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भारत के विभिन्न राज्यों में निवास करने वाली प्रमुख जनजातियों की सूची

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भारत के आदिम आदिवासियों की राज्यवार सूची | List of Major tribes of India in Hindi

भारत के आदिम आदिवासियों की राज्यवार सूची: (List of major tribes of India in Hindi)

भारत में जनजातीय समुदाय के लोगों की काफी बड़ी संख्या है और देश में 50 से भी अधिक प्रमुख जनजातीय समुदाय हैं। देश में रहने वाले जनजातीय समुदाय के लोग नेग्रीटो, ऑस्ट्रेलॉयड और मंगोलॉयड प्रजातियों से सम्बद्ध हैं।

भारत सरकार अनुसूचित जनजातियों के कल्याण के लिए प्रयासरत है जो कि देश की आबादी का 08 प्रतिशत हिस्सा हैं। इनमें से 18 लाख आदिम जनजाति समूह के हैं।

दसवीं पंचवर्षीय योजना और 2006-07 की वार्षिक योजना का उद्देश्य अनुसूचित जनजाति के सामाजिक, आर्थिक सशक्तीकरण और सामाजिक न्याय की त्रिस्तरीय व्यवस्था द्वारा इन्हें मजबूत बनाना है। दसवीं योजना के तहत 5,754 करोड़ रुपए योजना के लिए स्वीकृत किए गए जबकि 2006-07 की अवधि के लिए 1,760.19 करोड़ रुपए प्रस्तावित किए गए हैं।

पांचवी पंचवर्षीय योजना के दौरान अपनाई गई जनजातीय उपयोजना का विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से केंद्र के साथ-साथ राज्य सरकारें भी अनुपालन कर रही हैं। जनजातीय उपयोजना को दी जा रही विशेष केंद्रीय सहायता के अतिरिक्त जनजातीय कल्याण और विकास के लिए चलाई जा रही विशेष योजनाओं के लिए राज्य सरकारों को अनुदान भी प्रदान किया जाता है।

राष्ट्रीय जनजाति वित्त विकास निगम की स्थापना जनजातियों के आर्थिक विकास पर ध्यान देने के लिए किया गया है। वर्ष 2006-07 की अवधि के लिए इस मद में 30 करोड़ आवंटित किए गए हैं।

भारत की प्रमुख जनजातियों (आदिम आदिवासियों) की राज्यवार सूची:

भारतीय राज्य का नाम निवास करने वाली प्रमुख जनजातियां
आंध्र प्रदेश चेन्चू, कोचा, गुड़ावा, जटापा, कोंडा डोरस, कोंडा कपूर, कोंडा रेड्डी, खोंड, सुगेलिस, लम्बाडिस, येलडिस, येरुकुलास, भील, गोंड, कोलम, प्रधान, बाल्मिक।
असम व नगालैंड बोडो, डिमसा गारो, खासी, कुकी, मिजो, मिकिर, नगा, अबोर, डाफला, मिशमिस, अपतनिस, सिंधो, अंगामी।
झारखण्ड संथाल, असुर, बैगा, बन्जारा, बिरहोर, गोंड, हो, खरिया, खोंड, मुंडा, कोरवा, भूमिज, मल पहाडिय़ा, सोरिया पहाडिय़ा, बिझिया, चेरू लोहरा, उरांव, खरवार, कोल, भील।
महाराष्ट्र भील, गोंड, अगरिया, असुरा, भारिया, कोया, वर्ली, कोली, डुका बैगा, गडावास, कामर, खडिया, खोंडा, कोल, कोलम, कोर्कू, कोरबा, मुंडा, उरांव, प्रधान, बघरी।
पश्चिम बंगाल होस, कोरा, मुंडा, उरांव, भूमिज, संथाल, गेरो, लेप्चा, असुर, बैगा, बंजारा, भील, गोंड, बिरहोर, खोंड, कोरबा, लोहरा।
हिमाचल प्रदेश गद्दी, गुर्जर, लाहौल, लांबा, पंगवाला, किन्नौरी, बकरायल।
मणिपुर कुकी, अंगामी, मिजो, पुरुम, सीमा।
मेघालय खासी, जयन्तिया, गारो।
त्रिपुरा लुशाई, माग, हलम, खशिया, भूटिया, मुंडा, संथाल, भील, जमनिया, रियांग, उचाई।
जम्मू-कश्मीर गुर्जर, भरवर वाल।
गुजरात कथोड़ी, सिद्दीस, कोलघा, कोटवलिया, पाधर, टोडिय़ा, बदाली, पटेलिया।
उत्तर प्रदेश बुक्सा, थारू, माहगीर, शोर्का, खरवार, थारू, राजी, जॉनसारी।
उत्तरांचल भोटिया, जौनसारी, राजी।
केरल कडार, इरुला, मुथुवन, कनिक्कर, मलनकुरावन, मलरारायन, मलावेतन, मलायन, मन्नान, उल्लातन, यूराली, विशावन, अर्नादन, कहुर्नाकन, कोरागा, कोटा, कुरियियान,कुरुमान, पनियां, पुलायन, मल्लार, कुरुम्बा।
छत्तीसगढ़ कोरकू, भील, बैगा, गोंड, अगरिया, भारिया, कोरबा, कोल, उरांव, प्रधान, नगेशिया, हल्वा, भतरा, माडिया, सहरिया, कमार, कंवर।
तमिलनाडु टोडा, कडार, इकला, कोटा, अडयान, अरनदान, कुट्टनायक, कोराग, कुरिचियान, मासेर, कुरुम्बा, कुरुमान, मुथुवान, पनियां, थुलया, मलयाली, इरावल्लन, कनिक्कर,मन्नान, उरासिल, विशावन, ईरुला।
कर्नाटक गौडालू, हक्की, पिक्की, इरुगा, जेनु, कुरुव, मलाईकुड, भील, गोंड, टोडा, वर्ली, चेन्चू, कोया, अनार्दन, येरवा, होलेया, कोरमा।
उड़ीसा बैगा, बंजारा, बड़होर, चेंचू, गड़ाबा, गोंड, होस, जटायु, जुआंग, खरिया, कोल, खोंड, कोया, उरांव, संथाल, सओरा, मुन्डुप्पतू।
पंजाब गद्दी, स्वागंला, भोट।
राजस्थान मीणा, भील, गरसिया, सहरिया, सांसी, दमोर, मेव, रावत, मेरात, कोली।
अंडमान-निकोबार द्वीप समूह औंगी आरबा, उत्तरी सेन्टीनली, अंडमानी, निकोबारी, शोपन।
अरुणाचल प्रदेश अबोर, अक्का, अपटामिस, बर्मास, डफला, गालोंग, गोम्बा, काम्पती, खोभा मिसमी, सिगंपो, सिरडुकपेन।
सिक्किम लेपचा
बिहार बैंगा, बंजारा, मुण्डा, भुइया, खोंड
मध्य प्रदेश भील, मिहाल, बिरहोर, गडावां, कमार, नट

यह भी पढ़े: भारतीय राज्य और उनकी भाषाएँ

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प्रमुख रोग एवं उससे प्रभावित फसलो के नाम की सूची

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प्रमुख रोग एवं उससे प्रभावित फसल | Name of Diseases and affected crops in Hindi

फसलो को हानि पहुँचाने वाले रोगों के नाम: (Name of Diseases and affected crops in Hindi)

पादप रोग विज्ञान या फायटोपैथोलोजी (Phytopathology) शब्द की उत्पत्ति ग्रीक के तीन शब्दों जैसे पादप, रोग व ज्ञान से हुई है, जिसका शाब्दिक अर्थ है “पादप रोगों का ज्ञान (अध्ययन)”। अत: पादप रोगविज्ञान, कृषि विज्ञान, वनस्पति विज्ञान या जीव विज्ञान की वह शाखा है, जिसके अन्तर्गत रोगों के लक्ष्णों, कारणों, हेतु की, रोगचक्र, रागों से हानि एवं उनके नियंत्रण का अध्ययन किया जाता हैं।

पादप रोग विज्ञान के उद्देश्य:

इस विज्ञान के निम्नलिखित प्रमुख उद्देश्य है:

  • पादप-रोगों के संबंधित जीवित, अजीवित एवं पर्यावरणीय कारणों का अध्ययन करना।
  • रोगजनकों द्वारा रोग विकास की अभिक्रिया का अध्ययन करना।
  • पौधों एवं रोगजनकों के मध्य में हुई पारस्परिक क्रियाओं का अध्ययन करना।
  • रोगों की नियंत्रण विधियों को विकसित करना जिससे पौधों में उनके द्वारा होने वाली हानि न हो या कम किया जा सके।

फसलो को हानि पहुँचाने वाले रोगों की सूची

फसल का नाम रोगों के नाम
सरसों सफेद किटट रोग
मूँगफली टिक्का रोग
आलू अंगमारी, पछेला अंगमारी
चना विल्ट रोग
आम चूर्णिल आसिता व गुच्छा शीर्ष रोग
गेहूँ भूरा रस्ट एवं किटटु रोग
धान खैरा रोग, झुलसा रोग एवं झोंका रोग
तम्बाकू मोजैक रोग
गन्ना लाल सड़न रोग
टमाटर उकठा रोग
अमरूद उकठा
सुपारी महाली अथवा कोलिरोगा रोग
अरहर उकठा
सब्जियां जडग्रन्थि व मोजेक
काफी एवं चाय किटट
धान झोंका तथा भूरा पर्णचित्ती रोग
पटसन तना विगलन
केले गुच्छ शीर्ष रोग
कपास शकाणु झुलसा, म्लानि एवं श्यामव्रण

यह भी पढ़े: विश्व की प्रमुख फसलों के नाम एवं उत्पादक देशों की सूची

और जानिये : प्रमुख रोग एवं उससे प्रभावित फसलो के नाम की सूची

ओडिशा के मुख्यमंत्रियों के नाम, कार्यकाल एवं उनकी राजनीतिक पार्टी (वर्ष 1946 से 2017)

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ओडिशा के मुख्यमंत्रियों की सूची (1946-2017 ): (List of Chief Ministers of Odisha in Hindi)

ओडिशा के मुख्यमंत्रियों की सूची (1946-2017 ): (List of Chief Ministers of Odisha in Hindi)

ओडिशा:

ओड़िशा जिसे पहले उड़ीसा के नाम से जाना जाता था, भारतीय उपमहाद्वीप के पूर्वी तट पर स्थित एक राज्य है। ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर है। ओड़िशा उत्तर में झारखंड, उत्तर पूर्व में पश्चिम बंगाल दक्षिण में आंध्र प्रदेश और पश्चिम में छत्तीसगढ से घिरा है तथा पूर्व में बंगाल की खाड़ी है।

क्षेत्रफल के अनुसार ओड़िशा भारत का नौवां और जनसंख्या के हिसाब से ग्यारहवां सबसे बड़ा राज्य है। ओड़िआ भाषा राज्य की अधिकारिक और सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है। भाषाई सर्वेक्षण के अनुसार ओड़िशा की 93.33% जनसंख्या ओड़िआ भाषी है। ओड़िशा के संबलपुर के पास स्थित हीराकुंड बांध विश्व का सबसे लंबा मिट्टी का बांध है।

ओडिशा का इतिहास:

प्राचीन काल से मध्यकाल तक ओडिशा राज्य को कलिंग, उत्कल, उत्करात, ओड्र, ओद्र, ओड्रदेश, ओड, ओड्रराष्ट्र, त्रिकलिंग, दक्षिण कोशल, कंगोद, तोषाली, छेदि तथा मत्स आदि नामों से जाना जाता था। परन्तु इनमें से कोई भी नाम सम्पूर्ण ओडिशा को इंगित नहीं करता था। अपितु यह नाम समय-समय पर ओडिशा राज्य के कुछ भाग को ही प्रस्तुत करते थे।

वर्तमान नाम ओडिशा से पूर्व इस राज्य को मध्यकाल से ‘उड़ीसा’ नाम से जाना जाता था, जिसे अधिकारिक रूप से 04 नवम्बर, 2011 को ‘ओडिशा’ नाम में परिवर्तित कर दिया गया। ओडिशा नाम की उत्पत्ति संस्कृत के शब्द ‘ओड्र’ से हुई है। इस राज्य की स्थापना भागीरथ वंश के राजा ओड ने की थी, जिन्होने अपने नाम के आधार पर नवीन ओड-वंश व ओड्र राज्य की स्थापना की। समय विचरण के साथ तीसरी सदी ई०पू० से ओड्र राज्य पर महामेघवाहन वंश, माठर वंश, नल वंश, विग्रह एवं मुदगल वंश, शैलोदभव वंश, भौमकर वंश, नंदोद्भव वंश, सोम वंश, गंग वंश व सूर्य वंश आदि सल्तनतों का आधिपत्य भी रहा। प्राचीन काल में ओडिशा राज्य का वृहद भाग कलिंग नाम से जाना जाता था।

ओड़िशा राज्य की स्थापना 01 अप्रैल 1936 को कटक के कनिका पैलेस में भारत के एक राज्य के रूप में हुई थी और इस नये राज्य के अधिकांश नागरिक ओड़िआ भाषी थे। ओड़िशा में 01 अप्रैल को उत्कल दिवस (ओड़िशा दिवस) के रूप में मनाया जाता है

ओडिशा के मुख्यमंत्री:

ओडिशा के मुख्यमंत्री पूर्वी भारतीय राज्य की ओडिशा सरकार के मुखिया होते हैं। भारतीय संविधान के अनुसार राज्यपाल, राज्य सरकार के विधिक प्रमुख होते हैं लेकिन वास्तविक अधिकार मुख्यमंत्री के पास होते हैं।

1946 से अब तक ओडिशा के 14 मुख्यमंत्री बन चुके हैं। नवीन पटनायक सबसे लम्बे समय तक राज्य के मुख्यमंत्री रहे हैं

ओडिशा के वर्तमान मुख्यमंत्री नवीन पटनायक हैं। वीरभद्र सिंह ने 21 मई 2014 को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। ओडिशा के प्रथम मुख्यमंत्री हरेकृष्ण महताब थे।

ओडिशा के प्रिमियर:

मुख्यमंत्री का नाम पदभार ग्रहण पदमुक्ति दल/राजनीतिक पार्टी
कृष्ण चन्द्र गजपति 01 अप्रैल 1937 19 जुलाई 1937 निर्दलीय
विश्वनाथ दास 19 जुलाई 1937 04 नवम्बर 1939 भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
कृष्ण चन्द्र गजपति 29 नवम्बर 1941 29 जून 1941 निर्दलीय

