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गुप्त राजवंश का इतिहास, शासकों का नाम एवं महत्‍वपूर्ण सामान्य ज्ञान तथ्य

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गुप्त राजवंश का इतिहास, शासकों के नाम एवं महत्‍वपूर्ण तथ्य- Indian History in Hindi

गुप्त राजवंश का इतिहास, शासकों का नाम एवं महत्‍वपूर्ण तथ्य: (History of Gupat dynasty, names of rulers and important facts in Hindi)

गुप्त राजवंश:

गुप्त राजवंश या गुप्त वंश प्राचीन भारत के प्रमुख राजवंशों में से एक था। इसे भारत का एक स्वर्ण युग माना जाता है। मौर्य वंश के पतन के बाद दीर्घकाल तक भारत में राजनीतिक एकता स्थापित नहीं रही। कुषाण एवं सातवाहनों ने राजनीतिक एकता लाने का प्रयास किया। मौर्योत्तर काल के उपरान्त तीसरी शताब्दी इ. में तीन राजवंशो का उदय हुआ जिसमें मध्य भारत में नाग शक्‍ति, दक्षिण में बाकाटक तथा पूर्वी में गुप्त वंश प्रमुख हैं। मौर्य वंश के पतन के पश्चात नष्ट हुई राजनीतिक एकता को पुनस्थापित करने का श्रेय गुप्त वंश को है।

गुप्त राजवंशों का इतिहास:

गुप्त वंश 275 ई. के आसपास अस्तित्व में आया। इसकी स्थापना श्रीगुप्त ने की थी। लगभग 510 ई. तक यह वंश शासन में रहा। आरम्भ में इनका शासन केवल मगध पर था, पर बाद में गुप्त वंश के राजाओं ने संपूर्ण उत्तर भारत को अपने अधीन करके दक्षिण में कांजीवरम के राजा से भी अपनी अधीनता स्वीकार कराई। गुप्त साम्राज्य की नींव तीसरी शताब्दी के चौथे दशक में तथा उत्थान चौथी शताब्दी की शुरुआत में हुआ। गुप्त वंश का प्रारम्भिक राज्य आधुनिक उत्तर प्रदेश और बिहार में था। इस वंश में अनेक प्रतापी राजा हुए। कालिदास के संरक्षक सम्राट चन्द्रगुप्त द्वितीय (380-413 ई.) इसी वंश के थे।

इन्हें भी पढे: भारतीय इतिहास के प्रमुख राजवंश, राजधानी और उनके संस्थापक

साहित्य और संस्कृति के क्षेत्र में इस अवधि का योगदान आज भी सम्मानपूर्वक स्मरण किया जाता है। कालिदास इसी युग की देन हैं। अमरकोश, रामायण, महाभारत, मनुस्मृति तथा अनेक पुराणों का वर्तमान रूप इसी काल की उपलब्धि है।

गुप्त राजवंश के शासक एवं शासन अवधि:

गुप्त राजवंश के शासकों का नाम शासन अवधि
श्रीगुप्त 240-280 ई.
घटोत्कच 280-319 ई.
चंद्रगुप्त प्रथम 319-335 ई.
समुद्रगुप्त 335-375 ई.
रामगुप्त 375 ई.
चंद्रगुप्त द्वितीय 380-413 ई.
कुमारगुप्त प्रथम महेन्द्रादित्य 415-454 ई.
स्कन्दगुप्त 455-467 ई.
नरसिंहगुप्त बालादित्य 467-473 ई.
कुमारगुप्त द्वितीय 473-476 ई.
बुद्धगुप्त 476-495 ई.

इन्हें भी पढे: भारत की प्रमुख ऐतिहासिक गुफाएं तथा उनके स्थान

गुप्‍त राजवंश के बारे में महत्‍वपूर्ण सामान्य ज्ञान तथ्य:

  • गुप्‍त वंश की स्‍थापना श्रीगुप्‍त ने की थी।
  • श्री गुुप्‍त ने मगध के मृग शिखातन में एक मंदिर का निर्माण करवाया था।
  • श्री गुुप्‍त ने महाराज की उपाधि हासिल की थी।
  • श्री गुप्‍त ने धटोत्‍कच्‍ा काेे अपना उत्‍तराधिकरी बनाया था।
  • धटोत्‍कच ने अपने उत्‍तराधिकरी के रूप मेंं चन्‍द्रगुप्‍त प्रथम को गद्दी पर बिठाया था।
  • गुप्‍त वंश का सबसे महान सम्राट चन्‍द्रगुप्‍त प्रथम था।
  • इसने महाराजाधिराज की उपाधि धारण की थी।
  • चन्‍द्रगुप्‍त प्रथम ने लच्‍छवी कुल की कन्‍या कुमारदेवी से शादी की थी।
  • चन्‍द्रगुप्‍त प्रथम ने अपने उत्‍तराधिकारी के रूप में अपने पुत्र समुद्रगुप्‍त को राजगद्दी पर बिठाया अौर सन्‍यास ग्रहण कर लिया था।
  • समुद्रगुप्‍त 335ई० में राजगद्दी पर बैठा था।
  • समुद्रगुप्‍त‍ विष्‍णु का उपासक था।
  • समुद्रगुप्‍त ने अश्‍वमेघकर्ता की उपाधि धारण की थी।
  • समुद्रगुप्‍त संंगीत का बहुत प्रेमी था।
  • गुप्‍त कालीन सिक्‍कों में समुद्रगुप्‍त काे वीणा वादन करते हुऐ दिखाया गया है।
  • श्री लंका के राजा मेघवर्मन ने कुछ उपहार भेज कर समुद्रगुप्‍त से गया में बौद्ध मंदिर बनबाने की अनुमति मॉगी थी।
  • भारतीय इतिहास में समुद्रगुप्‍त काेे भारत का नेपोलियन भी कहा जाता है।
  • समुद्रगुप्‍त को कविराज भी कहा जाता है।
  • समु्द्रगुप्‍त ने 355 ई० से 375 ई० राज किया था।
  • समुद्रगुप्‍त के बाद रामगुप्‍त राजगद्दी पर बैैठा था।
  • रामगुप्‍त की हत्‍या चन्‍द्रगुप्‍त द्वतीय ने की थी।
  • चन्‍द्रगुप्‍त द्वतीय 380 ई० में राजगद्दी पर बैठा था।
  • चन्‍द्रगुुप्‍त द्वतीय ने विक्रमादित्‍य की उपाधि भी धारण की थी।
  • चन्‍द्रगुुप्‍त द्वतीय को शकों पर विजय पाने के लिए शकारि भी कहा जाता था।
  • शकों कोे पराजित करने के उपलक्ष्‍य में चन्‍द्रगुप्‍त द्वतीय ने चॉदी के विशेष सिक्‍के जारी किये थे।
  • चन्‍द्रगुप्‍त द्वतीय ने वाकाटक राज्‍य को अपने राज्‍य में मिलाकर उज्‍जैन को अपनी राजधानी बनाया था।
  • चन्‍द्रगुप्‍त द्वतीय के दरबार के नवरत्‍न कालिदास, आर्यभट्ट, वराहमिहिर, ब्रह्मगुप्त, धन्‍वंतरि, तथा। अमरसिंह आदि थे।
  • चीनी यात्री फाह्यान चन्‍द्रगुप्‍त के शासन काल में भारत आया था।
  • चन्‍द्रगुप्‍त द्वतीय ने 380 ई० से 413 ई० तक शासन किया था।
  • चन्‍द्रगुप्‍त के बाद कुमार गुप्‍त राजगद्दी पर बैठा था।

  • चन्‍द्रगुप्‍त द्वतीय के शासन काल में सस्‍कृत के सबसे महान कवि कालिदास थे।
  • चन्‍द्रगुप्‍त द्वतीय के दरवार में रहने वालेे आयुर्वेदाचार्य धन्‍वंतरि थे।
  • नालन्‍दा विश्वविद्यालय के संस्‍थापक कुुमारगुप्‍त था।
  • कुमारगुप्‍त के बाद स्‍कन्‍दगुप्‍त राजगद्दी पर बैठा था।
  • स्‍कन्‍दगुप्‍त ने विक्रमादित्‍य की उपाधि धारण की थी।
  • स्‍कन्‍द गुप्‍त के काल मे ही हूणों का भारत पर हुआ था।
  • गुप्‍त वंश का अंंतिम महान सम्राट स्‍कन्‍दगुप्‍त था।
  • गुप्‍त काल का अंतिम शासक भानुु गुप्‍त था।
  • गुप्‍त काल में राजपद वंशानुगत सिद्धांत पर आधारित‍ था।
  • गुप्‍त सम्राट न्‍यान, सेना एवं दीवानी विभाग का प्रधान होता था।
  • गुप्‍त काल मेंं सबसे बडी प्रादेशिक इकाई देश थी। जिसके शासक को गोजा कहा जाता था।
  • गुप्‍त काल में पुलिस विभाग के साधारण कर्मचारियों को चाट एवं भाट कहा जाता था।
  • गुप्‍त काल में उज्‍जैन नगर सर्वाधिक महत्‍वपूर्ण व्‍यापारिक स्‍थल था।
  • गुप्‍तकाल में स्‍वर्ण मुद्राओं की अभिलेखों में दीनार कहा जाता है।
  • शिव के अर्धनार‍ीश्‍वर रूप की कल्‍पना एवं शिव तथा। पर्वती की एक साथ मूर्तियों की निर्माण गुप्‍तकाल में हुआ था।
  • त्रि‍मूर्ति पूजा के अर्न्‍तगत ब्रह्मा, विष्‍णु और महेश की पूजा गुप्‍त काल में अारम्‍भ हुई थी।
  • गुप्‍त काल मेंं मंदिर निर्माण कला का जन्‍म हुुआ था।
  • भगवान शिव के एकमुखी एवं चतुर्मखी शिवलिंग का निर्माण गुप्‍तकाल में हुआ था।
  • अजन्‍ता की गुफाओं में चित्रकारी गुप्‍तकाल की देन है।
  • अजन्‍ता में निर्मित कुुल 29 गुफाआेेंं में से वर्तमान मेंं केवल 6 गुफायें ही शेष है।
  • अजन्‍ता में निर्मित गुफा संख्‍या 16 और 17 गुप्‍तकाल से संबन्धित है।
  • गुप्‍तकाल में वेश्‍या‍वृति करने वाली महिलाओं को गणिका कहा जाता था।
  • विष्‍णु का वाहन गरूण गुुप्‍त काल का राजचिन्‍ह था।
  • गुप्‍तकाल में चांदी के सिक्‍कों को रूप्‍यका कहा जाता था।
  • गुप्‍त काल में अठ्ठाहर प्रकार के कर थे।
  • गुप्‍त काल को भारतीय इतिहास का स्‍वर्ण काल कहा जाता है।

और जानिये : गुप्त राजवंश का इतिहास, शासकों का नाम एवं महत्‍वपूर्ण सामान्य ज्ञान तथ्य


भारत की प्रमुख झीलें, संबंधित राज्य और महत्वपूर्ण तथ्यों की सूची

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भारत की प्रमुख झीलों के नाम की सूची- List of Famous Lakes of India in Hindi

भारत की प्रमुख झीलें और संबंधित राज्यों की सूची: (List of Famous Lakes of India in Hindi)

झील किसे कहते है?

झील जल का वह स्थिर भाग है जो चारों तरफ से स्थलखंडों से घिरा होता है। झील की दूसरी विशेषता उसका स्थायित्व है। सामान्य रूप से झील भूतल के वे विस्तृत गड्ढे हैं जिनमें जल भरा होता है। झीलों का जल प्रायः स्थिर होता है। झीलों की एक महत्त्वपूर्ण विशेषता उनका खारापन होता है लेकिन अनेक झीलें मीठे पानी की भी होती हैं। झीलें भूपटल के किसी भी भाग पर हो सकती हैं। ये उच्च पर्वतों पर मिलती हैं, पठारों और मैदानों पर भी मिलती हैं तथा स्थल पर सागर तल से नीचे भी पाई जाती हैं।

झील कितने प्रकार की होती है?

भारत में विभिन्न प्रकार की झीलें पायी जाती है, जिनके प्रकार निम्नलिखित है:-

  • विवर्तनिक झीलें: भूभर्गिक हलचलों के कारण निर्मित झीलों को विवर्तनिक झीलों के अंतर्गत रखा जाता है। कश्मीर की वूलर झील तथा कुमायूँ हिमालय में स्थित अनेक झीलें ।
  • क्रेटर झील या ज्वालामुखी क्रिया से निर्मित झील: शांत ज्वालामुखियों के वृहदाकार मुखों या क्रेटरों में जल भर जाने से ऐसी झीलों की उत्पत्ति होती है। इसका प्रमुख उदाहरण महाराष्ट्र के बुलढ़ाणा ज़िले की लोनार झील और अफ्रीका की विक्टोरिया झील है।
  • लैगून या अनूप झीलें: चिल्का झील (उड़ीसा), पुलिकट झील (आंध्र प्रदेश), कोलेरू झील (आंध्र प्रदेश)
  • हिमानी द्वारा निर्मित झीलें: ताजे या मीठे पानी की झीलें जिनमें नदियों के माध्यम से निरंतर ताजे जल का प्रवाह होता रहता है मीठे पानी की झीलें होती हैं क्योंकि इनमें विभिन्न प्रकार के लवणों का जमाव नहीं होने पाता है। कुमायूँ हिमालय की अधिकांश झीलें इसी प्रकार की हैं। इनके उदाहरण हैं: राकसताल, नैनीताल, सातताल, भीमताल, नौकुचिया ताल, खुरपाताल, समताल, पूनाताल, मालवाताल आदि।
  • वायु द्वारा निर्मित झीलें: राजस्थान की सांभर, डीडवाना, पंचभद्रा, लूनकरनसर आदि।
  • भ्रंशन द्वारा बनी झीलें: भूगर्भिक हलचलों के कारण धरातल के किसी भाग के नीचे धंस जाने या ऊपर उठ जाने से बनी बेसिनों में जल भर जाने के परिणामस्वरूप ऐसी झीलों का निर्माण होता है।
  • दरार घाटी झीलें: धरातल की दो समानांतर दरारों के मध्यवर्ती भाग के नीचे धंस जाने एवं उसमें जल भर जाने के फलस्वरूप ऐसी झीलों का निर्माण होता है। इजरायल का मृत सागर इसका उदहारण है।
  • खारे पानी की झीलें: जिन झीलों में बाहर से पानी आकर मिलता तो है किन्तु नकिलकर बाहर नहीं जाता है, वे प्रायः खारी झीलें होती हैं। कैस्पियन सागर विश्व की सबसे बड़ी खारे पानी की झील है।

भारत की प्रमुख झीलें और संबंधित राज्यों की सूची

झील का नाम  सम्बंधित राज्य महत्वपूर्ण तथ्य
अनंतनाग झील जम्मू-कश्मीर  –
कोलेरू झील आंध्र प्रदेश  –
खुरपाताल झील उत्तराखंड  –
गोविंद सागर झील पंजाब
  • यह भारत की सबसे कृत्रिम झील है।
  • यह सतलुज नदी पर बने भाखड़ा नांगल बांध से निर्मित हुई है।
चिल्का झील ओडिशा
  • यह भारत की सबसे बड़ी झील है।
  • यह खारे पानी की एक लैगून झील है।
  • इस झील पर नौसेना का प्रसिक्षण केंद्र भी है।
जयसमंद झील राजस्थान  –
डल झील जम्मू-कश्मीर  –
डीडवाना झील राजस्थान यह थार मरुस्थल के पूर्वी हिस्से में खारे पानी की झील है।
देवताल झील उत्तराखंड  –
नागिन झील जम्मू-कश्मीर  –
नैनीताल झील उत्तराखंड  –
नौकुछियाताल झील उत्तराखंड  –
पंचपोख्री झील उत्तराखंड यह भारत की सबसे अधिक ऊंचाई पर स्थित झील है।
पिछौला झील राजस्थान  –
पुलीकट झील तमिलनाडु  –
फतेहसागर झील राजस्थान  –
बेम्बानड झील केरल  –
बैरीनाग झील जम्मू-कश्मीर  –
मानस बल झील जम्मू-कश्मीर  –
मालाताल झील उत्तराखंड  –
राकसताल झील उत्तराखंड  –
राजसमंद झील राजस्थान  –
लुनकरनसर झील राजस्थान  –
लोकटक झील मणिपुर  –
लोनार झील महाराष्ट्र यह झील ज्वालामुखी उद्गार से बनी झील है।
वुलर झील जम्मू-कश्मीर यह भारत की सबसे बड़ी मीठे पानी की झील है।
शेषनाग झील जम्मू-कश्मीर  –
सांभर झील राजस्थान यह थार मरुस्थल के पूर्वी हिस्से में खारे पानी की झील है।
सातताल झील उत्तराखंड  –
हुसैनसागर झील आंध्र प्रदेश  –

इन्हें भी पढे: विश्व के प्रसिद्द जलप्रपातो की सूची

और जानिये : भारत की प्रमुख झीलें, संबंधित राज्य और महत्वपूर्ण तथ्यों की सूची

विश्व के प्रमुख देश, राजधानी एवं उनकी मुद्राओं की सूची

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विश्व के देश, राजधानी और मुद्राएँ- Countries, Capital & Currency in Hindi

विश्व के प्रमुख देश, राजधानी एवं उनकी मुद्राओं की सूची: (World’s Countries, Capitals & Currencies List in Hindi)

मुद्रा (currency, करन्सी) पैसे के उस रूप को कहते हैं जिससे दैनिक जीवन में सभी प्रकार की वस्तुअो और सामानों की ख़रीद और बिक्री होती है। इसमें सिक्के और काग़ज़ के नोट दोनों आते हैं। किसी देश में प्रयोग की जाने वाली मुद्रा उस देश की सरकारी व्यवस्था द्वारा बनाई जाती है।

यह भी पढे: विश्व के प्रमुख देश और उनके सर्वोच्च सम्मान

यहां पर विश्व के प्रमुख देश, राजधानी एवं उनकी मुद्राओं की सूची की सूची दी गई हैं। सामान्यतः इस सूची से सम्बंधित कई प्रश्न प्रतियोगी परीक्षाओं में पूछे जाते है। यदि आप विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं जैसे: आईएएस, शिक्षक, यूपीएससी, पीसीएस, एसएससी, बैंक, एमबीए एवं अन्य सरकारी नौकरियों के लिए तैयारी कर रहे हैं, तो आपको विश्व के प्रमुख देश, राजधानी एवं उनकी मुद्राओं के बारे में अवश्य पता होना चाहिए।

विश्व के प्रमुख देश, राजधानी एवं उनकी मुद्राओं की सूची:

