैट-1B का प्रक्षेपण।
  • 1984: भारत और सोवियत संघ द्वारा संयुक्त अंतरिक्ष अभियान में राकेश शर्मा का पहला भारतीय अंतरिक्ष यात्री बनना।
  • 1987: ए. एस. एल. वी का SROSS-1 उपग्रह के साथ प्रक्षेपण।
  • 1988: भारत का पहला दूर संवेदी उपग्रह आई आर एस-1ए का प्रक्षेपण. इन्सैट-1C का जुलाई में प्रक्षेपण। नवंबर में परित्याग।
  • 1990: इन्सैट-1D का सफल प्रक्षेपण।
  • 1991: अगस्त में दूसरा दूर संवेदी उपग्रह आई आर एस एस-1बी का प्रक्षेपण।
  • 1992: SROCC-C के साथ ए एस एल वी द्वारा तीसरा प्रक्षेपण मई महीने में। पूरी तरह स्वेदेशी तकनीक से बने उपग्रह इन्सैट-2A का सफल प्रक्षेपण।
  • 1993: इन्सैट-2B का जुलाई महीने में सफल प्रक्षेपण। पी. एस. एल. वी. द्वारा दूर संवेदी उपग्रह आई आर एस एस-1E का दुर्घटनाग्रस्त होना।
  • 1994: मई महीने में एस एस एल वी का चौथा सफल प्रक्षेपण।
  • 1995: दिसंबर महीने में इन्सैट-2C का प्रक्षेपण। तीसरे दूर संवेदी उपग्रह का सफल प्रक्षेपण।
  • 1996: तीसरे भारतीय दूर संवेदी उपग्रह आई आर एस एस-P3 का पी एस एल वी की सहायता से मार्च महीने में सफल प्रक्षेपण।
  • 1997: जून महीने में प्रक्षेपित इन्सैट-2D का अक्टूबर महीने में खराब होना। सितंबर महीने में पी एस एल वी की सहायता से भारतीय दूर संवेदी उपग्रह आई आर एस एस-1D का सफल प्रक्षेपण।
  • 1999: इन्सैट-2E इन्सैट-2 क्रम के आखिरी उपग्रह का फ्रांस से सफल प्रक्षेपण। भारतीय दूर संवेदी उपग्रह आई आर एस एस-P4 श्रीहरिकोटा परिक्षण केन्द्र से सफल प्रक्षेपण। पहली बार भारत से विदेशी उपग्रहों का प्रक्षेपण: दक्षिण कोरिया के किटसैट-3 और जर्मनी के डी सी आर-टूबसैट का सफल परीक्षण।
  • 2000: इन्सैट-3B का 22 मार्च, 2000 को सफल प्रक्षेपण।
  • 2001: जी एस एल वी-D1, का प्रक्षेपण आंशिक सफल।
  • 2002: जनवरी महीने में इन्सैट-3C का सफल प्रक्षेपण। पी एस एल वी-C4 द्वारा कल्पना-1 का सितंबर में सफल प्रक्षेपण।
  • 2004: जी एस एल वी एड्यूसैट का सफलतापूर्वक प्रक्षेपण।
  • 2008: 22 अक्टूबर को चन्द्रयान का सफलतापूर्वक प्रक्षेपण
  • 2013: 05 नवम्बर को मंगलयान का सफलतापूर्वक प्रक्षेपण
  • 2014: 24 सितम्बर को मंगलयान (प्रक्षेपण के 298 दिन बाद) मंगल की कक्षा में स्थापित
  • 2014: 05 जनवरी 2014 को भूस्थिर उपग्रह प्रक्षेपण यान (जीएसएलवी-डी5) का सफल प्रक्षेपण।
  • 2014: 04 अप्रैल 2014 को आईआरएनएसएस-1बी का सफल प्रक्षेपण।
  • 2014: 16 अक्‍टूबर 2014 को आईआरएनएसएस-1 का सफल प्रक्षेपण।
  • 2014: 18 दिसंबर 2014 को जीएसएलवी एमके-3 की सफल पहली प्रायोगिक उड़ान।
  • 2015: 29 सितंबर को खगोलीय शोध को समर्पित भारत की पहली वेधशाला एस्ट्रोसैट का सफल प्रक्षेपण किया।
  • 2016: 23 मई को पूरी तरह भारत में बना अपना पहला पुनर्प्रयोज्य अंतरिक्ष शटल (रियूजेबल स्पेस शटल) प्रमोचित किया।
  • 2016: 22 जून को पीएसएलवी सी-34 के माध्यम से रिकॉर्ड 20 उपग्रह एक साथ छोड़े गए।
  • 2016: 28 को अगस्त को वायुमंडल प्रणोदन प्रणाली वाला स्‍क्रेमजेट इंजन का पहला प्रायोगिक परीक्षण सफल।
  • 2016: 08 सितंबर को स्वदेश में विकसित क्रायोजेनिक अपर स्टेज(सीयूएस) का पहली बार प्रयोग करते हुए जीएसएलवी-एफ05 की सफल उड़ान के साथ इनसैट-3डीआर अंतरिक्ष में स्थापित।
  • 2017: 15 फरवरी को एक साथ 104 उपग्रह प्रक्षेपित करके विश्व कीर्तिमान बनाया। PSLV-C37/Cartosat2 शृंखला उपग्रह मिशन में कार्टोसैट-2 के अलावा 101 अन्तरराष्ट्रीय लघु-उपग्रह (नैनो-सैटेलाइट) और दो भारतीय लघु-उपग्रह INS-1A तथा INS-1B थे।

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और जानिये : भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) चेयरमैनों की सूची वर्ष 1963 से अब तक

विश्व के प्रमुख देश और उनके सर्वोच्च सम्मानो की सूची

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विश्व के प्रमुख देशों के नाम और उनके सर्वोच्च सम्मान: (Highest Honours of Major Countries of the World in Hindi)

यहां विश्व के प्रमुख देशों के नाम और उनके सर्वोच्च सम्मानों से सम्बंधित महत्वपूर्ण सामान्य ज्ञान जानकारी दी गयी है। इन पुरस्कारो व सम्मानों को विश्व के विभिन्न क्षेत्रों जैसे:- खेल, राजनीति, संगीत, कला, कृषि, फिल्म, साहित्य, विज्ञान, अर्थशास्त्र, पत्रकारिता में अपना बहुमूल्य योगदान देने के लिए दिया जाता है। विश्व के प्रमुख पुरस्कार व सम्मान एवं उनके क्षेत्र के आधार पर हर परीक्षा में कुछ प्रश्न अवश्य पूछे जाते है, इसलिए यह आपकी सभी प्रकार की परीक्षा की तैयारी के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। आइये जाने विश्व के विभिन्न क्षेत्रों में दिए जाने वाले प्रमुख पुरस्कार व सम्मान के बारे में:-

विश्व के प्रमुख देश और उनके सर्वोच्च सम्मानो की सूची:

देश सर्वोच्च सम्मान
अर्जेंटीना द ऑर्डर ऑफ सॉन मार्टिन
इंडोनेशिया स्टार ऑफ़ रिपब्लिक ऑफ़ इंडोनेशिया (बिंटंग रिपब्लिक इंडोनेशिया)
कंबोडिया रॉयल आर्डर ऑफ़ कंबोडिया
कनाडा आर्डर ऑफ़ कनाडा
कुवैत मुबारक अल कबीर पदक
चीन आर्डर ऑफ़ ब्रिलियंट जेड
जर्मनी पोल ली मेरिट आयरन क्रॉस
जापान ऑर्डर ऑफ मोलोवनिया सन
टर्की आर्डर ऑफ़ डेमोक्रेसी
डेनमार्क आर्डर ऑफ़ डायना ब्रोग
निकारागुआ ऑगस्टो सीज़र सन्दिनो आर्डर
नीदरलैंड्स आर्डर ऑफ़ द नीदरलैंड्स लायन
नेपाल ज्वेल ऑफ़ नेपाल (मैन पदवी)
नॉर्वे आर्डर ऑफ़ स्ट ओलवे
न्यूजीलैंड द आर्डर ऑफ़ न्यूजीलैंड
पाकिस्तान निशान–ए–पाकिस्तान
पोलैंड क्रॉस ऑफ़ मेरिट
फिलीपींस क्वेजोन सर्विस क्रॉस
फ्रांस लेंज ऑफ ऑनर
बांग्लादेश बांग्लादेश स्वाधीनता सम्मानोना (बांग्लादेश फ्रीडम ऑनर)
भारत भारत रत्न
भूटान आर्डर ऑफ़ ग्रेट विक्ट्री ऑफ़ थुंगेर ड्रैगन
मंगोलिया बेस्ट वर्कर
यूनाइटेड किंगडम आर्डर ऑफ़ मेरिट
रूस आर्डर ऑफ़ सेंट एंड्रू द अपोस्टल
वियतनाम द ऑर्डर ऑफ द गोल्डेन स्टार
श्री लंका प्राइड ऑफ़ श्री लंका (श्री लनकभिमन्य)
संयुक्त राज्य अमेरिका स लेंज ऑफ मेरिट
सऊदी अरब शाह अब्दुल अजीज पदक
साइप्रस कमांडर ऑफ द ऑर्डर ऑफ मेरिट
स्पेन आर्डर ऑफ़ इदबेल्ला द कैथोलिक
फिलिस्तीन ग्रैंड कॉलर
हंगरी द आर्डर ऑफ़ बैनर

इन्हें भी पढे: विश्व के विभिन्न क्षेत्रों में दिए जाने वाले प्रमुख पुरस्कार एवं सम्मान

और जानिये : विश्व के प्रमुख देश और उनके सर्वोच्च सम्मानो की सूची

विश्व में प्रथम प्रसिद्ध महिलाओं के नाम और उनकी उपलब्धियॉ (विभिन्न क्षेत्रों में)

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विश्व में प्रथम महिलाओं के नाम और उनकी उपलब्धियॉ: (List of First Woman in World in Hindi)

यहां विश्व में प्रथम प्रसिद्ध महिलाओं के नाम और उनकी उपलब्धियों की सूची दी गयी है,जिन्होंने विश्व में सबसे पहले अपना प्रभुत्व स्थापित किया है। विश्व की महिलाओं ने संसार के विभिन्न क्षेत्रों में जैसे:- इतिहास, समाजशास्त्र, साहित्य, खेल, राजनीति, पुरस्कार और सम्मान, मनोरंजन, क्षेत्रों में अपना बहुमूल्य योगदान दिया है। विश्व में प्रथम महिलाओं के आधार पर हर परीक्षा में कुछ प्रश्न अवश्य पूछे जाते है, इसलिए यह आपकी सभी प्रकार की परीक्षा की तैयारी के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। आइये जाने ऐसी ही विश्व में प्रथम 111 प्रसिद्ध महिलाओं के नाम और उनकी उपलब्धियों के बारे में:-

इन्हें भी पढे: भारत में प्रथम महिलाओं की सूची

विश्व में प्रथम प्रसिद्ध महिलाओं की सूची:

उपलब्धि महिलाओं का नाम
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) की पहली महिला स्वतंत्र निदेशक इंद्रा नूयी (09 फरवरी 2018)
एकदिवसीय (वनडे) अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 200 विकेट लेने वाली महिला खिलाडी झूलन गोस्वामी (फरवरी, 2018)
विंबलडन जीतने वाली प्रथम अश्वेत महिला एलथिया गिब्सन
“द लीडरशिप कांफ्रेंस ऑन सिविल एंड ह्यूमन राइट्स” की पहली महिला अध्यक्ष (प्रेसिडेंट) वनिता गुप्ता (मार्च, 2017)
लगातार 4 वनडे मैचों में शतक लगाने वाली पहली महिला क्रिकेटर एमी सैटरथ्वेट, न्यूजीलैंड (26 फरवरी, 2017)
आस्ट्रेलिया के उच्च न्यायालय की प्रथम महिला मुख्य न्यायाधीश सुजैन केफेल (31 जनवरी, 2017)
अंटार्कटिका महाद्वीप पर पहुँचने वाली प्रथम महिला कैरोलिन मिकल्सन
अंतरिक्ष में जाने वाली प्रथम अध्यापिका शेरीन क्रिस्टा मेकोलिन मिकल्सन
अंतरिक्ष में जाने वाली प्रथम महिला बेलेन्टिना तेरेश्कोवा (रूस)
अंतरिक्ष में विचरण करने वाली प्रथम महिला श्वेतलाना सेवित्स्काया
अन्तर्राष्ट्रीय न्यायालय की प्रथम महिला न्यायाधीश रोजालीन हिग्गिन्स (ब्रिटेन)
अन्तर्राष्ट्रीय फुटबाल प्रतियोगिताओं हेतु नियुक्त की गई पहली महिला रेफरी लिंडा ब्लेक
अमरीकन थियेटर की प्रथम कही जाने वाली महिला हेलेन हेज
अमरीका की प्रथम महिला पायलट कैली फ्लिन
अमरीकी अंतरिक्ष शटल की प्रथम महिला पायलट इलिन कोलिंस (अमरीका)
अमरीकी प्रतिनिधि सभा की पहली महिला स्पीकर नैंसी पैलोसी (जनवरी 2007)
अर्जेन्टीना की प्रथम निर्वाचित महिला राष्ट्रपति क्रिस्टीना फर्नांडिस डि किर्चनर (अक्टूबर 2007)
आइसलैण्ड की प्रथम महिला राष्ट्रपति विगडिस फिन्नबोगाडोटिर (1980)
आयरलैण्ड की दूसरी महिला राष्ट्रपति मैरी मक्वेलीज (1997)
आयरलैण्ड की प्रथम महिला राष्ट्रपति मैरी रॉबिसन (1990)
इंगलिश चैनल को तैरकर पार करने वाली प्रथम महिला तैराक गैरट्रयूड एडरली
इंगलैंड की प्रथम महिला प्रधानमंत्री मार्गरेट व्ल्डि थैचर (1979)
इंगलैण्ड के चर्च ऑफ इंगलैण्ड की प्रथम पादरी महिला एंजोला बजर्स विलसन
इंग्लैंड की प्रथम महिला प्रधानमंत्री मार्गेट थैचर
इक्वेडोर की प्रथम महिला राष्ट्रपति रोसालिया अर्टेगा (1997)
इजराइल की प्रथम महिला प्रधानमंत्री श्रीमती गोल्डा मेयर (1969)
इतिहास में पहली बार विश्व का प्रथम मिस अमरीका बधिर सुन्दरी हीदर ह्नाइटस्टोन
उत्तरी ध्रुव पर पहुँचने वाली प्रथम महिला मिस फ्रान फिप्स
उत्तरी ध्रुव विजेता प्रथम अमरीकी महिला एन. बैंक्राफ
एपिस्कोयल चर्च द्वारा अमरीका में नियुक्त प्रथम महिला विशप रेवरेंड मैरी एडेलियर
एवरेस्ट पर चढ़ने वाली प्रथम महिला जुंको तेबई (जापान)
एवरेस्ट शिखर पार चार बार पहुँचने वाली प्रथम महिला लाकपा शेरपा
एशिया की प्रथम महिला जिसे विलियम्स फुलब्राइट पुरस्कार दिया गया कोरजोन एक्विनो (फिलीपींस)
ओलम्पिक खेल में स्वर्ण पदक जीतने वाली प्रथम महिला खिलाड़ी मारग्रेट एबोट (अमरीका)
कनाडा की प्रथम महिला प्रधानमंत्री किम कैम्पबेल (1993)
किसी अफ्रीका देश एवं लाइबेरिया में पहली निर्वाचित महिला राष्ट्रपति एलेन जॉनसन सिरलीफ (लाइबेरिया, 16 जनवरी, 2006)
किसी मुस्लिम देश की प्रथम महिला प्रधानमंत्री बेनजीर भुटटो (पाकिस्तान)
गट निरपेक्ष आन्दोलन की प्रथम महिला अध्यक्ष एस. भण्डारनायके (श्रीलंका)
गुआन की प्रथम महिला प्रधानमंत्री जैनेट जैगेन (1997)
चिली की प्रथम महिला राष्ट्रपति मिशेल बचेलेट (जनवरी 2006)
जर्मनी की पहली महिला चांसलर एंजेला मर्केल (22 नवम्बर, 2005)
जापान की निम्न प्रतिनिधि सभा की प्रथम महिला अध्यक्ष तकाको दोई
जापान की प्रथम महिला अंतरिक्ष यात्री चियकी मुकाई
टर्की की प्रथम महिला प्रधानमंत्री तांसु सिलर (1993)
डेनमार्क की राज्याध्यक्ष महारानी (क्वीन) मारग्रेट द्वितीय
डोमिनिका की प्रथम महिला प्रधानमंत्री मैरी यूजीनिया चार्ल्स (1980)
ताइवान की पहली महिला राष्ट्रपति साई इंग वेन
दकोरिया की पहली महिला प्रधानमंत्री हैन म्यून-सुक (अप्रैल 2006)
दक्षिण कोरिया की प्रथम महिला प्रधानमंत्री चांग सांग
दक्षिणी ध्रुव पर दिन में किमी की अकेले यात्रा करने वाली प्रथम महिला लिव अर्नेसन (नॉर्वे)
निकारागुआ की प्रथम महिला राष्ट्रपति वायलेटा बेरियोस डी कैमोरो (1990)
निर्गुट सम्मेलन की प्रथम महिला अध्यक्ष श्रीमती इंदिरा गांधी
नीदरलैण्ड की प्रथम महिला प्रधानमंत्री मारिया लिबेरिया पीटर्स एंटीलेस (1998)
नीदरलैण्ड की राज्याध्यक्ष महारानी बीयाट्रिक्स
नॉर्वे की प्रथम महिला प्रधानमंत्री ग्रो हारलेम बुन्डलैन्ड (1981)
नोबेल पुरस्कार से सम्मानित प्रथम मुस्लिम महिला शीरीन इबादी (ईरान, क्षेत्र-शांति, 2003)
न्यूजीलैण्ड की प्रथम महिला प्रधानमंत्री जैनी शिपले (1997)
पनामा देश की प्रथम महिला राष्ट्रपति मिरिया मोस्कोसो (1999)
पाकिस्तान की पहली महिला स्पीकर फहमिदा मिर्जा (मार्च 2008)
पाकिस्तान की प्रथम महिला प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो (1988)
पाकिस्तान की प्रथम महिला विंग कमांडर शाहिदा परवीन
पेरू की पहली महिला प्रधानमंत्री ब्रीट्रिज मेरिनो
पोलैण्ड की प्रथम महिला प्रधानमंत्री हन्ना सुचोका (1992)
फिनलैण्ड की प्रथम महिला प्रधानमंत्री एनेली जाटेनमाकी
फिलीपींस की प्रथम महिला राष्ट्रपति कोरोजन एक्विनो (1986)
फ्रांस की प्रथम महिला प्रधानमंत्री एडिथ क्रेसन (1991)
बरमुडा की प्रथम महिला प्रधानमंत्री पामेला गार्डेन (1997)
बांग्लादेश की प्रथम महिला प्रधानमंत्री बेग खालिदा जिया (1991)
बोलीविया की प्रथम महिला राष्ट्रपति लीडिया गैवेलर टेजाडा (1979)
ब्रिटेन की पहली महिला पोयट लॉरिएट कैरोल एन. डफी (स्कॉटलैण्ड की कवयित्री मई, 2009)

ब्रिटेन की पहली रानी जेन
ब्रिटेन की प्रथम महिला राज्याध्यक्ष महारानी एलिजाबेथ द्वितीय
भारत की प्रथम महिला जिसे पाकिस्तान का सर्वोच्च मानवता पुरस्कार ‘निशान-ए-इंसानियत’ प्रदान किया गया नीरजा मिश्रा
महिला क्रिकेट टेस्ट मैच में सर्वाधिक रनों की पारी खेलने का विश्व रिकॉर्ड किरण (पाकिस्तान, 242 रन, मार्च 2004, वेस्टइंडीज के विरुद्ध)
माल्टा की प्रथम महिला प्रधानमंत्री अगाया बारबरा (1982-87)
मिलेनियम टेक्नोलॉजी प्राइज जीतने वाली पहली महिला फ्रांसिस अर्नोल्ड
रोमानिया की प्रथम महिला राष्ट्रपति कोरोजन एक्विनो (1986)
लाइबेरिया की प्रथम महिला राष्ट्रपति रूथ पेरी (1996)
लाटविया की पहली महिला राष्ट्रपति वाई वाइक फ्रीबर्गा (1999)
लिथुआनिया की प्रथम महिला प्रधानमंत्री काजीमियेराप्रुंसकीन (1990)
लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित विश्व के किसी भी देश की प्रथम महिला राष्ट्रपति विगदिस फिनवोगादोतीर (आइसलैण्ड)
वह भारतीय महिला, जिसे न्यूजीलैण्ड में प्रथम महिला महापौर होने का गौरव प्राप्त है सुखविंदर टर्नर (डुनेडिन शहर)
विदेश में भारत का ध्वज फहराने वाली प्रथम महिला मैडम कामा
विश्व की पहली सबसे कम उम्र की पहली महिला पायलट अटलांटिक पार करने वाली विकीवान मीटर (अमरीका)
विश्व की प्रथम नोबेल पुरस्कार पाने वाली महिला मैडम क्यूरी
विश्व की प्रथम महिला जिन्हें इंटर पार्लियामेन्टरी यूनियन का आजीवन अध्यक्ष नियुक्त किया गया नजमा हेपतुल्ला (भारत)
विश्व की प्रथम महिला डॉक्टर एलिजावेथ ब्लैकवेल (अमरीका)
विश्व की प्रथम महिला प्रधानमंत्री एस. भण्डारनायके (श्रीलंका)
विश्व की प्रथम महिला मुक्केबाज जिसने पहली बार पुरुष महिला मुकाबले में विजय पायी मार्गरेट मैक ग्रेगोर
विश्व की प्रथम महिला राष्ट्रपति मैरिया एसाबेल पेरॉन (अर्जेन्टीना)
विश्व की प्रथम महिला विशप किसे चुना गया रे मैरी एडेलियर (अमरीका)
विश्व की प्रथम महिला सरोद वादक शरन रानी
विश्व की प्रथम सबसे कम उम्र में इंग्लिश चैनल पार करने वाली छात्रा रूपाली रामदास
विश्व की प्रथम सम्मानित महिला ब्रिटेन की रानी एलिजाबेथ
विश्व की वह प्रथम महिला जो अन्तर्राष्ट्रीय बैडमिंटन महासंघ की अध्यक्ष चुनी गयीं ल्यू शेंगरॉग (चीन)
विश्व की वह प्रथम महिला जो पैदल चलकर उत्तरी ध्रुव पहुँचने वाली क्रिस्टीन जेनिन (फ्रांस)
विश्व की सबसे अधिक बच्चों को जन्म देने वाली महिला लयोन्विना अल्विना (चिली-55 बच्चों को जन्म दे चुकी है)
विश्व की सबसे लम्बी महिला सेन्डी एलन (कनाडा ऊँचाई 7 फीट 1/4 इंच)
विश्व की सर्वप्रथम निर्वाचित महिला राष्ट्रपति विगडिस फिन्नवोगाडोटिर (आइसलैण्ड)
विश्व मुक्केबाजी परिषद् का महिलाओं का पहला मुक्केबाजी खिताब लैला अली (11 जून, 2005, प्रसि) मुक्केबाजी मोहम्मद अली की बेटी)
विश्व में किसी भी देश की प्रथम महिला प्रधानमंत्री सिरिमावो भंडारनायके, श्रीलंका (1960)
विश्व में संयुक्त राष्ट्र महासभा की प्रथम महिला सभापति श्रीमती विजयालक्ष्मी पंडित (भारत)
श्रीलंका की प्रथम महिला राष्ट्रपति श्रीमती चंद्रिका कुमारतुंगे (1994)
संयुक्त राज्य अमरीका की प्रथम महिला सेक्रेटरी ऑफ स्टेट मैडेलीन अल्ब्राइट
संयुक्त राष्ट्र संघ की किसी एजेंसी की प्रमुख बनने वाली पहली चीनी नागरिक मारग्रेट चान (विश्व स्वास्थ्य संगठन जनवरी 2007)
संयुक्त राष्ट्र संघ की नागरिक पुलिस सलाहकार नियुक्त होने वाली विश्व की प्रथम महिला किरण बेदी (भारत)
सबसे ज्यादा अवधि (दिन) तक अंतरिक्ष में रहने वाली महिला चेलेना कोडाकोवा
साइमन बोलिवर पुरस्कार से सम्मानित प्रथम महिला आंग सान सून की (म्यांमार)
स्विट्जरलैण्ड की प्रथम महिला राष्ट्रपति रूथ ड्रायफुस (1999)
हैती की पहली महिला प्रधानमंत्री क्लाउदेते बेर्लिग (1995)
हैती की प्रथम महिला राष्ट्रपति हेरटा प्रालोप (1990)

और जानिये : विश्व में प्रथम प्रसिद्ध महिलाओं के नाम और उनकी उपलब्धियॉ (विभिन्न क्षेत्रों में)

वर्ष 2018 में भारत के प्रमुख व्रत, पर्व और त्योहार की तिथि व दिन

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वर्ष 2018 में भारत के प्रमुख के व्रत, पर्व और त्यौहार की तिथि व दिन: (List of Indian Festivals 2018 in Hindi)

