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वर्ष 2017 में विश्व की संस्थाओं द्वारा जारी विभिन्न सूचकांकों (रिपोर्ट्स) में भारत की (रैंकिंग) स्थिति

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वर्ष 2017 में विभिन्न संस्थाओं द्वारा प्रकाशित सूचकांकों में भारत की स्थिति: (India’s Ranking in Different Global Indexes 2016-2017)

इस पोस्ट में विश्व की महत्वपूर्ण संस्थाओं द्वारा प्रकाशित विभिन्न सूचकांकों (रिपोर्ट्स) में भारत की स्थिति के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे। पिछले वर्षों के मुकाबले भारत की रैंकिंग विभिन्न सूचकांकों में अच्छी हुई है। अक्सर विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में सूचकांको के आधार पर हर परीक्षा में दो या तीन प्रश्न अवश्य पूछे जाते है, जिसमें भारत की स्थिति और कौन-से देश ने उस सूचकांक में शीर्ष स्थान हासिल किया, उस सूचकांक को कौन-सी समिति या संस्था द्वारा प्रकाशित किया जाता है, इन्हीं प्रश्नों को मद्देनजर रखते हुए यहाँ पर आपको साल 2017 में प्रकाशित सभी सूचकांक की विस्तृत सामान्य ज्ञान जानकारी दी गयी है। यह पोस्ट आपकी सभी प्रकार की आगामी सरकारी प्रतियोगी परीक्षाओं विशेषकर बैंक पीओ व क्लर्क, यूपीएससी, एसएससी, आईएएस, पीसीएस, केट, भारतीय रेलवे, गेट को ध्यान में रखकर बनाया गया है।

वर्ष 2017 में जारी विभिन्न सूचकांकों (रिपोर्ट्स) में भारत की रैंकिंग (स्थिति):

ईज ऑफ डूइंग बिजनेस रैंकिंग 2018 (Ease of Doing Business 2018 Rankings):

  • भारत की स्थिति: 100/190
  • रिपोट को प्रकाशित करने वाली संस्था: विश्व बैंक (World Bank)
  • शीर्ष स्थान: न्यूजीलैंड
  • दूसरा स्थान: सिंगापुर
  • तीसरा स्थान: डेनमार्क

वैश्विक प्रतियोगी सूचकांक रिपोर्ट 2016 (Global Competitiveness Index Report 2016):

  • भारत की स्थिति: 39/138
  • रिपोट को प्रकाशित करने वाली संस्था: World Economic Forum
  • शीर्ष स्थान: स्विट्जरलैंड
  • दूसरा स्थान: सिंगापुर
  • तीसरा स्थान: संयुक्त राज्य अमेरिका

ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स रिपोर्ट 2016 (Global Innovation Index Report 2016):

  • भारत की स्थिति: 66/128
  • रिपोट को प्रकाशित करने वाली संस्था: फ्रांस की अंतर्राष्ट्रीय व्यापार स्कूल INSEAD और विश्व बौद्धिक संपदा संगठन (WIPO: World Intellectual Property Organisation)
  • शीर्ष स्थान: स्विट्जरलैंड
  • दूसरा स्थान: स्वीडन
  • तीसरा स्थान: संयुक्त राज्य अमेरिका

अंतर्राष्ट्रीय बौद्धिक संपदा सूचकांक 2017 (International Intellectual Property Index 2017):

  • भारत की स्थिति: 43/45
  • रिपोट को प्रकाशित करने वाली संस्था: United States Chamber of Commerce (USCC)
  • शीर्ष स्थान: संयुक्त राज्य अमेरिका
  • दूसरा स्थान: ग्रेट ब्रिटेन
  • तीसरा स्थान: जर्मनी

दुनिया की सबसे मूल्यवान राष्ट्र ब्रांड रिपोर्ट 2016 (World’s most valuable nation brands Report 2016):

  • भारत की स्थिति: 7/100
  • रिपोट को प्रकाशित करने वाली संस्था: Brand Finance
  • शीर्ष स्थान: संयुक्त राज्य अमेरिका
  • दूसरा स्थान: चीन
  • तीसरा स्थान: जर्मनी

विश्व के सर्वश्रेष्ठ देश आसानी से बिजनेस करने के लिए रिपोर्ट 2016 (World’s Best Countries for Ease of doing Business Report 2016):

  • भारत की स्थिति: 130/190
  • रिपोट को प्रकाशित करने वाली संस्था: World Bank
  • शीर्ष स्थान: न्यूजीलैंड
  • दूसरा स्थान: सिंगापुर
  • तीसरा स्थान: डेनमार्क

प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) प्रवाह (Foreign Direct Investment Inflow):

  • भारत की स्थिति: 9
  • रिपोट को प्रकाशित करने वाली संस्था: United Nations Conference on Trade and Development (UNCTAD)
  • शीर्ष स्थान: संयुक्त राज्य अमेरिका
  • दूसरा स्थान: ग्रेट ब्रिटेन
  • तीसरा स्थान: चीन

विश्व प्रेस स्वतंत्रता सूचकांक रिपोर्ट 2016 (World Press Freedom Index Report 2016):

  • भारत की स्थिति: 133/180
  • रिपोट को प्रकाशित करने वाली संस्था: Reporters Without Borders (RWB)
  • शीर्ष स्थान: फिनलैंड
  • दूसरा स्थान: नीदरलैंड्स
  • तीसरा स्थान: नॉर्वे

बौद्धिक संपदा (आईपी) परिस्थिति रिपोर्ट 2016 (Intellectual Property (IP) Environment Report 2016):

  • भारत की स्थिति: 37/38
  • रिपोट को प्रकाशित करने वाली संस्था: United States Chamber of Commerce (USCC)
  • शीर्ष स्थान: संयुक्त राज्य अमेरिका
  • दूसरा स्थान: ग्रेट ब्रिटेन
  • तीसरा स्थान: जर्मनी

वैश्विक शांति सूचकांक रिपोर्ट 2016 (Global Peace Index Report 2016):

  • भारत की स्थिति: 141/163
  • रिपोट को प्रकाशित करने वाली संस्था –
  • शीर्ष स्थान: आइस्लैण्ड
  • दूसरा स्थान: डेनमार्क
  • तीसरा स्थान: ऑस्ट्रिया

वैश्विक खुदरा विकास सूचकांक 2017 (Global Retail Development Index 2017):

  • भारत की स्थिति: 1/30
  • रिपोट को प्रकाशित करने वाली संस्था: Global Retail Development Index (GRDI)
  • शीर्ष स्थान: भारत
  • दूसरा स्थान: चीन
  • तीसरा स्थान: मलेशिया

मानव विकास सूचकांक 2016 (Human Development Index 2016):

  • भारत की स्थिति: 131/140
  • रिपोट को प्रकाशित करने वाली संस्था: United Nations
  • शीर्ष स्थान: नार्वे
  • दूसरा स्थान: आस्ट्रेलिया
  • तीसरा स्थान: स्विट्जरलैंड

वैश्विक भूख सूचक रिपोर्ट 2017 (Global Hunger Index Report 2017):

  • भारत की स्थिति: 100/119
  • रिपोट को प्रकाशित करने वाली संस्था: International Food Policy Research Institute (IFPRI)
  • शीर्ष स्थान: केंद्रीय अफ्रीकन गणराज्य
  • दूसरा स्थान: चाड
  • तीसरा स्थान: सिएरा लियोन

वैश्विक स्वास्थ्य सूचकांक 2016 (Global Health Index 2016):

  • भारत की स्थिति: 154/195
  • रिपोट को प्रकाशित करने वाली संस्था: Global Burden of Disease Study (GBD)
  • शीर्ष स्थान: स्विट्जरलैंड
  • दूसरा स्थान: स्वीडन
  • तीसरा स्थान: नार्वे

वैश्विक पर्यावरण प्रदर्शन सूचकांक रिपोर्ट 2016 (Global Environment Performance Index Report 2016):

  • भारत की स्थिति: 155/180
  • रिपोट को प्रकाशित करने वाली संस्था: United Nation
  • शीर्ष स्थान: फिनलैंड
  • दूसरा स्थान: आइस्लैण्ड
  • तीसरा स्थान: स्वीडन

जलवायु परिवर्तन प्रदर्शन सूचकांक 2017 Climate Change Performance Index (CCPI):

  • भारत की स्थिति: 20/58
  • रिपोट को प्रकाशित करने वाली संस्था: Germanwatch NGO and Climate Action Network Europe
  • शीर्ष स्थान: फ़्रांस
  • दूसरा स्थान: स्वीडन
  • तीसरा स्थान: ग्रेट ब्रिटेन

नेटवर्क रेडिएन्स इंडेक्स 2016 (Networked Readiness Index 2016):

  • भारत की स्थिति: 91/139
  • रिपोट को प्रकाशित करने वाली संस्था: World Economic Forum (WEF)
  • शीर्ष स्थान: सिंगापुर
  • दूसरा स्थान: फिनलैंड
  • तीसरा स्थान: स्वीडन

दुनिया का सबसे बड़ा तेल उपभोक्ता रिपोर्ट 2016 (World’s Largest Oil Consumer Report 2016):

  • भारत की स्थिति: 3
  • रिपोट को प्रकाशित करने वाली संस्था: World Energy
  • शीर्ष स्थान: संयुक्त राज्य अमेरिका
  • दूसरा स्थान: चीन
  • तीसरा स्थान: भारत

वैश्विक भ्रष्टाचार सूचकांक 2016 (Global Corruption index 2016):

  • भारत की स्थिति: 79/176
  • रिपोट को प्रकाशित करने वाली संस्था: Transparency International organisation
  • शीर्ष स्थान: न्यूजीलैंड और डेनमार्क
  • दूसरा स्थान: फिनलैंड
  • तीसरा स्थान: स्वीडन

विश्व प्रसन्नता (खुशहाली) सूचकांक 2016 (World Happiness Index 2016):

  • भारत की स्थिति: 122/155
  • रिपोट को प्रकाशित करने वाली संस्था: United Nation
  • शीर्ष स्थान: नार्वे
  • दूसरा स्थान: डेनमार्क
  • तीसरा स्थान: आइस्लैण्ड

मानव पूंजी सूचकांक 2016 (Human Capital Index 2016):

  • भारत की स्थिति: 105/130
  • रिपोट को प्रकाशित करने वाली संस्था: World Economic Forum (WEF)
  • शीर्ष स्थान: फिनलैंड
  • दूसरा स्थान: नार्वे
  • तीसरा स्थान: स्विट्जरलैंड

वैश्विक प्रतिभा प्रतिस्पर्धात्मकता सूचकांक 2016 (Global Talent Competitiveness Index 2016):

  • भारत की स्थिति: 92/118
  • रिपोट को प्रकाशित करने वाली संस्था: Global Business School INSEAD
  • शीर्ष स्थान: स्विट्जरलैंड
  • दूसरा स्थान: सिंगापुर
  • तीसरा स्थान: ग्रेट ब्रिटेन

विश्व बैंक रसद सूचकांक 2016 (World Bank Logistics Index 2016):

  • भारत की स्थिति: 35/160
  • रिपोट को प्रकाशित करने वाली संस्था: World Bank
  • शीर्ष स्थान: जर्मनी
  • दूसरा स्थान: लक्समबर्ग (Luxembourg)
  • तीसरा स्थान: स्वीडन

क्रोनी पूंजीवाद सूचकांक रिपोर्ट 2016 (Crony capitalism Index Report 2016):

  • भारत की स्थिति: 9/23
  • शीर्ष स्थान: रूस
  • दूसरा स्थान: मलेशिया
  • तीसरा स्थान: फिनलैंड

वैश्विक दासता सूचकांक रिपोर्ट 2016 (Global Slavery Index Report 2016):

  • भारत की स्थिति: 1/167
  • रिपोट को प्रकाशित करने वाली संस्था: Walk Free Foundation
  • शीर्ष स्थान: भारत
  • दूसरा स्थान: चीन
  • तीसरा स्थान: पाकिस्तान

वैश्विक संपर्क सूचकांक 2016 (Global Connectivity Index 2016)

  • भारत की स्थिति: 44/50
  • रिपोट को प्रकाशित करने वाली संस्था: Chinese telecom giant Huawe
  • शीर्ष स्थान: संयुक्त राज्य अमेरिका
  • दूसरा स्थान: सिंगापुर
  • तीसरा स्थान: स्वीडन

वैश्वीकरण सूचकांक 2017 (KOF Globalization Index 2017):

  • भारत की स्थिति: 107/184
  • रिपोट को प्रकाशित करने वाली संस्था: World Energy
  • शीर्ष स्थान: नीदरलैंड
  • दूसरा स्थान: आयरलैंड
  • तीसरा स्थान: बेल्जियम

वैश्विक लैंगिक अंतराल सूचकांक 2017 (Global Gender Gap Report 2017):

  • भारत की स्थिति: 108/144
  • रिपोट को प्रकाशित करने वाली संस्था: World Economic Forum
  • शीर्ष स्थान: आइस्लैण्ड
  • दूसरा स्थान: फिनलैंड
  • तीसरा स्थान: नार्वे

ग्लोबल लाईवेटाइटी रैंकिंग 2017 (Global Liveability Ranking 2017):

  • रिपोट को प्रकाशित करने वाली संस्था: Economist Intelligence Unit (EIU)
  • शीर्ष स्थान: मेलबोर्न, ऑस्ट्रेलिया
  • दूसरा स्थान: वियना, ऑस्ट्रिया
  • तीसरा स्थान: वैंकूवर, कनाडा

यात्रा एवं पर्यटन प्रतिस्‍पर्धी सूचकांक (टीटीसीआई), 2017 (World Tourism rank 2017):

  • भारत की स्थिति: 40/136
  • रिपोट को प्रकाशित करने वाली संस्था: World Tourism Organization
  • शीर्ष स्थान: स्पेन
  • दूसरा स्थान: फ्रांस
  • तीसरा स्थान: जर्मनी

वैश्विक युवा विकास सूचकांक 2016 (Global Youth Development Index 2016 ):

  • भारत की स्थिति: 133/183
  • रिपोट को प्रकाशित करने वाली संस्था: Commonwealth Secretariat
  • शीर्ष स्थान: जर्मनी
  • दूसरा स्थान: डेनमार्क
  • तीसरा स्थान: ऑस्ट्रेलिया

वैश्विक आतंकवाद सूचकांक 2017 (Global Terrorism Index 2017):

  • भारत की स्थिति: 8/163
  • रिपोट को प्रकाशित करने वाली संस्था: Institute for Economics and Peace (IEP)
  • शीर्ष स्थान: इराक
  • दूसरा स्थान: अफ़ग़ानिस्तान
  • तीसरा स्थान: नाइजीरिया

अच्छा देश सूचकांक 2015 (Good Country Index 2015):

  • भारत की स्थिति: 70/163
  • रिपोट को प्रकाशित करने वाली संस्था: UN and World Bank
  • शीर्ष स्थान: स्वीडन
  • दूसरा स्थान: डेनमार्क
  • तीसरा स्थान: नीदरलैंड

सामाजिक प्रगति सूचकांक 2017 (Social Progress Index 2017):

  • भारत की स्थिति: 93/128
  • रिपोट को प्रकाशित करने वाली संस्था: Social Progress Imperative
  • शीर्ष स्थान: डेनमार्क
  • दूसरा स्थान: फिनलैंड
  • तीसरा स्थान: आइस्लैण्ड

और जानिये : वर्ष 2017 में विश्व की संस्थाओं द्वारा जारी विभिन्न सूचकांकों (रिपोर्ट्स) में भारत की (रैंकिंग) स्थिति


भारतीय राज्यों के राजकीय जानवरों/पशुओं की सूची

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भारत के राज्यों के राजकीय जानवरों/पशुओं की सूची: (List of National Animals of Indian States in Hindi)

भारत का राष्ट्रीय पशु और राज्यों के राज्य-पशु किसी पशु को राष्ट्रीय पशु, किसी पक्षी को राष्ट्रीय पक्षी, किसी वृक्ष को राष्ट्रीय वृक्ष अथवा किसी फूल को राष्ट्रीय पुष्प घोषित करने से भले ही वन्यजीवों पर कोई प्रत्यक्ष प्रभाव नहीं पड़े लेकिन देश के नागरिकों में प्रकृति, पर्यावरण तथा जीव- जन्तुओं के प्रति सजगता और संवेदनशीलता का विस्तार तो इससे होता ही है। बाघ हमारा राष्ट्रीय पशु है। क्या आपको पता है कि 9 जुलाई 1969 के पहले तक हमारा राष्ट्रीय पशु सिंह था। राष्ट्रीय पशु सहित राज्य-पशुओं की कुल संख्या 21 है। सामान्यतया एक वन्य जीव को एक राज्य ने अपना राज्य-पशु घोषित किया है, किन्तु कुछ वन्य जीव ऐसे हैं, जिन्हें दो-दो राज्यों ने अपना राज्य-पशु घोषित किया है। गौर, मिथुन, बारहसिंगा और कस्तूरी मृग ऐसे ही वन्यजीव हैं। हाथी एक ऐसा वन्यजीव है, जिसे चार राज्यों ने अपना राज्य-पशु घोषित कर रखा है।

भारत के राज्यों के राजकीय जानवरों/पशुओं की सूची:

भारतीय राज्यों के नाम आधिकारिक राजकीय पशु का नाम
अरूणाचल प्रदेश मिथुन
असम एक सींग वाला गैंडा
बिहार बैल
छत्तीसगढ़ जंगली भैंस
दिल्ली नीलगाय
गोवा गौर
गुजरात एशियाई शेर
हरियाणा कृष्ण मृग
उत्तराखंड कस्तूरी मृग
हिमाचल प्रदेश हिम तेंदुआ
जम्मू-कश्मीर हंगुल
झारखंड हाथी
कर्नाटक हाथी
मध्य प्रदेश बारहसिंगा
महाराष्ट्र विशाल गिलहरी
मणिपुर संगाई
मेघालय मलिन तेंदुआ
मिजोरम सीरो
नागालैंड सीरो
उड़ीसा सांभर
पुडुचेरी गिलहरी
पंजाब कृष्णमृग
राजस्थान ऊंट
सिक्किम रेड पांडा
तमिलनाडु नीलगिरि तहर
तेलंगाना हिरण
त्रिपुरा फायरे लंगूर
उत्तर प्रदेश कस्तूरी मृग

इन्हें भी पढे: भारतीय राज्यों के राजकीय पक्षियों की सूची

और जानिये : भारतीय राज्यों के राजकीय जानवरों/पशुओं की सूची

प्रोटीन के स्त्रोत, उनके कार्य, लाभ और कमी से होने मुख्य रोगों की सूची

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प्रोटीन के मुख्य स्त्रोत, उनके कार्य, मात्रा और लाभ: (Major Sources of Protein their functions and benefits in Hindi)

प्रोटीन किसे कहते है?