देश राजधानी मुद्राएं
एशिया
भारत दिल्ली रुपया
पाकिस्तान इस्लामाबाद रुपया
नेपाल कांठमांडू रुपया
श्रीलंका कोलम्बो रुपया
बांग्लादेश ढाका टका
भूटान थिम्पू गुलटुम
म्यांमार नेपयिडाव क्यात
अफ़ग़ानिस्तान काबुल अफगानी
चीन बीजिंग युआन
मंगोलिया उलानबटोर तुगरिक
जापान टोक्यो येन
ताइवान ताइपे डॉलर
थाईलैंड बैंकॉक थाईबेहत
वियतनाम हनोई डोंग
कम्बोडिया नाम पेन्ह रिएल
उतरी कोरिया प्योंगयांग वॉन
दक्षिण कोरिया सियोल वॉन
हॉंग कांग विक्टोरिया डॉलर
फिलीपींस मनीला पेसो
सिंगापुर सिंगापुर सिंगापुरी डॉलर
इंडोनेशिया जकार्ता रुपया
मलेशिया क्वालालम्पुर डॉलर
ईरान तेहरान रियाल
इराक बगदाद इराकी दिनार
तुर्की अंकारा लीरा
संयुक्त अमेरिका अमीरात आबूधाबी दिरहम
सऊदी अरब रियाद सऊदी रियाल
कुवैत कुवैत सिटी कुवैती दिनार
सीरिया दमिश्क सीरियन पॉउण्ड
लेबनान बेरुत पाउंड
कजाकिस्तान अलमाटा रूबल
जॉर्डन अम्मान जॉर्डन दिनार
जेरुसलम इजरायल न्यू गेकेल
क़तर दोहा रियाल
मिस्र काहिरा पाउंड
दक्षिण अफ्रीका प्रिटोरिया रैंड
लीबिया हूँ (त्रिपोली ) दिनार
मोरक्को रबात दरहम
नाइजीरिया लागोस नैरा
अंगोला लुआंडा क्वांज़ा
नामीबिया विंडहॉक रैंड
सूडान खारतूम पाउंड
दक्षिणी सूडान जुबा पाउंड
कांगो किंशासा ज़ैरे
सोमलिया मोगादिश शिलिंग
सेशेल्स विक्टोरिया रुपया
इथोपिया अदिस अबाबा बिर्र
युगांडा कम्पाला शिलिंग
बोत्सवाना गेबोरोन पुला
कीनिया नैरोबी शिलिंग
मोरिशस पोर्ट लुइस रुपया
तंजानिया दारेस्सलाम शिलिंग
जाम्बिया लुसाका क्वाचा
अल्जीरिया अल्जीयर्स दिनार
रवांडा केगाली फ्रैंक
जिम्बाब्वे हरारे डॉलर
सेनेगल डकार फ्रैंक
बुर्किनाफासो क्वागदौगो फ्रैंक
कांगो ब्राजविले फ्रैंक
माली बमाको फ्रैंक
मोजाम्बिक मपूतो मेटिकल
यूरोप
ग्रीस एथेंस यूरो
बेल्जियम ब्रुसेल्स यूरो
डेनमार्क कोपेनहेगन क्रोन
फ्रांस पेरिस यूरो
स्पेन मेड्रिड यूरो
पुर्तगाल लिस्बन यूरो
इटली रोम यूरो
बुल्गारिया सोफिया लेवा
ग्रेट ब्रिटेन लन्दन पाउंड स्टर्लिंग
रूस मास्को रूबल
पोलैंड वारसा जिलोटी
हंगरी बुडापेस्ट फ्रोरिंट
नॉर्वे ओस्लो क्रौन
जर्मनी बर्लिन यूरो
नीदरलैंड एम्स्टरडम यूरो
चेक गणराज्य प्राग कोरुना
स्वीडन स्टॉकहोम क्रोना
स्विट्ज़रलैंड बर्न फ्रैंक
यूक्रेन कीव हिरविनिया
जॉर्जिया तिब्लिसी रूबल
साइप्रस निकसिया यूरो
ऑस्ट्रिया वियना यूरो
स्लोवाक गणराज्य ब्रातिस्लावा यूरो
रोमानिया बुखारेस्ट ल्यू
आयरलैंड डबलिन यूरो
उतरी अमेरिका एवं कैस्पियन सागर के देश
संयुक्त राज्य अमेरिका वांशिगटन डॉलर
कनाडा ओटावा डॉलर
मैक्सिको मैक्सिको सिटी पीसो
क्यूबा हवाना पीसो
ग्रीनलैंड रुक (गड्याव) क्रोन
पनामा पनामा सिटी वाल्बोआ
बारबाडोस ब्रिजटाउन डॉलर
अलसल्वाडोर सान सल्वाडोर कोलन
हैती पोटओ प्रिंस गौर्ड
जमैका किंग्स्टन डॉलर
त्रिनिदाद एंड टोबैगो पोर्ट ऑफ़ स्पेन डॉलर
दक्षिण अमेरिका
अर्जेंटीना ब्यूनस आयर्स आस्ट्रल
ब्राजील ब्रासीलिया क्रुजादो
चिली सेंटियागो पीसो
कोलम्बिया बोगोटा पीसो
फ्रेंच गुयाना कोयेन्ने फ्रैंक
पराग्वे असंस्यान गुआरानी
पेरू लीमा न्यवोसोल
उरुग्वे मोंटेवीडियो पीसो
वेनेजुएला कराकस बोलिवर
ऑस्ट्रेलिया कैनबरा डॉलर
फिजी सूवा डॉलर
न्यूजीलैंड वेलिंग्टन डॉलर
सामोआ अपिया समोअन टाला

नोट: प्रिय पाठकगण यदि आपको इस पोस्ट में कंही भी कोई त्रुटि (गलती) दिखाई दे, तो कृपया कमेंट के माध्यम से उस गलती से हमे अवगत कराएं, हम उसको तुरंत सही कर देंगे।

और जानिये : विश्व के प्रमुख देश, राजधानी एवं उनकी मुद्राओं की सूची

विश्व में प्रथम प्रसिद्ध महिलाओं के नाम और उनकी उपलब्धियॉ (विभिन्न क्षेत्रों में)

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विश्व में प्रथम महिला, 105 विश्व में प्रथम महिलाएँ और उपलब्धियॉ

विश्व में प्रथम महिलाओं के नाम और उनकी उपलब्धियॉ: (List of First Woman in World in Hindi)

यहां विश्व में प्रथम प्रसिद्ध महिलाओं के नाम और उनकी उपलब्धियों की सूची दी गयी है,जिन्होंने विश्व में सबसे पहले अपना प्रभुत्व स्थापित किया है। विश्व की महिलाओं ने संसार के विभिन्न क्षेत्रों में जैसे:- इतिहास, समाजशास्त्र, साहित्य, खेल, राजनीति, पुरस्कार और सम्मान, मनोरंजन, क्षेत्रों में अपना बहुमूल्य योगदान दिया है। विश्व में प्रथम महिलाओं के आधार पर हर परीक्षा में कुछ प्रश्न अवश्य पूछे जाते है, इसलिए यह आपकी सभी प्रकार की परीक्षा की तैयारी के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। आइये जाने ऐसी ही विश्व में प्रथम 107 प्रसिद्ध महिलाओं के नाम और उनकी उपलब्धियों के बारे में:-

इन्हें भी पढे: भारत में प्रथम महिलाओं की सूची


विश्व में प्रथम प्रसिद्ध महिलाओं के नाम और उनकी उपलब्धियों की सूची: (विभिन्न क्षेत्रों में)
उपलब्धि महिलाओं का नाम
लगातार 4 वनडे मैचों में शतक लगाने वाली पहली महिला क्रिकेटर एमी सैटरथ्वेट, न्यूजीलैंड (26 फरवरी, 2017)
आस्ट्रेलिया के उच्च न्यायालय की प्रथम महिला मुख्य न्यायाधीश सुजैन केफेल (31 जनवरी, 2017)
अंटार्कटिका महाद्वीप पर पहुँचने वाली प्रथम महिला कैरोलिन मिकल्सन
अंतरिक्ष में जाने वाली प्रथम अध्यापिका शेरीन क्रिस्टा मेकोलिन मिकल्सन
अंतरिक्ष में जाने वाली प्रथम महिला बेलेन्टिना तेरेश्कोवा (रूस)
अंतरिक्ष में विचरण करने वाली प्रथम महिला श्वेतलाना सेवित्स्काया
अन्तर्राष्ट्रीय न्यायालय की प्रथम महिला न्यायाधीश रोजालीन हिग्गिन्स (ब्रिटेन)
अन्तर्राष्ट्रीय फुटबाल प्रतियोगिताओं हेतु नियुक्त की गई पहली महिला रेफरी लिंडा ब्लेक
अमरीकन थियेटर की प्रथम कही जाने वाली महिला हेलेन हेज
अमरीका की प्रथम महिला पायलट कैली फ्लिन
अमरीकी अंतरिक्ष शटल की प्रथम महिला पायलट इलिन कोलिंस (अमरीका)
अमरीकी प्रतिनिधि सभा की पहली महिला स्पीकर नैंसी पैलोसी (जनवरी 2007)
अर्जेन्टीना की प्रथम निर्वाचित महिला राष्ट्रपति क्रिस्टीना फर्नांडिस डि किर्चनर (अक्टूबर 2007)
आइसलैण्ड की प्रथम महिला राष्ट्रपति विगडिस फिन्नबोगाडोटिर (1980)
आयरलैण्ड की दूसरी महिला राष्ट्रपति मैरी मक्वेलीज (1997)
आयरलैण्ड की प्रथम महिला राष्ट्रपति मैरी रॉबिसन (1990)
इंगलिश चैनल को तैरकर पार करने वाली प्रथम महिला तैराक गैरट्रयूड एडरली
इंगलैंड की प्रथम महिला प्रधानमंत्री मार्गरेट व्ल्डि थैचर (1979)
इंगलैण्ड के चर्च ऑफ इंगलैण्ड की प्रथम पादरी महिला एंजोला बजर्स विलसन
इंग्लैंड की प्रथम महिला प्रधानमंत्री मार्गेट थैचर
इक्वेडोर की प्रथम महिला राष्ट्रपति रोसालिया अर्टेगा (1997)
इजराइल की प्रथम महिला प्रधानमंत्री श्रीमती गोल्डा मेयर (1969)
इतिहास में पहली बार विश्व का प्रथम मिस अमरीका बधिर सुन्दरी हीदर ह्नाइटस्टोन
उत्तरी ध्रुव पर पहुँचने वाली प्रथम महिला मिस फ्रान फिप्स
उत्तरी ध्रुव विजेता प्रथम अमरीकी महिला एन. बैंक्राफ
एपिस्कोयल चर्च द्वारा अमरीका में नियुक्त प्रथम महिला विशप रेवरेंड मैरी एडेलियर
एवरेस्ट पर चढ़ने वाली प्रथम महिला जुंको तेबई (जापान)
एवरेस्ट शिखर पार चार बार पहुँचने वाली प्रथम महिला लाकपा शेरपा
एशिया की प्रथम महिला जिसे विलियम्स फुलब्राइट पुरस्कार दिया गया कोरजोन एक्विनो (फिलीपींस)
ओलम्पिक खेल में स्वर्ण पदक जीतने वाली प्रथम महिला खिलाड़ी मारग्रेट एबोट (अमरीका)
कनाडा की प्रथम महिला प्रधानमंत्री किम कैम्पबेल (1993)
किसी अफ्रीका देश एवं लाइबेरिया में पहली निर्वाचित महिला राष्ट्रपति एलेन जॉनसन सिरलीफ (लाइबेरिया, 16 जनवरी, 2006)
किसी मुस्लिम देश की प्रथम महिला प्रधानमंत्री बेनजीर भुटटो (पाकिस्तान)
गट निरपेक्ष आन्दोलन की प्रथम महिला अध्यक्ष एस. भण्डारनायके (श्रीलंका)
गुआन की प्रथम महिला प्रधानमंत्री जैनेट जैगेन (1997)
चिली की प्रथम महिला राष्ट्रपति मिशेल बचेलेट (जनवरी 2006)
जर्मनी की पहली महिला चांसलर एंजेला मर्केल (22 नवम्बर, 2005)
जापान की निम्न प्रतिनिधि सभा की प्रथम महिला अध्यक्ष तकाको दोई
जापान की प्रथम महिला अंतरिक्ष यात्री चियकी मुकाई
टर्की की प्रथम महिला प्रधानमंत्री तांसु सिलर (1993)
डेनमार्क की राज्याध्यक्ष महारानी (क्वीन) मारग्रेट द्वितीय
डोमिनिका की प्रथम महिला प्रधानमंत्री मैरी यूजीनिया चार्ल्स (1980)
ताइवान की पहली महिला राष्ट्रपति साई इंग वेन
दकोरिया की पहली महिला प्रधानमंत्री हैन म्यून-सुक (अप्रैल 2006)
दक्षिण कोरिया की प्रथम महिला प्रधानमंत्री चांग सांग
दक्षिणी ध्रुव पर दिन में किमी की अकेले यात्रा करने वाली प्रथम महिला लिव अर्नेसन (नॉर्वे)
निकारागुआ की प्रथम महिला राष्ट्रपति वायलेटा बेरियोस डी कैमोरो (1990)
निर्गुट सम्मेलन की प्रथम महिला अध्यक्ष श्रीमती इंदिरा गांधी
नीदरलैण्ड की प्रथम महिला प्रधानमंत्री मारिया लिबेरिया पीटर्स एंटीलेस (1998)
नीदरलैण्ड की राज्याध्यक्ष महारानी बीयाट्रिक्स
नॉर्वे की प्रथम महिला प्रधानमंत्री ग्रो हारलेम बुन्डलैन्ड (1981)
नोबेल पुरस्कार से सम्मानित प्रथम मुस्लिम महिला शीरीन इबादी (ईरान, क्षेत्र-शांति, 2003)
न्यूजीलैण्ड की प्रथम महिला प्रधानमंत्री जैनी शिपले (1997)
पनामा देश की प्रथम महिला राष्ट्रपति मिरिया मोस्कोसो (1999)
पाकिस्तान की पहली महिला स्पीकर फहमिदा मिर्जा (मार्च 2008)
पाकिस्तान की प्रथम महिला प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो (1988)
पाकिस्तान की प्रथम महिला विंग कमांडर शाहिदा परवीन
पेरू की पहली महिला प्रधानमंत्री ब्रीट्रिज मेरिनो
पोलैण्ड की प्रथम महिला प्रधानमंत्री हन्ना सुचोका (1992)
फिनलैण्ड की प्रथम महिला प्रधानमंत्री एनेली जाटेनमाकी
फिलीपींस की प्रथम महिला राष्ट्रपति कोरोजन एक्विनो (1986)
फ्रांस की प्रथम महिला प्रधानमंत्री एडिथ क्रेसन (1991)
बरमुडा की प्रथम महिला प्रधानमंत्री पामेला गार्डेन (1997)
बांग्लादेश की प्रथम महिला प्रधानमंत्री बेग खालिदा जिया (1991)
बोलीविया की प्रथम महिला राष्ट्रपति लीडिया गैवेलर टेजाडा (1979)
ब्रिटेन की पहली महिला पोयट लॉरिएट कैरोल एन. डफी (स्कॉटलैण्ड की कवयित्री मई, 2009)
ब्रिटेन की पहली रानी जेन
ब्रिटेन की प्रथम महिला राज्याध्यक्ष महारानी एलिजाबेथ द्वितीय
भारत की प्रथम महिला जिसे पाकिस्तान का सर्वोच्च मानवता पुरस्कार ‘निशान-ए-इंसानियत’ प्रदान किया गया नीरजा मिश्रा
महिला क्रिकेट टेस्ट मैच में सर्वाधिक रनों की पारी खेलने का विश्व रिकॉर्ड किरण (पाकिस्तान, 242 रन, मार्च 2004, वेस्टइंडीज के विरुद्ध)
माल्टा की प्रथम महिला प्रधानमंत्री अगाया बारबरा (1982-87)
मिलेनियम टेक्नोलॉजी प्राइज जीतने वाली पहली महिला फ्रांसिस अर्नोल्ड
रोमानिया की प्रथम महिला राष्ट्रपति कोरोजन एक्विनो (1986)
लाइबेरिया की प्रथम महिला राष्ट्रपति रूथ पेरी (1996)
लाटविया की पहली महिला राष्ट्रपति वाई वाइक फ्रीबर्गा (1999)
लिथुआनिया की प्रथम महिला प्रधानमंत्री काजीमियेराप्रुंसकीन (1990)
लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित विश्व के किसी भी देश की प्रथम महिला राष्ट्रपति विगदिस फिनवोगादोतीर (आइसलैण्ड)
वह भारतीय महिला, जिसे न्यूजीलैण्ड में प्रथम महिला महापौर होने का गौरव प्राप्त है सुखविंदर टर्नर (डुनेडिन शहर)
विदेश में भारत का ध्वज फहराने वाली प्रथम महिला मैडम कामा
विश्व की पहली सबसे कम उम्र की पहली महिला पायलट अटलांटिक पार करने वाली विकीवान मीटर (अमरीका)
विश्व की प्रथम नोबेल पुरस्कार पाने वाली महिला मैडम क्यूरी
विश्व की प्रथम महिला जिन्हें इंटर पार्लियामेन्टरी यूनियन का आजीवन अध्यक्ष नियुक्त किया गया नजमा हेपतुल्ला (भारत)
विश्व की प्रथम महिला डॉक्टर एलिजावेथ ब्लैकवेल (अमरीका)
विश्व की प्रथम महिला प्रधानमंत्री एस. भण्डारनायके (श्रीलंका)
विश्व की प्रथम महिला मुक्केबाज जिसने पहली बार पुरुष महिला मुकाबले में विजय पायी मार्गरेट मैक ग्रेगोर
विश्व की प्रथम महिला राष्ट्रपति मैरिया एसाबेल पेरॉन (अर्जेन्टीना)
विश्व की प्रथम महिला विशप किसे चुना गया रे मैरी एडेलियर (अमरीका)
विश्व की प्रथम महिला सरोद वादक शरन रानी
विश्व की प्रथम सबसे कम उम्र में इंग्लिश चैनल पार करने वाली छात्रा रूपाली रामदास
विश्व की प्रथम सम्मानित महिला ब्रिटेन की रानी एलिजाबेथ
विश्व की वह प्रथम महिला जो अन्तर्राष्ट्रीय बैडमिंटन महासंघ की अध्यक्ष चुनी गयीं ल्यू शेंगरॉग (चीन)
विश्व की वह प्रथम महिला जो पैदल चलकर उत्तरी ध्रुव पहुँचने वाली क्रिस्टीन जेनिन (फ्रांस)
विश्व की सबसे अधिक बच्चों को जन्म देने वाली महिला लयोन्विना अल्विना (चिली-55 बच्चों को जन्म दे चुकी है)
विश्व की सबसे लम्बी महिला सेन्डी एलन (कनाडा ऊँचाई 7 फीट 1/4 इंच)
विश्व की सर्वप्रथम निर्वाचित महिला राष्ट्रपति विगडिस फिन्नवोगाडोटिर (आइसलैण्ड)
विश्व मुक्केबाजी परिषद् का महिलाओं का पहला मुक्केबाजी खिताब लैला अली (11 जून, 2005, प्रसि) मुक्केबाजी मोहम्मद अली की बेटी)
विश्व में किसी भी देश की प्रथम महिला प्रधानमंत्री सिरिमावो भंडारनायके, श्रीलंका (1960)
विश्व में संयुक्त राष्ट्र महासभा की प्रथम महिला सभापति श्रीमती विजयालक्ष्मी पंडित (भारत)
श्रीलंका की प्रथम महिला राष्ट्रपति श्रीमती चंद्रिका कुमारतुंगे (1994)
संयुक्त राज्य अमरीका की प्रथम महिला सेक्रेटरी ऑफ स्टेट मैडेलीन अल्ब्राइट
संयुक्त राष्ट्र संघ की किसी एजेंसी की प्रमुख बनने वाली पहली चीनी नागरिक मारग्रेट चान (विश्व स्वास्थ्य संगठन जनवरी 2007)
संयुक्त राष्ट्र संघ की नागरिक पुलिस सलाहकार नियुक्त होने वाली विश्व की प्रथम महिला किरण बेदी (भारत)
सबसे ज्यादा अवधि (दिन) तक अंतरिक्ष में रहने वाली महिला चेलेना कोडाकोवा
साइमन बोलिवर पुरस्कार से सम्मानित प्रथम महिला आंग सान सून की (म्यांमार)
स्विट्जरलैण्ड की प्रथम महिला राष्ट्रपति रूथ ड्रायफुस (1999)
हैती की पहली महिला प्रधानमंत्री क्लाउदेते बेर्लिग (1995)
हैती की प्रथम महिला राष्ट्रपति हेरटा प्रालोप (1990)

