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साहित्य अकादमी पुरस्कार 2016 से सम्मानित होने वाले व्यक्तियों की सूची

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साहित्य अकादमी पुरस्कार 2016 से सम्मानित होने वाले व्यक्तियों की सूची

वर्ष 2016 के साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित व्यक्तियों की सूची: (List of Shahitya Akademi Awards Winners 2016 in Hindi)

21 दिसम्बर की शाम को वर्ष 2016 के साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित होने वाले व्यक्तियों की घोषणा हो गई। जानी मानी लेखिका नासिरा शर्मा को उनके उपन्यास ‘पारिजात’ के लिए हिंदी में साहित्य अकादमी पुरस्कार दिया जायेगा। इसके साथ ही अंग्रेजी में जेरी पिंटो, उर्दू में निजाम सिद्दिकी, पंजाबी में स्वराजबीर, मैथिली में श्याम दरिहरे समेत 24 साहित्यकारों को यह पुरस्कार दिया जाएगा।

इस बार जिन कृतियों के लिए ये पुरस्कार प्रदान किए जाने हैं उनमें आठ कविता संग्रह, सात कहानी संग्रह, पांच उपन्यास, दो समालोचना, एक निबंध संग्रह और नाटक शामिल हैं। पुरस्कार के रुप में एक ताम्रफलक, एक शॉल और एक लाख रुपये दिये जाते हैं।

साहित्य अकादमी पुरस्कार 2016 के विजेताओं की सूची

विजेताओं का नाम कृति का नाम भाषा
निज़ाम सिद्दिक़ी माबाद-ए-जदिदिआत से नये अहेद की तखलिक़ियात तक (समालोचना) उर्दू
नासिरा शर्मा पारिजात (उपन्यास) हिन्दी
जेरी पिंटो एम एंड द बिग हूम (उपन्यास) अंग्रेज़ी
स्वराजबीर मसिआ दी रात (नाटक) पंजाबी
सीतानाथ आचार्य शास्त्री काव्यनिर्झरी (कविता) संस्कृत
ज्ञान पुजारी मेघमालार भ्रमण (कविता) असमिया
नृसिंह प्रसाद भादुड़ी महाभारतेर अष्टादशी (निबंध) बांग्ला
अंजु (अंजलि नार्जारी) आं माबोरै दं दासों (कविता) बोडो
छत्रपाल चेता (कहानी) डोगरी
कमल वोरा अनेकअेक (कविता) गुजराती
बोलवार महमद कु यिं स्वतंत्रायदा ओटा (उपन्यास) कन्नड
अज़ीज़ हाजिनी आने ख़ाने (समालोचना) कश्मीरी
एडविन जे.एफ़. डिसोजा काले भांगार (उपन्यास) कोंकणी
श्याम दरिहरे बड़की काकी एट हॉटमेल डॉट कॉम (कहानी) मैथिली
प्रभा वर्मा श्याममाधवम (कविता) मलयालम
मोइरांगथेम राजेन चेपथरबा ईशिंगपुन (कहानी) मणिपुरी
आसाराम लोमटे आलोक (कहानी) मराठी
गीता उपाध्याय जन्मभूमि मेरो स्वदेश (उपन्यास) नेपाली
पारमिता सत्पथी प्राप्ति (कहानी) ओड़िया
बुलाकी शर्मा मरदजात अर दूजी कहाणियां (कहानी) राजस्थानी
गोबिन्दचन्द्र माझी नालहा (कविता) संथाली
नन्द जावेरी आखर कथा (कविता) सिन्धी
वन्नादासन ओरु सिरु इसै (कहानी) तमिल
पापिनेनि शिवशंकर रजनीगन्धा (कविता) तेलुगु

इन्हें भी पढे: पद्म पुरस्कार 2016 से सम्मानित व्यक्तियों की सूची

और जानिये : साहित्य अकादमी पुरस्कार 2016 से सम्मानित होने वाले व्यक्तियों की सूची


सरस्वती सम्मान से सम्मानित व्यक्तियों के नाम एवं वर्ष (1991 से 2017 तक)

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सरस्वती सम्मान से सम्मानित व्यक्तियों की सूची- Saraswati Samman Awardees list in Hindi

सरस्वती सम्मान से सम्मानित व्यक्तियों की सूची: (List of Saraswati Samman Awardees from 1991 to 2017 in Hindi)

सरस्वती सम्मान का इतिहास:

सरस्वती सम्मान के. के. बिड़ला फ़ाउंडेशन द्वारा दिया जाने वाला साहित्य पुरस्कार है। यह सम्मान प्रतिवर्ष भारतीय संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल भाषाओं के भारतीय लेखकों की पिछले 10 सालों में प्रकाशित साहित्यिक कृति को पुरस्कृत किया जाता है।

सरस्वती सम्मान की विशेषताएं और महत्वपूर्ण तथ्य:

  • सरस्वती सम्मान में शाल, प्रशस्ति पत्र, प्रतीक चिह्न और पंद्रह लाख रुपये की सम्मान राशि दी जाती है।
  • सरस्वती सम्मान का आरंभ 1991 में किया गया था।
  • पहला सरस्वती सम्मान हिंदी के साहित्यकार डॉ. हरिवंश राय बच्चन को उनकी चार खंडों की आत्मकथा के लिए दिया गया था।
  • डोगरी की साहित्यकार पद्मा सचदेव को वर्ष 2015 का प्रतिष्ठित सरस्वती सम्मान उनकी आत्मकथा चित्त-चेत के लिए दिया गया।
  • सरस्वती सम्मान वर्ष 2016 के लिए कोंकणी के जाने-माने साहित्यकार महाबलेश्वर सैल को चुना गया है। उनके उपन्यास ‘हाउटन’ के लिए उनको यह सम्मान दिया जाएगा।

सरस्वती सम्मान से सम्मानित व्यक्तियों की सूची:

वर्ष साहित्यकार का नाम कृति/उपन्यास/काव्य
2016 महाबलेश्वर सैल हाउटन (उपन्यास)
2015 पद्मा सचदेव चित्त-चेत (आत्मकथा)
2014 वीरप्पा मोइली कन्नड़
2013 गोविन्द मिश्र हिन्दी
2012 संगठाकुमारी मलयालम
2011 ए.ए. मानवालन तमिल
2010 प्रो. एस.एल. भयरप्पा उपन्यास ‘मंद्र’ (कन्नड़)
2009 सुरजीत पातर लफ्जों दी दरगाह
2008 लक्ष्मी नंदन बोरा असमी
2007 नैयर मसूद उर्दू
2006 जगन्नाथ प्रसाद दास उड़िया
2005 प्रो. के अय्यप्पा पणिकर मलयालम
2004 सुनील गंगोपाध्याय बांग्ला
2003 प्रो. गोविन्द चंद्र पांडे संस्कृत
2002 महेश अलकौंचवार मराठी
2001 दलीप कौर तिवाना पंजाबी
2000 मनोज दास उड़िया
1999 इंद्रा पार्थसारथी तमिल
1998 प्रो. शंख घोष बांग्ला
1997 मनुभाई पंचोली ‘दर्शक’ गुजराती
1996 शमसुर रहमान फ़ारूखी उर्दू
1995 बालमणि अम्मा मलयालम
1994 डा. हरभजन सिंह पंजाबी
1993 विजय तेंदुलकर मराठी
1992 रमाकांत रथ उड़िया
1991 हरिवंश राय बच्चन आत्मकथा (हिन्दी)

इन्हें भी पढे: व्यास सम्मान से सम्मानित व्यक्तियों की सूची

और जानिये : सरस्वती सम्मान से सम्मानित व्यक्तियों के नाम एवं वर्ष (1991 से 2017 तक)

वर्ष 2017 में भारत के प्रमुख व्रत, पर्व और त्योहार की तिथि व दिन

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वर्ष 2017 के व्रत, पर्व और त्योहार, भारत के प्रमुख व्रत व त्योहार 2017

वर्ष 2017 में भारत के प्रमुख के व्रत, पर्व और त्योहार की तिथि व दिन: (List of Indian Festivals 2017 in Hindi)

भारतीय त्योहार

भारत अनेकता में एकता का देश है। इसमें दुनिया के प्रायः सभी धर्म एवं सम्प्रदाय मौजूद हैं, जिन्हें हर तरह की धार्मिक स्वतंत्रता प्राप्त है और वे अपने-अपने पर्व-त्योहार अपनी परंपरा के अनुसार मनाने के लिए स्वतंत्र हैं। हमारे पर्व या त्योहार मात्र उत्सव नहीं होते जिन्हें उल्लास और उमंग के साथ मनाकर एक औपचारिकता पूरी कर दी जाती है, बल्कि अधिकांश पर्वों में एक संस्कृति, एक इतिहास और एक परंपरा निहित है।

भारत एक ऐसा देश है जो विविधता में एकता का उदाहरण है क्योंकि यहाँ हिन्दू, मुस्लिम, सिक्ख, ईसाई तथा जैन आदि धर्म एक साथ निवास करते हैं। कुछ त्योहारों को राष्ट्रीय स्तर पर मनाया जाता है जबकि कुछ क्षेत्रीय स्तर पर मनाये जाते हैं। इसलिए हम आपके लिए वर्ष 2017 के व्रत, पर्व और त्योहार की सूची लाए हैं:-

इन्हें भी पढे: राष्ट्रीय और अंतराष्ट्रीय महत्वपूर्ण दिवस और तिथियों की सूची

वर्ष 2017 के प्रमुख भारतीय त्यौहार:

तिथि दिन व्रत, पर्व और त्योहार का नाम
जनवरी माह के प्रमुख व्रत पर्व और त्यौहार
01 जनवरी रविवार अंग्रेज़ी नव वर्ष
02 जनवरी सोमवार विनायक चतुर्थी
03 जनवरी मंगलवार स्कन्द षष्ठी
05 जनवरी बृहस्पतिवार गुरु गोबिन्द सिंह जयन्ती
06 जनवरी शुक्रवार मासिक दुर्गाष्टमी, शाकम्भरी उत्सवारम्भ
08 जनवरी रविवार पौष पुत्रदा एकादशी, तैलंग स्वामी जयन्ती, मासिक कार्तिगाई
09 जनवरी सोमवार गौण पौष पुत्रदा एकादशी, वैष्णव पौष पुत्रदा एकादशी, कूर्म द्वादशी
10 जनवरी मंगलवार प्रदोष व्रत, रोहिणी व्रत
11 जनवरी बुधवार अरुद्र दर्शन
12 जनवरी बृहस्पतिवार पौष पूर्णिमा, शाकम्भरी पूर्णिमा, पूर्णिमा उपवास
13 जनवरी शुक्रवार माघ प्रारम्भ “उत्तर, लोहड़ी
14 जनवरी शनिवार पोंगल, मकर संक्रान्ति
15 जनवरी रविवार संकष्टी चतुर्थी, सकट चौथ, माघ बिहु
19 जनवरी बृहस्पतिवार स्वामी विवेकानन्द जयन्ती, कालाष्टमी
23 जनवरी सोमवार षटतिला एकादशी, सुभाष चन्द्र बोस जयन्ती
25 जनवरी बुधवार प्रदोष व्रत, मेरु त्रयोदशी
26 जनवरी बृहस्पतिवार मासिक शिवरात्रि, 68वाँ गणतन्त्र दिवस
27 जनवरी शुक्रवार माघ अमावस्या, दर्श अमावस्या, मौनी अमावस, थाई अमावसाइ
28 जनवरी शनिवार गुप्त नवरात्रि प्रारम्भ
29 जनवरी रविवार चन्द्र दर्शन
31 जनवरी मंगलवार विनायक चतुर्थी, गणेश जयन्ती
फरवरी माह के प्रमुख व्रत पर्व और त्यौहार
01 फरवरी बुधवार वसन्त पञ्चमी
02 फरवरी बृहस्पतिवार स्कन्द षष्ठी
03 फरवरी शुक्रवार रथ सप्तमी, नर्मदा जयन्ती
04 फरवरी शनिवार भीष्म अष्टमी, मासिक दुर्गाष्टमी
05 फरवरी रविवार मासिक कार्तिगाई
06 फरवरी सोमवार रोहिणी व्रत
07 फरवरी मंगलवार जया एकादशी, भीष्म द्वादशी
08 फरवरी बुधवार प्रदोष व्रत
10 फरवरी शुक्रवार माघ पूर्णिमा, चन्द्र ग्रहण, पूर्णिमा उपवास, गुरु रविदास जयन्ती, ललिता जयन्ती, थाई पूसम
11 फरवरी शनिवार फाल्गुन प्रारम्भ “उत्तर
12 फरवरी रविवार कुम्भ संक्रान्ति
14 फरवरी मंगलवार संकष्टी चतुर्थी, संत वेलेनटाइन डे
17 फरवरी शुक्रवार यशोदा जयन्ती
18 फरवरी शनिवार शबरी जयन्ती, कालाष्टमी
19 फरवरी रविवार जानकी जयन्ती
21 फरवरी मंगलवार महर्षि दयानन्द सरस्वती जयन्ती
22 फरवरी बुधवार विजया एकादशी
24 फरवरी शुक्रवार प्रदोष व्रत
25 फरवरी शनिवार महाशिवरात्री
26 फरवरी रविवार फाल्गुन अमावस्या, दर्श अमावस्या, सूर्य ग्रहण
27 फरवरी सोमवार चन्द्र दर्शन
28 फरवरी मंगलवार फुलैरा दूज, रामकृष्ण जयन्ती
मार्च माह के प्रमुख व्रत पर्व और त्यौहार
02 मार्च बृहस्पतिवार विनायक चतुर्थी
03 मार्च शुक्रवार स्कन्द षष्ठी
04 मार्च शनिवार अष्टाह्निका विधान प्रारम्भ, मासिक कार्तिगाई
05 मार्च रविवार मासिक दुर्गाष्टमी, रोहिणी व्रत
08 मार्च बुधवार आमलकी एकादशी
09 मार्च बृहस्पतिवार नरसिंह द्वादशी
10 मार्च शुक्रवार प्रदोष व्रत
11 मार्च शनिवार चौमासी चौदस, मासी मागम
12 मार्च रविवार छोटी होली, होलिका दहन, वसन्त पूर्णिमा, दोल पूर्णिमा, पूर्णिमा उपवास, अष्टाह्निका विधान पूर्ण, फाल्गुन पूर्णिमा, लक्ष्मी जयन्ती, चैतन्य महाप्रभु जयन्ती, अट्टुकल पोंगल
13 मार्च सोमवार होली, चैत्र प्रारम्भ “उत्तर
14 मार्च मंगलवार भाई दूज, भ्रातृ द्वितीया, मीन संक्रान्ति, कारादाइयन नौम्बू
15 मार्च बुधवार शिवाजी जयन्ती
16 मार्च बृहस्पतिवार संकष्टी चतुर्थी
17 मार्च शुक्रवार रंग पञ्चमी
19 मार्च रविवार भानु सप्तमी, शीतला सप्तमी
20 मार्च सोमवार बसोड़ा, शीतला अष्टमी, कालाष्टमी, वसन्त सम्पात
21 मार्च मंगलवार वर्षी तप आरम्भ
24 मार्च शुक्रवार पापमोचिनी एकादशी
25 मार्च शनिवार प्रदोष व्रत, शनि त्रयोदशी
26 मार्च रविवार मासिक शिवरात्रि
27 मार्च सोमवार दर्श अमावस्या
28 मार्च मंगलवार चैत्र अमावस्या, चैत्र नवरात्रि, गुड़ी पड़वा, युगादी
29 मार्च बुधवार चन्द्र दर्शन, झूलेलाल जयन्ती
30 मार्च बृहस्पतिवार गौरीपूजा, गणगौर, मत्स्य जयन्ती
31 मार्च शुक्रवार विनायक चतुर्थी
अप्रैल माह के प्रमुख व्रत पर्व और त्यौहार
01 अप्रैल शनिवार लक्ष्मी पञ्चमी, स्कन्द षष्ठी, बैंक अवकाश, रोहिणी व्रत
02 अप्रैल रविवार यमुना छठ
03 अप्रैल सोमवार नवपद ओली प्रारम्भ
04 अप्रैल मंगलवार मासिक दुर्गाष्टमी, महातारा जयन्ती
05 अप्रैल बुधवार राम नवमी
07 अप्रैल शुक्रवार कामदा एकादशी, वामन द्वादशी
08 अप्रैल शनिवार प्रदोष व्रत, शनि त्रयोदशी
09 अप्रैल रविवार महावीर स्वामी जयन्ती, पैन्गुनी उथिरम
10 अप्रैल सोमवार पूर्णिमा उपवास, हजरत अली का जन्मदिन
11 अप्रैल मंगलवार हनुमान जयन्ती, चैत्र पूर्णिमा, नवपद ओली पूर्ण
12 अप्रैल बुधवार वैशाख प्रारम्भ “उत्तर
14 अप्रैल शुक्रवार संकष्टी चतुर्थी, सोलर नववर्ष, मेष संक्रान्ति, बैसाखी, पुथन्डू, विषु कानी, अम्बेडकर जयन्ती, गुड फ्राइडे
15 अप्रैल शनिवार पहेला वैशाख
16 अप्रैल रविवार ईस्टर
19 अप्रैल बुधवार कालाष्टमी
22 अप्रैल शनिवार बरूथिनी एकादशी, वल्लभाचार्य जयन्ती
23 अप्रैल रविवार वैष्णव बरूथिनी एकादशी
24 अप्रैल सोमवार प्रदोष व्रत, मासिक शिवरात्रि
26 अप्रैल बुधवार वैशाख अमावस्या, दर्श अमावस्या
27 अप्रैल बृहस्पतिवार चन्द्र दर्शन
28 अप्रैल शुक्रवार परशुराम जयन्ती, अक्षय तृतीया, वर्षी तप पारण
29 अप्रैल शनिवार मातङ्गी जयन्ती, विनायक चतुर्थी, रोहिणी व्रत
30 अप्रैल रविवार शंकराचार्य जयन्ती, सूरदास जयन्ती
मई माह के प्रमुख व्रत पर्व और त्यौहार
01 मई सोमवार स्कन्द षष्ठी, रामानुज जयन्ती
02 मई मंगलवार गंगा सप्तमी
03 मई बुधवार मासिक दुर्गाष्टमी, बगलामुखी जयन्ती
04 मई बृहस्पतिवार सीता नवमी, अग्नि नक्षत्रम् प्रारम्भ
05 मई शुक्रवार महावीर स्वामी कैवल्य ज्ञान, थ्रिस्सूर पूरम
06 मई शनिवार मोहिनी एकादशी
07 मई रविवार परशुराम द्वादशी, रबीन्द्रनाथ टैगोर जयन्ती
08 मई सोमवार प्रदोष व्रत
09 मई मंगलवार नरसिंघ जयन्ती, छिन्नमस्ता जयन्ती, टैगोर जयन्ती “बंगाल
10 मई बुधवार वैशाख पूर्णिमा, कूर्म जयन्ती, बुद्ध पूर्णिमा, पूर्णिमा उपवास, चित्रा पूर्णनामी
11 मई बृहस्पतिवार ज्येष्ठ प्रारम्भ “उत्तर, नारद जयन्ती
14 मई रविवार संकष्टी चतुर्थी, वृषभ संक्रान्ति
18 मई बृहस्पतिवार कालाष्टमी
21 मई रविवार हनुमान जयन्ती “तेलुगू
22 मई सोमवार अपरा एकादशी
23 मई मंगलवार प्रदोष व्रत
24 मई बुधवार मासिक शिवरात्रि
25 मई बृहस्पतिवार ज्येष्ठ अमावस्या, दर्श-भावुका अमावस्या, शनि जयन्ती, वट सावित्री व्रत
26 मई शुक्रवार रोहिणी व्रत
27 मई शनिवार चन्द्र दर्शन
28 मई रविवार महाराणा प्रताप जयन्ती, अग्नि नक्षत्रम् समाप्त
29 मई सोमवार विनायक चतुर्थी
30 मई मंगलवार स्कन्द षष्ठी
जून माह के प्रमुख व्रत पर्व और त्यौहार