प्रोटीन वास्तव में एक ग्रीक शब्द है जिसका अर्थ है– सबसे जरुरी। प्रोटीन या प्रोभूजिन एक जटिल भूयाति युक्त कार्बनिक पदार्थ है जिसका गठन कार्बन, हाइड्रोजन, आक्सीजन एवं नाइट्रोजन तत्वों के अणुओं से मिलकर होता है। कुछ प्रोटीन में इन तत्वों के अतिरिक्त आंशिक रूप से गंधक, जस्ता, ताँबा तथा फास्फोरस भी उपस्थित होता है। ये जीवद्रव्य (प्रोटोप्लाज्म) के मुख्य अवयव हैं एवं शारीरिक वृद्धि तथा विभिन्न जैविक क्रियाओं के लिए आवश्यक हैं।

रासायनिक गठन के अनुसार प्रोटीन को सरल प्रोटीन, संयुक्त प्रोटीन तथा व्युत्पन्न प्रोटीन नामक तीन श्रेणियों में बांटा गया है। सरल प्रोटीन का गठन केवल अमीनो अम्ल द्वारा होता है एवं संयुक्त प्रोटीन के गठन में अमीनो अम्ल के साथ कुछ अन्य पदार्थों के अणु भी संयुक्त रहते हैं। व्युत्पन्न प्रोटीन वे प्रोटीन हैं जो सरल या संयुक्त प्रोटीन के विघटन से प्राप्त होते हैं। अमीनो अम्ल के पॉलीमराईजेशन से बनने वाले इस पदार्थ की अणु मात्रा 10000 से अधिक होती है। प्राथमिक स्वरूप, द्वितीयक स्वरूप, तृतीयक स्वरूप और चतुष्क स्वरूप प्रोटीन के चार प्रमुख स्वरुप है।

प्रोटीन के मुख्य स्त्रोत:

प्रोटीन के शाकाहारी मुख्य स्त्रोत:

  • चना, मटर, मूंग दाल, मसूर दाल, उड़द दाल, सोयाबीन, राजमा, लोभिया, गेहूँ, मक्का, अरहर दाल, काजू, बादाम,कद्दू के बीज, सीसम, दूध

प्रोटीन के मांसाहारी मुख्य स्त्रोत:

  • मांस, मछली, अंडा, यकृत प्रोटीन

प्रोटीन खाद्य पदार्थों में बड़ी संख्या में मिलता है, जैसे: अंडा, मीट, मछली, सोयाबीन, दूध तथा दूध से बने उत्पाद आदि। पौधों से मिलने वाले खाद्य पदार्थों में सोयाबीन में सबसे अधिक मात्रा में प्रोटीन पाया जाता है। इसमें 40 प्रतिशत से अधिक प्रोटीन होता है। 16 से 18 वर्ष के आयु वर्ग वाले लड़के, जिनका वजन 57 किलोग्राम है, उनके लिए प्रतिदिन 78 ग्राम प्रोटीन की आवश्यकता होती है।

आवश्यक प्रोटीन और उनके कार्य:

शारीरिक प्रोटीन कार्य
 एंजाइम जैव उतप्रेरक, जैव रासायनिक अभिक्रियाओं में सहायक।
 हार्मोन्स शरीर की क्रियाओं का नियमन करते हैं।
 परिवहन प्रोटीन हीमोग्लोबिन, विभिन्न पदार्थों का परिवहन करती हैं।
 संरचनात्मक प्रोटीन कोशिका एवं ऊतक निर्माण करती है।
 रक्षात्मक प्रोटीन संक्रमण में रक्षा करने में सहायक है।
 संकुचन प्रोटीन ये पेशी संकुचन एवं चलन हेतु उत्तरदाई है, उदाहरण-मायोसीन, एक्टिन आदि।

मुख्य खाद्य पदार्थ और प्रोटीन की मात्रा:

भोज्य पदार्थ प्रोटीन की मात्रा
सोयाबीन 43.2
बंगाल चना, काला चना, हरा चना, मसूर, और लाल चना 22
मूंगफली, काजू, बदाम 23
मछली 20
मांस 22
दूध (गाय ) 3.2
अंडा 13.3(प्रति अंडा)
भैंस 4.3

प्रोटीन के लाभ (फायदे): (Benefits of Protein in Hindi)

  • शरीर की कार्यप्रणाली को दुरूस्त रखता है।
  • भूख को नियंत्रित रखता है।
  • तनाव को कम करता है।
  • मांसपेशियां मजबूत होती हैं।
  • ऊतकों की मरम्मत होती है।
  • वजन कम करने में सहायक।
  • रोग प्रतिरोधक क्षमता शक्तिशाली होती है।
  • बालों और त्वचा को स्वस्थ और चमकदार बनाता है।
  • हड्डियों, लिंगामेंट्स और दूसरे संयोजी ऊतकों को स्वस्थ रखने में सहायक।
  • प्रोटीन से बाल, नाखुन, त्वचा, मांसपेशी, हड्डी और रक्तकोशिका बनती हैं।
  • शरीर में पाए जाने वाले रसायनों, जैसे कि हार्मोन, न्यूरोट्रांसमीटर और एंजाइम में भी प्रोटीन है।

प्रोटीन की कमी से होने वाले रोग (नुकसान): (Disadvantage of Protein in Hindi)

  • किडनी से संबंधित रोग।
  • मूत्र में पीएच बैलेंस का बिगड़ना।
  • किडनी की पथरी का खतरा।
  • कुल कैलोरी का 30 प्रतिशत से अधिक सेवन नुकसानदायक।
  • शरीर में कीटोन की मात्रा बढ़ जाती है जो कि एक विषैला पदार्थ है।
  • अत्यधिक प्रोटीन से शरीर में कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ जाता है, जिससे हृदय रोग, स्ट्रोक और कैंसर हो सकता है।
  • प्रोटीन की मात्रा बढ़ने से कार्बोहाइड्रेट का सेवन कम हो जाता है जिससे शरीर को फाइबर कम मिलता है।
  • प्रोटीन के मेटाबॉलिज्म से निकलने वाले व्यर्थ पदार्थों को शरीर से बाहर निकालने में शरीर को परेशानी होती है।

इन्हें भी पढ़े: शरीर के लिए आवश्यक विटामिन, रासायनिक नाम व प्रमुख स्रोतो की सूची

और जानिये : प्रोटीन के स्त्रोत, उनके कार्य, लाभ और कमी से होने मुख्य रोगों की सूची

प्रथम विश्‍व युद्ध होने के कारण, परिणाम और सम्बंधित महत्वपूर्ण तथ्‍य

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प्रथम विश्‍व युद्ध होने के कारण, परिणाम और सम्बंधित महत्वपूर्ण तथ्‍य: (First World War History in Hindi)

विश्व के इतिहास में प्रथम विश्‍व युद्ध (28 जुलाई 1914 ई. से 11 नवंबर 1918 ई.) के मध्य संसार के तीन महाद्वीप यूरोप, एशिया और अफ्रीका के बीच जल, थल और आकाश में लड़ा गया। इसमें भाग लेने वाले देशों की संख्या, इसका क्षेत्र और इससे हुई क्षति के अभूतपूर्व आंकड़ों के कारण ही इसे विश्व युद्ध का नाम दिया गया। प्रथम विश्वयुद्ध 4 वर्ष (लगभग 52 महीने) तक चला था। करीब आधी दुनिया हिंसा की चपेट में चली गई और इस दौरान अनुमानतः एक करोड़ लोगों की जान गई और इससे दोगुने घायल हो गए।

इसके अलावा बीमारियों और कुपोषण जैसी घटनाओं से भी लाखों लोग मरे। विश्व युद्ध खत्म होते-होते चार बड़े साम्राज्य रूस, जर्मनी, ऑस्ट्रिया-हंगरी और उस्मानिया ढह गए। यूरोप की सीमाएं फिर से निर्धारित हुईं और अमेरिका निश्चित तौर पर एक ‘सुपर पावर’ बन कर उभरा।

प्रथम विश्वयुद्द के कारण:

  • गुप्त संधियो का प्रचलन।
  • राष्ट्रीय भावना का विकास।
  • सेन्यवाद और शस्त्रीकरण पर जोर।
  • अंतराषट्रीय अराजकता।
  • साम्राज्यवाद तथा आर्थिक प्रतिद्वंद्विता।
  • जर्मन चाँसलर विलियम केंसर का चरित्र।
  • सामाचार पत्र एव प्रचार सधनो द्वारा विसेली प्रचार।
  • अंतराष्ट्रीय शांति कायम करने वाली संस्था का अभाव।
  • तात्कालिक कारण।

प्रथम विश्‍व युद्ध से जुड़े महवपूर्ण तथ्‍य इस प्रकार हैं:

  • प्रथम विश्वयुद्ध की शुरुआत 28 जुलाई 1914 ई. में हुई।
  • प्रथम विश्वयुद्ध 4 वर्ष तक चला।
  • प्रथम विश्‍वयुद्ध में 32 देशों ने भाग लिया था।
  • प्रथम विश्वयुद्ध का तात्का‍लिक कारण ऑस्ट्रिया के राजकुमार फर्डिंनेंड की हत्या था।
  • ऑस्ट्रिया के राजकुमार की हत्या बोस्निया की राजधानी सेराजेवो में हुई.
  • प्रथम विश्वयुद्ध के दौरान दुनिया मित्र राष्ट्र और धुरी राष्ट्र दो खेमों में बंट गई.
  • धुरी राष्ट्रों का नेतृत्व जर्मनी के अलावे ऑस्ट्रिया, हंगरी और इटली जैसे देशों ने भी किया।
  • मित्र राष्ट्रों में इंगलैंड, जापान, संयुक्त राज्य अमेरिका, रूस तथा फ्रांस थे।
  • गुप्त संधियों की प्रणाली का जनक बिस्मार्क था।
  • ऑस्ट्रिया, जर्मनी और इटली के बीच त्रिगुट का निर्माण 1882 ई. में हुआ।
  • सर्बिया की गुप्त क्रांतिकारी संस्था काला हाथ थी।
  • रूस-जापान युद्ध का अंत अमेरिकी राष्ट्रपति रूजवेल्टा से हुआ।
  • मोरक्को संकट 1906 ई. में सामने आया।
  • प्रथम विश्वयुद्ध के दौरान जर्मनी ने रूस पर 1 अगस्त 1914 ई. में आक्रमण किया।
  • जर्मनी ने फ्रांस पर हमला 3 अगस्त 1914 ई. में किया।
  • इंग्‍लैंड प्रथम विश्व युद्ध में 8 अगस्त 1914 ई. को शामिल हुआ।
  • प्रथम विश्वथयुद्ध के समय अमेरिका के राष्ट्रपति वुडरो विल्सन थे।
  • जर्मनी के यू बोट द्वारा इंगलैंड लूसीतानिया नामक जहाज को डुबोने के बाद अमेरिका प्रथम विश्ववयुद्ध में शामिल हुआ। क्योंकि लूसीतानिया जहाज पर मरने वाले 1153 लोगों में 128 व्यक्ति अमेरिकी थे।
  • इटली मित्र राष्ट्र की तरफ से प्रथम विश्वयुद्ध में 26 अप्रैल 1915 ई. में शामिल हुआ।
  • प्रथम विश्वयुद्ध 11 नवंबर 1918 ई. में खत्म हुआ।
  • पेरिस शांति सम्मेलन 18 जून 1919 ई. में हुआ।
  • पेरिस शांति सम्मेलन में 27 देशों ने भाग लिया।
  • वरसाय की संधि जर्मनी और मित्र राष्ट्रों के बीच (28 जून 1919 ई.) हुई.
  • युद्ध के हर्जाने के रूप में जर्मनी से 6 अरब 50 करोड़ की राशि की मांग की गई थी।
  • अंतर्राष्ट्रीय क्षेत्र में प्रथम विश्वयुद्ध का सबसे बड़ा योगदान राष्ट्रसंघ की स्थापना था।

इन्हें भी पढे: भारतीय इतिहास के प्रमुख युद्ध कब और किसके बीच हुए

और जानिये : प्रथम विश्‍व युद्ध होने के कारण, परिणाम और सम्बंधित महत्वपूर्ण तथ्‍य

हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्रियों के नाम, कार्यकाल एवं उनकी राजनीतिक पार्टी (वर्ष 1952 से 2017)

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हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्रियों की सूची (1952-2017 ): (List of Chief Ministers of Himachal Pradesh in Hindi)

हिमाचल प्रदेश:

हिमाचल प्रदेश पश्चिमी भारत में स्थित राज्य है। हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला है। यह उत्तर में जम्मू और कश्मीर, पश्चिम तथा दक्षिण-पश्चिम में दक्षिण में हरियाणा एवं उत्तर प्रदेश, दक्षिण-पूर्व में उत्तराखंड तथा पूर्व में तिब्बत से घिरा है। ‘हिमाचल’ प्रदेश का शाब्दिक अर्थ बर्फ़ीले पहाड़ों का अंचल’ है। हिमाचल प्रदेश को “देव भूमि” भी कहा जाता है। हिमाचल प्रदेश का कुल क्षेत्रफल 55,673 वर्ग किमी. है।

हिमाचल प्रदेश का इतिहास एवं महत्वपूर्ण सामान्य ज्ञान:

हिमाचल प्रदेश में आर्यों का प्रभाव ऋग्वेद से भी पुराना है। आंग्ल-गोरखा युद्ध के बाद, यह ब्रिटिश शासन के अंतर्गत आ गया। सन् 1857 तक यह पंजाब के महाराजा रणजीत सिंह के शासन के अधीन पंजाब राज्य का हिस्सा रहा। सन् 1950 में इस राज्य को केन्द्र शासित प्रदेश बनाया गया, परन्तु 1971 में ‘हिमाचल प्रदेश राज्य अधिनियम-1971’ के अन्तर्गत इसे 25 जून 1971 को भारत का अठारहवाँ राज्य बना दिया गया।

हिमाचल प्रदेश में प्रतिव्यक्ति अनुमानित आय भारत के अन्य किसी भी राज्य की तुलना में ज़्यादा है। राज्य में हिन्दुओं की संख्या कुल जनसंख्या का 90% है। ट्रान्सपरेन्सी इंटरनैशनल के 2005 के सर्वेक्षण के अनुसार, हिमाचल प्रदेश देश में केरल के बाद दूसरा सबसे कम भ्रष्ट राज्य है।

हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री:

हिमाचल प्रदेश के वर्तमान मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर हैं। जयराम ठाकुर ने 27 दिसम्बर 2017 को हिमाचल प्रदेश के 14वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण की है। हिमाचल प्रदेश के प्रथम मुख्यमंत्री यशवंत सिंह परमार थे।

वर्ष 1952 से अब तक चुने गए हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्रियों की सूची:-

क्रमांक मुख्यमंत्री का नाम पदभार ग्रहण पदमुक्ति दल/राजनीतिक पार्टी
1 यशवंत सिंह परमार 08 मार्च 1952 31 अक्टूबर 1956 भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
राज्य को एक संघ शासित प्रदेश में परिवर्तित कर दिया गया (31 अक्टूबर 1956 से 1 जुलाई 1963 तक)
2 यशवंत सिंह परमार 01 जुलाई 1963 28 जनवरी 1977 भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
3 ठाकुर राम लाल 28 जनवरी 1977 30 अप्रॅल 1977 भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
राष्ट्रपति शासन (30 अप्रॅल 1977 से 22 जनवरी 1977 तक)
4 शांता कुमार 22 जून 1977 14 फ़रवरी 1980 जनता पार्टी
5 ठाकुर राम लाल 14 फ़रवरी 1980 07 अप्रॅल 1983 भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
6 वीरभद्र सिंह 08 अप्रॅल 1983 08 मार्च 1985 भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
7 वीरभद्र सिंह 08 मार्च 1985 05 मार्च 1990 भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
8 शांता कुमार 05 मार्च 1990 15 दिसम्बर 1992 भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी)
राष्ट्रपति शासन ( 15 दिसम्बर 1992 से 03 दिसम्बर 1993 तक)
9 वीरभद्र सिंह 03 दिसम्बर 1993 23 मार्च 1998 भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
10 प्रेम कुमार धूमल 24 मार्च 1998 05 मार्च 2003 भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी)
11 वीरभद्र सिंह 06 मार्च 2003 30 दिसम्बर 2007 भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
12 प्रेम कुमार धूमल 30 दिसम्बर 2007 25 दिसम्बर 2012 भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी)
13 वीरभद्र सिंह 25 दिसम्बर 2012 26 दिसम्बर 2017 भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
14 जयराम ठाकुर 27 दिसम्बर 2017 अबतक भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी)

इन्हें भी पढ़े: भारतीय राज्यों के वर्तमान मुख्यमंत्री एवं उनकी राजनीतिक पार्टी

और जानिये : हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्रियों के नाम, कार्यकाल एवं उनकी राजनीतिक पार्टी (वर्ष 1952 से 2017)

भारत के अबतक के सभी रेलमंत्रियों के नाम, उनका कार्यकाल और राजनीतिक दल (1947-2017)

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भारत के सभी रेलमंत्रियों की सूची (1947-2017): (List of Railways Ministers of India in Hindi)

रेल मंत्रालय, भारत:

रेल मंत्रालय, भारत में रेलों के निर्माण और परिवहन को नियंत्रित करने वाला भारत सरकार का एक महत्वपूर्ण मंत्रालय है। भारतीय रेल का प्रभार इसी मंत्रालय के पास है। आसफ अली भारत के प्रथम रेलमंत्री थे। जो ओडिशा के राज्यपाल भी रहे। वह अंतरिम सरकार के दौरान 02 सितम्बर, 1946 से फरवरी 1947 तक रेलवे और यातायात के पद पर कार्यरत रहे।

भारत की पहली रेलगाड़ी कहाँ से कहाँ तक चली थी?