और जानिये : विश्व में प्रथम प्रसिद्ध महिलाओं के नाम और उनकी उपलब्धियॉ (विभिन्न क्षेत्रों में)

भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों द्वारा दिए गए प्रमुख वचन एवं नारो की सूची

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भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों द्वारा दिए गए प्रमुख वचन एवं नारे- Famous Slogans of Indian Freedom Fighters in Hindi

स्वतंत्रता संग्राम के दौरान भारतीय क्रांतिकारियो द्वारा दिए गए प्रमुख वचन एवं नारे (List of Famous Slogans Given By Indian Freedom Fighters in Hindi)

भारत के स्वतंत्रता संग्राम में नारों की विशेष भूमिका है। स्वतंत्रता के लिए बोले गए हर नारे ने भारतीय क्रांतिकारियों में जान फूंक दी कि हर नारा अंग्रेजों के ताबूत में आखिरी कील साबित हुआ। स्वतंत्रता संग्राम के दौरान भारतीय क्रांतिकारियो द्वारा दिए गए इन नारों ने देश की जनता को भारत माता की आजादी के संघर्ष के लिए एक बड़ी प्रेरणा दी। ये नारे ऐसे थे जिन्होंने सभी भारतीय क्रांतिकारियो के अन्दर देशभक्ति की भावना को जगा दिया था, जिसके फलस्वरूप देश को 15 अगस्त 1947 को स्वतंत्रता प्राप्त हुई।

यहां पर भारत के स्वतंत्रता संग्राम के समय के कुछ ऐसे ही नारों और वचनों की सूची दी गई हैं। सामान्यतः इन नारों और वचनों से सम्बंधित प्रश्न प्रतियोगी परीक्षाओं में पूछे जाते है। यदि आप विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं जैसे: आईएएस, शिक्षक, यूपीएससी, पीसीएस, एसएससी, बैंक, एमबीए एवं अन्य सरकारी नौकरियों के लिए तैयारी कर रहे हैं, तो आपको भारत में स्वतंत्रता सेनानियों द्वारा दिए गये नारों के बारे में अवश्य पता होना चाहिए।

भारतीय स्‍वतंत्रता आंदोलन के प्रमुख वचन और नारो की सूची:

संबंधित व्यक्ति का नाम  प्रमुख नारे एवं वचन
अबुल कलाम आजाद मुसलमान मूर्ख थे, जो उन्‍होंने सुरक्षा की मांग की और हिंदू उनसे भी मूर्ख थे, जो उन्‍होंने उस मांग को ठुकरा दिया।
अल्‍लामा इकबाल सारे जहां से अच्‍छा हिन्‍दोस्‍तां हमारा।
चन्र्द शेखर आजाद दुशमन की गोलियों का हम सामना करेंगे, आज़ाद ही रहे है, आजाद ही रहेंगे।
जयप्रकाश नारायण सम्पूर्ण क्रांति।
डॉ० मुरली मनोहर जोशी कश्मीर चलो।
दयानंद सरस्‍वती वेदों की ओर लौटो।
नेताजी सुभाषचन्द्र बोस तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हे आज़ादी दूँगा, जय हिन्द, दिल्ली चलो।
पंडित जवाहरलाल नेहरू पूर्ण स्वराज, आराम हराम है, हू लिव्स इंडिया डाइज।
पंडित जवाहरलाल नेहरू हू लीव्स इफ इण्डिया डाइज।
पंडित मदन मोहन मालवीय सत्यमेव जयते।
पी. वी. नरसिम्हा राव देश बचाओ, देश बनाओ।
बंकिमचंद्र चटर्जी वन्देमातरम्।
बाल गंगाधर तिलक स्वराज हमारा जन्म – सिद्ध अधिकार है।
बिनोवा भावे जय जगत।
भारतेन्दु हरिश्चंद्र हिन्दी, हिन्दू, हिन्दोस्तांन।
मंगल पांडे मारो फिरंगी को।
मदनलाल धींगरा देश की पूजा ही राम की पूजा है।
महर्षी दयानंद सरस्वती वेदों की ओर लौटो।
महात्मा गाँधी हे राम, अंग्रेजो भारत छोड़ो, करो या मरो।
मोहम्मद इकबाल सारे जहाँ से अच्छा हिंदोस्तां हमारा।
रवीन्द्रनाथ टैगोर जन-गण-मन अधिनायक जय हे।
राम प्रसाद बिस्मिल सरफ़रोशी की तमन्ना, अब हमारे दिल में है, देखना है जोर कितना बाजु-ए- कातिल में है।
लाल बहादुर शास्त्री जय जवान, जय किसान।
लाला लाजपत राय साइमन कमीशन वापस आओ।
लोकमान्य बल गंगाधर तिलक स्वराज हमारा जन्म सिद्ध अधिकार है।
श्यामलाल गुप्ता विजयी विश्व तिरंगा प्यारा।
श्रीमती इंदिरा गाँधी श्रमेव जयते।
संजय गाँधी काम अधिक बातें कम।
सरदार बल्लभ भाई पटेल कर मत दो।
सरदार भगत सिंह इन्कलाब जिन्दाबाद, साम्राज्यवाद का नाश हो।

और जानिये : भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों द्वारा दिए गए प्रमुख वचन एवं नारो की सूची

भारत की प्रमुख नदियों के नाम, उद्गम स्थल एवं सहायक नदियों की सूची

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भारत की प्रमुख नदियों के नाम एवं उद्गम स्थल- Important Rivers of India

भारत की प्रमुख नदियों के नाम, उद्गम स्थल एवं सहायक नदियों की सूची (Important Rivers of India in Hindi)

भारत की नदियों का देश के आर्थिक एवं सांस्कृतिक विकास में प्राचीनकाल से ही महत्वपूर्ण योगदान रहा है। सिन्धु तथा गंगा नदियों की घाटियों में ही विश्व की सर्वाधिक प्राचीन सभ्यताओं- सिन्धु घाटी तथा आर्य सभ्यता का आर्विभाव हुआ। आज भी देश की सर्वाधिक जनसंख्या एवं कृषि का संकेन्द्रण नदी घाटी क्षेत्रों में पाया जाता है। प्राचीन काल में व्यापारिक एवं यातायात की सुविधा के कारण देश के अधिकांश नगर नदियों के किनारे ही विकसित हुए थे तथा आज भी देश के लगभग सभी धार्मिक स्थल किसी न किसी नदी से सम्बद्ध है।

इन्हें भी पढे: नदियों के किनारे बसे भारत के प्रमुख नगर व शहर

भारत की नदियों को चार समूहों में वर्गीकृत किया जा सकता है जैसे :-

  • हिमालय से निकलने वाली नदियाँ
  • दक्षिण से निकलने वाली नदियाँ
  • तटवर्ती नदियाँ
  • अंतर्देशीय नालों से द्रोणी क्षेत्र की नदियाँ

भारत की प्रमुख नदियों के नाम, उद्गम स्थल एवं सहायक नदियों की सूची:

नदी का नाम उद्गम स्थल सहायक नदियाँ प्रवाह क्षेत्र
सिन्धु नदी मानसरोवर झील के निकट (तिब्बत) सतलुज, व्यास, झेलम, चिनाब, रावी, शिंगार, गिलगित, श्योक जम्मू और कश्मीर, लेह
झेलम नदी शेषनाग झील, जम्मू-कश्मीर किशन, गंगा, पुँछ, लिदार, करेवाल, सिंध जम्मू-कश्मीर, कश्मीर
चिनाब नदी बारालाचा दर्रे के निकट चन्द्रभागा जम्मू-कश्मीर
रावी नदी रोहतांग दर्रा, कांगड़ा साहो, सुइल हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, पंजाब
सतलुज नदी मानसरोवर के निकट राकसताल व्यास, स्पिती, बस्पा हिमाचल प्रदेश, पंजाब
व्यास नदी रोहतांग दर्रा तीर्थन, पार्वती, हुरला हिमाचल प्रदेश
गंगा नदी गंगोत्री के निकट गोमुख से यमुना, रामगंगा, गोमती, बागमती, गंडक, कोसी, सोन, अलकनंदा, भागीरथी, पिण्डार, मंदाकिनी उत्तरांचल, उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल
यमुना नदी यमुनोत्री ग्लेशियर चम्बल, बेतवा, केन, टोंस, गिरी, काली, सिंध, आसन उत्तरांचल, उत्तर प्रदेश, दिल्ली
रामगंगा नदी नैनीताल के निकट एक हिमनदी से खोन उत्तरांचल, उत्तर प्रदेश
घाघरा नदी मप्सातुंग (नेपाल) हिमनद शारदा, करनली, कुवाना, राप्ती, चौकिया उत्तर प्रदेश, बिहार
गंडक नदी नेपाल तिब्बत सीमा पर मुस्ताग के निकट काली, गंडक, त्रिशूल, गंगा बिहार
कोसी नदी नेपाल में सप्तकोशिकी (गोंसाईधाम) इन्द्रावती, तामुर, अरुण, कोसी सिक्किम, बिहार
चम्बल नदी मऊ के निकट जानापाव पहाड़ी से काली, सिंध, सिप्ता, पार्वती, बनास मध्य प्रदेश
बेतवा नदी भोपाल के पास उबेदुल्ला गंज के पास मध्य प्रदेश
सोन नदी अमरकंटक की पहाड़ियों से रिहन्द, कुनहड़ मध्य प्रदेश, बिहार
दामोदर नदी छोटा नागपुर पठार से दक्षिण पूर्व कोनार, जामुनिया, बराकर झारखण्ड, पश्चिम बंगाल
ब्रह्मपुत्र नदी मानसरोवर झील के निकट (तिब्बत में सांग्पो) घनसिरी, कपिली, सुवनसिती, मानस, लोहित, नोवा, पद्मा, दिहांग अरुणाचल प्रदेश, असम
महानदी सिहावा के निकट रायपुर सियोनाथ, हसदेव, उंग, ईब, ब्राह्मणी, वैतरणी मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, उड़ीसा
वैतरणी नदी क्योंझर पठार उड़ीसा
स्वर्ण रेखा छोटा नागपुर पठार उड़ीसा, झारखण्ड, पश्चिम बंगाल
गोदावरी नदी नासिक की पहाड़ियों से प्राणहिता, पेनगंगा, वर्धा, वेनगंगा, इन्द्रावती, मंजीरा, पुरना महाराष्ट्र, कर्नाटक, आन्ध्र प्रदेश
कृष्णा नदी महाबलेश्वर के निकट कोयना, यरला, वर्णा, पंचगंगा, दूधगंगा, घाटप्रभा, मालप्रभा, भीमा, तुंगप्रभा, मूसी महाराष्ट्र, कर्नाटक, आन्ध्र प्रदेश
कावेरी नदी केरकारा के निकट ब्रह्मगिरी हेमावती, लोकपावना, शिमला, भवानी, अमरावती, स्वर्णवती कर्नाटक, तमिलनाडु

नर्मदा नदी अमरकंटक चोटी तवा, शेर, शक्कर, दूधी, बर्ना मध्य प्रदेश, गुजरात
ताप्ती नदी मुल्ताई से (बेतूल) पूरणा, बेतूल, गंजल, गोमई मध्य प्रदेश, गुजरात
साबरमती जयसमंद झील (उदयपुर) वाकल, हाथमती राजस्थान, गुजरात
लूनी नदी नाग पहाड़ सुकड़ी, जनाई, बांडी राजस्थान, गुजरात, मिरूडी, जोजरी
बनास नदी खमनौर पहाड़ियों से सोड्रा, मौसी, खारी कर्नाटक, तमिलनाडु
माही नदी मेहद झील से सोम, जोखम, अनास, सोरन मध्य प्रदेश, गुजरात
हुगली नदी नवद्वीप के निकट जलांगी
उत्तरी पेन्नार नंदी दुर्ग पहाड़ी पाआधनी, चित्रावती, सागीलेरू
तुंगभद्रा नदी पश्चिमी घाट में गोमन्तक चोटी कुमुदवती, वर्धा, हगरी, हिंद, तुंगा, भद्रा
मयूसा नदी आसोनोरा के निकट मेदेई
साबरी नदी सुईकरम पहाड़ी सिलेरु
इन्द्रावती नदी कालाहाण्डी, उड़ीसा नारंगी, कोटरी
क्षिप्रा नदी काकरी बरडी पहाड़ी, इंदौर चम्बल नदी
शारदा नदी मिलाम हिमनद, हिमालय, कुमायूँ घाघरा नदी
तवा नदी महादेव पर्वत, पंचमढ़ी नर्मदा नदी
हसदो नदी सरगुजा में कैमूर पहाड़ियाँ महानदी
काली सिंध नदी बागलो, ज़िला देवास, विंध्याचल पर्वत यमुना नदी
सिन्ध नदी सिरोज, गुना ज़िला चम्बल नदी
केन नदी विंध्याचल श्रेणी यमुना नदी
पार्वती नदी विंध्याचल, मध्य प्रदेश चम्बल नदी
घग्घर नदी कालका, हिमाचल प्रदेश
बाणगंगा नदी बैराठ पहाड़ियाँ, जयपुर यमुना नदी
सोम नदी बीछा मेंड़ा, उदयपुर जोखम, गोमती, सारनी
आयड़ या बेडच नदी गोमुण्डा पहाड़ी, उदयपुर बनास नदी
दक्षिण पिनाकिन चेन्ना केशव पहाड़ी, कर्नाटक
दक्षिणी टोंस तमसा कुंड, कैमूर पहाड़ी
दामन गंगा नदी पश्चिम घाट
गिरना नदी पश्चिम घाट, नासिक

इन्हें भी पढे: भारत के प्रमुख पर्वतीय नगर और उनकी ऊंचाई

भारत की प्रमुख नदियों के प्राचीन नाम व आधुनिक नामों की सूची:

भारत की प्रमुख नदियों का प्राचीन नाम भारत की प्रमुख नदियों आधुनिक नाम
क्रुभु कुर्रम
कुभा काबुल
वितस्ता झेलम
आस्किनी चिनाव
पुरुष्णी रावी
शतुद्रि सतलज
विपाशा व्यास
सदानीरा गंडक
दृषद्वती घग्घर
गोमती गोमल
सुवास्तु स्वात
सिंधु सिन्ध
सरस्वती / दृशद्वर्ती घघ्घर / रक्षी / चित्तग
सुषोमा सोहन
मरूद्वृधा मरूवर्मन

और जानिये : भारत की प्रमुख नदियों के नाम, उद्गम स्थल एवं सहायक नदियों की सूची

भारतीय इतिहास के गुप्तकालीन शासक और उनके अभिलेखों के नाम

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भारतीय इतिहास के गुप्तकालीन शासक और उनके अभिलेखों के नाम

भारतीय इतिहास के गुप्तकालीन शासक और उनके अभिलेख

गुप्त सम्राटों के समय में गणतंत्रीय राजव्यवस्था का ह्मस हुआ। गुप्त प्रशासन राजतंत्रात्मक व्यवस्था पर आधारित था। देवत्व का सिद्वान्त गुप्तकालीन शासकों में प्रचलित था। राजपद वंशानुगत सिद्धान्त पर आधारित था। राजा अपने बड़े पुत्र को युवराज घोषित करता था। उसने उत्कर्ष के समय में गुप्त साम्राज्य उत्तर में हिमालय से लेकर दक्षिण में विंघ्यपर्वत तक एवं पूर्व में बंगाल की खाड़ी से लेकर पश्चिम में सौराष्ट्र तक फैला हुआ था।

भारतीय इतिहास के गुप्तकालीन शासक और उनके अभिलेखों की सूची:

शासक का नाम सम्बंधित अभिलेख
समुद्रगुप्त (335-375ई) प्रयाग प्रशस्ति, एरण प्रशस्ति, नालंदा, गया ताम्र शासन लेख।
चन्द्रगुप्त द्वितीय (375-414ई) मथुरा स्तंभलेख, उदयगिरी का प्रथम और द्वितीय गुहा लेख, गढ़वा का प्रथम शिलालेख, साँची शिलालेख, महरौली प्रशस्ति।
कुमारगुप्त महेन्द्रादित्य (414-455ई) बिल्सड़ स्तंभलेख, गढ़वा का द्वितीय शिलालेख, गढ़वा का तृतीय शिलालेख, उदयगिरी का तृतीय गुहलेख, धनदैह अभिलेख, मथुरा का जैन मूर्ति लेख, तुमैन शिलालेख, मंदसौर शिलालेख, कर्मदंडा लिंगलेख, कुलाईकुरी ताम्रलेख, दामोदरपुर प्रथम एवं द्वितीय ताम्रलेख, बैग्राम ताम्रलेख, मानकुंवर बुद्धमूर्ति लेख।
स्कंदगुप्त जूनागढ़ प्रशस्ति, कहाँव स्तम्भ लेख, सुपिया स्तंभलेख, इंदौर ताम्रलेख, भितरी स्तम्भलेख।
कुमारगुप्त द्वितीय सारनाथ बुद्धमूर्ति लेख।
पुरुगुप्त (467-476ई.) बिहार स्तम्भ लेख।
बुद्धगुप्त सारनाथ बुद्धमूर्ति लेख, पहाडपुर ताम्रलेख, राजघाट (वाराणसी), स्तम्भ लेख, नंदपुर ताम्रलेख।
वैन्यगुप्त गुनईधर (टिपरा) ताम्रलेख।
भानुगुप्त एरण स्तंभलेख।
विष्णुगुप्त पंचम दामोदरगुप्त ताम्र लेख।