भारतीय त्यौहार

भारत अनेकता में एकता का देश है। भारत विश्व की सबसे पुरानी सभ्‍यताओं में से एक है, जो लगभग 4,000 से अधिक वर्षों से चली आ रही है और जिसने अनेक रीति-रिवाज़ों और परम्‍पराओं का संगम देखा है। यह देश की समृद्ध संस्‍कृति और विरासत का परिचायक है। भारत में दुनिया के प्रायः सभी धर्म एवं सम्प्रदाय मौजूद हैं, जिन्हें हर तरह की धार्मिक स्वतंत्रता प्राप्त है और वे अपने-अपने पर्व-त्यौहार अपनी परंपरा के अनुसार मनाने के लिए स्वतंत्र हैं। हमारे पर्व या त्यौहार मात्र उत्सव नहीं होते जिन्हें उल्लास और उमंग के साथ मनाकर एक औपचारिकता पूरी कर दी जाती है, बल्कि अधिकांश पर्वों में एक संस्कृति, एक इतिहास और एक परंपरा निहित है। भारत में लगभग हर महीने में कोई ना कोई उत्सव जरुर होता और देश का हर नागरिक इन उत्सवों का भरपूर आनन्द लेता है। भारत में हर एक त्यौहार का अपना एक इतिहास, पौराणिक कथाएँ और मनाने का विशेष महत्व है। विदेशों में रहने वाले भारतीय भी भारत के उत्सवों को बहुत उत्साह और जुनून के साथ मनाते हैं।

भारत एक ऐसा देश है जो विविधता में एकता का उदाहरण है क्योंकि यहाँ हिन्दू, मुस्लिम, सिक्ख, ईसाई तथा जैन आदि धर्म एक साथ निवास करते हैं। कुछ त्यौहारों को राष्ट्रीय स्तर पर मनाया जाता है जबकि कुछ क्षेत्रीय स्तर पर मनाये जाते हैं। आइए जानते हैं 2018 में कौन-सा त्‍यौहार और व्रत कब पड़ रहा है। भारतीय कैलेंडर 2018 में देखें साल 2018 में पड़ने वाले सभी त्यौहारों का विवरण। इस अध्याय में भारत के सभी धर्मो द्वारा मनाये जाने प्रमुख त्यौहार, पर्व, व्रत और उपवास की तिथियों के बारे में महत्वपूर्ण सामान्य ज्ञान जानकारी दी गयी है।

इन्हें भी पढे: राष्ट्रीय और अंतराष्ट्रीय महत्वपूर्ण दिवस और तिथियों की सूची

भारत के प्रमुख त्यौहार, व्रत, पर्व और उत्सव 2018:

तिथि दिन व्रत, पर्व और त्यौहार का नाम
जनवरी माह के प्रमुख व्रत, पर्व और त्यौहार
01 जनवरी सोमवार पूर्णिमा उपवास, अंग्रेज़ी नव वर्ष
02 जनवरी मंगलवार पौष पूर्णिमा, शाकम्भरी पूर्णिमा, अरुद्र दर्शन
03 जनवरी बुधवार माघ प्रारम्भ (उत्तर)
05 जनवरी शुक्रवार संकष्टी चतुर्थी, सकट चौथ
08 जनवरी सोमवार स्वामी विवेकानन्द जयन्ती, कालाष्टमी
12 जनवरी शुक्रवार षटतिला एकादश
13 जनवरी शनिवार लोहड़ी
14 जनवरी रविवार प्रदोष व्रत, मेरु त्रयोदशी, पोंगल, मकर संक्रान्ति
15 जनवरी सोमवार मासिक शिवरात्रि, माघ बिहु
16 जनवरी मंगलवार माघ अमावस्या, दर्श अमावस्या, मौनी अमावस, थाई अमावसाइ
18 जनवरी बृहस्पतिवार चन्द्र दर्शन, गुप्त नवरात्रि प्रारम्भ
21 जनवरी रविवार विनायक चतुर्थी, गणेश जयन्ती
22 जनवरी सोमवार वसन्त पञ्चमी, स्कन्द षष्ठी
23 जनवरी मंगलवार सुभाष चन्द्र बोस जयन्ती
24 जनवरी बुधवार रथ सप्तमी, नर्मदा जयन्ती
25 जनवरी बृहस्पतिवार भीष्म अष्टमी, मासिक दुर्गाष्टमी
26 जनवरी शुक्रवार गणतन्त्र दिवस
27 जनवरी शनिवार जया एकादशी, रोहिणी व्रत
28 जनवरी रविवार गौण जया एकादशी, वैष्णव जया एकादशी, भीष्म द्वादशी
29 जनवरी सोमवार प्रदोष व्रत
31 जनवरी बुधवार माघ पूर्णिमा, चन्द्र ग्रहण, पूर्णिमा उपवास, गुरु रविदास जयन्ती, ललिता जयन्ती, थाई पूसम
फरवरी माह के प्रमुख व्रत, पर्व और त्यौहार
01 फरवरी बृहस्पतिवार फाल्गुन प्रारम्भ (उत्तर)
03 फरवरी शनिवार संकष्टी चतुर्थी
06 फरवरी मंगलवार यशोदा जयन्ती
07 फरवरी बुधवार शबरी जयन्ती, कालाष्टमी
08 फरवरी बृहस्पतिवार जानकी जयन्ती
10 फरवरी शनिवार महर्षि दयानन्द सरस्वती जयन्ती
11 फरवरी रविवार विजया एकादशी
13 फरवरी मंगलवार प्रदोष व्रत, महा शिवरात्रि, कुम्भ संक्रान्ति
15 फरवरी बृहस्पतिवार फाल्गुन अमावस्या, दर्श अमावस्या, सूर्य ग्रहण
17 फरवरी शनिवार चन्द्र दर्शन, फुलैरा दूज, रामकृष्ण जयन्ती
19 फरवरी सोमवार विनायक चतुर्थी
21 फरवरी बुधवार स्कन्द षष्ठी
22 फरवरी बृहस्पतिवार अष्टाह्निका विधान प्रारम्भ
23 फरवरी शुक्रवार मासिक दुर्गाष्टमी
24 फरवरी शनिवार रोहिणी व्रत
26 फरवरी सोमवार आमलकी एकादशी
27 फरवरी मंगलवार नरसिंह द्वादशी, प्रदोष व्रत
मार्च माह के प्रमुख व्रत, पर्व और त्यौहार
01 मार्च बृहस्पतिवार चौमासी चौदस, छोटी होली, होलिका दहन, वसन्त पूर्णिमा, दोल पूर्णिमा, पूर्णिमा उपवास, अष्टाह्निका विधान पूर्ण, फाल्गुन पूर्णिमा, लक्ष्मी जयन्ती, चैतन्य महाप्रभु जयन्ती, मासी मागम
02 मार्च शुक्रवार होली, चैत्र प्रारम्भ (उत्तर), अट्टुकल पोंगल
03 मार्च शनिवार भाई दूज, भ्रातृ द्वितीया
04 मार्च रविवार शिवाजी जयन्ती
05 मार्च सोमवार संकष्टी चतुर्थी
06 मार्च मंगलवार मार्चरंग पञ्चमी
08 मार्च बृहस्पतिवार शीतला सप्तमी
09 मार्च शुक्रवार बसोड़ा, शीतला अष्टमी, कालाष्टमी, वर्षी तप आरम्भ
13 मार्च मंगलवार मार्चपापमोचिनी एकादशी
14 मार्च बुधवार प्रदोष व्रत, मीन संक्रान्ति, कारादाइयन नौम्बू
15 मार्च बृहस्पतिवार मासिक शिवरात्रि
17 मार्च शनिवार चैत्र अमावस्या, दर्श अमावस्या
18 मार्च रविवार चन्द्र दर्शन, चैत्र नवरात्रि, गुड़ी पड़वा, युगादी
19 मार्च सोमवार झूलेलाल जयन्ती
20 मार्च मंगलवार मार्चगौरीपूजा, गणगौर, मत्स्य जयन्ती, वसन्त सम्पात
21 मार्च बुधवार विनायक चतुर्थी, लक्ष्मी पञ्चमी
22 मार्च बृहस्पतिवार स्कन्द षष्ठी
23 मार्च शुक्रवार यमुना छठ, रोहिणी व्रत
24 मार्च शनिवार नवपद ओली प्रारम्भ, मासिक दुर्गाष्टमी
25 मार्च रविवार राम नवमी, महातारा जयन्ती
27 मार्च मंगलवार मार्चकामदा एकादशी
28 मार्च बुधवार वामन द्वादशी
29 मार्च बृहस्पतिवार प्रदोष व्रत, महावीर स्वामी जयन्ती
30 मार्च शुक्रवार गुड फ्राइडे, हजरत अली का जन्मदिन
31 मार्च शनिवार हनुमान जयन्ती, चैत्र पूर्णिमा, पूर्णिमा उपवास, नवपद ओली पूर्ण, पैन्गुनी उथिरम
अप्रैल माह के प्रमुख व्रत, पर्व और त्यौहार
01 अप्रैल रविवार वैशाख प्रारम्भ (उत्तर), बैंक अवकाश, ईस्टर
03 अप्रैल मंगलवार संकष्टी चतुर्थी
08 अप्रैल रविवार कालाष्टमी
12 अप्रैल बृहस्पतिवार बरूथिनी एकादशी, वल्लभाचार्य जयन्ती
13 अप्रैल शुक्रवार प्रदोष व्रत
14 अप्रैल शनिवार मासिक शिवरात्रि, सोलर नववर्ष, मेष संक्रान्ति, बैसाखी, पुथन्डू, अम्बेडकर जयन्ती
15 अप्रैल रविवार दर्श अमावस्या, विषु कानी, पहेला वैशाख
16 अप्रैल सोमवार वैशाख अमावस्या, सोमवती अमावस
17 अप्रैल मंगलवार चन्द्र दर्शन
18 अप्रैल बुधवार परशुराम जयन्ती, अक्षय तृतीया, वर्षी तप पारण, मातङ्गी जयन्ती, मासिक कार्तिगाई
19 अप्रैल बृहस्पतिवार विनायक चतुर्थी, रोहिणी व्रत
20 अप्रैल शुक्रवार शंकराचार्य जयन्ती, सूरदास जयन्ती
21 अप्रैल शनिवार स्कन्द षष्ठी, रामानुज जयन्ती
22 अप्रैल रविवार भानु सप्तमी, गंगा सप्तमी
23 अप्रैल सोमवार मासिक दुर्गाष्टमी, बगलामुखी जयन्ती
24 अप्रैल मंगलवार सीता नवमी
25 अप्रैल बुधवार महावीर स्वामी कैवल्य ज्ञान
26 अप्रैल बृहस्पतिवार मोहिनी एकादशी, परशुराम द्वादशी, थ्रिस्सूर पूरम
27 अप्रैल शुक्रवार प्रदोष व्रत
28 अप्रैल शनिवार नरसिंघ जयन्ती, छिन्नमस्ता जयन्ती
29 अप्रैल रविवार कूर्म जयन्ती, पूर्णिमा उपवास
30 अप्रैल सोमवार वैशाख पूर्णिमा, बुद्ध पूर्णिमा, चित्रा पूर्णनामी
मई माह के प्रमुख व्रत, पर्व और त्यौहार
01 मई मंगलवार ज्येष्ठ प्रारम्भ (उत्तर), नारद जयन्ती
03 मई बृहस्पतिवार संकष्टी चतुर्थी
04 मई शुक्रवार अग्नि नक्षत्रम् प्रारम्भ
07 मई सोमवार कालाष्टमी, रबीन्द्रनाथ टैगोर जयन्ती
09 मई बुधवार टैगोर जयन्ती (बंगाल)
10 मई बृहस्पतिवार हनुमान जयन्ती (तेलुगू)
11 मई शुक्रवार अपरा एकादशी
13 मई रविवार प्रदोष व्रत, मासिक शिवरात्रि
15 मई मंगलवार ज्येष्ठ अमावस्या, दर्श-भावुका अमावस्या, शनि जयन्ती, वट सावित्री व्रत, वृषभ संक्रान्ति, मासिक कार्तिगाई
16 मई बुधवार अधिक मास प्रारम्भ, चन्द्र दर्शन
17 मई बृहस्पतिवार रोहिणी व्रत
18 मई शुक्रवार विनायक चतुर्थी
20 मई रविवार स्कन्द षष्ठी
22 मई मंगलवार मासिक दुर्गाष्टमी
24 मई बृहस्पतिवार गंगा दशहरा
25 मई शुक्रवार पद्मिनी एकादशी
26 मई शनिवार प्रदोष व्रत, शनि त्रयोदशी
28 मई सोमवार अग्नि नक्षत्रम् समाप्त, वैकासी विसाकम
29 मई मंगलवार ज्येष्ठ पूर्णिमा, पूर्णिमा उपवास
जून माह के प्रमुख व्रत, पर्व और त्यौहार
02 जून शनिवार संकष्टी चतुर्थी
06 जून बुधवार कालाष्टमी
10 जून रविवार परम एकादशी
11 जून सोमवार प्रदोष व्रत
12 जून मंगलवार मासिक शिवरात्रि, मासिक कार्तिगाई
13 जून बुधवार ज्येष्ठ अमावस्या, दर्श अमावस्या, अधिक मास समाप्त, रोहिणी व्रत
15 जून शुक्रवार चन्द्र दर्शन, मिथुन संक्रान्ति, जमात उल-विदा, ईद उल-फ़ित्र, रमज़ान
16 जून शनिवार महाराणा प्रताप जयन्ती
17 जून रविवार विनायक चतुर्थी
18 जून सोमवार स्कन्द षष्ठी
20 जून बुधवार मासिक दुर्गाष्टमी, धूमावती जयन्ती
21 जून बृहस्पतिवार महेश नवमी, साल का सबसे बड़ा दिन
23 जून शनिवार गायत्री जयन्ती, निर्जला एकादशी
24 जून रविवार रामलक्ष्मण द्वादशी
25 जून सोमवार प्रदोष व्रत
27 जून बुधवार वट पूर्णिमा व्रत, पूर्णिमा उपवास
28 जून बृहस्पतिवार ज्येष्ठ पूर्णिमा, कबीरदास जयन्ती
29 जून शुक्रवार आषाढ़ प्रारम्भ (उत्तर)
जुलाई माह के प्रमुख व्रत, पर्व और त्यौहार
01 जुलाई रविवार संकष्टी चतुर्थी
06 जुलाई शुक्रवार कालाष्टमी
09 जुलाई सोमवार योगिनी एकादशी, मासिक कार्तिगाई
10 जुलाई मंगलवार प्रदोष व्रत, रोहिणी व्रत
11 जुलाई बुधवार मासिक शिवरात्रि
12 जुलाई बृहस्पतिवार दर्श अमावस्या
13 जुलाई शुक्रवार आषाढ़ अमावस्या, सूर्य ग्रहण, गुप्त नवरात्रि प्रारम्भ
14 जुलाई शनिवार चन्द्र दर्शन, जगन्नाथ रथयात्रा
16 जुलाई सोमवार विनायक चतुर्थी, कर्क संक्रान्ति
17 जुलाई मंगलवार स्कन्द षष्ठी
19 जुलाई बृहस्पतिवार अष्टाह्निका विधान प्रारम्भ
20 जुलाई शुक्रवार मासिक दुर्गाष्टमी
23 जुलाई सोमवार देवशयनी एकादशी, गौरी व्रत प्रारम्भ (गुजरात), वासुदेव द्वादशी
24 जुलाई मंगलवार प्रदोष व्रत, जयापार्वती व्रत प्रारम्भ
26 जुलाई बृहस्पतिवार चौमासी चौदस
27 जुलाई शुक्रवार कोकिला व्रत (गुजरात), व्यास पूजा, आषाढ़ पूर्णिमा, गुरु पूर्णिमा, पूर्णिमा उपवास, चन्द्र ग्रहण, अष्टाह्निका विधान पूर्ण
28 जुलाई शनिवार सावन प्रारम्भ (उत्तर)
30 जुलाई सोमवार श्रावण व्रत (उत्तर)
31 जुलाई मंगलवार जयापार्वती व्रत समाप्त, मंगला गौरी व्रत (उत्तर), संकष्टी चतुर्थी
अगस्त माह के प्रमुख व्रत, पर्व और त्यौहार
03 अगस्त शुक्रवार आदि पेरुक्कू
04 अगस्त शनिवार कालाष्टमी
05 अगस्त रविवार मासिक कार्तिगाई
06 अगस्त सोमवार श्रावण व्रत (उत्तर)
07 अगस्त मंगलवार कामिका एकादशी, मंगला गौरी व्रत (उत्तर), रोहिणी व्रत
08 अगस्त बुधवार गौण कामिका एकादशी, वैष्णव कामिका एकादशी
09 अगस्त बृहस्पतिवार प्रदोष व्रत, सावन शिवरात्रि
11 अगस्त शनिवार श्रावण अमावस्या, दर्श अमावस्या, हरियाली अमावस्या, सूर्य ग्रहण
12 अगस्त रविवार चन्द्र दर्शन
13 अगस्त सोमवार हरियाली तीज, श्रावण व्रत, अन्दल जयन्थी
14 अगस्त मंगलवार विनायक चतुर्थी, मंगला गौरी व्रत
15 अगस्त बुधवार नाग पञ्चमी, स्वतन्त्रता दिवस
16 अगस्त बृहस्पतिवार कल्की जयन्ती, स्कन्द षष्ठी
17 अगस्त शुक्रवार तुलसीदास जयन्ती, सिंह संक्रान्ति, मलयालम नव वर्ष
18 अगस्त शनिवार मासिक दुर्गाष्टमी
20 अगस्त सोमवार श्रावण व्रत
21 अगस्त मंगलवार मंगला गौरी व्रत
22 अगस्त बुधवार श्रावण पुत्रदा एकादशी, दामोदर द्वादशी, ईद-उल-जुहा, बकरीद
23 अगस्त बृहस्पतिवार प्रदोष व्रत
24 अगस्त शुक्रवार वरलक्ष्मी व्रत, ओणम
25 अगस्त शनिवार ऋग्वेद उपाकर्म
26 अगस्त रविवार श्रावण पूर्णिमा, राखी, रक्षा बन्धन, गायत्री जयन्ती, नारली पूर्णिमा, पूर्णिमा उपवास, यजुर्वेद उपाकर्म, हयग्रीव जयन्ती, संस्कृत दिवस
27 अगस्त सोमवार गायत्री जापम, भाद्रपद प्रारम्भ (उत्तर)
29 अगस्त बुधवार कजरी तीज
30 अगस्त बृहस्पतिवार संकष्टी चतुर्थी, संकटहरा चतुर्थी (तमिल), बोल चौथ (गुजरात)
31 अगस्त शुक्रवार नाग पञ्चम (गुजरात)
सितम्बर माह के प्रमुख व्रत, पर्व और त्यौहार
01 सितम्बर शनिवार बलराम जयन्ती, रांधण छठ (गुजरात)
02 सितम्बर रविवार शीतला सातम (गुजरात), भानु सप्तमी, जन्माष्टमी (स्मार्त), कालाष्टमी, आद्याकाली जयन्ती, मासिक कार्तिगाई, अष्टमी रोहिणी
03 सितम्बर सोमवार जन्माष्टमी (इस्कॉन), दही हाण्डी, रोहिणी व्रत
06 सितम्बर बृहस्पतिवार अजा एकादशी
07 सितम्बर शुक्रवार पर्यूषण पर्वारम्भ, प्रदोष व्रत
08 सितम्बर शनिवार मासिक शिवरात्रि
09 सितम्बर रविवार भाद्रपद अमावस्या, दर्श अमावस्या, पिठोरी अमावस्या, पोला, वृषभोत्सव
10 सितम्बर सोमवार चन्द्र दर्शन
11 सितम्बर मंगलवार सामवेद उपाकर्म
12 सितम्बर बुधवार वराह जयन्ती, हरतालिका तीज, गौरी हब्बा, अल-हिजरा, इस्लामी नया साल
13 सितम्बर बृहस्पतिवार गणेश चतुर्थी
14 सितम्बर शुक्रवार ऋषि पञ्चमी, सम्वत्सरी पर्व, स्कन्द षष्ठी
15 सितम्बर शनिवार गौरी आवाहन
16 सितम्बर रविवार ललिता सप्तमी, भानु सप्तमी, दूर्वा अष्टमी, गौरी पूजा
17 सितम्बर सोमवार राधा अष्टमी, मासिक दुर्गाष्टमी, महालक्ष्मी व्रत आरम्भ, गौरी विसर्जन, कन्या संक्रान्ति, विश्वकर्मा पूजा
20 सितम्बर बृहस्पतिवार परिवर्तिनी एकादशी
21 सितम्बर शुक्रवार वामन जयन्ती, कल्की द्वादशी, भुवनेश्वरी जयन्ती, अशुरा का दिन, मुहर्रम
22 सितम्बर शनिवार प्रदोष व्रत, शनि त्रयोदशी
23 सितम्बर रविवार अनन्त चतुर्दशी, गणेश विसर्जन, शरद्कालीन सम्पात
24 सितम्बर सोमवार पूर्णिमा उपवास, पूर्णिमा श्राद्ध
25 सितम्बर मंगलवार भाद्रपद पूर्णिमा, प्रतिपदा श्राद्ध
26 सितम्बर बुधवार आश्विन प्रारम्भ (उत्तर), द्वितीया श्राद्ध
27 सितम्बर बृहस्पतिवार तृतीया श्राद्ध
28 सितम्बर शुक्रवार महा भरणी, चतुर्थी श्राद्ध, संकष्टी चतुर्थी
29 सितम्बर शनिवार पञ्चमी श्राद्ध
30 सितम्बर रविवार षष्ठी श्राद्ध, रोहिणी व्रत
अक्टूबर माह के प्रमुख व्रत, पर्व और त्यौहार
01 अक्टूबर सोमवार सप्तमी श्राद्ध
02 अक्टूबर मंगलवार अष्टमी श्राद्ध, जीवितपुत्रिका व्रत, कालाष्टमी, महालक्ष्मी व्रत पूर्ण, गाँधी जयन्ती
03 अक्टूबर बुधवार नवमी श्राद्ध
04 अक्टूबर बृहस्पतिवार दशमी श्राद्ध
05 अक्टूबर शुक्रवार इन्दिरा एकादशी, एकादशी श्राद्ध
06 अक्टूबर शनिवार मघा श्राद्ध, द्वादशी श्राद्ध, प्रदोष व्रत, शनि त्रयोदशी
07 अक्टूबर रविवार त्रयोदशी श्राद्ध, चतुर्दशी श्राद्ध, मासिक शिवरात्रि
08 अक्टूबर सोमवार सर्वपित्री दर्श अमावस्या, सर्वपित्रू अमावस्या
09 अक्टूबर मंगलवार अश्विन अमावस्या
10 अक्टूबर बुधवार चन्द्र दर्शन, नवरात्रि प्रारम्भ, घटस्थापना, महाराजा अग्रसेन जयन्ती
12 अक्टूबर शुक्रवार विनायक चतुर्थी
13 अक्टूबर शनिवार ललिता पञ्चमी
14 अक्टूबर रविवार सरस्वती आवाहन, बिल्व निमन्त्रण, स्कन्द षष्ठी
15 अक्टूबर सोमवार कल्पारम्भ, अकाल बोधन
16 अक्टूबर मंगलवार सरस्वती पूजा, नवपत्रिका पूजा, नवपद ओली प्रारम्भ
17 अक्टूबर बुधवार सरस्वती बलिदान, दुर्गा अष्टमी, सन्धि पूजा, महा नवमी, सरस्वती विसर्जन, तुला संक्रान्ति
18 अक्टूबर बृहस्पतिवार दुर्गा बलिदान, आयुध पूजा, दक्षिण सरस्वती पूजा, बंगाल महा नवमी
19 अक्टूबर शुक्रवार दुर्गा विसर्जन, दशहरा, विजयदशमी, बंगाल विजयदशमी, मैसूर दसरा, विद्याआरम्भम् का दिन, बुद्ध जयन्ती, मध्वाचार्य जयन्ती
20 अक्टूबर शनिवार पापांकुशा एकादशी
21 अक्टूबर रविवार पद्मनाभ द्वादशी
22 अक्टूबर सोमवार प्रदोष व्रत
23 अक्टूबर मंगलवार कोजागर पूजा, शरद पूर्णिमा
24 अक्टूबर बुधवार अश्विन पूर्णिमा, पूर्णिमा उपवास, वाल्मीकि जयन्ती, मीराबाई जयन्ती, नवपद ओली पूर्ण
25 अक्टूबर बृहस्पतिवार कार्तिक प्रारम्भ (उत्तर)
27 अक्टूबर शनिवार अट्ल तद्दी, करवा चौथ, संकष्टी चतुर्थी
28 अक्टूबर रविवार रोहिणी व्रत
31 अक्टूबर बुधवार अहोई अष्टमी, राधा कुण्ड स्नान, कालाष्टमी
नवम्बर माह के प्रमुख व्रत, पर्व और त्यौहार
03 नवम्बर शनिवार रमा एकादशी
04 नवम्बर रविवार वैष्णव रमा एकादशी, गोवत्स द्वादशी
05 नवम्बर सोमवार धन तेरस, यम पञ्चक प्रारम्भ, यम दीपम, प्रदोष व्रत, काली चौदस, हनुमान पूजा, मासिक शिवरात्रि
06 नवम्बर मंगलवार नरक चतुर्दशी, तमिल दीपावली, काली पूजा
07 नवम्बर बुधवार दीवाली, लक्ष्मी पूजा, दीपमालिका, केदार गौरी व्रत, चोपड़ा पूजा, शारदा पूजा, कमला जयन्ती, कार्तिक अमावस्या, दर्श अमावस्या
08 नवम्बर बृहस्पतिवार चन्द्र दर्शन, गोवर्धन पूजा, अन्नकूट, बलि प्रतिपदा, द्यूत क्रीडा, नव सम्वत प्रारम्भ
09 नवम्बर शुक्रवार भैया दूज, यम द्वितीया
11 नवम्बर रविवार नागुला चविति (तेलुगू), विनायक चतुर्थी
12 नवम्बर सोमवार लाभ पञ्चमी
13 नवम्बर मंगलवार छठ पूजा, सूर सम्हारम
14 नवम्बर बुधवार अष्टाह्निका विधान प्रारम्भ, नेहरू जयन्ती
16 नवम्बर शुक्रवार गोपाष्टमी, मासिक दुर्गाष्टमी, वृश्चिक संक्रान्ति
17 नवम्बर शनिवार अक्षय नवमी, जगद्धात्री पूजा, मण्डला काल प्रारम्भ
18 नवम्बर रविवार कंस वध
19 नवम्बर सोमवार देवुत्थान एकादशी, भीष्म पञ्चक प्रारम्भ, योगेश्वर द्वादशी, गुरुवायुर एकादशी
20 नवम्बर मंगलवार तुलसी विवाह, प्रदोष व्रत
21 नवम्बर बुधवार वैकुण्ठ चतुर्दशी, विश्वेश्वर व्रत, मिलाद उन-नबी, ईद-ए-मिलाद
22 नवम्बर बृहस्पतिवार मणिकर्णिका स्नान, चौमासी चौदस, देव दीवाली, पूर्णिमा उपवास
23 नवम्बर शुक्रवार कार्तिक पूर्णिमा, पुष्कर स्नान, गुरु नानक जयन्ती, भीष्म पञ्चक समाप्त, अष्टाह्निका विधान पूर्ण, रथ यात्रा
24 नवम्बर शनिवार मार्गशीर्ष प्रारम्भ (उत्तर), रोहिणी व्रत
26 नवम्बर सोमवार संकष्टी चतुर्थी
29 नवम्बर बृहस्पतिवार कालभैरव जयन्ती
दिसम्बर माह के प्रमुख व्रत, पर्व और त्यौहार
03 दिसम्बर सोमवार उत्पन्ना एकादशी
04 दिसम्बर मंगलवार प्रदोष व्रत
05 दिसम्बर बुधवार मासिक शिवरात्रि
06 दिसम्बर बृहस्पतिवार दर्श अमावस्या
07 दिसम्बर शुक्रवार मार्गशीर्ष अमावस्या
08 दिसम्बर शनिवार चन्द्र दर्शन
11 दिसम्बर मंगलवार विनायक चतुर्थी
12 दिसम्बर बुधवार विवाह पञ्चमी, नाग पञ्चमी (तेलुगू)
13 दिसम्बर बृहस्पतिवार सुब्रहमन्य षष्ठी, चम्पा षष्ठी
15 दिसम्बर शनिवार मासिक दुर्गाष्टमी
16 दिसम्बर रविवार धनु संक्रान्ति
18 दिसम्बर मंगलवार मोक्षदा एकादशी, गीता जयन्ती
19 दिसम्बर बुधवार गौण मोक्षदा एकादशी, वैष्णव मोक्षदा एकादशी, मत्स्य द्वादशी
20 दिसम्बर बृहस्पतिवार प्रदोष व्रत, हनुमान जयन्ती (कन्नड़), मासिक कार्तिगाई
21 दिसम्बर शुक्रवार रोहिणी व्रत
22 दिसम्बर शनिवार मार्गशीर्ष पूर्णिमा, दत्तात्रेय जयन्ती, पूर्णिमा उपवास, अन्नपूर्णा जयन्ती, त्रिपुर भैरवी जयन्ती, साल का सबसे छोटा दिन
23 दिसम्बर रविवार पौष प्रारम्भ (उत्तर), अरुद्र दर्शन
25 दिसम्बर मंगलवार संकष्टी चतुर्थी, मेरी क्रिसमस
27 दिसम्बर बृहस्पतिवार मण्डला पूजा
29 दिसम्बर शनिवार कालाष्टमी