02 जून शुक्रवार मासिक दुर्गाष्टमी, धूमावती जयन्ती
03 जून शनिवार महेश नवमी, गंगा दशहरा
05 जून सोमवार गायत्री जयन्ती, निर्जला एकादशी, रामलक्ष्मण द्वादशी
06 जून मंगलवार प्रदोष व्रत
07 जून बुधवार वैकासी विसाकम
08 जून बृहस्पतिवार वट पूर्णिमा व्रत
09 जून शुक्रवार ज्येष्ठ पूर्णिमा, पूर्णिमा उपवास, कबीरदास जयन्ती
10 जून शनिवार आषाढ़ प्रारम्भ “उत्तर
13 जून मंगलवार संकष्टी चतुर्थी
15 जून बृहस्पतिवार मिथुन संक्रान्ति
17 जून शनिवार कालाष्टमी
20 जून मंगलवार योगिनी एकादशी
21 जून बुधवार प्रदोष व्रत, साल का सबसे बड़ा दिन
22 जून बृहस्पतिवार मासिक शिवरात्रि
23 जून शुक्रवार दर्श अमावस्या, जमात उल-विदा, रोहिणी व्रत
24 जून शनिवार आषाढ़ अमावस्या, गुप्त नवरात्रि प्रारम्भ
25 जून रविवार चन्द्र दर्शन, जगन्नाथ रथयात्रा
26 जून सोमवार ईद उल-फ़ित्र, रमज़ान
27 जून मंगलवार विनायक चतुर्थी
28 जून बुधवार स्कन्द षष्ठी
30 जून शुक्रवार अष्टाह्निका विधान प्रारम्भ
जुलाई माह के प्रमुख व्रत पर्व और त्यौहार
01 जुलाई शनिवार मासिक दुर्गाष्टमी
04 जुलाई मंगलवार देवशयनी एकादशी
05 जुलाई बुधवार गौरी व्रत प्रारम्भ “गुजरात, वासुदेव द्वादशी
06 जुलाई बृहस्पतिवार प्रदोष व्रत, जयापार्वती व्रत प्रारम्भ
07 जुलाई शुक्रवार चौमासी चौदस
08 जुलाई शनिवार कोकिला व्रत “गुजरात, पूर्णिमा उपवास
09 जुलाई रविवार व्यास पूजा, आषाढ़ पूर्णिमा, गुरु पूर्णिमा, गौरी व्रत समाप्त “गुजरात, अष्टाह्निका विधान पूर्ण
10 जुलाई सोमवार सावन प्रारम्भ “उत्तर, श्रावण सोमवार व्रत “उत्तर
11 जुलाई मंगलवार मंगला गौरी व्रत “उत्तर
12 जुलाई बुधवार जयापार्वती व्रत समाप्त, संकष्टी चतुर्थी
16 जुलाई रविवार भानु सप्तमी, कालाष्टमी, कर्क संक्रान्ति
17 जुलाई सोमवार श्रावण सोमवार व्रत “उत्तर
18 जुलाई मंगलवार मंगला गौरी व्रत “उत्तर
19 जुलाई बुधवार कामिका एकादशी, मासिक कार्तिगाई
20 जुलाई बृहस्पतिवार गौण कामिका एकादशी, वैष्णव कामिका एकादशी, रोहिणी व्रत
21 जुलाई शुक्रवार प्रदोष व्रत, सावन शिवरात्रि
23 जुलाई रविवार श्रावण अमावस्या, दर्श अमावस्या, हरियाली अमावस्या, आदि अमावसाइ
24 जुलाई सोमवार चन्द्र दर्शन, श्रावण सोमवार व्रत
25 जुलाई मंगलवार मंगला गौरी व्रत
26 जुलाई बुधवार हरियाली तीज, विनायक चतुर्थी, अन्दल जयन्थी
27 जुलाई बृहस्पतिवार नाग पञ्चमी
28 जुलाई शुक्रवार कल्की जयन्ती, स्कन्द षष्ठी, ऋग्वेद उपाकर्म, यजुर्वेद उपाकर्म
29 जुलाई शनिवार गायत्री जापम
30 जुलाई रविवार भानु सप्तमी, तुलसीदास जयन्ती
31 जुलाई सोमवार मासिक दुर्गाष्टमी, श्रावण सोमवार व्रत
अगस्त माह के प्रमुख व्रत पर्व और त्यौहार
01 अगस्त मंगलवार मंगला गौरी व्रत
02 अगस्त बुधवार आदि पेरुक्कू
03 अगस्त बृहस्पतिवार श्रावण पुत्रदा एकादशी, दामोदर द्वादशी
04 अगस्त शुक्रवार प्रदोष व्रत, वरलक्ष्मी व्रत
07 अगस्त सोमवार श्रावण पूर्णिमा, राखी, रक्षा बन्धन, गायत्री जयन्ती, नारली पूर्णिमा, चन्द्र ग्रहण,पूर्णिमा उपवास, हयग्रीव जयन्ती, संस्कृत दिवस, श्रावण सोमवार व्रत
08 अगस्त मंगलवार भाद्रपद प्रारम्भ “उत्तर
10 अगस्त बृहस्पतिवार कजरी तीज
11 अगस्त शुक्रवार संकष्टी चतुर्थी, संकटहरा चतुर्थी “तमिल, बोल चौथ “गुजरात
12 अगस्त शनिवार नाग पञ्चम “गुजरात
13 अगस्त रविवार बलराम जयन्ती, रांधण छठ “गुजरात
14 अगस्त सोमवार शीतला सातम “गुजरात, जन्माष्टमी “स्मार्त, कालाष्टमी, आद्याकाली जयन्ती
15 अगस्त मंगलवार जन्माष्टमी “इस्कॉन, दही हाण्डी, मासिक कार्तिगाई, स्वतन्त्रता दिवस
16 अगस्त बुधवार रोहिणी व्रत
17 अगस्त बृहस्पतिवार सिंह संक्रान्ति, मलयालम नव वर्ष
18 अगस्त शुक्रवार अजा एकादशी
19 अगस्त शनिवार पर्यूषण पर्वारम्भ, प्रदोष व्रत, शनि त्रयोदशी
20 अगस्त रविवार मासिक शिवरात्रि
21 अगस्त सोमवार भाद्रपद अमावस्या, दर्श अमावस्या, पिठोरी अमावस्या, पोला, वृषभोत्सव,सोमवती अमावस, सूर्य ग्रहण
23 अगस्त बुधवार चन्द्र दर्शन
24 अगस्त बृहस्पतिवार वराह जयन्ती, हरतालिका तीज, गौरी हब्बा
25 अगस्त शुक्रवार सामवेद उपाकर्म, गणेश चतुर्थी
26 अगस्त शनिवार ऋषि पञ्चमी, सम्वत्सरी पर्व
27 अगस्त रविवार स्कन्द षष्ठी
28 अगस्त सोमवार ललिता सप्तमी
29 अगस्त मंगलवार गौरी आवाहन, राधा अष्टमी, मासिक दुर्गाष्टमी, महालक्ष्मी व्रत आरम्भ, दूर्वा अष्टमी
30 अगस्त बुधवार गौरी पूजा
31 अगस्त बृहस्पतिवार गौरी विसर्जन
सितम्बर माह के प्रमुख व्रत पर्व और त्यौहार
02 सितम्बर शनिवार परिवर्तिनी एकादशी, कल्की द्वादशी, ईद-उल-जुहा, बकरीद
03 सितम्बर रविवार वामन जयन्ती, भुवनेश्वरी जयन्ती, प्रदोष व्रत
04 सितम्बर सोमवार ओणम
05 सितम्बर मंगलवार अनन्त चतुर्दशी, गणेश विसर्जन, पूर्णिमा उपवास, पूर्णिमा श्राद्ध
06 सितम्बर बुधवार भाद्रपद पूर्णिमा, प्रतिपदा श्राद्ध
07 सितम्बर बृहस्पतिवार आश्विन प्रारम्भ “उत्तर, द्वितीया श्राद्ध
08 सितम्बर शुक्रवार तृतीया श्राद्ध
09 सितम्बर शनिवार चतुर्थी श्राद्ध, संकष्टी चतुर्थी
10 सितम्बर रविवार महा भरणी, पञ्चमी श्राद्ध
11 सितम्बर सोमवार षष्ठी श्राद्ध, मासिक कार्तिगाई
12 सितम्बर मंगलवार सप्तमी श्राद्ध, महालक्ष्मी व्रत पूर्ण, रोहिणी व्रत
13 सितम्बर बुधवार अष्टमी श्राद्ध, जीवितपुत्रिका व्रत, कालाष्टमी, अष्टमी रोहिणी
14 सितम्बर बृहस्पतिवार नवमी श्राद्ध
15 सितम्बर शुक्रवार दशमी श्राद्ध
16 सितम्बर शनिवार इन्दिरा एकादशी, एकादशी श्राद्ध
17 सितम्बर रविवार द्वादशी श्राद्ध, त्रयोदशी श्राद्ध, प्रदोष व्रत, कन्या संक्रान्ति, विश्वकर्मा पूजा
18 सितम्बर सोमवार मघा श्राद्ध, चतुर्दशी श्राद्ध, मासिक शिवरात्रि
19 सितम्बर मंगलवार सर्वपित्री दर्श अमावस्या, सर्वपित्रू अमावस्या
20 सितम्बर बुधवार अश्विन अमावस्या
21 सितम्बर बृहस्पतिवार चन्द्र दर्शन, नवरात्रि प्रारम्भ, घटस्थापना, महाराजा अग्रसेन जयन्ती
22 सितम्बर शुक्रवार अल-हिजरा, इस्लामी नया साल
23 सितम्बर शनिवार विनायक चतुर्थी, शरद्कालीन सम्पात
24 सितम्बर रविवार ललिता पञ्चमी
25 सितम्बर सोमवार स्कन्द षष्ठी
26 सितम्बर मंगलवार बिल्व निमन्त्रण, कल्पारम्भ, अकाल बोधन
27 सितम्बर बुधवार सरस्वती आवाहन, नवपत्रिका पूजा, नवपद ओली प्रारम्भ
28 सितम्बर बृहस्पतिवार सरस्वती पूजा, दुर्गा अष्टमी, सन्धि पूजा
29 सितम्बर शुक्रवार महा नवमी, दुर्गा बलिदान, आयुध पूजा, दक्षिण सरस्वती पूजा, बंगाल महा नवमी
30 सितम्बर शनिवार सरस्वती बलिदान, सरस्वती विसर्जन, दुर्गा विसर्जन, दशहरा, विजयदशमी, बंगाल विजयदशमी, मैसूर दसरा, विद्याआरम्भम् का दिन, बुद्ध जयन्ती, मध्वाचार्य जयन्ती
अक्टूबर माह के प्रमुख व्रत पर्व और त्यौहार
01 अक्टूबर रविवार पापांकुशा एकादशी, अशुरा का दिन, मुहर्रम
02 अक्टूबर सोमवार पद्मनाभ द्वादशी, गाँधी जयन्ती
03 अक्टूबर मंगलवार प्रदोष व्रत
05 अक्टूबर बृहस्पतिवार अश्विन पूर्णिमा, कोजागर पूजा, शरद पूर्णिमा, पूर्णिमा उपवास, वाल्मीकि जयन्ती, मीराबाई जयन्ती, नवपद ओली पूर्ण
06 अक्टूबर शुक्रवार कार्तिक प्रारम्भ “उत्तर
08 अक्टूबर रविवार अट्ल तद्दी, करवा चौथ, संकष्टी चतुर्थी, मासिक कार्तिगाई
10 अक्टूबर मंगलवार रोहिणी व्रत
12 अक्टूबर बृहस्पतिवार अहोई अष्टमी, राधा कुण्ड स्नान, कालाष्टमी
15 अक्टूबर रविवार रमा एकादशी
16 अक्टूबर सोमवार गोवत्स द्वादशी
17 अक्टूबर मंगलवार धन तेरस, यम पञ्चक प्रारम्भ, यम दीपम, प्रदोष व्रत, तुला संक्रान्ति
18 अक्टूबर बुधवार नरक चतुर्दशी, तमिल दीपावली, काली चौदस, हनुमान पूजा, मासिक शिवरात्रि
19 अक्टूबर बृहस्पतिवार दीवाली, लक्ष्मी पूजा, दीपमालिका, केदार गौरी व्रत, चोपड़ा पूजा, शारदा पूजा, काली पूजा, कमला जयन्ती, कार्तिक अमावस्या, दर्श अमावस्या
20 अक्टूबर शुक्रवार गोवर्धन पूजा, अन्नकूट, बलि प्रतिपदा, द्यूत क्रीडा, नव सम्वत प्रारम्भ
21 अक्टूबर शनिवार चन्द्र दर्शन, भैया दूज, यम द्वितीया
23 अक्टूबर सोमवार नागुला चविति “तेलुगू, विनायक चतुर्थी
25 अक्टूबर बुधवार लाभ पञ्चमी, सूर सम्हारम
26 अक्टूबर बृहस्पतिवार छठ पूजा
27 अक्टूबर शुक्रवार अष्टाह्निका विधान प्रारम्भ
28 अक्टूबर शनिवार गोपाष्टमी, मासिक दुर्गाष्टमी
29 अक्टूबर रविवार अक्षय नवमी, जगद्धात्री पूजा
30 अक्टूबर सोमवार कंस वध
31 अक्टूबर मंगलवार देवुत्थान एकादशी, भीष्म पञ्चक प्रारम्भ
नवम्बर माह के प्रमुख व्रत पर्व और त्यौहार
01 नवम्बर बुधवार तुलसी विवाह, योगेश्वर द्वादशी, प्रदोष व्रत
02 नवम्बर बृहस्पतिवार वैकुण्ठ चतुर्दशी, विश्वेश्वर व्रत
03 नवम्बर शुक्रवार मणिकर्णिका स्नान, चौमासी चौदस, देव दीवाली
04 नवम्बर शनिवार कार्तिक पूर्णिमा, पुष्कर स्नान, पूर्णिमा उपवास, गुरु नानक जयन्ती, भीष्म पञ्चक समाप्त, अष्टाह्निका विधान पूर्ण, रथ यात्रा
05 नवम्बर रविवार मार्गशीर्ष प्रारम्भ “उत्तर, मासिक कार्तिगाई
06 नवम्बर सोमवार रोहिणी व्रत
07 नवम्बर मंगलवार संकष्टी चतुर्थी
10 नवम्बर शुक्रवार कालभैरव जयन्ती
14 नवम्बर मंगलवार उत्पन्ना एकादशी, नेहरू जयन्ती
15 नवम्बर बुधवार प्रदोष व्रत, अयप्पा उत्सव
16 नवम्बर बृहस्पतिवार मासिक शिवरात्रि, वृश्चिक संक्रान्ति, मण्डला काल प्रारम्भ
18 नवम्बर शनिवार मार्गशीर्ष अमावस्या, दर्श अमावस्या
19 नवम्बर रविवार चन्द्र दर्शन
22 नवम्बर बुधवार विनायक चतुर्थी
23 नवम्बर बृहस्पतिवार विवाह पञ्चमी, नाग पञ्चमी “तेलुगू
24 नवम्बर शुक्रवार सुब्रहमन्य षष्ठी, चम्पा षष्ठी
26 नवम्बर रविवार भानु सप्तमी
27 नवम्बर सोमवार मासिक दुर्गाष्टमी
30 नवम्बर बृहस्पतिवार मोक्षदा एकादशी, गीता जयन्ती, मत्स्य द्वादशी, गुरुवायुर एकादशी
दिसम्बर माह के प्रमुख व्रत पर्व और त्यौहार
01 दिसम्बर शुक्रवार प्रदोष व्रत, हनुमान जयन्ती “कन्नड़, मिलाद उन-नबी, ईद-ए-मिलाद
02 दिसम्बर शनिवार कार्तिगाई दीपम्
03 दिसम्बर रविवार मार्गशीर्ष पूर्णिमा, दत्तात्रेय जयन्ती, पूर्णिमा उपवास, अन्नपूर्णा जयन्ती, त्रिपुर भैरवी जयन्ती, रोहिणी व्रत
04 दिसम्बर सोमवार पौष प्रारम्भ “उत्तर
06 दिसम्बर बुधवार संकष्टी चतुर्थी
10 दिसम्बर रविवार कालाष्टमी
13 दिसम्बर बुधवार सफला एकादशी
15 दिसम्बर शुक्रवार प्रदोष व्रत
16 दिसम्बर शनिवार मासिक शिवरात्रि, धनु संक्रान्ति
17 दिसम्बर रविवार दर्शवेला अमावस्या
18 दिसम्बर सोमवार पौष अमावस्या, सोमवती अमावस, हनुमथ जयन्थी
19 दिसम्बर मंगलवार चन्द्र दर्शन
21 दिसम्बर बृहस्पतिवार साल का सबसे छोटा दिन
22 दिसम्बर शुक्रवार विनायक चतुर्थी
24 दिसम्बर रविवार स्कन्द षष्ठी
25 दिसम्बर सोमवार गुरु गोबिन्द सिंह जयन्ती, मेरी क्रिसमस
26 दिसम्बर मंगलवार मासिक दुर्गाष्टमी, शाकम्भरी उत्सवारम्भ, मण्डला पूजा
29 दिसम्बर शुक्रवार पौष पुत्रदा एकादशी, तैलंग स्वामी जयन्ती, वैकुण्ठ एकादशी
30 दिसम्बर शनिवार कूर्म द्वादशी, प्रदोष व्रत, शनि त्रयोदशी
31 दिसम्बर रविवार रोहिणी व्रत

और जानिये : वर्ष 2017 में भारत के प्रमुख व्रत, पर्व और त्योहार की तिथि व दिन

भारत मेँ आयोजित होने वाली प्रमुख प्रतियोगी परीक्षाओं की सूची

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भारत की प्रमुख प्रतियोगी परीक्षाओं की सूची: (List of Major Competitive Examinations of India in Hindi)

प्रतियोगिता परीक्षा किसे कहते है?

प्रतियोगिता परीक्षा उस परीक्षा को कहते हैं जिसे परिणाम के आधार पर परीक्षार्थियों की प्रावीण्य सूची या मेरिट लिस्ट बनती है। यदि यह परीक्षा n स्थानों को भरने के लिये की गयी है तो प्रावीण्य सूची में सबसे अधिक अंक पाने वाले पहले n अभ्यर्थियों को ‘उतीर्ण’ (पास) माना जाता है।

यहाँ भारत की प्रमुख प्रतियोगी परीक्षाओं की सूची दी गयी है:-

  • सिविल सेवा परीक्षा
  • इंजीनियरी सेवा परीक्षा
  • सीपीएमटी (CPMT)
  • आईआईटी संयुक्त प्रवेश परीक्षा (IIT JEE)
  • अखिल भारतीय इंजिनीयरिंग प्रवेश परीक्षा (AIEEE)
  • सम्मिलित प्रवेश परीक्षा (कॉमन ऐडमिशन टेस्ट / CAT)
  • प्रबन्धन योग्यता परीक्षा (MAT)
  • ओपेनमैट (OpenMAT)
  • सार्वजनिक प्रवेश परीक्षा (कॉमन इंट्रैन्स टेस्ट / CET)
  • इंजीनियरी में स्नातक अभिरुचि परीक्षा या गेट (GATE)
  • राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (NDA)
  • सम्मिलित रक्षा सेवा परीक्षा (CDS)
  • संयुक्त विधि प्रवेश परीक्षा (कॉमन लॉ एडमिशन टेस्ट / CLAT)
  • यूजीसी राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (यूजीसी नेट) (NET)
  • केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा‎ (Central Teacher Eligibility Test / CTET)
  • संयुक्त प्रवेश स्क्रीनिंग परीक्षा (Joint Entrance Screening Test / JEST)

इन्हें भी पढ़े: वर्ष 2017 की आयोजित होने वाली महत्वपूर्ण प्रतियोगिता परीक्षाएँ

1. सिविल सेवा परीक्षा: सिविल सेवा परीक्षा भारत की एक प्रतियोगी परीक्षा है जिसके परिणाम के आधार पर भारत सरकार एवं राज्य सरकार की सिविल सेवाओं के अधिकारी (जैसे जिलाधिकारी) चुने जाते हैं। इस परीक्षा में तीन स्तर होते हैं: प्रारंभिक परीक्षा, मुख्य परीक्षा और मुलाकात। प्रारंभिक परीक्षा में दो प्रश्नपत्र होते हैं उनमें से पेपर 1 में मिले हुए गुणों के आधार पर मुख्य परीक्षा में चुना जाता हैं और जो दूसरा पेपर होता हैं उनमेपास होने के लिए 33% गुण अनिवार्य हैं।

2. इंजीनियरी सेवा परीक्षा: इंजीनियरी सेवा परीक्षा संघ लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित होती है। इसके माध्यम से विभिन्न सरकारी संस्थाओं (जैसे: भारतीय रेल, बीएसएनएल आदि) में इंजीनियरों की भर्ती होती है।

3. संयुक्त प्री-मेडिकल टेस्ट या सीपीएमटी: संयुक्त प्री-मेडिकल टेस्ट या सीपीएमटी एक प्रतियोगिता परीक्षा है। इसके परिणाम (मेरिट) के आधार पर भारत के मेडिकल कालेजों में प्रवेश दिया जाता है। जीवविज्ञान विषय के साथ 12वी उतीर्ण करने के बाद इस प्रतियोगिता परीक्षा में बैठा जा सकता है। इसमें जीवविज्ञान, भौतिकी और रसायन शास्त्र विषयों में अब्यर्थ्यों के ज्ञान की परीक्षा होती है।

4. आईआईटी संयुक्त प्रवेश परीक्षा: आईआईटी संयुक्त प्रवेश परीक्षा की परीक्षा भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों में स्नातक स्तर पर प्रवेश के लिये की जाती है। इसमें गणित, भौतिकी एवं रसायन विज्ञान विषयों के प्रश्नपत्र होते हैं।

5. अखिल भारतीय इंजिनीयरिंग प्रवेश परीक्षा: इस प्रतियोगिता प्रवेश परीक्षा का लोकप्रिय नाम ए.आई.ई.ई.ई भी है। इसका आयोजन केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) द्वारा किया जाता है जो मेडिकल कालेजों में प्रवेश के लिये ए आई पी एम टी की परीक्षा भी लेती है।

6. कॉमन ऐडमिशन टेस्ट या सम्मिलित प्रवेश परीक्षा (कैट): सम्मिलित प्रवेश परीक्षा या कॉमन ऐडमिशन टेस्ट (कैट) एक अखिल भारतीय प्रवेश परीक्षा है। यह भारतीय प्रबन्धन संस्थानों द्वारा सम्मिलित रूप से ली जाने वाली परीक्षा है। इसके मेरिट के आधार पर भारत के प्रबन्ध संस्थानों में प्रबन्धन के पोस्ट ग्रैजुएट पाठ्यक्रमों में प्रवेश दिया जाता है।

7. प्रबन्धन योग्यता परीक्षा (मैट): प्रबंधन क्षेत्र में योग्य एवं कुशल कर्मियों की कमी दूर करने के लिये और एक कदम आगे बढ़ाते हुए ‘ऑल इंडिया मैनेजमेंट एसोसिएशन (आइमा)’ बहुप्रतीक्षित प्रबंधन योग्यता और कौशल परीक्षा (मास्ट) शुरु की थी। पहली मास्ट परीक्षा 25 सितंबर 2011 हुई थी।

व्यवसाय एवं संगठन के सन्दर्भ में प्रबन्धन का अर्थ है – उपलब्ध संसाधनों का दक्षतापूर्वक तथा प्रभावपूर्ण तरीके से उपयोग करते हुए लोगों के कार्यों में समन्वय करना ताकि लक्ष्यों की प्राप्ति सुनिश्चित की जा सके। प्रबन्धन के अन्तर्गत आयोजन, संगठन-निर्माण, स्टाफिंग, नेतृत्व करना, तथा संगठन अथवा पहल का नियंत्रण करना आदि आते हैं।

8. ओपेन मैट परीक्षा: देश के प्रमुख बी-स्कूलों में प्रवेश के लिए कैट, मैट, जैट, जेमेट आदि अनेक एंट्रेंस लिए जाते हैं। इन सबसे अलग और खास है-ओपेनमैट, जो इग्नू संचालित मैनेजमेंट कोर्सो में प्रवेश के लिए लिया जाता है। ओपेनमैट परीक्षा में सामान्य श्रेणी के 50 प्रतिशत और आरक्षित श्रेणी के 45 प्रतिशत अंक पाने वाले फ्रेश ग्रेजुएट भी भाग ले सकते है। ओपेनमैट परीक्षा में पहले सुपरवाइजरी और मैनेजरियल कैटेगरी में कम से कम तीन वर्ष का अनुभव होना आवश्यक था पर अब इस शर्त को अब हटा लिया गया है।

9. राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (एनडीए) परीक्षा: एनडीए प्रवेश परीक्षा संघ लोकसेवा आयोग द्वारा प्रतिवर्ष दो बार आयोजित की जाती है। एनडीए में भर्ती होने के लिए आपको 12 वीं कक्षा में उत्तीर्ण होना अनिवार्य है। इस परीक्षा के लिए विज्ञापन रोजगार समाचार, रोजगार और निर्माण तथा देश के प्रमुख समाचार-पत्रों में मार्च-अप्रैल और अक्टूबर-नवंबर में जारी किए जाते हैं।

10. इंजीनियरी में स्नातक अभिरुचि परीक्षा (गेट): इंजीनियरी में स्नातक अभिरुचि परीक्षा (गेट) एक अखिल भारतीय परीक्षा है जिसका आयोजन और संचालन गेट-समिति द्वारा भारत भर में स्थित आठ अंचलों में किया जाता है। समिति में भारतीय विज्ञान संस्थान, बंगलौर तथा सात भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों के संकाय सम्मिलित होते हैं और यह राष्ट्रीय समन्वयबोर्ड-गेट, शिक्षा विभाग, मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार की ओर से इस परीक्षा का आयोजन करती है।

11. सम्मिलित रक्षा सेवा परीक्षा (एसडीएस): सम्मिलित रक्षा सेवा परीक्षा का आयोजन संघ लोक सेवा आयोग द्वारा वर्ष में दो बार किया जाता है। इस परीक्षा के माध्यम से भारतीय सैन्य अकादमी, अधिकारी प्रशिक्षण अकादमी, भारतीय नौसेना अकादमी, तथा भारतीय वायुसेना अकादमी में अधिकारियों की भर्ती की जाती है।

12. संयुक्त विधि प्रवेश परीक्षा (क्लेट): संयुक्त विधि प्रवेश परीक्षा राष्ट्रीय विधि विद्यालयों तथा विधि विश्वविद्यालयो के विभिन्न स्नातक और स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों (एल.एल.बी एवं एल.एल.एम) में प्रवेश के लिए भारत भर में स्थापित किये गये 15 स्कूल/विश्वविद्यालयों द्वारा बारी–बारी से आयोजित की जाती है।

13. राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (यूजीसी नेट): राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा भारत में एक राष्ट्रीय पात्रता प्रवेश परीक्षा होती हैं। ये स्नातकोत्तर प्रतियोगियों के लिये विश्वविद्यालयों में शिक्षण प्रवेश हेतु अर्हक परीक्षा होती हैं। इसका आयोजन अर्ध-वार्षिक रूप से विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा किया जाता है। ज्ञातव्य है कि वर्ष 2009 के दिशानिर्देश के तहत विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने कालेजों में प्रोफेसर बनने के लिए इस परीक्षा की पात्रता को अनिवार्य बना दिया था।

14. केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा (सीटीईटी): केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा सीबीएसई द्वारा आयोजित पात्रता परीक्षा है। यह स्कूलों में अध्यापकों के लिये है। स्कूलों में छह से 14 वर्ष के बच्चों को मुफ्त एवं अनिवार्य शिक्षा का अधिकार कानून के तहत शिक्षकों की कमी को पूरा करने और गुणवत्ता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से स्कूलों में शिक्षकों की पात्रता परीक्षा का आयोजन की जा रही है।

15. संयुक्त प्रवेश स्क्रीनिंग परीक्षा (जेईई): संयुक्त प्रवेश परीक्षा में रैंक निर्धारित करने के लिए 12वी कक्षा के अंको को अहमियत नहीं दी जाती है। जेईई रैंक के आधार पर आईआईटी/एनआईटी/आईआईटी और इसे अन्य सीएफ़टीआई में प्रवेश के लिए उम्मीदवार की योग्यता 12वी कक्षा में न्यूनतम 75 प्रतिशत अंक है या सम्बंधित बोर्ड की 12वी कक्षा की परीक्षा में 20 सर्वाधिक परसेटाइल में शामिल होना है। एससी/एसटी उम्मीदवारों के लिए यह योग्यता 12वी कक्षा में 65 प्रतिशत अंक है।

इन्हें भी पढ़े: एसएससी परीक्षा की तैयारी के लिए महत्वपूर्ण सामान्य ज्ञान टिप्स

और जानिये : भारत मेँ आयोजित होने वाली प्रमुख प्रतियोगी परीक्षाओं की सूची

संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) के अध्यक्ष, उनके कार्य एवं भूमिकाओं की सूची

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संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) के अध्यक्षों की सूची (1929-2016) | Upsc Chairman List in Hindi

संघ लोक सेवा आयोग के अध्यक्षों की सूची (1926-2017): (List of Union Service Commission Chairman in Hindi):

संघ लोक सेवा आयोग (‘यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन’ अर्थात ‘यूपीएससी’) भारत के संविधान द्वारा स्थापित एक ऐसी संस्था है, जो भारत सरकार के लोक सेवा के अधिकारियों की नियुक्ति के लिए परीक्षाएँ संचालित करती है। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 315-323 में एक ‘संघीय लोक सेवा आयोग’ और राज्यों के लिए ‘ राज्य लोक सेवा आयोग’ के गठन का प्रावधान है। प्रथम लोक सेवा आयोग की स्थापना 1 अक्टूबर, 1926 ई. को हुई थी। संघ लोक सेवा आयोग की मुख्य भूमिका केंद्र तथा राज्यों के लिए सामान्य विभिन्न केंद्रीय सिविल सेवाओं तथा पदों एवं सेवाओं में नियुक्ति के लिए व्यक्तियों का चयन करना है। संघ लोक सेवा आयोग के वर्तमान अध्यक्ष श्रीमती अल्का सिरोही हैं।

इन्हें भी पढे: भारतीय लोक सभा के स्पीकर और उनका कार्यकाल

संघ लोक सेवा आयोग के अध्यक्षों की सूची:

नाम कार्यकाल
सर रोस बार्कर 1926 – 1932
सर डेविड पेट्री अगस्त 1932 – 1936
सर आयरे गोर्डन 1937 – 1942
सर एफ. डब्ल्यू. राबर्टसन 1942 – 1947
श्री एच. के. कृपलानी 1 अप्रैल 1947 – 13 जनवरी 1949
श्री आर. एन. बनर्जी 14 जनवरी 1949 – 9 मई 1955
श्री एन. गोविंदराजन 10 मई 1955 – 9 दिसंबर 1955
श्री वी. एस. हेजमाड़ी 10 दिसंबर 1955 – 9 दिसंबर 1961
श्री बी. एन. झा 11 दिसंबर 1961 – 22 फरवरी 1967
श्री के. आर. दामले 18 अप्रैल 1967 – 2 मार्च 1971
श्री आर. सी. एस. सरकार 11 मई 1971 – 1 फरवरी 1973
डॉ. ए. आर. किदवई 5 फरवरी 1973 – 4 फरवरी 1979
डॉ. एम. एल. शहारे 16 फरवरी 1979 – 16 फरवरी 1985
श्री एच. के. एल. कपूर 18 फरवरी 1985 – 5 मार्च 1990
श्री जे.पी. गुप्ता 05 मार्च 1990 – 2 जून 1992
श्रीमती आर.एम. बाथ्यू (खरबुली) 23 सितंबर 1992 – 23 अगस्त 1996
श्री एस.जे.एस. छतवाल 23 अगस्त 1996 – 30 सितंबर 1996
श्री जे.एम. कुरैशी 30 सितंबर 1996 – 11 दिसंबर 1998
ले. जनरल (सेवानिवृत्त) सुरिंदर नाथ 11 दिसंबर 1998 – 25 जून 2002
श्री पी.सी. होता 25 जून 2002 – 8 सितंबर 2003
श्री माता प्रसाद 08 सितंबर 2003 – 04 जनवरी 2005
डॉ. एस.आर. हाशिम 04 जनवरी 2005 – 01 अप्रैल 2006
श्री गुरबचन जगत 01 अप्रैल 2006 – 30 जून 2007
श्री सुबीर दत्ता 30 जून 2007 – 16 अगस्त 2008
प्रोफेसर डीपी अग्रवाल 16 अगस्त 2008 – 16 अगस्त 2014
रजनी राज़दान 16 अगस्त 2014 – 22 नवंबर 2014
दीपक गुप्ता 22 नवंबर 2014 – 20 सितंबर 2016
श्रीमती अल्का सिरोही 21 सितंबर 2016 से अब तक

अंतिम संशोधन: 16 दिसम्बर 2016

संघ लोक सेवा आयोग का कार्यालय स्थल:


कार्यालय स्थल भारत के संघ लोक सेवा आयोग का मुख्यालय कार्यालय स्थल धौलपुर हाउस नई दिल्ली है। कुंडलाकार की यह सुन्दर इमारत इंडिया गेट के बगल में शाहजहां रोड पर स्थित है। यह पहले धौलपुर राजघराने का निवास हुआ करता था और इसका निर्माण भी नई दिल्ली के निर्माण के दौरान 1920 के दशक में किया गया था।

संघ लोक सेवा आयोग के कार्य एवं भूमिकाएं:-
संघ लोक सेवा आयोग (‘यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन’) को संविधान के अंतर्गत निम्नलिखित कार्य एवं भूमिकाएँ सौंपी गई हैं:-

  • संघ के अधीन सेवाओं और पदों पर प्रतियोगिता परीक्षाओं के आयोजन के माध्यम से भर्ती।
  • केंद्र सरकार के अधीन सेवाओं तथा पदों पर साक्षात्कार के माध्यम से चयन द्वारा भर्ती।
  • पदोन्नति पर नियुक्ति के साथ-साथ प्रतिनियुक्ति पर स्थानांतरण के लिए अधिकारियों की उपयुक्तता पर परामर्श देना।
  • विभिन्न सेवाओं तथा पदों पर भर्ती की पद्धति से सम्बध्द सभी मामलों पर सरकार को परामर्श देना।
  • विभिन्न सिविल सेवाओं से सम्बद्ध अनुसानिक मामले।
  • असाधारण पेंशन प्रदान करने, विधिक व्यय आदि की प्रतिपूर्ति से संबंधित विविध मामले आदि।

संघ लोक सेवा आयोग के सदस्यों का चुनाव:
सदस्य आयोग के सदस्य भारत के राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त होते हैं। कम से कम आधे सदस्य किसी लोक सेवा के सदस्य होते हैं, जो न्यूनतम 10 वर्षों के अनुभव प्राप्त हों। इनका कार्यकाल 6 वर्षों या 65 वर्ष की उम्र तक का होता है। ये कभी भी अपना इस्तीफ़ा राष्ट्रपति को दे सकते हैं। इससे पहले राष्ट्रपति इन्हें पद की अवमानना या अवैध कार्यों में लिप्त होने के लिए बर्ख़ास्त कर सकता है।

संघ लोक सेवा आयोग द्वारा संचालित प्रमुख परीक्षाएं:
संघ लोक सेवा आयोग का मुख्य कार्य केन्द्र तथा राज्यों की लोकसेवा के लिए सदस्यों का चुनाव करना है। इसके लिए यह विभिन्न परीक्षाएं को संचालित करती है। इनमें से कुछ मुख्य परीक्षाएं निम्नलिखित है:-

  • सम्मिलित चिकित्सा सेवा परीक्षा (फरवरी में)
  • राष्ट्रीय रक्षा अकादमी और नौसेना अकादमी परीक्षा (अप्रैल और सितम्बर में)
  • सिविल सेवा (प्रारंभिक) परीक्षा (मई में)
  • भारतीय वन सेवा परीक्षा (जुलाई में)
  • इंजीनियरी सेवा परीक्षा (जुलाई में)
  • स्पेशल क्लास रेलवे अप्रेंटिसेज़ परीक्षा (अगस्त में)
  • भारतीय अर्थ सेवा/भारतीय सांख्यिकी सेवा परीक्षा (सितम्बर में)
  • सिविल सेवा (प्रधान) परीक्षा (अक्टूबर/नवम्बर में)
  • सम्मिलित रक्षा सेवा परीक्षा (मई और अक्टूबर में)
  • भू-विज्ञानी परीक्षा (दिसम्बर में)
  • अनुभाग अधिकारी/आशुलिपिक (ग्रेड ख/ग्रेड 1) सीमित विभागीय प्रतियोगिता परीक्षा (दिसम्बर में)

इसके अतिरिक्त राज्य लोक सेवा के अधिकारियों को संघ लोक सेवा से अधिकारी के रूप में भर्ती करना, भर्ती के नियम बनाना, विभागीय पदोन्नति समितियों का आयोजन करना, भारत के राष्ट्रपति द्वारा निर्दिष्ट कोई अन्य मामला सुलझाना इत्यादि कार्यो को भी संपन्न करना है।

इन्हें भी पढ़े: भारत की प्रमुख प्रतियोगी परीक्षाओं की सूची

और जानिये : संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) के अध्यक्ष, उनके कार्य एवं भूमिकाओं की सूची

जी सिने अवार्ड्स 2017 के विजेताओं के नाम की सूची

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जी सिने पुरस्कार 2017 | जी सिने अवार्ड्स 2017 के विजेताओं की सूची

जी सिने अवार्ड्स 2017 विजेताओं की सूची: (2017 Zee Cine Awards Winners List in Hindi)

जी सिने अवार्ड्स की घोषणा 11 मार्च 2017 को की गई। जी सिने अवार्ड 2017 में सर्वश्रेष्ठ फिल्म का अवार्ड फिल्म सुल्तान को मिला वहीँ व्यूवर्स चॉइस सर्वश्रेष्ठ फिल्म दंगल रही।

आलिया भट्ट को ‘उड़ता पंजाब’ फिल्म में बिहार के एक प्रवासी लड़की की भूमिका निभाने के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का पुरस्कार दिया गया था। इसके अलावा ‘पिंच’ को सर्वश्रेष्ठ फिल्म अवार्ड (ज्यूरी), जबकि अमीर खान के खेल पर आधारित ‘दंगल’ फिल्म को सर्वश्रेष्ठ फिल्म (दर्शकों की पसंद) का पुरस्कार दिया गया था तो दर्शकों के वोटों के आधार पर फिल्म सुलतान के लिए सलमान खान ने सर्वश्रेष्ठ अभिनेता एवं अनुष्का शर्मा ने सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का पुरस्कार जीता।

जी सिने अवार्ड्स 2017 के विजेताओं की पूरी सूची निम्न है:-

  • सर्वश्रेष्ठ फिल्म: सुल्तान
  • सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री: अलिया भट्ट (उड़ता पंजाब)
  • सर्वश्रेष्ठ अभिनेता: अमिताभ बच्चन (पिंक)
  • सर्वश्रेष्ठ डेब्यूट अभिनेत्री: रितिका सिंह (साला खडूस)
  • सर्वश्रेष्ठ डेब्यूट अभिनेता: जिम सर्भ (नीरजा)
  • सर्वश्रेष्ठ निर्देशक: राम माधवानी (नीरजा)
  • सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री: शबाना आजमी (नीरजा)
  • सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता: ऋषि कपूर (कपूर एंड संस)
  • सर्वश्रेष्ठ विलेन: जिम सर्भ (नीरजा)
  • कॉमिक भूमिका में सर्वश्रेष्ठ अभिनेता: ऋषि कपूर (कपूर एंड संस)
  • सर्वश्रेष्ठ फिल्म (व्यूवर्स चॉइस): दंगल
  • सर्वश्रेष्ठ अभिनेता (व्यूवर्स चॉइस): सलमान खान (सुल्तान)
  • सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री (व्यूवर्स चॉइस): अनुष्का शर्मा (सुल्तान)
  • सॉंग ऑफ़ दि इयर (व्यूवर्स चॉइस): चन्ना मेरेया (ऐ दिल है मुश्किल)

इन्हें भी पढे: 89वें ऑस्कर पुरस्कार 2017 के विजेताओं की सूची

और जानिये : जी सिने अवार्ड्स 2017 के विजेताओं के नाम की सूची

विश्व की प्रमुख फसलों के नाम एवं उत्पादक देशों की सूची

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विश्व की प्रमुख फसलें एवं उत्पादक देश | Largest Producers of major crops in World in Hindi

विश्व की प्रमुख फसलें एवं उत्पादक देश: (Largest Producing Countries of Major Crops in World in Hindi)

यहाँ आपको विश्व की प्रमुख फसलें एवं उत्पादक देश से सम्बंधित सामान्य ज्ञान जानकारी दी गयी है। विश्व की प्रमुख फसलें एवं उत्पादक देश के आधार पर हर परीक्षा में दो या तीन प्रश्न अवश्य पूछे जाते है। यह आपकी सभी प्रकार की सरकारी प्रतियोगी परीक्षाओं विशेषकर बैंक पीओ व क्लर्क, यूपीएससी, एसएससी, आईएएस, पीसीएस, केट, भारतीय रेलवे, गेट आदि के लिए अत्यंत उपयोगी है। इस पोस्ट में विश्व की प्रमुख फसलें एवं उत्पादक देश का वर्णन किया है।

आइये जाने प्रमुख फसलें एवं उत्पादक देशों की सूची

फसलों का नाम उत्पादक देश का नाम ( घटते कर्म में )
चावल चीन, भारत, इण्डोनेशिया
मक्का संयुक्त राज्य अमेरिका, चीन, ब्राजील
गेहूँ चीन, भारत, संयुक्त राज्य अमेरिका
तम्बाकू चीन, संयुक्त राज्य अमेरिका, भारत
तिलहन ब्राजील, चीन, भारत
कपास संयुक्त राज्य अमेरिका, चीन, पाकिस्तान
चाय भारत, चीन, श्रीलंका
कॉफी ब्राजील, कोलंबिया, इंडोनेशिया
रबड़ थाइलैंड, मलेशिया, इंडोनेशिया
ऊन आस्ट्रेलिया, भारत
दुग्ध भारत, संयुक्त राज्य अमेरिका, इंगलैंड
मूंगफली चीन, भारत, संयुक्त राज्य अमेरिका
जौ रूस, कनाडा, भारत
सोयाबीन संयुक्त राज्य अमेरिका, ब्राजील, भारत
गन्ना भारत, ब्राजील, क्यूबा, चीन
चुकन्दर रूस, फ़्रांस, जर्मनी, संयुक्त राज्य अमेरिका
नारियल भारत, इक्वेडोर, इंडोनेशिया
फल तथा सब्जी ब्राजील, भारत, श्रीलंका, फ़्रांस
मोटे अनाज संयुक्त राज्य अमेरिका, रूस, चीन
सूर्यमुखी रूस, यूक्रेन
लौंग जंजीबार, तंजानिया
नारंगी संयुक्त राज्य अमेरिका
जूट भारत, बांग्लादेश

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भारत में कृषि का महत्व, इतिहास, प्रमुख फसलें एवं उनकी विशेषताओं की सूची

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भारत में कृषि का महत्व, प्रमुख फसलें एवं विशेषतायें | Major crops of India in Hindi

भारत में कृषि का महत्व, इतिहास, प्रमुख फसलें एवं विशेषतायें: (Importance of Agriculture in India, History, Major Crops and Characteristics)

भारत में कृषि का महत्व:

फसल या सस्य किसी समय-चक्र के अनुसार वनस्पतियों या वृक्षों पर मानवों व पालतू पशुओं के उपभोग के लिए उगाकर काटी या तोड़ी जाने वाली पैदावार को कहते हैं। जब से कृषि का आविष्कार हुआ है बहुत से मानवों के जीवनक्रम में फ़सलों का बड़ा महत्व रहा है।

कृषि भारत की अर्थव्यवस्था की रीढ़ मानी जाती है। विभिन्न पंचवर्षीय योजनाओं द्वारा चलाए जा रहे विभिन्न कार्यक्रमों एवं प्रयासों से कृषि को राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में गरिमापूर्ण दर्जा मिला है। कृषि क्षेत्रों में लगभग 64% श्रमिकों को रोज़गार मिला हुआ है। 1950-51 में कुल घरेलू उत्पाद में कृषि का हिस्सा 59.2% था जो घटकर 1982-83 में 36.4% और 1990-91 में 34.9% तथा 2001-2002 में 25% रह गया। यह 2006-07 की अवधि के दौरान औसत आधार पर घटकर 18.5% रह गया।

उत्तर भारत, पाकिस्तान व नेपाल में रबी की फ़सल और ख़रीफ़ की फ़सल दो बड़ी घटनाएँ हैं जो बड़ी हद तक इन क्षेत्रों के ग्रामीण जीवन को निर्धारित करती हैं। इसी तरह अन्य जगहों के स्थानीय मौसम, धरती, वनस्पति व जल पर आधारित फ़सलें वहाँ के जीवन-क्रमों पर गहरा प्रभाव रखती हैं।

भारत में कृषि का इतिहास:

कृषि भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। भारत में कृषि सिंधु घाटी सभ्यता के दौर से की जाती रही है। भारत में कृषि में 1960 के दशक के मध्य तक पारंपरिक बीजों का प्रयोग किया जाता था जिनकी उपज अपेक्षाकृत कम थी। उन्हें सिंचाई की कम आवश्यकता पड़ती थी। किसान उर्वरकों के रूप में गाय के गोबर आदि का प्रयोग करते थे।

1960 के बाद उच्च उपज बीज का प्रयोग शुरु हुआ। इससे सिंचाई और रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों का प्रयोग बढ़ गया। इस कृषि में सिंचाई की अधिक आवश्यकता पड़ने लगी। इसके साथ ही गेहूँ और चावल के उत्पादन में काफी वृद्धी हुई जिस कारण इसे हरित क्रांति भी कहा गया। सन् 2007 में भारतीय अर्थव्यवस्था में कृषि एवं सम्बन्धित कार्यों (जैसे वानिकी) का सकल घरेलू उत्पाद में हिस्सा 16.6% था।

भारत में विविध प्रकार की फसलें विविध ऋतुओं में उत्पादित होती है। यहां मुख्यतया 3 फसली ऋतुएं मिलती हैं:-

  1. खरीफ की फ़सल
  2. रबी की फ़सल
  3. जायद की फ़सल

1. रबी की फ़सल किसे कहते है?

शीत ऋतु की फसलें रबी कहलाती है। इन फसलों की बुआई के समय कम तापमान तथा पकते समय खुश्क और गर्म वातावरण की आवश्यकता होती है। ये फसलें सामान्यतः अक्तूबर-नवम्बर के महिनों में बोई जाती हैं।

  • रबी फ़सल का पौधा लगाने का समयः अक्टूबर से दिसम्बर।
  • रबी फसल की कटाई का समयः फरवरी से अप्रैल।
  • रबी की प्रमुख फसलें: गेहूं, जौ, जई, मटर, चना, सरसों, बरसीम, आलू, मसूर, लुसर्न, आदि।

2. ख़रीफ़ की फ़सल किसे कहते है?

वर्षा ऋतु की फसलें खरीफ कहलाती हैं। इन फसलों को बोते समय अधिक तापमान एवं आर्द्रता तथा पकते समय शुष्क वातावरण की आवश्यकता होती है। उत्तर भारत में इनको जून-जुलाई में बोते हैं और इन्हें अक्टूबर के आसपास काटा जाता है।

  • ख़रीफ़ फ़सल का पौधा लगाने का समयः मई से जुलाई
  • खरीफ फसल की कटाई का समयः सितम्बर से अक्टूबर
  • खरीफ की प्रमुख फसलें: ज्वार, बाजरा, धान, मक्का, मूंग, सोयाबीन, लोबिया, मूंगफली, कपास, जूट, गन्ना, तम्बाकू, आदि।

3. ज़ायद की फ़सल किसे कहते है? 

खरीफ और रबी की फसलों के बाद संपूर्ण वर्ष में कृत्रिम सिंचाई के माध्यम से कुछ क्षेत्रें में जायद की फसल उगाई जाती है। इस वर्ग की फसलों में तेज गर्मी और शुष्क हवाएँ सहन करने की अच्छी क्षमता होती हैं। उत्तर भारत में ये फसलें मूख्यतः मार्च-अप्रैल में बोई जाती हैं।इसे दो श्रेणी में रखा जाता है जिसे तालिका से समझा जा सकता है।

जायद खरीफ:

  • बीज लगाने का समयः अगस्त से सितम्बर
  • फसलों की कटाई का समयः दिसंबर से जनवरी
  • प्रमुख फसलें: धान, ज्वार, रेप्सीड, कपास, तिलहन, आदि।

जायद रबी:

  • बीज लगाने का समयः फरवरी से मार्च
  • फसलों की कटाई का समयः अप्रैल से मई
  • प्रमुख फसलें: खरबूजा, तरबूज, ककड़ी, मूंग, लोबीया, पत्तेदार सब्जियां, आदि।

व्यापारिक फसलें किसे कहते है?