और जानिये : भारतीय इतिहास के गुप्तकालीन शासक और उनके अभिलेखों के नाम

भारत के इतिहास में हुई सबसे बडी रेल दुर्घटनाएं और उनकी तिथियाँ

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भारत की सबसे बडी ऐतिहासिक रेल दुर्घटनाएं और उनकी तिथियाँ

भारत की सबसे बडी रेल दुर्घटनाएं और उनकी तिथियाँ: (Major Train Accidents of Indian History in Hindi)

भारतीय रेलवे दुनिया का सबसे बड़ा रेल नेटवर्क है। भारतीय रेल में प्रतिदिन सवा करोड़ से अधिक लोग इसे हर दिन इस्तेमाल करते हैं। एक अनुमान के अनुसार देश में हर साल औसतन 300 छोटी-बड़ी रेल दुर्घटनाएं होती हैं। आइये जानते है देश की सबसे बड़ी रेल दुर्घटनाओं के बारे में, जिसमें अब तक हजारों लोगो की जाने जा चुकी है:-

इन्हें भी पढे: भारतीय रेलवे क्षेत्र एवम उनके मुख्यालय

भारत के इतिहास में हुई सबसे बडी रेल दुर्घटनाओं की सूची

दुर्घटना की तिथि दुर्घटना का स्थान और संबन्धित जानकारी
28 मई, 2010 पश्चिम बंगाल में संदिग्ध नक्सली हमले में ज्ञानेश्वरी एक्सप्रेस पटरी से उतरी। इस हादसे में लगभग 170 लोगों की मौत हो गई।
14  फ़रवरी, 2009 रेल बजट के दिन ही हावड़ा से चेन्नई जा रही कोरोमंडल एक्सप्रेस के 14 डिब्बे पटरी से उतरे। हादसे में 15 की मौत हो गई और 50 घायल हुए थे।
अगस्त, 2008 सिकंदराबाद से काकिनाडा जा रही गौतमी एक्सप्रेस में देर रात आग लगी।इसके कारण 32 लोग मारे गए और कई घायल हुए।
16 अप्रैल, 2007 तमिलनाडु में हुई एक रेल दुर्घटना में कम से कम 11 लोग मारे गए। दुर्घटना थिरुमातपुर के कांचीपुरम गाँव के पास तब हुई जब एक ट्रेन मिनीबस से जा टकराई।
21 अप्रैल, 2005 गुजरात में बड़ोदरा के पास साबरमती एक्सप्रेस और एक मालगाड़ी की टक्कर में कम से कम 17 लोगों की मौत हो गई और 78 अन्य घायल हो गए।
फ़रवरी, 2005 महाराष्ट्र में एक रेलगाड़ी और ट्रैक्टर-ट्रॉली की टक्कर में कम से कम 50 लोगों की मौत हो गई थी और इतने ही घायल हुए थे।
जून, 2003 महाराष्ट्र में हुई रेल दुर्घटना में 51 लोग मारे गए थे और अनेक घायल हुए।
2 जुलाई, 2003 आँध्र प्रदेश में हैदराबाद से 120 किलोमीटर दूर वारंगल में गोलकुंडा एक्सप्रेस के दो डिब्बे और इंजन एक ओवरब्रिज से नीचे सड़क पर जा गिरे। इस दुर्घटना में 21 लोगों की मौत हुई।
22 जून, 2003 गोवा और महाराष्ट्र की सीमा पर रत्नागिरी के पास एक विशेष यात्री गाड़ी के डिब्बे पटरी से उतरे। कम से कम 51 यात्रियों की मौत हुई।
15 मई, 2003 पंजाब में लुधियाना के नज़दीक फ़्रंटियर मेल में आग लगी। कम से कम 38 लोग मारे गए।
9 सितंबर, 2002 हावड़ा से नई दिल्ली जा रही राजधानी एक्सप्रेस दुर्घटनाग्रस्त हुई। इसमें 120 लोग मारे गए।
10 सितम्बर, 2002 बिहार के गया के रफीगंज के समीप राजधानी एक्सप्रेस की कुछ बोगियां नदी में गिर गई इस घटना में लगभग 150 लोगों की मौत हो गई थी।
9 सितंबर, 2002 हावड़ा से नई दिल्ली जा रही राजधानी एक्सप्रेस दुर्घटनाग्रस्त हुई। इसमें 120 लोग मारे गए।
12 मई, 2002 नई दिल्ली से पटना जा रही श्रमजीवी एक्सप्रेस पटरी से उतरी। 12 लोग मारे गए।
22 जून, 2001 मंगलोर-चेन्नई मेल केरल की कडलुंडी नदी में जा गिरी। 59 लोग मारे गए।
31 मई, 2001 उत्तर प्रदेश में एक रेलवे क्रॉसिंग पर खड़ी बस से ट्रेन जा टकराई। 31 लोग मारे गए।
2 दिसंबर, 2000 कोलकाता से अमृतसर जा रही हावड़ा मेल दिल्ली जा रही एक मालगाड़ी से टकराई। 44न की मौत और 140 घायल हुए थे।
3 अगस्त, 1999 इस दुर्घटना में दिल्ली जा रही ब्रह्पुत्र मेल अवध-असम एक्सप्रेस से गैसल, पश्चिम बंगाल मे टकराई। 285 की मौत और 312 घायल हुऐ थे।
16 जुलाई, 1999 दिल्ली जा रही ग्रैंड ट्रंक एक्सप्रेस मथुरा के पास एक मालगाड़ी से टकराई। 17 मार गए और 200 घायल हुए थे।
26 नवंबर, 1998 पंजाब के खन्ना जम्मूतवी-सियालदह एक्सप्रेस और अमृतसर गोल्डेन टेम्पल मेल से टकराई थी। इस रेल दुर्घटना में लगभग 209 लोगों की मौत और 120 घायल हुऐ थे।
14 सितम्बर, 1997 मध्यप्रदेश के बिलासपुर में हुई इस रेल दुर्घटना में 100 लोगों की मौत हो गई थी, वहीं 200 लोग घायल थे। अहमदाबाद-हावड़ा एक्सप्रेस की पांच बोगियां नदी में गिर गई थीं।
18 अप्रैल, 1996 एर्नाकुलम एक्सप्रेस दक्षिण केरल में एक बस से टकराई। 35 की मौत, 50 घायल हुए।
20 अगस्त, 1995 आगरा के समीप फिरोजाबाद में पुरुषोत्तम एक्सप्रेस कालिंदी एक्सप्रेस की आमने-सामने की टक्कर में लगभग 305 लोगों की मौत हो गई थी वहीं लगभग 344 लोग घायल थे।
21 दिसंबर, 1993 कोटा-बीना एक्सप्रेस मालगाड़ी से राजस्थान में टकराई। 71 की मौत और अनेक घायल हुए थे।
16 अप्रैल, 1990 पटना के निकट रेल में आग लगी। 70 की मौत।
23 फरवरी, 1985 राजनांदगाँव में एक यात्री गाड़ी के दो डिब्बों में आग लगी। 50 की मौत और अनेक घायल हुए थे।
6 जून, 1981 भारत के बिहार राज्‍य एक बहुत ही खतरानाक रेल दुर्घटना हुई थी जिसमें जिसमे रात्रि में एक पैसेंजर ट्रेन की कई बोगियाँ खगड़िया के पास धमारा में नदी के पुल से नीचे जा गिरी थी जिसमें 800 की मौत और 1000 से अधिक घायल हुए थे।

और जानिये : भारत के इतिहास में हुई सबसे बडी रेल दुर्घटनाएं और उनकी तिथियाँ


विश्व में सर्वाधिक बड़ा, छोटा, लम्बा एवं ऊँचा से सम्बन्धित सामान्य ज्ञान सूची

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विश्व में सर्वाधिक बड़ा,छोटा,लम्बा,ऊँचा से सम्बन्धित सामान्य ज्ञान

विश्व में सर्वाधिक बड़ा, छोटा, लम्बा एवं ऊँचा: (Largest, Smallest, Highest, Tallest, Longest in World in Hindi)

विश्व में सर्वाधिक बड़ा, छोटा, लम्बा एवं ऊँचा: यहां पर विश्व में सर्वाधिक बड़ा, छोटा, लम्बा एवं ऊँचा की सूची दी गई हैं। सामान्यतः विश्व में सर्वाधिक बड़ा, छोटा, लम्बा एवं ऊँचा से सम्बंधित प्रश्न प्रतियोगी परीक्षाओं में पूछे जाते है। यदि आप विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं जैसे: आईएएस, शिक्षक, यूपीएससी, पीसीएस, एसएससी, बैंक, एमबीए एवं अन्य सरकारी नौकरियों के लिए तैयारी कर रहे हैं, तो आपको विश्व में सर्वाधिक बड़ा, छोटा, लम्बा एवं ऊँचा के बारे में अवश्य पता होना चाहिए।

इन्हें भी पढे: भारत में सर्वाधिक बड़ा, छोटा, लम्बा एवं  ऊँचा

आइये पढ़े विश्व में सबसे बड़ा/छोटा/लम्बा/ऊँचे के बारे में:-

विश्व का सबसे बड़ा महाद्वीप एशिया (विश्व के क्षेत्रफल का 30%)
विश्व का सबसे छोटा महाद्वीप आस्ट्रेलिया
विश्व का सबसे बड़ा महासागर प्रशांत महासागर
विश्व का सबसे छोटा महासागर आर्कटिक महासागर
विश्व का सबसे गहरा महासागर प्रशांत महासागर
विश्व का सबसे बड़ा सागर दक्षिणी चीन सागर
विश्व की सबसे बड़ी खाड़ी मेक्सिको की खाड़ी
विश्व का सबसे बड़ा द्वीप ग्रीनलैण्ड
विश्व का सबसे बड़ा द्वीप समूह इण्डोनेशिया
विश्व की सबसे लम्बी नदी नील नदी ल. 6650 किमी
विश्व की सबसे बड़ी अपवाह क्षेत्र वाली नदी अमेजन नदी
विश्व की सबसे बड़ी सहायक नदी मेडिरा (अमेजन की)
विश्व की सबसे व्यस्त व्यापारिक नदी राइन नदी
विश्व की सबसे बड़ी नहर स्वेज नहर
विश्व की सबसे व्यस्त नहर कील नहर
विश्व का सबसे बड़ा नदी द्वीप माजुली, भारत
विश्व का सबसे बड़ा देश रूस
विश्व का सबसे छोटा देश वेटिकन सिटी (44 हेक्टेयर)
विश्व में सर्वाधिक मतदाताओं वाला देश भारत
विश्व में सबसे लंबी सीमा रेखा वाला देश कनाडा
विश्व में सबसे ज्यादा सीमा रेखा वाला देश चीन (13 देश)
विश्व का सबसे बड़ा रेगिस्तान सहारा (आफ्रीका)
एशिया का सबसे बड़ा रेगिस्तान गोबी
विश्व की सबसे ऊंची पर्वत चोटी माउण्ट एवरेस्ट (8848 मी.)
विश्व की सबसे लम्बी पर्वतमाला एणडीज (दक्षिण अमेरिका)
विश्व का सबसे ऊंचा पठार पामीर का पठार
विश्व का सबसे गर्म प्रदेश अल्जीरिया (लीबिया)
विश्व का सबसे ठंडा स्थान वोस्तोक अंटार्कटिका
विश्व का सबसे शुष्क स्थान अटाकामा मरुस्थल चिली
विश्व का सबसे ऊंचा जलप्रपात एंजिल जलप्रपात
विश्व का सबसे बड़ा जलप्रपात ग्वायरा जलप्रपात
विश्व का सबसे चौड़ा जलप्रपात खोन जलप्रपात
विश्व की सबसे बड़ी खारे पानी की झील केस्पियन सागर
विश्व की सबसे बड़ी ताजा पानी की झील लेक सुपीरियर
विश्व की सबसे गहरी झील बैकाल झील
विश्व सबसे अधिक ऊंचाई पर स्थित झील टिटिकाका
विश्व की सबसे बड़ी कृत्रिम झील वोल्गा झील
विश्व का सबसे बड़ा डेल्टा सुन्दरवन डेल्टा
विश्व का सबसे बड़ा महाकाव्य महाभारत
विश्व का सबसे बड़ा अजायबघर अमेरिकन म्यूजियम आँफ नेचुरल हिस्ट्री
विश्व का सबसे बड़ा चिड़ियाघर क्रूजर नेशनल पार्क (द. आफ्रीका)
विश्व का सबसे बड़ा पक्षी आस्ट्रिच (शुतुरमुर्ग)

विश्व का सबसे छोटा पक्षी हमिंग बर्ड
विश्व का सबसे बड़ा स्तनधारी नीली व्हेल
विश्व का सबसे विशाल मंदिर अंकोरवाट का मंदिर
विश्व में महात्मा बुद्ध की सबसे ऊंची प्रतिमा उलान बटोर (मंगोलिया)
विश्व की सबसे ऊंची मीनार कुतुबमीनार
विश्व का सबसे बड़ा घंटाघर द ग्रेट बेल आँफ मास्को
विश्व की सबसे बड़ी मूर्ति स्टैच्यू आँफ लिबर्टी
विश्व का सबसे बड़ा हिन्दू मंदिर परिसर अक्षरधाम मंदिर दिल्ली
विश्व की सबसे बड़ी मस्जिद जामा मस्जिद, दिल्ली
विश्व की सबसे ऊंची मस्जिद सुल्तान हसन मस्जिद,कहिरा
विश्व का सबसे बड़ा चर्च वेसिलिका आँफ सेंट पीटर (वेटिकन सिटी)
विश्व की सबसे लंबी रेलवे लाइन ट्रांस, साइबेरियन लाइन
विश्व में सबसे लंबी रेलवे सुरंग सीकन रेलवे सुरंग जापान
विश्व का सबसे लम्बा रेलवे प्लेटफार्म गोरखपुर, उत्‍तर प्रदेश (लंबाई 1355 मीटर)
विश्व का सबसे बड़ा रेलवे स्टेशन ग्रांड सेंट्रल टर्मिनल न्यूयॉर्क
विश्व में सबसे व्यस्त हवाई अड्डा शिकागो इंटरनेशनल एयरपोर्ट
विश्व का सबसे बड़ा हवाई अड्डा किंग खालिद हवाई अड्डा रियाद, सऊदी अरब
विश्व का सबसे बड़ा बंदरगाह न्यूयॉर्क
विश्व का सबसे लंबा बांध हीराकुण्ड बांध उड़ीसा
विश्व का सबसे ऊंचा बांध रेगुनस्की (ताजिकिस्तान)
विश्व की सबसे ऊंची सड़क लेह मनाली मार्ग
विश्व का सबसे बड़ा सड़क पुल महात्मा गांधी सेतु पटना
विश्व का सबसे बड़ा राजमार्ग ट्रांस कनेडियन
विश्व का सबसे ऊंचा ज्वालामुखी माउंट कॅाटोपैक्सी
विश्व में सबसे अधिक कर्मचारियों वाला विभाग भारतीय रेलवे
विश्व में सबसे ऊंचा क्रिकेट मैदान चैल हिमाचल प्रदेश
विश्व का सबसे बड़ा पुस्तकालय कांग्रेस पुस्तकालय लंदन
विश्व का सबसे बड़ा संग्रहालय ब्रिटिश संग्रहालय लंदन
विश्व की सबसे बड़ी कार्यलयी इमारत पेंटागन (यू. एस. ए.)

और जानिये : विश्व में सर्वाधिक बड़ा, छोटा, लम्बा एवं ऊँचा से सम्बन्धित सामान्य ज्ञान सूची

भारत की प्रमुख वित्तीय संस्थाओं के बारे में महत्वपूर्ण सामान्य ज्ञान

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भारत की प्रमुख वित्तीय संस्थाएँ- Major Financial Institution of India in Hindi

भारत की प्रमुख वित्तीय संस्थाओं के बारे में सामान्य जानकारी: (Name of Major Financial Institution of India in Hindi)

वित्तीय संस्थाएँ (Financial institution) उन संस्थाओं को कहते हैं जो अपने ग्राहकों एवं सदस्यों को वित्तीय सेवाएँ (जैसे ग्राहक का धन जमा रखना, ग्राहक को ऋण देना, बैंक ड्राफ्ट देना, निधि अन्तरण आदि) देते हैं। बैंक, भवन-निर्माण सोसायटी, बीमा कम्पनियाँ, पेंशन फण्ड कम्पनियाँ, दलाल संस्थाएँ आदि वित्तीय संस्थाओं के कुछ उदाहरण हैं। किसी भी देश की प्रगति मे वित्तीय संस्थानोँ की अहम भूमिका होती है।

वित्तीय संस्थान बैंकिंग, इंश्योरैंस, म्यूचुअल फंड, शेयर बाज़ार, गृह ऋण, दूसरे ऋण, क्रेडिट कार्ड के क्षेत्रो मे काम करते है। वित्तीय संस्थानोँ का मुख्य काम देश मे मुद्रा के प्रवाह को नियंत्रित करना होता है।

ये संस्थान लोगो को उनकी ज़रूरतों को पूरा करने के लिये तरह-तरह के ऋण देते है। जैसे घर खरीदने के लिये गृह ऋण, उच्च शिक्षा के लिये शिक्षा ऋण, कार और मोटरसाइकल के लिये ऑटोमोबाइल ऋण और दूसरी ज़रूरतोँ के लिये व्यक्तिगत ऋण। बैंकोँ मे लोग बचत खाते खोल के अपना पैसा जमा करते है। इसके अलावा लोग इंश्योरैंस या बीमा मे भी निवेश करते है। शेयर बाज़ार और म्यूचुअल फंड मे पूंजी निवेश मे भी आजकल वित्तीय संस्थान लोगो के लिये शेयर दलाल की भूमिका अदा करते है।

लोगों से इक्कट्ठा किया हुआ पैसा उद्योगो और देश के विकास मे लगाया जाता है। वित्तीय संस्थान न सिर्फ निजी कम्पनियोँ को बल्कि राज्यो और केन्द्र सरकार को भी तरक्की के कामो के लिये पूंजी मुहैया कराते है।

इस अध्याय में भारत की प्रमुख वित्तीय संस्थाओं के नाम और स्थापना वर्ष के बारे में महत्वपूर्ण सामान्य जानकारी दी गई है:-

1. भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India): भारत का केन्द्रीय बैंक है। यह भारत के सभी बैंकों को संचालित करता है। भारत की अर्थव्यवस्था को रिजर्व बैंक ही नियंत्रित करता है। भारतीय रिजर्व बैंक की स्थापना 1 अप्रैल सन 1935 को रिजर्व बैंक ऑफ इण्डिया एक्ट, 1934 के अनुसार की गयी थी। प्रारम्भ में इसका केन्द्रीय कार्यालय कोलकाता में था, जिसे सन 1937 में मुम्बई स्थानांतरित कर दिया गया। प्रारम्भ में यह एक निजी बैंक था किन्तु सन 1949 में यह भारत सरकार का उपक्रम बन गया।

2. भारतीय औद्योगिक वित्त निगम (Industrial Fineness Corporation Of India): औद्योगिक क्षेत्र की दीर्घकालिक वित्तीय आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए प्रथम विकास वित्तीय संस्थान के रूप में 1 जुलाई, 1948 को भारतीय औद्योगिक वित्त निगम (आईएफसीआई) की स्थापना की गयी थी। भारतीय औद्योगिक वित्त निगम का मुख्यालय नई दिल्ली में है।