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और जानिये : वर्ष 2018 में भारत के प्रमुख व्रत, पर्व और त्योहार की तिथि व दिन

वर्ष 2017 की प्रसिद्ध भारतीय पुस्तकें एवं उनके लेखकों की सूची

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वर्ष 2017 की प्रसिद्ध भारतीय पुस्तकें एवं उनके लेखक: (List of Important Books and Authors 2017 in Hindi)

यहाँ पर वर्ष 2017 की महत्त्वपूर्ण एवं चर्चित किताबों और उनके लेखकों के नाम की सूची दी गयी है, जो जनवरी 2017 माह में काफी सुर्ख़ियों में रहीं और जिनके आधार पर प्रतियोगी परीक्षाओं में एक या दो प्रश्न अवश्य पूछे जाते है और आगे भी पूछे जायेंगे। यदि आप सरकारी नौकरियों के लिए विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाएँ जैसे: एसएससी, यूपीएससी, रेलवे, पीएसएस, बैंक, शिक्षक, टीईटी, कैट एवं अन्य किसी प्रकार की परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं तो आप इन पुस्तकों के बारे में पता होना चाहिए।

वर्ष 2017 की 32 प्रसिद्ध भारतीय पुस्तकें एवं उनके लेखकों की सूची:

पुस्तकों का नाम लेखकों का नाम
‘1971: द फॉल ऑफ ढाका’ जी डी बख्शी [पूर्व सैनिक संगठन वेटरंस इंडिया के संरक्षक मेजर जनरल (सेवानिवृत्त)]
‘सोशल एक्सक्लूजन एण्ड जस्टिस इन इंडिया’ पी.एस.कृष्णन
‘अनस्टॉपेबल: माय लाइफ सो फार’ मारिया शारापोवा (रूस की टेनिस खिलाड़ी)
‘भारतीय कला में सलिल क्रीडाएं एवं सद्यस्नाता नायिका’ क्षेत्रपाल गंगवार और संजीब कुमार सिंह
‘टेस्टोस्टेरोन रेक्स: अनमेकिंग द मिथ्स ऑफ अवर जैनडर्ड माइंडस’ कॉर्डेलिया फाइन
‘आई डू वॉट आई डू: ऑन रिफॉर्म, रेटोरिक एंड रेसोल्व’ रघुराम राजन (आरबीआई के पूर्व गवर्नर)
‘खुशवंत सिंह-इन विजडम एंड इन जैस्ट’ विजय नारायण शंकर तथा ओंकार सिंह
‘प्रेसीडेंट प्रणब मुखर्जी-अ स्टेट्समैन’ प्रकाशन, स्टेटमैन समूह
‘द व्हील चेयर’ राजा बुंदेला
‘एम.एस. स्वामीनाथन: दी क्वेस्ट फॉर अ वर्ल्ड विदआउट हंगर’ डॉ. एम.एस. स्वामीनाथन
‘चाइल्डहुड नोस्टेलजिया एंड ट्रिगरिंग टेल्स’ एपी माहेश्वरी
‘इंदिरा गांधी : ए लाइफ इन नेचर’ जयराम रमेश
‘स्वच्छ जंगल की कहानी – दादी की जुबानी” डॉ. मधु पंत
‘गांधी इन चंपारण’ दीनानाथ गोपाल तेंदुलकर
‘द अनटोल्ड वाजपेयी: पॉलिटीशियन एंड पैराडॉक्स’ उल्लेख एनपी
‘खुल्लम खुल्ला: ऋषि कपूर अनसेंसर्ड’ ऋषि कपूर एवं मीना नायर
‘जिन्नाह ऑफ्टन कैम टू ओउर हाउस’ किरण दोशी (हिंदू पुरस्कार 2016 विजेता)
‘द पीपुल्स राष्ट्रपति: डॉ ए.पी.जे. अब्दुल कलाम’ एस. एम. खान
‘द आदिवासी विल नॉट डांस’ हंसदा सौवेन्द्र शेखर
‘कलकत्ता’ कुणाल बसु
‘हाफ ऑफ़ व्हाट आई से’ अनिल मेनन
‘द आइलैंड ऑफ़ लोस्ट गर्ल्स’ मंजुला पद्मनाभन
‘वीरप्पन, चेजिंग द ब्रिगैंड’ विजय कुमार
‘पाकिस्तान: कोटिंग द अबिस’ तिलक देवेशर
‘डिटेरियोरेशन इन हायर एजुकेशन’ कन्हैया प्रसाद सिन्हा
‘इंडियन रेलवे- द वैविंग ऑफ ए नेशनल टैपेस्ट्री’ बिबेक देबरॉय, संजय चड्ढा और विद्याकृष्णमूर्ति ने संयुक्त रूप से लिखी है।
‘होम ऑफ़ द ब्रेव’ नितिन ए. गोखले तथा ब्रिगेडियर एस. के. चटर्जी ने संयुक्त रूप से लिखी है।
‘भारत की दुग्ध क्रान्ति के 50 वर्ष’ राधा मोहन सिंह (लोकार्पण किया है।)
‘रेखा– द अनटोल्ड स्टोरी’ यासीर उस्मान
‘हेमा मालिनी: बियोंड द ड्रीम गर्ल’ राम कमल मुखर्जी
‘वीरप्पन, चेज़िंग द ब्रिगंड’ विजय कुमार (गृह मंत्रालय में वरिष्ठ सुरक्षा सलाहकार)
‘मातोश्री’ सुमित्रा महाजन

इन्हें भी पढे: वर्ष 2016 की प्रसिद्ध पुस्तकें एवं उनके लेखक

और जानिये : वर्ष 2017 की प्रसिद्ध भारतीय पुस्तकें एवं उनके लेखकों की सूची

केदार सम्मान से सम्मानित व्यक्तियों के नाम एवं वर्ष (1996 से 2017 तक)

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केदार सम्मान के बारे में सामान्य ज्ञान जानकारी: (Kedar Samman Awardees list in Hindi)

केदार सम्मान किसे कहते है?

केदार सम्मान प्रगतिशील हिन्दी कविता के शीर्षस्थ कवि केदारनाथ अग्रवाल की स्मृति में ‘केदार शोध पीठ’ की ओर से प्रति वर्ष दिया जाने वाला एक प्रमुख साहित्य सम्मान है।

Quick Info About Dronacharya Awards in Hindi:

पुरस्कार का वर्ग साहित्य
स्थापना वर्ष 1996
देश भारत
प्रथम विजेता नासिर अहमद सिकंदर
आखिरी विजेता केदार नाथ चौधरी (2016)

केदार सम्मान की विशेषताएं और महत्वपूर्ण तथ्य:

  • यह सम्मान मुख्यत: हिन्दी कविता के लिए है, ‘केदार शोध पीठ न्यास’, बाँदा द्वारा सन् 1996 से प्रति वर्ष प्रतिष्ठित प्रगतिशील कवि केदारनाथ अग्रवाल की स्मृति में यह सम्मान ऐसी प्रतिभाओं को दिया जाता है, जिन्होंने केदार की काव्यधारा को आगे बढ़ाने में अपनी रचनाशीलता द्वारा कोई अवदान दिया हो।
  • केदार पुरस्कार का निर्णय एक चयन तथा निर्णायक समिति द्वारा किया जाता है।
  • प्रतिवर्ष अगस्त के महीने में आयोजित एक भव्य समारोह में ‘केदार सम्मान’ दिया जाता है।
  • ‘केदार सम्मान’ का मुख्य उद्देश्य केदारनाथ अग्रवाल की परम्परा में लोकतांत्रिक, प्रगतिशील, आधुनिक, विवेकसम्मत, वैज्ञानिक चिन्तन के पक्षधर, सृजन धर्मियों को सम्मानित करना है।

वर्ष 1996 से अब तक केदार सम्मान विजेताओं की सूची:

वर्ष कवि का नाम कृति/उपन्यास/काव्य
2016 केदार नाथ चौधरी आबारा नहितन
2015 मदन कश्यप दूर दूर तक चुप्पी एवं अपना ही देश
2014
2013 अनीता वर्मा रोशनी के रास्‍ते पर
2012
2011
2010 पंकज राग यह भूमंडल की रात है
2009 अष्टभुजा शुक्ल दु:स्वप्न भी आते हैं
2008 दिनेश कुमार शुक्ल लालमुनियाँ की दुनिया
2007 अनामिका (हिंदी कवयित्री) खुरदुरी हथेलियाँ
2006 बद्री नारायण शब्द पदीयम
2005 आशुतोष दुबे असंभव सारांश
2004 नीलेश रघुवंशी पानी का स्वाद
2003 हेमन्त कुकरेती चाँद पर नाव
2002 अनिल कुमार सिंह पहला उपदेश
2001 हरीशचन्द पाण्डे एक बुरुश कहीं खिलता है
2000 गगन गिल यह आकांक्षा का समय नहीं
1999 विनोद दास वर्णमाला से बाहर
1998 कुमार अंबुज क्रूरता एवं अनंतिम
1997 एकांत श्रीवास्तव अन्न हैं शब्द मेरे
1996 नासिर अहमद सिकंदर जो कुछ भी घट रहा है दुनिया में

इन्हें भी पढे: सरस्वती सम्मान से सम्मानित व्यक्तियों की सूची

और जानिये : केदार सम्मान से सम्मानित व्यक्तियों के नाम एवं वर्ष (1996 से 2017 तक)

एशिया महाद्वीप के सभी देशों के नाम, राजधानी और उनकी मुद्राओं की सूची

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एशिया महाद्वीप के प्रमुख देश, राजधानी एवं उनकी मुद्राएं: (Name of Asian Countries, Capitals and Currencies List in Hindi)

एशिया महाद्वीप:

एशिया आकार और जनसंख्या दोनों ही दृष्टि से विश्व का सबसे बड़ा महाद्वीप है, जो उत्तरी गोलार्द्ध में स्थित है। पश्चिम में इसकी सीमाएं यूरोप से मिलती हैं, हालाँकि इन दोनों के बीच कोई सर्वमान्य और स्पष्ट सीमा नहीं निर्धारित है। एशिया और यूरोप को मिलाकर कभी-कभी यूरेशिया भी कहा जाता है।