वे फसलें जिन्हें उगाने का मुख्य उद्देश्य व्यापार करके धन अर्जित करना होता है। जिसे किसान या तो संपूर्ण रूप से बेच देते हैं या फिर आंशिक रूप से उपयोग करते है तथा शेष बड़ा हिस्सा बेच देते हैं।

मुख्य व्यापारिक फसलें इस प्रकार हैं:-

  • तिलहन: मूंगफली, सरसों, तिल, अलसी, अण्डी, सूर्यमुखी।
  • शर्करा वाली फसलें: गन्ना, चुकन्दर।
  • रेशे वाली फसलें: जूट, मेस्टा, सनई और कपास।
  • उद्दीपक फसलें: तम्बाकू।
  • पेय फसलें: चाय और कहवा।

भारतीय कृषि की विशेषताएँ:

भारतीय कृषि की प्रमुख विशेषतायें इस प्रकार हैं:-

  • भारतीय कृषि का अधिकांश भाग सिचाई के लिए मानसून पर निर्भर करता है।
  • भारतीय कृषि की महत्त्वपूर्ण विशेषता जोत इकाइयों की अधिकता एवं उनके आकार का कम होना है।
  • भारतीय कृषि में जोत के अन्तर्गत कुल क्षेत्रफल खण्डों में विभक्त है तथा सभी खण्ड दूरी पर स्थित हैं।
  • भूमि पर प्रत्यक्ष एवं परोक्ष रूप से जनसंख्या का अधिक भार है।
  • कृषि उत्पादन मुख्यतया प्रकृति पर निर्भर रहता है।
  • भारतीय कृषक ग़रीबी के कारण खेती में पूँजी निवेश कम करता है।
  • खाद्यान्न उत्पादन को प्राथमिकता दी जाती है।
  • कृषि जीविकोपार्जन की साधन मानी जाती हें
  • भारतीय कृषि में अधिकांश कृषि कार्य पशुओं पर निर्भर करता है।

भारत की प्रमुख फसलें (Major crops of India in Hindi):

भारत एक कृषिप्रधान देश है तथा यहाँ पर अनेक प्रकार की फसलें उगाई जाती हैं। यहाँ पर हम भारत की प्रमुख फसलों के बारे महत्वपूर्ण सामान्य ज्ञान जानकारी दी गई है:-

  • चावल की फसल: चावल भारत में सबसे अधिक उगाई जाने वाली फसल है। चावल उगाने के लिए 75 से.मी. से 200 से.मी. तक की वर्षा की आवश्यकता होती है। चावल बोते समय 20 डिग्री सेल्शियस तथा काटते समय 27 डिग्री सेल्शियस तापमान होना चाहिए। चिकनी, कछारी तथा दोमट मिट्टी को चावल की खेती के लिए उपयुक्त माना जाता है। छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल, बिहार, आन्ध्र प्रदेश, ओड़िसा, उत्तर प्रदेश तथा तमिलनाडु चावल के प्रमुख उत्पादक राज्य हैं।
  • गेहूँ की फसल: गेहूँ उत्तर भारत की सबसे पसंदीदा फसल है। गेहूँ उगाने के लिए 25 से.मी. से 75 से.मी. तक की वर्षा की आवश्यकता होती है। चावल बोते समय 10 डिग्री सेल्शियस तथा काटते समय 25 डिग्री सेल्शियस तापमान होना चाहिए। चिकनी तथा हल्की दोमट मिट्टी को गेहूँ की खेती के लिए उपयुक्त माना जाता है। पंजाब, हरयाणा, बिहार, उत्तर प्रदेश तथा मध्य प्रदेश गेहूँ के प्रमुख उत्पादक राज्य हैं।
  • ज्वार की फसल: ज्वार भारत की प्रमुख फसलों में से एक है। ज्वार उगाने के लिए 30 से.मी. से 100 से.मी. तक की वर्षा की आवश्यकता होती है। ज्वार बोते समय 21 डिग्री सेल्शियस तथा काटते समय 25 डिग्री सेल्शियस तापमान होना चाहिए। हल्की दोमट मिट्टी को चावल की खेती के लिए उपयुक्त माना जाता है। महाराष्ट्र, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, आन्ध्र प्रदेश, तथा तमिलनाडु ज्वार के प्रमुख उत्पादक राज्य हैं।
  • बाजरा की फसल: बाजरा भारत की प्रमुख फसलों में से एक है। बाजरा उगाने के लिए 50 से.मी. से 70 से.मी. तक की वर्षा की आवश्यकता होती है। बाजरा बोते समय 25 डिग्री सेल्शियस तथा काटते समय 35 डिग्री सेल्शियस तापमान होना चाहिए। बालुई मिट्टी को बाजरा की खेती के लिए उपयुक्त माना जाता है। महाराष्ट्र, तमिलनाडु, पंजाब, आन्ध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश तथा राजस्थान बाजरा के प्रमुख उत्पादक राज्य हैं।
  • मक्का की फसल: मक्का भारत की प्रमुख फसलों में से एक है। मक्का उगाने के लिए 50 से.मी. से 100 से.मी. तक की वर्षा की आवश्यकता होती है। मक्का बोते समय 25 डिग्री सेल्शियस तथा काटते समय 30 डिग्री सेल्शियस तापमान होना चाहिए। गहरी दोमट मिट्टी को मक्के की खेती के लिए उपयुक्त माना जाता है। उत्तर प्रदेश, बिहार, पजाब तथा राजस्थान मक्का के प्रमुख उत्पादक राज्य हैं।
  • मूंगफली की फसल: मूंगफली भारत की प्रमुख फसलों में से एक है। मूंगफली उगाने के लिए 75 से.मी. से 150 से.मी. तक की वर्षा की आवश्यकता होती है। मूंगफली बोते समय 15 डिग्री सेल्शियस तथा काटते समय 25 डिग्री सेल्शियस तापमान होना चाहिए। हल्की रेतीली मिट्टी को मूंगफली की खेती के लिए उपयुक्त माना जाता है। गुजरात, आन्ध्र प्रदेश, तमिलनाडु, कर्नाटक, महाराष्ट्र तथा छत्तीसगढ़ मूंगफली के प्रमुख उत्पादक राज्य हैं।
  • चाय की फसल: चाय भारत की प्रमुख फसलों में से एक है। चाय उगाने के लिए 200 से.मी. से 300 से.मी. तक की वर्षा की आवश्यकता होती है। चाय बोते समय 24 डिग्री सेल्शियस तथा काटते समय 30 डिग्री सेल्शियस तापमान होना चाहिए। हल्की तथा उपजाऊ मिट्टी को चाय के बगानों के लिए उपयुक्त माना जाता है। गुजरात, आन्ध्र प्रदेश, तमिलनाडु, कर्नाटक, महाराष्ट्र तथा छत्तीसगढ़ चाय के प्रमुख उत्पादक राज्य हैं।
  • कपास की फसल: कपास भारत की प्रमुख फसलों में से एक है। कपास उगाने के लिए 50 से.मी. से 100 से.मी. तक की वर्षा की आवश्यकता होती है। कपास बोते समय 20 डिग्री सेल्शियस तथा काटते समय 40 डिग्री सेल्शियस तापमान होना चाहिए। गहरी तथा मध्यम काली मिट्टी को कपास की खेती के लिए उपयुक्त माना जाता है। पंजाब, गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक, तथा हरयाणा कपास के प्रमुख उत्पादक राज्य हैं।
  • गन्ना की फसल: गन्ना भारत की प्रमुख फसलों में से एक है। गन्ना उगाने के लिए 100 से.मी. से 150 से.मी. तक की वर्षा की आवश्यकता होती है। गन्ना बोते समय 30 डिग्री सेल्शियस तथा काटते समय 35 डिग्री सेल्शियस तापमान होना चाहिए। दोमट या नमी वाली गहरी तथा चिकनी मिट्टी को गन्ने की खेती के लिए उपयुक्त माना जाता है। उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, कर्नाटक तथा आन्ध्र प्रदेश गन्ना के प्रमुख उत्पादक राज्य हैं।
  • जूट की फसल: जूट भारत की प्रमुख फसलों में से एक है। जूट उगाने के लिए 100 से.मी. से 200 से.मी. तक की वर्षा की आवश्यकता होती है। जूट बोते समय 25 डिग्री सेल्शियस तथा काटते समय 35 डिग्री सेल्शियस तापमान होना चाहिए। कांप मिट्टी को जूट की खेती के लिए उपयुक्त माना जाता है। पश्चिम बंगाल, बिहार, असम, ओड़िसा तथा आन्ध्र प्रदेश जूट के प्रमुख उत्पादक राज्य हैं।
  • सरसों की फसल: सरसों भारत की प्रमुख फसलों में से एक है। सरसों उगाने के लिए 75 से.मी. से 150 से.मी. तक की वर्षा की आवश्यकता होती है। सरसों बोते तथा काटते समय 20 डिग्री सेल्शियस तापमान होना चाहिए। दोमट मिट्टी को सरसों की खेती के लिए उपयुक्त माना जाता है। राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात, पश्चिम बंगाल, पंजाब तथा असम सरसों के प्रमुख उत्पादक राज्य हैं।
  • रेपसीड की फसल: रेपसीड भारत की प्रमुख फसलों में से एक है। रेपसीड उगाने के लिए 75 से.मी. से 150 से.मी. तक की वर्षा की आवश्यकता होती है। रेपसीड बोते तथा काटते समय 20 डिग्री सेल्शियस तापमान होना चाहिए। दोमट मिट्टी को रेपसीड की खेती के लिए उपयुक्त माना जाता है। राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात, पश्चिम बंगाल, पंजाब तथा असम रेपसीड के प्रमुख उत्पादक राज्य हैं।
  • चने की फसल: चना भारत की प्रमुख फसलों में से एक है। चना उगाने के लिए 100 से.मी. से 200 से.मी. तक की वर्षा की आवश्यकता होती है। चना बोते समय 25 डिग्री सेल्शियस तथा काटते समय 35 डिग्री सेल्शियस तापमान होना चाहिए। हल्की दोमट तथा चिकनी मिट्टी को चने की खेती के लिए उपयुक्त माना जाता है। पंजाब, हरयाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल, तथा महाराष्ट्र चना के प्रमुख उत्पादक राज्य हैं।

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भारत भारती पुरस्कार से सम्मानित व्यक्तियों के नाम एवं वर्ष (1990 से 2017 तक)

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भारत भारती पुरस्कार विजेताओं की सूची (1991-2017) | Bharat Bharti Awardees list in Hindi

भारत भारती सम्मान से सम्मानित व्यक्तियों की सूची: (List of Bharat Bharti Awardees from 1991 to 2017 in Hindi)

भारत भारती उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान का सबसे बड़ा साहित्यिक पुरस्कार है। यह पुरस्कार उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान, लखनऊ के माध्यम से साहित्य के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए दिया जाता है। पुरस्कार में भारत-भारती सम्मान के रूप में स्मृति चिह्न, अंग वस्त्रम तथा पाँच लाख दो हजार रुपये की धनराशि प्रदान की जाती है।

वर्ष 2015 में प्रकाशित पुस्तकों के लिए दिल्ली के डॉ. विश्वनाथ त्रिपाठी भारत भारती सम्मान  दिया गया।

भारत भारती पुरस्कार पाने वाले व्यक्तियों की सूची:

व्यक्ति का नाम वर्ष
धर्मवीर भारती 1990
जगदीश गुप्त 1998
जानकीवल्लभ शास्त्री 2001
नामवर सिंह 2005
परमानन्द श्रीवास्तव 2006
रामदरश मिश्र 2007
केदारनाथ सिंह 2008
अशोक वाजपेयी 2008
महीप सिंह 2009
कैलाश बाजपेई 2010
गोविन्द मिश्र 2011
गोपाल दास नीरज 2012
दूधनाथ सिंह 2013
काशी नाथ सिंह 2014
डॉ. विश्वनाथ त्रिपाठी 2015

इन्हें भी पढ़े: सरस्वती सम्मान विजेताओं की सूची (1991-2017)

और जानिये : भारत भारती पुरस्कार से सम्मानित व्यक्तियों के नाम एवं वर्ष (1990 से 2017 तक)

मणिपुर के मुख्यमंत्रियों के नाम, कार्यकाल एवं उनकी राजनीतिक पार्टी (वर्ष 1952 से 2017)

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मणिपुर के मुख्यमंत्रियों की सूची (1952-2017): (List of Chief Ministers of Manipur in Hindi)

मणिपुर भारत का एक राज्य है। इसकी राजधानी है इंफाल। मणिपुर के पड़ोसी राज्य हैं: उत्तर में नागालैंड और दक्षिण में मिज़ोरम, पश्चिम में असम; और पूर्व में इसकी सीमा म्यांमार से मिलती है। इसका क्षेत्रफल 22,347 वर्ग कि.मी (8,628 वर्ग मील) है। मणिपुर का शाब्दिक अर्थ भी ‘मणि की धरती’ या ‘रत्नों की भूमि’ है। यहां के मूल निवासी मेइती जनजाति के लोग हैं, जो यहां के घाटी क्षेत्र में रहते हैं। इनकी भाषा मेइतिलोन है, जिसे मणिपुरी भाषा भी कहते हैं। यह भाषा 1992 में भारत के संविधान की आठवीं अनुसूची में जोड़ी गई है और इस प्रकार इसे एक राष्ट्रीय भाषा का दर्जा प्राप्त हो गया है। यहां के पर्वतीय क्षेत्रों में नागा व कुकी जनजाति के लोग रहते हैं। मणिपुरी को एक संवेदनशील सीमावर्ती राज्य माना जाता है।

मणिपुर का इतिहास एवं महत्वपूर्ण सामान्य ज्ञान:

सन् 1891 में पहले एंग्लो-मणिपुरी युद्ध के बाद यह राज्य ब्रिटिश शासन के अधीन आया। इस युद्ध में कई वीरों ने अपनी जान कुर्बान की। अंग्रेजों नेे इंफाल पर कब्जा कर लेने के बाद युवराज टेकेंद्रजीत और जनरल थांगल को फांसी की सजा दी थी। सन् 1947 में भारत की आजादी के बाद मणिपुर संविधान अधिनियम बनाया गया, जिससे राज्य में एक लोकतांत्रिक सरकार बनाई जा सके। 21 जनवरी 1972 को मणिपुर को पूर्ण राज्य का दर्जा मिला। मणिपुर की राजधानी इंफाल है। यह संपूर्ण भाग पहाड़ी है। जलवायु गरम एवं तर है तथा वार्षिक वर्षा का औसत 65 इंच है। यहाँ नागा तथा कूकी जाति की लगभग 60 जनजातियाँ निवास करती हैं। यहाँ के लोग संगीत तथा कला में बड़े प्रवीण होते हैं। यहाँ यद्यपि कई बोलियाँ बोली जाती हैं। पहाड़ी ढालों पर चाय तथा घाटियों में धान की उपजें प्रमुख हैं। यहीं से होकर एक सड़क बर्मा को जाती है।

भारत गणराज्य में किसी भी राज्य की सरकार के मुखिया मुख्यमंत्री होते हैं। लोकतांत्रिक ढंग से चुनावी प्रक्रिया के बाद चुने गये विधायक अपने नेता का चुनाव करते हैं, जिसे राज्यपाल मुख्‍यमंत्री के पद पर नियुक्त करते हैं। बात अगर मणिपुर की करें, तो आप यहां इस राज्य के 1963 से अब तक के मुख्‍यमंत्रियों की सूची पढ़ सकते हैं।

वर्ष 1963 से 2017 तक मणिपुर के सभी मुख्यमंत्रियों की सूची:

मुख्यमंत्री का नाम पद ग्रहण पद मुक्त राजनीतिक दल
मैरेम्बम कोइरेंग सिंह 1 जुलाई, 1963 11 जनवरी, 1967 कांग्रेस
राष्ट्रपति शासन (12 जनवरी, 1967 से 19 मार्च, 1967)
मैरेम्बम कोइरेंग सिंह 20 मार्च, 1967 4 अक्टूबर, 1967 कांग्रेस
लोंगजाम थम्बाउ सिंह 13 अक्टूबर, 1967 24 अक्टूबर, 1967 मणिपुर यूनाइटेड फ्रंट
राष्ट्रपति शासन (25 अक्टूबर, 1967 से 18 फरवरी, 1968)
मैरेम्बम कोइरेंग सिंह 19 फरवरी, 1968 16 अक्टबूर, 1969 कांग्रेस
राष्ट्रपति शासन (17 अक्टूबर, 1969 से 22 मार्च, 1972)
मोहम्मद अलीमुद्दीन 23 मार्च, 1972 27 मार्च, 1973 एमपीपी
राष्ट्रपति शासन (28 मार्च, 1973 से 03 मार्च, 1974)
मोहम्मद अलीमुद्दीन 4 मार्च, 1974 9 जुलाई, 1974 एमपीपी
यांगमाशो शाइजा 10 जुलाई, 1974 5 दिसंबर, 1974 एमएचयू
राजकुमार दोरेंद्र सिंह 6 दिसंबर, 1974 15 मई, 1977 कांग्रेस
राष्ट्रपति शासन (16 मई, 1977 से 28 जून, 1977)
यांगमाशो शाइजा 29 जून, 1977 13 नवंबर, 1979 जेएनपी
राष्ट्रपति शासन (14 नवंबर, 1979 से 13 जनवरी, 1980)
राजकुमार दोरेंद्र सिंह 14 जनवरी, 1980 26 नवंबर, 1980 कांग्रेस
रिशांग काइशिंग 27 नवंबर, 1980 27 फरवरी, 1981 कांग्रेस
राष्ट्रपति शासन (28 फरवरी, 1981 से 18 जून, 1981)

रिशांग काइशिंग 19 जून, 1981 3 मार्च, 1988 आईएनसी (आई)
राजकुमार जयचंद्र सिंह 4 मार्च, 1988 22 फरवरी, 1990 कांग्रेस
राजकुमार रणबीर सिंह 23 फरवरी, 1990 6 जनवरी, 1992 एमआरपी
राष्ट्रपति शासन (07 जनवरी, 1992 से 07 अप्रैल, 1992)
राजकुमार दोरेंद्र सिंह 8 अप्रैल, 1992 10 अप्रैल, 1993 कांग्रेस
राष्ट्रपति शासन (31 दिसंबर, 1993 से 13 दिसंबर, 1994)
रिशांग काइशिंग 14 दिसंबर, 1994 15 दिसंबर, 1997 कांग्रेस
वाहेंगबम निपामाचा सिंह 16 दिसंबर, 1997 14 फरवरी, 2001 एमएससीपी
राधाबिनोद कोइजम 15 फरवरी, 2001 1 जून, 2001 एसएपी
राष्ट्रपति शासन (02 जून, 2001 से 06 मार्च, 2002)
ओकराम इबोबी सिंह 7 मार्च, 2002 1 मार्च, 2007 कांग्रेस
ओकराम इबोबी सिंह 2 मार्च, 2007 13 मार्च, 2012 कांग्रेस
ओकराम इबोबी सिंह 14 मार्च, 2012 वर्तमान में कांग्रेस

इन्हें भी पढ़े: भारतीय राज्यों के वर्तमान मुख्यमंत्री एवं उनकी राजनीतिक पार्टी

और जानिये : मणिपुर के मुख्यमंत्रियों के नाम, कार्यकाल एवं उनकी राजनीतिक पार्टी (वर्ष 1952 से 2017)

भारत और विश्व के महत्वपूर्ण कार्यालयों/कंपनियों और संगठनों के प्रमुखों के नाम 2017

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2017 वर्तमान में कौन क्या है, Who is Who in India & World in Hindi

नवीनतम कौन क्या है 2017 की सूची: (Latest Who is Who 2017 in India and World  in Hindi)

इस पोस्ट में आप भारत और विश्व के महत्वपूर्ण कार्यालयों/कंपनियों और संगठनों के प्रमुखों के बारे में नवीनतम जानकारी प्राप्त करेंगे। वर्तमान में महत्वपूर्ण कार्यालयों/कंपनियों और संगठनों के प्रमुखों के आधार पर हर परीक्षा में दो या तीन प्रश्न अवश्य पूछे जाते है।

इन्हें भी पढे: भारत के उच्च न्यायालयों के नाम, स्थापना वर्ष और उनका स्थान

इस तरह के सवाल कौन क्या है की श्रेणी में आते हैं। महत्वपूर्ण व्यक्तियों और उनके पद बदलते रहते हैं, तो यह पोस्ट अपने आप को देश और दुनिया के मुख्य संगठनों या कार्यालयों के क्षेत्र की नवीनतम जानकारी से अवगत रखने के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। यह आपकी सभी प्रकार की सरकारी प्रतियोगी परीक्षाओं विशेषकर बैंक पीओ व क्लर्क, यूपीएससीएसएससीआईएएस, पीसीएस, केट, भारतीय रेलवे, गेट आदि के लिए अत्यंत उपयोगी है। आइये जाने वर्तमान में कौन-सा व्यक्ति किस कार्यालय/कंपनी और संगठन के प्रमुख पद पर कार्यरत है:-

वर्तमान में भारत और विश्व के महत्वपूर्ण कार्यालयों/कंपनियों और संगठनों के प्रमुख की सूची:-