3. भारतीय स्टेट बैंक (State Bank Of India): भारतीय स्टेट बैंक स्थापना दिवस 1 जुलाई को मनाया जाता है। 1 जुलाई 1955 को भारत सरकार ने इंपीरियल बैंक ऑफ इंडिया का अधिग्रहण (नाम बदलकर) कर इसका नामकरण ‘भारतीय स्टेट बैंक’ रख दिया। भारतीय स्टेट बैंक भारत देश का सबसे बड़ा वाणिज्यिक और सबसे पुराना बैंक है। इसे एक अनुसूचित बैंक भी कहते हैं। दस हज़ार शाखाओं और 8,500 एटीएम के नेटवर्क वाला भारतीय स्टेट बैंक सार्वजानिक क्षेत्र के बैंकों में सबसे बड़ा बैंक है। भारतीय स्टेट बैंक का मुख्यालय मुंबई में है।

4. भारतीय म्यूचुअल फंड या भारतीय यूनिट ट्रस्ट (Unit Trust Of India): भारतीय म्यूचुअल फंड भारत का म्यूच्युअल फंड उद्योग है। भारत सरकार द्वारा 01 फरवरी 1964 ई. में यूनिट ट्रस्ट ऑफ इंडिया की स्थापना की गयी। यूनिट ट्रस्ट ऑफ इंडिया भारत का एक अग्रिणी म्यूच्युअल फंड है। इसका नियंत्रण एक खास कानून, यूनिट ट्रस्ट ऑफ इंडिया एक्ट, 1963 के द्वारा होता है। भारतीय म्यूचुअल फंड का मुख्यालय मुंबई में है।

5. भारतीय जीवन बीमा निगम (Life Insurance Corporation of India): भारतीय जीवन बीमा निगम, भारत की सबसे बड़ी जीवन बीमा कंपनी है और देश की सबसे बड़ी निवेशक कंपनी भी है। यह पूरी तरह से भारत सरकार के स्वामित्व में है। इसकी स्थापना 01 सितम्बर 1956 ई. में हुई थी। भारतीय जीवन बीमा निगम का मुख्यालय मुंबई में है।

6. भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक या सिडबी (Small Industries Development Bank of India): भारत की स्वतंत्र वित्तीय संस्था है जो सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों की वृद्धि एवं विकास के लक्ष्य से स्थापित किया गया है। सिडबी की स्थापना 02 अप्रैल 1990 को हुई। सिडबी का मुख्यालय लखनऊ में है।

7. क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक (Regional Rural Bank): कृषि, व्यापार, वाणिज्य तथा ग्रामीण क्षेत्रों में अन्य उत्पादक गतिविधियों के लिए, विशेष रूप से छोटे और सीमांत किसानों, खेतिहर मजदूरों, दस्तकारों और छोटे उद्यमियों के लिए और उनसे संबंधित मामलों के लिए ऋण और अन्य सुविधाओं के विकास के उद्देश्य से और ग्रामीण अर्थव्यवस्था के विकास की दृष्टि से26 सितम्बर 1975को प्रवर्तित अध्यादेश के प्रावधानों तथा क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक अधिनियम, 1976 के तहत 02 अक्टूबर 1975 में क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों की स्थापना की गई।

8. राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (National Bank for Agriculture and Rural Development): राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) भारत का एक शीर्ष बैंक है, इसका मुख्यालय मुम्बई, महाराष्ट्र में है। इसे “कृषि ऋण से जुड़े क्षेत्रों में, योजना और परिचालन के नीतिगत मामलों में तथा भारत के ग्रामीण अंचल की अन्य आर्थिक गतिविधियों के लिए मान्यता प्रदान की गयी है। राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक अधिनियम (1981 का 61 वां) द्वारा 12 जुलाई 1982 को राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक की स्थापना हुई।

9. पंजाब नेशनल बैंक (Punjab National Bank): भारत के प्रमुख पुराने बैंकों में से एक है। यह एक अनुसूचित बैंक भी है। पंजाब नेशनल बैंक भारत का दूसरा सबसे बड़ा सरकारी वाणिज्यिक बैंक है और भारत के 764 शहरों में इसकी लगभग 4500 शाखायें हैं। पंजाब नेशनल बैंक की स्थापना 19 मई, 1894 को भारतीय कंपनी अधिनियम के तहत अनारकली बाज़ार लाहौर में हुई। पंजाब नेशनल बैंक का मुख्यालय नई दिल्ली में है।

10. राष्ट्रीय आवास बैंक (National Housing Bank): राष्ट्रीय आवास बैंक भारत में आवासीय वित्त के लिये सर्वोच्च संस्था है। इसकी स्थापना 09 जुलाई 1988 को संसद के एक अधिनियम अर्थात् राष्ट्रीय आवास बैंक अधिनियम, 1987 के अधीन की गई थी, जिसका उद्देश्य आवास वित्त संस्थानों के उन्नयन के लिए एक प्रधान एजेंसी के रूप में कार्य करने एवं ऐसे संस्थानों को वित्तीय एवं अन्य सायता प्रदान करना था। राष्ट्रीय आवास बैंक का मुख्यालय गोरेगॅाव (हरियाणा) में है।

11. भारतीय औद्योगिक वित्‍त निगम लि. (आई एफ सी आई लि.): यह मध्‍यम और बड़े उद्योगों का दीर्घावधि औद्योगिक ऋण प्रदान करने के मार्ग प्रशस्‍त करने के लिए आईएफसीआई अधिनियम के तहत वर्ष 1948 में स्‍थापित की गई पहली विकास वित्‍त संस्‍था थी। इसका उद्देश्‍य उद्योग को रुपया और विदेशी मुद्रा ऋणों के जरिए वित्‍तीय सहायता प्रदान करना, औद्योगिक फर्मों के स्‍टॉकों शेयरों बाण्‍डों, ऋणपत्रों के निर्गम की हामीदारी/उनमें अभिदान करना, आदि है।

12. अखिल भारतीय विकास बैंक (ए.आई.डी.बी): इसमें वे विकास बैंक शामिल हैं जिनमें न केवल बड़े और मध्‍यम उद्यमों को ऋण प्रदान किया जाता है बल्कि ये लघु स्‍तर की औद्योगिक इकाइयों के प्रवर्तन और विकास में सहायता करते हैं।

13. अखिल भारतीय विकास बैंक (आई.डी.आई.बी): इसकी स्‍थापना 1964 में देश में औद्योगिक विकास की एक शीर्ष वित्‍तीय संस्‍था के रूप में हुई। यह मध्‍यम और बड़े उद्योगों की प्रत्‍यक्ष एवं अप्रत्‍यक्ष दोनों प्रकार की वित्‍तीय सहायता के रूप में जरुरतों को पूरा करती है। प्रत्‍यक्ष सहायता परियोजना ऋणों, औद्योगिक प्रतिभूतियों की हामीदारी और प्रत्‍यक्ष अभिदान, सस्‍ते ऋणों, तकनीकी वापसी ऋणों आदि के जरिए प्रदान की जाती है।

14. भारतीय साधारण बीमा निगम (जी.आई.सी): साधारण बीमा और गैर-आजीवन बीमा के व्‍यापार के पर्यवेक्षण, नियंत्रण और संचालन के प्रयोजन के लिए साधारण बीमा व्‍यापार (राष्‍ट्रीयकरण) अधिनियम, 1972 (जी आई बी एन ए), के अनुसरण में  01
नवम्बर 1972 ई० इसका गठन किया गया। प्रारंभ में जीआईसी की चार सहायक शाखाएं थीं, नामत:, राष्‍ट्रीय बीमा कंपनी लि. , दि न्‍यू इंडिया एश्‍युरेंस कंपनी लि. ,दि आरिएन्‍टल एश्‍युरेंस कंपनी लि. और यूनाइटिड इंडिया एश्‍युरेंस कंपनी लि. । लेकिन वर्ष 2000 में इन शाखाओं को जी आई सी से अलग करके ‘जी आई पी एस ए’ (साधारण बीमा सरकारी क्षेत्र संस्‍था) नामक संस्‍था का गठन किया गया।

15. भारतीय पर्यटन वित्‍त निगम लि. (टी.एफ.सी.आई): यह भारत सरकार द्वारा, देश के पर्यटन उद्योग के संवर्धन और विकास के लिए स्‍थापित एक विशेष वित्‍तीय संस्‍था है। यह, परम्‍परागत पर्यटन परियोजनाओं के अलावा गैर-परम्‍परागत पर्यटन परियोजनाओं जैसेकि मनोरंजन पार्क, रज्‍जुमार्ग (रोप वे), कार किराए पर देने संबंधी सेवाएं, अंतर्देशीय जल परिवहन के लिए नौकाएं, आदि के लिए वित्‍तीय सहायता प्रदान करता है।

16. भारतीय निर्यात आयात बैंक (एक्जि़म बैंक): भारतीय निर्यात-आयात बैंक की स्थापना संसद के एक अधिनियम द्वारा 01
जनवरी 1981 ई० में की गयी थी। एक्जि़म बैंक भारत के विदेश व्यापार के वित्तपोषण, सुगमीकरण तथा संवर्धन के प्रयोजनार्थ स्‍थापित, सरकार के पूर्ण स्वामित्व की एक वित्तीय संस्‍‍था है।

इन्हें भी पढे: भारत के राष्ट्रीयकृत बैंकों के नाम, उनके अध्यक्ष और मुख्यालयों की सूची

और जानिये : भारत की प्रमुख वित्तीय संस्थाओं के बारे में महत्वपूर्ण सामान्य ज्ञान

भारत में प्रथम प्रसिद्ध महिलाओं के नाम और उनकी उपलब्धियॉ (विभिन्न क्षेत्रों में)

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भारत में प्रथम महिला, प्रथम भारतीय महिलाओं के नाम और उनकी उपलब्धियों की सूची

भारत में प्रथम महिलाओं के नाम और उनकी उपलब्धियॉ: (First Woman personalities in India in Hindi)

यहां भारत में प्रथम प्रसिद्ध भारतीय महिलाओं के नाम और उनकी उपलब्धियों की सूची दी गयी है,जिन्होंने भारत में सबसे पहले अपना प्रभुत्व स्थापित किया है। भारतीय महिलाओं ने देश के विभिन्न क्षेत्रों में जैसे:- इतिहास, समाजशास्त्र, साहित्य, खेल, राजनीति, पुरस्कार और सम्मान, मनोरंजन, क्षेत्रों में अपना बहुमूल्य योगदान दिया है।भारत में प्रथम महिलाओं के आधार पर हर परीक्षा में कुछ प्रश्न अवश्य पूछे जाते है, इसलिए यह आपकी सभी प्रकार की परीक्षा की तैयारी के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। आइये जाने ऐसी ही भारत में प्रथम 142 प्रभावशाली महिलाओं के नाम और उनकी उपलब्धियों के बारे में:-

इन्हें भी पढे: विश्व में प्रथम महिलाओं की सूची

भारत में प्रथम प्रसिद्ध महिलाओं के नाम और उनकी उपलब्धियों की सूची: (विभिन्न क्षेत्रों में)

उपलब्धि महिलाओं का नाम
बीसीसीआई लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड के लिए नामांकित होने वाली पहली महिला क्रिकेटर शांता रंगास्वामी
भारत की पहली महिला अध्यापिका (शिक्षिका) सावित्री बाई फूले
अखिल भारतीय टेनिस संघ की पहली महिला अध्यक्ष प्रवीण महाजन (2017)
भारत की पहली दृष्टिहीन महिला डॉक्टर कृतिका पुरोहित
आईसीसी वूमेंस टीम ऑफ द ईयर में शामिल होने वाली पहली भारतीय खिलाड़ी स्मृति मंधाना
ऑस्ट्रेलिया की क्रिकेट टूर्नामेंट बिग बैश लीग में खेलने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी हरमनप्रीत कौर
उच्च न्यायालय की प्रथम भारतीय महिला न्यायाधीश न्यायमूर्ति अन्ना चांडी (केरल)
भारत में प्रथम महिला चीफ इंजीनियर श्रीमती पी.के.गेसिया
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की प्रथम भारतीय महिला अध्यक्ष सरोजिनी नायडू
कॉमनवेल्थ खेलों में कुश्ती में स्वर्ण पदक जीतने वाली प्रथम भारतीय महिला पहलवान गीता देवी (2010 कॉमनवेल्थ खेलों में)
पैरालंपिक खेलों में पदक (मेडल) जीतने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी (एथलीट) दीपा मलिक (2016 पैरालिम्पिक्स खेलों में रजत पदक जीता।)
भारत के किसी राज्य के मंत्रिमण्डल में प्रथम महिला मंत्री विजय लक्ष्मी पंडित (संयुक्त प्रांत, 1937)
भारत के किसी राज्य की प्रथम दलित मुख्यमंत्री मायावती (उत्तर प्रदेश)
संघ लोक सेवा आयोग की प्रथम भारतीय महिला अध्यक्ष श्रीमती रोज मिलियन बेथ्यु
भारत रत्न से सम्मानित प्रथम महिला श्रीमती इंदिरा गाँधी
अंटार्कटिका पहुँचने वाली प्रथम महिला मेहर मूसा
मिस यूनिवर्स’ खिताब जीतने वाली प्रथम महिला सुष्मिता सेन
अंतर्राष्‍ट्रीय मैराथन में स्‍वर्ण पदक जीतने वाली प्रथम भारतीय महिला आशा अग्रवाल
प्रथम भारतीय महिला प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गाँधी
भारत की प्रथम महिला क्रिकेट अम्‍पायर अंजली राजगोपाल
ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित प्रथम महिला आशापूर्णा देवी
प्रथम महिला राजस्व सचिव विनीता राय
ओलम्‍पिक खेलों में मुक्‍केबाजी में पदक विजेता प्रथम भारतीय महिला एम.सी. मेरीकाॅॅम(2012)
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की प्रथम महिला अध्यक्ष ऐनी बेसेंट
भारतीय लागत लेखा सेवा की पहली महिला प्रमुख अरुणा सेठी
प्रथम महिला राज्यपाल सरोजनी नायडू ( उ० प्र० )
ओलम्‍पिक खेलों में बैडमिंंटन में पदक विजेता प्रथम भारतीय महिला साइना नेहवाल (2012)
प्रथम महिला लोकसभाध्यक्ष (स्पीकर) मीरा कुमार
अंंतराष्‍ट्रीय क्रिकेेट में 5000 रन बनाने वाली प्रथम भारतीय महिला मिताली राज(2015)
भारत के किसी राज्य की मुख्यमंत्री बनने वाली प्रथम महिला अभिनेत्री जानकी रामचंद्रन (तमिलनाडु 1987)
राज्यसभा की प्रथम भारतीय महिला सचिव बी. एस. रमा देवी (1993)
भारत की प्रथम महिला अधिवक्ता रेगिना गुहा
भारत में केन्द्रीय व्यवस्थापिका की प्रथम महिला सांसद राधाबाई सुबारायन (1938)
भारत में आयकर न्यायाधिकरण की प्रथम महिला सदस्य न्यायमूर्ति मीरा साहिब फातिमा बीबी
प्रथम महिला शासिका रजिया सुल्तान
एशियाई शतरंज चैम्पियनशिप जीतने वाली प्रथम भारतीय महिला रोहिणी खादिलकर(1981)
अंटार्कटिका के विनसन मैसिफ पर चढ़ाई करने वाली पहली भारतीय सिविल सेवक अपर्णा कुमार
अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति के सदस्य पद के लिए नामांकित होने वाली पहली भारतीय महिला नीता अंबानी
प्रथम व्यावसायिक महिला पायलट प्रेमा माथुर
अंतरराष्ट्रीय महिला क्रिकेट में 100 विकेट लेने वाली भारतीय महिला डायना एडुलजी(1986)
अंतरिक्ष में सर्वाधिक समय व्यतीत करने वाली प्रथम भारतीय मूल की महिला सुनीता विलियम्स
साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित प्रथम महिला अमृता प्रीतम
सेना मेडल प्राप्त करने वाली प्रथम भारतीय महिला विमला देवी (1988)
अन्तर्राष्ट्रीय एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में पदक जीतने वाली प्रथम भारतीय महिला अंजू बार्बी जॉर्ज
अन्तर्राष्ट्रीय फ़ुटबॉल में हैट्रिक करने वाली प्रथम भारतीय महिला योलांदा डिसूजा (1978)
अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित प्रथम महिला एन. लम्सडेन ( हॉकी, 1961 )
अर्द्धसैनिक बल की पहली भारतीय महिला महानिदेशक अर्चना रामासुंदरम
अशोक चक्र से सम्मानित प्रथम महिला नीरजा मिश्रा
इंजीनियरिंग में स्नातक उपाधि प्राप्त करने वाली प्रथम भारतीय महिला इला मजूमदार (1951)
इण्डियन एयरलाइन्स की प्रथम महिला अध्यक्ष सुषमा चावला
उत्तरी ध्रुव पर पहुँचने वाली प्रथम महिला प्रीति सेन गुप्ता (1993)
एवरेस्ट पर चढ़ने वाली दुनिया की सबसे कम उम्र की बालिका डिंकी डोल्मा
एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाली प्रथम भारतीय महिला कमलजीत संधु (1970, 400 मीटर दौड़)
ओलम्पिक के लिए क्‍वालीफाई करने वाली पहली भारतीय महिला जिमनास्ट दीपा करमाकर
ओलम्पिक खेलों में पदक जीतने वाली भारतीय महिला खिलाड़ी कर्णम मल्लेश्वरी (भारोत्तोलन, सिडनी)
ओलम्पिक खेलों में भाग लेने वाली प्रथम भारतीय महिला खिलाड़ी मेरी लीला रो (1952)
चिकित्सा में स्नातक उपाधि प्राप्त करने वाली प्रथम भारतीय महिला विधुमुखी बोस एवं विर्जिनिया मितर (कोलकाता मेडिकल कॉलेज)
जिब्राल्टर स्ट्रेट तैरकर पार करने वाली प्रथम भारतीय महिला आरती प्रधान