16 अप्रैल 1853 को भारत की सबसे पहली रेलगाड़ी मुंबई से ठाणे के बीच (34 कि॰मी॰) चली थी। भाप के इंजन के साथ 14 डिब्बों की रेलगाड़ी मुंबई से ठाणे के बीच रवाना हुई थी। भारतीय रेल एक प्रमुख परिवहन संगठन है, जो एशिया का सबसे बड़ा रेल नेटवर्क है और किसी एक संस्था के अंतर्गत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा समूह है।

रेल मंत्रालय की संरचना:

एक केबिनेट और दो राज्य मंत्रियों को मिलाकर रेलवे के पास कुल तीन मंत्री हैं। भारतीय रेल का शीर्ष निकाय रेलवे बोर्ड, रेल मंत्रालय के आधीन आता है। रेलवे बोर्ड, एक अध्यक्ष और कई “रेलवे बोर्ड के सदस्य” द्वारा गठित होता है। कई निदेशालय रेलवे बोर्ड के आधीन आते हैं। रेल मंत्रालय का मुख्यालय नई दिल्ली में स्थित रेल भवन है।

भारत के वर्तमान रेल मंत्री 2017:

भारत के वर्तमान रेल मंत्री पीयूष गोयल हैं। उन्होंने 03 सितम्बर, 2017 को रेलमंत्री के रूप में पद ग्रहण किया है, उनसे पहले सुरेश प्रभु 10 नवम्बर, 2014 से इस पद पर कार्यरत थे।

इन्हें भी पढ़ें: भारत सरकार का केन्द्रीय मंत्रिमंडल 2017

भारत के रेलमंत्रियों की सूची:(1947-2017)

रेलमंत्री का नाम कार्यकाल राजनीतिक दल या गठबंधन
आसफ अली 02 सितम्बर, 1946-14 अगस्त, 1947 भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
जॉन मथाई 15 अगस्त, 1947-22 सितम्बर, 1948 भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
एन गोपालस्वामी आयंगर 22 सितम्बर, 1948-13 मई, 1952 भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
लाल बहादुर शास्त्री 13 मई, 1952-07 दिसम्बर 1956 भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
जगजीवन राम 07 दिसम्बर, 1956-10 अप्रैल, 1962 भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
स्वर्ण सिंह 10 अप्रैल, 1962-21 सितम्बर, 1963 भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
ए. सी. दासप्पा 21 सितम्बर, 1963-08 जून, 1964 भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
एस. के. पाटिल 09 जून, 1964-12 मार्च, 1967 भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
सी. एम. पूनाचा 13 मार्च, 1967-14 फरवरी, 1969 भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
राम सुभग सिंह 14 फरवरी, 1969-04 नवम्बर, 1969 भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
पी. गोविन्द मेनन 04 नवम्बर, 1969-18 फरवरी, 1970 भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
गुलजारीलाल नंदा 18 फरवरी, 1970-17 मार्च, 1971 भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
के. हनमुन्थैया 18 मार्च, 1971-22 जुलाई, 1972 भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
टी. ए. पई 23 जुलाई, 1972-04 फरवरी, 1973 भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
ललित नारायण मिश्रा 05 फरवरी, 1973-02 जनवरी, 1975 भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
कमलापति त्रिपाठी 11 फरवरी, 1975-23 मार्च, 1977 भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
मधु दंडवते 26 मार्च, 1977-28 जुलाई, 1979 जनता पार्टी
टी. ए. पई 30 जुलाई, 1979-13 जनवरी, 1980 जनता पार्टी (सेक्युलर) & भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
कमलापति त्रिपाठी 14 जनवरी, 1980-12 नवम्बर, 1980 भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
केदार पांडे 12 नवम्बर, 1980-14 जनवरी, 1982 भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
प्रकाश चंद्र सेठी 15 जनवरी, 1982-02 सितम्बर, 1982 भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
ए. बी. ए. गनी खाँ चौधरी 02 सितम्बर, 1982-31 दिसम्बर, 1984 भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
बंसी लाल 31 दिसम्बर, 1984-04 जून, 1986 भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
मोहसिना किदवई 24 जून, 1986-21 अक्टूबर, 1986 भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
माधवराव सिंधिया 22 अक्टूबर, 1986-01 दिसम्बर, 1989 भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
जॉर्ज फर्नांडिस 05 दिसम्बर, 1989-10 नवम्बर, 1990 जनता दल
जनेश्वर मिश्र 21 नवम्बर, 1990-21 जून, 1991 समाजवादी जनता पार्टी
सी. के. जाफर शरीफ 21 जून, 1991-16 अक्टूबर, 1995 भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
राम विलास पासवान 01 जून, 1996-19 मार्च, 1998 संयुक्त मोर्चा (जनता दल)
नीतीश कुमार 19 मार्च, 1998-05 अगस्त, 1999 राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA)
राम नाइक 06 अगस्त, 1999-12 अक्टूबर, 1999 राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA)
ममता बनर्जी 13 अक्टूबर, 1999-15 मार्च, 2001 राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA)
नीतीश कुमार 20 मार्च, 2001-22 मई, 2004 राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA)
लालू प्रसाद यादव 23 मई, 2004-25 मई, 2009 संयुक्त प्रगतशील गठबंधन (UPA)
ममता बनर्जी 26 मई, 2009-19 मई, 2011 संयुक्त प्रगतशील गठबंधन (UPA) & राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA)
दिनेश त्रिवेदी 12 जुलाई, 2011-14 मार्च, 2012 संयुक्त प्रगतशील गठबंधन (UPA)
मुकुल रॉय 20 मार्च, 2012-21 सितम्बर, 2012 संयुक्त प्रगतशील गठबंधन (UPA)
सी. पी. जोशी 22 सितम्बर, 2012-28 अक्टूबर, 2012 संयुक्त प्रगतशील गठबंधन (UPA)
पवन कुमार बंसल 28 अक्टूबर, 2012-10 मई, 2013 संयुक्त प्रगतशील गठबंधन (UPA)
सी. पी. जोशी 11 मई, 2013-16 जून, 2013 संयुक्त प्रगतशील गठबंधन (UPA)
मल्लिकार्जुन खड़गे 17 जून, 2013-25 मई, 2014 संयुक्त प्रगतशील गठबंधन (UPA)
डी. वी. सदानंद गौड़ा 26 मई, 2014-09 नवम्बर, 2014 राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA)
सुरेश प्रभु 10 नवम्बर, 2014-03 सितम्बर, 2017 राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA)
पीयूष गोयल 03 सितम्बर, 2017-अब तक राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA)

और जानिये : भारत के अबतक के सभी रेलमंत्रियों के नाम, उनका कार्यकाल और राजनीतिक दल (1947-2017)

एबल पुरस्कार विजेताओं की सूची वर्ष 2003 से 2017 तक

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एबल पुरस्कार विजेताओं की सूची (2003 से 2017 तक): (List of Abel Prize winners in Mathematics in Hindi)

एबल पुरस्कार क्या है?

एबल पुरस्कार यूरोप महाद्वीप के उत्तरी भाग में स्थित नॉर्वे सरकार द्वारा प्रतिवर्ष विश्व के प्रसिद्ध गणितज्ञों दिया जाने वाला एक सम्मान है।

एबल पुरस्कार की शुरुआत कब हुई थी?

एबल पुरस्कार की शुरुआत वर्ष 2002 में नॉर्वे के सबसे प्रसिद्ध गणितज्ञ “नील्स हेनरिक एबल” के सम्मान में हुई थी। तब से ही हर साल नॉर्वे सरकार द्वारा एक या एक से अधिक गणितज्ञों को दिया जाता है। इस पुरस्कार से सम्मानित होने वाले प्रथम व्यक्ति “जीन पियरे सेर्रे” थे, जिन्हें गणित के कई हिस्सों जैसे टोपोलॉजी, बीजीय ज्यामिति और संख्या सिद्धांत को आधुनिक रूप देने के लिए साल 2003 में इस पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।

एबेल पुरस्कार 2016 के विजेता:

2016 में गणित का एबल पुरस्कार “सर एंड्रयू विल्स” को दिया गया था। इन्हें यह पुरस्कार फ्रांसीसी गणितज्ञ पियरे द फेर्मा (Pierre De Fermat) के अंतिम प्रमेय (Fermat’s last theorem) को प्रतिरूपकता कल्पना के अर्धस्थित अन्डाकार वक्र के द्वारा समझाने के लिए प्रदान किया गया है जिससे संख्या सिद्धांत में एक नए युग का सूत्रपात हुआ है।

एबेल पुरस्कार 2017 के विजेता:

नॉर्वेजियन एकेडमी ऑफ साइंस एंड लेटर्स ने गणितज्ञ यवेस मेयर (Yves Meyer) को 2017 के लिए एबल पुरस्कार से सम्मानित किया है।उन्हें तरंगिकाओं के गणितीय सिद्धांत के विकास (development of the mathematical theory of wavelets) में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका के लिए सम्मानित किया गया। तरंगिकाओं का सिद्धांत जिसे उन्होंने शुरू किया और मौलिक योगदान दिया, जिसमें छवि प्रसंस्करण से द्रव गतिशीलता के व्यापक अनुप्रयोग प्राप्त किए गए।

गणित में एबल पुरस्कार विजेताओं की सूची: (2003-2017)

साल विजेता का नाम उपलब्धि
2017 यवेस मेयर तरंगिकाओं (छोटे लहरों) के गणितीय सिद्धांत के विकास में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका के लिए।
2016 एंड्रयू विल्स अर्द्ध-स्थायी (semi stable) दीर्घवृत्तीय वक्र के लिए मॉड्युलरिटी अनुमान के माध्यम से फर्मट के अंतिम प्रमेय के शानदार प्रमाण के द्वारा संख्या सिद्धांत में एक नए युग की शुरूआत करने के लिए।
2015 जॉन एफ नैश, जूनियर लुई निरेनबर्ग ज्यामितीय विश्लेषण के लिए गैररेखीय आंशिक अंतर समीकरणों के सिद्धांत और उनके अनुप्रयोगों में अभूतपूर्व और मौलिक योगदान देने के लिए।
2014 याकॉव सीनाई गतिशील प्रणालियों, एर्गोडिक सिद्धांत और गणितीय भौतिकी के क्षेत्र में मौलिक योगदान देने के लिए।
2013 पियरे डेलिग्ने बीजीय रेखागणित और संख्या सिद्धांत पर उसके परिवर्तनकारी प्रभाव, प्रतिनिधित्व सिद्धांत और संबंधित क्षेत्रों में महत्वपूर्ण योगदान देने के लिए।
2012 एंड्रे ज़ेमेरेडी असंतत गणित और सैद्धांतिक कंप्यूटर विज्ञान में योगदान के लिए और योज्य/संकलन (additive) संख्या सिद्धांत और एर्गोडिक सिद्धांत (ergodic theory) पर इन योगदानों के गहरा और स्थायी प्रभाव की पहचान करने के लिए।
2011 जॉन मिलनॉर टोपोलॉजी, ज्यामिति और बीजगणित में उल्लेखनीय खोजों के लिए।
2010 जॉन टेट संख्याओं के सिद्धांत पर अपने विस्तृत और स्थायी प्रभाव के लिए।
2009 मिखाइल ग्रोमोव ज्यामिति में क्रांतिकारी योगदान देने के लिए।
2008 जॉन जी थॉम्पसन, जैक्स टिट्स बीजगणित में गहन उपलब्धियों के लिए और विशेष रूप से आधुनिक समूह सिद्धांत को आकार देने के लिए।
2007 एस. आर. श्रीनिवास वर्धन प्रायिकता सिद्धांत में योगदान देने के लिए और विशेष रूप से बड़े विचलन के एक एकीकृत सिद्धांत बनाने के लिए।
2006 लैनर्ट कार्लसन हार्मोनिक विश्लेषण और चिकनी गतिशील प्रणालियों के सिद्धांत के लिए उनके गहन और महत्वपूर्ण योगदान के लिए।
2005 पीटर लैक आंशिक विभेदक समीकरणों के सिद्धांत तथा उनके कार्यान्वयन के लिए और इन समीकरणों की गणना हेतु महत्वपूर्ण योगदान के लिए।
2004 माइकल अतियाह और इसाडोर सिंगर सूचकांक प्रमेय की खोज और प्रमाण के लिए, टोपोलॉजी, ज्यामिति और उसके विश्लेषण को एक साथ लाने के लिए तथा गणित और सैद्धांतिक भौतिकी के बीच समन्वय स्थापित करने हेतु उनकी उत्कृष्ट भूमिका के लिए।
2003 जीन पियरे सेर्रे गणित के कई हिस्सों जैसे टोपोलॉजी, बीजीय रेखागणित और संख्या सिद्धांत के आधुनिक रूप को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए।

और जानिये : एबल पुरस्कार विजेताओं की सूची वर्ष 2003 से 2017 तक

भारत के प्रमुख संग्रहालयों के नाम और उनके स्थान की सूची

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भारत के प्रमुख संग्रहालयों की सूची: (List of Famous Museums of India in Hindi)

संग्रहालय किसे कहते है?

संग्रहालय एक ऐसा संस्थान है है जो समाज की सेवा और विकास के लिए जनसामान्य के लिए खोला जाता है और इसमें मानव और पर्यावरण की विरासतों के संरक्षण के लिए उनका संग्रह, शोध, प्रचार या प्रदर्शन किया जाता है जिसका उपयोग शिक्षा, अध्ययन और मनोरंजन के लिए होता है।

भारतीय संग्रहालय:

भारतीय संग्रहालय भारत का सर्वश्रेष्ठ संग्रहालय है। इसमें प्राचीन वस्तुओं, युद्धसामग्री, गहने, कंकाल, ममी, जीवाश्म, तथा मुगल चित्र आदि का दुर्लभ संग्रह है। भारतीय संग्रहालय की स्थापना सन् 1814 में डेनमार्क के वनस्पतिशास्त्री डॉ. नथानियल वालिक ने की थी। यह एशिया का सबसे पुराना और भारत का सबसे बड़ा संग्रहालय है। इस संग्रहालय में एक 4000 साल पुराना पुराशव भी है।

इस संग्रहालय का उद्देश्‍य, राष्‍ट्रीय महत्‍व की सभी पुरावस्‍तुओं का अर्जन, संरक्षण और अध्‍ययन करने के साथ-साथ इनके माध्‍यम से ज्ञान का प्रसार करना तथा मनोरंजन करना है। इसके संग्रह की मुख्‍य विशेषताओं में प्राच्‍य संस्‍कृति, इतिहास और प्राकृतिक विज्ञान के साथ-साथ अन्‍य देशों के भी कुछ नमूने भी शामिल हैं।

भारत के प्रमुख संग्रहालयों की सूची:

संग्रहालय का नाम स्थान
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मानव संग्रहालय भोपाल, मध्य प्रदेश
केलिको कपड़ा संग्रहालय अहमदाबाद, गुजरात
छत्रपति शिवाजी महाराज वास्तु संग्रहालय (प्रिंस ऑफ वेल्स संग्रहालय) मुंबई, महाराष्ट्र
डॉ. अम्बेडकर राष्ट्रीय स्मारक और संग्रहालय नई दिल्ली
दाण्डी कुटीर संग्रहालय गांधीनगर, गुजरात
नेपियर संग्रहालय तिरुवनंतपुरम, केरल
नेवल एविएशन संग्रहालय वास्कोडागामा, गोवा
नौसेना संग्रहालय (यह स्वर्ण ज्योति संग्रहालय के नाम से भी जाना जाता है) विशाखापत्तनम, आन्ध्र प्रदेश
पनडुब्बी संग्रहालय (आईएनएस कुरुसुरा) संग्रहालय विशाखापत्तनम, आन्ध्र प्रदेश
पार्टिशन संग्रहालय अमृतसर, पंजाब
बिड़ला औद्योगिक और तकनीकी संग्रहालय कोलकाता, पश्चिम बंगाल
बॉम्बे प्राकृतिक इतिहास संग्रहालय मुंबई, महाराष्ट्र
भारतीय संग्रहालय (भारत में सबसे बड़ा) कोलकाता, पश्चिम बंगाल
राष्ट्रीय डाक टिकट संग्रहालय नई दिल्ली
राष्ट्रीय संग्रहालय नई दिल्ली
राष्ट्रीय हस्तशिल्प एवं हथकरघा संग्रहालय नई दिल्ली
राष्ट्रीय रेल संग्रहालय नई दिल्ली
वायु सेना संग्रहालय नई दिल्ली
विक्टोरिया जुबली संग्रहालय विजयवाड़ा, आंध्र प्रदेश
विश्वेशवरैय्या औद्योगिक और तकनीकी संग्रहालय बेंगलुरु, कर्नाटक
सालार जंग संग्रहालय हैदराबाद
एग्मोर संग्रहालय चेन्नई, तमिलनाडु

और जानिये : भारत के प्रमुख संग्रहालयों के नाम और उनके स्थान की सूची


मानव शरीर की कोशिका सरंचना एवं उनके मुख्य कार्यो की सूची

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मानव शरीर की कोशिका सरंचना एवं उनके कार्यो की सूची: (Human Body’s Cell Structure and their Functions in Hindi)

कोशिका किसे कहते है?