एशियाई महाद्वीप भूमध्य सागर, अंध सागर, आर्कटिक महासागर, प्रशांत महासागर और हिन्द महासागर से घिरा हुआ है। काकेशस पर्वत शृंखला और यूराल पर्वत प्राकृतिक रूप से एशिया को यूरोप से अलग करते है।

कुछ सबसे प्राचीन मानव सभ्यताओं का जन्म इसी महाद्वीप पर हुआ था जैसे सुमेर, भारतीय सभ्यता, चीनी सभ्यता इत्यादि। चीन और भारत विश्व के दो सर्वाधिक जनसंख्या वाले देश भी हैं।

यहां पर एशिया महाद्वीप के प्रमुख देशों के नाम, उनकी राजधानी एवं उनकी मुद्राओं की सूची की सूची दी गई हैं। सामान्यतः इस सूची से सम्बंधित कई प्रश्न प्रतियोगी परीक्षाओं में पूछे जाते है। यदि आप विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं जैसे: आईएएस, शिक्षक, यूपीएससी, पीसीएस, एसएससी, बैंक, एमबीए एवं अन्य सरकारी नौकरियों के लिए तैयारी कर रहे हैं, तो आपको एशिया के प्रमुख देश, उनकी राजधानी एवं उनकी मुद्राओं के बारे में अवश्य पता होना चाहिए।

एशिया महाद्वीप के प्रमुख देश, राजधानी एवं उनकी मुद्राओं की सूची:

देश का नाम उनकी राजधानी मुद्रा का नाम
अजरबैजान बाकू आज़रबाइजानी मनात
अफ़ग़ानिस्तान काबुल अफगानी
आर्मेनिया येरेवन द्राम
इंडोनेशिया जकार्ता रुपया
इजरायल जेरूसलम इजरायली नई शेकेल
इराक बगदाद इराकी दिनार
ईरान तेहरान रियाल
उज़्बेकिस्तान ताशकंद उज़्बेकिस्तानी सोम
उतरी कोरिया प्योंगयांग वॉन
उत्तरी साइप्रस निकोसिया तुर्किश लीरा
ओमान मस्कट ओमानी रियाल
कजाकिस्तान अलमाटा रूबल
कतर दोहा रियाल
कम्बोडिया नाम पेन्ह कम्बोडियन रीएल
किर्गिस्तान बिश्केक सोम
इराकी कुर्दिस्तान एर्बिल इराकी दीनार
कुवैत कुवैत शहर कुवैती दिनार
कोकोस (कीलिंग) द्वीप पश्चिम द्वीप ऑस्ट्रेलियाई डॉलर
क्रिसमस द्वीप मछली कोव उड़ान ऑस्ट्रेलियाई डॉलर
चीन बीजिंग युआन
जापान टोक्यो येन
जेरुसलम इजरायल न्यू गेकेल
जॉर्जिया टैबिलिसि जॉर्जिया लारी
जॉर्डन अम्मान जॉर्डन दिनार
ताइवान ताइपे डॉलर
ताजिकिस्तान दुशानबा सोमोनी

तुर्कमेनिस्तान अश्गाबात तुर्कमेनिस्तान मनात
तुर्की अंकारा लीरा
थाईलैंड बैंकॉक थाईबेहत
दक्षिण कोरिया सियोल वॉन
नेपाल कांठमांडू रुपया
पाकिस्तान इस्लामाबाद रुपया
पूर्वी तिमोर दिली यूएस डालर
फिलीपींस मनीला पेसो
बहरीन मनामा बहरीन दिनार
बांग्लादेश ढाका टका
ब्रुनेई बंदर सेरी बेगावान
भारत नई दिल्ली रुपया
भूटान थिम्पू गुलटुम
मंगोलिया उलानबटोर तुगरिक
मकाऊ मकाऊ मकाऊ पटाका
मलेशिया क्वालालम्पुर डॉलर
मालदीव माले मालदीव रूफिया
मोरिशस पोर्ट लुइस रुपया
म्यांमार (बर्मा) प्यिन्माना क्यात
यमन साना यमनी रियाल
लाओस वियनतियाने लाओ कीप
लेबनान बेरुत पाउंड
वियतनाम हनोई डाँग
श्रीलंका कोलम्बो, श्री जयवर्धनापुरा-कोट्टी रुपया
संयुक्त अरब अमीरात आबूधाबी दिरहम
सऊदी अरब रियाद सऊदी रियाल
साइप्रस निकोसिया यूरो
सिंगापुर सिंगापुर सिंगापुरी डॉलर
सीरिया दमिश्क सीरियन पॉउण्ड
हॉंग कांग विक्टोरिया डॉलर

यह भी पढे: विश्व के प्रमुख देश, राजधानी एवं उनकी मुद्राओं की सूची

नोट: प्रिय पाठकगण यदि आपको इस पोस्ट में कंही भी कोई त्रुटि (गलती) दिखाई दे, तो कृपया कमेंट के माध्यम से उस गलती से हमे अवगत कराएं, हम उसको तुरंत सही कर देंगे।

और जानिये : एशिया महाद्वीप के सभी देशों के नाम, राजधानी और उनकी मुद्राओं की सूची


भारतीय इतिहास के प्रमुख युद्ध कब और किसके बीच हुए

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भारतीय इतिहास में हुए प्रमुख युद्धों के नाम, कब और किसके बीच हुए: (Important Wars or battles of Indian History in Hindi)

यहां पर इतिहास के प्रमुख युद्ध कब और किसके बीच हुए की सूची दी गयी है। इतिहास की परीक्षा में प्रमुख युद्धों के नाम, कब और किसके बीच हुए के आधार पर ज्यादातर प्रश्न पूछे जाते है, इसलिए यह पोस्ट आपकी सभी प्रकार की परीक्षा की तैयारी के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। आइये जाने इतिहास में हुए प्रमुख युद्ध के नाम, कब और किसके बीच हुए के बारे में:-

भारतीय इतिहास के प्रमुख युद्ध कब और किसके बीच हुए की सूची:

समय युद्ध का नाम किस-किस के बीच हुए
326 हाईडेस्पीज का युद्ध सिकंदर और पंजाब के राजा पोरस के बीच जिसमे सिकंदर की विजय हुई।
261 कलिंग की लड़ाई कलिंग का प्रख्यात युद्ध सम्राट अशोक और कलिंग के राजा अनंत नाथन के बीच 261-262 ईसा पूर्व में दया नदी के किनारे लड़ा गया था।
712 सिंध की लड़ाई मोहम्मद कासिम ने अरबों की सत्ता स्थापित की।
1191 तराईन का प्रथम युद्ध मोहम्मद गौरी और पृथ्वी राज चौहान के बीच हुआ था। चौहान की विजय हुई।
1192 तराईन का द्वितीय युद्ध मोहम्मद गौरी और पृथ्वी राज चौहान के बीच| इसमें मोहम्मद गौरी की विजय हुई।
1194 चंदावर का युद्ध इसमें मुहम्मद गौरी ने कन्नौज के राजा जयचंद को हराया।
1526 पानीपत का प्रथम युद्ध मुग़ल शासक बाबर और इब्राहीम लोधी के बीच।
1527 खानवा का युद्ध इसमें बाबर ने राणा सांगा को पराजित किया।
1529 घाघरा का युद्ध इसमें बाबर ने महमूद लोदी के नेतृत्व में अफगानों को हराया।
1539 चौसा का युद्ध इसमें शेरशाह सूरी ने हुमायु को हराया।
1540 कन्नौज (बिलग्राम का युद्ध) इसमें फिर से शेरशाह सूरी ने हुमायूँ को हराया व भारत छोड़ने पर मजबूर किया।
1556 पानीपत का द्वितीय युद्ध अकबर और हेमू के बीच।
1565 तालीकोटा का युद्ध इस युद्ध से विजयनगर साम्राज्य का अंत हो गया क्यूंकि बीजापुर, बीदर,अहमदनगर व गोलकुंडा की संगठित सेना ने लड़ी थी।
18 जून, 1576 ई. हल्दी घाटी का युद्ध हल्दीघाटी का युद्ध मुग़ल बादशाह अकबर और महाराणा प्रताप के बीच लड़ा गया था। अकबर और राणा के बीच यह युद्ध महाभारत युद्ध की तरह विनाशकारी सिद्ध हुआ था। ऐसा माना जाता है कि इस युद्ध में न तो अकबर जीत सका और न ही राणा हारे। अन्त में यूद्ध अनिर्णायक रहा। (विकिपीडिया के अनुसार)
1757 प्लासी का युद्ध अंग्रेजो और सिराजुद्दौला के बीच, जिसमे अंग्रेजो की विजय हुई और भारत में अंग्रेजी शासन की नीव पड़ी।
1760 वांडीवाश का युद्ध अंग्रेजो और फ्रांसीसियो के बीच, जिसमे फ्रांसीसियो की हार हुई।
1761 पानीपत का तृतीय युद्ध अहमदशाह अब्दाली और मराठो के बीच। जिसमे फ्रांसीसियों की हार हुई।
1764 बक्सर का युद्ध अंग्रेजो और शुजाउद्दौला, मीर कासिम एवं शाह आलम द्वितीय की संयुक्त सेना के बीच। अंग्रेजो की विजय हुई। अंग्रेजो को भारत वर्ष में सर्वोच्च शक्ति माना जाने लगा।
1767-69 प्रथम मैसूर युद्ध हैदर अली और अंग्रेजो के बीच, जिसमे अंग्रेजो की हार हुई।
1780-84 द्वितीय मैसूर युद्ध हैदर अली और अंग्रेजो के बीच, जो अनिर्णित छूटा।
1790 तृतीय आंग्ल मैसूर युद्ध टीपू सुल्तान और अंग्रेजो के बीच लड़ाई संधि के द्वारा समाप्त हुई।
1799 चतुर्थ आंग्ल मैसूर युद्ध टीपू सुल्तान और अंग्रेजो के बीच , टीपू की हार हुई और मैसूर शक्ति का पतन हुआ।
1849 चिलियान वाला युद्ध ईस्ट इंडिया कंपनी और सिखों के बीच हुआ था जिसमे सिखों की हार हुई।
1962 भारत चीन सीमा युद्ध चीनी सेना द्वारा भारत के सीमा क्षेत्रो पर आक्रमण। कुछ दिन तक युद्ध होने के बाद एकपक्षीय युद्ध विराम की घोषणा। भारत को अपनी सीमा के कुछ हिस्सों को छोड़ना पड़ा।
1965 भारत-पाक युद्ध भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध जिसमे पाकिस्तान की हार हुई। भारत पाकिस्तान के बीच शिमला समझौता हुआ।
1971 भारत-पाक युद्ध भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध जिसमे पाकिस्तान की हार हुई। फलस्वरूप बांग्लादेश एक स्वतन्त्र देश बना।
1999 कारगिल युद्ध जम्मू एवं कश्मीर के द्रास और कारगिल क्षेत्रो में पाकिस्तानी घुसपैठियों को लेकर हुए युद्ध में पुनः पाकिस्तान को हार का सामना करना पड़ा और भारतीयों को जीत मिली।

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प्रोटीन के स्त्रोत, उनके कार्य, लाभ और कमी से होने मुख्य रोगों की सूची

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प्रोटीन के मुख्य स्त्रोत, उनके कार्य, मात्रा और लाभ: (Major Sources of Protein their functions and benefits in Hindi)

प्रोटीन किसे कहते है?