वर्ष 1946 से अब तक चुने गए ओडिशा के मुख्यमंत्रियों की सूची:-

मुख्यमंत्री का नाम पदभार ग्रहण पदमुक्ति दल/राजनीतिक पार्टी
हरेकृष्ण महताब 23 अप्रैल 1946 12 मई 1950 भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
नवकृष्ण चौधरी 12 मई 1950 20 फ़रवरी 1952
20 फ़रवरी 1952 19 अक्टूबर 1956
हरेकृष्ण महताब 19 अक्टूबर 1956 06 अप्रैल 1957
06 अप्रैल 1957 22 मई 1959
22 मई 1959 25 फ़रवरी 1961
राष्ट्रपति शासन (25 फ़रवरी 1961 से 23 जून 1961 तक)
बीजू पटनायक 23 जून 1961 02 अक्टूबर 1963 भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
बीरेन मित्रा 02 अक्टूबर 1963 21 फ़रवरी 1965
सदाशिव त्रिपाठी 21 फ़रवरी 1965 08 मार्च 1967
राजेंद्र नारायण सिंह देव 08 मार्च 1967 09 जनवरी 1971 स्वतंत्र पार्टी
राष्ट्रपति शासन (11 जनवरी 1971 से 03 अप्रैल 1971 तक)
विश्वनाथ दास 03 अप्रैल 1971 14 जून 1972 निर्दलीय
नंदिनी सत्पथी 14 जून 1972 03 मार्च 1973 भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
राष्ट्रपति शासन (3 मार्च 1973 से 6 मार्च 1974 तक)
नंदिनी सत्पथी 06 मार्च 1974 16 दिसम्बर 1976 भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
राष्ट्रपति शासन (16 दिसम्बर 1976 से 29 दिसम्बर 1976 तक)
बिनायक आचार्य 29 दिसम्बर 1976 30 अप्रैल 1977 भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
राष्ट्रपति शासन (30 अप्रैल 1977 से 26 जून 1977 तक)
नीलमणि राउत्रे 26 जून 1977 17 फ़रवरी 1980 जनता पार्टी
राष्ट्रपति शासन (17 फ़रवरी 1980 से 09 जून 1980 तक)
जानकी बल्लभ पटनायक 09 जून 1980 10 मार्च 1985 भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
10 मार्च 1985 07 दिसम्बर 1989
हेमानन्द बिश्वाल 07 दिसम्बर 1989 05 मार्च 1990
बीजू पटनायक 05 मार्च 1990 15 मार्च 1995 जनता दल
जानकी बल्लभ पटनायक 15 मार्च 1995 17 फ़रवरी 1999 भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
गिरिधर गमांग 17 फ़रवरी 1999 06 दिसम्बर 1999
हेमनन्द बिश्वाल 06 दिसम्बर 1999 05 मार्च 2000
नवीन पटनायक 05 मार्च 2000 16 मई 2004 बीजू जनता दल
16 मई 2004 21 मई 2009
21 मई 2009 21 मई 2014
21 मई 2014 पदस्थ


इन्हें भी पढ़े: भारतीय राज्यों के वर्तमान मुख्यमंत्री एवं उनकी राजनीतिक पार्टी

और जानिये : ओडिशा के मुख्यमंत्रियों के नाम, कार्यकाल एवं उनकी राजनीतिक पार्टी (वर्ष 1946 से 2017)

चोल राजवंश (साम्राज्य का इतिहास एवं महत्वपूर्ण तथ्यों की सूची

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चोल राजवंश का इतिहास एवं महत्वपूर्ण तथ्य- Chola Dynasty History in Hindi

चोल राजवंश का इतिहास एवं महत्वपूर्ण तथ्यों की सूची: (Chola Dynasty History and Important Facts in Hindi)

चोल राजवंश:

चोल प्राचीन भारत का एक राजवंश था। दक्षिण भारत में और पास के अन्य देशों में तमिल चोल शासकों ने 9वीं शताब्दी से 13वीं शताब्दी के बीच एक अत्यंत शक्तिशाली हिन्दू साम्राज्य का निर्माण किया।

चोल साम्राज्य का अभ्युदय 9वीं शताब्दी में हुआ और दक्षिण प्राय:द्वीप का अधिकांश भाग इसके अधिकार में था। चोल शासकों ने श्रीलंका पर भी विजय प्राप्त कर ली थी और मालदीव द्वीपों पर भी इनका अधिकार था। कुछ समय तक इनका प्रभाव कलिंग और तुंगभद्र दोआब पर भी छाया था। इनके पास शक्तिशाली नौसेना थी और ये दक्षिण पूर्वी एशिया में अपना प्रभाव क़ायम करने में सफल हो सके। चोल साम्राज्य दक्षिण भारत का निःसन्देह सबसे शक्तिशाली साम्राज्य था। अपनी प्रारम्भिक कठिनाइयों पर विजय प्राप्त करने के बाद क़रीब दो शताब्दियों तक अर्थात 12वीं ईस्वी के मध्य तक चोल शासकों ने न केवल एक स्थिर प्रशासन दिया, वरन कला और साहित्य को बहुत प्रोत्साहन दिया। कुछ इतिहासकारों का मत है कि चोल काल दक्षिण भारत का ‘स्वर्ण युग’ था।

चोल राजवंश (साम्राज्य) का इतिहास:

चोल साम्राज्य की स्थापना विजयालय ने की, जो आरम्भ में पल्लवों का एक सामंती सरदार था। उसने 850 ई. में तंजौर को अपने अधिकार में कर लिया और पाण्ड्य राज्य पर चढ़ाई कर दी। चोल 897 तक इतने शक्तिशाली हो गए थे कि, उन्होंने पल्लव शासक को हराकर उसकी हत्या कर दी और सारे टौंड मंडल पर अपना अधिकार कर लिया। इसके बाद पल्लव, इतिहास के पन्नों से विलीन हो गए, पर चोल शासकों को राष्ट्रकूटों के विरुद्ध भयानक संघर्ष करना पड़ा। राष्ट्रकूट शासक कृष्ण तृतीय ने 949 ई. में चोल सम्राट परान्तक प्रथम को पराजित किया और चोल साम्राज्य के उत्तरी क्षेत्र पर अधिकार कर लिया। इससे चोल वंश को धक्का लगा, लेकिन 965 ई. में कृष्ण तृतीय की मृत्यु और राष्ट्रकूटों के पतन के बाद वे एक बार फिर उठ खड़े हुए।

राजवंश के शासकों की सूची:

  • उरवप्पहर्रे इलन जेत चेन्नी
  • करिकाल
  • विजयालय (850 से 875 ई. तक)
  • आदित्य (चोल वंश) (875 से 907 ई. तक)
  • परान्तक प्रथम (908 से 949 ई. तक)
  • परान्तक द्वितीय (956 से 983 ई. तक)
  • राजराज प्रथम (985 से 1014 ई. तक)
  • राजेन्द्र प्रथम (1014 से 1044 ई. तक)
  • राजाधिराज (1044 से 1052 ई. तक)
  • राजेन्द्र द्वितीय (1052 से 1064 ई. तक)
  • वीर राजेन्द्र (1064 से 1070 ई. तक)
  • अधिराजेन्द्र (1070 ई. तक)
  • कुलोत्तुंग प्रथम (1070 से 1120 ई. तक)
  • विक्रम चोल (1120 से 1133 ई. तक)
  • कुलोत्तुंग द्वितीय (1133 से 1150 ई. तक)

चोल काल में लगाए जाने वाले प्रमुख कर:

आयम राजस्व कर
मरमज्जाडि वृक्ष कर
कडमै सुपारी पर कर
मनैइरै गृह कर
कढै़इरै व्यापारिक प्रतिष्ठानों पर लगने वाला कर
पेविर तेलघानी कर
किडाक्काशु नर पशुधन कर
कडिमै लगान
पाडिकावल ग्राम सुरक्षा कर
वाशल्पिरमम द्वार कर
मगन्मै व्यवसाय कर
आजीवक्काशु आजीविका पर लगने वाला कर

चोल राजवंश (9वीं से 12वीं शताब्दी तक) के बारे में महत्वपूर्ण तथ्य:

  • चोलों के विषय में प्रथम जानकारी पाणिनी कृत अष्टाध्यायी से मिलती है।
  • चोल वंश के विषय में जानकारी के अन्य स्रोत हैं – कात्यायन कृत ‘वार्तिक’, ‘महाभारत‘, ‘संगम साहित्य’, ‘पेरिप्लस ऑफ़ दी इरीथ्रियन सी’ एवं टॉलमी का उल्लेख आदि।
  • चोल राज्य आधुनिक कावेरी नदी घाटी, कोरोमण्डल, त्रिचनापली एवं तंजौर तक विस्तृत था।
  • यह क्षेत्र उसके राजा की शक्ति के अनुसार घटता-बढ़ता रहता था।
  • इस राज्य की कोई एक स्थाई राजधानी नहीं थी।
  • साक्ष्यों के आधार पर माना जाता है कि, इनकी पहली राजधानी ‘उत्तरी मनलूर’ थी।
  • कालान्तर में ‘उरैयुर’ तथा ‘तंजावुर’ चोलों की राजधानी बनी।
  • चोलों का शासकीय चिह्न बाघ था।
  • चोल राज्य ‘किल्लि’, ‘बलावन’, ‘सोग्बिदास’ तथा ‘नेनई’ जैसे नामों से भी प्रसिद्व है।
  • भिन्न-भिन्न समयों में ‘उरगपुर’ (वर्तमान ‘उरैयूर’, ‘त्रिचनापली’ के पास) ‘तंजोर’ और ‘गंगकौण्ड’, ‘चोलपुरम’ (पुहार) को राजधानी बनाकर इस पर विविध राजाओं ने शासन किया।
  • चोलमण्डल का प्राचीन इतिहास स्पष्ट रूप से ज्ञात नहीं है।
  • पल्लव वंश के राजा उस पर बहुधा आक्रमण करते रहते थे, और उसे अपने राज्य विस्तार का उपयुक्त क्षेत्र मानते थे।
  • वातापी के चालुक्य राजा भी दक्षिण दिशा में विजय यात्रा करते हुए इसे आक्रान्त करते रहे।
  • यही कारण है कि, नवीं सदी के मध्य भाग तक चोलमण्डल के इतिहास का विशेष महत्त्व नहीं है, और वहाँ कोई ऐसा प्रतापी राजा नहीं हुआ, जो कि अपने राज्य के उत्कर्ष में विशेष रूप से समर्थ हुआ हो।

इन्हें भी पढे: प्राचीन भारत के प्रमुख राजवंश और संस्थापक

और जानिये : चोल राजवंश (साम्राज्य का इतिहास एवं महत्वपूर्ण तथ्यों की सूची

विश्व में प्रथम प्रसिद्ध महिलाओं के नाम और उनकी उपलब्धियॉ (विभिन्न क्षेत्रों में)

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विश्व में प्रथम महिला, 105 विश्व में प्रथम महिलाएँ और उपलब्धियॉ

विश्व में प्रथम महिलाओं के नाम और उनकी उपलब्धियॉ: (List of First Woman in World in Hindi)

यहां विश्व में प्रथम प्रसिद्ध महिलाओं के नाम और उनकी उपलब्धियों की सूची दी गयी है,जिन्होंने विश्व में सबसे पहले अपना प्रभुत्व स्थापित किया है। विश्व की महिलाओं ने संसार के विभिन्न क्षेत्रों में जैसे:- इतिहास, समाजशास्त्र, साहित्य, खेल, राजनीति, पुरस्कार और सम्मान, मनोरंजन, क्षेत्रों में अपना बहुमूल्य योगदान दिया है। विश्व में प्रथम महिलाओं के आधार पर हर परीक्षा में कुछ प्रश्न अवश्य पूछे जाते है, इसलिए यह आपकी सभी प्रकार की परीक्षा की तैयारी के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। आइये जाने ऐसी ही विश्व में प्रथम 108 प्रसिद्ध महिलाओं के नाम और उनकी उपलब्धियों के बारे में:-