टेस्ट क्रिकेट मैच में दोहरा शतक बनाने वाली भारतीय महिला मिताली राज
तीन खेलों (क्रिकेट, हॉकी एवं बालीबॉल) में देश का प्रतिनिधित्व करने वाली प्रथम भारतीय महिला शिरीन खुसरो
दादा साहेब फाल्के पुरस्कार प्राप्त करने वाली प्रथम भारतीय नायिका देविका रानी
दिल्ली के तख़्त पर बैठने वाली पहली महिला सुल्तान रज़िया सुल्तान
दो बार माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने वाली प्रथम महिला कु. संतोष यादव
नाबार्ड की प्रथम महिला अध्यक्ष रंजना कुमार
नार्मन बोरलॉग पुरस्कार से सम्मानित प्रथम महिला डॉ. अमृता पटेल
नोबेल पुरस्कार से सम्मानित प्रथम भारतीय महिला मदर टेरेसा ( शांति )
नौका द्वारा सम्पूर्ण विश्व की परिक्रमा करने वाली प्रथम महिला उज्जवला पाटिल (1988)
पहली महिला डीटीसी चालक वनकदारथ सरिता
पावर लिफ़्टिंग में विश्व कीर्तिमान बनाने वाली प्रथम भारतीय महिला सुमिता लाहा (1989)
प्रथम दूरदर्शन समाचार वाचिका प्रतिमा पुरी
प्रथम भारतीय महिला पुलिस महानिदेशक कंचन चौधरी भट्टाचार्य
प्रथम भारतीय महिला बैरिस्टर कोर्नोनिया सोराबजी (इलाहाबाद उच्च न्यायालय, 1923)
प्रथम भारतीय महिला राजदूत विजयालक्ष्मी पंडित (सोवियत रूस, 1947)
प्रथम भारतीय महिला राज्यसभा स्पीकर सन्नोदेवी
प्रथम भारतीय महिला विदेश सचिव चोकिला अय्यर
प्रथम भारतीय सर्जन महिला डॉ. प्रेमा मुखर्जी
प्रथम मर्चेंट नेवी महिला ऑफिसर सोनाली बनर्जी
प्रथम महिला एडवोकेट केमिला सोराबजी
प्रथम महिला केंद्रीय मंत्री राजकुमारी अमृत कौर
प्रथम महिला मुख्य न्यायाधीश लीला सेठ ( हि० प्र०, 1991 )
भारत के किसी राज्य की प्रथम महिला मुख्यमंत्री सुचेता कृपलानी ( उ० प्र० )
बोइंग 737 विमान की प्रथम भारतीय महिला कमाण्डर कैप्टन सौदामिनी देशमुख
भारत की पहली महिला विधायक डॉ. एस. मुधुलक्ष्मी रेड्डी
भारत की प्रथम आई. ए. एस. महिला अन्ना जार्ज
भारत की प्रथम आई. पी. एस. महिला किरण बेदी
भारत की प्रथम परखनली शिशु इंदिरा
भारत की प्रथम महिला एयर लाइन्स पायलट कैप्टन दुर्गा बनर्जी
भारत की प्रथम महिला चिकित्सक कादम्बिनी गांगुली
भारत की प्रथम महिला जो विदेश गयी आनंदीबाई गोपालराव जोशी
भारत की प्रथम महिला पायलट सुषमा मुखोपाध्याय
भारत की प्रथम महिला मुख्य अभियन्ता पी.के. त्रेसिया नांगुली
भारत की प्रथम महिला मुख्य सचिव निर्मला बुच
भारत की प्रथम महिला मेयर तारा चेरियन
भारत की प्रथम महिला राष्ट्रपति प्रतिभा देवी सिंह पाटिल
भारतीय वायुसेना की प्रथम भारतीय महिला पैराशूटर गीता घोष
भारतीय वायुसेना के विमान की प्रथम भारतीय महिला पायलट हरिता देओल
माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने वाली प्रथम महिला कु. बछेंद्री पाल
मुक्केबाजी की प्रथम महिला रेफ़री रज़िया शबनम
मूर्ति देवी पुरस्कार प्राप्त करने वाली प्रथम भारतीय महिला प्रतिभा रॉय
योजना आयोग की प्रथम महिला अध्यक्ष श्रीमती इंदिरा गाँधी
राज्यसभा की प्रथम महिला उपाध्यक्ष वायलेट अल्वा (1962 ई०)
राष्ट्रपति का चुनाव लड़ने वाली प्रथम भारतीय महिला कैप्टन लक्ष्मी सहगल
राष्ट्रमण्डल खेलों में पदक जीतने वाली प्रथम भारतीय महिला अमी घिया एवं कंवल ठाकुर सिंह
राष्ट्रीय महिला आयोग की प्रथम अध्यक्ष जयंती पटनायक
भारतीय रिजर्व बैंक की प्रथम महिला डिप्टी गवर्नर के.जे. उदेशी (2003)
लेनिन शांति पुरस्कार से अलंकृत प्रथम महिला अरुणा आसफ अली
विधान सभा की प्रथम महिला स्पीकर श्रीमती शन्नो देवी
शतरंज में ग्रैण्ड मास्टर का ख़िताब वाली प्रथम भारतीय महिला भाग्यश्री थिप्से (1986)
शांति स्वरूप भटनागर पुरस्कार से सम्मानित प्रथम महिला डॉ० आशिमा चटर्जी
शान्तिस्वरूप भटनागर पुरस्कार से सम्मानित प्रथम भारतीय महिला वैज्ञानिक अशीमा चटर्जी
संयुक्त राष्ट्र संघ के संगीत समारोह में भागीदारी करने वाली प्रथम भारतीय महिला एम.एस. सुब्बुलक्ष्मी (1966)
संयुक्त राष्ट्र संघ में प्रथम महिला असैनिक पुलिस सलाहकार किरण बेदी
संयुक्त राष्ट्रसंघ महासभा की प्रथम महिला अध्यक्ष विजयालक्ष्मी पंडित (1953)
सार्वजनिक सेवा हेतु रेमन मैग्सेसे एवार्ड से अलंकृत प्रथम महिला किरण बेदी
‘मिस वर्ल्ड’ से सम्मानित प्रथम महिला कु० रीता फारिया
अंतराष्‍ट्रीय तैराकी मैराथन जीतने वााली प्रथम भारतीय महिला अर्चना भारत कुमार पटेल
भारत की प्रथम महिला सांसद राधाबाई सुबारायन
ग्राण्‍ड स्‍लैैम जीतने वाली प्रथम भारतीय महिला सानिया मिर्जा
स्नातक उपाधि प्राप्त करने वाली प्रथम भारतीय महिला कादम्बिनी गांगुली (बोस) एवं चन्द्रमुखी बोस (कलकत्ता विश्वविद्यालय, 1883)
आई.सी.सी. क्रिकेट विश्‍व कप में शतक बनाने वाली प्रथम भारतीय महिला थिरूष कामिनी(2013)
सर्वोच्च न्यायालय में प्रथम महिला न्यायाधीश मीरा साहिब फातिमा बीबी
ऑस्कर पुरस्कार प्राप्त करने वाली प्रथम भारतीय महिला भानु अथैवा (वेशभूषा सज्जा हेतु, फिल्म गांधी, 1983)
सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का राष्ट्रीय सम्मान प्राप्त करने वाली प्रथम भारतीय महिला नरगिस दत्त (फिल्म रात और दिन, 1968)
दिल्ली के तख्त पर बैठने वाली प्रथम भारतीय(मुस्लिम) महिला रजिया सुल्तान(1236)
भारत की प्रथम अंतरिक्ष महिला वैज्ञानिक सविता रानी
देश की प्रथम महिला डायरेक्टर जनरल ऑफ़ पुलिस कंचन चौधरी भट्टाचार्य
पहली फिल्म अभिनेत्री जो राज्य सभा के सदस्य के रूप में नामित की गयी नर्गिस दत्त
बुकर पुरस्कार से पुरस्कार सम्मानित प्रथम भारतीय महिला अरुंधती राय
रेमन मैग्सेसे पुरस्कार प्राप्त करने वाली प्रथम भारतीय महिला मदर टेरेसा
भारत में उच्च न्यायालय बार एसोसिएशन की प्रथम महिला सचिव प्रिया हिमोरानी
संघीय लोक सेवा आयोग की प्रथम महिला अध्यक्ष रोज मिलियन बैथ्यू (1992)
वेनिस फिल्मोत्सव में सर्वश्रेष्ठ फिल्म का गोल्डन लॉयन पुरस्कार पाने वाली प्रथम भारतीय महिला मीरा नायर फिल्म-मानसून वैडिंग(2001)
भारत की प्रथम महिला सर्जन डॉ. प्रेमा मुखर्जी
भारत में प्रथम क्रान्तिकारी महिला मैडम कामा
भारत में प्रथम महिला मजिस्ट्रेट ओमना कुंजम्मा
अन्तर्राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त करने वाली प्रथम भारतीय महिला अभिनेत्री नरगिस दत्त (कार्लोबी बेरी फिल्मोत्सव का सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री पुरस्कार फिल्म मदंर इंडिया, 1958)
बर्लिन फिल्मोत्सव में पुरस्कार पाने वाली प्रथम महिला मधुर जाफरी
प्रथम भारतीय महिला रेल चालक श्रीमती सुरेखा भोंसले
प्रथम भारतीय महिला उपन्यासकार श्रीमती स्वर्ण कुमारी देवी
प्रथम भारतीय महिला विधायक मुत्तुलक्ष्मी रेड्डी
प्रथम भारतीय महिला कुलपति श्रीमती हंसा मेहता
प्रथम भारतीय महिला आईएएस श्रीमती अन्ना जॉर्ज
वाणिज्य एवं उद्योग मंडल (फिक्की) की अध्यक्ष निर्वाचित होने वाली पहली प्रथम भारतीय महिला नैना लाल किदवई (15 दिसंबर 2012)

और जानिये : भारत में प्रथम प्रसिद्ध महिलाओं के नाम और उनकी उपलब्धियॉ (विभिन्न क्षेत्रों में)

कम्प्यूटर के बारे में सामान्य ज्ञान और महत्वपूर्ण तथ्य

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कम्प्यूटर सामान्य ज्ञान और महत्वपूर्ण तथ्य- Computer GK Facts in Hindi

कम्प्यूटर के बारे में महत्वपूर्ण तथ्य और सामान्य ज्ञान जानकारी: (Important GK related to Computer in Hindi)

कंप्‍यूटर क्‍या है- (Introduction to Computer in Hindi)

कंप्यूटर शब्द अंग्रेजी के “Compute” शब्द से बना है, जिसका अर्थ है “गणना”, करना होता है इसीलिए इसे गणक या संगणक भी कहा जाता है, इसका अविष्‍कार कैलकुलेशन करने के लिये हुआ था, पुराने समय में कंप्यूटर का उपयोग केवल कैलकुलेशन करने के लिये किया जाता था किन्‍तु आजकल इसका उपयोग डाक्‍यूमेन्‍ट बनाने, ईमेल, गाना सुनने, विडियो देखने, गेम्स खेलने के लिए, सहयोग, जानकारी संजोना, लेखांकन, शब्द संसाधन, पुस्तक प्रकाशन, सामग्री प्रवंधन,वैज्ञानिक अनुसंधान तथा विकास, दूरसंचार, शिक्षा प्रसार, संगणक सहाय्यित डिजाइन (Computer Aided Design /CAD) और संगणक सहाय्यित डिजाइन एवं ड्राफ्टिंग (Computer Aided Design and Drafting / CADD) के साथ-साथ और कई कामों में किया जा रहा है, जैसे बैकों में, शैक्षणिक संस्‍थानों में, कार्यालयों में, घरों में, दुकानों में, कंप्यूटर का उपयोग बहुतायत रूप से किया जा रहा है, कंप्यूटर केवल वह काम करता है जो हम उसे करने का कहते हैं यानी केवल वह उन Command को फॉलो करता है जो पहले से कंप्यूटर के अन्‍दर डाले गये होते हैं, उसके अन्‍दर सोचने समझने की क्षमता नहीं होती है, को जो व्‍यक्ति कंप्यूटर चलाता है उसे यूजर कहते हैं, और जो व्‍यक्ति कंप्यूटर के लिये प्रोग्राम बनाता है उसे प्रोग्रामर कहा जाता है।

कम्प्यूटर के बारे में महत्वपूर्ण सामान्य ज्ञान और रोचक तथ्य:

  • डॉ. डगलस इंजेलबार्ट (Dr. Douglas Engelbart) ने 1964 माउस का आविष्कार किया।
  • प्रथम वेब साइट के निर्माण का श्रेय टिम बर्नस ली (Tim Berners Lee) को है। इन्हें World Wide Web का संस्थापक कहा जाता है।
  • बिल गेट्‌स (Bill Gates) तथा पाल एलेन (Paul Allen) ने मिलकर 1975 में माइक्रोसाफ्ट कॉरपोरेशन की स्थापना की।
  • बिल गेट्‌स की प्रसिद्ध पुस्तक ‘The Road Ahead’ 1995 में लिखी गई। वर्तमान में वे “Bill and Melinda Gates Foundation” द्वारा सामाजिक कार्यों में लगे है।
  • भारत के सबीर भाटिया (Sabeer Bhatia) ने फ्री ईमेल सेवा हॉटमेल (Hotmail) को जन्म दिया।
  • ब्लू टूथ एक बेतार तकनीक (Wireless Technology) है जिसके द्वारा मोबाइल फोन के जरिये कम दूरी में कम्प्यूटर और विभिन्न उपकरणों को जोड़ा जाता है।
  • बैंकों में एटीएम (Automatic Teller Machine) वैन (WAN) का एक उदाहरण है।
  • WiFi का अर्थ है Wireless Fidelity इसका प्रयोग बेतार तकनीक द्वारा कम्प्यूटर के दो उपकरणों के बीच संबंध स्थापित करने के लिए किया जाता है।
  • WAP (Wireless Access Point) एक युक्ति है जो विभिन्न संचार माध्यमों को जोड़कर एक बेतार नेटवर्क बनाता है।
  • कम्प्यूटर के Standby Mode में मॉनीटर तथा हार्ड डिस्क ऑफ हो जाता है ताकि कम उर्जा खपत हो। किसी भी बटन को दबाने या माउस क्लिक करने से कम्प्यूटर Standby Mode से बाहर आ जाता है।
  • ऑप्टिकल माउस (Optical Mouse) में माउस पैड की जरूरत नहीं पड़ती क्योंकि इसमें कोई घूमने वाला भाग नहीं होता।
  • Hyper Text एक डाक्यूमेंट है जो उस वेब पेज को दूसरे डाक्यूमेंट के साथ जोड़ता है।
  • Blog शब्द Weblog से बना है। Blog किसी व्यक्ति द्वारा निर्मित वेब साइट है जहां वह अपने विचार, अनुभव या जानकारी रख सकता है। इस वेब साइट को पढ़ने वाले अन्य व्यक्ति भी इस विषय पर अपनी टिप्पणी दे सकते हैं।
  • Beta Release किसी साफ्टवेयर या तकनीक की उपयोगिता को परखने के लिए निर्माण के दौरान उसे बाजार में जारी करने को कहा जाता है।
  • पॉप अप (Pop-up) वेब ब्राउजिंग के दौरान स्वयं खुलने वाला विज्ञापन का विण्डो है।
  • की-बोर्ड की संरचना के निर्माण का श्रेय क्रिस्टोफर लॉथम सोल्स (Christopher Latham Sholes) को जाता है।
  • डिजिटल काम्पैक्ट डिस्क (DCD) का आविष्कार 1965 में जेम्स रसेल (James Russell) ने किया।
  • बॉब नोयी (Bob Noyee) तथा गार्डन मूरे (Gordon Moore) ने सम्मिलित रूप से इंटेल (Intel) नामक कम्पनी की स्थापना की।
  • मोटरोला (Motorola) के डॉ. मार्टिन कूपन (Dr. Martin Cooper) ने मोबाइल फोन का आविष्कार किया।
  • जीएसएम (GSM-Global System For Mobile Communication) मोबाइल फोन के लिए प्रयुक्त एक लोकप्रिय मानक है।
  • सीडीएमए (CDMA-Code Division Multiple Access) मोबाइल नेटवर्क स्थापित करने की व्यवस्था है।
  • कलकुलेटर तथा कम्प्यूटर में अंतर यह है कि कम्प्यूटर को एक साथ कई निर्देश या निर्देशों का समूह दिया जा सकता है तथा यह एक साथ कई कार्य कर सकता है। इसके विपरीत कलकुलेटर को एक साथ एक ही निर्देश दिया जा सकता है।
  • प्रथम व्यावसायिक इंटीग्रेटेड चिप का निर्माण फेयर चाइल्ड सेमीकण्डक्टर कॉरपोरेशन (Fair Child Semiconductor Corporation) ने 1961 में किया।
  • मॉनीटर का आकार मॉनीटर के विकर्ण (Diagonal) की लम्बाई में मापा जाता है।
  • फ्लापी डिस्क का आविष्कार IBM के वैज्ञानिक एलान शुगार्ट (Alan Shugart) ने 1971 में किया।
  • मानव मस्तिष्क और कम्प्यूटर में सबसे बड़ा अंतर यह है कि कम्प्यूटर की स्वयं की सोचने की क्षमता नहीं होती।
  • होम थियेटर एक पर्सनल कम्प्यूटर है जिसका प्रयोग मनोरंजन के लिए किया जाता है। इसमें वीडियो प्लेयर, आडियो/वीडियो रिकार्डर, टेलीविजन गेम्स, इंटरनेट जैसी अनेक सुविधाएं रहती हैं।
  • कम्प्यूटर प्लेटफार्म का तात्पर्य कम्प्यूटर में प्रयुक्त आपरेटिंग सिस्टम से है जो अन्य प्रोग्रामों के क्रियान्वयन के लिए आधार तैयार करता है। एक प्लेटफार्म में चलने वाले प्रोग्राम सामान्यत: दूसरे प्लेटफार्म में नहीं चलते हैं।
  • अमेरिका के विंटेन कर्फ (Vinten Cerf) को इंटरनेट का जन्मदाता (Father of the Internet) कहा जाता है।
  • नेटीकेट (Netiquette-Net+etiquette) इंटरनेट प्रयोग के समय किये जाने वाले अपेक्षित व्यवहारों और नियमों का समूह है।
  • इंटरनेट का संचालन किसी संस्था या सरकार या प्रशासन के नियंत्रण से मुक्त है।
  • जीपीआरएस (GPRS-General Pocket Radio Service) वायरलेस द्वारा मोबाइल फोन से इंटरनेट सुविधा के प्रयोग की तकनीक है।
  • हाइपर टेक्स्ट (Hyper Text) एक व्यवस्था है जिसके तहत टेक्स्ट, रेखाचित्र व प्रोग्राम आदि को आपस में लिंक किया जा सकता है। इसका विकास टेड नेल्सन (Ted Nelson) ने 1960 में किया।
  • WAP-Wireless Application Protocol मोबाइल फोन द्वारा इंटरनेट के इस्तेमाल के दौरान प्रयोग किये जाने वाले नियमों का समूह है।
  • इंटरनेट फोन कम्प्यूटर और इंटरनेट का प्रयोग कर टेलीफोन कॉल स्थापित करने की प्रक्रिया है।
  • इंटरनेट तथा कम्प्यूटर का प्रयोग कर किये गये अवैध कार्य, जैसे-सुरक्षित फाइलों को देखना और नष्ट करना, वेब पेज में परिवर्तन करना, क्रेडिट कार्ड का गलत इस्तेमाल करना, वायरस जारी करना आदि साइबर (Cyber Crime) कहलाता है।
  • इकॉन (ICANN-Internet Corporation for Assigned Names and Numbers) इंटरनेट पर प्रत्येक कम्प्यूटर के लिए एक विशेष पता देने के उद्देश्य से 1998 में गठित एक अन्तर्राष्ट्रीय संगठन है।
  • इमोटीकॉन (Emoticon-emotion+icon) एक या अधिक संकेतों का समुच्चय है जिसके द्वारा इंटरनेट पर किसी विशेष भावना को व्यक्त किया जाता है। जैसे- का मतलब मुस्कुराता चेहरा है। का मतलब दुखी चेहरा है।