पद/कार्यालय/संगठन का नाम व्यक्ति का नाम
भारत के राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी
भारत के उपराष्ट्रपति मोहम्मद हामिद अंसारी
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र दामोदर दास मोदी
लोक सभा अध्यक्ष सुश्री सुमित्रा महाजन
राज्य सभा के उप-सभापति श्री पी. जे. कुरियन
लोकसभा के डिप्टी स्पीकर डॉ. एम. थम्बीदुरई
विपक्ष के नेता (राज्य सभा) गुलाम नबी आजाद
नीति आयोग के वाइस चेयरमैन अरविंद पनगढ़िया
मुख्य चुनाव आयुक्त डॉ. नसीम जैदी
चुनाव आयुक्त श्री अचल कुमार ज्योति
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग,अध्यक्ष न्यायमूर्ति एच एल दत्तु
भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) श्री शशिकांत शर्मा
पिछड़ा वर्ग के लिए राष्ट्रीय आयोग, अध्यक्ष जस्टिस वंगाला ऐशवारया
दिल्ली पुलिस आयुक्त अमूल्य कुमार पटनायक
संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) के अध्यक्ष डेविड आर. सिम्लिह
राष्ट्रीय किसान आयोग (एनसीएफ), अध्यक्ष डॉ. एम. एस. स्वामीनाथन
मुख्य सूचना आयुक्त (सीआईसी) आर. के. माथुर
एसएससी के अध्यक्ष श्री असीम खुराना
रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड,अध्यक्ष श्री मुकेश अंबानी
मित्तल आर्सेलर स्टील्स,अध्यक्ष श्री लक्ष्मी मित्तल
बायोकॉन, अध्यक्ष सुश्री किरण मजूमदार
आईसीआईसीआई बैंक के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुश्री चंदा कोचर
एचसीएल टेक्नोलॉजीज के अध्यक्ष श्री शिव नादर
जेट एयरवेज, अध्यक्ष श्री नरेश गोयल
भारती समूह, अध्यक्ष श्री सुनील मित्तल
पेप्सिको, सीईओ सुश्री इंदिरा नूये
एक्सिस बैंक, एमडी एवं सीईओ शिखा शर्मा
भारतीय चिकित्सा अनुसंधान की परिषद, महानिदेशक सौम्या स्वामीनाथन
भारत की महापंजीयक और जनगणना आयुक्त श्री शैलेश
21वें विधि आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति बलबीर सिंह चौहान
भारत के गवर्नर रिजर्व बैंक (आरबीआई)
इंडियन नेशनल एकेडमी ऑफ इंजीनियरिंग के राष्ट्रपति डॉ. बीएन सुरेश
ऑडिट ब्यूरो सर्कुलेशन (एबीसी), अध्यक्ष मैं वेंकट
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी), अध्यक्ष श्री सुशील चंद्र
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी), अध्यक्ष श्री यू.के. सिन्हा अजय त्‍यागी ( 01 मार्च से पद लेंगे)
टाटा संस के चेयरमैन नटराजन चंद्रशेखरन
राष्ट्रीय आयोग महिला, अध्यक्ष ललिता कुमारमंगलम
लोक वित्त एवं नीति के राष्ट्रीय संस्थान (एनआईपीएफपी),अध्यक्ष डॉ विजय केलकर लक्ष्मण
प्रसार भारती के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री सुरेश चंद्र पांडा
निवेश आयोग, अध्यक्ष श्री रतन टाटा
नैसकॉम, अध्यक्ष श्री सी. पी. गुरनानी
एसोचैम, राष्ट्रपति श्री संदीप जजोडिया
संयुक्त राष्ट्र संगठनों (संयुक्त राष्ट्र संघ),महासचिव एंटोनी गुटरेज़
संयुक्त राष्ट्र, उपमहासचिव जेन एलिअसन
विश्व बैंक के राष्ट्रपति डॉ. जिम योंग किम
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ), प्रबंध निदेशक अं क्रिस्टीन लगार्डे
यूनेस्को महानिदेशक इरिना बोकोवा
विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक डॉ. मार्गरेट चान
अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन के महानिदेशक गाए राइडर
युक्त राष्ट्र अंतरराष्ट्रीय बाल आपात कोष (यूनिसेफ) के कार्यकारी निदेशक अन्थोनी लेक
शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र के उच्चायुक्त फिलिपो ग्रांड
संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम के प्रशासक हेलेन क्लार्क
संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन व्यापार पर और विकास (अंकटाड), महासचिव श्री मुखिसा किचयी
आर्थिक सहयोग और विकास संगठन (ओईसीडी) के महासचिव जोस एंजेल गुर्रिया
अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय  के न्यायमूर्ति रोनी इब्राहीम
एशियाई विकास बैंक (एडीबी) के राष्ट्रपति ताकेहिको  नाकाओ
अफ्रीकी विकास बैंक के राष्ट्रपति एकिनवुमी अदेसिना
अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति के राष्ट्रपति थामस बाक
राष्ट्रमंडल के महासचिव माननीय पेट्रीसिया
अफ्रीकी संघ के विधानसभा अध्यक्ष डॉ. नकोसज़ाना दलामिनी जुमा
विश्व व्यापार संगठन निर्देशक – जनरल रॉबर्टो एजेवेडो
मानवाधिकार के लिए संयुक्त राष्ट्र उच्चायोग के उच्चायुक्त ज़ेईड राड अल हुसैन
यूरोपीय परिषद के राष्ट्रपति डोनाल्ड टस्क
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) के अध्यक्ष जहीर अब्बास
यूरोपीय आयोग के अध्यक्ष ज्यां क्लाड जंकर
यूनिडो के निर्देशक – जनरल ली योंग
खाड़ी सहयोग परिषद के महासचिव अब्दुल्लतीफ बिन राशिद अल-जायनी
इस्लामिक सहयोग संगठन के महासचिव डॉ.यूसुफ बिन अहमद अल-ओथिमीन
पेट्रोलियम निर्यातक देशों के संगठन (ओपेक) के महासचिव मोहम्मद सानुसी बारकिंडा
अमेरिकी राज्यों के संगठन के महासचिव लुइस अल्माग्रो लेम्स
अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) के निर्देशक-जनरल श्री युकिया अमानो
उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) के महासचिव जेन्स स्टोलटेनबर्ग
यूएनएफपीए कार्यकारी के निदेशक डॉ. बाबाटुंडे ओसोटिमेहिन
आसियान के महासचिव ली लुओंग मिन्ह
सार्क के महासचिव अर्जुन बहादुर थापा
इंटरनेशनल एमेच्योर एथलेटिक महासंघ (आईएएएफ) के अध्यक्ष सेबेस्टियन कोए
नासा के चीफ (यूएसए) चार्ल्स एफ बोल्डेन जूनियर
एमनेस्टी इंटरनेशनल के महासचिव सलिल शेट्टी
इंफोसिस के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और प्रबंध निदेशक डॉ.  विशाल सिक्का
प्रधानमंत्री के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार और विशेष सलाहकार (आंतरिक सुरक्षा) श्री अजीत डोभाल
राज्यसभा के महासचिव श्री लालकृष्ण शमशेर शेरिफ
लोकसभा के महासचिव श्री अनूप मिश्रा
खुफिया ब्यूरो के चीफ श्री दिनेश्वर शर्मा
केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) निदेशक श्री आलोक कुमार वर्मा
रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) निदेशक श्री राजेन्द्र खन्ना
राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) के महानिदेशक श्री सुधीर प्रताप सिंह
केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के महानिदेशक श्री के. दुर्गा प्रसाद
केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) के महानिदेशक श्री ओ. पी. सिंह
रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) के महानिदेशक श्री एस. कश्मीर भगत
भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के महानिदेशक श्री. कृष्णा चौधरी
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के अध्यक्ष प्रो. वेद प्रकाश
रक्षा मंत्री के वैज्ञानिक सलाहकार श्री जी एस रेड्डी
सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार डॉ. आर चिदंबरम
इसरो के चेयरमैन श्री जी माधवन नायर
परमाणु ऊर्जा आयोग और सचिव, परमाणु ऊर्जा विभाग के अध्यक्ष डॉ. शेखर बसु
राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष श्री वजाहत हबीबुल्लाह
राष्ट्रीय सांख्यिकी आयोग के अध्यक्ष डॉ. प्रोनोब सेन
सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) के महानिदेशक श्रीमती अर्चना रामासुंदरम
विप्रो के अध्यक्ष अजीम एच. प्रेमजी
टेक महिंद्रा के अध्यक्ष श्री आनंद महिंद्रा
एयर इंडिया के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक श्री अश्विनी लोहानी
आईसीआईसीआई बैंक के अध्यक्ष श्री महेन्द्र कुमार शर्मा
एचडीएफसी बैंक के अध्यक्ष श्रीमती श्यामला गोपीनाथ
स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया (एसबीआई) के अध्यक्ष श्रीमती अरुंधति भट्टाचार्य
फेसबुक सीईओ मार्क जुकरबर्ग
इंफोसिस  के संस्थापक नारायण मूर्ति
एप्पल कंपनी के संस्थापक स्टीव जॉब्स की
यूबी समूह और किंगफिशर एयरलाइंस के अध्यक्ष श्री विजय मालिया
भारती एंटरप्राइजेज ग्रुप के अध्यक्ष एवं सीईओ श्री सुनील मित्तल
आदित्य बिड़ला समूह कंपनी के अध्यक्ष श्री कुमारमंगलम बिड़ला
महिंद्रा एंड महिंद्रा समूह के अध्यक्ष श्री आनंद महिंद्रा
बर्कशायर हैथवे के अध्यक्ष और सीईओ श्री वॉरेन बफेट
राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष श्री रामेश्वर उरांव
राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष श्री पी एल पुनिया के लिए
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के महानिदेशक श्री शरद कुमार
भारतीय तटरक्षक के महानिदेशक राजेंद्र सिंह
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के अध्यक्ष विनोद राय (सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित बीसीसीआई के चार सदस्यीय प्रशासनिक समिति के अध्यक्ष)
चुनाव आयुक्त श्री ओम प्रकाश रावत
भारत के मुख्य न्यायाधीश जगदीश सिंह केहर
सॉलिसिटर जनरल श्री रंजीत कुमार
संगीत नाटक अकादमी के अध्यक्ष श्री शेखर सेन
वाणिज्य इंटरनेशनल चैंबर (आईसीसी) भारत के अध्यक्ष श्री सुनील भारती मित्तल
भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के अध्यक्ष डॉ. नौशाद फोर्ब्स
भारतीय सेना प्रमुख जनरल दलबीर सिंह सुहाग
भारतीय नौसेना प्रमुख एडमिरल सुनील लंबा
भारतीय वायुसेना प्रमुख मार्शल अरूप राहा
भारत के अटॉर्नी जनरल श्री मुकुल रोहतगी
एनटीपीसी केअध्यक्ष एवं प्रबंध-निदेशक गुरदीप सिंह
बाल अधिकार के संरक्षण के लिए राष्ट्रीय आयोग (एनसीपीसीआर) के अध्यक्ष सुश्री स्तुति कक्कड़
14 वें वित्त आयोग के अध्यक्ष डॉ. वाई. वी. रेड्डी
सीमा सुरक्षा बल के महानिदेशक (बीएसएफ) श्री के.के. शर्मा
प्रसार भारती बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. ए. सूर्य प्रकाश
अध्यक्ष, अफ्रीकी संघ आयोग के अध्यक्ष डॉ. नकोसज़ाना दल्मिनी-जुमा
एयर एशिया इंडिया के सीईओ अमर ऑबरॉय
विश्व खाद्य कार्यक्रम (डब्लूएफपी) के कार्यकारी निदेशक एर्थरिन चचेरा
भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) के अध्यक्ष श्री जे सत्यनारायण
यूआईडीएआई के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) डॉ. ए. बी. पी. पांडे
दिल्ली मेट्रो रेल (डीएमआरसी) के अध्यक्ष श्री. राजीव गाबा
कोलकाता मेट्रो रेल के अध्यक्ष श्री मूलचंद चौहान
समेकित रक्षा स्टाफ (आईडीएस) के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल सतीश दुआ
पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो के महानिदेशक डॉ. एम. सी. बोरवांकर
विदेश सचिव श्री एस. जयशंकर
भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के महानिदेशक श्री चंद्रजीत बनर्जी
नीति आयोग के अध्यक्ष नरेन्द्र मोदी
नीति आयोग के सीईओ श्री अमिताभ कांत
भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) के अध्यक्ष श्री देवेन्द्र कुमार सीकरी
भारतीय चैंबर के वाणिज्य एवं उद्योग (फिक्की) के अध्यक्ष श्री पंकज आर पटेल
ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री मैल्कम टर्नबुल
जर्मनी की चांसलर एंजेला मार्केल
राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (एनसीडीआरसी) के अध्यक्ष जस्टिस डी.के. जैन
नेशनल इंटेलिजेंस ग्रिड (नैटग्रिड) के सीईओ श्री अशोक पटनायक
हुडको के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक (सीएमडी) डॉ. एम रवि कांत
वाल मार्ट इंडिया के सीईओ कृष अय्यर
राष्ट्रीय इस्पात निगम लिमिटेड के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक पी मधुसूदन
वित्तीय योजना मानक बोर्ड ऑफ इंडिया के अध्यक्ष न्यायमूर्ति बी एन श्रीकृष्णा
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के अध्यक्ष श्री युद्धवीर सिंह मलिक
सेंट्रल बोर्ड ऑफ़ एक्साइज एंड कस्टम्स (सीबीईसी) के अध्यक्ष श्री नजीब शाह
भारत के अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण के अध्यक्ष श्री अमिताभ वर्मा
राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन इंडिया लिमिटेड के महासंघ (नेफेड) के अध्यक्ष श्री वी. आर. पटेल
भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) के अध्यक्ष डॉ. गुरुप्रसाद महापात्र
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के अध्यक्ष न्यायमूर्ति स्वतंत्र कुमार
बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (आईआरडीए) के अध्यक्ष श्री टी एस विजयन
गैस अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया लिमिटेड (गेल) के अध्यक्ष श्री बी. सी. त्रिपाठी
हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड। (एचपीसीएल) के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक श्री मुकेश कुमार सुराना
अध्यक्ष, कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) के अध्यक्ष श्री भट्टाचार्य सुतीर्थ
नेशनल हाइड्रोइलेक्ट्रिक पावर कारपोरेशन लिमिटेड (एनएचपीसी) के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक श्री के एम सिंह
भारतीय किसान उर्वरक सहकारी लिमिटेड (इफको) के अध्यक्ष श्री बी. एस. नकई
भारतीय पर्यटन विकास निगम (आईटीडीसी) के अध्यक्ष उमंग नरूला
भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक श्री योगेन्द्र त्रिपाठी
अध्यक्ष, स्टील अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया लिमिटेड (सेल) के अध्यक्ष श्री पी. के. सिंह
भारतीय साधारण बीमा निगम के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक श्रीमती ऐलिस जी वैद्यन
भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) के अध्यक्ष श्री वी. के. शर्मा
यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक श्री ए. होदा
ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक श्री सुजय बनर्जी
पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस नियामक बोर्ड (पीएनजीआरबी) के अध्यक्ष श्री एस. कृष्णन
भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के अध्यक्ष राम सेवक शर्मा
भारतीय व्यापार संवर्धन संगठन (आईटीपीओ) के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक श्री एल. सी. गोयल
भारतीय मर्चेंट चैंबर के महानिदेशक श्री अरविंद प्रधान
अध्यक्ष, केंद्रीय बिजली नियामक आयोग (सीईआरसी) के अध्यक्ष गिरीश बी प्रधान
भारतीय जहाजरानी निगम के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक कैप्टन. अनूप कुमार शर्मा
भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक श्री अनुपम श्रीवास्तव
तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम लिमिटेड (ओएनजीसी) के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक श्री दिनेश कुमार सर्राफ
भारतीय महिला बैंक के कार्यकारी निदेशक सुश्री एस. एम. स्वाति
टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) के सीईओ श्री एन चंद्रशेखरन
पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्रीमती उषा अनंथसुब्रमनियां

बैंक ऑफ़ इंडिया के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री मेल्वयन  रेगो
इंडियन बैंक के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री महेश कुमार जैन
कॉरपोरेशन बैंक के एमडी और सीईओ श्री जय कुमार गर्ग
इलाहाबाद बैंक के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक श्री राकेश सेठी
केनरा बैंक के अध्यक्ष श्री टी. एन. मनोहरन
आंध्र बैंक के एमडी और सीईओ श्री सुरेश एन पटेल
पंजाब एंड सिंध बैंक के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक श्री जतिंदर बीर सिंह
आईडीबीआई बैंक के एमडी और सीईओ श्री किशोर खैरात
यूको बैंक के एमडी और सीईओ श्री रवि किशन टक्कर
विजया बैंक के एमडी और सीईओ श्री किशोर कुमार सांसी
देना बैंक के सीएमडी श्री अश्विनी कुमार
भारतीय यूनियन बैंक के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक श्री अरूण तिवारी
सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक श्री राजीव ऋषि
बैंक ऑफ़ बड़ौदा बैंक के अध्यक्ष श्री रवि वेंकटेशन
महाराष्ट्र बैंक के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री रवीन्द्र प्रभाकर मराठे
इंडसइंड बैंक  के अध्यक्ष श्री आर शेषशायी
इंडियन ओवरसीज बैंक के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी आर सुब्रमनियाकुमार
कोटक महिंद्रा बैंक के एमडी श्री उदय कोटक
यस बैंक के एमडी और सीईओ श्री राणा कपूर
सिंडिकेट बैंक के एमडी और सीईओ श्री अरुण श्रीवास्तव
यूनाइटेड बैंक ऑफ़ इंडिया के एमडी और सीईओ श्री पवन कुमार बजाज
ओरिएंटल बैंक के एमडी और सीईओ वाणिज्य अनिमेष चौहान
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) के अध्यक्ष शशांक मनोहर
ग्रामीण विद्युतीकरण निगम के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक श्री राजीव शर्मा
पावर फाइनेंस कॉर्पोरेशन लिमिटेड के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक श्री राजीव शर्मा
यूरोपीय संसद के अध्यक्ष मार्टिन शुल्ज
अलीबाबा समूह के कार्यकारी अध्यक्ष जैक मा
रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष श्री ए.के. मित्तल
सेंसर बोर्ड की अध्यक्ष श्री पहलाज निहलानी
राष्ट्रीय अनुसंधान विकास निगम (एनआरडीसी) के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक डॉ. हनुमांथू पुरुषोतम
केंद्रीय सतर्कता आयुक्त (सीवीसी) श्री के. वी. चौधरी
रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग (डीआरडीओ) के सचिव डॉ. एस क्रिस्टोफर
राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के निदेशक डॉ एम. सी. बोरवांकर
इंडसइंड बैंक के एमडी और सीईओ श्री रोमेश सोबती
ब्रिक्स के नए विकास बैंक के अध्यक्ष के.वी. कामथ
फीफा अध्यक्ष गिआनी इन्फैनटिनों
बैंकों बोर्ड ब्यूरो के अध्यक्ष श्री विनोद राय
स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (एसपीजी) के निदेशक अरुण कुमार सिन्हा
केंद्रीय प्रशासनिक ट्रिब्यूनल के अध्यक्ष जस्टिस प्रमोद कोहली
नागरिक उड्डयन सुरक्षा ब्यूरो (बीसीएएस) के महानिदेशक श्री कुमार राजेश चंद्र
भारतीय मर्चेंट चैंबर (आईएमसी) के अध्यक्ष सुश्री राधिका नाथ की महिलाओं के पंख
फिक्की के महासचिव डॉ ए. दीदार सिंह
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ़ इंडिया (एनएसई) के अध्यक्ष श्री अशोक चावला
खनिज और धातु व्यापार निगम (एमएमटीसी) के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक श्री वेद प्रकाश
राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) के अध्यक्ष डॉ. हर्ष कुमार भानवाला
विश्व व्यापार संगठन का भारतीय राजदूत श्रीमती अंजलि प्रसाद
प्रतिस्पर्धा अपीलीय न्यायाधिकरण के अध्यक्ष न्यायमूर्ति जी एस सिंघवी
बाल अधिकार के संरक्षण के लिए राष्ट्रीय आयोग के अध्यक्ष स्तुति नारायण कक्कड़
भारतीय निर्यातकों के संगठन संघ (एफआईईओ) के अध्यक्ष एस सी रल्हन
दिल्ली मेट्रो रेल निगम के एमडी डा. मंगू सिंह
भारत के विज्ञापन एजेंसियों एसोसिएशन के अध्यक्ष नकुल चोपड़ा
हिंदुस्तान चैंबर ऑफ़ कॉमर्स के अध्यक्ष श्री वी मुरली
नेशनल इंश्योरेंस कंपनी के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक सनत कुमार
भारत की औद्योगिक वित्त निगम (आईएफसीआई) के अध्यक्ष श्री एसवी रंगनाथ
सेंट्रल बोर्ड ऑफ एक्साइज एंड कस्टम्स (सीबीईसी) के अध्यक्ष नजीब शाह
परमाणु ऊर्जा निगम ऑफ़ इंडिया लिमिटेड (एनपीसीआईएल) के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक एस के शर्मा
राष्ट्रीय संग्रहालय, नई दिल्ली के महानिदेशक डॉ बुद्ध रश्मि मणि
सीबीएसई के अध्यक्ष श्री राजेश कुमार चतुर्वेदी
खेल प्राधिकरण ऑफ इंडिया (साई) के डायरेक्टर जनरल श्री इंजेती श्रीनिवास
हीरो मोटोकॉर्प के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक श्री पवन मुंजाल
भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) के अध्यक्ष श्रीमती अलका पांडा
राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) के महानिदेशक श्री आर.के. पचनंदा
अग्निशमन सेवा, नागरिक सुरक्षा और होमगार्ड के महानिदेशक श्री प्रकाश मिश्रा
कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) के अध्यक्ष श्री देवेन्द्र कुमार सिंह

और जानिये : भारत और विश्व के महत्वपूर्ण कार्यालयों/कंपनियों और संगठनों के प्रमुखों के नाम 2017

भारतीय राज्यों के वर्तमान मुख्यमंत्रियों के नाम एवं उनकी राजनीतिक पार्टी

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भारतीय राज्यों के वर्तमान मुख्यमंत्रियों की सूची 2017- Chief Ministers of Indian States in Hindi

भारतीय राज्यों के वर्तमान मुख्यमंत्रियों की सूची: (List of Chief Ministers of Indian States in Hindi)

भारत गणराज्य में उन्तीस राज्यों और दो केन्द्र-शासित प्रदेशों (दिल्ली और पुद्दुचेरी) की प्रत्येक सरकार के मुखिया मुख्यमंत्री कहलाता है। भारत के संविधान के अनुसार राज्य स्तर पर राज्यपाल क़ानूनन मुखिया होता है लेकिन वास्तव में कार्यकारी प्राधिकारी मुख्यमंत्री ही होता है। राज्य विधान सभा चुनावों के बाद राज्यपाल सामान्यतः सरकार बनाने के लिए बहुमत वाले दल (अथवा गठबंधन) को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित करता है।

इन्हें भी पढे: भारतीय राज्यों के वर्तमान राज्यपालों के नाम एवं उनका कार्यकाल

भारतीय राज्यों के वर्तमान मुख्यमंत्रियों की सूची:

राज्य का नाम मुख्यमंत्री का नाम राजनीतिक पार्टी का नाम
आंध्र प्रदेश एन. चंद्रबाबू नायडू तेलुगू देशम पार्टी
अरुणाचल प्रदेश पेमा खांडू पीपुल्स पार्टी ऑफ़ अरुणाचल
असम सर्बानन्दा सोनवाल भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी)
बिहार नितीश कुमार जनता दल (यूनाइटेड)
छत्तीसगढ़ रमन सिंह भारतीय जनता पार्टी
दिल्ली (राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र) अरविंद केजरीवाल आम आदमी पार्टी
गोवा मनोहर पर्रिकर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी)
गुजरात विजय रूपानी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी)
हरियाणा मनोहर लाल खट्टर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी)
हिमाचल प्रदेश वीरभद्र सिंह कांग्रेस
जम्मू-कश्मीर महबूबा मुफ्ती सईद पीडीपी, भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी)
झारखंड रघुबर दास भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी)
कर्नाटक सिद्धारमैया कांग्रेस
केरल पिनाराई विजयन मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी
मध्य प्रदेश शिवराज सिंह चौहान भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी)
महाराष्ट्र देवेन्द्र फड़नवीस भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी)
मणिपुर एन. बीरेन सिंह (16 मार्च से) भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी)
मेघालय डॉ. मुकुल संगमा कांग्रेस
मिजोरम पू. यू. लल्थनवाला कांग्रेस
नागालैंड शुरहोजेली लीजित्सू नगा पीपुल्स फ्रंट
ओडिशा नवीन पटनायक बीजू जनता दल
पुडुचेरी (यू.टी) वी॰ नारायणस्वामी कांग्रेस
पंजाब अमरिंदर सिंह (16 मार्च से) कांग्रेस
राजस्थान वसुंधरा राजे भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी)
सिक्किम पवन कुमार चामलिंग सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट
तमिलनाडु इदापड्डी पलानीस्वामी ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम
तेलंगाना चंद्रशेखर राव तेलंगाना राष्ट्रीय समिति (टीआरएस)
त्रिपुरा माणिक सरकार भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी)
उत्तराखंड हरीश रावत कांग्रेस
उत्तर प्रदेश अखिलेश यादव समाजवादी पार्टी
पश्चिम बंगाल ममता बनर्जी अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस

अंतिम संशोधन: 15 मार्च 2017

भारत में मुख्यमंत्री की नियुक्ति कैसे होती है:-

मुख्यमंत्री की नियुक्ति राज्यपाल के द्वारा संविधान के अनुच्छेद 163 के तहत की जाती है। राज्यपाल मुख्यमंत्री की नियुक्ति या तो आम चुनाव के बाद करता है या फिर तब करता है, जब मुख्यमंत्री के त्यागपत्र देने के कारण या बर्ख़ास्त कर दिये जाने के कारण उसका पद रिक्त हो जाता है। आम चुनाव में किसी एक ही दल को विधानसभा में बहुमत प्राप्त हो जाये और उस दल का कोई निर्वाचित नेता हो, तब उसे मुख्यमंत्री पद पर नियुक्त करना राज्यपाल की संवैधानिक बाध्यता है। यदि मुख्यमंत्री अपने दल के आन्तरिक मतभेदों के कारण त्यागपत्र देता है, तो उस दल के नये निर्वाचित नेता को मुख्यमंत्री पद पर नियुक्त किया जाता है।