कोशिका की परिभाषा: कोशिका सजीवों के शरीर की रचनात्मक और क्रियात्मक इकाई है और प्राय: स्वत: जनन की सामर्थ्य रखती है। यह विभिन्न पदार्थों का वह छोटे-से-छोटा संगठित रुप है जिसमें वे सभी क्रियाएँ होती हैं जिन्हें सामूहिक रूप से हम जीवन कहतें हैं। इसकी खोज रॉबर्ट हुक ने 1665 ई. में की थी। एक ही कोशिका वाले जीवों, जैसे- जीवाणु, प्रोटोज़ोआ और यीस्ट्स, आदि को एककोशिकीय प्राणी और एक से अधिक कोशिका वाले जटिल जीवों को बहुकोशिकीय जीव कहा जाता है।

कोशिका की संरचना:

कोशिकाएँ सजीव होती हैं तथा वे सभी कार्य करती हैं, जिन्हें सजीव प्राणी करते हैं। इनका आकार अतिसूक्ष्म तथा आकृति गोलाकार, अंडाकार, स्तंभाकार, रोमकयुक्त, कशाभिकायुक्त, बहुभुजीय आदि प्रकार की होती है। ये जेली जैसी एक वस्तु द्वारा घिरी होती हैं। इस आवरण को कोशिकावरण (cell membrane) या कोशिका-झिल्ली कहते हैं यह झिल्ली अवकलीय पारगम्य (selectively permeable) होती है जिसका अर्थ है कि यह झिल्ली किसी पदार्थ (अणु या ऑयन) को मुक्त रूप से पार होने देती है, सीमित मात्रा में पार होने देती है या बिल्कुल रोक देती है। इसे कभी-कभी ‘जीवद्रव्य कला’ (plasma membrane) भी कहा जाता है। इसके भीतर निम्नलिखित संरचनाएँ पाई जाती हैं:-

  • केंद्रक एवं केंद्रिका
  • जीवद्रव्य
  • गोल्गी सम्मिश्र या गोल्गी यंत्र
  • कणाभ सूत्र
  • अंतर्प्रद्रव्य डालिका
  • गुणसूत्र (पितृसूत्र) एवं जीन
  • राइबोसोम तथा सेन्ट्रोसोम
  • लवक

कोशिका की बाहरी सतह प्लाज्मा झिल्ली होती है, जिसके अन्दर केन्द्रक द्रव्य/साइटोप्लाज्म पाया जाता है। प्लाज्मा में 90-92% जल,  1.2% अकार्बनिक लवण, 6-7% प्लाज्मा प्रोटीन और 1-2% कार्बनिक यौगिक पाये जाते है। माइटोकांड्रिया (Mitochondria), क्लोरोप्लास्ट (Chloroplasts) आदि विभिन्न कोशिकांग साइटोप्लाज्म में ही तैरते हुए पाए जाते हैं।

कोशिकीय प्रक्रियाएँ:

  • स्वत:भोजिता (Autophagy)
  • आसंजन (Adhesion)
  • जनन
  • कोशिका संगमन
  • कोशिका संकेतन (Cell signaling)
  • डीएनए पुनर्निर्माण तथा कोशिका की मृत्यु
  • चयापचय

कोशिका का विभाजन:

कोशिका के प्रत्येक विभाजन के पूर्व उसके केंद्रक का विभाजन होता है। केंद्रक विभाजन रीत्यनुसार होने वाली सुतथ्य घटना है, जिसे कई अवस्थाओं में विभाजित किया जा सकता है। ये अवस्थाएँ निम्नलिखित हैं:

  • पूर्वावस्था (Prophase)
  • मध्यावस्था (Metaphase)
  • पश्चावस्था (Anaphase)
  • अंत्यावस्था (Telophase)

पूर्वावस्था में केंद्रक के भीतर पतले पतले सूत्र दिखाई पड़ते हैं, जिनको केंद्रकसूत्र कहते हैं। ये केंद्रकसूत्र क्रमश: सर्पिलीकरण (spiralization) के कारण छोटे और मोटे हो जाते हैं। मध्यावस्था आते समय तक ये पूर्वावस्था की अपेक्षा कई गुने छोटे और मोटे हो जाते हैं। मध्यावस्था आने तक कोशिका के भीतर कुछ और महत्वपूर्ण परिवर्तन होते हैं। केंद्रक का आवरण नष्ट हो जाता है और उसकी जगह एक तर्कुवत्‌ उपकरण (spindle apparatus) उत्पन्न होता है। अधिकांश प्राणियों की उन कोशिकाओं में, जिनमें विभाजन की क्षमता बनी रहती है, एक विशेष उपकरण होता है जिस सेंट्रोसोम (Centrosomo) कहते हैं और जिसके मध्य में एक कणिका होती हैं, जिसे ताराकेंद्र (Centriole) कहते हैं।

पृथ्वी पर पाए जाने वाले सभी जीवों को दो वर्गों में बाँटा जा सकता है:

  1. अकोशिकीय जैव अर्थात् ऐसे जीव जिनमें कोई कोशिका नहीं पाई जाती है, जैसे- विषाणु (Virus)।
  2. कोशिकीय जीव अर्थात् ऐसे जीव जिनमें एक या एक से अधिक कोशिकाएं पाई जाती हैं

कोशिकीय प्राणियों को पुनः प्रोकैरियोटिक और यूकैरियोटिक नामक दो भागों में बाँटा जाता है।

  • प्रोकैरियोटिक जीव
  • यूकैरियोटिक जीव

प्रोकैरियोटिक जीवों की विशेषताएं निम्नलिखित है :

  1. इन जीवों में अविकसित और आदिम कोशिकाएं पाई जाती हैं।
  2. इनका आकार छोटा होता है।
  3. केन्द्रक नहीं पाया जाता है।
  4. केन्द्रक द्रव्य भी नहीं पाया जाता है।
  5. केवल एक क्रोमोसोम पाया जाता है।
  6. कोशिकांग भी कोशिका भित्ति से घिरे हुए नहीं पाए जाते हैं।
  7. कोशिका विभाजन असूत्री विभाजन द्वारा होता है।
  8. जीवाणु व नील-हरित शैवाल जैसे साइनोबैक्टीरिया  प्रोकैरियोटिक जीवों के उदाहरण हैं।

यूकैरियोटिक जीवों की विशेषताएं निम्नलिखित है :

  1. इनमें विकसित और नवीन कोशिकाएं पाई जाती हैं।
  2. इनका आकार बड़ा होता है।
  3. केन्द्रक पाया जाता है।
  4. केन्द्रक द्रव्य भी पाया जाता है।
  5. एक से अधिक क्रोमोसोम पाए जाते हैं।
  6. कोशिकांग भी कोशिका भित्ति से घिरे हुए पाए जाते हैं।
  7. कोशिका विभाजन समसूत्री विभाजन और अर्धसूत्री विभाजन द्वारा होता है।

प्लाज्मा झिल्ली के कार्य: प्लाज्मा झिल्ली कुछ पदार्थों के कोशिका के अन्दर और बाहर जाने पर नियंत्रण रखती है। अतः प्लाज्मा झिल्ली को चयनात्मक पारगम्य झिल्ली भी कहते हैं।

  • प्रसरण: अधिक सघन पदार्थ से कम सघन पदार्थ की ओर प्रवाह प्रसरण कहलाता है। यह प्रवाह तब तक होता रहता है जब तक दोनों पदार्थों की सघनता समान न हो जाये। प्रसरण की दर गैसीय पदार्थों में द्रव व तरल पदार्थों की तुलना में अधिक होती है।
  • परासरण: आंशिक रूप से पारगम्य झिल्ली के सहारे उच्च जलीय सांद्रता वाले भाग से निम्न जलीय सांद्रता वाले भाग की ओर जल का प्रवाह परासरण कहलाता है।
  • एंडोसाइटोसिस: प्लाज्मा झिल्ली के सहारे कोशिका द्वारा पदार्थों का अंतर्ग्रहण एंडोसाइटोसिस कहलाता है।
  • एक्सोसाइटोसिस: इस प्रक्रिया में पुटिका झिल्ली प्लाज्मा झिल्ली से टकराकर अपने पदार्थों को आस-पास के माध्यम में निकाल देती है। इसे ‘कोशिका वमन कहते हैं।

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64वें राष्ट्रीय फिल्म (सिनेमा) पुरस्कार 2017 के विजेताओं की पूरी सूची

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64वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार 2017 के विजेताओं की सूची (List of 64th National Film Awards Winners in Hindi)

नेशनल फिल्म डेवलपमेंट कारपोरेशन ऑफ इंडिया द्वारा 07 अप्रैल 2017 को नई दिल्ली में 64वें राष्ट्रीय पुरस्कार विजेताओं की घोषणा की गई। 64वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों में अभिनेता अक्षय कुमार को फिल्‍म ‘रुस्‍तम’ के लिए सर्वश्रेष्‍ठ अभिनेता का अवार्ड मिला है। वहीं सोनम कपूर अभिनीत फिल्‍म ‘नीरजा’ को सर्वश्रेष्‍ठ हिंदी फीचर फिल्‍म का अवार्ड दिया गया है। अक्षय कुनार का ये पहला राष्ट्रीय पुरस्कार है।

इसके अलावा अजय देवगन की फिल्‍म ‘शिवाय’ को बेस्‍ट स्‍पेशल इफेक्‍ट का अवार्ड मिला है। सामाजिक मुद्दों पर बनी फिल्म पिंक को सर्वश्रेष्ठ फिल्म के लिए चुना गया। सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का पुरस्कार सुरभि को मीनामिनुंगु के लिए मिला। साल 2017 में रिलीज हुई फिल्‍म ‘दंगल’ के लिए अभिनेत्री जायरा वसीम को बेस्ट सपोर्टिंग फीमेल एक्ट्रेस का अवॉर्ड दिया गया है। इसके अलावा उत्तर प्रदेश राज्य को फिल्म फ्रेंडली स्टेट का अवॉर्ड दिया गया। झारखंड राज्‍य को स्पेशल मेंशन अवार्ड दिया गया है। 64वें नेशनल फिल्म अवॉर्ड में ज्यूरी की अध्यक्षता प्रियदर्शन ने की। प्रियदर्शन के लिए यह पहला मौका था जब वह ज्यूरी मेंबर में शामिल हुए।

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64वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार 2017 के विजेताओं की पूरी सूची इस प्रकार है:-

स्‍वर्णकमल:

  • सर्वश्रेष्‍ठ फीचर फिल्‍म: कासव (मराठी)
  • निर्देशक के रूप में सर्वश्रेष्‍ठ पहली फिल्‍म: खलीफा (बंगाली)
  • सर्वाधिक लोकप्रिय फिल्‍म: साथमनम भवति ( तेलगु)
  • सर्वश्रेष्‍ठ बाल फिल्‍म: धनक (हिंदी)
  • सर्वश्रेष्ठ निर्देशक: राजेश मापुसकर (मराठी फिल्म ‘वेंटीलेटर’ के लिए)

रजत कमल:

  • सर्वश्रेष्ठ अभिनेता: अक्षय कुमार (फिल्म ‘रुस्तम’ के लिए)
  • सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री: सुरभि लक्ष्मी (मलयालम फिल्म ‘मिन्नामिनुंगे’ के लिए)
  • सर्वश्रेष्‍ठ सह अभिनेता: मनोज जोशी
  • सर्वश्रेष्‍ठ सह अभिनेत्री: जायरा वसीम
  • सर्वश्रेष्‍ठ बाल कलाकार: मनोहारा
  • बेस्‍ट प्‍लेबैक सिंगर (मेल): सुंदर अय्यैर
  • बेस्‍ट प्‍लेबैक सिंगर (फीमेल): ईमान चक्रवर्ती
  • सर्वश्रेष्‍ठ सिनेमेटोग्राफी: तिरु
  • सर्वश्रेष्‍ठ पटकथा (मूल): श्‍याम पुष्‍पकरन
  • सर्वश्रेष्‍ठ पटकथा (प्रेरित): संजय कृष्‍णा जी पटेल
  • सामाजिक विषय पर बनी सर्वश्रेष्ठ फिल्म: ‘पिंक’
  • बेस्‍ट फिल्‍म ऑन एनवायरन्‍मेंट: द टाइगर हू क्रॉस्‍ड द लाइन
  • सर्वश्रेष्‍ठ संपादन: रामेश्‍वर एस भगत
  • सर्वश्रेष्ठ कला निर्देशन: 24
  • बेस्‍ट कॉस्‍ट्यूम डिजाइन: सचिन
  • सर्वश्रेष्ठ संगीत निर्देशन: बापू पद्मनाभ
  • सर्वश्रेष्ठ गीतकार: वैरामुथु
  • सर्वश्रेष्ठ स्पेशल इफेक्ट: निर्माता-निर्देशक तथा अभिनेता अजय देवगन की फिल्म ‘शिवाय’

क्षेत्रीय पुरस्‍कार:

  • सर्वश्रेष्ठ बंगाली फिल्‍म: बिसर्जन
  • सर्वश्रेष्ठ गुजराती फिल्‍म: रॉंग साइड राजू
  • सर्वश्रेष्ठ हिन्दी फीचर फिल्म: ‘नीरजा’
  • सर्वश्रेष्ठ कन्‍नड़ फिल्‍म: रिजर्वेशन
  • सर्वश्रेष्ठ मलयालम फिल्‍म: महेशिंते पराथिकारम
  • सर्वश्रेष्ठ तमिल फिल्‍म: जोकर
  • सर्वश्रेष्ठ मराठी फिल्‍म: दशक्रिया
  • सर्वश्रेष्ठ तेलगु फिल्‍म: पेल्‍ली चोपुलु

इन्हें भी पढे: नोबेल पुरस्कार 2016 के विजेताओं की सूची

 

और जानिये : 64वें राष्ट्रीय फिल्म (सिनेमा) पुरस्कार 2017 के विजेताओं की पूरी सूची

प्रमुख वैज्ञानिक उपकरणों (यंत्रो) के नाम और उनके उपयोग (कार्यो) की सूची

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प्रमुख वैज्ञानिक यंत्रो के नाम और उनके उपयोग (List of Major Scientific Instruments and their Uses in Hindi)

वैज्ञानिक उपकरण (यंत्र) किसे कहते है?

वैज्ञानिक उपकरण उन युक्तियों को कहते हैं जो किसी विज्ञान के कार्य को करने में सुविधा या सरलता या आसानी प्रदान करते हैं। सभ्यता के विकास के साथ पूरे विश्व में वैज्ञानिक प्रगति हो रही है। कई विकसित देशों में तो वैज्ञानिक प्रगति और आविष्कारों को लेकर आपसी प्रतिस्पर्धा की स्थिति आ गई है।

विज्ञान के क्षेत्र में कई देशों के द्वारा गहन अनुसंधान और अन्वेषण के कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। अनुसंधान के मामले में केवल सोवियत संघ वाले एशियाई देश ही नहीं बल्कि अमेरिका और यूरोपीय देशों की भागीदारी भी रही है। आइये जाने प्रमुख वैज्ञानिक यंत्र और उनके कार्यो के बारे में:-

प्रमुख वैज्ञानिक यंत्रो के नाम और उनके उपयोग की सूची:

वैज्ञानिक यंत्रो के नाम उपयोग
आल्टीमीटर यह ऊँचाई मापक यंत्र है। जिसका उपयोग विमानों में किया जाता है।
एनीमोमीटर इससे  वायु के बल तथा गति को मापा जाता है। यह वायु की दिशा भी बताता है।
ऑडियोमीटर ऑडियोमीटर यह ध्वनि की तीव्रता को मापता है
एयरोमीटर यह वायु और गैसो के घनत्व को मापने वाला यंत्र है।
ऐक्टिनोमीटर विधुत चुंबकीय विकिकरण की तीव्रता मापने का यंत्र है।
ऐक्यूमुलेटर विधुत ऊर्जा उत्पन्न करने का द्वितीयक सेल /एक बैटरी
ऐंटि- एयरक्राफ्टगन गोला मारकर हवाई जहाज को गिराने वाली तोप।
ऑडियोफोन इसे लोग सुनने में सहायता लिए कान में लगाते  है। इसे सुनने का मशीन भी कहते है।
बैरोग्राफ यह वायु मंडल के दाब में होने वाले परिवर्तन लगातार मापता रहता है और स्वतः इसका ग्राफ भी बना देता है।
बैरोमीटर  यह उपकरण वायु दाब मापने के काम आता है।
बाइनोक्यूलर  यह उपकरण दूर की वस्तुतएं देखने के काम आता है।
कैलीपर्स इसके द्वारा बेलनाकार वस्तुओ के अंदर तथा बाहर के व्यास मापे जाते है तथा इससे वस्तु की मोटाई भी मापी जाती है।
कैलोमीटर यह उपकरण तांबें का बना होता है। और ऊष्मा की मात्रा ज्ञात करने के काम में आता
कारबुरेटर इससे अन्तदर्हन पेट्रोल इंजनो में पेट्रोल तथा हवा का मिश्रण बनाया जाता है।
सिनेमैटोग्राफ  छोटी-छोटी  फिल्मो को बड़ा करके पर्दे पर लगातार क्रम में प्रक्षेपण करने के लिए इस यंत्र का प्रयोग किया जाता है।
कम्प्यूटेटर  इससे किसी परिपथ में विधुत धारा की दिशा बदली जाती है।
साइटोट्रॉन कृत्रिम मौसम उत्पन्न करने में काम आने वाला यंत्र।
डायनमोमीटर विधुत शक्ति को मापने का यंत्र।
डिक्टाफोन अपनी बात तथा आदेश दूसरे व्यक्ति को सुनाने के लिए इस यंत्र द्वारा रिकार्ड किया जाता है।
फ़ैदोमीटर यह यंत्र समुद्र की गहराई नापने के काम आता है।
गाइगर मूलर काउंटर इस उपकरण की सहायता से रेिडयो एक्टिव स्त्रोत के विकिरणकी गणना की जाती है।
ग्रैबीमीटर इस यंत्र के द्वारा पानी की सतह पर तेल की उपस्थिति ज्ञात की जाती है।
गाइरोस्कोप इस यंत्र से घूमती हुई वस्तुओ की गति ज्ञात करते है।
हाइड्रोमीटर इस उपकरण के द्वारा द्रवो का आपेक्षित घनत्व ज्ञात करते है।
हाइड्रोफोन यह पानी के अंदर ध्वनि-तरंगो की गणना करने में काम आने वाला यंत्र है।
हाइग्रोस्कोप यह वायुमंडलीय आद्रर्रता परिवर्तन दिखाने वाला यंत्र है।
कीमोग्राफ यह यंत्र रक्त चाप, हृदय-स्पंदन, आदि शारीरिक गतियों या कारको  के परिवर्तन का ग्राफ बनाता है।
लैक्टोमीटर दूध की शुद्धता जाँच करने का यंत्र। यह यंत्र दूध का आपेक्षित घनत्व मापता है। जिससे उसमे पानी की मात्रा का पता चलता है।
दाबमापी इससे गैसो का दाब ज्ञात किया जाता है।
मैकमीटर यह यंत्र वायु की गति की ध्वनि को गति के पदो में मापता है।
चुम्बकत्वमापी यह विभिन्न चुंबकीय आघुर्णो तथा चुंबकीय क्षेत्रों की तुलना करने के लिए प्रयुक्त किया जाने वाला यंत्र है।
माइक्रोफोन यह यंत्र ध्वनि तरंगो का विधुत स्पन्दानो में परिवर्तनों करता है।
ओडोमीटर इससे मोटर गाड़ी की गति को ज्ञात किया जाता है। इसे  चक्करमपि भी कहते है।
परिस्कोप इसके द्वारा जब पनडुब्बी पानी के अंदर होती है,तो पानी की सतह का अवलोकन किया जा सकता है। और उसमें बैठे लोग बिना किसी बाधा के बाहरी हलचलों को देख सकते है। दिवार के दूसरी ओर
और उसमें बैठे लोग बिना किसी बाधा के बाहरी हलचलों को देख सकते है। दिवार के दूसरी ओर (अपने कमरे में ही बैठे हुए) देखने के लिए भी इसका प्रयोग किया जाता है।
पायरोमीटर यह उच्च तापो को मापने का यंत्र है, जैसे सूर्य का ताप।
पॉलीग्राफ इस यंत्र को झूठ का पता लगाने के लिए लाई-डिटेक्टर के रूप में प्रयुक्त किया जाता है। यह यंत्र एक साथ ही कई शारीरिक क्रियाओ के परिवरतनों को रिकॉर्ड करता है
जैसे-हृदय-स्पन्दन,रक्त-चाप, श्वसन आदि।
 रडार रेडियो तरंगो द्वारा पास आते हुए वायुयान की दिशा और दुरी को ज्ञात करने के लिए इस यंत्र का प्रयोग किया जाता है  रडार वास्तव में संक्षिप्त रूप है Radio detection and Ranging का।
रेडिएटर  यह करो तथा गाड़ियों के इंजनो को ठंडा करने वाला उपकरण है।
रेडियो मीटर इस यंत्र द्वारा विकिरण ऊर्जा की तीव्रता को नापा जाता है।
सिस्मोग्राफ इस यंत्र से पृथ्वी की सतह पर आने वाले भूकम्प के झटको की तीव्रता का ग्राफ स्वतः ही चित्रित हो जाता है।
स्पेक्ट्रोमीटर इस यंत्र के माध्यम से विभिन्न प्रकार के स्पेक्ट्रोमो का अध्ध्यन किया है। तथा विभिन्न रंगो के तरंग-दैधर्य को मापा जाता है।
स्पीडोमीटर इससे मोटर गाड़ी की गति मापी जाती है।
स्फिग्मोमैनोमीटर इससे मानव की धमनियों में बहने वाले रक्त का दाब मापा जाता है।
ट्रांसफॉमर्र इसके द्वारा कम या अधिक वोल्टेज की AC को अधिक या कम वोल्टेज की AC में बदला जाता है।
टेलीमीटर दूर स्थानो पर  होने वाली भौतिक घटनाओ को रिकार्ड करने वाला और मापने वाला यंत्र।
टैकियोमीटर सर्वेक्षण के समय दूरी, उन्नयन, आदि मापने वाला यंत्र।
ट्रांसपोण्डर इस यंत्र का काम है, किसी संकेत को ग्रहण करना और उसके उत्तर को तुरंत प्रेषित करना।
अल्ट्रासोनोस्कोप यह यंत्र पाराध्वनि (अल्ट्रासोनिक साउंड ) को मापता है। और उसको प्रयुक्त करता है। इसका उपयोग मस्तिष्क के ट्यूमर का पता लगाने,हृदय के दोषो को ज्ञात करने ,
आदि के लिए इकोग्राम बनाने में  है।
वेन्चुरीमीटर द्रव के प्रवाह की दर ज्ञात करने क यंत्र।
विस्कोमीटर यह यंत्र किसी द्रव की श्यानता मापता है।

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और जानिये : प्रमुख वैज्ञानिक उपकरणों (यंत्रो) के नाम और उनके उपयोग (कार्यो) की सूची

भारत के सभी वित्त मंत्रियों के नाम, उनका कार्यकाल और राजनीतिक दल (वर्ष 1947 से अब तक)

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भारत के सभी वित्त मंत्रियों की सूची (1947-2017): (List of Finance Ministers of India in Hindi)

वित्त मंत्रालय (भारत):

वित्त मंत्रालय भारत सरकार का एक महत्वपूर्ण मंत्रालय है। सम्पूर्ण देश की अर्थव्यवस्था का संचालन वित्त मंत्रालय द्वारा ही किया जाता है। भारत का वित्त मंत्रालय विभिन्न विभागों से मिलकर बना है जिनमें: आर्थिक कार्य विभाग, व्यय विभाग, राजस्व विभाग, वित्तीय सेवाएं विभाग एवं विनिवेश विभाग इत्यादि शामिल है।

वित्त मंत्रालय के प्रमुख कार्य:

वित्त मंत्रालय कराधान, वित्तीय कानून, वित्तीय संस्थानों, पूंजी बाजार, केंद्र तथा राज्यों का वित्त और केंद्रीय बजट से जुड़े सभी मामले देखता है।

वित्त मंत्री किसे कहते है?

भारत सरकार के वित्त मंत्रालय का प्रमुख वित्त मंत्री होता है। सरकार के राजकोषीय नीति की जिम्मेदारी वित्त मंत्री पर होती है। वित्त मंत्री संसद में वार्षिक केंद्रीय बजट (अनुच्छेद 112) प्रस्तुत करता है तथा वह देश की अर्थव्यवस्था का मुख्य संचालक होता है। भारत की स्वतंत्रता प्राप्ति (15 अगस्त 1947) के बाद से अब तक देश में 26 मंत्रियों ने वित्त मंत्री का पद ग्रहण किया है। सबसे ज्‍यादा बजट पेश करने का रिकॉर्ड मोरारजी देसाई के नाम है, उन्‍होंने 10 बार संसद में वार्षिक केंद्रीय बजट पेश किए हैं। इनमे 8 पूरे और 2 अं‍तरिम बजट है। उनके बाद पी. चिदंबरम का नाम आता है, जो 09 बार संसद बजट पेश कर चुके है।

भारत के वर्तमान वित्त मंत्री 2017:

भारत के वर्तमान वित्त मंत्री अरुण जेटली हैं। उन्होंने 26 मई 2014 को वित्तमंत्री के रूप में पद ग्रहण किया है, उनसे पहले पी. चिदम्बरम 31 जुलाई 2012 से 25 मई 2014 तक इस पद पर कार्यरत थे। स्वतंत्र भारत के पहले वित्त मंत्री आर. के. शंमुखम चेट्टी थे, जिन्होंने देश का पहला बजट पेश किया था। वह 15 अगस्त 1947 से 1949 तक अपने पद पर कार्यरत रहे।

वित्तीय प्रणाली किसे कहते है?

वित्तीय प्रणाली से तात्पर्य उस प्रणाली से है जो निवेशकों (Investors) और उधारकर्ताओं (Borrowers) के बीच धन के लेन-देन को सक्षम बनाती है। “वित्तीय प्रणाली” में “प्रणाली” शब्द एक जटिल समूह को संदर्भित करता है और अर्थव्यवस्था के अंदर संस्थानोंएजेंटोंप्रक्रियाओंबाजारोंलेनदेनदावों से नजदीकी रूप से जुडा होता है। वित्तीय प्रणाली के मुख्य घटक निम्नलिखित है:

भारतीय वित्तीय प्रणाली के घटक:

  • वित्तीय संस्थान
  • वित्तीय बाजार
  • मुद्रा बाज़ार
  • पूंजी बाजार
  • विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार
  • ऋण बाजार (क्रेडिट मार्केट)

इन्हें भी पढ़ें: भारत सरकार का केन्द्रीय मंत्रिमंडल 2017

भारत के वित्त मंत्रियों की सूची: (1947-2017)

वित्त मंत्री का नाम कार्यकाल राजनीतिक दल या गठबंधन
लियाकत अली खान 29 अक्टूबर 1946 से 14 अगस्त 1947 तक ऑल इंडिया मुस्लिम लीग
आर. के. शंमुखम चेट्टी 15 अगस्त 1947 से 1949 तक भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
जॉन मथाई 1949 से 1950 तक
सी. डी. देशमुख 29 मई  1950 से 1957 तक
टी. टी. कृष्णामचारी 1957 से 13 फरवरी 1958 तक
जवाहर लाल नेहरु 13 फरवरी 1958 से 13 मार्च 1958 तक
मोरारजी देसाई 13 मार्च 1958 से 29 अगस्त 1963 तक
टी. टी. कृष्णामचारी 29 अगस्त 1963 से 1965 तक
सचिन्द्र चौधरी 1965 से 13 मार्च 1967 तक
मोरारजी देसाई 13 मार्च 1967 से 16 जुलाई 1969 तक
इंदिरा गाँधी 1970 से 1971 तक
यशवंतराव चौहान 1971 से 1975 तक
चिदम्बरम सुब्रमनियम 1975 से 1977 तक
हरिभाई एम. पटेल 24 मार्च 1977 से 24 जनवरी 1979 तक जनता पार्टी
चौधरी चरण सिंह 24 जनवरी 1979 से 28 जुलाई 1979 तक
हेमवती नंदन बहुगुणा 28 जुलाई 1979 से 14 जनवरी 1980 तक जनता पार्टी (सेक्युलर)
आर. वेंकटरमण 14 जनवरी 1980 से 15 जनवरी 1982 तक भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
प्रणब मुखर्जी 15 जनवरी 1982 से 31 दिसम्बर 1984 तक
वी. पी. सिंह 31 दिसम्बर 1984 से 24 जनवरी 1987 तक
राजीव गाँधी 24 जनवरी 1987 से 25 जुलाई 1987 तक
एन. डी. तिवारी 25 जुलाई 1987 से 25 जून 1988 तक
शंकर राव चौहान 25 जून 1988 से 02 दिसम्बर 1989 तक
मधु दंडवते 02 दिसम्बर 1989 से 10 नवम्बर 1990 तक जनता दल (राष्ट्रीय मोर्चा)
यशवंत सिन्हा 10 नवम्बर 1990 से 21 जून 1991 तक समाजवादी जनता पार्टी (राष्ट्रीय मोर्चा)
मनमोहन सिंह 21 जून 1991 से 16 मई 1996 तक भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
जसवंत सिंह 16 मई 1996 से 01 जून 1996 तक भारतीय जनता पार्टी
पी. चिदम्बरम 01 जून 1996 से 21 अप्रैल 1997 तक तमिल मनिला कांग्रेस (संयुक्त मोर्चा)
आई. के. गुजराल 21 अप्रैल 1997 से 01 मई 1997 तक जनता दल (संयुक्त मोर्चा)
पी. चिदम्बरम 01 मई 1997 से 19 मार्च 1998 तक तमिल मनिला कांग्रेस (संयुक्त मोर्चा)
यशवंत सिन्हा 19 मार्च 1998 से 01 जुलाई 2002 तक भारतीय जनता पार्टी (एनडीए)
जसवंत सिंह 01 जुलाई 2002 से 22 मई 2004 तक
पी. चिदम्बरम 22 मई 2004 से 30 नवम्बर 2008 तक भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (यूपीए)
मनमोहन सिंह 30 नवम्बर 2008 से 24 जनवरी 2009 तक
प्रणब मुखर्जी 24 जनवरी 2009 से 26 जून 2012 तक
मनमोहन सिंह 26 जून 2012 से 31 जुलाई 2012 तक
पी. चिदम्बरम 31 जुलाई 2012 से 26 मई 2014 तक
अरूण जेटली 26 मई 2014 से पदस्थ भारतीय जनता पार्टी (एनडीए)

और जानिये : भारत के सभी वित्त मंत्रियों के नाम, उनका कार्यकाल और राजनीतिक दल (वर्ष 1947 से अब तक)

भारत सरकार के वर्तमान कैबिनेट मंत्रियों के नाम और उनके विभाग 2017-2018

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भारत के कैबिनेट मंत्रियों की सूची 2018: (Current Indian Cabinet Ministers 2018 in Hindi)

भारत सरकार का केन्द्रीय मंत्रिमंडल:

भारत सरकार का केन्द्रीय मंत्रिमंडल, भारत गणराज्य में कार्यकारी अधिकार का प्रयोग करता हैं। इस में वरिष्ठ मंत्री (केबिनेट मंत्री) और कनिष्ठ मंत्री (राज्य मंत्री) सम्मिलित होते हैं, जिनका नेतृत्व प्रधानमंत्री करते हैं। केंद्रीय मंत्रिमंडल नामक एक छोटी कार्यकारी निकाय, भारत में सर्वोच्च निर्णय लेने की संस्था हैं। केवल प्रधानमंत्री और कैबिनेट मंत्री ही कैबिनेट के सदस्य होते हैं। भारत में सबसे वरिष्ठ सिविल सेवक, कैबिनेट सचिव, कैबिनेट सचिवालय का नेतृत्वा करते हैं, तथा मंत्रियों की परिषद को प्रशासनिक सहायता प्रदान करते हैं। राज्य मंत्रियों को अपने काम में कैबिनेट मंत्रियों की सहायता के साथ काम सौंपा गया हैं।

भारत के केन्द्रीय मंत्रियों की श्रेणी:

भारत के मंत्रियों की तीन श्रेणियाँ हैं, जो रैंक के अवरोही क्रम इस प्रकार हैं –

  • कैबिनेट मंत्री: कैबिनेट के सदस्य; मंत्रालय का नेतृत्व करने वाले।
  • राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार): कनिष्ठ मंत्री जो कैबिनेट मंत्री को रिपोर्ट नहीं करते हैं।
  • राज्य मंत्री: कनिष्ठ मंत्री जो कैबिनेट मंत्री को रिपोर्ट करते हैं; आमतौर पर उसी मंत्रालय में एक विशेष जिम्मेदारी सौंपी जाती हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र दामोदर दास मोदी की सरकार और बीजेपी शासनकाल का तीसरा सबसे बड़ा कैबिनेट विस्तार 03 सितम्बर, 2017 को संपन्न हुआ। अब केंद्रीय मंत्रिमंडल में कुल 76 मंत्री है। जिसमें 06 महिला सदस्य है। नरेंद्र मोदी सरकार का पहला कैबिनेट विस्तार 09 नवम्बर, 2014 को हुआ और दूसरा  कैबिनेट विस्तार 05 जूलाई, 2016 को हुआ था। नीचे दी गई सूची में केन्द्रीय और राज्य मंत्रियों के नाम एवं उनके मंत्रालयों के नाम दिए गए हैं। आइये जाने भारत सरकार के केन्द्रीय मंत्रियों की सूची तथा देखे कौन से मंत्री के पास कौन-सा मंत्रालय है:-

इन्हें भी पढे: भारतीय राज्यों के वर्तमान राज्यपालों के नाम एवं उनका कार्यकाल

भारत के वर्तमान कैबिनेट मंत्रियो के नाम और उनके विभाग 2018:

मंत्री का नाम मंत्री पद
नरेंद्र दामोदर दास मोदी प्रधानमंत्री- कार्मिक, जन शिकायत और पेशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष, सभी महत्वपूर्ण नीतिगत मुद्दे व किसी अन्य मंत्री को आवंटित न किए गए अन्य सभी मंत्रालय
राजनाथ सिंह गृह मंत्री
सुषमा स्वराज विदेश मंत्री
अरुण जेटली वित्त और कॉरपोरेट मामले मंत्री
नितिन गडकरी सड़क प​रिवहन, राजमार्ग, जहाजरानी, जल संसाधन, नदी विकास, गंगा पुनेद्धार मंत्री
सुरेश प्रभु वाणिज्य व उद्योग मंत्री
निर्मला सीतारणम रक्षा मंत्री
पीयूष गोयल रेल व कोयला मंत्री
सदानंद गौड़ा सांख्यिकी व योजना क्रियान्वयन मंत्री
उमा भारती पेयजल और स्वच्छता मंत्री
रा​मविलास पासवान उपभोक्ता मामले, खाद्य व जन वितरण मंत्री
मेनका गांधी महिला व बाल कल्याण मंत्री
अनंत कुमार रसायन, उर्वरक और संसदीय कार्य मंत्री मंत्री
रवि शंकर प्रसाद कानून व न्याय, इलेक्ट्रॉनिक व सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री
जेपी नड्डा स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्री
अशोक गजपति राजू नागरिक उड्डयन मंत्री
अनंत गीते भारी उद्योग व सार्वजनिक उपकम मंत्री
हरसिमरत कौर बादल खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री
नरेंद्र सिंह तोमर ग्रामीण विकास, पंचायती राज व खनन मंत्री
चौधरी बीरेंद्र सिंह इस्पात मंत्री
जुएल उरावं जनजातीय मामले मंत्री
राधामोहन सिंह कृषि व किसान कल्याण मंत्री
थावरचंद गहलोत सामाजिक न्याय व अधिकारिता मंत्री
स्मृति ईरानी सूचना-प्रसारण व कपड़ा मंत्री
डॉ. हर्षवर्धन विज्ञान, तकनीक, वन, पर्यावरण पृथ्वी विज्ञान व जलवायु परिवर्तन मंत्री
प्रकाश जावड़ेकर मानव संसाधन विकास मंत्री, शिक्षा मंत्री
धर्मेंद्र प्रधान पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस और कौशल विकास व उद्यमिता मंत्री
मुख्तार अब्बास नकवी अल्पसंख्यक मामले मंत्री