  • एक्स्टानेट (Extranet) एक व्यक्तिगत नेटवर्क है जो व्यवसाय के लिए इंटरनेट तकनीक और सार्वजनिक संचार व्यवस्था का प्रयोग करता है।
  • हैकर (Hacker) एक व्यक्ति है जो इंटरनेट पर इलेक्टानिक सुरक्षा व्यवस्था को भेदकर मनोरंजन या उत्सुकतावश गुप्त सूचनाएं प्राप्त करता है।
  • ब्रिटेन के एलान टूरिंग (Alan Turing) सर्वप्रथम कृत्रिम बुद्धिमत्ता (Artificial Intelligence) की विचारधारा रखी। पर इस क्षेत्र में अपने योगदान के कारण जान मैकार्थी (John Mc Carthy) को कृत्रिम बुद्धिमत्ता (Father of Artificial Intelligence) का जनक कहा जाता है।
  • डेस्कटॉप पब्लिशिंग (DTP) का विकास मैकिन्टोस (Macintosh) कम्पनी द्वारा किया गया।
  • इंटरनेट पर मुफ्त में उपलब्ध विश्व के सबसे बड़े इनसाक्लोपीडिया विकिपीडिया (Wikipedia) की स्थापना जिमी वेल्स (Jimmy Wales) ने किया।
  • बंग्लोर स्थित इंफोसिस टेक्नोलॉजी (Infosys Technology) का प्रारंभ एन. नारायणमूर्ति द्वारा 1981 में किया गया।
  • वर्तमान में विश्व का सबसे तेज सुपर कम्प्यूटर IBM का रोड रनर (Road runner) है जो 1000 ट्रिलियन गणनाएं प्रति सेकेण्ड कर सकता है।
  • भारत का सबसे तेज सुपर कम्प्यूटर एका (Eka) है जिसका विकास टाटा ग्रुप के पुणे स्थित सीआरएल (Computational Research Laboratory) द्वारा किया गया है। यह 117.9 ट्रिलियन गणनाएं प्रति सेकेण्ड कर सकता है।
  • विलियन हिगिनबॉथम (William Higgin Botham) ने 1958 में कम्प्यूटर के प्रथम वीडियो गेम का निर्माण किया।
  • माया II (Maya II) एक DNA कम्प्यूटर है जिसमें सिलिकॉन चिप की जगह DNA धागे का प्रयोग किया गया है।
  • माया (Maya) एक शक्तिशाली त्रिआयामी साफ्टवेयर है जिसका प्रयोग चलचित्रों और विडियो गेम में विशेष प्रभाव डालने के लिए किया जाता है।
  • एलन टूरिंग (Alan Turing) को आधुनिक कम्प्यूटर विज्ञान का जनक माना जाता है।

कंप्यूटर के आने एक तरफ कई प्रकार के फायदे हुए है उसके उलट कुछ नुकसान भी हुए आइये जानते कंप्यूटर से होने वाले फायदे और नुक्सान के बारे में:-

कंप्यूटर से होने वाले फायदे:

  • यह संचार का सबसे अच्छा माध्यम है।
  • इससे किसी भी संसाधन को साझा करने में आसानी होती है।
  • यह सभी प्रकार के फाइल को साझा करने का बेहतरीन डिवाइस है।
  • यह एक सस्ता यंत्र है।
  • इससे समय की बचत होती है।
  • इसमें डॉक्यूमेंट रखने के लिए बहुत जगह होता है।

कंप्यूटर से होने वाले नुकसान:

  • गलत तरीके से उपयोग करने पर समय की बर्बादी होती है।
  • इससे शारीरिक गतिविधियों में कमी होती है।
  • रक्त परिसंचरण सही से नही हो पता है।
  • ज्यादा भोजन खाना और मोटापा बढ़ना।
  • कमर और सर में दर्द की शिकायत।
  • आँखों या दृष्टि में कमजोरी होना।
  • अनिद्रा की असुविधा होना।

और जानिये : कम्प्यूटर के बारे में सामान्य ज्ञान और महत्वपूर्ण तथ्य

मध्‍य प्रदेश के मुख्यमंत्रियों के नाम, कार्यकाल एवं उनकी राजनीतिक पार्टी (वर्ष 1956 से 2017)

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मध्‍य प्रदेश के मुख्‍यमंत्रियों की सूची- Chief Ministers of Madhya Pradesh in Hindi

मध्‍य प्रदेश के मुख्यमंत्रियों की सूची: (List of Chief Ministers of Madhya Pradesh From 1956 to 2017 in Hindi)

मध्‍य प्रदेश

मध्‍य प्रदेश क्षेत्रफल की दृष्टि से भारत का दूसरा सबसे बड़ा राज्‍य है। भौगोलिक दृष्टि से यह देश में केन्‍द्रीय स्‍थान रखता है। इसकी राजधानी भोपाल है। मध्य का अर्थ बीच में है, मध्य प्रदेश की भौगोलिक स्थिति भारतवर्ष के मध्य अर्थात बीच में होने के कारण इस प्रदेश का नाम मध्य प्रदेश दिया गया, जो कभी ‘मध्य भारत’ के नाम से जाना जाता था। शिवराज सिंह चौहान मध्यप्रदेश के वर्तमान मुख्यमंत्री हैं। शिवराज सिंह चौहान भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ता हैं। वे 29 नवंबर, 2005 को बाबूलाल गौर के स्थान पर राज्य के मुख्यमंत्री बने थे। मध्‍य प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री पंडित रवि शंकर शुक्ल बने थे।

मध्यप्रदेश का इतिहास एवं महत्वपूर्ण सामान्य ज्ञान:

मध्यप्रदेश का गठन 01 नवबंर 1956 को हुआ था। मध्य प्रदेश की सीमाऐं पांच राज्यों की सीमाओं से मिलती है। इसके उत्तर में उत्तर प्रदेश, पूर्व में छत्तीसगढ़, दक्षिण में महाराष्ट्र, पश्चिम में गुजरात, तथा उत्तर-पश्चिम में राजस्थान है। मध्यप्रदेश देश के कुल क्षेत्रफल का लगभग 10 प्रतिशत, 3,08,000 वर्ग किलोमीटर से भी अधिक में फैला हुआ है। छत्तीसगढ़ के निर्माण के लिए इसके उत्तरी ज़िलों को अलग करने के बाद मध्य प्रदेश की राजनीतिक सीमा का वर्ष 2000 में पुन:निर्धारण किया गया। खनिज संसाधनों से समृद्ध, मध्य प्रदेश हीरे और तांबे का सबसे बड़ा भंडार है। अपने क्षेत्र की 30% से अधिक वन क्षेत्र के अधीन है।

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्रियों की सूची वर्ष 1956 से अब तक:-

मुख्यमंत्री का नाम पद ग्रहण पद मुक्त राजनीतिक दल
पंडित रवि शंकर शुक्ल 1 नवंबर 1956 31 दिसंबर 1956 भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
भगवंतराव मंडलोइ 1 जनवरी 1957 30 जनवरी 1957 भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
कैलाश नाथ काटजू 31 जनवरी 1957 14 मार्च 1957 भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
कैलाश नाथ काटजू 14 मार्च 1957 11 मार्च 1962 भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
भगवंतराव मंडलोइ 12 मार्च 1962 29 सितंबर 1963 भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
द्वारका प्रसाद मिश्रा 30 सितंबर 1963 8 मार्च 1967 भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
द्वारका प्रसाद मिश्रा 9 मार्च 1967 29 जुलाई 1967 भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
गोविंद नारायण सिंह 30 जुलाई 1967 12 मार्च 1969 भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
नरेशचंद्र सिंह 13 मार्च 1969 25 मार्च 1969 भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
श्यामाचरण शुक्ल 26 मार्च 1969 28 जनवरी 1972 भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
प्रकाश चंद्र सेठी 29 जनवरी 1972 22 मार्च 1972 भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
प्रकाश चंद्र सेठी 23 मार्च 1972 22 दिसंबर 1975 भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
श्यामाचरण शुक्ल 23 दिसंबर 1975 29 अप्रॅल 1977 भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
राष्ट्रपति शासन (29 अप्रैल 1977 से 25 जून 1977 तक)
कैलाश चंद्र जोशी 26 जून 1977 17 जनवरी 1978 जनता पार्टी
वीरेंद्र कुमार सकलेचा 18 जनवरी 1978 19 जनवरी 1980 जनता पार्टी
सुंदरलाल पटवा 20 जनवरी 1980 17 फ़रवरी 1980 जनता पार्टी

राष्ट्रपति शासन (18 फ़रवरी 1980 से 8 जून 1980 तक)
अर्जुन सिंह 8 जून 1980 10 मार्च 1985 भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
अर्जुन सिंह 11 मार्च 1985 12 मार्च 1985 भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
मोतीलाल वोरा 13 मार्च 1985 13 फ़रवरी 1988 भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
अर्जुन सिंह 14 फ़रवरी 1988 24 जनवरी 1989 भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
मोतीलाल वोरा 25 जनवरी 1989 8 दिसंबर 1989 भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
श्यामाचरण शुक्ल 9 दिसंबर 1989 4 मार्च 1990 भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
सुंदरलाल पटवा 5 मार्च 1990 15 दिसंबर 1992 भारतीय जनता पार्टी
राष्ट्रपति शासन (16 दिसंबर 1992 से 6 दिसंबर 1993 तक)
दिग्विजय सिंह 7 दिसंबर 1993 1 दिसंबर 1998 भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
दिग्विजय सिंह 1 दिसंबर 1998 8 दिसंबर 2003 भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
उमा भारती 8 दिसंबर 2003 23 अगस्त 2004 भारतीय जनता पार्टी
बाबूलाल गौर 23 अगस्त 2004 29 नवंबर 2005 भारतीय जनता पार्टी
शिवराज सिंह चौहान 29 नवंबर 2005 से पदासीन भारतीय जनता पार्टी

इन्हें भी पढ़े: भारतीय राज्यों के वर्तमान मुख्यमंत्री एवं उनकी राजनीतिक पार्टी

और जानिये : मध्‍य प्रदेश के मुख्यमंत्रियों के नाम, कार्यकाल एवं उनकी राजनीतिक पार्टी (वर्ष 1956 से 2017)

भारत के प्रमुख प्रक्षेपास्त्र अथवा मिसाइलों की सूची

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भारत के प्रमुख प्रक्षेपास्त्र अथवा मिसाइलों की सूची- List of Famous Indian Missiles in Hindi

भारत के प्रमुख प्रक्षेपास्त्र अथवा मिसाइलों की सूची (Name of Famous Indian Missiles in Hindi)

प्रक्षेपास्त्र अथवा मिसाइल प्रक्षेपित कर उपयोग में लाया जाने वाला अस्त्र होता है। इसका प्रयोग दूर स्थित लक्ष्य को बेधने के लिए किया जाता है। इसकी सहायता से विस्फोटकों को हज़ारों किलोमीटर दूर के लक्ष्य तक पहुंचाया जा सकता है। इस प्रकार दूर स्थित दुश्मन के ठिकाने भी कुछ ही समय में नष्ट किए जा सकते हैं। प्रक्षेपास्त्र रासायनिक विस्फोटकों से लेकर परमाणु बम तक का वहन और प्रयोग कर सकता है।

भारत की प्रमुख मिसाइलों की सूची:

प्रक्षेपास्त्र (मिसाइल) का नाम प्रकार प्रथम परीक्षण कब किया गया
अग्नि-1 सतह से सतह पर मारक(इंटरमीडिएट बैलिस्टिक प्रक्षेपास्त्र) 22 मई, 1989
अग्नि-2 सतह से सतह पर मारक(इंटरमीडिएट बैलिस्टिक प्रक्षेपास्त्र) 11अप्रॅल, 1999
अग्नि-3 इंटरमीडिएट बैलिस्टिक प्रक्षेपास्त्र 9 जुलाई, 2006 (असफल), 12 अप्रॅल, 2007 (प्रथम सफल परीक्षण)
पृथ्वी सतह से सतह पर मारक अल्प दूरी के टैक्टिकल बैटल फील्ड प्रक्षेपास्त्र 25 फ़रवरी, 1989
त्रिशूल सतह से वायु में मारक लो लेवेल क्लीन रिएक्शन अल्प दूरी के प्रक्षेपास्त्र 5 जून, 1989
नाग सतह से सतह पर मारक टैंक भेदी प्रक्षेपास्त्र 29 नवम्बर, 1991
आकाश सतह से वायु में मारक बहुलक्षक प्रक्षेपास्त्र 15 अगस्त, 1990
अस्त्र वायु से वायु में मारक प्रक्षेपास्त्र 9 मई, 2003
ब्रह्मोस पोतभेदी सुपर सोनिक क्रूज़ प्रक्षेपास्त्र 12 जून, 2001
शौर्य सतह से सतह पर मारक बैलिस्टिक प्रक्षेपास्त्र 12 नवम्बर, 2008

इन्हें भी पढ़े: विज्ञान के प्रमुख उत्प्रेरक और उनके कार्य

और जानिये : भारत के प्रमुख प्रक्षेपास्त्र अथवा मिसाइलों की सूची

सल्तनतकालीन प्रमुख सूफी संत एवं स्थापत्य कला की सूची

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सल्तनतकाल के प्रमुख सूफी संतों के नाम एवं स्थापत्य कला की सूची

सल्तनतकालीन प्रमुख सूफी संत एवं स्थापत्य कला (Sltntkalin Prominent Sufi Saint and Architecture in Hindi

सूफ़ी संत किसे कहते है?

सूफ़ीवाद का पालन करने वाले संत सूफ़ी संत कहलाते हैं। यह इस्लाम धर्म की उदारवादी शाखा है। सूफी संत, ईश्‍वर की याद में ऐसे खोए होते हैं कि उनका हर कर्म सिर्फ ईश्‍वर के लिए होता है और स्‍वयं के लिए किया गया हर कर्म उनके लिए वर्जित होता है, इसलिए संसार की मोहमाया उन्‍हें विचलित नहीं कर पाती। सूफी संत एक ईश्वर में विश्वास रखते हैं तथा भौतिक सुख-सुविधाओं को त्याग कर धार्मिक सहिष्णुता और मानव-प्रेम तथा भाईचारे पर विशेष बल देते हैं।

सूफ़ी शब्द की उत्पत्ति:
अबू नस्र अल सिराज की पुस्तक ‘किताब-उल-लुमा’ में किये गये उल्लेख के आधार पर माना जाता है कि, सूफ़ी शब्द की उत्पत्ति अरबी शब्द ‘सूफ़’ (ऊन) से हुई, जो एक प्रकार से ऊनी वस्त्र का सूचक है, जिसे प्रारम्भिक सूफ़ी लोग पहना करते थे। ‘सफ़ा’ से भी उत्पत्ति मानी जाती है। सफ़ा का अर्थ ‘पवित्रता’ या ‘विशुद्धता’ से है। इस प्रकार आचार-व्यवहार से पवित्र लोग सूफ़ी कहे जाते थे। एक अन्य मत के अनुसार- हजरत मुहम्मद साहब द्वारा मदीना में निर्मित मस्जिद के बाहर सफ़ा अर्थात् ‘मक्का की पहाड़ी’ पर कुछ लोगों ने शरण लेकर अपने को खुदा की अराधना में लीन कर लिया, इसलिए वे सूफ़ी कहलाये।

सल्तनतकाल के प्रमुख सूफी संतों के नाम:

  • ख्वाजा मुइनुद्दीन चिश्ती
  • बाबा फरीद
  • शेख निजामुद्दीन औलिया
  • गेसुदराज
  • नसीरुद्दीन महमूद
  • शिहाबुद्दीन सुहरावर्दी
  • बख्तियार काकी
  • शेख हुसैनी
  • शेख बहाउद्दीन जकरिखा
  • जलालुद्दीन तबरीजी
  • शेख हामिदउद्दीन नागौरी

सल्तनतकालीन स्थापत्य एवं वास्तुकला:

सल्तनत काल में भारतीय स्थापत्य कला के क्षेत्र में जिस शैली का विकास हुआ, वह भारतीय तथा इस्लामी शैलियों का सम्मिश्रिण थी। इसलिए स्थापत्य कला की इस शैली को ‘इण्डो इस्लामिक’ शैली कहा गया। कुछ विद्वानों ने इसे ‘इण्डो-सरसेनिक’ शैली कहा है। फर्ग्यूसन महोदय ने इसे पठान शैली कहा है, किन्तु यह वास्तव में भारतीय एवं इस्लामी शैलियों का मिश्रण थी। सर जॉन मार्शल, ईश्वरी प्रसाद जैसे इतिहासविदों ने स्थापत्य कला की इस शैली को ‘इण्डों-इस्लामिक’ शैली व हिन्दू-मुस्लिम शैली कहना उचित समझा।

इण्डों-इस्लामिक स्थापत्य कला शैली की विशेषताएँ निम्न प्रकार थीं:

  • सल्तनत काल में स्थापत्य कला के अन्तर्गत हुए निर्माण कार्यों में भारतीय एवं ईरानी शैलियों के मिश्रण का संकेत मिलता है।
  • सल्तन काल के निर्माण कार्य जैसे- क़िला, मक़बरा, मस्जिद, महल एवं मीनारों में नुकीले मेहराबों-गुम्बदों तथा संकरी एवं ऊँची मीनारों का प्रयोग किया गया है।
  • इस काल में मंदिरों को तोड़कर उनके मलबे पर बनी मस्जिद में एक नये ढंग से पूजा घर का निर्माण किया गया।
  • सल्तनत काल में सुल्तानों, अमीरों एवं सूफी सन्तों के स्मरण में मक़बरों के निर्माण की परम्परा की शुरुआत हुई।
  • इस काल में ही इमारतों की मज़बूती हेतु पत्थर, कंकरीट एवं अच्छे क़िस्म के चूने का प्रयोग किया गया।
  • सल्तनत काल में इमारतों में पहली बार वैज्ञानिक ढंग से मेहराब एवं गुम्बद का प्रयोग किया गया। यह कला भारतीयों ने अरबों से सीखी। तुर्क सुल्तानों ने गुम्बद और मेहराब के निर्माण में शिला एवं शहतीर दोनों प्रणालियों का उपयोग किया।
  • सल्तनत काल में इमारतों की साज-सज्जा में जीवित वस्तुओं का चित्रिण निषिद्ध होने के कारण उन्हें सजाने में अनेक प्रकार के फूल-पत्तियाँ, ज्यामितीय एवं क़ुरान की आयतें खुदवायी जाती थीं। कालान्तर में तुर्क सुल्तानों द्वारा हिन्दू साज-सज्जा की वस्तुओं जैसे- कमलबेल के नमूने, स्वस्तिक, घंटियों के नमूने, कलश आदि का भी प्रयोग किया जाने लगा। अलंकरण की संयुक्त विधि को सल्तनत काल में ‘अरबस्क विधि’ कहा गया।