भारत में मुख्यमंत्री पद के लिए क्या-2 योग्यताएँ होनी चाहिए:-

मुख्यमंत्री पद के लिए संविधान में कोई योग्यता विहित नहीं की गयी है, लेकिन मुख्यमंत्री के लिए यह आवश्यक है कि वह राज्य विधानसभा का सदस्य हो। इस प्रकार मुख्यमंत्री में राज्य विधानसभा के सदस्य की योग्यता होनी चाहिए। राज्य विधानसभा का सदस्य न होने वाला व्यक्ति भी मुख्यमंत्री पद पर नियुक्त किया जा सकता है, लेकिन इसके लिए आवश्यक है कि वह 6 मास के अन्तर्गत राज्य विधानसभा का सदस्य निर्वाचित हो जाये। 21 सितम्बर, 2001 को उच्चतम न्यायालय के एक निर्णय के अनुसार किसी सज़ायाफ़्ता को मुख्यमंत्री पद के लिए अयोग्य माना जाएगा।

भारत में मुख्यमंत्री के कर्तव्य तथा अधिकार:-

  • वह राज्य के शासन का वास्तविक अध्यक्ष है और इस रूप में वह अपने मंत्रियों तथा संसदीय सचिवों के चयन, उनके विभागों के वितरण तथा पदमुक्ति और लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष तथा अन्य सदस्यों एवं महाधिवक्ता और अन्य महत्त्वपूर्ण पदाधिकारियों की नियुक्ति के लिए राज्यपाल को परामर्श देता है।
  • राज्य में असैनिक पदाधिकारियों के स्थानान्तरण के आदेश मुख्यमंत्री के आदेश पर जारी किये जाते हैं तथा वह राज्य की नीति से सम्बन्धित विषयों के सम्बन्ध में निर्णय करता है।
  • वह राष्ट्रीय विकास परिषद में राज्य का प्रतिनिधित्व करता है।
  • मुख्यमंत्री परिषद की बैठक की अध्यक्षता करता है तथा सामूहिक उत्तरदायित्व के सिद्धान्त का पालन करता है। यदि मंत्रिपरिषद का कोई सदस्य मंत्रिपरिषद की नीतियों से भिन्न मत रखता है, तो मुख्यमंत्री उसे त्यागपत्र देने के लिए कहता है या राज्यपाल उसे बर्ख़ास्त करने की सिफ़ारिश कर सकता है।
  • वह राज्यपाल को राज्य के प्रशासन तथा विधायन सम्बन्धी सभी प्रस्तावों की जानकारी देता है।
  • यदि मंत्रिपरिषद के किसी सदस्य ने किसी विषय पर अकेले निर्णय लिया है, तो राज्यपाल के कहने पर उस निर्णय को मंत्रिपरिषद के समक्ष विचारार्थ रख सकता है।
  • वह राज्यपाल को विधानसभा भंग करने की सलाह देता है।

भारत में मुख्यमंत्री को किन-2 स्थितियों में बर्ख़ास्त किया जा सकता है:-

सामान्यत: मुख्यमंत्री अपने पद पर तब तक बना रहता है, जब तक उसे विधानसभा का विश्वास मत प्राप्त रहता है। अत: जैसे ही उसका विधानसभा में बहुमत समाप्त हो जाता है, उसे त्यागपत्र दे देना चाहिए। यदि वह त्यागपत्र नहीं देता है, तो राज्यपाल उसे बर्ख़ास्त कर सकता है। इसके अतिरिक्त मुख्यमंत्री निम्नलिखित स्थितियों में बर्ख़ास्त किया जा सकता है:-

  • यदि राज्यपाल मुख्यमंत्री को विधानसभा का अधिवेशन बुलाने तथा उसमें बहुमत सिद्ध करने की सलाह दे और यदि राज्यपाल के द्वारा निर्धारित अवधि के भीतर मुख्यमंत्री विधानसभा का अधिवेशन बुलाने के लिए तैयार नहीं हो, तो राज्यपाल मुख्यमंत्री को बर्ख़ास्त कर सकता है।
  • यदि राज्यपाल अनुच्छेद 356 के अधीन राष्ट्रपति को यह रिपोर्ट दे कि राज्य का शासन संविधान के अनुसार नहीं चलाया जा सकता या राष्ट्रपति को अन्य स्रोतों यह समाधान हो जाए कि शासन संविधान के प्रावधानों के अनुसार नहीं चलाया जा सकता, तो राष्ट्रपति मुख्यमंत्री को बर्ख़ास्त करके राज्य का शासन चलाने का निर्देश राज्यपाल को दे सकता है।
  • जब मुख्यमंत्री के विरुद्ध राज्य विधानसभा में प्रस्ताव पारित हो जाए और मुख्यमंत्री त्यागपत्र देने से इन्कार कर दे, तब राज्यपाल मुख्यमंत्री को बर्ख़ास्त कर सकता है।

और जानिये : भारतीय राज्यों के वर्तमान मुख्यमंत्रियों के नाम एवं उनकी राजनीतिक पार्टी

गोवा के मुख्यमंत्रियों के नाम, कार्यकाल एवं उनकी राजनीतिक पार्टी (वर्ष 1963 से 2017)

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गोवा के मुख्‍यमंत्रियों की सूची- Chief Ministers of Goa in Hindi

गोवा का इतिहास एवं मुख्यमंत्रियों की सूची: (List of Chief Ministers of Goa Since 1963 in Hindi)

गोवा:

गोवा, भारतीय प्रायद्वीप के पश्चिमी तट पर स्थित है। गोवा राज्य, उत्तर में महाराष्ट्र राज्य, पूर्व व दक्षिण में कर्नाटक राज्य और पश्चिम में अरब सागर से घिरा है और पणजी गोवा की राजधानी है। गोवा का क्षेत्रफल 3,702 वर्ग किलोमीटर है, यह समुद्र तट की ओर एक द्वीपयुक्त शहर है, जो मुंबई से 400 किलोमीटर की दूरी पर दक्षिण में मुख्यभूमि में स्थित है। गोवा क्षेत्रफल में भारत का सबसे छोटा और जनसंख्या के हिसाब से दूसरा सबसे छोटा राज्य है। पूरी दुनिया में गोवा अपने ख़ूबसूरत समुद्र के किनारों और मशहूर स्थापत्य कला के लिये जाना जाता है।

गोवा का इतिहास:

गोवा पहले पुर्तग़ाल का एक उपनिवेश था। पुर्तग़ालियों ने गोवा पर लगभग 450 साल तक शासन किया और दिसंबर, 1961 में यह भारतीय प्रशासन को सौंप दिया गया। और सन् 1987 ई. से गोवा को राज्य का दर्जा मिला। इसके उत्तर में तेरेखोल नदी बहती है जो गोवा को महाराष्ट्र से अलग करती है। इसके दक्षिण में कर्नाटक का उत्तर कन्नड़ ज़िला और पूर्व में पश्चिमी घाट और पश्चिम में अरब सागर है। पणजी, मडगाँव, वास्को, मापुसा, तथा पोंडा राज्य के प्रमुख शहर हैं।

गोवा के वर्तमान मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर हैं। मनोहर पर्रिकर ने 14 मार्च 2017 को चौथी बार गोवा के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। दयानंद बंदोडकर गोवा के पहले मुख्यमंत्री थे। भारत गणराज्य में किसी भी राज्य की सरकार के मुखिया मुख्यमंत्री होते हैं। लोकतांत्रिक ढंग से चुनावी प्रक्रिया के बाद चुने गये विधायक अपने नेता का चुनाव करते हैं, जिसे राज्यपाल मुख्‍यमंत्री के पद पर नियुक्त करते हैं। बात अगर गोवा की करें, तो आप यहां इस राज्य के अब तक के मुख्‍यमंत्रियों की सूची पढ़ सकते हैं। आइये जानते है वर्ष 1963 से अब तक कौन-कौन गोवा में मुख्यमंत्री रहा:-:-

वर्ष 1963 से अब तक चुने गए गोवा के मुख्‍यमंत्रियों की सूची:

मुख्यमंत्री का नाम पदभार ग्रहण पदमुक्ति दल/राजनीतिक पार्टी
दयानंद बंदोडकर 20 दिसंबर, 1963 2 दिसंबर, 1966 एमजीपी
राष्ट्रपति शासन (2 दिसंबर, 1966-5 अप्रैल, 1967)
दयानंद बंदोडकर 5 अप्रैल, 1967 12 अगस्त, 1973 एमजीपी
शशिकला काकोदकर 12 अगस्त, 1973 27 अप्रैल, 1979 एमजीपी
राष्ट्रपति शासन 27 अप्रैल, 1979 16 जनवरी, 1980
प्रताप सिंह राणे 16 जनवरी, 1980 27 मार्च, 1990 (आईएनसी)(यू)
चर्चिल अल्माओ 27 मार्च, 1990 14 अप्रैल, 1990 प्रोग्रेसिव डेमोक्रेटिक फ्रंट
डॉ. लुइस प्रोटो बारबोसा 14 अप्रैल, 1990 14 दिसंबर, 1990 प्रोग्रेसिव डेमोक्रेटिक फ्रंट
राष्ट्रपति शासन (27 अप्रैल, 1979-16 जनवरी, 1980)
रवि एस. नाइक 25 जनवरी, 1991 18 मई, 1993 कांग्रेस
डॉ. विल्फ्रेड डिसूजा 18 मई, 1993 2 अप्रैल, 1994 कांग्रेस
रवि एस. नाइक 2 अप्रैल, 1994 8 अप्रैल, 1994 कांग्रेस
डॉ. विल्फ्रेड डिसूजा 8 अप्रैल, 1994 16 दिसंबर, 1994 कांग्रेस
प्रताप सिंह राणे 16 दिसंबर, 1994 30 जुलाई, 1998 कांग्रेस
डॉ. विल्फ्रेड डिसूजा 30 जुलाई, 1998 26 नवंबर, 1998 गोवा राजीव कांग्रेस
लुइजिन्हो फलेरो 26 नवंबर, 1998 9 फरवरी, 1999 कांग्रेस

राष्ट्रपति शासन (14 दिसंबर, 1990-25 जनवरी, 1991)
लुइजिन्हो फलेरो 9 जून, 1999 24 नवंबर, 1999 कांग्रेस
फ्रांसीस्को सरडिन्हा 24 नवंबर, 1999 24 अक्टूबर, 2000 गोवा पीपुल्स कांग्रेस
मनोहर पर्रिकर 24 अक्टूबर, 2000 2 फरवरी, 2005 भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी)
प्रताप सिंह राणे 2 फरवरी, 2005 4 मार्च, 2005 कांग्रेस
राष्ट्रपति शासन (9 फरवरी, 1999-9 जून, 1999)
प्रताप सिंह राणे 7 जून, 2005 8 जून, 2007 कांग्रेस
दिगंबर कामत 8 जून, 2007 9 मार्च, 2012 कांग्रेस
मनोहर पर्रिकर 9 मार्च, 2012 8 नवंबर, 2014 भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी)
लक्ष्मीकांत पारसेकर 13 मार्च, 2017 वर्तमान में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी)
मनोहर पर्रिकर 14 मार्च, 2017 वर्तमान में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी)

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भारत की प्रमुख फसलों के नाम, उत्पादक राज्य एवं महत्‍वपूर्ण तथ्यों की सूची

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भारत की प्रमुख फसलें एवं उत्पादक राज्य | Indian Agriculture Facts in Hindi

भारत की प्रमुख फसलों के नाम एवं उत्पादक राज्य: (Top Crops Producing Indian States and Agriculture Facts  in Hindi)

भारतीय कृषि व्यवस्था:

भारत एक कृषि प्रधान देश है। कृषि भारत की अर्थव्यवस्था की रीढ़ मानी जाती है। विभिन्न पंचवर्षीय योजनाओं द्वारा चलाए जा रहे विभिन्न कार्यक्रमों एवं प्रयासों से कृषि को राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में गरिमापूर्ण दर्जा मिला है। भारत में कृषि सिंधु घाटी सभ्यता के दौर से की जाती रही है। भारतीय कृषि यहाँ की अर्थव्यवस्था, मानव-बसाव तथा यहाँ के सामाजिक-सांस्कृतिक ढांचे एवं स्वरूप की आज भी आधारशिला बनी हुई है। देश की लगभग 64 प्रतिशत जनसंख्या की कृषि-कार्यो में संलग्नता तथा कुल राष्ट्रीय आय के लगभग 27.4 प्रतिशत भाग के स्रोत के रूप में कृषि महत्त्वपूर्ण हो गयी है। देश के कुल निर्यात में कृषि का योगदान 18 प्रतिशत है।

भारत की प्रमुख फसलों के नाम एवं सर्वाधिक उत्पादक राज्यों की सूची:

भारत की प्रमुख फसलों के नाम सर्वाधिक उत्पादक राज्यों के नाम
चावल पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, आन्ध्र प्रदेश, बिहार और पंजाब
गेंहू उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, बिहार, मध्य प्रदेश और राजस्थान
ज्वार महाराष्ट्र, कर्नाटक, मध्य प्रदेश और राजस्थान
बाजरा गुजरात, राजस्थान और उत्तर प्रदेश
दलहन मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, बिहार, पश्चिम बंगाल, गुजरात और आंध्र प्रदेश
तिलहन मध्य प्रदेश, गुजरात, उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान, पश्चिम बंगाल और ओडिशा
जौ उत्तर प्रदेश, राजस्थान, बिहार और पंजाब
गन्ना उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, कर्नाटक, हरियाणा और पंजाब
मूंगफली गुजरात, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडू, कर्नाटक, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश
चाय असम, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, केरल, त्रिपुरा, कर्नाटक और हिमाचल प्रदेश
कहवा कर्नाटक, तमिलनाडु, केरल, आंध्र प्रदेश और महाराष्ट्र
कपास महाराष्ट्र, गुजरात, मध्य प्रदेश, पंजाब, कर्नाटक, हरियाणा, राजस्थान, तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश
रबड़ केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक, असम और अंडमान निकोबार द्वीप समूह
पटसन पश्चिम बंगाल, बिहार, असम, ओडिशा और उत्तर प्रदेश
तम्बाकू आंध्र प्रदेश, गुजरात, बिहार, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु
काली मिर्च केरल, कर्नाटक, तमिलनाडु और पुडुचेरी
हल्दी आंध्र प्रदेश, ओडिशा, तमिलनाडु, महाराष्ट्र और बिहार
काजू केरल, महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश

भारतीय कृषि एक ऐसा आधार है, जिस पर देश के 5.5 लाख से भी अधिक गाँवों में निवास करनी वाली 75 प्रतिशत जनसंख्या प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रूप से आजीविका प्राप्त करती है। 1960 के बाद देश में कृषि के क्षेत्र में हरित क्रांति के साथ नया दौर आया।

आइये जानते है भारत की खेती से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण तथ्यों के बारे में:-

भारतीय कृषि से जुड़े महत्‍वपूर्ण तथ्‍य:

  • भारत के कुल क्षेत्रफल का लगभग 51 फीसदी भाग पर कृषि, 4 फ़ीसदी पर चरागाह, लगभग 21 फीसदी पर वन और 24 फीसदी बंजर और बिना उपयोग की है।
  • देश की कुल श्रम शक्ति का लगभग 52 फीसदी भाग कृषि और इससे सम्बंधित उद्योग और धंधों से अपनी आजीविका चलता है।
  • 2004-2005 में भारत के निर्यात में कृषि और सम्बंधित वस्तुओं कानुपात लगभग 40 फीसदी रहा।
  • विश्व में चावल उत्पादन में चीन के बाद भारत का दूसरा स्थान है। भारत में खाद्यान्नों के अंतर्गत आने वाले कुल क्षेत्र के करीब 47 फीसदी भाग पर चावल की खेती की जाती है।

  • विश्व में गेंहू उत्पादन में चीन के बाद भारत का दूसरा स्थान है। देश की कुल कृषि योग्य जमीन के लगभग 15 फीसदी भाग पर गेंहू की खेती की जाती है।
  • देश में गेंहू के उत्पादन में उत्तर प्रदेश का प्रथम स्थान है, जबकि प्रति हेक्टेयर उत्पादन में पंजाब का प्रथम स्थान है।
  • हरित क्रांति का सबसे अधिक प्रभाव गेंहू और चावल की कृषि पर पड़ा है, परंतु चावल की तुलना गेंहू के उत्पादन में अधिक वृद्धि हुई।
  • भारत में हरित क्रांति लाने का श्रेय डॉक्टर एम. एस. स्वामीनाथन को जाता है। भारत में हरित क्रांति की शुरुआत 1967-1968 में हुई।
  • प्रथम हरित क्रांति के बाद 1983-1984 में द्वितीय हरित क्रांति की शुरुआत हुई, जिसमें अधिक अनाज उत्पादन, निवेश और किसानों को दी जाने वाली सेवाओं का विस्तार हुआ।
  • तिलहन प्रौद्योगिकी मिशन की स्थापना 1986 में हुई।
  • भारत विश्व में उर्वरक (फर्टिलाइजर) का तीसरा सबसे बड़ा उत्पादक और उपभोक्ता देश है।
  • पोटाशियम फर्टिलाइजर का पूरी तरह आयात किया जाता है।
  • आम, केला, चीकू, खट्टे नींबू, काजू, नारियल, काली मिर्च, हल्दी के उत्पादन में भारत का स्थान पहला है।
  • फलों और सब्जियों के उत्पादन में भारत का स्थान दुनिया में दूसरा है।

इन्हें भी पढ़े: भारत में कृषि का महत्व, प्रमुख फसलें एवं उनकी विशेषताओं की सूची

और जानिये : भारत की प्रमुख फसलों के नाम, उत्पादक राज्य एवं महत्‍वपूर्ण तथ्यों की सूची

बैक्टीरिया से होने वाले रोग, लक्षण एवं प्रभावित अंगों की सूची

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बैक्टीरिया से होने वाले रोग एवं प्रभावित अंगों की सूची: Diseases caused by Bacteria in Hindi

बैक्टीरिया से होने वाले रोग, लक्षण एवं प्रभावित अंगों की सूची: (Human diseases caused by Bacteria in Hindi)

सूक्ष्मजीव

वे जीव जिन्हें मनुष्य नंगी आंखों से नही देख सकता तथा जिन्हें देखने के लिए सूक्ष्मदर्शी यंत्र की आवश्यकता पड़ता है, उन्हें सूक्ष्मजीव (माइक्रोऑर्गैनिज्म) कहते हैं। सूक्ष्मजीवों का संसार अत्यन्त विविधता से बह्रा हुआ है। सूक्ष्मजीवों के अन्तर्गत सभी जीवाणु (बैक्टीरिया) और आर्किया तथा लगभग सभी प्रोटोजोआ के अलावा कुछ कवक (फंगी), शैवाल (एल्गी), और चक्रधर (रॉटिफर) आदि जीव आते हैं।

सूक्ष्मजीव सर्वव्यापी होते हैं। यह मृदा, जल, वायु, हमारे शरीर के अंदर तथा अन्य प्रकार के प्राणियों तथा पादपों में पाए जाते हैं। जहाँ किसी प्रकार जीवन संभव नहीं है जैसे गीज़र के भीतर गहराई तक, (तापीय चिमनी) जहाँ ताप 100 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ा हुआ रहता है, मृदा में गहराई तक, बर्फ की पर्तों के कई मीटर नीचे तथा उच्च अम्लीय पर्यावरण जैसे स्थानों पर भी पाए जाते हैं।

बैक्टीरिया से होने वाले रोग, लक्षण एवं प्रभावित अंगों की सूची:

रोग का नाम रोगाणु का नाम प्रभावित अंग लक्षण
हैजा बिबियो कोलेरी पाचन तंत्र उल्टी व दस्त, शरीर में ऐंठन एवं डिहाइड्रेशन
टी. बी. माइक्रोबैक्टीरियम ट्यूबरक्लोसिस फेफड़े खांसी, बुखार, छाती में दर्द, मुँह से रक्त आना
कुकुरखांसी वैसिलम परटूसिस फेफड़ा बार-बार खांसी का आना
न्यूमोनिया डिप्लोकोकस न्यूमोनियाई फेफड़े छाती में दर्द, सांस लेने में परेशानी
ब्रोंकाइटिस जीवाणु श्वसन तंत्र छाती में दर्द, सांस लेने में परेशानी
प्लूरिसी जीवाणु फेफड़े छाती में दर्द, बुखार, सांस लेने में परेशानी
प्लेग पास्चुरेला पेस्टिस लिम्फ गंथियां शरीर में दर्द एवं तेज बुखार, आँखों का लाल होना तथा गिल्टी का निकलना
डिप्थीरिया कोर्नी वैक्ट्रियम गला गलशोथ, श्वांस लेने में दिक्कत
कोढ़ माइक्रोबैक्टीरियम लेप्र तंत्रिका तंत्र अंगुलियों का कट-कट कर गिरना, शरीर पर दाग
टाइफायड टाइफी सालमोनेल आंत बुखार का तीव्र गति से चढऩा, पेट में दिक्कत और बदहजमी
टिटेनस क्लोस्टेडियम टिटोनाई मेरुरज्जु मांसपेशियों में संकुचन एवं शरीर का बेडौल होना
सुजाक नाइजेरिया गोनोरी प्रजनन अंग जेनिटल ट्रैक्ट में शोथ एवं घाव, मूत्र त्याग में परेशानी
सिफलिस ट्रिपोनेमा पैडेडम प्रजनन अंग जेनिटल ट्रैक्ट में शोथ एवं घाव, मूत्र त्याग में परेशानी
मेनिनजाइटिस ट्रिपोनेमा पैडेडम मस्तिष्क सरदर्द, बुखार, उल्टी एवं बेहोशी
इंफ्लूएंजा फिफर्स वैसिलस श्वसन तंत्र नाक से पानी आना, सिरदर्द, आँखों में दर्द
ट्रैकोमा बैक्टीरिया आँख सरदर्द, आँख दर्द
राइनाटिस एलजेनटस नाक नाक का बंद होना, सरदर्द
स्कारलेट ज्वर बैक्टीरिया श्वसन तंत्र बुखार

बैक्टीरिया से जुड़े महत्‍वपूर्ण तथ्यों की सूची:

  • बैक्टीरिया इस ग्रह पर हमसे बहुत पहले से हैं। उन्हें इस पृथ्वी पर जीवन का सबसे पुराना रूप माना जाता है।
  • आपकी काम की टेबल पर मौजूद बैक्टीरिया शौचालय की तुलना में 399 गुणा होते हैं।
  • अपने साथी का चुंबन लेते समय आप बैक्टीरिया का आदान-प्रदान करते हैं।
  • आपके वज़न का लगभग 2 किलो बैक्टीरिया से बना है।
  • क्या आप जानते हैं कि आपके पेट के निचले हिस्से में सूक्ष्तजीवों की लगभग 1400 प्रजाजियाँ हैं?
  • आपके मोबाइल फोन पर भी बैक्टीरिया होते हैं। टाॅयलेट सीट की तुलना में, आपके फोन पर अधिक संख्या में बैक्टीरिया होते हैं।
  • माइक्रोस्‍कोप के आविष्कार के बाद ही मनुष्य बैक्टीरिया देख पाए हैं।
  • 2500 से अधिक प्रकार के बैक्टीरिया आपके बटुए में मौजूद हर नोट पर होते हैं।
  • आपके शरीर की गंध पसीने के कारण नहीं बल्कि बैक्टीरिया के कारण होती है।
  • बैक्टीरिया इस ग्रह के किसी भी भाग और किसी भी मौसम में जीवित रह सकते हैं।
  • बारिश होने पर, हवा में एक अजीब सी गंध होती है। यह एक प्रकार के बैक्टीरिया, एक्टीनोमाइसीट्स के कारण होती है।
  • क्या आप जानते हैं कि कुछ एंटीबैक्टीरियल दवाएं बैक्टीरिया की मदद से बनती हैं?