इन्हें भी पढे: भारत में प्रथम महिलाओं की सूची


विश्व में प्रथम प्रसिद्ध महिलाओं के नाम और उनकी उपलब्धियों की सूची: (विभिन्न क्षेत्रों में)
उपलब्धि महिलाओं का नाम
“द लीडरशिप कांफ्रेंस ऑन सिविल एंड ह्यूमन राइट्स” की पहली महिला अध्यक्ष (प्रेसिडेंट) वनिता गुप्ता (मार्च, 2017)
लगातार 4 वनडे मैचों में शतक लगाने वाली पहली महिला क्रिकेटर एमी सैटरथ्वेट, न्यूजीलैंड (26 फरवरी, 2017)
आस्ट्रेलिया के उच्च न्यायालय की प्रथम महिला मुख्य न्यायाधीश सुजैन केफेल (31 जनवरी, 2017)
अंटार्कटिका महाद्वीप पर पहुँचने वाली प्रथम महिला कैरोलिन मिकल्सन
अंतरिक्ष में जाने वाली प्रथम अध्यापिका शेरीन क्रिस्टा मेकोलिन मिकल्सन
अंतरिक्ष में जाने वाली प्रथम महिला बेलेन्टिना तेरेश्कोवा (रूस)
अंतरिक्ष में विचरण करने वाली प्रथम महिला श्वेतलाना सेवित्स्काया
अन्तर्राष्ट्रीय न्यायालय की प्रथम महिला न्यायाधीश रोजालीन हिग्गिन्स (ब्रिटेन)
अन्तर्राष्ट्रीय फुटबाल प्रतियोगिताओं हेतु नियुक्त की गई पहली महिला रेफरी लिंडा ब्लेक
अमरीकन थियेटर की प्रथम कही जाने वाली महिला हेलेन हेज
अमरीका की प्रथम महिला पायलट कैली फ्लिन
अमरीकी अंतरिक्ष शटल की प्रथम महिला पायलट इलिन कोलिंस (अमरीका)
अमरीकी प्रतिनिधि सभा की पहली महिला स्पीकर नैंसी पैलोसी (जनवरी 2007)
अर्जेन्टीना की प्रथम निर्वाचित महिला राष्ट्रपति क्रिस्टीना फर्नांडिस डि किर्चनर (अक्टूबर 2007)
आइसलैण्ड की प्रथम महिला राष्ट्रपति विगडिस फिन्नबोगाडोटिर (1980)
आयरलैण्ड की दूसरी महिला राष्ट्रपति मैरी मक्वेलीज (1997)
आयरलैण्ड की प्रथम महिला राष्ट्रपति मैरी रॉबिसन (1990)
इंगलिश चैनल को तैरकर पार करने वाली प्रथम महिला तैराक गैरट्रयूड एडरली
इंगलैंड की प्रथम महिला प्रधानमंत्री मार्गरेट व्ल्डि थैचर (1979)
इंगलैण्ड के चर्च ऑफ इंगलैण्ड की प्रथम पादरी महिला एंजोला बजर्स विलसन
इंग्लैंड की प्रथम महिला प्रधानमंत्री मार्गेट थैचर
इक्वेडोर की प्रथम महिला राष्ट्रपति रोसालिया अर्टेगा (1997)
इजराइल की प्रथम महिला प्रधानमंत्री श्रीमती गोल्डा मेयर (1969)
इतिहास में पहली बार विश्व का प्रथम मिस अमरीका बधिर सुन्दरी हीदर ह्नाइटस्टोन
उत्तरी ध्रुव पर पहुँचने वाली प्रथम महिला मिस फ्रान फिप्स
उत्तरी ध्रुव विजेता प्रथम अमरीकी महिला एन. बैंक्राफ
एपिस्कोयल चर्च द्वारा अमरीका में नियुक्त प्रथम महिला विशप रेवरेंड मैरी एडेलियर
एवरेस्ट पर चढ़ने वाली प्रथम महिला जुंको तेबई (जापान)
एवरेस्ट शिखर पार चार बार पहुँचने वाली प्रथम महिला लाकपा शेरपा
एशिया की प्रथम महिला जिसे विलियम्स फुलब्राइट पुरस्कार दिया गया कोरजोन एक्विनो (फिलीपींस)
ओलम्पिक खेल में स्वर्ण पदक जीतने वाली प्रथम महिला खिलाड़ी मारग्रेट एबोट (अमरीका)
कनाडा की प्रथम महिला प्रधानमंत्री किम कैम्पबेल (1993)
किसी अफ्रीका देश एवं लाइबेरिया में पहली निर्वाचित महिला राष्ट्रपति एलेन जॉनसन सिरलीफ (लाइबेरिया, 16 जनवरी, 2006)
किसी मुस्लिम देश की प्रथम महिला प्रधानमंत्री बेनजीर भुटटो (पाकिस्तान)
गट निरपेक्ष आन्दोलन की प्रथम महिला अध्यक्ष एस. भण्डारनायके (श्रीलंका)
गुआन की प्रथम महिला प्रधानमंत्री जैनेट जैगेन (1997)
चिली की प्रथम महिला राष्ट्रपति मिशेल बचेलेट (जनवरी 2006)
जर्मनी की पहली महिला चांसलर एंजेला मर्केल (22 नवम्बर, 2005)
जापान की निम्न प्रतिनिधि सभा की प्रथम महिला अध्यक्ष तकाको दोई
जापान की प्रथम महिला अंतरिक्ष यात्री चियकी मुकाई
टर्की की प्रथम महिला प्रधानमंत्री तांसु सिलर (1993)
डेनमार्क की राज्याध्यक्ष महारानी (क्वीन) मारग्रेट द्वितीय
डोमिनिका की प्रथम महिला प्रधानमंत्री मैरी यूजीनिया चार्ल्स (1980)
ताइवान की पहली महिला राष्ट्रपति साई इंग वेन
दकोरिया की पहली महिला प्रधानमंत्री हैन म्यून-सुक (अप्रैल 2006)
दक्षिण कोरिया की प्रथम महिला प्रधानमंत्री चांग सांग
दक्षिणी ध्रुव पर दिन में किमी की अकेले यात्रा करने वाली प्रथम महिला लिव अर्नेसन (नॉर्वे)
निकारागुआ की प्रथम महिला राष्ट्रपति वायलेटा बेरियोस डी कैमोरो (1990)
निर्गुट सम्मेलन की प्रथम महिला अध्यक्ष श्रीमती इंदिरा गांधी
नीदरलैण्ड की प्रथम महिला प्रधानमंत्री मारिया लिबेरिया पीटर्स एंटीलेस (1998)
नीदरलैण्ड की राज्याध्यक्ष महारानी बीयाट्रिक्स
नॉर्वे की प्रथम महिला प्रधानमंत्री ग्रो हारलेम बुन्डलैन्ड (1981)
नोबेल पुरस्कार से सम्मानित प्रथम मुस्लिम महिला शीरीन इबादी (ईरान, क्षेत्र-शांति, 2003)
न्यूजीलैण्ड की प्रथम महिला प्रधानमंत्री जैनी शिपले (1997)
पनामा देश की प्रथम महिला राष्ट्रपति मिरिया मोस्कोसो (1999)
पाकिस्तान की पहली महिला स्पीकर फहमिदा मिर्जा (मार्च 2008)
पाकिस्तान की प्रथम महिला प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो (1988)
पाकिस्तान की प्रथम महिला विंग कमांडर शाहिदा परवीन
पेरू की पहली महिला प्रधानमंत्री ब्रीट्रिज मेरिनो
पोलैण्ड की प्रथम महिला प्रधानमंत्री हन्ना सुचोका (1992)
फिनलैण्ड की प्रथम महिला प्रधानमंत्री एनेली जाटेनमाकी
फिलीपींस की प्रथम महिला राष्ट्रपति कोरोजन एक्विनो (1986)
फ्रांस की प्रथम महिला प्रधानमंत्री एडिथ क्रेसन (1991)
बरमुडा की प्रथम महिला प्रधानमंत्री पामेला गार्डेन (1997)
बांग्लादेश की प्रथम महिला प्रधानमंत्री बेग खालिदा जिया (1991)
बोलीविया की प्रथम महिला राष्ट्रपति लीडिया गैवेलर टेजाडा (1979)
ब्रिटेन की पहली महिला पोयट लॉरिएट कैरोल एन. डफी (स्कॉटलैण्ड की कवयित्री मई, 2009)

ब्रिटेन की पहली रानी जेन
ब्रिटेन की प्रथम महिला राज्याध्यक्ष महारानी एलिजाबेथ द्वितीय
भारत की प्रथम महिला जिसे पाकिस्तान का सर्वोच्च मानवता पुरस्कार ‘निशान-ए-इंसानियत’ प्रदान किया गया नीरजा मिश्रा
महिला क्रिकेट टेस्ट मैच में सर्वाधिक रनों की पारी खेलने का विश्व रिकॉर्ड किरण (पाकिस्तान, 242 रन, मार्च 2004, वेस्टइंडीज के विरुद्ध)
माल्टा की प्रथम महिला प्रधानमंत्री अगाया बारबरा (1982-87)
मिलेनियम टेक्नोलॉजी प्राइज जीतने वाली पहली महिला फ्रांसिस अर्नोल्ड
रोमानिया की प्रथम महिला राष्ट्रपति कोरोजन एक्विनो (1986)
लाइबेरिया की प्रथम महिला राष्ट्रपति रूथ पेरी (1996)
लाटविया की पहली महिला राष्ट्रपति वाई वाइक फ्रीबर्गा (1999)
लिथुआनिया की प्रथम महिला प्रधानमंत्री काजीमियेराप्रुंसकीन (1990)
लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित विश्व के किसी भी देश की प्रथम महिला राष्ट्रपति विगदिस फिनवोगादोतीर (आइसलैण्ड)
वह भारतीय महिला, जिसे न्यूजीलैण्ड में प्रथम महिला महापौर होने का गौरव प्राप्त है सुखविंदर टर्नर (डुनेडिन शहर)
विदेश में भारत का ध्वज फहराने वाली प्रथम महिला मैडम कामा
विश्व की पहली सबसे कम उम्र की पहली महिला पायलट अटलांटिक पार करने वाली विकीवान मीटर (अमरीका)
विश्व की प्रथम नोबेल पुरस्कार पाने वाली महिला मैडम क्यूरी
विश्व की प्रथम महिला जिन्हें इंटर पार्लियामेन्टरी यूनियन का आजीवन अध्यक्ष नियुक्त किया गया नजमा हेपतुल्ला (भारत)
विश्व की प्रथम महिला डॉक्टर एलिजावेथ ब्लैकवेल (अमरीका)
विश्व की प्रथम महिला प्रधानमंत्री एस. भण्डारनायके (श्रीलंका)
विश्व की प्रथम महिला मुक्केबाज जिसने पहली बार पुरुष महिला मुकाबले में विजय पायी मार्गरेट मैक ग्रेगोर
विश्व की प्रथम महिला राष्ट्रपति मैरिया एसाबेल पेरॉन (अर्जेन्टीना)
विश्व की प्रथम महिला विशप किसे चुना गया रे मैरी एडेलियर (अमरीका)
विश्व की प्रथम महिला सरोद वादक शरन रानी
विश्व की प्रथम सबसे कम उम्र में इंग्लिश चैनल पार करने वाली छात्रा रूपाली रामदास
विश्व की प्रथम सम्मानित महिला ब्रिटेन की रानी एलिजाबेथ
विश्व की वह प्रथम महिला जो अन्तर्राष्ट्रीय बैडमिंटन महासंघ की अध्यक्ष चुनी गयीं ल्यू शेंगरॉग (चीन)
विश्व की वह प्रथम महिला जो पैदल चलकर उत्तरी ध्रुव पहुँचने वाली क्रिस्टीन जेनिन (फ्रांस)
विश्व की सबसे अधिक बच्चों को जन्म देने वाली महिला लयोन्विना अल्विना (चिली-55 बच्चों को जन्म दे चुकी है)
विश्व की सबसे लम्बी महिला सेन्डी एलन (कनाडा ऊँचाई 7 फीट 1/4 इंच)
विश्व की सर्वप्रथम निर्वाचित महिला राष्ट्रपति विगडिस फिन्नवोगाडोटिर (आइसलैण्ड)
विश्व मुक्केबाजी परिषद् का महिलाओं का पहला मुक्केबाजी खिताब लैला अली (11 जून, 2005, प्रसि) मुक्केबाजी मोहम्मद अली की बेटी)
विश्व में किसी भी देश की प्रथम महिला प्रधानमंत्री सिरिमावो भंडारनायके, श्रीलंका (1960)
विश्व में संयुक्त राष्ट्र महासभा की प्रथम महिला सभापति श्रीमती विजयालक्ष्मी पंडित (भारत)
श्रीलंका की प्रथम महिला राष्ट्रपति श्रीमती चंद्रिका कुमारतुंगे (1994)
संयुक्त राज्य अमरीका की प्रथम महिला सेक्रेटरी ऑफ स्टेट मैडेलीन अल्ब्राइट
संयुक्त राष्ट्र संघ की किसी एजेंसी की प्रमुख बनने वाली पहली चीनी नागरिक मारग्रेट चान (विश्व स्वास्थ्य संगठन जनवरी 2007)
संयुक्त राष्ट्र संघ की नागरिक पुलिस सलाहकार नियुक्त होने वाली विश्व की प्रथम महिला किरण बेदी (भारत)
सबसे ज्यादा अवधि (दिन) तक अंतरिक्ष में रहने वाली महिला चेलेना कोडाकोवा
साइमन बोलिवर पुरस्कार से सम्मानित प्रथम महिला आंग सान सून की (म्यांमार)
स्विट्जरलैण्ड की प्रथम महिला राष्ट्रपति रूथ ड्रायफुस (1999)
हैती की पहली महिला प्रधानमंत्री क्लाउदेते बेर्लिग (1995)
हैती की प्रथम महिला राष्ट्रपति हेरटा प्रालोप (1990)

और जानिये : विश्व में प्रथम प्रसिद्ध महिलाओं के नाम और उनकी उपलब्धियॉ (विभिन्न क्षेत्रों में)

भारतीय राज्यों के पहले मुख्यमंत्रियों के नाम और उनकी राजनीतिक पार्टी की सूची

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भारतीय राज्यों के सासंद, विधायक और विधान परिषद के सदस्यों की सूची: Indian States MPs and MLAs in Hindi

भारतीय राज्यों के पहले मुख्यमंत्रियों की सूची: (First Chief Ministers of Indian States in Hindi)

मुख्यमंत्री किसे कहते है?

भारत के सभी 29 राज्यों और 2 केन्द्र-शासित प्रदेशों (दिल्ली और पुद्दुचेरी) की प्रत्येक सरकार के मुखिया मुख्यमंत्री कहलाता है। भारत के संविधान के अनुसार राज्य स्तर पर राज्यपाल क़ानूनन मुखिया होता है लेकिन वास्तव में कार्यकारी प्राधिकारी मुख्यमंत्री ही होता है।

यहां पर भारतीय राज्यों के पहले मुख्यमंत्रियों की सूची दी गई हैं। सामान्यतः इस सूची से सम्बंधित प्रश्न प्रतियोगी परीक्षाओं में पूछे जाते है। यदि आप विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं जैसे: आईएएस, शिक्षक, यूपीएससी, पीसीएस, एसएससी, बैंक, एमबीए एवं अन्य सरकारी नौकरियों के लिए तैयारी कर रहे हैं, तो आपको भारत के सभी राज्यों के पहले मुख्यमंत्रियों के बारे में अवश्य पता होना चाहिए।

इन्हें भी पढे: भारतीय राज्यों के वर्तमान राज्यपालों के नाम एवं उनका कार्यकाल

भारत के सभी राज्यों के पहले मुख्यमंत्रियों की सूची:

भारतीय राज्य मुख्यमंत्री का नाम दल/राजनीतिक पार्टी
अरुणाचल प्रदेश के प्रथम मुख्यमंत्री प्रेम खांडू थुंगन भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
असम के प्रथम मुख्यमंत्री गोपीनाथ बारदलोई भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
आंध्र प्रदेश के प्रथम मुख्यमंत्री नीलम संजीव रेड्डी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
उत्तर प्रदेश के प्रथम मुख्यमंत्री गोविन्द वल्लभ पन्त भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
उत्तराखण्ड के प्रथम मुख्यमंत्री नित्यानन्द स्वामी भारतीय जनता पार्टी
ओडिशा के प्रथम मुख्यमंत्री हरेकृष्णा महतब भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
कर्नाटक के प्रथम मुख्यमंत्री के. सी. रेड्डी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
केरल के प्रथम मुख्यमंत्री ई. एम. एस. नंबूदिरीपाट भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी
गुजरात के प्रथम मुख्यमंत्री डॉ॰ जीवराज नारायण मेहता भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
गोवा के प्रथम मुख्यमंत्री दयानंद बांदोडकर महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी (एमजीपी)
छत्तीसगढ़ के प्रथम मुख्यमंत्री अजीत जोगी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
जम्मू और कश्मीर के प्रथम मुख्यमंत्री गुलाम मोहम्मद सद्दीक भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
झारखण्ड के प्रथम मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी)
तमिलनाडु के प्रथम मुख्यमंत्री पी.एस. कुमारस्वामी राजा भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
तेलंगाना के प्रथम मुख्यमंत्री कल्वाकुंतला चंद्रशेखर राव तेलंगाना राष्ट्र समिति
त्रिपुरा के प्रथम मुख्यमंत्री सचिंद्र लाल सिंह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
दिल्ली के प्रथम मुख्यमंत्री चौधरी ब्रह्म प्रकाश भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
नागालैण्ड के प्रथम मुख्यमंत्री पी॰ शीलू एओ नागा नेशनलिस्ट ऑर्गनाइजेशन
पंजाब के प्रथम मुख्यमंत्री डॉ॰ गोपीचन्द भार्गव भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
पश्चिम बंगाल के प्रथम मुख्यमंत्री प्रफुल्ल चन्द्र घोष भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
बिहार के प्रथम मुख्यमंत्री श्री कृष्ण सिन्हा भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
मणिपुर के प्रथम मुख्यमंत्री एम. कोइरंग सिंह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
मध्य प्रदेश के प्रथम मुख्यमंत्री पंडित रवि शंकर शुक्ल भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
महाराष्ट्र के प्रथम मुख्यमंत्री यशवन्त राव चव्हाण भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
मेघालय के प्रथम मुख्यमंत्री विलियमसन ए संगमा भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
राजस्थान के प्रथम मुख्यमंत्री हीरालाल शास्त्री भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
सिक्किम के प्रथम मुख्यमंत्री काजी लेन्डुप दोरजी खंगसरपा भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
हरियाणा के प्रथम मुख्यमंत्री भगवत दयाल शर्मा भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
हिमाचल प्रदेश के प्रथम मुख्यमंत्री यशवंत सिंह परमार भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस

भारत के मुख्यमंत्रियों से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्य:

  • गोपीनाथ बोरदोलोई अगस्त 1947 फरवरी 1946 से असम के प्रधानमंत्री थे।
  • श्री कृष्ण सिन्हा आजादी से पहले भी बिहार के मुख्यमंत्री थे।
  • दिल्ली की मुख्यमंत्री का पद 1956 में समाप्त कर दिया गया था। 1993 में (69 वें संशोधन अधिनियम, 1991 के द्वारा) पद को फिर से स्थापित किया गया था तो मदन लाल खुराना मुख्यमंत्री बने।
  • 1965 से पहले, जम्मू-कश्मीर में प्रधान मंत्री हुआ करते थे और मेहर चंद महाजन 1947 से 1948 तक जम्मू-कश्मीर के प्रथम प्रधानमंत्री थे।

इन्हें भी पढे: भारतीय राज्यों के वर्तमान मुख्यमंत्रियों के नाम एवं उनकी राजनीतिक पार्टी

और जानिये : भारतीय राज्यों के पहले मुख्यमंत्रियों के नाम और उनकी राजनीतिक पार्टी की सूची

जम्मू और कश्मीर के मुख्यमंत्रियों के नाम, कार्यकाल एवं उनकी राजनीतिक पार्टी (वर्ष 1965 से 2017)

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जम्मू और कश्मीर के मुख्यमंत्रियों की सूची (1965-2017 ): (List of Chief Ministers of Odisha in Hindi)

जम्मू और कश्मीर के मुख्यमंत्रियों की सूची (1965-2017 ): (Chief Ministers of Jammu and Kashmir in Hindi)

जम्मू और कश्मीर:

जम्मू-कश्मीर भारत के उत्तरी भाग का एक राज्य है। जम्मू और कश्मीर की राजधानी ग्रीष्‍मकाल में श्रीनगर और शीतकाल में जम्मू राजधानी रहती है। यह भारत की ओर से उत्तर में चीन और अफगानिस्तान, पूर्व में चीन, और दक्षिण में हिमाचल प्रदेश और पंजाब से घिरा है। पश्चिम में यह पाकिस्तान के उत्तर-पश्चिम फ्रंटीयर प्रांत और पंजाब से घिरा है। जम्मू-कश्मीर का क्षेत्र 222,236 वर्ग किमी. है।  जम्मू और कश्मीर में बोली जाने वाली मुख्य भाषा कश्मीरी, उर्दू, पहाड़ी, डोगरी, बाल्टी, गोजरी, पश्तो, लद्दाखी और शिना है। फारसी में लिखी गई उर्दू जम्मू और कश्मीर की आधिकारिक भाषा है। सन् 2011 की जनगणना के अनुसार जम्मू और कश्मीर की साक्षरता दर 68.74 प्रतिशत है।

जम्मू और कश्मीर का इतिहास:

जम्मू-कश्मीर राज्य पहले हिंदू शासकों और फिर मुस्लिम सुल्तानों के अधीन रहा। बाद में यह राज्य अकबर के शासन में मुगल साम्राज्य का हिस्सा बन गया। सन् 1756 से अफगान शासन के बाद, सन् 1819 में यह राज्य पंजाब के सिख साम्राज्य के अधीन हो गया। सन् 1846 में रंजीत सिंह ने जम्मू क्षेत्र महाराजा गुलाब सिंह को सौंप दिया। सन् 1846 में सबरुन की निर्णायक लड़ाई के बाद अमृतसर संधि के मुताबिक कश्मीर भी महाराजा गुलाब सिंह को सौंप दिया गया।

सन् 1947 में यह राज्य पाकिस्तान के सशस्त्र हमले का विषय बना। 26 अक्टूबर 1947 को महाराजा हरिसिंह के अनुवृध्दि के समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद इसे भारत में शामिल होना मंजूर किया गया।

जम्मू और कश्मीर  के मुख्यमंत्री:

वर्तमान में जम्मू और कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती हैं। महबूबा मुफ़्ती ने 04 अप्रैल 2016 को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। जम्मू और कश्मीर के प्रथम मुख्यमंत्री ग़ुलाम मोहम्मद सादिक़ थे।

जम्मू और कश्मीर के मुख्यमंत्रियों की सूची:

मुख्यमंत्री का नाम पदभार ग्रहण पदमुक्ति दल/राजनीतिक पार्टी
ग़ुलाम मोहम्मद सादिक़ 30 मार्च 1965 12 दिसम्बर 1971 भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
सैयद मीर क़ासिम 12 दिसम्बर 1971 25 फ़रवरी 1975 भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
शेख अब्दुल्ला 25 फ़रवरी 1975 26 मार्च 1977 नेशनल कांफ़्रेस
 राष्ट्रपति शासन (26 मार्च 1977 – 09 जुलाई 1977)
शेख अब्दुल्ला 09 जुलाई 1977 08 सितम्बर 1982 नेशनल कांफ़्रेस
फ़ारूक़ अब्दुल्ला 08 सितम्बर 1982 02 जुलाई 1984 नेशनल कांफ़्रेस
ग़ुलाम मोहम्मद शाह 02 जुलाई 1984 06 मार्च 1986 अवामी नेशनल कांफ़्रेस
 राष्ट्रपति शासन (06 मार्च 1986 – 07 नवंबर 1986)
फ़ारूक़ अब्दुल्ला 07 नवंबर 1986 19 जनवरी 1990 नेशनल कांफ़्रेस
 राष्ट्रपति शासन (19 जनवरी 1990 – 09 अक्टूबर 1996)
फ़ारूक़ अब्दुल्ला 09 अक्टूबर 1996 18 अक्टूबर 2002 नेशनल कांफ़्रेस
 राष्ट्रपति शासन (18 अक्टूबर 2002 – 02 नवंबर 2002)
मुफ़्ती मोहम्मद सईद 02 नवंबर 2002 20 नवंबर 2005 पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी
ग़ुलाम नबी आज़ाद 02 नवंबर 2005 11 जुलाई 2008 भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
 राष्ट्रपति शासन (11 जुलाई 2008 – 05 जनवरी 2009)
उमर अब्दुल्ला 05 जनवरी 2009 08 जनवरी 2015 जम्मू और कश्मीर नेशनल कांफ़्रेस
 राष्ट्रपति शासन (8 जनवरी 2015 – 01 मार्च 2015)
मुफ़्ती मोहम्मद सईद 01 मार्च 2015 07 जनवरी 2016 पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी
 राष्ट्रपति शासन (07 जनवरी 2016 – 04 अप्रैल 2016)
महबूबा मुफ़्ती 04 अप्रैल 2016 वर्तमान पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी

इन्हें भी पढ़े: भारतीय राज्यों के वर्तमान मुख्यमंत्री एवं उनकी राजनीतिक पार्टी

और जानिये : जम्मू और कश्मीर के मुख्यमंत्रियों के नाम, कार्यकाल एवं उनकी राजनीतिक पार्टी (वर्ष 1965 से 2017)

भारतीय राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशो के स्थापना वर्ष की सूची

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भारतीय राज्यों के सासंद, विधायक और विधान परिषद के सदस्यों की सूची: Indian States MPs and MLAs in Hindi

भारतीय राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशो के स्थापना वर्ष की सूची: (List of Establishment Years of Indian States and Union Territories in Hindi)

यहां पर भारत के सभी 29 राज्यों और 07 केन्द्र-शासित प्रदेशों के स्थापना वर्ष की सूची दी गई हैं। सामान्यतः इस सूची से सम्बंधित प्रश्न प्रतियोगी परीक्षाओं में पूछे जाते है। यदि आप विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं जैसे: आईएएस, शिक्षक, यूपीएससी, पीसीएस, एसएससी, बैंक, एमबीए एवं अन्य सरकारी नौकरियों के लिए तैयारी कर रहे हैं, तो आपको भारत के सभी  राज्यों और  केन्द्र-शासित प्रदेशों के स्थापना वर्ष के बारे में अवश्य पता होना चाहिए।

भारत के सभी 29 राज्यों के स्थापना वर्ष की सूची:

भारतीय राज्य का नाम स्थापना वर्ष
अरुणाचल प्रदेश 20 फरवरी, 1987
असम 26 जनवरी 1950
आंध्र प्रदेश 01 नवंबर 1956
ओड़िशा या उड़ीसा 01 अप्रैल 1936
उत्तर प्रदेश 26 जनवरी 1950
उत्तराखंड 09 नवंबर 2000
कर्नाटक 01 नवंबर 1956
केरल 1 नवंबर 1956
गुजरात 1 मई 1960
गोवा 30 मई 1987
छत्तीसगढ़ 01 नवंबर 2000
जम्मू और कश्मीर 26 जनवरी 1950
झारखंड 15 नवंबर 2000
तमिलनाडु 26 जनवरी 1950
तेलंगाना 02 जून 2014
त्रिपुरा 21 जनवरी 1972
नागालैंड 01 दिसंबर 1963
पंजाब 01 नवंबर 1966
पश्चिम बंगाल 01 नवंबर 1956
बिहार 01 अप्रैल 1912
मणिपुर 21 जनवरी 1972
मध्य प्रदेश 01 नवंबर 1956
महाराष्ट्र 1 मई 1960
मिजोरम 20 फ़रवरी 1987
मेघालय 21 जनवरी 1972
राजस्थान 01 नवंबर 1956
सिक्किम 16 मई 1975
हरियाणा 01 नवंबर 1966
हिमाचल प्रदेश 25 जनवरी 1971

भारत के सभी 07 केंद्र शासित प्रदेश के स्थापना वर्ष की सूची:

केंद्र शासित प्रदेश का नाम स्थापना वर्ष
अंडमान और निकोबार 1956
चंडीगढ़ 1966
दमन और दीव 1987
दादरा और नागर हवेली 1944
दिल्ली 1952
पुडुचेरी 1954
लक्षद्वीप 1956

इन्हें भी पढे: भारतीय राज्य एवं केंद्रशासित प्रदेशों की राजधानी

और जानिये : भारतीय राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशो के स्थापना वर्ष की सूची


विज्ञान की महत्वपूर्ण धातुओं के नाम और उनके अयस्कों की सूची

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प्रमुख धातुएँ एवं उनके अयस्क - Important Metals And Their Ores list in Hindi

विज्ञान की महत्वपूर्ण धातुओं के नाम और उनके अयस्कों की सूची: (Important Metals and their Ores list in Hindi)

अयस्क किसे कहते है?

अयस्क (ore) उन शैलों को अयस्क कहते हैं जिनमें वे खनिज हों जिनमें कोई धातु आदि महत्वपूर्ण तत्व हों। अयस्कों को खनन करके बाहर लाया जाता है; फिर इनका शुद्धीकरण करके महत्वपूर्ण तत्व प्राप्त किये जाते हैं।

यहां पर विज्ञान की प्रमुख धातुएँ एवं उनके अयस्को की सूची दी गई हैं। सामान्यतः इस सूची से सम्बंधित प्रश्न प्रतियोगी परीक्षाओं में पूछे जाते है। यदि आप विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं जैसे: आईएएस, शिक्षक, यूपीएससी, पीसीएस, एसएससी, बैंक, एमबीए एवं अन्य सरकारी नौकरियों के लिए तैयारी कर रहे हैं, तो आपको विज्ञान की प्रमुख धातुएँ एवं उनके अयस्को के बारे में अवश्य पता होना चाहिए।

विभिन्न धातुएँ एवं उनके अयस्को की सूची:

महत्वपूर्ण धातुओं के नाम संबंधित अयस्क
एंटीमनी (सुरमा) स्टिबनाइट
एल्युमीनियम बॉक्साइट, क्रामोलाइट, कोरंडम, डायस्पॉर
कैल्सियम कैल्सियम काबरोनेट
चांदी अर्जेटाइट, नेटिव सिल्वर, एजूराइइट, सिल्वर, एजूराइट
जस्ता (जिंक) जिंक ब्लैड, जिंकाइट, कैलामीन
जिप्सम फ्लूओस्पार, फास्फोराइट
टिन कैसिराइट
तांबा कैल्कोपाइराइट, क्यूप्राइट, एजूराइट, मैलाकाइट,
निकिल मिलेराइट
पारा (मर्करी) सिनाबार
पोटेशियम पोटेशियम कार्बोनेट, पोटेशियम नाइटे्ट
मैगनीज पाइरा लुसाइट, मैगनाइट
मैग्नीशियम मैग्नेसाइट, एप्सोसाइट, डोलामाइट, कार्नेलाइट
लेड गैलेना
लोहा मैग्नेटाइट, हेमेटाइट, सिडेराइट, लाइमोनाइट, आयरन पाइराइट
सीसा गैलेना, एंग्लेसाइट
सोडियम सोडियम क्लोराइड, बोरेक्स (सुहागा), सोडियम नाइट्रेट, सोडियम कार्बोनेट, सोडियम सल्फेट
सोडियम चिली साल्टपीटर (खनिज लवण)
सोना कालवेराइट एवं सिल्वेनाइट

इन्हें भी पढे: भारत के प्रमुख खनिजों के नाम एवं सर्वाधिक उत्पादक राज्यों की सूची

और जानिये : विज्ञान की महत्वपूर्ण धातुओं के नाम और उनके अयस्कों की सूची

भारत का कौन-सा बांध किस राज्य में स्थित है पर आधारित सामान्य ज्ञान

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भारत के सबसे बड़े बांधो की सूची- Largest Dams of India in Hindi

भारत के सबसे बड़े बांधो के नाम और उनका राज्य (Largest Dams of India List in Hindi)

उत्तराखंड में भारत का सबसे ऊंचा और विशाल टिहरी बांध है। टिहरी बांध एशिया का दूसरा सबसे ऊँचा बांध और दुनिया में आठवाँ सबसे ऊँचा बांध है। यह बांध 857 फीट (260.5 मीटर) ऊंचाई का है, जबकि इसकी लंबाई 575 मीटर है। इससे 2400 मेगावाट बिजली का उत्पादन होता है। दुनिया के सबसे लंबे बांधों में से एक हीराकुंड बांध ओडिशा के संबलपुर में है। महानदी पर बने इस बांध की लंबाई 26 किलोमीटर है, जो देश का सबसे लंबा और दुनिया के लंबे बांधों में से एक है। 1956 में बने इस बांध से सिंचाई की जरूरतों को काफी बेहतर तरीके से पूरा किया जाता रहा है।

आधुनिक तकनीक से बना नागार्जुन सागर बांध अपनी मजबूती के साथ-साथ अपनी भव्य बनावट और खूबसूरती के लिए भी प्रसिद्ध है।

आंध्र प्रदेश के नलगोंडा जिले में कृष्णा नदी पर बना यह बांध आंध्र प्रदेश के लिए सिंचाई का अहम साधन है। नागार्जुन सागर डैम की ऊंचाई 124 मीटर और लंबाई 1450 मीटर है। गुजरात की नर्मदा नदी पर बना सरदार सरोवर बांध अपनी खूबसूरती के लिए बहुत प्रसिद्ध है। इस बांध की ऊंचाई 163 और लंबाई 1210 मीटर है। आइये जानते है कि भारत का कौन-सा बांध किस नदी पर बना हुआ है तथा किस राज्य में स्थित है:-