इन्हें भी पढे: भारतीय राज्यों के वर्तमान मुख्यमंत्रियों के नाम एवं उनकी राजनीतिक पार्टी

वर्तमान  राज्य मंत्रियो के नाम और उनके विभाग (स्‍वतंत्र प्रभार) 2017:

मंत्री का नाम मंत्री पद
राव इंद्रजीत सिंह योजना, रसायन व उर्वरक मंत्री
संतोष कुमार गंगवार श्रम व रोजगार मंत्री
श्रीपद येसो नाईक आयुष मंत्री
डॉ.जितेंद्र सिंह पूर्वोत्तर विकास, पीएमओ, कार्मिक, जन शिकायत पेशन, परमाणु ऊर्जा, अंतरिक्ष मंत्री
डॉ. महेश शर्मा संस्कृति, वन, पर्यावरण व जलवायु परिवर्तन मंत्री
गिरिराज सिंह सूक्ष्य, लघु व मध्यम उपक्रम मंत्री
मनोज सिन्हा संचार व रेल राज्य मंत्री मंत्री
राज्यवर्धन सिंह राठौड़ युवा मामले, खेल व सूचना—प्रसारण मंत्री
राजकुमार सिंह ऊर्जा, नवीकरण ऊर्जा मंत्री
हरदीप सिंह पुरी शहरी विकास व आवास मंत्री
अल्फोंस कन्नंथनम पर्यटन, इलेक्ट्रॉनिक व सूचना प्रौद्योगिकीमंत्री

वर्तमान राज्य मंत्रियो के नाम और उनके विभाग 2017:

मंत्री का नाम मंत्री पद
विजय गोयल संसदीय कार्य, सांख्यिकी व योजना क्रियान्वयन मंत्री
राधाकृष्णन जी वित्त व जहाजरानी मंत्री
एसएस अहलूवालिया पेयजल व स्वच्छता मंत्री
रमेश चंदप्पा पेयजल व स्वच्छता मंत्री
रामदास अठावले सामाजिक न्याय व सशक्तीकरण मंत्री
विष्णु देव इस्पात मंत्री
रामकृपाल यादव ग्रामीण विकास मंत्री
वीरेंद्र कुमार महिला व बाल कल्याण, अल्पसंख्यक मामले मंत्री
हरिभाई पार्थीभाई चौधरी खनन व कोयला मंत्री
राजन गोहेन रेल मंत्री
वीके सिंह विदेश मंत्री
पुरुषोत्तम रुपाला कृषि, किसान कल्याण व पंचायती राज मंत्री
कृष्णपाल सामाजिक न्याय व अधिकारिता मंत्री
जसवंत सिंह सुमन भाई जनजातीय मामले मंत्री
शिव प्रताप शुक्ला वित्त मंत्री
अश्विनी कुमार चौबे स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्री
सुदर्शन भगत जनजातीय मामले मंत्री
उपेंद्र कुशवाह मानव संसाधन विकास मंत्री
किरेन रिजिजू गृह मंत्री
हंसराज गंगाराम अहीर गृह मंत्री
अनंत कुमार हेगड़े कौशल विकास व उद्यमिता मंत्री
एमजे अकबर विदेश मंत्री
साध्वी निरंजन ज्योति खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री
वाईएस चौधरी विज्ञान व प्रौद्योगिकी, पृथ्वी विज्ञान मंत्री
जयंत सिन्हा नागरिक उड्ययन मंत्री
बाबुल सुप्रियो भारी उद्योग व सार्वजनिक उपक्रम मंत्री
विजय सांपला सामाजिक न्याय व अधिकारिता मंत्री
अर्जुन राम मेघवाल संसदीय कार्य, जल संसाधन, नदी विकास व गंगा पुनरोद्धार मंत्री
अजय टम्टा कपड़ा मंत्री
कृष्णा राज कृषि व किसान कल्याण मंत्री
मनसुख एल मंडाविया सड़क परिवहन, राजमार्ग, जहाजरानी, रसायन व उर्वरक मंत्री
अनुप्रिया पटेल स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्री
सीआर चौधरी उपभोक्ता मामले, खाद्य, जन वितरण, वाणिज्य व उद्योग मंत्री
पीपी चौधरी कानून व न्याय एवं कॉरपोरेट मामले मंत्री
सुभाष रामराव भामरे रक्षा मंत्री
गजेंद्र सिंह शेखावत कृषि व किसान कल्याण मंत्री
डॉ. सत्यपाल सिंह मानव संसाधन, जल संसाधन, नदी विकास व गंगा पुनरोद्धारमंत्री

अंतिम संशोधन: 03 सितम्बर 2017

नोट: प्रिय पाठकगण यदि आपको इस पोस्ट में कंही भी कोई त्रुटि (गलती) दिखाई दे, तो कृपया कमेंट के माध्यम से हमें उस गलती से हमे अवगत कराएं, हम उसको जल्दी से जल्दी सही करने का प्रयास करेंगे।

और जानिये : भारत सरकार के वर्तमान कैबिनेट मंत्रियों के नाम और उनके विभाग 2017-2018

भारत में सबसे बड़ा,छोटा,लम्बा,ऊँचा से सम्बन्धित सामान्य ज्ञान सूची

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भारत में सर्वाधिक बड़ा, छोटा, लम्बा एवं ऊँचा: (Largest, Smallest, Highest, Tallest, Longest in India in Hindi)

भारत में सर्वाधिक बड़ा, छोटा, लम्बा एवं ऊँचा: यहां पर भारत में सर्वाधिक बड़ा, छोटा, लम्बा एवं ऊँचा की सूची दी गई हैं। सामान्यतः भारत में सर्वाधिक बड़ा, छोटा, लम्बा एवं ऊँचा से सम्बंधित प्रश्न प्रतियोगी परीक्षाओं में पूछे जाते है। यदि आप विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं जैसे: आईएएस, शिक्षक, यूपीएससी, पीसीएस, एसएससी, बैंक, एमबीए एवं अन्य सरकारी नौकरियों के लिए तैयारी कर रहे हैं, तो आपको भारत में सर्वाधिक बड़ा, छोटा, लम्बा एवं ऊँचा के बारे में अवश्य पता होना चाहिए।

आइये पढ़े भारत में सबसे बड़ा/छोटा/लम्बा/ऊँचे के बारे में:-

सबसे बड़ा,छोटा,लम्बा,ऊँचा नाम
भारत का सबसे बड़ा शहर दिल्ली (जनसंख्या के आधार पर)
भारत का सबसे बड़ा रेलवे स्टेशन प्लेटफार्म गोरखपुर रेलवे स्टेशन प्लेटफार्म (उत्तर प्रदेश)
एक ही राज्य में बहने वाली सबसे बड़ी नदी लूनी नदी
डेल्टा न बनाने वाली सबसे बड़ी नदी नर्मदा नदी
पश्चिम की ओर बहने वाली सबसे लम्बी नदी नर्मदा नदी
प्रायद्वीपीय भारत की सबसे लम्बी नदी गोदावरी
भारत की सबसे लम्बी नदी गंगा
भारत में सबसे लम्बी सहायक नदी यमुना नदी
भारत से होकर गुजरने वाली सबसे लम्बी नदी ब्रहापुत्र
मरुभूमि से होकर बहने वाली सबसे लम्बी नदी लूनी नदी
सबसे अधिक मार्ग परिवर्तन करने वाली नदी कोसी नदी
सबसे अधिक वनों वाला राज्य मध्य प्रदेश
सबसे ऊँचा झरना जोग या गरसोप्पा (कर्नाटक)
सबसे ऊँचा टी. वी. टावर पीतमपुरा (235 मी०, नई दिल्ली)
सबसे ऊँचा दरवाजा बुलंद दरवाजा (फतेहपुर सिकरी)
सबसे ऊँचा बाँध भाखड़ा बाँध (सतलज नदी)
सबसे ऊँचा हवाई पत्तन लेह पत्तन (लद्दाख)
सबसे ऊँचा हवाई मैदान चुशूल (लद्दाख)
सबसे ऊँची झील देवताल झील (गढ़वाल हिमालय)
सबसे ऊँची पर्वत चोटी काराकोरम (K2)
सबसे ऊँची मीनार कुतुबमीनार (दिल्ली)
सबसे ऊँची मूर्ति गोमतेश्वर की मूर्ति (कर्नाटक)
सबसे बड़ा अजायबघर कोलकाता अजायबघर
सबसे बड़ा कोरीडोर रामेश्वरम्
सबसे बड़ा गुफा मंदिर कैलाश मंदिर, ऐलोरा
सबसे बड़ा गुम्बज गोल गुम्बज (बीजापुर
सबसे बड़ा चर्च सेंट – कैथेड्रल (गोवा)
सबसे बड़ा चिड़ियाघर जुलोजिकल गार्डेन (कोलकाता)
सबसे बड़ा डेल्टा सुंदरवन
सबसे बड़ा तारामंडल बिड़ला प्लैनेटोरियम (कोलकाता)
सबसे बड़ा नदी द्वीप माजुली (ब्रहापुत्र नदी, असम)
सबसे बड़ा पशुओं का मेला सोनपुर (बिहार)
सबसे बड़ा रेगिस्तान थार (राजस्थान)
सबसे बड़ा लीवर पुल हावड़ा ब्रिज (कोलकाता)
सबसे बड़ी कृत्रिम झील गोविन्द सागर (भाखड़ा नांगल)
सबसे बड़ी झील वूलर झील (कश्मीर)
सबसे बड़ी मस्जिद जामा मस्जिद (दिल्ली)
भारत का सबसे लंबा पुल ढोला-सादिया ब्रह्मपुत्र पुल (असम)
सबसे लम्बा बाँध हीराकुंड बाँध (महानदी)
सबसे लम्बा रेलमार्ग कन्याकुमारी से जम्मूतवी (3, 726 किमी.)
सबसे लम्बा समुद्र तट मैरिना बीच (चेन्नई)
सबसे लम्बी तटरेखा वाला प्रायद्वीपीय राज्य आंध्र प्रदेश
सबसे लम्बी तटरेखा वाला राज्य गुजरात
सबसे लम्बी नहर इंदिरा गाँधी नहर (राजस्थान)
सबसे लम्बी सुरंग जवाहर सुरंग (जम्मू कश्मीर)
सबसे लम्बी सड़क ग्रांड ट्रंक रोड
सर्वाधिक वर्षा का स्थान मासिनराम (मेघालय)

इन्हें भी पढे: विश्व में सर्वाधिक बड़ा, छोटा, लम्बा एवं  ऊँचा

और जानिये : भारत में सबसे बड़ा,छोटा,लम्बा,ऊँचा से सम्बन्धित सामान्य ज्ञान सूची

भारत के सभी विदेश सचिवों के नाम और उनके कार्यकाल की सूची (वर्ष 1948 से अब तक)

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भारत के विदेश सचिवों की सूची (1948-2018): (List of Foreign Secretaries of India in Hindi)

विदेश सचिव किस कहते है?

भारतीय विदेश सचिव भारत के विदेशों से सम्बंध में विदेश मंत्रालय में नियुक्त के सर्वोच्च्य राजनयिक होते हैं। विदेश सचिव भारतीय विदेश सेवा के अनुभवी अफसर होते हैं जो विभिन्न देशों में राजदूत रह चुके हैं। भारतीय विदेश सेवा का एक सदस्य और एक कैरियर राजनयिक आमतौर पर इस पद पर नियुक्त किया जाता है।

भारत के वर्तमान विदेश सचिव 2018:

भारत के वर्तमान विदेश सचिव एस. जयशंकर हैं। वह 28 जनवरी 2015 से इस पद पर कार्यरत है। 01 जनवरी 2018 को 1981 बैच के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी विजय केशव गोखले को भारत का नया विदेश सचिव नियुक्त किया गया है। वह 29 जनवरी 2018 से देश के 31वें  विदेश सचिव के रूप में पदभार संभालेंगे। विजय केशव गोखले का कार्यकाल 02 साल का होगा। गोखले अक्तूबर 2013 से जनवरी 2016 तक जर्मनी में भारत के राजदूत रह चुके हैं। भारत के प्रथम विदेश सचिव के॰पी॰एस॰ मेनन थे। उन्होंने 16 अप्रैल 1948 से 21 सितम्बर 1952 तक भारत के विदेश सचिव के पद पर कार्यरत रहे थे।


इन्हें भी पढे: भारतीय राज्यों के मुख्यमंत्रियों की सूची 2018

भारत के विदेश सचिवों की सूची (1948-2018):

नाम कार्यालय अवधि विदेश मंत्री
के॰पी॰एस॰ मेनन 16 अप्रैल 1948 से 21 सितम्बर 1952 जवाहरलाल नेहरू
आर॰के॰ नेहरू 22 सितम्बर 1952 से 10 अक्टूबर 1955 जवाहरलाल नेहरू
सुबिमल दत्त 11 अक्टूबर 1955 से 17 जनवरी 1961 जवाहरलाल नेहरू
एम॰जी॰ देसाई 11 अप्रैल 1961 से 04 दिसम्बर 1963 जवाहरलाल नेहरू
वाय॰ दिनशॉ गुंडेविया 05 दिसम्बर 1963 से 18 फ़रवरी 1965 जवाहरलाल नेहरू, गुलज़ारीलाल नन्दा, लालबहादुर शास्त्री, सरदार स्वर्ण सिंह
सी॰एस॰ झा 19 फ़रवरी 1965 से 13 अगस्त 1967 सरदार स्वर्ण सिंह, एम॰सी॰ छागला
आर॰ दयाल 19 अगस्त 1967 से 06 नवम्बर 1968 इन्दिरा गांधी
त्रिलोकी नाथ कौल 07 नवम्बर 1968 से 03 दिसम्बर 1972 इन्दिरा गांधी, दिनेश सिंह, सरदार स्वर्ण सिंह
केवल सिंह 04 दिसम्बर 1972 से 31 मार्च 1976 सरदार स्वर्ण सिंह, यशवंत राव चव्हाण
जगत सिंह मेहता 01 अप्रैल 1976 से 18 नवम्बर 1979 यशवंतराव चव्हाण, अटल बिहारी वाजपेयी
आर॰डी॰ साठे 19 नवम्बर 1979 से 30 अप्रैल 1982 श्याम नन्दन प्रसाद मिश्र, पी॰ वी॰ नरसिंहराव
महाराजा कृष्ण रसगोत्रा 01 मई 1982 से 31 जनवरी 1985 पी॰ वी॰ नरसिंहराव, इन्दिरा गांधी, राजीव गांधी
रोमेश भण्डारी 01 फ़रवरी 1985 से 31 मार्च 1986 राजीव गांधी, बलि राम भगत
ए॰पी॰ वेंकटेश्वरन 01 अप्रैल 1986 से 20 जनवरी 1987 बलि राम भगत, पुंजाला शिव शंकर, नारायण दत्त तिवारी
शैलेन्द्र कुमार सिंह 16 फ़रवरी 1989 से 19 अप्रैल 1990 पी॰ वी॰ नरसिंहराव, विश्वनाथ प्रताप सिंह, इन्द्र कुमार गुजराल
मुचुकुन्द दुबे 20 अप्रैल 1990 से 30 नवम्बर 1991 इन्द्र कुमार गुजराल
ज्योतिन्द्र नाथ दीक्षित 01 दिसम्बर 1991 से 31 जनवरी 1994 माधव सिंह सोलंकी, पी॰ वी॰ नरसिंहराव, दिनेश सिंह
कृष्णन श्रीनिवासन 01 फ़रवरी 1994 से 28 फ़रवरी 1995 दिनेश सिंह, प्रणब मुखर्जी
सलमान हैदर 01 मार्च 1995 से 30 जून 1997 प्रणब मुखर्जी, सिकन्दर बख्त, इन्द्र कुमार गुजराल
के॰ रघुनाथ 01 जुलाई 1997 से 01 दिसम्बर 1999 इन्द्र कुमार गुजराल, अटल बिहारी वाजपेयी, जसवंत सिंह
ललित मानसिंह 01 दिसम्बर 1999 से 11 मार्च 2001 जसवंत सिंह
चोकिला अय्यर 12 मार्च 2001 से 29 जून 2002 जसवंत सिंह
कंवल सिब्बल 01 जुलाई 2002 से 30 नवम्बर 2003 यशवंत सिन्हा
शशांक 19 नवम्बर 2003 से 31 जुलाई 2004 यशवंत सिन्हा, नटवर सिंह
श्याम सरण 31 जुलाई 2004 से 01 सितम्बर 2006 नटवर सिंह, डॉ॰ मनमोहन सिंह
शिव शंकर मेनन 01 सितम्बर 2006 से 31 जुलाई 2009 डॉ॰ मनमोहन सिंह, प्रणब मुखर्जी, एस॰एम॰ कृष्णा
निरुपमा राव 31 जुलाई 2009 से 31 जुलाई 2011 एस॰एम॰ कृष्णा
रंजन मथाई 01 अगस्त 2011 से 01 अगस्त 2013 एस॰एम॰ कृष्णा, सलमान खुर्शीद
सुजाता सिंह 01 अगस्त 2013 से 29 जनवरी 2015 सलमान खुर्शीद, सुषमा स्वराज
एस जयशंकर 29 जनवरी 2015 से 29 जनवरी 2017 सुषमा स्वराज
विजय केशव गोखले 29 जनवरी 2018 से पदभार संभालेंगे सुषमा स्वराज

नोट: यह पोस्ट 02 जनवरी 2018 को अपडेट की गयी है।

और जानिये : भारत के सभी विदेश सचिवों के नाम और उनके कार्यकाल की सूची (वर्ष 1948 से अब तक)


भारत और दुनिया में प्रमुख विद्रोह की सूची

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Find the collective list of major historical events related to "Revolt", read what happened and where.