इन्हें भी पढ़े: मानव शरीर में होने वाले विभिन्न प्रकार के रोग एवं उनके लक्षण

और जानिये : बैक्टीरिया से होने वाले रोग, लक्षण एवं प्रभावित अंगों की सूची


प्रमुख औषधियों के नाम, प्रकार एवं उनके स्त्रोतों की सूची

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प्रमुख औषधियों के नाम, प्रकार एवं उनके स्त्रोत | Name of Major Drugs in Hindi

प्रमुख औषधियों के नाम एवं उनके स्त्रोतों की सूची: (List of major drugs, types and their sources in Hindi)

औषधि किसे कहते है?

औषधि वह पदार्थ है जिन का निश्चित मात्रा शरीर मैं निश्चित प्रकार का असर दिखाता है। इनका प्रयोजन चिकित्सा में होता है। किसी भी पदार्थ को औषधि के रूप मैं प्रयोजन करके के लिए उस पदार्थ का गुण, मात्रा अनुसार का व्यवहार, शरीर पर विभिन्न मात्राऔं में होने वाला प्रभाव आदि का जानकारी अपरिहार्य है।

औषधियाँ रोगों के इलाज में काम आती हैं। प्रारंभ में औषधियाँ पेड़-पौधों, जीव जंतुओं से प्राप्त की जाती थीं, लेकिन जैसे-जैसे रसायन विज्ञान का विस्तार होता गया, नए-नए तत्वों की खोज हुई तथा उनसे नई-नई औषधियाँ कृत्रिम विधि से तैयार की गईं।

औषधियों के प्रकार (Kinds of drugs)

  1. अंत:स्रावी औषधियाँ: ये औषधियाँ मानव शरीर मे प्राकृतिक हारमोनों के कम या ज्यादा उत्पादन को संतुलित करती हैं। उदाहरण- इंसुलिन का प्रयोग डायबिटीज़ के इलाज के लिए किया जाता है।
  2. एंटीइंफेक्टिव औषधियाँ: एंटी-इंफेक्टिव औषधियों को एंटी-बैक्टीरियल, एंटी वायरल अथवा एंटीफंगल के रूप में वर्गीकृत किया जाता है। इनका वर्गीकरण रोगजनक सूक्ष्मजीवियों के प्रकार पर निर्भर करता है। ये औषधियाँ सूक्ष्मजीवियों की कार्यप्रणाली में हस्तक्षेप करके उन्हें समाप्त कर देती हैं जबकि मानव शरीर इनसे अप्रभावित रहता है।
  3. एंटीबायोटिक्स औषधियाँ: एंटीबायोटिक्स औषधियाँ अत्यन्त छोटे सूक्ष्मजीवियों, मोल्ड्स, फन्जाई (fungi) आदि से बनाई जाती हैं। पेनिसिलीन, ट्रेटासाइक्लिन, सेफोलोस्प्रिन्स, स्ट्रेप्टोमाइसिन, जेन्टामाइसिन आदि प्रमुख एंटीबायोटिक औषधियाँ हैं।
  4. एंटी-वायरल औषधियाँ: ये औषधियाँ मेहमान कोशिकाओं में वायरस के प्रवेश को रोककर उसके जीवन चक्र को प्रभावित करती हैं। ये औषधियाँ अधिकांशता रोगों को दबाती ही हैं। एड्स संक्रमण के मामलों में अभी तक किसी भी प्रभावी औषधि का निर्माण संभव नहीं हो सका है।
  5. वैक्सीन: वैक्सीन का प्रयोग कनफेड़ा, छोटी माता, पोलियो और इंफ्लूएंजा जैसे रोगों में,  एंटी-वायरल औषधि के रूप में किया जाता है। वैक्सीनों का निर्माण जीवित अथवा मृत वायरसों से किया जाता है। प्रयोग के पूर्व इनका तनुकरण किया जाता है। वैक्सीन के शरीर में प्रवेश से मानव इम्यून प्रणाली का उद्दीपन होता है जिससे एंडीबॉडीज़ का निर्माण होता है। ये एंटीबॉडीज़ शरीर को समान प्रकार के वायरस के संक्रमण से बचाती हैं।
  6. एंटी-फंगल औषधियाँ: एंटी फंगल औषधियाँ कोशिका भित्ति में फेरबदल करके फंगल कोशिकाओं को चुनकर नष्टï कर देती हैं। कोशिका के जीव पदार्थ का स्राव हो जाता है और वह मृत हो जाती है।
  7. कार्डियोवैस्कुलर औषधियाँ: ये औषधियाँ हृदय और रक्त वाहिकाओं को प्रभावित करती हैं। इनका वर्गीकरण उनकी क्रिया के आधार पर किया जाता है। एंटीहाइपरटेन्सिव औषधियाँ रक्त वाहिकाओं को फैलाकर रक्तचाप पैदा कर देती हैं। इस तरह से संवहन प्रणाली में हृदय से पंप करके भेजे गए रक्त की मात्रा कम हो जाती है। एंटीआरिदमिक औषधियाँ हृदय स्पंदनों को नियमित करके हृदयाघात से मानव शरीर को बचाती हैं।

रक्त को प्रभावित करने वाली औषधियाँ:

  1. एंटी-एनीमिक औषधियाँ: जिनमें कुछ विटामिन अथवा आइरन शामिल हैं, लाल रक्त कणिकाओं के निर्माण को बढ़ावा देती हैं।
  2. एंटीकोएगुलेंट औषधियाँ: हेपारिन जैसी औषधियाँ रक्त जमने की प्रक्रिया को घटाकर रक्त संचरण को सुचारू करती हैं।
  3. थ्रॉम्बोलिटिक औषधियाँ: ये औषधियाँ रक्त के थक्कों को घोल देती हैं, जिनसे रक्त वाहिकाओं को जाम होने का खतरा होता है। रक्त वाहिकाओं में ब्लॉकेड की वजह से हृदय व मस्तिष्क को रक्त व ऑक्सीजन की आपूर्ति नहीं हो पाती है।
  4. केंद्रीय स्नायु तंत्र की औषधियाँ: ये वे औषधियाँ हैं जो मेरूदण्ड और मस्तिष्क को प्रभावित करती हैं। इनका प्रयोग तंत्रिकीय और मानसिक रोगों के इलाज में किया जाता है। उदाहरण के लिए एंटी-एपीलेप्टिक औषधियाँ मष्तिष्क के अतिउत्तेजित क्षेत्रों की गतिविधियों को कम करके मिर्गी के दौरों को समाप्त कर देती हैं। एंटी-साइकोटिक औषधियाँ सीजोफ्रेनिया जैसे मानसिक रोगों के इलाज में काम आती हैं। एंटी-डिप्रेसेंट मानसिक अवसाद की स्थिति को समाप्त करती हैं।
  5. एंटीकैंसर औषधियाँ: ये औषधियाँ कुछ कैंसरों को अथवा उनकी तीव्र वृद्धि और फैलाव को रोकती हैं। ये औषधियाँ सभी कैंसरों के लिए कारगर नहीं होती हैं। पित्त की थैली, मस्तिष्क, लिवर अथवा हड्डी इत्यादि के कैंसरों के लिए अलग-अलग औषधियाँ होती हैं। ये औषधियाँ कुछ विशेष तंतुओं अथवा अंगों के लिए विशिष्ट  होती हैं। एंटी कैंसर औषधियाँ विशेष कैंसर कोशिकाओं में हस्तक्षेप करके अपना कार्य अंजाम देती हैं।

प्रमुख औषधियों के नाम एवं उनके स्त्रोतों की सूची:

औषधि का नाम स्त्रोत
कुनैन सिनकोना की छाल
निकोटिन तम्बाकू
कैफीन ( एलकेलॉइड ) चाय, कॉफी
हेरोइन / मॉर्फिन / कोडीन अफीम
एस्पिरिन विलो
कोकीन इरिथ्रोजायलोन कोक ( अकवन )

इन्हें भी पढ़े: भारत के प्रमुख शोध संस्थानों के नाम और उनके स्थान की सूची

और जानिये : प्रमुख औषधियों के नाम, प्रकार एवं उनके स्त्रोतों की सूची

मानव शरीर के अंग तंत्रो के नाम, कार्य एवं महत्‍वपूर्ण तथ्यों की सूची

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शरीर के अंग तंत्रो के नाम एवं उनके कार्य | Systems of Human Body in Hindi

शरीर के अंग तंत्रो के नाम, कार्य एवं महत्‍वपूर्ण तथ्य: (Systems of Human Body and Important Facts in Hindi)

शरीर के तंत्र:

विभिन्न प्रकार के ऊतक मिलकर शरीर के विभिन्न अंगों का निर्माण करते हैं। इसी प्रकार, एक प्रकार के कार्य करनेवाले विभिन्न अंग मिलकर एक अंग तंत्र का निर्माण करते हैं। कई अंग तंत्र मिलकर जीव (जैसे, मानव शरीर) की रचना करते हैं।

मानव शरीर के विभिन्न तंत्र:

मानव शरीर का निर्माण निम्नलिखित तंत्रों द्वारा होता है :

  • कंकाल तंत्र।
  • संधि तंत्र।
  • पेशीय तंत्र।
  • रुधिर परिसंचरण तंत्र।
  • आशय तंत्र :
  • (क) श्वसन तंत्र।
  • (ख) पाचन तंत्र।
  • (ग) मूत्र एवं जनन तंत्र।
  • तंत्रिका तंत्र।
  • ज्ञानेन्द्रिय तंत्र।

इन अंगों के अलग अलग कार्य होते हैं लेकिन ये एक दूसरे से अलग होकर स्वतंत्र रूप से काम नहीं कर सकते हैं| ये मानव शरीर में एक दूसरे से संपर्क में रहते हैं और अपने काम जैसे शरीर में हार्मोन्स के उत्पादन को विनियमित करने, शरीर की रक्षा और गतिशीलता प्रदान करने, शरीर के तापमान को नियंत्रित करने आदि के लिए एक दूसरे पर निर्भर रहते हैं।

शरीर के अंगों को उनकी क्रियाओं के अनुसार कुछ प्रमुख तंत्रों में निम्नलिखित प्रकार से विभाजित किया गया है:-

  1. पाचन तंत्र: पाचन तंत्र में मुख, ग्रासनली, आमाशय, पक्वाशय, यकृत, छोटी आँत, बड़ी आँत इत्यादि होते हैं। पाचन तंत्र में भोजन के पचने की क्रिया होती है। भोजन में हम मुख्य  रूप से प्रोटीन, कार्बोहाइ़ड़्रेट और वसा लेते हैं। इनका पाचन पाचन तंत्र में उपस्थिति एन्जाइम व अम्ल के द्वारा होता है।
  2. श्वसन तंत्र: श्वसन तंत्र में नासा कोटर कंठ, श्वासनली, श्वसनी, फेंफड़े आते हैं। सांस के माध्यम से शरीर के प्रत्येक भाग में ऑक्सीजन पहुँचता है तथा कार्बन डाईऑक्साइड बाहर निकलती है। रक्त श्वसन तंत्र में में सहायता करता है। शिराएं अशुद्ध रक्त का वहन करती हैं और धमनी शुद्ध रक्त विभिन्न अंगों में पहुँचाती है।
  3. उत्सर्जन तंत्र: उत्सर्जन तंत्र में मलाशय, फुफ्फुस, यकृत, त्वचा तथा वृक्क होते हैं। शारीरिक क्रिया में उत्पन्न उत्कृष्टï पदार्थ और आहार का बिना पचा हुआ भाग उत्सर्जन तंत्र द्वारा शरीर के बाहर निकलते रहते हैं। मानव शरीर में जो पथरी बनती है वह सामान्यत: कैल्शियम ऑक्सलेट से बनती है। फुफ्फुस द्वारा हानिकारक गैसें निकलती हैं। त्वचा के द्वारा पसीने की ग्रंथियों से पानी तथा लवणों का विसर्जन होता है। किडनी में मूत्र का निर्माण होता है।
  4. परिसंचरण तंत्र: शरीर के विभिन्न भागों में रक्त का विनिमय परिसंचरण तंत्र के द्वारा होता है। रक्त परिसंचरण तंत्र में हृदय, रक्तवाहिनियां नलियां, धमनी, शिराएँ, केशिकाएँ  आदि सम्मिलित हैं। हृदय में रक्त का शुद्धीकरण होता है। हृदय की धड़कन से रक्त का संचरण होता है। रक्त संचरण की खोज सन 628 में विलियम हार्वे ने किया था। सामान्य व्यक्ति में एक मिनट में 72 बार हृदय में धकडऩ होती है।
  5. अंत:स्रावी तंत्र: शरीर के विभिन्न भागों में उपस्थित नलिका विहीन ग्रंथियों को अंत:स्रावी तंत्र कहते हैं। इनमें हार्मोन बनते हैं और शरीर की सभी रासायनिक क्रियाओं का नियंत्रण इन्हीं हार्मोनों द्वारा होता है। उदाहरण- अवटु ग्रंथि, अग्न्याशय (Pancreas), पीयूष ग्रंथि,  अधिवृक्क इत्यादि। पीयूष ग्रन्थि को मास्टर ग्रन्थि भी कहते हैं। यह परावटु ग्रंथि को छोड़कर अन्य ग्रंथियों को नियंत्रित करती है।
  6. कंकाल तंत्र: मानव शरीर कुल 206 हड्डिïयों से मिलकर बना है। हड्डिïयों से बने ढांचे को कंकाल-तंत्र कहते हैं। हड्डिïयां आपस में संधियों से जुड़ी रहती हैं। सिर की हड़्डी को को कपाल गुहा कहते हैं।
  7. लसीका तंत्र: लसीका ग्रंथियाँ विषैले तथा हानिकारक पदार्थों को नष्टï कर देती हैं और शुद्ध रक्त में मिलने से रोकती हैं। लसीका तंत्र छोटी-छोटी पतली वाहिकाओं का जाल होता है। लिम्फोसाइट्स ग्रंथियां विषैले तथा हानिकारक पदार्र्थों को नष्ट कर देती हैं और शुद्ध रक्त को मिलने से रोकती है।
  8. त्वचीय तंत्र: शरीर की रक्षा के लिए सम्पूर्ण शरीर त्वचा से ढंका रहता है। त्वचा का बाहरी भाग स्तरित उपकला के कड़े स्तरों से बना होता है। बाह्म संवेदनाओं को अनुभव करने के लिए तंत्रिका के स्पर्शकण होते हैं।
  9. पेशी तंत्र: पेशियाँ त्वचा के नीचे होती हैं। सम्पूर्ण मानव शरीर में 500 से अधिक पेशियाँ होती हैं। ये दो प्रकार की होती हैं। ऐच्छिक पेशियाँ मनुष्य के इच्छानुसार संकुचित हो जाती हैं। अनैच्छिक पेशियों का संकुचन मनुष्य की इच्छा द्वारा नियंत्रित नहीं होता है।
  10. तंत्रिका तंत्र: तंत्रिका तंत्र विभिन्न अंगों एवं सम्पूर्ण जीव की क्रियाओं का नियंत्रण करता है। पेशी संकुचन, ग्रंथि स्राव, हृदय कार्य, उपापचय तथा जीव में निरंतर घटने वाली अनेक क्रियाओं का नियंत्रण तंत्रिका तंत्र करता है। इसमें मस्तिष्क, मेरू रज्जु और तंत्रिकाएँ आती हैं।
  11. प्रजनन तंत्र: सभी जीवों में अपने ही जैसी संतान उत्पन्न करने का गुण होता है। पुरुष और स्त्री का प्रजनन तंत्र भिन्न-भिन्न अंगों से मिलकर बना होता है।
  12. विशिष्ट ज्ञानेन्द्रिय तंत्र: देखने के लिए आँखें, सुनने के लिए कान, सूँघने के लिए नाक, स्वाद के लिए जीभ तथा संवेदना के लिए त्वचा ज्ञानेन्द्रियों का काम करती हैं। इनका सम्बंध मस्तिष्क से बना रहता है।

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और जानिये : मानव शरीर के अंग तंत्रो के नाम, कार्य एवं महत्‍वपूर्ण तथ्यों की सूची

पंजाब के मुख्यमंत्रियों के नाम, कार्यकाल एवं उनकी राजनीतिक पार्टी (वर्ष 1947 से 2017)

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पंजाब के मुख्‍यमंत्रियों की सूची (1947-2017) | Chief Ministers of Punjab in Hindi

पंजाब के मुख्‍यमंत्रियों की सूची: (List of Chief Ministers of Punjab from 1947-2017 in Hindi)

पंजाब

पंजाब उत्तर-पश्चिम भारत का एक राज्य है जो वृहद्तर पंजाब क्षेत्र का एक भाग है। इसका दूसरा भाग पाकिस्तान में है। पंजाब के वर्तमान मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह हैं। कैप्टन अमरिंदर सिंह 16 मार्च 2017 को पंजाब के मुख्यमंत्री नियुक्त किये गए हैं। कैप्टन अमरिंदर सिंह पंजाब के 26वें मुख्यमंत्री बने है। गोपी चंद भार्गव पंजाब के पहले मुख्यमंत्री थे। पंजाब क्षेत्र के अन्य भाग (भारत के) हरियाणा और हिमाचल प्रदेश राज्यों में हैं। इसके पश्चिम में पाकिस्तानी पंजाब, उत्तर में जम्मू और कश्मीर, उत्तर-पूर्व में हिमाचल प्रदेश, दक्षिण और दक्षिण-पूर्व में हरियाणा, दक्षिण-पूर्व में केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ और दक्षिण-पश्चिम में राजस्थान राज्य हैं। राज्य की कुल जनसंख्या २,४२,८९,२९६ है एंव कुल क्षेत्रफल ५०,३६२ वर्ग किलोमीटर है। केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ पंजाब की राजधानी है, जोकि हरियाणा राज्य की भी राजधानी है। पंजाब के प्रमुख नगरों में अमृतसर, लुधियाना, जालंधर, पटियाला और बठिंडा हैं।

पंजाब का इतिहास एवं महत्वपूर्ण सामान्य ज्ञान:

1947 भारत का विभाजन के बाद बर्तानवी भारत के पंजाब सूबे को भारत और पाकिस्तान दरमियान विभाजन दिया गया था। 1966 में भारतीय पंजाब का विभाजन फिर से गो गई और नतीजे के तौर पर हरियाणा और हिमाचल प्रदेश होंद में आए और पंजाब का मौजूदा राज बना। यह भारत का अकेला सूबा है जहाँ सिख बहुमत में हैं।

पंजाब शब्द का अर्थ:

‘पंजाब’ शब्द, फारसी के शब्दों ‘पंज’ पांच और ‘आब’ पानी के मेल से बना है जिसका शाब्दिक अर्थ ‘पांच नदियों का क्षेत्र’ है। ये पांच नदियां हैं: सतलुज, व्यास, रावी, चिनाब और झेलम। धार्मिक आधार पर सन् 1947 में हुए भारत के विभाजन के दौरान चिनाब और झेलम नदियां पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में चली गयीं।

भारत गणराज्य में किसी भी राज्य की सरकार के मुखिया मुख्यमंत्री होते हैं। लोकतांत्रिक ढंग से चुनावी प्रक्रिया के बाद चुने गये विधायक अपने नेता का चुनाव करते हैं, जिसे राज्यपाल मुख्‍यमंत्री के पद पर नियुक्त करते हैं। बात अगर पंजाब की करें, तो आप यहां इस राज्य के अब तक के मुख्‍यमंत्रियों की सूची पढ़ सकते हैं। यहां आप जान सकते हैं कि पंजाब में कब से कब तक कौन मुख्‍यमंत्री रहे।

वर्ष 1947 से अब तक चुने गए पंजाब के मुख्यमंत्रियों की सूची:-

क्रमांक मुख्यमंत्री का नाम पदभार ग्रहण पदमुक्ति दल/राजनीतिक पार्टी
1 गोपी चंद भार्गव 15 अगस्त, 1947 13 अप्रैल, 1949 कांग्रेस
2 भीम सेन सच्चर 13 अप्रैल, 1949 18 अक्टूबर, 1949 कांग्रेस
3 गोपी चंद भार्गव 18 अक्टूबर, 1949 20 जून, 1951 कांग्रेस
राष्ट्रपति शासन (20 जून, 1951 से 17 अप्रैल, 1952 तक)
4 भीम सेन सच्चर 17 अप्रैल, 1952 23 जनवरी, 1956 कांग्रेस
5 प्रताप सिंह कैरों 23 जनवरी, 1956 21 जून, 1964 कांग्रेस
6 गोपी चंद भार्गव 21 जून, 1964 6 जुलाई, 1964 कांग्रेस
7 राम किशन 7 जुलाई, 1964 5 जुलाई, 1966 कांग्रेस
राष्ट्रपति शासन (5 जुलाई, 1966 से 1 नवंबर, 1966 तक)
8 ज्ञानी गुरमुख सिंह मुसाफिर 1 नवंबर, 1966 8 मार्च, 1967 कांग्रेस
9 गुरनाम सिंह 8 मार्च, 1967 25 नवंबर, 1967 शिरोमणि अकाली दल
10 लक्ष्मण सिंह गिल 25 नवंबर, 1967 23 अगस्त, 1968 शिरोमणि अकाली दल
राष्ट्रपति शासन (23 अगस्त, 1968 से 17 फरवरी, 1969 तक)
11 गुरनाम सिंह 17 फरवरी, 1969 27 मार्च, 1970 शिरोमणि अकाली दल
12 प्रकाश सिंह बादल 27 मार्च, 1970 14 जून, 1971 शिरोमणि अकाली दल
राष्ट्रपति शासन (14 जून, 1971 से 17 मार्च, 1972 तक)
13 जैल सिंह 17 मार्च, 1972 30 अप्रैल, 1977 कांग्रेस
राष्ट्रपति शासन (30 अप्रैल, 1977 से 20 जून, 1977 तक)
14 प्रकाश सिंह बादल 20 जून, 1977 17 फरवरी, 1980 शिरोमणि अकाली दल
राष्ट्रपति शासन (17 फरवरी, 1980 से 6 जून, 1980 तक)
15 दरबारा सिंह 6 जून, 1980 10 अक्टूबर, 1983 कांग्रेस
राष्ट्रपति शासन (10 अक्टूबर, 1983 से 29 सितंबर, 1985 तक)
16 सुरजीत सिंह बरनाला 29 सितंबर, 1985 11 जून, 1987 शिरोमणि अकाली दल
राष्ट्रपति शासन (11 जून, 1987 से 25 फरवरी, 1992 तक)
17 बेअंत सिंह 25 फरवरी, 1992 31 अगस्त, 1995 कांग्रेस
18 हरचरण सिंह बरार 31 अगस्त, 1995 21 जनवरी, 1996 कांग्रेस
19 रजिंदर कौर भट्टल 21 जनवरी, 1996 11 फरवरी, 1997 कांग्रेस
20 प्रकाश सिंह बादल 12 फरवरी, 1997 26 फरवरी, 2002 शिरोमणि अकाली दल
21 अमरिंदर सिंह 26 फरवरी, 2002 1 मार्च, 2007 कांग्रेस
22 प्रकाश सिंह बादल 01 मार्च, 2007 12 मार्च, 2017 शिरोमणि अकाली दल
22 कैप्टन अमरिंदर सिंह 16 मार्च, 2017 वर्तमान में कांग्रेस