भारत के 25 सबसे बड़े बांधो की सूची इस प्रकार है:-

बांध का नाम किस नदी पर बना हुआ है किस राज्य में स्थित है
टेहरी बांध भागीरथी नदी प्रतापनगर, उत्तराखंड
लखवार बांध यमुना नदी देहरादून, उत्तराखंड
इडुक्की (एब)/इडुक्की आर्च बांध पेरियार नदी तोडुपुलै, केरल
भक़रा बांध सतलुज नदी बिलासपुर,हिमाचल प्रदेश
पकाल दुल बांध मरुसूदर नदी किश्तवाड़, जम्मू कश्मीर
सरदार सरोवर गुजरात बांध नर्मदा नदी राजपीपल, गुजरात
श्रीसैलम बांध कृष्णा नदी नन्दीकोटकुर, आंध्र प्रदेश
रंजीत सागर बांध रवि नदी पठानकोट, पंजाब
बगलिहार बांध चेनाब नदी रामबाण, जम्मू कश्मीर
चेमेराई बांध रवि नदी भटियात, हिमाचल प्रदेश
चेरुठोणी बांध चेरुठोणी नदी तोडुपुलै, केरला
पांग बांध बीस नदी गोपीपुर, हिमाचल प्रदेश
जमरनी बांध गोला नदी नैनीताल, उत्तराखंड
सुबनसिरी लोअर बांध सुबनसिरी नदी सुबनसिरी, अरुणाचल प्रदेश
रामगंगा बांध रामगंगा नदी लैंसडौन, उत्तराखंड
नागार्जुन सागर बांध कृष्णा नदी गुरुजला, आंध्र प्रदेश
कक्की (एब) बांध कक्की नदी रानी, केरल
नगी बांध नगी नदी जमुई, बिहार
सलाल (रॉकफिल एंड कंक्रीट) बांध चेनाब नदी गुलाब गढ़, जम्मू कश्मीर
लख्या बांध लख्या होल नदी मुदिगेरे, कर्नाटक
शोलयर बांध शोलयर नदी पोलाची, तमिलनाडु
कोयना बांध कोयना नदी पतन, महाराष्ट्र
इदमलयर (एब) बांध इदमलयर नदी देवीकोलम, केरल
सुपा बांध काली नदी सुपा, कर्नाटक
कर्जन बांध कर्जन नदी राजपीपला, गुजरात

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चन्देल राजवंश (साम्राज्य) का इतिहास एवं महत्वपूर्ण तथ्यों की सूची

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चन्देल वंश का इतिहास एवं महत्वपूर्ण तथ्य- Chandela Dynasty History in Hindi

चन्देल राजवंश का इतिहास एवं महत्वपूर्ण तथ्यों की सूची: (Chandela Dynasty History and Important Facts in Hindi)

चन्देल वंश

चन्देल वंश गोंड जनजातीय मूल का प्रसिद्ध राजपूत वंश था, जिसने 8वीं से 12वीं शताब्दी तक स्वतंत्र रूप से राज किया। प्रतिहारों के पतन के साथ ही चंदेल 9वीं शताब्दी में सत्ता में आए। चंदेल वंश के शासकों का बुंदेलखंड के इतिहास में विशेष योगदान रहा है। उन्‍होंने लगभग चार शताब्दियों तक बुंदेलखंड पर शासन किया। उनका साम्राज्य उत्तर में यमुना नदी से लेकर सागर (मध्य प्रदेश, मध्य भारत) तक और धसान नदी से विंध्य पहाड़ियों तक फैला हुआ था। सुप्रसिद्ध कालिंजर का क़िला, खजुराहो, महोबा और अजयगढ़ उनके प्रमुख गढ़ थे। चंदेलकालीन स्‍थापत्‍य कला ने समूचे विश्‍व को प्रभावित किया उस दौरान वास्तुकला तथा मूर्तिकला अपने उत्‍कर्ष पर थी। खजुराहो के मंदिर इसका सबसे बड़ा उदाहरण हैं।

चन्देल वंश (साम्राज्य) का इतिहास:

चन्देल वंश गोंड जनजातीय मूल का राजपूत वंश था, जिसने उत्तर-मध्य भारत के बुंदेलखंड पर कुछ शताब्दियों तक शासन किया। गोंड (जनजाति), भारत की एक प्रमुख जनजाति हैं।

गोंड भारत के कटि प्रदेश – विंध्यपर्वत, सतपुड़ा पठार, छत्तीसगढ़ मैदान में दक्षिण तथा दक्षिण-पश्चिम में गोदावरी नदी तक फैले हुए पहाड़ों और जंगलों में रहनेवाली आस्ट्रोलायड नस्ल तथा द्रविड़ परिवार की एक जनजाति, जो संभवत: पाँचवीं-छठी शताब्दी में दक्षिण से गोदावरी के तट को पकड़कर मध्य भारत के पहाड़ों और जंगलों में फैल गई। आज भी मोदियाल गोंड जैसे समूह हैं जो जंगलों में प्राय: नंगे घूमते और अपनी जीविका के लिये शिकार तथा वन्य फल मूल पर निर्भर हैं। गोंडों की जातीय भाषा गोंडी है जो द्रविड़ परिवार की है और तेलुगु, कन्नड़, तमिल आदि से संबन्धित है।

चन्देल वंश की स्थापना तथा शासक:

जेजाकभुक्ति के प्रारम्भिक शासक गुर्जर प्रतिहार शासकों के सामंत थे। इन्होनें खजुराहो को अपनी राजधानी बनाया। ‘नन्नुक’ चन्देल वंश का पहला राजा था। उसके अतिरिक्त अन्य सामंत थे- वाक्पति, जयशक्ति (सम्भवतः इसके नाम पर ही बुन्देलखण्ड का नाम जेजाक भुक्ति पड़ा) विजय शक्ति, राहिल एवं हर्ष।

चन्देल राजवंश के शासकों की सूची:

  • नन्नुक (831 – 845 ई.) (संस्थापक)
  • वाक्पति (845 – 870 ई.)
  • जयशक्ति चन्देल और विजयशक्ति चन्देल (870 – 900 ई.)
  • राहिल (900 – ?)
  • हर्ष चन्देल (900 – 925 ई.)
  • यशोवर्मन (925 – 950 ई.)
  • धंगदेव (950 – 1003 ई.)
  • गंडदेव (1003 – 1017 ई.)
  • विद्याधर (1017 – 1029 ई.)
  • विजयपाल (1030 – 1045 ई.)
  • देववर्मन (1050-1060 ई.)
  • कीरतवर्मन या कीर्तिवर्मन (1060-1100 ई.)
  • सल्लक्षणवर्मन (1100 – 1115 ई.)
  • जयवर्मन (1115 – ?)
  • पृथ्वीवर्मन (1120 – 1129 ई.)
  • मदनवर्मन (1129 – 1162 ई.)
  • यशोवर्मन द्वितीय (1165 – 1166 ई.)
  • परमार्दिदेव अथवा परमल (1166 – 1203 ई.)

चन्देल वंश (साम्राज्य) का अंत:

चंदेल राजा नंद या गंड ने लाहौर में तुर्कों के ख़िलाफ़ अभियान में एक अन्य राजपूत सरदार जयपाल की मदद की, लेकिन ‘ग़ज़ना’ (ग़ज़नी) के महमूद ने उन्हें पराजित कर दिया था। 1023 ई. में चंदेलों का स्थान बुंदेलों ने ले लिया। 1203 ई. में कुतुबुद्दीन ऐबक ने परार्माददेव को पराजित कर कालिंजर पर अधिकार कर लिया और अंततः 1305 ई. में चन्देल राज्य दिल्ली में मिल गया।

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भारत के प्रसिद्ध व्यक्तियों के नाम और उनके गुरुओं की सूची

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प्रसिद्ध भारतीय व्यक्ति एवं उनके गुरूओ की सूची | Famous Indians and their Masters in Hindi

प्रसिद्ध भारतीय व्यक्ति एवं उनके गुरूओ की सूची (List of Famous Indian Persons and their Masters in Hindi)

यहां पर भारत के प्रसिद्ध व्यक्तियों के नाम और उनके गुरुओं की सूची दी गई हैं। सामान्यतः इस सूची से सम्बंधित प्रश्न प्रतियोगी परीक्षाओं में पूछे जाते है। यदि आप विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं जैसे: आईएएस, शिक्षक, यूपीएससी, पीसीएस, एसएससी, बैंक, एमबीए एवं अन्य सरकारी नौकरियों के लिए तैयारी कर रहे हैं, तो आपको भारत के प्रसिद्ध व्यक्तियों के नाम और उनके गुरुओं के बारे में अवश्य पता होना चाहिए।

प्रसिद्ध भारतीय व्यक्ति एवं उनके गुरूओ की सूची:

प्रसिद्ध भारतीय व्यक्ति उनके गुरुओं के नाम
अरस्तू प्लेटो
कबीर रामानंद
गोपालकृष्ण गोखले महादेव गोविंद रानाडे
चंद्रगुप्त मौर्य चाणक्य
तुलसीदास बाबा नरहरि
प्लेटो सुकरात
बिरसा मुण्डा आनंद पाण्डेय
महात्मा गांधी गोपालकृष्ण गोखले
मीराबाई रैदास
शिवाजी कोण्डदेव
सिकंदर महान अरस्तू
सुभाषचन्द्र बोस चित्तरंजन दास
सूरदास महाप्रभु वल्ल्भाचार्य
स्वामी दयानंद सरस्वती स्वामी ब्रजानंद
स्वामी विवेकानंद स्वामी रामकृष्ण परमहंस

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नाटो का इतिहास, स्थापना के कारण, उद्देश्य एवं अन्य सदस्य देशो की सूची

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नाटो का इतिहास एवं 29 सदस्य देशो की सूची: History of NATO in Hindi

नाटो का इतिहास, स्थापना के कारण, उद्देश्य एवं अन्य सदस्य देशो की सूची: (History of NATO and 29 Member Countries in Hindi)

नाटो क्या है?

नाटो एक सैन्य गठबंधन है, जिसकी स्थापना 04 अप्रैल 1949 को उत्तर अटलांटिक संधि पर हस्ताक्षर के साथ हुई। नाटो का पूरा नाम नार्थ एटलांटिक ट्रीटी ऑर्गेनाइजेशन  है। नाटो को ” द (नॉर्थ) अटलांटिक एलायंस” भी कहा जाता है,  नाटो का मुख्यालय ब्रुसेल्स (बेल्जियम) में है। संगठन ने सामूहिक सुरक्षा की व्यवस्था बनाई है, जिसके तहत सदस्य राज्य बाहरी हमले की स्थिति में सहयोग करने के लिए सहमत होंगे। लॉर्ड इश्मे नाटो के पहले महासचिव बने थे।

नाटो का इतिहास:

द्वितीय विश्वयुद्ध के पश्चात् विश्व रंगमंच पर अवतरित हुई दो महाशक्तियों सोवियत संघ और अमेरिका के बीच शीत युद्ध का प्रखर विकास हुआ। फुल्टन भाषण व टू्रमैन सिद्धांत के तहत जब साम्यवादी प्रसार को रोकने की बात कही गई तो प्रत्युत्तर में सोवियत संघ ने अंतर्राष्ट्रीय संधियों का उल्लंघन कर 1948 में बर्लिन की नाकेबंदी कर दी। इसी क्रम में यह विचार किया जाने लगा कि एक ऐसा संगठन बनाया जाए जिसकी संयुक्त सेनाएँ अपने सदस्य देशों की रक्षा कर सके।

मार्च 1948 में ब्रिटेन, फ्रांस, बेल्जियम, नीदरलैण्ड तथा लक्सेमबर्ग ने बूसेल्स की संधि पर हस्ताक्षर किए। इसका उद्देश्य सामूहिक सैनिक सहायता व सामाजिक-आर्थिक सहयोग था। साथ ही संधिकर्ताओं ने यह वचन दिया कि यूरोप में उनमें से किसी पर आक्रमण हुआ तो शेष सभी चारों देश हर संभव सहायता देगे।

इसी पृष्ठ भूमि में बर्लिन की घेराबंदी और बढ़ते सोवियत प्रभाव को ध्यान में रखकर अमेरिका ने स्थिति को स्वयं अपने हाथों में लिया और सैनिक गुटबंदी दिशा में पहला अति शक्तिशाली कदम उठाते हुए उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन अर्थात नाटो की स्थापना 4 अप्रैल, 1949 को वांशिगटन में की थी। संयुक्त राष्ट्र संघ के चार्टर के अनुच्छेद 15 में क्षेत्रीय संगठनों के प्रावधानों के अधीन उत्तर अटलांटिक संधि पर 12 देशों ने  हस्ताक्षर किए थे। ये देश थे- फ्रांस, बेल्जियम, लक्जमर्ग, ब्रिटेन, नीदरलैंड, कनाडा, डेनमार्क, आइसलैण्ड, इटली, नार्वे, पुर्तगाल और संयुक्त राज्य अमेरिका। शीत युद्ध की समाप्ति से पूर्व यूनान, टर्की, पश्चिम जर्मनी, स्पेन भी सदस्य बने और शीत युद्ध के बाद भी नाटों की सदस्य संख्या का विस्तार होता रहा।

नाटो के 29 सदस्य देशो की सूची:

  • अलबानिया
  • बेल्जियम
  • बुल्गारिया
  • कनाडा
  • क्रोएशिया
  • चेक गणराज्य
  • डेनमार्क
  • एस्तोनिया
  • फ़्रान्स
  • जर्मनी
  • यूनान
  • हंगरी
  • आइसलैण्ड
  • इटली
  • लातविया
  • लिथुआनिया
  • लक्ज़मबर्ग
  • नीदरलैंड
  • नॉर्वे
  • पोलैंड
  • पुर्तगाल
  • रोमानिया
  • स्लोवाकिया
  • स्लोवेनिया
  • स्पेन
  • तुर्की
  • यूनाइटेड किंगडम
  • संयुक्त राज्य अमेरिका
  • मॉन्टिनीग्रो

नाटो की स्थापना के मुख्य कारण:

  • द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद सोवियत संघ ने पूर्वी यूरोप से अपनी सेनाएँ हटाने से इंकार कर दिया और वहाँ साम्यवादी शासन की स्थापना का प्रयास किया। अमेरिका ने इसका लाभ उठाकर साम्यवाद विरोधी नारा दिया। और यूरोपीय देशों को साम्यवादी खतरे से सावधान किया। फलतः यूरोपीय देश एक ऐसे संगठन के निर्माण हेतु तैयार हो गए जो उनकी सुरक्षा करे।
  • द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान पश्चिम यूरोपीय देशों ने अत्यधिक नुकसान उठाया था। अतः उनके आर्थिक पुननिर्माण के लिए अमेरिका एक बहुत बड़ी आशा थी ऐसे में अमेरिका द्वारा नाटों की स्थापना का उन्होंने समर्थन किया।

नाटो के मुख्य उद्देश्य:

  • यूरोप पर आक्रमण के समय अवरोधक की भूमिका निभाना।
  • सोवियत संघ के पश्चिम यूरोप में तथाकथित विस्तार को रोकना तथा युद्ध की स्थिति में लोगों को मानसिक रूप से तैयार करना।
  • सैन्य तथा आर्थिक विकास के लिए अपने कार्यक्रमों द्वारा यूरोपीय राष्ट्रों के लिए सुरक्षा छत्र प्रदान करना।
  • पश्चिम यूरोप के देशों को एक सूत्र में संगठित करना।
  • इस प्रकार नाटों का उद्देश्य “स्वतंत्र विश्व” की रक्षा के लिए साम्यवाद के प्रसार को रोकने के लिए और यदि संभव हो तो साम्यवाद को पराजित करने के लिए अमेरिका की प्रतिबद्धता माना गया।

नाटो की संरचना के अंग:

नाटों का मुख्यालय ब्रसेल्स में हैं। इसकी संरचना 4 अंगों से मिलकर बनी है:-

  • परिषद: यह नाटों का सर्वोच्च अंग है। इसका निर्माण राज्य के मंत्रियों से होता है। इसकी मंत्रिस्तरीय बैठक वर्ष में एक बार होती है। परिषद् का मुख्य उत्तरायित्व समझौते की धाराओं को लागू करना है।
  • उप परिषद्: यह परिषद् नाटों के सदस्य देशों द्वारा नियुक्त कूटनीतिक प्रतिनिधियों की परिषद् है। ये नाटो के संगठन से सम्बद्ध सामान्य हितों वाले विषयों पर विचार करते हैं।
  • प्रतिरक्षा समिति: इसमें नाटों के सदस्य देशों के प्रतिरक्षा मंत्री शामिल होते हैं। इसका मुख्य कार्य प्रतिरक्षा, रणनीति तथा नाटों और गैर नाटों देशों में सैन्य संबंधी विषयों पर विचार विमर्श करना है।
  • सैनिक समिति: इसका मुख्य कार्य नाटों परिषद् एवं उसकी प्रतिरक्षा समिति को सलाह देना है। इसमें सदस्य देशों के सेनाध्यक्ष शामिल होते हैं।

नाटो के अन्य देशो पर प्रभाव:

  • पश्चिमी यूरोप की सुरक्षा के तहत् बनाए गए नाटों संगठन ने पश्चिमी यूरोप के एकीकरण को बल प्रदान किया। इसने अपने सदस्यों के मध्य अत्यधिक सहयोग की स्थापना की।
  • इतिहास में पहली बार पश्चिमी यूरोप की शक्तियों ने अपनी कुछ सेनाओं को स्थायी रूप से एक अंतर्राष्ट्रीय सैन्य संगठन की अधीनता में रखना स्वीकार किया।
  • द्वितीय महायुद्ध से जीर्ण-शीर्ण यूरोपीय देशों को सैन्य सुरक्षा का आश्वासन देकर अमेरिका ने इसे दोनों देशों को ऐसा सुरक्षा क्षेत्र प्रदान किया जिसके नीचे वे निर्भय होकर अपने आर्थिक व सैन्य विकास कार्यक्रम पूरा कर सके।
  • नाटो के गठन से अमेरिकी पृथकक्करण की नीति की समाप्ति हुई और अब वह यूरोपीय मुद्दों से तटस्थ नहीं रह सकता था।
  • नाटो के गठन ने शीतयुद्ध को बढ़ावा दिया। सोवियत संघ ने इसे साम्यवाद के विरोध में देखा और प्रत्युत्तर में वारसा पैक्ट नामक सैन्य संगठन कर पूर्वी यूरोपीय देशों में अपना प्रभाव जमाने की कोशिश की।
  • नाटो ने अमेरिकी विदेश नीति को भी प्रभावित किया। उसकी वैदशिक नीति के खिलाफ किसी भी तरह के वाद-प्रतिवाद को सुनने के लिए तैयार नहीं रही और नाटो के माध्यम से अमेरिका का यूरोप में अत्यधिक हस्तक्षेप बढ़ा।
  • यूरोप में अमेरिका के अत्यधिक हस्तक्षेप ने यूरोपीय देशों को यह सोचने के लिए बाध्य किया कि यूरोप की सामाजिक-आर्थिक समस्याओं का समाधान यूरोपीय दृष्टिकोण से हल किया जाना चाहिए। इस दृष्टिकोण ने “यूरोपीय समुदाय” के गठन का मार्ग प्रशस्त किया।

इन्हें भी पढे: विश्व के प्रमुख अंतर्राष्ट्रीय संगठन और उनके मुख्यालयो की सूची

और जानिये : नाटो का इतिहास, स्थापना के कारण, उद्देश्य एवं अन्य सदस्य देशो की सूची

भारत की प्रतिरक्षा प्रणाली और महत्वपूर्ण तथ्यों की सूची

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भारत की प्रतिरक्षा प्रणाली एवं महत्वपूर्ण तथ्यों की सूची | Defence System of India in Hindi

भारतीय प्रतिरक्षा से सम्बंधित महत्वपूर्ण सामान्य ज्ञान: (Defence System of India and Important Facts in Hindi)

यहां पर भारतीय प्रतिरक्षा से सम्बंधित महत्वपूर्ण तथ्यों की सूची दी गई हैं। सामान्यतः इस सूची से सम्बंधित प्रश्न प्रतियोगी परीक्षाओं में पूछे जाते है। यदि आप विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं जैसे: आईएएस, शिक्षक, यूपीएससी, पीसीएस, एसएससी, बैंक, एमबीए एवं अन्य सरकारी नौकरियों के लिए तैयारी कर रहे हैं, तो आपको भारतीय प्रतिरक्षा से सम्बंधित महत्वपूर्ण तथ्यों के बारे में अवश्य पता होना चाहिए।

भारतीय प्रतिरक्षा से सम्बंधित महत्वपूर्ण तथ्यों की सूची:

जल, स्थल एवं वायु तीनों सेना का प्रमुख होता है राष्ट्रपति
तीनों सेना का मुख्यालय है नई दिल्ली में
स्थल सेना का सर्वोच्च अधिकारी होता है जनरल
वायु सेना का सर्वोच्च अधिकारी होता है एयर चीफ मार्शल
जल सेना का सर्वोच्च अधिकारी होता है ऐडमिरल
इंडियन नेवल एकेडमी स्थित है कोचीन में
एयर फोर्स टेक्निकल कॉलेज स्थित है जलाहाली ( बैंगलोर ) में
एयर फोर्स एकेडमी स्थित है हैदराबाद में
नेशनल डिफेन्स एकेडमी स्थित है खड्गवासला में
डिफेन्स सर्विस स्टाफ कॉलेज स्थित है विलिंगटन (तमिलनाडु) में
इंडियन मिलिट्री एकेडमी स्थित है देहरादून में
नेशनल डिफेंस कॉलेज स्थित है नई दिल्ली में
आई. एन. एस. तासिरकार्स स्थित है विशाखापत्तनम् में

इन्हें भी पढे: भारतीय नौसेना के अध्‍यक्षों के नाम और उनके कार्यकाल की सूची

और जानिये : भारत की प्रतिरक्षा प्रणाली और महत्वपूर्ण तथ्यों की सूची

उत्प्रेरक का अर्थ, प्रकार, विशेषताएँ एवं उनके कार्यो की सूची

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उत्प्रेरक का अर्थ, प्रकार, विशेषताएँ एवं उनके कार्यो की सूची

विज्ञान के प्रमुख उत्प्रेरक उनके प्रकार और विशेषताएँ: (Catalyst Types, Characteristics and Their Tasks in Hindi)

उत्प्रेरक का अर्थ या परिभाषा:

उत्प्रेरक उस पदार्थ को कहते हैं जो किसी रासायनिक क्रिया के वेग को बदल दे, परंतु स्वयं क्रिया के अंत में अपरिवर्तित रहता है, अत: उसे पुन: काम में लाया जा सकता है। अधिकांश क्रियाओं में उत्प्रेरक प्रतिक्रिया की गति को बढ़ा देता है। ऐसे उत्प्रेरकों को धनात्मक उत्प्रेरक कहते है; परंतु कुछ ऐसे भी उत्प्रेरक है जो रासायनिक क्रिया की गति को मंद कर देते हैं। ऐसे उत्प्रेरक ऋणात्मक उत्प्रेरक कहलाते हैं।

औद्योगिक रूप से महत्वपूर्ण रसायनों के निर्माण में उत्प्रेरकों की बहुत बड़ी भूमिका है क्योंकि इनके प्रयोग से अभिक्रिया की गति बढ जाती है जिससे अनेक प्रकार से आर्थिक लाभ होता है और उत्पादन तेज होता है। इसलिये उत्प्रेरण के क्षेत्र में अनुसंधान के लिये बहुत सा धन एवं मानव श्रम लगा हुआ है।

उत्प्रेरक की विशेषताएँ:

उत्प्रेरक की मुख्य विशेषताएँ निम्नलिखित हैं:

  • क्रिया के अंत में उत्प्रेरक अपरिवर्तित बच रहता है। उसके भौतिक संगठन में चाहे जो परिवर्तन हो जाएँ, परंतु उसके रासायनिक संगठन में कोई अंतर नहीं होता।
  • उत्प्रेरक पदार्थ की केवल थोड़ी मात्रा ही पर्याप्त होती है। उत्प्रेरक की यह विशेषता इस तथ्य पर निर्भर है कि वह क्रिया के अंत में अपरिवर्तित रहता है। परंतु कुछ ऐसी क्रियाओं में, जिनमें उत्प्रेरक एक माध्यमिक अस्थायी यौगिक बनता है, उत्प्रेरक की अधिक मात्रा की आवश्यकता होती है।
  • उत्प्रेरक उत्क्रमणीय प्रतिक्रियाओं में प्रत्यक्ष और विपरीत दोनों ओर की क्रियाओं को बराबर उत्प्रेरित करता है अत: उत्प्रेरक की उपस्थिति से प्रतिक्रिया की साम्य स्थिति में कोई परिवर्तन नहीं होता, केवल साम्यस्थापन के समय में ही अंतर हो जाता है।
  • उत्प्रेरक नई क्रिया को प्रारंभ कर सकता है। यद्यपि ओस्टवाल्ड ने सर्वप्रथम यह मत प्रगट किया था कि उत्प्रेरक नई क्रिया प्रारंभ नहीं कर सकता, तो भी आधुनिक वैज्ञानिकों का यह मत है कि उत्प्ररेक नई क्रिया को भी प्रारंभ कर सकता है।
  • प्रत्येक रासायनिक क्रिया में कुछ विशिष्ट उत्प्रेरक ही कार्य कर सकते हैं। अभी तक वैज्ञानिकों के लिए यह संभव नहीं हो सका है कि वे सभी रासायनिक क्रियाओं के लिए किसी एक ही उत्प्रेरक को काम में लाएँ। यह आवश्यक नहीं कि किसी एक क्रिया का उत्प्रेरक किसी दूसरी क्रिया को भी उत्प्रेरित करे।

उत्प्रेरक क्रियाओं के प्रकार:

प्राय: सभी उत्प्रेरित क्रियाओं को दो भागों में बाँटा जा सकता है: (1) समावयवी उत्प्रेरित क्रियाएँ (समावयवी उत्प्रेरण) (2) विषमावयवो उत्प्रेरित क्रियाएँ (विषमावयवी उत्प्रेरण)।

  1. समावयवी उत्प्रेरक: इन क्रियाओं में उत्प्रेरक, प्रतिकर्मक तथा प्रतिफल सभी एक ही अवस्था में उपस्थित होते हैं। उदाहरणर्थ, सल्फ़्यूरिक अम्ल बनाने की वेश्म विधि में सल्फर डाइआक्साइड, भाप तथा ऑक्सीजन के संयोग से सल्फ़्यूरिक अम्ल बनता है तथा नाइट्रिक आक्साइड द्वारा यह क्रिया उत्प्रेरित होती है। इस क्रिया में प्रतिकर्मक, उत्प्रेरक तथा प्रतिफल इसी गैसीय अवस्था में रहते हैं।
  2. विषमावयवी उत्प्रेरक: इन क्रियाओं में उत्प्रेरक, प्रतिकर्मक तथा प्रतिफल विभिन्न अवस्थाओं में उपस्थित रहते हैं। यथा, अमोनिया बनाने की हाबर-विधि में नाइट्रोजन तथा हाइड्रोजन की संयोगक्रिया की फ़ेरिक आक्साइड उत्प्रेरित करता है। सूक्ष्म निकल की उपस्थिति में वानस्पतिक तेलों का हाइड्रोजनीकरण इस प्रकार की क्रियाओं का एक अन्य उदाहरण है।

भौतिक एवं रासायनिक अभिक्रियाएं:

एक पदार्थ के दुसरे पदार्थ में बदलने के कारण ही नए पदार्थ का निर्माण होता है। जैसे – दुध का दही जमना, कांच का टुटना।

पदार्थ में होने वाले इन परिवर्तनों को दो भागों में बांटा जा सकता है।

  1. भौतिक परिवर्तन
  2. रासायनिक परिवर्तन

भौतिक परिवर्तन: पदार्थ में होने वाला वह परिवर्तन जिसमें केवल उसकी भौतिक अवस्था में परिवर्तन होता है तथा उसके रासायनिक गुण व अवस्था में कोई परिवर्तन नहीं होता है। भौतिक परिवर्तन कहलाता है। जैसे:- शक्कर का पानी में घुलना, कांच का टुटना, पानी का जमना आदि। भौतिक परिवर्तन से पदार्थ के रंग, रूप, आकार, परिमाप में ही परिवर्तन होता है। इससे कोई नया पदार्थ नहीं बनता। अभिक्रिया को विपरित करने पर सामान्यतः पदार्थ की मुल अवस्था प्राप्त की जा सकती है।

रासायनिक परिवर्तन: पदार्थ में होने वाला वह परिवर्तन जिसमें नया पदार्थ प्राप्त होता है जो मुल पदार्थ से रासायनिक व भौतिक गुणों में पूर्णतः भिन्न होता है। रासायनिक परिवर्तन कहलाता है। जैसे:- लोहे पर जंग लगना, दुध का दही जमना आदि।

विज्ञान के प्रमुख उत्प्रेरक और कार्यो की सूची:

उधोग या प्रक्रिया उत्प्रेरक
अमोनिया गैस बनाने की हैबर विधि लोहे का चूर्ण
वनस्पति तेलों से कृत्रिम घी बनाना निकिल
एल्कोहल से ईथर बनाने की विधि में गर्म एलुमिया
सल्फ्यूरिक अम्ल बनाने की सम्पर्क विधि में प्लेटिनम चूर्ण
क्लोरीन गैस बनाने की डीकन विधि क्यूप्रिक क्लोराइड
ग्लूकोस से एथिल अल्कोहल बनाने में जाइमेस एन्जाइम
गन्ने की शककर से सिरके के निर्माण माइकोडमी ऐसिटी
सल्फ्यूरिक अम्ल बनाने की सीसा कक्ष विधि में नाइट्रोजन के ऑक्साइड


इन्हें भी पढे: महत्वपूर्ण धातुओं के नाम और उनके अयस्कों की सूची

और जानिये : उत्प्रेरक का अर्थ, प्रकार, विशेषताएँ एवं उनके कार्यो की सूची


भारतीय पुलिस अधिकारियों की रैंकों के नाम एवं उनके बैज की सूची

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भारतीय पुलिस अधिकारियों की रैंक एवं उनके बैज की सूची: Indian Police Ranks and Insignia in Hindi

भारतीय पुलिस अधिकारियों की रैंक एवं उनके बैज की सूची: (List of Indian Police Ranks and their Insignia in Hindi)

भारतीय पुलिस सेवा:

भारतीय पुलिस सेवा, जिसे आम बोलचाल में भारतीय पुलिस या आईपीएस, के नाम से भी जाना जाता है, भारत सरकार के अखिल भारतीय सेवा के एक अंग के रूप में कार्य करता है, जिसके अन्य दो अंग भारतीय प्रशासनिक सेवा या आईएएस और भारतीय वन सेवा या आईएफएस हैं जो ब्रिटिश प्रशासन के अंतर्गत इंपीरियल पुलिस के नाम से जाना जाता था।

भारतीय पुलिस सेवा परीक्षा संघ लोक सेवा आयोग, दिल्ली (यूपीएससी) द्वारा प्रत्येक वर्ष मई से शुरु होकर जनवरी तक आयोजित की जाती है। जिसका उद्देश्य विभिन्न प्रकार के भारतीय पुलिस पदो को भरना है। और जिसमें प्रत्येक वर्ष हजारों की संख्या मैं युवा परीक्षा देते हैं जिसमे से की श्रेष्ठ युवा को इस पद के लिए चुना जाता हैं।

कांस्टेबल से पुलिस महानिदेशक (DGP) तक, बैज देखके ऐसे कर सकते हैं भारतीय पुलिस अधिकारियों की रैंक की पहचान:

भारतीय पुलिस विभाग में एक कंपनी की तरह अलग-अलग रैंक के अधिकारी काम करते हैं। लेकिन ज्यादातर लोग इन सभी के बारे में नहीं जानते हैं। पुलिस व्यवस्था में भी पद के अनुसार सभी पुलिसकर्मियों की एक अलग पहचान होती है एवं सभी पुलिसकर्मियों की वर्दियों पर अलग-अलग “बैज” लगे रहते हैं। आप इस बैज को देखकर अंदाजा लगा सकते हैं कि कौन-सा अधिकारी किस पद पर आसीन है। आम जनता के साथ-साथ ये जानकारी ऐसे कैंडिडेट्स के लिए भी लाभकारी हैं जो इंडियन पुलिस को ज्वाइन करना चाहते हैं या उससे जु़ड़ने जा रहे हैं। उनके लिए इन रैंक और बैज के बीच का फर्क पता होना चाहिए। हम यहां पर भारतीय पुलिस की सभी रैंक के बारे में बता रहे हैं।

आइए अब जानते हैं कि भारतीय पुलिस सेवा के विभिन्न राजपत्रित अधिकारियों एवं गैर-राजपत्रित अधिकारियों के “बैज” क्या है?