प्रोटीन वास्तव में एक ग्रीक शब्द है जिसका अर्थ है– सबसे जरुरी। प्रोटीन या प्रोभूजिन एक जटिल भूयाति युक्त कार्बनिक पदार्थ है जिसका गठन कार्बन, हाइड्रोजन, आक्सीजन एवं नाइट्रोजन तत्वों के अणुओं से मिलकर होता है। कुछ प्रोटीन में इन तत्वों के अतिरिक्त आंशिक रूप से गंधक, जस्ता, ताँबा तथा फास्फोरस भी उपस्थित होता है। ये जीवद्रव्य (प्रोटोप्लाज्म) के मुख्य अवयव हैं एवं शारीरिक वृद्धि तथा विभिन्न जैविक क्रियाओं के लिए आवश्यक हैं।

रासायनिक गठन के अनुसार प्रोटीन को सरल प्रोटीन, संयुक्त प्रोटीन तथा व्युत्पन्न प्रोटीन नामक तीन श्रेणियों में बांटा गया है। सरल प्रोटीन का गठन केवल अमीनो अम्ल द्वारा होता है एवं संयुक्त प्रोटीन के गठन में अमीनो अम्ल के साथ कुछ अन्य पदार्थों के अणु भी संयुक्त रहते हैं। व्युत्पन्न प्रोटीन वे प्रोटीन हैं जो सरल या संयुक्त प्रोटीन के विघटन से प्राप्त होते हैं। अमीनो अम्ल के पॉलीमराईजेशन से बनने वाले इस पदार्थ की अणु मात्रा 10000 से अधिक होती है। प्राथमिक स्वरूप, द्वितीयक स्वरूप, तृतीयक स्वरूप और चतुष्क स्वरूप प्रोटीन के चार प्रमुख स्वरुप है।

प्रोटीन के मुख्य स्त्रोत:

प्रोटीन के शाकाहारी मुख्य स्त्रोत:

  • चना, मटर, मूंग दाल, मसूर दाल, उड़द दाल, सोयाबीन, राजमा, लोभिया, गेहूँ, मक्का, अरहर दाल, काजू, बादाम,कद्दू के बीज, सीसम, दूध

प्रोटीन के मांसाहारी मुख्य स्त्रोत:

  • मांस, मछली, अंडा, यकृत प्रोटीन

प्रोटीन खाद्य पदार्थों में बड़ी संख्या में मिलता है, जैसे: अंडा, मीट, मछली, सोयाबीन, दूध तथा दूध से बने उत्पाद आदि। पौधों से मिलने वाले खाद्य पदार्थों में सोयाबीन में सबसे अधिक मात्रा में प्रोटीन पाया जाता है। इसमें 40 प्रतिशत से अधिक प्रोटीन होता है। 16 से 18 वर्ष के आयु वर्ग वाले लड़के, जिनका वजन 57 किलोग्राम है, उनके लिए प्रतिदिन 78 ग्राम प्रोटीन की आवश्यकता होती है।

आवश्यक प्रोटीन और उनके कार्य:

शारीरिक प्रोटीन कार्य
 एंजाइम जैव उतप्रेरक, जैव रासायनिक अभिक्रियाओं में सहायक।
 हार्मोन्स शरीर की क्रियाओं का नियमन करते हैं।
 परिवहन प्रोटीन हीमोग्लोबिन, विभिन्न पदार्थों का परिवहन करती हैं।
 संरचनात्मक प्रोटीन कोशिका एवं ऊतक निर्माण करती है।
 रक्षात्मक प्रोटीन संक्रमण में रक्षा करने में सहायक है।
 संकुचन प्रोटीन ये पेशी संकुचन एवं चलन हेतु उत्तरदाई है, उदाहरण-मायोसीन, एक्टिन आदि।

मुख्य खाद्य पदार्थ और प्रोटीन की मात्रा:

भोज्य पदार्थ प्रोटीन की मात्रा
सोयाबीन 43.2
बंगाल चना, काला चना, हरा चना, मसूर, और लाल चना 22
मूंगफली, काजू, बदाम 23
मछली 20
मांस 22
दूध (गाय ) 3.2
अंडा 13.3(प्रति अंडा)
भैंस 4.3

प्रोटीन के लाभ (फायदे): (Benefits of Protein in Hindi)

  • शरीर की कार्यप्रणाली को दुरूस्त रखता है।
  • भूख को नियंत्रित रखता है।
  • तनाव को कम करता है।
  • मांसपेशियां मजबूत होती हैं।
  • ऊतकों की मरम्मत होती है।
  • वजन कम करने में सहायक।
  • रोग प्रतिरोधक क्षमता शक्तिशाली होती है।
  • बालों और त्वचा को स्वस्थ और चमकदार बनाता है।
  • हड्डियों, लिंगामेंट्स और दूसरे संयोजी ऊतकों को स्वस्थ रखने में सहायक।
  • प्रोटीन से बाल, नाखुन, त्वचा, मांसपेशी, हड्डी और रक्तकोशिका बनती हैं।
  • शरीर में पाए जाने वाले रसायनों, जैसे कि हार्मोन, न्यूरोट्रांसमीटर और एंजाइम में भी प्रोटीन है।

प्रोटीन की कमी से होने वाले रोग (नुकसान): (Disadvantage of Protein in Hindi)

  • किडनी से संबंधित रोग।
  • मूत्र में पीएच बैलेंस का बिगड़ना।
  • किडनी की पथरी का खतरा।
  • कुल कैलोरी का 30 प्रतिशत से अधिक सेवन नुकसानदायक।
  • शरीर में कीटोन की मात्रा बढ़ जाती है जो कि एक विषैला पदार्थ है।
  • अत्यधिक प्रोटीन से शरीर में कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ जाता है, जिससे हृदय रोग, स्ट्रोक और कैंसर हो सकता है।
  • प्रोटीन की मात्रा बढ़ने से कार्बोहाइड्रेट का सेवन कम हो जाता है जिससे शरीर को फाइबर कम मिलता है।
  • प्रोटीन के मेटाबॉलिज्म से निकलने वाले व्यर्थ पदार्थों को शरीर से बाहर निकालने में शरीर को परेशानी होती है।

इन्हें भी पढ़े: शरीर के लिए आवश्यक विटामिन, रासायनिक नाम व प्रमुख स्रोतो की सूची

और जानिये : प्रोटीन के स्त्रोत, उनके कार्य, लाभ और कमी से होने मुख्य रोगों की सूची

71वें बाफ्टा पुरस्कार 2018 के सभी विजेताओं के नाम और क्षेत्र की सूची

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बाफ्टा पुरस्कार 2018 के विजेता: (List of Bafta Awards 2018 Winners in Hindi)

71वें बाफ्टा पुरस्कार समारोह का आयोजन 18 फरवरी 2018 को रॉयल अल्बर्ट हॉल, लंदन में किया गया। बाफ्टा पुरस्कार ब्रिटिश अकादमी ऑफ फिल्म एंड टेलीविज़न आर्ट्स (बाफ्टा) द्वारा हर साल ब्रिटिश सिनेमाघरों में प्रदर्शित किसी भी राष्ट्रीयता की सर्वश्रेष्ठ फीचर-लम्बी फिल्म और वृत्तचित्रों के लिए प्रशंसा प्रदान किया जाता  है। 71वें ब्रिटिश अकादमी फिल्म अवॉर्ड्स यानी बाफ्टा में गुइलेरमो डेल टोरो की फिल्म ‘द शेप ऑफ वाटर’ ने  तीन पुरस्कार जीते हैं। फिल्म को सर्वाधिक 12 श्रेणियों में नामांकित किया गया था। यह एक महिला की कहानी है, जो एक समुद्री जीव से प्यार करने लगती है। फिल्म ने प्रोडक्शन डिजाइन, संगीत क्षेत्र में पुरस्कार जीते हैं जबकि डेल टोरो को इस फिल्म के लिए सर्वश्रेष्ठ निर्देशक का बाफ्टा पुरस्कार मिला है।

Quick Info About Bafta Awards 2018 in Hindi:

पुरस्कार का वर्ग फिल्म उद्योग (Film Industry)
स्थापना वर्ष 29 मई 1949
देश ग्रेट ब्रिटेन (United Kingdom)
कौन देता है  ब्रिटिश अकादमी ऑफ फिल्म एंड टेलीविज़न आर्ट्स

आइये पढ़ें बाफ्टा पुरस्कार 2018 के विजेताओं की सूची:

  • सर्वश्रेष्ठ फ़िल्म (Best Film): थ्री बिलबोर्ड्स आउटसाइड एबबिंग, मिसौरी (Three Billboards Outside Ebbing, Missouri)
  • उत्कृष्ट ब्रिटिश फिल्म (Outstanding British Film): थ्री बिलबोर्ड्स आउटसाइड एबबिंग, मिसौरी (Three Billboards Outside Ebbing, Missouri)
  • निर्देशक (Director): गिलर्मो डेल टोरो, द शेप ऑफ वॉटर  (Guillermo Del Toro, The Shape of Water )
  • सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री (Best Actress): फ्रांसेन्स मैकडोमांड, थ्री बिलबोर्ड्स आउटसाइड एबबिंग, मिसौरी (Frances McDormand, Three Billboards Outside Ebbing, Missouri )
  • सर्वश्रेष्ठ अभिनेता (Best Actor): गैरी ओल्डमैन, डारकेस्ट होउर (Gary Oldman, Darkest Hour )
  • सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री (Best Supporting Actress): एलीसन जेनी, आई, टोनिया (Allison Janney, I, Tonya )
  • सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता (Best Supporting Actor): सैम रॉकवेल, थ्री बिलबोर्ड्स आउटसाइड एबबिंग, मिसौरी (Sam Rockwell, Three Billboards Outside Ebbing, Missouri )
  • बेस्ट सिनेमैटोग्राफी (Best Cinematography): रोजर डेकींस, ब्लेड रनर 2049 (Roger Deakins, Blade Runner 2049)
  • मूल पटकथा (Original Screenplay): मार्टिन मैकडोनाघ, थ्री बिलबोर्ड्स आउटसाइड एबबिंग, मिसौरी (Martin McDonagh, Three Billboards Outside Ebbing, Missouri )
  • रूपांतरित पटकथा (Adapted Screenplay): जेम्स आइवरी, कॉल मी बाय योर नेम (James Ivory, Call Me by Your Name)
  • ब्रिटिश शॉर्ट फिल्म (British Short Film): काउबॉय डेव (Cowboy Dave )
  • ब्रिटिश लघु एनिमेशन (British Short Animation): पोल्स अपार्ट(Poles Apart)
  • एक ब्रिटिश लेखक, निदेशक या निर्माता द्वारा उत्कृष्ट डेब्यू (Outstanding Debut By A British Writer, Director Or Producer): आई एम नोट ए विच, रुन्गानो नोओनी (लेखक/निर्देशक), एमिली मॉर्गन (निर्माता) (I Am Not a Witch, Rungano Nyoni (writer/director), Emily Morgan (producer)
  • विशेष दृश्य प्रभाव (Special Visual Effects): ब्लेड रनर 2049 (Blade Runner 2049)
  • सर्वश्रेष्ठ एनिमेटेड फिल्म (Best Animated Film): कोको (Coco)
  • अंग्रेजी भाषा में सर्वश्रेष्ठ फिल्म नहीं (Best Film Not In The English Language): द हैण्डमैडेन (The Handmaiden)
  • बेस्ट डॉक्यूमेंट्री (Best Documentary): आई एम योर निग्रो (I Am Not Your Negro )
  • सर्वश्रेष्ठ उत्पादन डिजाइन (Best Production Design): पॉल ऑस्टरबेरी, जेफ मेलविन, शेन वीऊ, द शेप ऑफ वॉटर  (Paul Austerberry, Jeff Melvin, Shane Vieau, The Shape of Water)
  • सर्वश्रेष्ठ संपादन (Best Editing): जोनाथन आमोस, पॉल मचलिस बेबी ड्राईवर (Jonathan Amos, Paul Machliss Baby Driver)
  • सर्वश्रेष्ठ ध्वनि (Best Sound): डंकर्क (Dunkirk )
  • सर्वश्रेष्ठ मूल संगीत (Best Original Music): द शेप ऑफ वॉटर (The Shape of Water )
  • बेस्ट कॉस्टयूम डिजाइन (Best Costume Design): फैंटम थ्रेड (Phantom Thread)
  • सर्वश्रेष्ठ मेकअप और बाल (Best Make Up & Hair): डारकेस्ट होउर (Darkest Hour)
  • द ई राइजिंग स्टार अवार्ड्स (The Ee Rising Star Award):  डैनियल कालुया (Daniel Kaluuya)

इन्हें भी पढ़ें: ग्रैमी पुरस्कार 2018 के विजेताओं की सूची

और जानिये : 71वें बाफ्टा पुरस्कार 2018 के सभी विजेताओं के नाम और क्षेत्र की सूची

सार्क का इतिहास, महासचिवो के नाम और महत्वपूर्ण तथ्यों की सूची

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दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (सार्क): (South Asian Association for Regional Cooperation (SAARC) GK in Hindi)

दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (सार्क) दक्षिण एशिया के आठ देशों का आर्थिक और राजनीतिक संगठन है। इस संगठन के सदस्य देशों की जनसंख्या (लगभग 1.5 अरब) है। अमजद हुसैन बी. सियाल सार्क के वर्तमान महासचिव है। उन्होंने 01 मार्च, 2017 को सार्क के 13वें महासचिव के रूप में पदभार ग्रहण किया था। उन्होंने अर्जुन बहादुर थापा का स्थान लिया, जिनका कार्यकाल 28 फरवरी, 2017 को समाप्त हुआ था। अमजद हुसैन का कार्यकाल 28 फरवरी, 2020 तक रहेगा।

Quick Info About SAARC in Hindi:

स्थापना वर्ष 08 दिसम्बर 1985
मुख्यालय काठमांडू (नेपाल)
कुल देश 8
सार्क के वर्तमान महासचिव अमजद हुसैन बी. सियाल (01 मार्च, 2017 )

दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (सार्क) के महासचिवो की सूची:

महासचिव का नाम कार्यकाल देश
अबुल अहसान 16 जनवरी 1985 से 15 अक्टूबर 1989 तक बांग्लादेश
के. किशोर भार्गव 17 अक्टूबर 1989 से 31 दिसम्बर 1991 तक भारत
इब्राहिम जाकी 01 जनवरी 1992 से 31 दिसंबर 1993 तक मालदीव
यादव के. सिल्वल 01 जनवरी 1994 से 31 दिसंबर 1995 तक नेपाल
नईम हसन 01 जनवरी 1996 से 31 दिसंबर 1998 तक पाकिस्तान
निहाल रॉड्रिगो 01 जनवरी 1999 से 10 जनवरी 2002 तक श्रीलंका
क्यू. ए. रहीम 11 जनवरी 2002 से 28 फरवरी 2005 तक बांग्लादेश
चेन्जाइब डोराजी 01 मार्च 2005 से 29 फरवरी 2008 तक भूटान
शील शर्मा 01 मार्च 2008 से 28 फरवरी 2011 तक भारत
फाथिमथ सईद 01 मार्च 2011 से 11 मार्च 2012 तक मालदीव
अहमद सलीम 12 मार्च 2012 से 28 फरवरी 2014 तक मालदीव
अर्जुन बहादुर थापा 01 मार्च 2014 से 01 मार्च 2017 तक नेपाल
अमजद हुसैन बी. सियाल 01 मार्च 2017 से वर्तमान पाकिस्तान

इन्हें भी पढ़े: 2017 वर्तमान में कौन क्या है?