विद्रोह से संबंधित भारत और विश्व इतिहास की मुख्य घटनाएं/वारदात/वृत्तांत, जिन्हे जानकर आपका सामान्य ज्ञान बढ़ेगा।

भारत और विश्व इतिहास में "विद्रोह" से प्रमुख घटनाओं की सूची:

दिन/महीना/वर्षघटना/वारदात/वृत्तांत
25 फरवरी  1586अकबर के दरबारी कवि बीरबल विद्रोही यूसुफजई के साथ एक लड़ाई में मारे गये।
15 जून 1703राजकुमार ई रकोक्ज़ी ने फ्रांस में हंगरी विद्रोह शुरू किया।
28 मई 1704स्मोलेनिके की लड़ाई: कुरुक विद्रोहियों ने ऑस्ट्रियाई सेना और उसके सहयोगियों को हराया।
01 मई 1711ऑस्ट्रिया ने कैरेल - हंगेरी विद्रोह पर शांति के लिए हस्ताक्षर किया
10 फरवरी 1712हुइलीचे विद्रोह चिलए द्वीपसमूह में आरम्भ हुआ।
06 मार्च 1712न्यूयॉर्क शहर में दास विद्रोह शुरू हुआ।
07 अप्रैल 1712न्यूयॉर्क में दास विद्रोह में छह गोरे लोगों मारे गए और 21 अफ्रीकी अमेरिकी घायल हुए।
13 नवम्बर 171513 नवंबर को जेराबेट विद्रोह के दौरान शेरीफमूयर का युद्ध शुरू हुआ, युद्ध अनिर्णायक रहा लेकिन सरकारी बलों ने जैकोबेट सेना की अगुवाई में मार्च के स्कॉटिश अर्ल की अगुवाई की।
22 दिसम्बर 1715जेम्स एडवर्ड स्टुअर्ट ने स्कॉटलैंड में जैकोबेट विद्रोहियों को फिर से मिला, लेकिन उसकी सेना को उकसाने में विफल रहा।
07 मार्च 1723माउप्रचे 1723 का विद्रोह चिली में शुरू आरम्भ हुआ।
24 जनवरी 1744फिलीपींस में दगोहॉय विद्रोह जीयुसेप लैम्बरटी की हत्या के साथ शुरू हुआ।
05 दिसम्बर 1746स्पेनिश शासन के खिलाफ जेनोवा में विद्रोह किया गया।
02 जून 1763पोंटियाक का विद्रोहः अब मैकिनो सिटी, मिशिगन, चिप्पवेस ने किले मिसिलिमैकिनैक पर कब्जा कर लिया, जो कि लार्रोससे के एक खेल के साथ गैरीसन का ध्यान हटाने के बाद, किले में एक गेंद का पीछा किया था।
08 मई 1773मिस्र में, ओट्टोमैन विद्रोहियों ने विद्रोह किया, मिस्र के मल्लुक सुल्तान अली बे की हत्या कर दी।
09 फरवरी 1775ब्रिटिश संसद ने मैसाचुसेट्स कॉलोनी को राज-विद्रोही घोषित किया।
22 अगस्त 1775किंग जॉर्ज III ने खुले विद्रोह में शामिल होने के लिए कॉलोनियों की घोषणा की।
08 मार्च 1777अंडेबैक और बेरूथ के रेजिमेंट, ऑक्सेंफर्ट शहर में अमेरिकी क्रांतिकारी युद्ध में विद्रोह में ग्रेट ब्रिटेन का समर्थन करने के लिए भेजा गया था।
04 फरवरी 1787शेश 'मैसाचुसेट्स के विद्रोह में विफल हुआ।
16 अप्रैल 1797ब्रिटिश रॉयल नेवी में स्पिटहेड और नॉर्थ विद्रोह शुरू हुआ।
22 अगस्त 1798आयरिश विद्रोह की सहायता के लिए फ्रांसीसी सैनिकों काउंटी मायो में किल्कमुमिन में स्थित किया गया।
12 अक्टूबर 1798फ्रांस के कब्जे वाले बोएरेनक्रिज के खिलाफ फ्लेमिश विद्रोह आरम्भ हुआ।
20 सितम्बर 1803आयरिश विद्रोही रॉबर्ट एम्मेट को निष्पादित किया गया।
01 जनवरी 1804हैती ने फ्रांस से स्वतंत्रता प्राप्त की और पहले काले गणराज्य बन गए, जिसने एकमात्र सफल दास विद्रोह किया।
10 जुलाई 1806वेल्लोर विद्रोह, ईस्ट इंडिया कंपनी के खिलाफ भारतीय सिपाहियों द्वारा किया गया पहला विद्रोह था।
20 फरवरी 1810टाइरोलियन विद्रोही नेता एंड्रियास हॉफर को निष्पादित किया गया।
22 जनवरी 1811कास विद्रोह की शुरुआत सैन एंटोनियो, स्पेनिश टेक्सास में हुई।
11 सितम्बर 1817श्रीलंका में 1817-18 के महान विद्रोह की शुरुआत हुई।
24 अगस्त 1820एक संवैधानिक विद्रोह ओपोर्टो पुर्तगाल में समाप्त हो गया।
16 जून 1822डेनमार्क वेसी ने दक्षिण कैरोलिना में दास विद्रोह का नेतृत्व किया।
21 फरवरी 1824कैलिफोर्निया में स्पैनिश उपस्थिति के खिलाफ 1824 का च्माश विद्रोह शुरू हुआ।

और जानिये : भारत और दुनिया में प्रमुख विद्रोह की सूची

राजस्थान के इतिहास में हुए प्रमुख युद्धों के नाम, कब और किसके बीच हुए

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राजस्थान के प्रमुख युद्धों के नाम, कब और किसके बीच हुए (Important Battles of Rajasthan History in Hindi)

यहां पर आपको राजस्थान के इतिहास में हुए प्रमुख युद्धों के नाम, किस वर्ष में हुए, किस-किस के बीच हुए व उसके परिणाम के बारे में सामान्य अध्यन्न की महत्वपूर्ण जानकारी दे रहे है। राजस्थान राज्य की प्रतियोगी परीक्षाओं में प्रमुख युद्धों के नाम, कब और किसके बीच हुए तथा उसके परिणाम के आधार पर प्रश्न पूछे जाते है। यह पोस्ट अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं जैसे:- एसएससी, बैंक, शिक्षक, टीईटी, कैट, यूपीएससी, अन्य सरकारी परीक्षाओं की तैयारी के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। आइये जानते है राजस्थान के इतिहास में कौन-2 से प्रमुख युद्ध कब और किसके बीच हुए तथा उसके परिणाम क्या रहे:-

इन्हें भी पढे: भारतीय इतिहास के प्रमुख युद्ध कब और किसके बीच हुए

राजस्थान के इतिहास के प्रमुख युद्ध कब और किसके बीच हुए की सूची:

समय युद्ध का नाम किस-किस के बीच हुए
1178 ई. माउंट आबु का युद्ध
1191 ई. तराइन का प्रथम युद्ध मोहम्मद गोरी व पृथ्वीराज चौहान के बीच युद्ध हुआ जिसमें पृथ्वीराज चौहान की विजय हुई।
1192 ई. तराइन का द्वितीय युद्ध मोहम्मद गोरी व पृथ्वीराज चौहान के बीच युद्ध हुआ जिसमें मोहम्मद गौरी की विजय हुई।
1194 ई. चन्दावर का युद्ध मोहम्मद गोरी व पृथ्वीराज चौहान के बीच युद्ध हुआ जिसमें मोहम्मद गौरी की विजय हुई।
1301 ई. रणथम्भौर का युद्ध हम्मीर चौहान और अलाउद्दीन खिलजी के बीच युद्ध हुआ जिसमें अलाउद्दीन खिलजी की विजय हुई।
1303 ई. चित्तौड़ का युद्ध रतन सिंह व अलाउद्दीन खिलजी के बीच युद्ध हुआ जिसमें अलाउद्दीन खिलजी की विजय हुई।
1308 ई. सिवाना का युद्ध (बाड़मेर) खिलजी और सातलदेव के बीच हुआ था, जिसमें अलाउद्दीन खिलजी की विजय हुई।
1311-12 ई. जालौर का युद्ध अलाउदीन खिलजी और कान्हडदेव के बीच हुआ था, जिसमें अलाउद्दीन खिलजी की विजय हुई।
1437 ई. सारंगपुर का युद्ध महाराणा कुम्भा व महमूद खिलजी के बीच हुआ था, जिसमें महाराणा कुम्भा की विजय हुई।
1517 ई. खतौली का युद्ध(कोटा) खतौली का युद्ध इब्राहीम लोदी व राणा साँगा के बीच युद्ध हुआ जिसमें राणा सांगा की विजय हुई।
1518 ई. बाड़ी का युद्ध (धौलपुर) बाड़ी का युद्ध दिल्ली के सुल्तान राणा साँगा व मइब्राहीम लोदी के बीच युद्ध हुआ जिसमें राणा सांगा की विजय हुई।
1519 ई. गागरोन का युद्ध (झालावाड़) राणा सांगा व महमूद खिलजी II के बीच युद्ध हुआ, जिसमें राणा सांगा की विजय हुई।
फरवरी, 1527 ई. बयाना का युद्ध बयाना का युद्ध मेवाड़ के राणा सांगा व मुगल शासक बाबर के मध्य हुआ, जिसमें राणा सांगा की विजय हुई।
1527 ई. खानवा का युद्ध बाबर व राणा सांगा के बीच युद्ध हुआ जिसमें बाबर की विजय हुई।
1541 ई. पाहेबा का युद्ध राव जैतसी और मालदेव के बीच युद्ध हुआ था।
1544 ई. सामेल (जौतारण) का युद्ध मालदेव तथा शेरशाह सूरी के बीच युद्ध हुआ जिसमें शेरशाह सूरी की विजय हुई।
25 जनवरी, 1557 ई. हरमाड़ा का युद्ध हाजी खाँ और राणा उदय सिंह के बीच युद्ध हुआ जिसमें हाजी खाँ की विजय हुई।
18 जून, 1576 ई. हल्दी घाटी का युद्ध अकबर और महाराणा प्रताप के बीच युद्ध हुआ जिसमें अकबर की विजय हुई।
1578 ई. कुम्भलगढ़ का युद्ध शाहबाज खा और महाराणा प्रताप के बीच युद्ध हुआ जिसमें शाहबाज खा की विजय हुई।
1582 ई. दिबेर का युद्ध दिबेर का युद्ध 1582 ई. में हुआ था, जिसमें महाराणा प्रताप की विजय हुई थी।
1644 ई. मतीरे का युद्ध(बीकानेर) कर्णसिंह और अमर सिंह राठौर के बीच मे हुआ था, जिसमें अमर सिंह राठौर की विजय हुई।
14 मार्च, 1659 ई. दौराई का युद्ध (अजमेर के निकट) औरंगजेब व दाराशिकोह के बीच युद्ध हुआ जिसमें औरंगजेब की विजय हुई।
1715 ई. पिलसूद का युद्ध सवाई जयसिंह और मराठो के बीच युद्ध हुआ था, जिसमें सवाई जयसिंह की विजय हुई।
1732 ई. मंदसौर का युद्ध सवाई जयसिंह और मराठो के बीच युद्ध हुआ था, जिसमें सवाई जयसिंह की विजय हुई।
1735 ई. मुकंदरा का युद्ध
1747 ई. राजमहल का युद्ध इश्वरीसिंह (जयपुर) व माधोसिंह (जयपुर) दोनों भाई के बीच हुआ था, जिसमें इश्वरीसिंह की विजय हुई।
03 मार्च, 1748 ई. मानपुर का युद्ध ईश्वर सिंह व अहमदशाह अब्दाली के बीच युद्ध हुआ जिसमें ईश्वर सिंह की विजय हुई।
मार्च 1748 ई. बगरु का युद्ध ईश्वर सिंह व माधोसिंह के बीच युद्ध हुआ था, जिसमें माधोसिंह की विजय हुई।
24 अप्रैल, 1750 ई. पीपाड़ का युद्ध बख्तसिंह व रामसिंह के बीच हुआ था,  जिसमें रामसिंह की विजय हुई।
1761 ई. भटवाडा का युद्ध शत्रुशाल व माधोसिंह के बीच हुआ था,  जिसमें शत्रुशाल की विजय हुई।
फरवरी, 1768 ई. कामा का युद्ध माधोसिंह व जवाहरसिंह के बीच युद्ध हुआ जिसमें माधोसिंह की विजय हुई।
1787 ई. तुंगा का युद्ध कछवाहा सेना और मराठाओं के बीच मे हुआ था, जिसमें कछवाहा सेना की विजय हुई थी।
1803 ई. लॉसवाडी का युद्ध कर्नल टॉड और सिंधिया के बीच मे हुआ था।
1807 ई. गिंगोली का युद्ध जयपुर के महाराजा जगतसिंह द्वितीय व जोधपुर महाराजा मानसिंह राठौड़ के बीच हुआ था, जिसमें जयपुर के महाराजा जगतसिंह की विजय हुई थी। (यह युद्ध मेवाड़ महाराजा भीमसिंह की राजकुमारी कृष्णा कुमारी के विवाह के विवाद में हुआ था।)
08 सितम्बर 1857 बिथोरा (बिथौड़ा) का युद्ध (पाली) ठाकुर कुशाल सिंह और कैप्टन हीथकोट के मध्य हुआ था, जिसमें ठाकुर कुशाल सिंह की विजय हुई थी।
08 सितम्बर 1857 चेलावास का युद्ध ठाकुर कुशाल सिंह व ए. जी. जी. जार्ज पैट्रिक लारेन्स के मध्य हुआ था, जिसमें ठाकुर कुशाल सिंह की विजय हुई थी।

और जानिये : राजस्थान के इतिहास में हुए प्रमुख युद्धों के नाम, कब और किसके बीच हुए

प्राचीन भारतीय इतिहास के प्रमुख राजवंश, राजधानी और उनके संस्थापक

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प्राचीन भारत के प्रमुख राजवंश, राजधानी और संस्थापक: (Major Dynasty Capitals & founders of Indian History in Hindi)

प्राचीन भारतीय इतिहास बहुत व्यापक है जो कई राजवंशों के उत्थान और पतन का गवाह रहा है। प्राचीन काल में भारत पर कई राजवंशों ने शासन किया था, जिनमें प्रमुख राजवंश हर्यक वंश, नंद राजवंश, मौर्य राजवंश, पांड्य राजवंश, गुप्त वंश, कुषाण वंश, चोल राजवंश, पल्लव राजवंश, चालुक्य राजवंश आदि थे, जिन्होंने लम्बे समय तक भारत की धरती पर शासन किया था। यहाँ पर हम प्राचीन भारतीय इतिहास में प्रमुख राजवंश, राजधानी और उनके संस्थापक के बारे में संक्षिप्त सामान्य जानकारी दे रहे हैं, जो एसएससी, यूपीएससी, रेलवे, पीएसएस, बैंक, शिक्षक, टीईटी और कैट जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों के लिए बहुत ही उपयोगी है।

इन्हें भी पढे: भारतीय इतिहास के गवर्नर-जनरल एवं वायसराय की सूची

प्राचीन भारतीय इतिहास के प्रमुख राजवंश, राजधानी और उनके संस्थापक की सूची:

राजवंश संस्थापक राजधानी
हर्यक वंश बिम्बिसार राजगृह, पाटलिपुत्र
शिशुनाग वंश शिशुनाग वैशाली
नंद वंश महापदम् नन्द पाटलिपुत्र
मौर्य वंश चन्द्रगुप्त मौर्य पाटलिपुत्र
शुंग वंश पुष्यमित्र शुंग पाटलिपुत्र
कण्व वंश वसुदेव पाटलिपुत्र
सातवाहन वंश सिमुक प्रतिष्ठान
कुषाण वंश कडफिसस प्रथम पेशावर ( पुरुषपुर )
गुप्त वंश श्री गुप्त पाटलिपुत्र
हूण वंश तोरमाण शाकल ( स्यालकोट )
पुष्यभूति वंश नरवर्धन थानेश्वर, कन्नौज
पल्लव वंश सिंहवर्मन चतुर्थ कांचीपुरम्
चालुक्य वंश जयसिंह वातापी/कल्याणी
चालुक्य वंश तैलव द्वितीय मान्यखेत/कल्याणी
चालुक्य वंश विष्णुवर्धन वेंगी
राष्ट्रकूट वंश दन्तिदूर्ग मान्यखेत
पाल वंश गोपाल मुंगेर
गुर्जन – प्रतिहार नागभट्ट प्रथम मालवा
सेन वंश सामन्त सेन नदिया
गहड़वाल वंश चन्द्रदेव कन्नौज
चौहान वंश वासुदेव अजमेर
चन्देल वंश नन्नुक खजुराहो
गंग वंश वज्रहस्त वर्मन पुरी
उत्पल वंश अवन्ति वर्मन कश्मीर
परमार वंश उपेन्द्रराज धारानगरी
सोलंकी वंश मूलराज प्रथम अन्हिलवाड़
कलचुरी वंश कोकल्ल त्रिपुरी
चोल वंश विजयालय तंजावुर

और जानिये : प्राचीन भारतीय इतिहास के प्रमुख राजवंश, राजधानी और उनके संस्थापक

भारत के राष्ट्रीय एवं क्षेत्रीय राजनीतिक दलों के नाम तथा स्थापना वर्ष

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भारत के राष्ट्रीय एवं क्षेत्रीय राजनीतिक दलों के नाम तथा स्थापना वर्ष: (Leading National and Regional Political Parties of India in Hindi)

भारत में बहुदलीय प्रणाली बहु-दलीय पार्टी व्यवस्था है जिसमें छोटे क्षेत्रीय दल अधिक प्रबल हैं। राष्ट्रीय पार्टियां वे हैं जो चार या अधिक राज्यों में मान्यता प्राप्त हैं। उन्हें यह अधिकार भारत के चुनाव आयोग द्वारा दिया जाता है, जो विभिन्न राज्यों में समय समय पर चुनाव परिणामों की समीक्षा करता है। इस मान्यता की सहायता से राजनीतिक दल कुछ पहचानों पर अपनी स्थिति की अगली समीक्षा तक विशिष्ट स्वामित्व का दावा कर सकते हैं जैसे की पार्टी चिन्ह।

भारतीय संविधान के अनुसार भारत में संघीय व्यवस्था है जिस में नयी दिल्ली में केन्द्र सरकार तथा विभिन्न राज्यों व केन्द्र शासित राज्यों के लिए राज्य सरकार है। इसीलिए, भारत में राष्ट्रीय व राज्य (क्षेत्रीय), राजनीतिक दलों का वर्गीकरण उनके क्षेत्र में उनके प्रभाव के अनुसार किया जाता है।

राजनीतिक दलों का पंजीकरण कौन करता है?