भारतीय पुलिस सेवा के राजपत्रित अधिकारी एवं उनके बैज:

  • खुफिया ब्यूरो (IB) के निदेशक (भारत सरकार) (DIB): खुफिया ब्यूरो (IB) के निदेशक की वर्दी पर अशोक स्तम्भ, एक स्टार और एक तलवार का निशान होता है।
  • पुलिस आयुक्त (राज्य) या पुलिस महानिदेशक (CP या DGP): पुलिस आयुक्त (राज्य) या पुलिस महानिदेशक की वर्दी पर अशोक स्तम्भ और एक तलवार का निशान होता है। कई स्थानों पर DGP को “कमिश्नर ऑफ पुलिस” (CP) भी कहते हैं। यह पद ब्रिटेन के “चीफ कांस्टेबल” के पद के बराबर होता है।
  • संयुक्त पुलिस आयुक्त या पुलिस महानिरीक्षक (JCP या IGP): संयुक्त पुलिस आयुक्त या पुलिस महानिरीक्षक के वर्दी पर एक स्टार और एक तलवार का निशान होता है। कई स्थानों पर IGP को “जवाइंट कमिश्नर ऑफ पुलिस” (JCP) भी कहते हैं। यह पद ब्रिटेन के “डिप्टी चीफ कांस्टेबल” के पद के बराबर होता है।
  • अतिरिक्त पुलिस आयुक्त या पुलिस उप महानिरीक्षक (ADL.CP या DIG): अतिरिक्त पुलिस आयुक्त या पुलिस उप महानिरीक्षक के वर्दी पर अशोक स्तम्भ और तीन स्टार का निशान होता है। कई स्थानों पर DIG को “एडिशनल कमिश्नर ऑफ पुलिस” (Add.CP) भी कहते हैं। यह पद ब्रिटेन के “असिस्टेंट चीफ कांस्टेबल” के पद के बराबर होता है।
  • पुलिस उपायुक्त या वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (DCP या SSP): पुलिस उपायुक्त या वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के वर्दी पर अशोक स्तम्भ और दो स्टार का निशान होता है। कई स्थानों पर SSP को “डिप्टी कमिश्नर ऑफ पुलिस” (DCP) भी कहते हैं। यह पद ब्रिटेन के “चीफ सुप्रिटेन्डेन्ट” के पद के बराबर होता है।
  • पुलिस उपायुक्त या पुलिस अधीक्षक (DCP या SP): पुलिस उपायुक्त या पुलिस अधीक्षक के वर्दी पर अशोक स्तम्भ और एक स्टार का निशान होता है। कई स्थानों पर SP को “डिप्टी कमिश्नर ऑफ पुलिस” (DCP) भी कहते हैं। यह पद ब्रिटेन के “चीफ सुप्रिटेन्डेन्ट” के पद के बराबर होता है।
  • अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त या अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (ADL.DCP या ASP): अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त या अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक के वर्दी पर अशोक स्तम्भ का निशान होता है। कई स्थानों पर ASP को “एडिशनल डिप्टी कमिश्नर ऑफ पुलिस” (ADL.DCP) भी कहते हैं।
  • सहायक पुलिस आयुक्त या पुलिस उपाधीक्षक (ACP या DSP): सहायक पुलिस आयुक्त या पुलिस उपाधीक्षक के वर्दी पर तीन स्टार का निशान होता है। कई स्थानों पर DSP को “असिस्टेंट कमिश्नर ऑफ पुलिस” (ACP) भी कहते हैं। यह पद ब्रिटेन के “चीफ इन्स्पेक्टर” के पद के बराबर होता है।
  • सहायक पुलिस अधीक्षक (सेवा के 2 साल बाद) (ASST.SP): सहायक पुलिस अधीक्षक (सेवा के 2 साल बाद) के वर्दी पर दो स्टार का निशान होता है।
  • सहायक पुलिस अधीक्षक (सेवा के 1 साल बाद) (ASST.SP): सहायक पुलिस अधीक्षक (सेवा के 1 साल बाद) के वर्दी पर एक स्टार का निशान होता है।

भारतीय पुलिस सेवा के गैर-राजपत्रित अधिकारी एवं उनके बैज:

  • पुलिस निरीक्षक (इंस्पेक्टर) (INS): पुलिस निरीक्षक (इंस्पेक्टर) के वर्दी पर तीन स्टार का निशान होता है। इसके अलावा लाल और नील रंग की लाईन बनी होती है।
  • सहायक पुलिस निरीक्षक (API): सहायक पुलिस निरीक्षक (इंस्पेक्टर) या असिस्टेंट पुलिस निरीक्षक (इंस्पेक्टर) (API) के वर्दी पर तीन स्टार का निशान होता है। इसके अलावा लाल रंग की लाईन बनी होती है।
  • पुलिस उप निरीक्षक (SI): पुलिस उप निरीक्षक या सब-इंस्पेक्टर (SI) के वर्दी पर दो स्टार का निशान होता है। इसके अलावा लाल और नील रंग की लाईन बनी होती है।
  • सहायक पुलिस उप निरीक्षक (ASI): सहायक पुलिस उप निरीक्षक या असिस्टेंट सब-इंस्पेक्टर (ASI) के वर्दी पर एक स्टार का निशान होता है। इसके अलावा लाल और नील रंग की लाईन बनी होती है।
  • पुलिस हेड कांस्टेबल (HPC): पुलिस हेड कांस्टेबल (HPC) के वर्दी पर काले पट्टी के ऊपर पीले रंग की तीन लाईन बनी होती है। इसके अलावा उनके वर्दी पर लाल रंग की तीन धारियों वाला बिल्ला भी होता है।
  • वरिष्ठ पुलिस कांस्टेबल (SPC): वरिष्ठ पुलिस कांस्टेबल (SPC) के वर्दी पर काले पट्टी के ऊपर पीले रंग की दो लाईन बनी होती है। इसके अलावा उनके वर्दी पर लाल रंग की दो धारियों वाला बिल्ला भी होता है।
  • पुलिस कांस्टेबल (PC): इनके वर्दी पर कोई बैज नहीं रहता है।

इन्हें भी पढे: भारत सरकार के वर्तमान कैबिनेट मंत्रियों के नाम और उनके विभाग 2017

और जानिये : भारतीय पुलिस अधिकारियों की रैंकों के नाम एवं उनके बैज की सूची

पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्रियों के नाम, कार्यकाल एवं उनकी राजनीतिक पार्टी (वर्ष 1947 से 2017)

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पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्रियों की सूची (1947-2017 ): (Chief Ministers of West Bengal in Hindi

पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्रियों की सूची (1947-2017): (Chief Ministers of West Bengal in Hindi)

पश्चिम बंगाल:

पश्चिम बंगाल (भारतीय बंगाल) भारत के उत्तरपूर्वी भाग में स्थित एक राज्य है। इसकी राजधानी कोलकाता है। इसके उत्तर में भूटान और सिक्किम, पूर्व में बांग्लादेश और उत्तर-पूर्व में असम है। यह दक्षिण की ओर से बंगाल की खाड़ी, दक्षिण-पश्चिम की ओर से ओडिशा, उत्तर-पश्चिम की ओर से नेपाल और पश्चिम की ओर से बिहार से घिरा है। इस राज्य मे 20 ज़िले है। यहां की मुख्य भाषा बांग्ला है।

पश्चिम बंगाल का इतिहास:

बंगाल पर इस्लामी शासन 13वीं शताब्दी से प्रारंभ हुआ तथा 16वीं शताब्दी में मुग़ल शासन में व्यापार तथा उद्योग का एक समृद्ध केन्द्र में विकसित हुआ। 15वीं शताब्दी के अन्त तक यहाँ यूरोपीय व्यापारियों का आगमन हो चुका था तथा 18वीं शताब्दी के अन्त तक यह क्षेत्र ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के नियन्त्रण में आ गया था। भारत में ब्रिटिश साम्राज्य का उद्गम यहीं से हुआ। 1949 में भारत स्वतंत्र हुआ और इसके साथ ही बंगाल, मुस्लिम प्रघान पूर्व बंगाल (जो बाद में बांग्लादेश बना) तथा हिंदू प्रघान पश्चिम बंगाल (भारतीय बंगाल) में विभाजित हुआ।

पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री:

वर्तमान में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी हैं। ममता बनर्जी ने 20 मई 2011 को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। पश्चिम बंगाल के प्रथम मुख्यमंत्री प्रफुल्ल चंद्र घोष थे।

पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्रियों की सूची 1947 से अब तक:

पश्चिम बंगाल के प्रीमियर:

मुख्यमंत्री का नाम पदभार ग्रहण पदमुक्ति दल/राजनीतिक पार्टी
प्रफुल्ल चंद्र घोष 15 अगस्त 1947 22 जनवरी 1948 भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
बिधान चंद्र राय 23 जनवरी 1948 25 जनवरी 1950 भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस

पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री:

मुख्यमंत्री का नाम पदमुक्ति पदमुक्ति दल/राजनीतिक पार्टी
बिधान चंद्र राय 26 जनवरी 1950 01 जुलाई 1962 भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
प्रफुल्ल चंद्र सेन 01 जुलाई 1962 28 फरवरी 1967 भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
अजय कुमार मुखर्जी 01 मार्च 1967 21 नवंबर 1967 बांग्ला कांग्रेस
प्रफुल्ल चंद्र घोष 21 नवंबर 1967 19 फरवरी 1968 स्वतंत्र
 राष्ट्रपति शासन (20 फरवरी 1968 से 25 फरवरी 1969 तक)
अजय कुमार मुखर्जी 25 फरवरी 1969 30 जुलाई 1970 बांग्ला कांग्रेस
 राष्ट्रपति शासन (30 जुलाई 1970 से 02 मार्च 1971 तक)
अजय कुमार मुखर्जी 2 अप्रैल 1971 25 जून 1971 भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
 राष्ट्रपति शासन (25 जून 1971 से 19 मार्च 1972 तक)
सिद्धार्थ शंकर रे 20 मार्च 1972 30 अप्रैल 1977 भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
 राष्ट्रपति शासन (30 अप्रैल 1977 से 20 जून 1977 तक)
ज्योति बसु 21 जून 1977 05 नवंबर 2000 कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी)
बुद्धदेव भट्टाचार्य 06 नवंबर 2000 13 मई 2011 कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी)
ममता बनर्जी 20 मई 2011 वर्तमान में तृणमूल कांग्रेस

इन्हें भी पढ़े: भारतीय राज्यों के वर्तमान मुख्यमंत्री एवं उनकी राजनीतिक पार्टी

और जानिये : पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्रियों के नाम, कार्यकाल एवं उनकी राजनीतिक पार्टी (वर्ष 1947 से 2017)

वर्ष 2017 की प्रसिद्ध भारतीय पुस्तकें एवं उनके लेखकों की सूची

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पुस्तक और लेखक 2017, प्रसिद्ध भारतीय लेखक और पुस्तक Books & Authors 2017

वर्ष 2017 की प्रसिद्ध भारतीय पुस्तकें एवं उनके लेखक: (List of Important Books and Authors 2017 in Hindi)

यहाँ पर वर्ष 2017 की महत्त्वपूर्ण एवं चर्चित किताबों और उनके लेखकों के नाम की सूची दी गयी है, जो जनवरी 2017 माह में काफी सुर्ख़ियों में रहीं और जिनके आधार पर प्रतियोगी परीक्षाओं में एक या दो प्रश्न अवश्य पूछे जाते है और आगे भी पूछे जायेंगे। यदि आप सरकारी नौकरियों के लिए विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाएँ जैसे: एसएससी, यूपीएससी, रेलवे, पीएसएस, बैंक, शिक्षक, टीईटी, कैट एवं अन्य किसी प्रकार की परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं तो आप इन पुस्तकों के बारे में पता होना चाहिए।

इन्हें भी पढे: वर्ष 2016 की प्रसिद्ध पुस्तकें एवं उनके लेखक

वर्ष 2017 की 17 प्रसिद्ध भारतीय पुस्तकें एवं उनके लेखकों की सूची:

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पुस्तकों का नाम लेखकों का नाम
द अनटोल्ड वाजपेयी: पॉलिटीशियन एंड पैराडॉक्स उल्लेख एनपी
खुल्लम खुल्ला: ऋषि कपूर अनसेंसर्ड ऋषि कपूर एवं मीना नायर
जिन्नाह ऑफ्टन कैम टू ओउर हाउस किरण दोशी (हिंदू पुरस्कार 2016 विजेता)
द पीपुल्स राष्ट्रपति: डॉ ए.पी.जे. अब्दुल कलाम एस. एम. खान
द आदिवासी विल नॉट डांस हंसदा सौवेन्द्र शेखर
कलकत्ता कुणाल बसु
हाफ ऑफ़ व्हाट आई से अनिल मेनन
द आइलैंड ऑफ़ लोस्ट गर्ल्स मंजुला पद्मनाभन
वीरप्पन, चेजिंग द ब्रिगैंड विजय कुमार
‘पाकिस्तान: कोटिंग द अबिस’ तिलक देवेशर
डिटेरियोरेशन इन हायर एजुकेशन कन्हैया प्रसाद सिन्हा
इंडियन रेलवे- द वैविंग ऑफ ए नेशनल टैपेस्ट्री’ बिबेक देबरॉय, संजय चड्ढा और विद्याकृष्णमूर्ति ने संयुक्त रूप से लिखी है।
होम ऑफ़ द ब्रेव नितिन ए. गोखले तथा ब्रिगेडियर एस. के. चटर्जी ने संयुक्त रूप से लिखी है।
भारत की दुग्ध क्रान्ति के 50 वर्ष राधा मोहन सिंह (लोकार्पण किया है।)
रेखा– द अनटोल्ड स्टोरी यासीर उस्मान
हेमा मालिनी: बियोंड द ड्रीम गर्ल राम कमल मुखर्जी
वीरप्पन, चेज़िंग द ब्रिगंड विजय कुमार (गृह मंत्रालय में वरिष्ठ सुरक्षा सलाहकार)