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भारत की प्रमुख नदियों के नाम, उद्गम स्थल एवं सहायक नदियों की सूची

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भारत की नदियाँ, भारत की प्रमुख नदियों की सूची | Rivers of India in Hindi

भारत की प्रमुख नदियों की सूची: (List of Important Rivers of India in Hindi)

भारत की नदियों का देश के आर्थिक एवं सांस्कृतिक विकास में प्राचीनकाल से ही महत्वपूर्ण योगदान रहा है। सिन्धु तथा गंगा नदियों की घाटियों में ही विश्व की सर्वाधिक प्राचीन सभ्यताओं- सिन्धु घाटी तथा आर्य सभ्यता का आर्विभाव हुआ। आज भी देश की सर्वाधिक जनसंख्या एवं कृषि का संकेन्द्रण नदी घाटी क्षेत्रों में पाया जाता है। प्राचीन काल में व्यापारिक एवं यातायात की सुविधा के कारण देश के अधिकांश नगर नदियों के किनारे ही विकसित हुए थे तथा आज भी देश के लगभग सभी धार्मिक स्थल किसी न किसी नदी से सम्बद्ध है।

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भारत की नदियों को चार समूहों में वर्गीकृत किया जा सकता है जैसे :-

  • हिमालय से निकलने वाली नदियाँ
  • दक्षिण से निकलने वाली नदियाँ
  • तटवर्ती नदियाँ
  • अंतर्देशीय नालों से द्रोणी क्षेत्र की नदियाँ

भारत की प्रमुख नदियों के नाम, उद्गम स्थल एवं सहायक नदियों की सूची:

नदी का नाम उद्गम स्थल सहायक नदियाँ प्रवाह क्षेत्र
सिन्धु नदी मानसरोवर झील के निकट (तिब्बत) सतलुज, व्यास, झेलम, चिनाब, रावी, शिंगार, गिलगित, श्योक जम्मू और कश्मीर, लेह
झेलम नदी शेषनाग झील, जम्मू-कश्मीर किशन, गंगा, पुँछ, लिदार, करेवाल, सिंध जम्मू-कश्मीर, कश्मीर
चिनाब नदी बारालाचा दर्रे के निकट चन्द्रभागा जम्मू-कश्मीर
रावी नदी रोहतांग दर्रा, कांगड़ा साहो, सुइल हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, पंजाब
सतलुज नदी मानसरोवर के निकट राकसताल व्यास, स्पिती, बस्पा हिमाचल प्रदेश, पंजाब
व्यास नदी रोहतांग दर्रा तीर्थन, पार्वती, हुरला हिमाचल प्रदेश
गंगा नदी गंगोत्री के निकट गोमुख से यमुना, रामगंगा, गोमती, बागमती, गंडक, कोसी, सोन, अलकनंदा, भागीरथी, पिण्डार, मंदाकिनी उत्तरांचल, उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल
यमुना नदी यमुनोत्री ग्लेशियर चम्बल, बेतवा, केन, टोंस, गिरी, काली, सिंध, आसन उत्तरांचल, उत्तर प्रदेश, दिल्ली
रामगंगा नदी नैनीताल के निकट एक हिमनदी से खोन उत्तरांचल, उत्तर प्रदेश
घाघरा नदी मप्सातुंग (नेपाल) हिमनद शारदा, करनली, कुवाना, राप्ती, चौकिया उत्तर प्रदेश, बिहार
गंडक नदी नेपाल तिब्बत सीमा पर मुस्ताग के निकट काली, गंडक, त्रिशूल, गंगा बिहार
कोसी नदी नेपाल में सप्तकोशिकी (गोंसाईधाम) इन्द्रावती, तामुर, अरुण, कोसी सिक्किम, बिहार
चम्बल नदी मऊ के निकट जानापाव पहाड़ी से काली, सिंध, सिप्ता, पार्वती, बनास मध्य प्रदेश
बेतवा नदी भोपाल के पास उबेदुल्ला गंज के पास मध्य प्रदेश
सोन नदी अमरकंटक की पहाड़ियों से रिहन्द, कुनहड़ मध्य प्रदेश, बिहार
दामोदर नदी छोटा नागपुर पठार से दक्षिण पूर्व कोनार, जामुनिया, बराकर झारखण्ड, पश्चिम बंगाल
ब्रह्मपुत्र नदी मानसरोवर झील के निकट (तिब्बत में सांग्पो) घनसिरी, कपिली, सुवनसिती, मानस, लोहित, नोवा, पद्मा, दिहांग अरुणाचल प्रदेश, असम
महानदी सिहावा के निकट रायपुर सियोनाथ, हसदेव, उंग, ईब, ब्राह्मणी, वैतरणी मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, उड़ीसा
वैतरणी नदी क्योंझर पठार उड़ीसा
स्वर्ण रेखा छोटा नागपुर पठार उड़ीसा, झारखण्ड, पश्चिम बंगाल
गोदावरी नदी नासिक की पहाड़ियों से प्राणहिता, पेनगंगा, वर्धा, वेनगंगा, इन्द्रावती, मंजीरा, पुरना महाराष्ट्र, कर्नाटक, आन्ध्र प्रदेश
कृष्णा नदी महाबलेश्वर के निकट कोयना, यरला, वर्णा, पंचगंगा, दूधगंगा, घाटप्रभा, मालप्रभा, भीमा, तुंगप्रभा, मूसी महाराष्ट्र, कर्नाटक, आन्ध्र प्रदेश
कावेरी नदी केरकारा के निकट ब्रह्मगिरी हेमावती, लोकपावना, शिमला, भवानी, अमरावती, स्वर्णवती कर्नाटक, तमिलनाडु
नर्मदा नदी अमरकंटक चोटी तवा, शेर, शक्कर, दूधी, बर्ना मध्य प्रदेश, गुजरात
ताप्ती नदी मुल्ताई से (बेतूल) पूरणा, बेतूल, गंजल, गोमई मध्य प्रदेश, गुजरात
साबरमती जयसमंद झील (उदयपुर) वाकल, हाथमती राजस्थान, गुजरात
लूनी नदी नाग पहाड़ सुकड़ी, जनाई, बांडी राजस्थान, गुजरात, मिरूडी, जोजरी
बनास नदी खमनौर पहाड़ियों से सोड्रा, मौसी, खारी कर्नाटक, तमिलनाडु
माही नदी मेहद झील से सोम, जोखम, अनास, सोरन मध्य प्रदेश, गुजरात
हुगली नदी नवद्वीप के निकट जलांगी
उत्तरी पेन्नार नंदी दुर्ग पहाड़ी पाआधनी, चित्रावती, सागीलेरू
तुंगभद्रा नदी पश्चिमी घाट में गोमन्तक चोटी कुमुदवती, वर्धा, हगरी, हिंद, तुंगा, भद्रा
मयूसा नदी आसोनोरा के निकट मेदेई
साबरी नदी सुईकरम पहाड़ी सिलेरु
इन्द्रावती नदी कालाहाण्डी, उड़ीसा नारंगी, कोटरी
क्षिप्रा नदी काकरी बरडी पहाड़ी, इंदौर चम्बल नदी
शारदा नदी मिलाम हिमनद, हिमालय, कुमायूँ घाघरा नदी
तवा नदी महादेव पर्वत, पंचमढ़ी नर्मदा नदी
हसदो नदी सरगुजा में कैमूर पहाड़ियाँ महानदी
काली सिंध नदी बागलो, ज़िला देवास, विंध्याचल पर्वत यमुना नदी
सिन्ध नदी सिरोज, गुना ज़िला चम्बल नदी
केन नदी विंध्याचल श्रेणी यमुना नदी
पार्वती नदी विंध्याचल, मध्य प्रदेश चम्बल नदी
घग्घर नदी कालका, हिमाचल प्रदेश
बाणगंगा नदी बैराठ पहाड़ियाँ, जयपुर यमुना नदी
सोम नदी बीछा मेंड़ा, उदयपुर जोखम, गोमती, सारनी
आयड़ या बेडच नदी गोमुण्डा पहाड़ी, उदयपुर बनास नदी
दक्षिण पिनाकिन चेन्ना केशव पहाड़ी, कर्नाटक
दक्षिणी टोंस तमसा कुंड, कैमूर पहाड़ी
दामन गंगा नदी पश्चिम घाट
गिरना नदी पश्चिम घाट, नासिक

इन्हें भी पढे: भारत के प्रमुख पर्वतीय नगर और उनकी ऊंचाई

भारत की प्रमुख नदियों के प्राचीन नाम व आधुनिक नामों की सूची:

भारत की प्रमुख नदियों का प्राचीन नाम भारत की प्रमुख नदियों आधुनिक नाम
क्रुभु कुर्रम
कुभा काबुल
वितस्ता झेलम
आस्किनी चिनाव
पुरुष्णी रावी
शतुद्रि सतलज
विपाशा व्यास
सदानीरा गंडक
दृषद्वती घग्घर
गोमती गोमल
सुवास्तु स्वात
सिंधु सिन्ध
सरस्वती / दृशद्वर्ती घघ्घर / रक्षी / चित्तग
सुषोमा सोहन
मरूद्वृधा मरूवर्मन

और जानिये : भारत की प्रमुख नदियों के नाम, उद्गम स्थल एवं सहायक नदियों की सूची

रक्त की संरचना, अवयव, रक्त समूह के प्रकार एवं प्रमुख कार्यो की सूची

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रक्त की संरचना, रक्त के प्रकार एवं प्रमुख कार्य | Types of Blood in Hindi

रक्त की संरचना, अवयव, रक्त समूह के प्रकार एवं प्रमुख कार्य: (Blood Composition, Organs, Types of Blood and Major Functions in Hindi)

रक्त किसे कहते है?
मानव शरीर में संचरण करने वाला तरल पदार्थ जो शिराओं के द्वारा ह्दय में जमा होता है और धमनियों के द्वारा पुन: ह्दय से संपूर्ण शरीर में परिसंचरित होता है, रक्त कहलाता है। रक्त वाहिनियों में प्रवाहित होने वाला रक्त प्राय: गाढ़ा, थोड़ा-सा चिपचिपा और लाल रंग का होता है। यह एक जीवित ऊतक है। रक्त, प्लाज्मा और रक्त कणों से मिल कर बना होता है। प्लाज्मा एक निर्जीव और तरत माध्यम है, जिसमें रक्त कण तैरते रहते हैं। प्लाज्मा के माध्यम से ही रक्त के कण सम्पूर्ण शरीर में पहुँचते रहते हैं। ‘रक्त परिसचंरण सस्थान’ मानव शरीर का वह परिवहन तन्त्र है, जिसके द्वारा आहार, ऑक्सीजन, पानी एवं अन्य सभी आवश्यक पदार्थ ऊतक कोशिकाओं तक पहुँचते हैं और वहाँ के व्यर्थ पदार्थ ले जाये जाते हैं। इसमें रक्त, हृदय एवं रुधिर-वाहिनियों का समावेश होता है।

मानव शरीर में रक्त की मात्रा कितनी होती है?

मानव शरीर में रक्त की मात्रा: मनुष्य के शरीर में रक्त की मात्रा शरीर के भार का लगभग 7 से 8% होती है। अतः एक स्वस्थ मनुष्य के शरीर में लगभग 5 से 6 लीटर रक्त होता हैं, जो उसके सम्पूर्ण शरीर के भार का लगभग 9/13वाँ भाग होता है। स्त्रियों के शरीर में रक्त की मात्रा लगभग 4 से 5 लीटर होती है।

रक्त की संरचना:

संरचना के आधार पर मनुष्य के रक्त को दो भागों में विभक्त किया गया है-

  1. प्लाज्मा: आयतन के आधार पर लगभग 55 से 60% भाग।
  2. रुधिर कणिकाएँ या रुधिराणु: लगभग 40 से 45% भाग।

रक्त के विभिन्न अवयव

  1. प्लाज्मा: यह हल्के पीले रंग का रक्त का तरल भाग होता है, जिसमें 90 फीसदी जल, 8 फीसदी प्रोटीन तथा 1 फीसदी लवण होता है।
  2. लाल रक्त कण: यह गोलाकार,केन्द्रक रहित और हीमोग्लोबिन से युक्त होता है। इसका मुख्य कार्य ऑक्सीजन एवं कार्बन डाईऑक्साइड का संवहन करना है। इसका जीवनकाल 120 दिनों का होता है।
  3. श्वेत रक्त कण: इसमें हीमोग्लोबिन का अभाव पाया जाता है। इसका मुख्य कार्य शरीर की रोगाणुओं से रक्षा के लिए प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाना होता है। इनका जीवनकाल 24 से 30 घंटे का होता है।
  4. प्लेट्लेट्स: ये रक्त कोशिकाएं केद्रक रहित एवं अनिश्चित आकार की होती हैं। इनका मुख्य कार्य रक्त को जमने में मदद देना होता है।

रक्त समूह (ब्‍लड ग्रुप) के प्रकार:

रक्त समूह की खोज लैंडस्टीनर ने की थी। सबसे पहले 1901 में ब्‍लड ग्रुप की जानकारी हुई, उसके बाद से इसे लेकर कई रोचक और दिलचस्‍प शोध भी होते रहे हैं। ब्लड-ग्रुप 8 तरह के होते हैं – ए, बी, एबी और ओ पॉजिटिव या निगेटिव। केवल समान ब्लड ग्रुप वाले व्यक्तियों के खून की अदला-बदली हो सकती है। ब्लड ग्रुप में अंतर खून में पाए जाने वाले अणुओं, जिन्हें एंटीजन और एंटीबॉडी कहते हैं, के कारण होती है। एंटीजन, खून में पाई जाने वाली लाल रक्त कणिकाओं की सतह पर पाए जो हैं और एंटीबॉडी ब्लड प्लाजमा में। आमतौर पर लोगों में पाया जाने वाला ब्लड ग्रुप आनुवांशिक होता है।

रक्त समूह आठ प्रकार के होते:- ए, बी, एबी और ओ पॉजिटिव या निगेटिव।

  1. ए पॉजिटिव A(+): जिन लोगों का ब्‍ल्‍ड ग्रुप ए पॉजिटिव होता है उनमें अच्‍छी नेतृत्‍व क्षमता देखी जाती है। ए पॉजिटिव रक्‍त समूह वाले लोग अच्‍छे तरीके से नेतृत्‍व कर सकते हैं। वे सबको साथ लेकर चलने और सबका व‍िश्‍वास हासिल करने में यकीन रखते हैं। अगर आपका रक्‍त समूह ए पॉजीटिव है तो आप ए पॉजीटिव, ए नेगेटिव, ओ पॉजीटिव और ओ नेगेटिव ब्‍लड ग्रुप का ब्‍लड ले सकते हैं।
  2. ए निगेटिव A(-): ए निगेटिव रक्‍त समूह वाले लोगों को मेहनती माना जाता है। ऐसे लोग मेहनत करने से पीछे नहीं हटते हैं। कठिन और लगातार काम करने में भी इनको कोई परहेज नहीं है। ये लोग मानते हैं कि मेहनत का कोई विकल्‍प नहीं होता। जिन लोगों का ब्‍लड ग्रुप ए नेगेटिव है उन्‍हें ए नेगेटिव और ओ नेगेटिव वाले लोगों का ब्‍लड ही चढ़ाया जा सकता है।
  3. एबी पॉजिटिव AB(+): इस रक्‍त समूह वाले लोग को आसानी से समझा नहीं जा सकता है। ऐसे लोगों को समझना बहुत मुश्किल होता है, किसी को नहीं पता कि वे कब क्‍या सोच सकते हैं। क्‍योंकि उनकी प्र‍कृति कभी भी एक जैसी नहीं होती है। एबी पॉजीटिव यूनिवर्सल रिसीवर होता है। यानी उसे एबी पॉजीटिव, एबी नेगेटिव, ओ पॉजीटिव, ओ नेगेटिव, ए पॉजीटिव, ए नेगेटिव तथा बी पॉजीटिव व बी नेगेटिव कोई भी रक्‍त चढ़ाया जा सकता है।
  4. एबी निगेटिव AB (-): एबी निगेटिव रक्‍त समूह वाले लोगों का दिमाग बहुत तेज चलता है, इन लोगों को बहुत बुद्धिमान माना जाता है। इस ब्‍लड ग्रुप के लोग आसानी से किसी बात को समझ लेते हैं। इनका दिमाग उन सब बातों को समझ लेता है, जिन्‍हें आमतौर पर लोग नजरअंदाज कर देते हैं। ऐसे लोगों को जरूरत पड़ने पर एबी नेगेटिव, ए नेगेटिव, बी नेगेटिव और ओ नेगेटिव ब्‍लड ग्रुप चढ़ाया जा सकता है।
  5. ओ पॉजिटिव O (+): ओ पॉजिटिव ब्‍लड ग्रुप के लोगों के लिए यह माना जाता है कि वे पैदा ही हुए हैं लोगों की मदद करने के लिए। ऐसे लोग दूसरों की मदद करने में पीछे नही हटते और अपना जीवन दूसरों की सहायता में भी बिता सकते हैं। ओ पॉजीटिव को यूं तो यूनिवर्सल डोनर कहा जाता है, लेकिन जब आप रक्‍त रिसीव करने की होती है, तो उन्‍हें केवल ओ नेगेटिव और ओ पॉजीटिव रक्‍त ही चढ़ाया जा सकता है।
  6. ओ निगेटिव 0(-): इस रक्‍त समूह के लोगों की सोच ही संकरी होती है। ओ निगेटिव ब्‍लड ग्रुप वाले लोग दूसरों के बारे में अधिक सोचते नहीं, क्‍योंकि इनके दिमाग में खुद के अलावा किसी दूसरे के लिए खयाल नहीं आता। ऐसे लोग संकीर्ण मानसिकता वाले होते हैं। ये लोग नये विचारों को आसानी से स्‍वीकार नहीं करते। ओ नेगेटिव वाले लोग केवल ओ नेगेटिव रक्‍त की रिसीव कर सकते हैं।
  7. बी पॉजिटिव B(+): ऐसे लोगों का दिल दूसरों के लिए दरिया की तरह होता है। इस रक्‍त समूह वाले लोग दूसरों की मदद करने में पीछे नहीं हटते और दूसरों के लिए बलिदान भी दे सकते हैं। इन लोगों के लिए रिश्‍ते बहुत मायने रखते हैं। ये हमेशा किसी के लिए कुछ न कुछ करना चाहते हैं। बी पॉजीटिव ब्‍लड ग्रुप वाले लोगों को बी पॉजीटिव, बी नेगेटिव, ओ पॉजीटिव और ओ नेगेटिव ब्‍लड ग्रपु का रक्‍त चढ़ाया जा सकता है।
  8. बी निगेटिव B(-): इस रक्‍त समूह वाले लोगों की प्रवृत्ति ठीक नहीं मानी जाती है। ऐसे लोग स्‍वार्थी होते हैं और दूसरों से ज्‍यादा खुद के बारे में सोचते हैं। ऐसे लोग किसी की सहायता करने में भी विश्‍वास नहीं रखते हैं। इन लोगों का दृष्टिकोण भी नकारात्‍मक होता है। बी नेगेटिव वाले लोगों को जरूरत पड़ने पर बी नेगेटिव और ओ नेगेटिव रक्‍त समूह का रक्‍त ही चढ़ाया जा सकता है।

रक्त के मुख्य कार्य:

मानव शरीर में रक्त के प्रमुख कार्य निम्नलिखित हैं:-

  • पोषक पदार्थों का परिवहन: रक्त आहारनाल में पचें हुए अवशोषित किए गए पोषक पदार्थों को शरीर के विभिन्न भागों में पहुँचाता है।
  • ऑक्सीजन का परिवहन: रक्त श्वसनांगों (फेफड़ों आदि) से ऑक्सीजन (O2) को लेकर शरीर की विभिन्न कोशिकाओं में पहुँचाता है।
  • कार्बन डाइऑक्साइड का परिवहन: कोशिकीय श्वसन क्रिया में उत्पन्न CO2 रक्त द्वारा श्वसनांगों में पहुँच जाती है, जहाँ से इसे बाहर निकाल दिया जाता है।
  • उत्सर्जी पदार्थों का परिवहन: रक्त शरीर में उत्पन्न अमोनिया, यूरिया, यूरिक अम्ल आदि हानिकारक पदार्थों को उत्सर्जी अंगों वृक्कों) तक पहुँचाता है, जहाँ से इन्हें शरीर से बाहर निकाल दिया जाता है।
  • अन्य पदार्थों का परिवहन: अंत:स्त्रावी ग्रंथियों द्वारा स्त्रावित हॉर्मोंस, एंजाइम्स एवं एण्टीबॉडीज को रुधिर के विभिन्न भागों में स्थानांतरित किया जाता है।
  • रोगों से सुरक्षा: शरीर के किसी भी भाग पर हानिकारक जीवाणुओं, विषाणुओं व रोगाणुओं आदि का आक्रमण होते ही रुधिर के श्वेत रुधिराणु इनका भक्षण करके इन्हें नष्ट कर देते हैं। रुधिर में उपस्थित एण्टीबॉडीज एण्टीटॉक्सिन बनाकर विषैले और बाहरी असंगत पदार्थों को निष्क्रिय करके इनका विघटन कर देते हैं।
  • शरीर का ताप नियंत्रण: रक्त शरीर के विभिन्न भागों में तापमान को नियंत्रित करके एक-सा बनाए रखने का महत्त्वपूर्ण कार्य करता है। जब शरीर के अधिक सक्रिय भागों में बहुत तीव्र उपापचय के फलस्वरुप ताप बढ़ने लगता है, तब रक्त त्वचा की रुधिर वाहिनियों में अधिक मात्रा में प्रवाहित होकर शरीर की सतह पर अपना और शरीर का शीतलन करता है।
  • शरीर की सफाई: रक्त की श्वेत रुधिराणु मृत एवं टूटी-फूटी कोशिकाओं के कचरे व अन्य निरर्थक वस्तुओं का भक्षण करके इन्हें नष्ट करते हैं। इस प्रकार रक्त शरीर की सफाई का कार्य करता है।
  • रुधिर का जमना या थक्का जमना: चोट लगने से रुधिर वाहिनियों के फटने पर रुधिर बहकर बाहर जाने से रोकने के लिए रक्त थक्का जमाने का कार्य करता है। इस क्रिया में रक्त की थ्रॉम्बोसाइट्स सहायक होती हैं।
  • घाव का भरना: रक्त आवश्यक पदार्थ पहुँचाकर शरीर के टूटे-फूटे अंगों की मरम्मत व आहत भागों में घावों को भरने में सहायता प्रदान करता है।
  • शरीर के अंत: वातावरण का समस्थैतिकता नियंत्रण: रक्त शरीर के विभिन्न भागों के बीच समंवयन स्थापित करके शरीर के अंत: वातावरण को उचित बनाए रखते हैं।
  • आनुवंशिक भूमिका: रक्त एण्टीजन के कारण आनुवंशिक स्तर पर महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

इन्हें भी पढ़े: मानव शरीर के अंग तंत्रो के नाम, कार्य एवं महत्‍वपूर्ण तथ्य

और जानिये : रक्त की संरचना, अवयव, रक्त समूह के प्रकार एवं प्रमुख कार्यो की सूची

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