राजनीतिक दलों का पंजीकरण निर्वाचन आयोग द्वारा किया जाता है और पंजीकृत राजनीतिक दलों, चाहे राष्ट्रीय स्तर के हों या राज्य-स्तर के हों, को आरक्षित चुनाव चिह्न आबंटित किया जाता है। 1952 में निर्वाचन आयोग द्वारा 14 दलों को राष्ट्रीय दल के रूप में तथा 60 दलों को राज्य स्तरीय दल के रूप में मान्यता दी गयी थी। 30 सिंतबर, 2000 को निर्वाचन आयोग द्वारा मार्क्सवादी कम्युनिष्ट पार्टी, जनता दल (यूनाइटेड) और जनता दल (सेकुलर) का राष्ट्रीय राजनीतिक दल का दर्जा समाप्त करने के निर्णय के कारण यह संख्या घटकर क्रमश: 4 और 48 हो गयी। बाद में 1 दिसम्बर, 2000 को निर्वाचन आयोग द्वारा चुनाव चिह्न (आरक्षण एवं आवंटन), 1968 में संशोधन की घोषण करते हुए मार्क्सवादी कम्युनिष्ट पार्टी को राष्ट्रीय दल की मान्यता प्रदान कर दी। इस प्रकार वर्तमान में राष्ट्रीय राजनीतिक दलों की संख्या बढ़कर 5 और राज्य स्तरीय राजनीतिक दल की संख्या 47 हो गई है। इनके अतिरिक्त भारत में पंजीकृत लेकिन गैर-मान्यता प्राप्त 612 राजनीतिक दल हैं।

 

निर्वाचन आयोग द्वारा राजनीतिक दलों को मान्यता कैसे प्रदान होती है?

राजनीतिक दलों को मान्यता निर्वाचन आयोग द्वारा इसके लिए घोषित “निर्वाचन प्रतीक (आरक्षण और आबंटन) आदेश, 1968 के अधीन बनाये गये नियमों के अनुसार प्रदान की जाती है। जो राजनीतिक दल मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल के रूप में अपना पंजीकरण कराना चाहता है वह इसके लिए आयोग के समक्ष आवेदन करता है।

राष्ट्रीय पार्टी:

एक मान्यता प्राप्त पार्टी को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा तभी प्रदान किया जा सकता है यदि वह निम्नलिखित तीन में से किसी एक शर्त को पूरा करती है:

  •  उस राजनीतिक दल को तीन अलग-अलग राज्‍यों की लोकसभा (11 सीटों) की 2 प्रतिशत सीटें प्राप्‍त हुई हों।
  • लोकसभा या विधानसभा के किसी आम चुनाव में उस राजनीतिक दल को 4 राज्‍यों के कुल मतों में से 6 प्रतिशत मत प्राप्‍त हुए हों और उसने लोकसभा की 4 सीटें जीती हों।
  • किसी राजनीतिक दल को 4 या अधिक राज्‍यों में राज्‍य स्‍तरीय दल के रूप में मान्‍यता प्राप्‍त हो।

भारत के सभी राष्ट्रीय पार्टियों की सूची:

राजनीतिक दल का नाम गठन/स्थापना कब हुई
भारतीय जनता पार्टी (BJP) 1980
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC) 1885
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (CPM) 1964
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI) 1925
बहुजन समाज पार्टी (BSP) 1984
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) 1999

क्षेत्रीय पार्टी:

किसी राजनीतिक दल को किसी राज्‍य में मान्‍यता प्राप्‍त राजनीतिक दल तभी माना जाएगा यदि वह निम्‍नलिखित में से कोई एक शर्त पूरी करता हो:-

  • किसी आम चुनाव में या विधानसभा चुनाव में उस दल ने राज्‍य विधानसभा की 3 प्रतिशत सीटों (कम से कम तीन सीटों) पर चुनाव जीता हो।
  • लोकसभा या विधानसभा के किसी आम चुनाव में उस राजनीतिक दल ने उस राज्‍य के हिस्‍से की प्रति 25 लोकसभा सीटों पर एक लोकसभा सीट जीती हो।
  • लोकसभा या विधानसभा के किसी आम चुनाव में किसी राज्‍य में उस राजनीतिक दल को कम से कम 6 प्रतिशत मत प्राप्‍त हुए हों। इसके अलावा उस दल ने उस राज्‍य से एक लोकसभा सीट या 2 विधानसभा सीटों पर चुनाव जीता हो।
  • लोकसभा या विधानसभा के किसी आम चुनाव में उस राजनीतिक दल को उस राज्‍य में 8 प्रतिशत मत मिले हों।

भारत में क्षेत्रीय पार्टियों की सूची:

राजनीतिक दल का नाम गठन/स्थापना कब हुई राज्य/केन्द्रशासित प्रदेश
आम आदमी पार्टी (AAP) 2012 दिल्ली, पंजाब
ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (AIADMK) 1972 पुदुचेरी, तमिलनाडु
ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक (AIFB) 1939 पश्चिम बंगाल
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) 1927 तेलंगाना
ऑल इंडिया एन. आर. कांग्रेस (AINRC) 2011 पुदुचेरी
ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (AIUDF) 2004 असम
ऑल झारखण्ड स्टूडेंट यूनियन (AJSU) 1986 झारखण्ड
असम गण परिषद (AGP) 1985 असम
बीजू जनता दल (BJD) 1997 ओडिशा
बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट (BPF) 1985 असम
देसिया मुरपोक्कु द्रविड़ कड़गम (DMDK) 2005 तमिलनाडु
द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (DMK) 1949 पुदुचेरी, तमिलनाडु
हरियाणा जनहित कांग्रेस (बीएल) (HJC(BL)) 2007 हरियाणा
हिल स्टेट पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (HSPDP) 1968 मेघालय
इन्डियन नेशनल लोक दल (INLD) 1999 हरियाणा
इन्डियन नेशनल मुस्लिम लीग (IUML) 1948 केरल
जम्मू-कश्मीर नेशनल कान्फ्रेंस (JKNC) 1932 जम्मू-कश्मीर
जम्मू-कश्मीर नेशनल पेंथर्स पार्टी (JKNPP) 1982 जम्मू-कश्मीर
जम्मू-कश्मीर पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (JKPDP) 1998 जम्मू-कश्मीर
जनता दल (सेक्युलर) (JD(S)) 1999 कर्नाटक, केरल
जनता दल (यूनाइटेड) (JD(U)) 1999 बिहार
झारखण्ड मुक्ति मोर्चा (JMM) 1972 झारखण्ड
झारखण्ड विकास मोर्चा (प्रजातांत्रिक) (JVM(P)) 2006 झारखण्ड
केरल कांग्रेस (एम) (KC(M)) 1979 केरल
लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) 2000 बिहार
महाराष्ट नवनिर्माण सेना (MNS) 2006 महाराष्ट्र
महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी (MGP) 1963 गोवा
मणिपुर स्टेट कांग्रेस पार्टी (MSCP) 1997 मणिपुर
मिजो नेशनल फ्रंट (MNF) 1959 मिजोरम
मिजोरम पीपुल्स कांफ्रेंस (MPC) 1972 मिजोरम
नागा पीपुल्स फ्रंट (NPF) 2002 मणिपुर, नागालैंड
नेशनल पीपुल्स पार्टी (NPP) 2013 मेघालय
पट्टाली मक्कल काची (PMK) 1989 पुदुचेरी, तमिलनाडु
अरुणाचल पीपुल्स पार्टी (PPA) 1987 अरुणाचल प्रदेश
राष्ट्रीय जनता दल (RJD) 1997 बिहार, झारखण्ड
राष्ट्रीय लोक दल (RLD) 1996 उत्तर प्रदेश
राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (RLSP) 2013 बिहार
रिवोल्यूशनरी सोशिलिस्ट पार्टी (RSP) 1940 केरल, पश्चिम बंगाल
समाजवादी पार्टी (SP) 1992 उत्तर प्रदेश
शिरोमणि अकाली दल (SAD) 1920 पंजाब
शिव सेना (SS) 1966 महाराष्ट्र
सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट (SDF) 1993 सिक्किम
सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा (SKM) 2013 सिक्किम
तेलंगाना राष्ट्र समिति (TRS) 2001 तेलंगाना
तेलगू देशम पार्टी (TDP) 1982 आंध्र प्रदेश, तेलंगाना
यूनाइटेड डेमोक्रेटिक पार्टी (UDP) 1972 मेघालय
वाईएसआर कांग्रेस पार्टी (YSRCP) 2011 आंध्र प्रदेश, तेलंगाना
समाजवादी जनता पार्टी (राष्ट्रीय) (SJP) 1990 उत्तर प्रदेश

इन्हें भी पढे: भारत के प्रमुख राजनीतिक दल एवं चुनाव चिन्ह

भारतीय राजनीति में कई पार्टियों के मौजूद होने से राजनीतिक अस्थिरता को बढ़ावा मिलता है क्योंकि कई पार्टियों के चुनाव लड़ने से मतदाता असमंजश की स्थिति में आ जाता है। इस कारण किसी भी पार्टी को पूर्ण बहुमत नही मिल पाता है और गठबंधन की सरकार बनती है जिससे सरकार कमजोर होती है और उसमे कड़े फैंसले लेने की ताकत नही होती है। इस तरह के माहौल में सही लोकतंत्र की स्थापना नही हो पाती है।

और जानिये : भारत के राष्ट्रीय एवं क्षेत्रीय राजनीतिक दलों के नाम तथा स्थापना वर्ष

भारत के सभी गृह मंत्रियों के नाम, उनका कार्यकाल और राजनीतिक दल (वर्ष 1947 से अब तक)

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भारत के सभी गृह मंत्रियों की सूची (1947-2018): (List of Home Ministers of India in Hindi)

गृह मंत्रालय (भारत):

गृह मंत्रालय भारत सरकार के महत्वपूर्ण मंत्रालयों में से एक है। गृह मंत्रालय, राज्यों के संवैधानिक अधिकारों में दखल दिए बिना, सुरक्षा, शान्ति एवं सौहार्द बनाए रखने के लिए राज्य सरकारों को जन शक्ति एवं वित्तीय सहायता, मार्गदर्शन एवं विशेषज्ञता प्रदान करता है।

गृह मंत्रालय के विभाग:

भारत सरकार (कार्य आबंटन) नियम, 1961 के अंतर्गत गृह मंत्रालय के संघटक विभाग निम्नलिखित हैं:-

  • आन्तरिक सुरक्षा विभाग: पुलिस, कानून और व्यवस्था तथा पुनर्वास संबंधी कार्य देखता है।
  • राज्य विभाग: केन्द्र राज्य संबंधों, अंतर्राज्य संबंधों, संघ राज्य क्षेत्रों तथा स्वतंत्रता सेनानी पेंशन संबंधी मामले देखता है।
  • गृह विभाग: राष्ट्रपति और उप-राष्ट्रपति द्वारा कार्यभार ग्रहण करने संबंधी अधिसूचना, प्रधानमंत्री तथा अन्य मंत्रियों की नियुक्ति संबंधी अधिसूचना आदि का कार्य देखता है।
  • जम्मू एवं कश्मीर कार्य विभाग: जम्मू एवं कश्मीर राज्य से संबंधित सभी संवैधानिक उपबंधों तथा राज्य से संबंधित अन्य सभी मामलों को देखता है, सिवाय उन मामलों के जो विदेश मंत्रालय से संबंधित हैं।
  • सीमा प्रबंधन विभाग: तटवर्ती सीमाओं सहित सीमा प्रबंधन का कार्य देखता है।
  • राजभाषा विभाग: राजभाषा से संबंधित संविधान के उपबंधों तथा राजभाषा अधिनियम, 1963 के उपबंधों के कार्यान्वयन का कार्य देखता है।

गृह मंत्री किसे कहते है?

भारत सरकार के गृह मंत्रालय के प्रमुख को गृह मंत्री कहा जाता है। केन्द्रीय कैबिनेट के वरिष्ठतम पदों में से एक, गृह मंत्री की मुख्य जिम्मेदारी भारत की आंतरिक सुरक्षा से सम्बन्धित विषयों को देखना है।

भारत के वर्तमान गृह मंत्री 2018:

भारत के वर्तमान गृह मंत्री राजनाथ सिंह हैं। उन्होंने 26 मई 2014 को गृहमंत्री के रूप में पद ग्रहण किया है, उनसे पहले सुशील कुमार शिंदे 31 जुलाई 2012 से 25 मई 2014 तक इस पद पर कार्यरत थे। भारत के पहले गृह मंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल थे। वह 02 सितम्बर 1946 से 15 दिसम्बर 1950 तक इस पद पर कार्यरत रहे।

इन्हें भी पढ़ें: भारतीय राज्यों के मुख्यमंत्रियों की सूची 2018

भारत के गृह मंत्रियों की सूची: (1946-2018)

नाम कार्यकाल राजनीतिक दल (गठबंधन)
सरदार वल्लभभाई पटेल 02 सितम्बर 1946 15 दिसम्बर 1950 भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
सी. राजगोपालाचारी 26 दिसम्बर 1950 25 अक्टूबर 1951
कैलाश नाथ काटजू 1951 1955
गोविंद बल्लभ पंत 10 जनवरी 1955 07 मार्च 1961
लाल बहादुर शास्त्री 4 अप्रैल 1961 29 अगस्त 1963
गुलजारीलाल नंदा 29 अगस्त 1963 14 नवम्बर 1966
यशवंतराव चव्हाण 14 नवम्बर 1966 27 जून 1970
इंदिरा गांधी 27 जून 1970 04 फरवरी 1973
उमा शंकर दीक्षित 04 फरवरी 1973 1974
कासू ब्रह्मानंद रेड्डी 1974 24 मार्च 1977
चरण सिंह 24 मार्च 1977 01 जुलाई 1978 जनता दल
मोरारजी देसाई 01 जुलाई 1978 28 जुलाई 1979
यशवंतराव चव्हाण 28 जुलाई 1979 14 जनवरी 1980 जनता दल (सेक्युलर)
ज्ञानी जेल सिंह 14 जनवरी 1980 22 जून 1982 भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
आर. वेंकटरमन 22 जून 1982 02 सितम्बर 1982
प्रकाश चंद्र सेठी 02 सितम्बर 1982 19 जुलाई 1984
पी. वी. नरसिंह राव 19 जुलाई 1984 31 दिसम्बर 1984
शंकरराव चव्हाण 31 दिसम्बर 1984 12 मार्च 1986
पी. वी. नरसिंह राव 12 मार्च 1986 12 मई 1986
सरदार बूटा सिंह 12 मई 1986 02 दिसम्बर 1989
मुफ्ती मोहम्मद सईद 1989 10 नवम्बर 1990 जनता दल (राष्ट्रीय मोर्चा)
चंद्रशेखर 10 नवम्बर 1990 21 जून 1991 समाजवादी जनता पार्टी (राष्ट्रीय मोर्चा)
शंकरराव चव्हाण 21 जून 1991 16 मई 1996 भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
मुरली मनोहर जोशी 16 मई 1996 01 जून 1996 भारतीय जनता पार्टी
एच.डी. देवेगौड़ा 01 जून 1996 29 जून 1996 जनता दल (संयुक्त मोर्चा)
इंद्रजीत गुप्ता 29 जून 1996 19 मार्च 1998 भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (संयुक्त मोर्चा)
एल.के. आडवाणी 19 मार्च 1998 22 मई 2004 भारतीय जनता पार्टी (एनडीए)
शिवराज पाटिल 22 मई 2004 30 नवम्बर 2008 भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (यूपीए)
पी. चिदंबरम 30 नवम्बर 2008 31 जुलाई 2012
सुशील कुमार शिंदे 31 जुलाई 2012 26 मई 2014
राजनाथ सिंह 26 मई 2014 पदस्थ भारतीय जनता पार्टी (एनडीए)

और जानिये : भारत के सभी गृह मंत्रियों के नाम, उनका कार्यकाल और राजनीतिक दल (वर्ष 1947 से अब तक)

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