सार्क संगठन से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्य: (Important facts about SAARC in Hindi)

  1. दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (सार्क) की स्‍थापना 08 दिसम्बर 1985 को हुई थी।
  2. इसका सचिवालय काठमांडू (नेपाल) में है।
  3. सार्क के 8 सदस्‍य देश है। इसके सदस्यों में भारत, पाकिस्‍तान, बांग्‍लादेश, नेपाल, भूटान, श्रीलंका, मालदीव एवं अफगानिस्‍तान शामिल हैं।
  4. बांग्लादेश के अबुल अहसान सार्क के पहले महासचिव थे, जिनका कार्यकाल 16 जनवरी, 1987 से 15 अक्टूबर 1989 तक था।
  5. मालदीव की फातिमा धियाना सईद सार्क की पहली महिला महासचिव थीं।
  6. भारत की ओर से किशोर कांत भार्गव (वर्ष 1989-1991) तथा शील कांत शर्मा (वर्ष 2008-2011) सार्क के महासचिव के रूप में कार्य कर चुके हैं।
  7. सार्क का प्रथन सम्‍मेलन ढाका मेंं दिसम्‍बर 1985 में हुआ था।
  8. प्रत्‍येक वर्ष 08 दिसम्‍बर को सार्क दिवस मनाया जाता है।
  9. वर्ष 2007 से पहलेे सार्क के सात सदस्‍य थे।
  10. अप्रैल 2007 में संघ के 14 वें शिखर सम्मेलन में अफ़ग़ानिस्तान इसका आठवा सदस्य बना था।
  11. संगठन का संचालन सदस्य देशों के मंत्रिपरिषद द्वारा नियुक्त महासचिव करते हैं, इनकी नियुक्ति 3 साल के लिए देशों के वर्णमाला क्रम के अनुसार की जाती है।
  12. दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग पर इस घोषणा को 1983 में नई दिल्ली में विदेश मंत्रियों द्वारा अपनाया गया था।

और जानिये : सार्क का इतिहास, महासचिवो के नाम और महत्वपूर्ण तथ्यों की सूची

भारतीय दण्ड संहिता की महत्वपूर्ण धाराएं और मिलने वाली सजा की सूची

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भारतीय दण्ड संहिता की महत्वपूर्ण धाराओं के नाम, अपराध और मिलने वाली सजा:- (List of Indian Penal Code Sections, Offences and their Punishments in Hindi)

भारतीय समाज को क़ानूनी रूप से व्यवस्थित रखने के लिए सन 1860 में लार्ड मेकाले की अध्यक्षता में भारतीय दंड संहिता बनाई गई थी। इस संहिता में भारतीय संविधान की विभिन्न आपराधिक धाराओं और उनकी सजा का उल्लेख किया गया है।

भारतीय दण्ड संहिता भारत के अन्दर (जम्मू एवं कश्मीर को छोडकर) भारत के किसी भी नागरिक द्वारा किये गये कुछ अपराधों की परिभाषा व दण्ड का प्रावधान करती है। किन्तु यह संहिता भारत की सेना पर लागू नहीं होती। जम्मू एवं कश्मीर में इसके स्थान पर रणबीर दण्ड संहिता लागू होती है। इसमें कुल मिला कर 511 धाराएं हैं। यहाँ कानून की विभिन्न धाराएं और उनकी सजा का वर्णन किया है:-

अपराध की विभिन्न धाराओं के नाम और उनकी सजा की सूची:

धाराओं के नाम अपराध सजा
13 जुआ खेलना/सट्टा लगाना 1 वर्ष की सजा और 1000 रूपये जुर्माना
34 सामान आशय
99  से 106 व्यक्तिगत प्रतिरक्षा के लिए बल प्रयोग का अधिकार
110 दुष्प्रेरण का दण्ड, यदि दुष्प्रेरित व्यक्ति दुष्प्रेरक के आशय से भिन्न आशय से कार्य करता है तीन वर्ष
120 षडयंत्र रचना  –
141 विधिविरुद्ध जमाव  –
147 बलवा करना 2 वर्ष की सजा/जुर्माना या दोनों
161 रिश्वत लेना/देना 3 वर्ष की सजा/जुर्माना या दोनों
171 चुनाव में घूस लेना/देना 1 वर्ष की सजा/500 रुपये जुर्माना
177 सरकारी कर्मचारी/पुलिस को गलत सूचना देना 6 माह की सजा/1000 रूपये जुर्माना
186 सरकारी काम में बाधा पहुँचाना 3 माह की सजा/500 रूपये जुर्माना
191 झूठी गवाही देना
193 न्यायालयीन प्रकरणों में झूठी गवाही 3/ 7 वर्ष की सजा और जुर्माना
201 सबूत मिटाना
216 लुटेरे/डाकुओं को आश्रय देने के लिए दंड
224/25 विधिपूर्वक अभिरक्षा से छुड़ाना -2 वर्ष की सजा/जुर्माना/दोनों
231/32 जाली सिक्के बनाना -7 वर्ष की सजा और जुर्माना
255 सरकारी स्टाम्प का कूटकरण -10 वर्ष या आजीवन कारावास की सजा
264 गलत तौल के बांटों का प्रयोग -1 वर्ष की सजा/जुर्माना या दोनों
267 औषधि में मिलावट करना
272 खाने/पीने की चीजों में मिलावट -6 महीने की सजा/1000 रूपये जुर्माना
274 /75 मिलावट की हुई औषधियां बेचना
279 सड़क पर उतावलेपन/उपेक्षा से वाहन चलाना 6 माह की सजा या 1000 रूपये का जुर्माना
292 अश्लील पुस्तकों का बेचना 2 वर्ष की सजा और 2000 रूपये जुर्माना
294 किसी धर्म/धार्मिक स्थान का अपमान 2 वर्ष की सजा
302 हत्या/कत्ल आजीवन कारावास/मौत की सजा
306 आत्महत्या के लिए दुष्प्रेरण 10 वर्ष की सजा और जुर्माना
309 आत्महत्या करने की चेष्टा करना 1 वर्ष की सजा/जुर्माना/दोनों
310 ठगी करना आजीवन कारावास और जुर्माना
312 गर्भपात करना
323 जानबूझ कर चोट पहुँचाना
351 हमला करना
354 किसी स्त्री का शील भंग करना 2 वर्ष का कारावास/जुर्माना/दोनों
362 अपहरण
363 किसी स्त्री को ले भागना 7 वर्ष का कारावास और जुर्माना
366 नाबालिग लड़की को ले भागना
376 बलात्कार करना 10 वर्ष/आजीवन कारावास
377 अप्राकृतिक कृत्य अपराध 5 वर्ष की सजा और जुर्माना
379 चोरी (सम्पत्ति) करना 3 वर्ष का कारावास /जुर्माना/दोनों
392 लूट 10 वर्ष की सजा
395 डकैती 10 वर्ष या आजीवन कारावास
396 डकैती के दौरान हत्या  –
415 छल करना
417 छल/दगा करना 1 वर्ष की सजा/जुर्माना/दोनों
420 छल/बेईमानी से सम्पत्ति अर्जित करना 7 वर्ष की सजा और जुर्माना
445 गृहभेदंन
446 रात में नकबजनी करना
426 किसी से शरारत करना 3 माह की सजा/जुर्माना/दोनों
463 कूट-रचना/जालसाजी
477(क) झूठा हिसाब करना
489 जाली नोट  बनाना/चलाना 10 वर्ष की सजा/आजीवन कारावास
493 पर स्त्री से व्यभिचार करना 10 वर्षों की सजा
494 पति/पत्नी के जीवित रहते दूसरी शादी करना 7 वर्ष की सजा और जुर्माना
498/अ अपनी स्त्री पर अत्याचार 3 वर्ष तक की कठोर सजा
497 जार कर्म करना 5 वर्ष की सजा और जुर्माना
499 मानहानि
500 मान हानि 2 वर्ष की सजा और जुर्माना
509 स्त्री को  अपशब्द कहना/अंगविक्षेप करना सादा कारावास या जुर्माना
511 आजीवन कारावास से दंडनीय अपराधों को करने के प्रयत्न के लिए दंड

देश के कानून के अंतर्गत आने वाले 5 महत्वपूर्ण तथ्य:-

ये वो महत्वपूर्ण तथ्य है, जो हमारे देश के कानून के अंतर्गत आते तो है पर हम इनसे अंजान है। हमारी कोशिश होगी कि हम आगे भी ऐसी बहोत सी रोचक बाते आपके समक्ष रखे, जो आपके जीवन में उपयोगी हो।

1. शाम के वक्त महिलाओं की गिरफ्तारी नहीं हो सकती:

कोड ऑफ़ क्रिमिनल प्रोसीजर, सेक्शन 46 के तहत शाम 6 बजे के बाद और सुबह 6 के पहले भारतीय पुलिस किसी भी महिला को गिरफ्तार नहीं कर सकती, फिर चाहे गुनाह कितना भी संगीन क्यों ना हो। अगर पुलिस ऐसा करते हुए पाई जाती है तो गिरफ्तार करने वाले पुलिस अधिकारी के खिलाफ शिकायत (मामला) दर्ज की जा सकती है। इससे उस पुलिस अधिकारी की नौकरी खतरे में आ सकती है।

2. सिलेंडर फटने से जान-माल के नुकसान पर 40 लाख रूपये तक का बीमा कवर क्लेम कर सकते है:

पब्लिक लायबिलिटी पॉलिसी के तहत अगर किसी कारण आपके घर में सिलेंडर फट जाता है और आपको जान-माल का नुकसान झेलना पड़ता है तो आप तुरंत गैस कंपनी से बीमा कवर क्लेम कर सकते है। आपको बता दे कि गैस कंपनी से 40 लाख रूपये तक का बीमा क्लेम कराया जा सकता है। अगर कंपनी आपका क्लेम देने से मना करती है या टालती है तो इसकी शिकायत की जा सकती है। दोषी पाये जाने पर गैस कंपनी का लायसेंस रद्द हो सकता है।

3. आप किसी भी हॉटेल में फ्री में पानी पी सकते है और वाश रूम इस्तमाल कर सकते है:

इंडियन सीरीज एक्ट, 1887 के अनुसार आप देश के किसी भी हॉटेल में जाकर पानी मांगकर पी सकते है और उस हॉटल का वाश रूम भी इस्तमाल कर सकते है। हॉटेल छोटा हो या 5 स्टार, वो आपको रोक नही सकते। अगर हॉटेल का मालिक या कोई कर्मचारी आपको पानी पिलाने से या वाश रूम इस्तमाल करने से रोकता है तो आप उन पर कारवाई कर सकते है। आपकी शिकायत से उस हॉटेल का लायसेंस रद्द हो सकता है।

4. गर्भवती महिलाओं को नौकरी से नहीं निकाला जा सकता:

मैटरनिटी बेनिफिट एक्ट 1961 के मुताबिक़ गर्भवती महिलाओं को अचानक नौकरी से नहीं निकाला जा सकता। मालिक को पहले तीन महीने की नोटिस देनी होगी और प्रेगनेंसी के दौरान लगने वाले खर्चे का कुछ हिस्सा देना होगा। अगर वो ऐसा नहीं करता है तो उसके खिलाफ सरकारी रोज़गार संघटना में शिकायत कराई जा सकती है। इस शिकायत से कंपनी बंद हो सकती है या कंपनी को जुर्माना भरना पड़ सकता है।

5. पुलिस अफसर आपकी शिकायत लिखने से मना नहीं कर सकता:

आईपीसी के सेक्शन 166ए के अनुसार कोई भी पुलिस अधिकारी आपकी कोई भी शिकायत दर्ज करने से इंकार नही कर सकता। अगर वो ऐसा करता है तो उसके खिलाफ वरिष्ठ पुलिस दफ्तर में शिकायत दर्ज कराई जा सकती है। अगर वो पुलिस अफसर दोषी पाया जाता है तो उसे कम से कम 6 महीने से लेकर 1 साल तक की जेल हो सकती है या फिर उसे अपनी नौकरी गवानी पड़ सकती है।

इन्हें भी पढे: विश्व के प्रमुख देश, राजधानी एवं उनकी मुद्राओं की सूची

और जानिये : भारतीय दण्ड संहिता की महत्वपूर्ण धाराएं और मिलने वाली सजा की सूची

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