और जानिये : वर्ष 2017 की प्रसिद्ध भारतीय पुस्तकें एवं उनके लेखकों की सूची

भारत में प्रथम प्रसिद्ध पुरुषों के नाम और उनकी उपलब्धियॉ (विभिन्न क्षेत्रों में)

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भारत में 58 प्रथम पुरुषों की सूची- First Men/Male in India in Hindi

भारत में प्रथम पुरुषों के नाम और उनकी उपलब्धियॉ: (List of First Men/Male Personalities in India in Hindi)

यहां भारत में प्रथम पुरुषों के नाम और उनकी उपलब्धियों की सूची दी गयी है,जिन्होंने भारत में सबसे पहले अपना प्रभुत्व स्थापित किया है। भारतीय पुरुषों ने संसार के विभिन्न क्षेत्रों में जैसे:- इतिहास, समाजशास्त्र, साहित्य, खेल, राजनीति, पुरस्कार और सम्मान, मनोरंजन, क्षेत्रों में अपना बहुमूल्य योगदान दिया है। भारत में प्रथम व्यक्ति के आधार पर हर परीक्षा में कुछ प्रश्न अवश्य पूछे जाते है, इसलिए यह आपकी सभी प्रकार की परीक्षा की तैयारी के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। आइये जाने ऐसी ही भारत में प्रथम 60 प्रसिद्ध पुरुषों के नाम और उनकी उपलब्धियों के बारे में:-

इन्हें भी पढे: भारत में प्रथम महिलाओं की सूची

भारत में प्रथम पुरुषों के नाम और उनकी उपलब्धियों की सूची: (विभिन्न क्षेत्रों में):-

उपलब्धि नाम
भारत के पहले सिख मुख्य न्यायाधीश जस्टिस जगदीश सिंह खेहर (04 जनबरी 2017)
एकदिवसीय क्रिकेट में 200 छक्के लगाने वाले पहले भारतीय बल्लेबाज महेंद्र सिंह धोनी (19 जनबरी 2017)
पहले भारतीय तैराक जिन्होंने सन 1956 में मेलबोर्न में हुए ग्रीष्मकालीन ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व किया शमशेर खान
मिस्टर वर्ल्ड खिताब जीतने वाले पहले भारतीय रोहित खंडेलवाल
भारतीय क्रिकेट इतिहास में पिंक बॉल से पांच विकेट लेने वाले पहले गेंदबाज मोहम्मद शमी
वनडे कैरियर की शुरुआत में शतक बनाने वाले पहले भारतीय बल्लेबाज लोकेश राहुल
मुंबई मेयर्स अंतरराष्ट्रीय ओपन शतरंज टूर्नामेंट जीतने वाले पहले भारतीय एन. आर. विसाख
स्वतंत्र भारत के प्रथम  गवर्नर जनरल लार्ड लुई माउन्टबेटन
स्वतंत्र भारत के प्रथम भारतीय गवर्नर जनरल चक्रवर्ती राजगोपालाचारी
भारतीय थल सेना के प्रथम सभापति जनरल के एम् करिप्पा
भारत के प्रथम फील्ड मार्शल जनरल एस.एच.एफ. जे. मानेक शा
भारत के प्रथम राष्ट्रपति डा. राजेन्द्र प्रसाद
भारत के प्रथम उप राष्ट्रपति डा. सर्वपल्ली राधा कृष्णन
भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरु
भारत के प्रथम विशुद्ध गैर कांग्रेसी प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी
भारत के प्रथम ब्रिटिश गवर्नर जनरल ऑफ़ बंगाल वारेन हेस्टिंग
भारत के प्रथम अन्तरिक्ष यात्री स्कवाड्रन लीडर राकेश शर्मा
भारत के प्रथम आई.सी. एस. सत्येन्द्र नाथ टैगोर
इंग्लिश चैनल तैरकर पार करने वाला प्रथम तैराक मिहिर सेन
‘रेमन मैग्सेसे पुरस्कार’ प्राप्तकर्ता प्रथम भारतीय विनोबा भावे
भारत के प्रथम  नोबेल पुरस्कार विजेता रविन्द्र नाथ टैगोर
राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष व्योमेश चन्द्र बनर्जी
भारत के प्रथम लोकसभा अध्यक्ष जी. वी. मावलंकर
भारत के प्रथम मुख्य चुनाव आयुक्त सुकुमार सेन
अन्तराष्ट्रीय न्यायालय के प्रथम भारतीय अध्यक्ष न्याय मूर्ति डा. नागेन्द्र सिंह
‘भारत रत्न’ से विभूषित प्रथम विदेशी खान अब्दुल गफ्फार खान
भारतीय अन्टार्कटिका अभियान दल के नेता डा. सैयद जहूर कासिम
सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति हीरालाल जे. कानिया
‘भारत रत्न’ से सम्मानित  भारतीय डा. सर्वपल्ली राधाकृष्णन
मरणोपरांत ‘भारत रत्न’ से सम्मानित प्रथम साहित्यकार लाल बहादुर शास्त्री
‘भारतीय ज्ञानपीठ पुरस्कार’ से सम्मानित प्रथम साहित्यकार जी. शंकर कुरूप (मलयालम 1965)
सफल हृदय प्रत्यारोपणकर्ता सफल व्यक्ति डा. पी. वेणुगोपाल
सफल हृदय प्रत्यारोपण कराने वाला सफल व्यक्ति देवी राम (1994)
‘राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग’ के अध्यक्ष न्यायमूर्ति रंगनाथ मिश्र
भारतीय ज्ञानपीठ पुरस्कार’ से सम्मानित हिंदी साहित्यकार सुमित्रा नंदन पन्त  (1968)
विश्व बिलीयर्ड्स ख़िताब विजेता भारतीय विल्सन जोन्स
ग्रैमी पुरस्कार विजेता प्रथम भारतीय पंडित रवि शंकर
संयुक्त राष्ट्र संघ में हिंदी में भाषणकर्ता अटल बिहारी वाजपेयी (1977)
ब्रिटेन के हाउस ऑफ़ कांग्रेस के भारतीय सदस्य दादा भाई नौरोजी (1892)
राष्ट्रीय विज्ञान कांग्रेस के प्रथम अध्यक्ष सर आशुतोष मुखर्जी
माउन्ट एवरेस्ट पर 8 बार चढ़ने वाला पर्वतारोही शेरपा अंगरीता
‘व्यास सम्मान’ से सम्मानित लेखक राम विलास शर्मा
विश्व बैंक के भारतीय प्रबंध निदेशक गौतम काजी
‘पदम् भूषण’ से सम्मानित खिलाडी सी. के. नायडू
‘डेविस कप’ में खेलने वाले भारतीय खिलाडी एम. सलीम
टेस्ट क्रिकेट खेलने वाले प्रथम भारतीय के.एस.रणजीत सिंह जी
लोकसभा हेतु निर्वाचित प्रथम भारतीय वैज्ञानिक डा. मेघनाद साहा
घनश्याम दास बिड़ला पुरस्कार से पुरस्कृत वैज्ञानिक प्रो. आशीष दत्ता
‘मूर्ति देवी पुरस्कार’ से सम्मानित साहित्यकार सी. के. नागराज राव
ब्रिटेन में उच्चायुक्त बने प्रथम भारतीय व्यक्ति वी के कृष्णमेनन
लेनिन शांति पुरस्कार से सम्मानित भारतीय पुरुष डा. सैफुद्दीन किचलू
ब्रिटिश संसद हेतु चुनाव लड़ा भारतीय लाल मोहन घोष
ब्रिटिश कालीन उच्च न्यायालय में न्यायाधीश बना भारतीय राम प्रसाद राम
वायसराय की कार्यकारिणी परिषद् का भारतीय सदस्य सर एस.पी. सिन्हा
वित्त आयोग के प्रथम अध्यक्ष के.सी. नियोगी
अमेरिका कांग्रेस का भारतीय सदस्य दिलीप सिंह
टेस्ट क्रिकेट में हैट्रिक लेने वाला प्रथम भारतीय गेंदबाज हरभजन सिंह
टेस्ट क्रिकेट में तिहरा शतक ज़माने वाला प्रथम भारतीय बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग
भारतीय वायु सेना में प्रथम मार्शल अर्जन सिंह
आईएएफएस हॉल ऑफ़ फेम पुरस्कार हेतु चयनित प्रथम भारतीय यूआर राव

और जानिये : भारत में प्रथम प्रसिद्ध पुरुषों के नाम और उनकी उपलब्धियॉ (विभिन्न क्षेत्रों में)

विश्व में प्रथम प्रसिद्ध पुरुषों के नाम और उनकी उपलब्धियॉ (विभिन्न क्षेत्रों में)

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विश्व में प्रथम पुरुष/घटनाएँ- First Male/Event in World in Hindi

विश्व में प्रथम पुरुषों की सूची: (List of First Man or Known as first Male in the World in Hindi)

यहां पर विश्व में प्रथम प्रसिद्ध पुरुषों के नाम और उनकी उपलब्धियों की सूची दी गयी है, जिन्होंने विश्व में सबसे पहले अपना प्रभुत्व स्थापित किया है। विश्व के पुरुषों ने इतिहास के विभिन्न क्षेत्रों में जैसे:- इतिहास, समाजशास्त्र, साहित्य, खेल, राजनीति, पुरस्कार और सम्मान, मनोरंजन, क्षेत्रों में अपना बहुमूल्य योगदान दिया है। विश्व में प्रथम पुरुषों के आधार पर हर परीक्षा में कुछ प्रश्न अवश्य पूछे जाते है, इसलिए यह आपकी सभी प्रकार की परीक्षा की तैयारी के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। आइये जाने विश्व में प्रथम 41 पुरुषों के नाम और उनकी उपलब्धियों के बारे में:-

इन्हें भी पढे: विश्व में प्रथम महिलाओं की सूची

विश्व में प्रथम 41 पुरुषों की सूची (विभिन्न क्षेत्रों में): 

उपलब्धि प्रथम पुरुष का नाम
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 100 शतक बनाने वाला पहला खिलाडी सचिन तेंदुलकर
अंतरिक्ष में पहुँचने वाला प्रथम व्यक्ति यूरी गागरीन
अंतरिक्ष में विचरण करने वाला प्रथम व्यक्ति एलेक्सी लियोनोव
अन्तरिक्ष में पहुँचने वाला प्रथम व्यक्ति मेजर युरी गागरिन (रूस)
अन्तरिक्ष में भेजा जाने वाला प्रथम अन्तरिक्ष शटल कोलंबिया (अप्रैल, 1991)
अर्थशास्त्र के प्रथम नोबेल पुरस्कार विजेता रैगनर फ़्रिश एवं जौन टिनब्रजेन
इंग्लैण्ड के प्रथम प्रधानमंत्री राबर्ट बालपोल
उत्तरी ध्रुव पर पहुँचने वाला प्रथम व्यक्ति रॉबर्ट पियरी
एवरेस्ट शिखर पर पहुँचने वाला पहला व्यक्ति शेरपा तेनजिंग तथा सर एडमंड हिलेरी
ऑस्कर अवार्ड जीतने वाले विश्व के पहले मुस्लिम अभिनेता महेरशला अली
चन्द्रमा पर उतरने वाला प्रथम व्यक्ति नील आर्मस्ट्रॉंग
चिकित्सा के प्रथम नोबेल पुरस्कार विजेता ए. ई. बान बेहरिंग
चीन गणराज्य के पहले राष्ट्रपति डाँ सनयात सेन
चीन पहुँचने वाला प्रथम यूरोपियन मार्कोपोलो
चीनी गणराज्य का प्रथम राष्ट्रपति डॉ० सनयात सेन
दक्षिणी ध्रुव पर पहुँचने वाला पहला व्यक्ति रोनाल्ड एमुण्डसेन (नार्वे)
दक्षिणी ध्रुव पर पहुँचने वाला प्रथम व्यक्ति एमण्डसन
पाकिस्तान का प्रथम गवर्नर जनरल मोहम्मद अली जिन्ना
पृथ्वी का मानचित्र बनाने वाला प्रथम व्यक्ति अलेग्जिमेंडर
प्रथम अन्तरिक्ष पर्यटक डेनिस टीटो
भारत आने वाला प्रथम अंग्रेज कैप्टन हाकिन्स
भारत आने वाला प्रथम अंग्रेज रैल्फ फिश
भारत आने वाला प्रथम यूरोपीय सिकंदर
भारत आने वाले पहले अमेरिकी राष्ट्रपति हैरॅाल्ड मैकमिलन
भारत आने वाले पहले ब्रिटिश प्रधानमंत्री ड्वाइट डेविड
भारत पर आक्रमण करने वाला प्रथम यूरोपियन सिकंदर
भौतिकी के प्रथम नोबेल पुरस्कार विजेता डब्ल्यू. ए.रोएंटजन
मांउट एवरेस्ट पर चढ़ने वाला प्रथम विकलांग व्यक्ति टॅाम व्हिटकर
रसायन के प्रथम नोबेल पुरस्कार विजेता जे. एच. वैंटहॉफ
वनडे अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पहला दोहरा शतक लगाने वाला खिलाडी सचिन तेंदुलकर
वायुयान से पहली उड़न भरने वाला व्यक्ति राइट बंधू
विंबलडन (टेनिस) जीतने वाला प्रथम अश्वेत आर्थर एश
विश्व के चारो ओर समुद्री यात्रा करने वाला प्रथम व्यक्ति फर्दीनेंड मैगलन
विश्व के चारों ओर समुद्री यात्रा करने वाला प्रथम व्यक्ति मैगलन
विश्व में पहला तिहरा टेस्ट शतक लगाने वाला खिलाडी एंडी सनढम
शांति और संप्रभुता के लिए पहला ह्यूगो चावेज पुरस्कार विजेता व्लादिमीर पुतिन
शांति के प्रथम नोबेल पुरस्कार विजेता जीन एफ. ड्यूनोट एवं फ्रेडरिक पैसी
संयुक्त राज्य अमेरिका का प्रथम राष्ट्रपति जॉर्ज वाशिंगटन
संयुक्त राष्ट्र संघ (यू.एन.ओ.) के प्रथम महासचिव त्रिग्वेली (नार्वे)
साहित्य के प्रथम नोबेल पुरस्कार विजेता रेने एफ. ए. सुल्ली प्रुघोम
हृदय प्रत्यारोपण करने वाला प्रथम चिकित्सक डाँ. क्रिश्चियन बनार्ड

और जानिये : विश्व में प्रथम प्रसिद्ध पुरुषों के नाम और उनकी उपलब्धियॉ (विभिन्न क्षेत्रों में)

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