सल्तनत कालीन स्थापत्य कला की सूची:

शासक का नाम इमारत का नाम
कुतुबुद्दीन ऐबक क़ुव्वत-उल-इस्लाम मस्जिद
कुतुबुद्दीन ऐबक व इल्तुतमिश कुतुबमीनार
कुतुबुद्दीन ऐबक अढ़ाई दिन का झोपड़ा
इल्तुतमिश इल्तुतमिश का मक़बरा
इल्तुतमिश जामा मस्जिद
इल्तुतमिश अतारकिन का दरवाज़ा
इल्तुतमिश सुल्तानगढ़ी
बलबन लाल महल
बलबन बलबन का मक़बरा
अलाउद्दीन ख़िलजी जमात खाना मस्जिद
अलाउद्दीन ख़िलजी अलाई दरवाज़ा
अलाउद्दीन ख़िलजी हज़ार सितून (स्तम्भ)
ग़यासुद्दीन तुग़लक़ तुग़लक़ाबाद
ग़यासुद्दीन तुग़लक़ ग़यासुद्दीन तुग़लक़ का मक़बरा
मुहम्मद बिन तुग़लक़ आदिलाबाद का मक़बरा
मुहम्मद बिन तुग़लक़ जहाँपनाह नगर
मुहम्मद बिन तुग़लक़ शेख़ निज़ामुद्दीन औलिया का मक़बरा
मुहम्मद बिन तुग़लक़ फ़िरोज़शाह तुग़लक़ का मक़बरा
जूनाशाह ख़ानेजहाँ फ़िरोज़शाह का मक़बरा
जूनाशाह ख़ानेजहाँ काली मस्जिद
जूनाशाह ख़ानेजहाँ खिर्की मस्जिद
लोदी काल बहलोल लोदी का मक़बरा
इब्राहीम लोदी सिकन्दर शाह लोदी का मक़बरा
मियाँ कुआ मोठ की मस्जिद

इन्हें भी पढ़े:  भारतीय इतिहास के गुप्तकालीन शासक और उनके अभिलेखों के नाम

और जानिये : सल्तनतकालीन प्रमुख सूफी संत एवं स्थापत्य कला की सूची


मापने की महत्वपूर्ण इकाइयाँ, मात्रक एवं प्रकार से सम्बंधित सामान्य ज्ञान

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मापने की महत्वपूर्ण इकाइयाँ, मात्रक एवं प्रकार- Important Measures, Units and Types in Hindi

नाप-तौल एवं मापने की महत्वपूर्ण इकाइयाँ एवं उनके प्रकार: (List of Important Measures, Units and their Types in Hindi)

मापन के सन्दर्भ में मात्रक या इकाई (unit) किसी भौतिक राशि की एक निश्चित मात्रा को कहते हैं जो परिपाटी या/और नियम द्वारा पारिभाषिक एवं स्वीकृत की गई हो तथा जो उस भौतिक राशि के मापन के लिए मानक के रूप में प्रयुक्त होती हो। उस भौतिक राशि की कोई भी अन्य मात्रा इस ‘इकाई’ के एक गुणक के रूप में व्यक्त की जाती है।

उदाहरण के लिए लम्बाई एक भौतिक राशि है। ‘मीटर’ लम्बाई का मात्रक है जो एक निश्चित पूर्वनिर्धारित दूरी के बराबर होता है। जब हम कहते हैं कि अमुक दूरी ’47 मीटर’ है तो इसका अर्थ है कि उक्त दूरी 1 मीटर के 47 गुना है।

प्राचीन काल से ही मात्रकों की परिभाषा करना, उन पर सहमति करना, उनका व्यावहारिक उपयोग करना आदि की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका रही है। विभिन्न स्थानों एवं कालों में मात्रकों की विभिन्न प्रणालियाँ होना एक सामान्य बात थी। किन्तु अब एक वैश्विक मानक प्रणाली अस्तित्व में है जिसे ‘अन्तरराष्ट्रीय मात्रक प्रणाली’ (International System of Units (SI)) कहते हैं।

मापन का इतिहास:

मनुष्य जीवन के लिए नापतौल की बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका है। यह कहना अत्यन्त कठिन है कि नापतौल पद्धति का आविष्कार कब और कैसे हुआ होगा किन्तु अनुमान लगाया जा सकता है कि मनुष्य के बौद्धिक विकास के साथ ही साथ आपसी लेन-देन की परम्परा आरम्भ हुई होगी और इस लेन-देन के लिए उसे नापतौल की आवश्यकता पड़ी होगी। प्रगैतिहासिक काल से ही मनुष्य नापतौल पद्धतियों का प्रयोग करता रहा है। मापन के मात्रक शायद मानव द्वारा आविष्कृत सबसे पुरानी चीजों में से हैं क्योंकि आदिम समाज को भी विभिन्न कामों के लिये (कामचलाऊ) मापन की जरूरत पड़ती थी।

लम्बाई को मापने की महत्वपूर्ण इकाइयाँ:

  • 1 माइक्रोमीटर: 1000 नैनोमीटर
  • 1 मिलीमीटर: 1000 माइक्रोमीटर
  • 1 सेंटीमीटर: 10 मिलीलीटर
  • 1 मीटर: 100 सेंटीमीटर
  • 1 डेकामीटर: 10 मीटर
  • 1 हेक्टोमीटर: 10 डेकामीटर
  • 1 किलोमीटर: 10 हेक्टोमीटर
  • 1 मेगामीटर: 1000 किलोमीटर
  • 1 नॉटिकल मील: 1852 मीटर मात्रा

क्षेत्र मापने की महत्वपूर्ण इकाइयाँ:

  • 1 वर्ग फुट: 144 वर्ग
  • 1 वर्ग यार्ड: 9 वर्ग फीट
  • 1 एकड़: 4840 वर्ग गज
  • 1 वर्ग मील: 640 एकड़

दूरी को मापने की महत्वपूर्ण इकाइयाँ:

  • 1 फीट: 12 इंच
  • 1 मील: 1760 यार्ड
  • 1 फर्लांग: 10 चेन
  • 1 यार्ड (गज): 3 फीट
  • 1 मील: 8 फर्लांग

मात्रा को मापने की महत्वपूर्ण इकाइयाँ:

  • 1 सेंटीलीटर: 10 मिलीलीटर
  • 1 डेसीलीटर: 10 सेंटीलीटर
  • 1 लीटर: 10 डेसीलीटर
  • 1 डेकालीटर: 10 लीटर
  • 1 हेक्टोलीटर: 10 डेकालीटर
  • 1 किलो लीटर: 10 हेक्टोलीटर क्षेत्र

भार को मापने की महत्वपूर्ण इकाइयाँ:

  • 1 ग्राम: 1000 मिलीग्राम
  • 1 डेकाग्राम: 10 ग्राम
  • 1 हेक्टोग्राम: 10 डेकाग्राम
  • 1 किलोग्राम: 10 हेक्टोग्राम
  • 1 क्विंटल: 100 किलोग्राम
  • 1 टन: 1000 किलोग्राम

शहतीर तथा लकड़ी को मापने की महत्वपूर्ण इकाइयाँ:

  • 40 घनफुट नातराश लकड़ी (unhewn timber): 1 टन
  • 50 घनफुट तराशी लकड़ी (squared timber): 1 टन
  • 42 घनफुट लकड़ी: 1 शिपिंग टन (shipping ton)
  • 108 घनफुट लकड़ी: 1 स्टैक (stack)
  • 128 घनफुट लकड़ी: 1 कार्ड (cord)

ऊन संबंधी मापों की महत्वपूर्ण इकाइयाँ:

  • 7 पाउंड: 1 क्लोव (clove)
  • 2 क्लोव: 1 स्टोन (stone)
  • 2 स्टोन: 1 टॉड (tod)
  • 61/2 टॉड: 1 वे (wey)
  • 2 वे: 1 सैक (sack)
  • 12 सैक: 1 लास्ट (last)
  • 240 पाउंड: 1 पैक (pack)

तौल को मापने की महत्वपूर्ण इकाइयाँ:

  • 1 ग्रेन: 0.000064799 किलोग्राम
  • 1 आउंस: 0.0283495 किलोग्राम
  • 1 पाउंड: 0.4535924 किलोग्राम
  • 1 हंड्रेडवेट: 50.802 किलाग्राम
  • 1 टन: 1016.05 किलोग्राम

खगोलीय मापों की महत्वपूर्ण इकाइयाँ(Astronomical measures):

  • खगोलीय इकाई: 9,28,97,400 मील
  • प्रकाश वर्ष: 59,00,00,00,00,000 मील
  • पारसेक (parsec): 3.259 प्रकाश वर्ष

द्रव्यमान के मात्रक:

  • 1 टेराग्राम: 109 किग्रा
  • 1 जीगाग्राम: 106 किग्रा
  • 1 मेगाग्राम: 103 किग्रा
  • 1 टन: 103 किग्रा
  • 1 क्विटंल: 102 किग्रा
  • 1 पिकोग्राम: 10-15 किग्रा
  • 1 मिलीग्राम: 10-6 किग्रा
  • 1 डेसीग्राम: 10-4 किग्रा
  • 1 स्लग: 10.57 किग्रा
  • 1 मीट्रिक टन: 1000 किग्रा
  • 1 आउन्स: 28.35 ग्राम
  • 1 पाउंड: 16 आउन्स (453.52 ग्राम)
  • 1 किग्रा: 2.205 पाउंड
  • 1 कैरेट: 205.3 मिलीग्राम
  • 1 मेगाग्राम: 1 टन
  • 1 ग्राम: 10-3 किग्रा

धारिता को मापने की महत्वपूर्ण इकाइयाँ:

(जो द्रवों तथा ठोस सामानों के लिये प्रयोग में लाई जाती हैं।)

  • 4 गिल: 1 पाइंट
  • 2 पाइंट: 1 क्वार्ट (quart)
  • 4 क्वार्ट: 1 गैलन (gallon)
  • 2 गैलन: 1 पेक (peck)
  • 4 पेक: 1 बुशल (bushel)
  • 3 बुशल: 1 बैग (bag)
  • 5 बुशल: 1 सैक (sack)
  • 8 बुशल: 1 क्वार्टर (quarter)
  • 5 क्वार्टर: 1 लोड (load)
  • 2 लोड: 1 लास्ट (last)
  • 36 बुशल: 1 चालड्रोन (chaldron)

गेहूँ का एक बुशल तौल में औसतन 60 पाउंउ, जौ का लगभग 47 पाउंड तथा जई का 40 पाउंउ होता है।

वृत्तीय तथा कोणीय मापों की महत्वपूर्ण इकाइयाँ:

  • 60 थर्ड्स: 1 सेकंड (²)
  • 60 सेकंड: 1 मिनट (¢)
  • 60 मिनट: 1 डिग्री (°)
  • 30 डिग्री: 1 साइन (sign)
  • 45 डिग्री: 1 ओक्टैंट (octant)
  • 60 डिग्री: 1 सेक्सटैंट (sextant)
  • 90 डिग्री: 1 क्वाड्रैंट या समकोण

किसी भी वृत्त की परिधि उसके व्यास का 3.1416 गुना होती है।

सूती धागे की मापों की महत्वपूर्ण इकाइयाँ:

  • 120 गज: 1 लच्छी (skein)
  • 7 लच्छियाँ: 1 गुंडी (hank)
  • 18 गुंडियाँ: 1 स्पिंडल (spindle)

विद्युत् को मापने की महत्वपूर्ण इकाइयाँ (Electric measure):

  • वोल्ट (volt): किसी 1 ओम (ohm) प्रतिरोध (resistance) से होकर 1 ऐंपियर (ampere) करेंट को गुजारने के लिये जितनी शक्ति की आवश्यकता होती है उसे 1 वोल्ट कहते हैं
  • ओम (ohm): उस परिपथ का प्रतिरोध है, जिसमें एक वोल्ट का विद्युद्वल एक ऐंपीयर धारा उत्पन्न करता है।
  • मेगओम (megohm): 10^6 ओम
  • ऐंपीयर (ampere): जो करेंट किसी एक ओम प्रतिरोध के आर पार 1 वोल्ट विभवांतर पैदा करे।
  • कूलंब (coulomb): विद्युत् की वह मात्रा जो एक ऐंपियर करेंट के एक सेकंड तक बहने से प्राप्त हो।
  • 1 वाट (watt): 1 जूल (Joule)
  • 746 वाट: एक अश्व शक्ति प्रति सेकंड
  • 1 किलोवाट: 1,000 वाट: 1.5 अश्वशक्ति

रैखिक की मापों की महत्वपूर्ण इकाइयाँ (Lineal Measures):

  • 8 जौ दाना: 1 इंच
  • 2 1/2 इंच: 1 नेल (nail)
  • 3 इंच: 1 पाम (palm)
  • 7.02 इंच: 1 लिंक (link)
  • 9 इंच: 1 स्पैन (span or quarter)
  • 18 इंच: 1 हाथ (cubit)
  • 30 इंच: 1 पद (pace)
  • 37.2 इंच: 1 स्काटिश एल (scottish ell)
  • 45.0 इंच: 1 इंगलिश एल (English ell)
  • 5 फुट: 1 रेखीय पाद (geometrical pace)
  • 6 फुट: 1 फैदम
  • 608 फुट: 1 केबल (cable)
  • 10 केबल: 1 नाविक मील (nautical mile)
  • 6,080 फुट: 1 नाविक मील
  • 6,087 फुट: 1 भूगोलीय मील
  • 22 गज या 5 बल्ली: 1 चेन (chain)
  • 100 लिंक: 1 चेन
  • 10 चेन: 1 फर्लांग
  • 80 चेन: 1 मील
  • 1 नॉट: नाविक मी0 प्र0 धं0 की चाल।

लिनेन के धागे (linen Yarn) की मापों की महत्वपूर्ण इकाइयाँ:

  • 300 गज: 1 कट
  • 2 कट: 1 हीर (heer)
  • 6 हीर: 1 हास्प (hasp)
  • 4 हास्प: 1 स्पिंडल

संख्याओं की नापने की महत्वपूर्ण इकाइयाँ (Numbers):

  • 12 इकाइयाँ: 1 दर्जन
  • 12 दर्जन: 1 गुरुस
  • 20 इकाइयाँ: 1 विशंक या कोड़ी (score)
  • 5 गड्डी, कोड़ी, या 100 इकाईयाँ: 1 सैकड़ा

समुद्री/ नॉटिकल माप (दूरी) मापने की महत्वपूर्ण इकाइयाँ:

  • 6 फुट: 1 फैदम
  • 100 फैदम: 1 केबल की लंबाई
  • 1,000 फैदम: 1 समुद्री मील
  • 3 समुद्री मील: 1 समुद्री लीग
  • 60 समुद्री मील: 1 डिग्री देशांतर भूमध्य रेखा पर
  • 360 डिग्री: 1 वृत्त

कागजों को मापने की महत्वपूर्ण इकाइयाँ:

  • 24 ताव (sheets): 1 दस्ता (quire)
  • 20 दस्ता: 1 रीम (ream)
  • 516 ताव: 1 पिं्रटर रीम (printer’s ream)
  • 2 रीम: 1 बंडल
  • 5 बंडल: 1 बेल (bale)

सर्वेक्षक को मापने की महत्वपूर्ण इकाइयाँ: (Surveyor’s Measure)

  • 7.92 इंच: 1 लिंक
  • 100 लिंक: 22गज: एक चेन
  • 80 चेन: 1760 गज, या: मील

ताप की मापों की महत्वपूर्ण इकाइयाँ:

  • सेंटीग्रेड: इस नाप में पानी के हिमांक बिंदु को शून्य माना जाता है तथा जल का क्वथनांक 100 डिग्री सें0 माना गया है शरीर में रुधिर का तप 36.8 डिग्री सें0 होता है।
  • रयूमर: इस नाप में पानी का हिमांक शुन्य माना जाता है तथा जल का क्वथनांक 80 डिग्री माना जाता है। इसका प्रयोग आप तौर पर जर्मनी में होता है।
  • फारेनहाइट: इसमें हिमांक 32 डिग्री होता है और जल का क्वथनांक (boiling point) 212 डिग्री माना जाता है। यह माप खास करके ग्रेट ब्रिटेन तथा उत्तरी अमरीका में प्रयोग में लाई जाती है।

समय को मापने की महत्वपूर्ण इकाइयाँ:

  • 60 सेंकंड: 1 मिनट
  • 60 मिनट: 1 घंटा
  • 24 घंटा: 1 दिन
  • 7 दिन: 1 सप्ताह
  • 4 सप्ताह: 1 महीना
  • 13 चांद्र मास: 1 साल
  • 12 कैलेंडर मास: 1 साल
  • 365 दिन: 1 साधारण वर्ष
  • 366 दिन: 1 अधिवर्ष (leap year)
  • 3651/4 दिन: 1 जूलियन वर्ष
  • 365 दिन 5 घं0 48 मि0 51 से0: 1 सौर वर्ष
  • 100 साल: 1 शत वर्ष या शताब्दी

लंबाई तथा धारिता को मापने की महत्वपूर्ण इकाइयाँ:

  • 1 इंच: 0.0254 मीटर
  • 1 फुट: 0.3048 मीटर
  • 1 गज: 0.9144 मीटर
  • 1 मील: 1609.344 मीटर
  • 1 इंपीरियल गैलन: 4.54596 लिटर (litres)
  • 10 मिलीलिटर: 1 सेंटीलिटर
  • 10 सेंटीलिटर: 1 डेसिलिटर
  • 10 डेसिलिटर: 1 लिटर
  • 10 लिटर: 1 डेकालिटर
  • 10 डेकालिटर: 1 हेक्टोलिटर
  • 10 हेक्टोलिटर: 1 किलोलिटर
  • 1 लिटर: 1 3/4 पाइंट

क्षेत्रफल को मापने की महत्वपूर्ण इकाइयाँ:

  • 1 सेंटीएयर या 1 वर्ग मीटर: 1.196033 वर्ग गज
  • 10 सेंटीएयर: 1 डेसिएयर
  • 10 डेसीएयर: 1 एयर
  • 10 एयर: 1 डेकाएयर
  • 10 डेकाएयर: 1 हेक्टाएयर
  • 100 हेक्टाएयर: 1 वर्ग किलोमीटर
  • 1 हेक्टाएयर: 2 एकड़

ठोस या घन को मापने की महत्वपूर्ण इकाइयाँ:

  • 1 सेंटीस्टियर (centistere): 610.240515 घन मी0
  • 1 डेसिस्टियर: 3.531658 घन फुट
  • 1 स्टियर: 1.307954 धनगज
  • 10 सेंटिस्टियर: 1 डेसीस्टियर
  • 10 डेसिस्टियर: 1 स्टियर या घन मील
  • 10 स्टियर: 1 डेकास्टियर

भारत में अंग्रेजी काल में फुट-पाउंड सेकंड पद्धति का उपयोग प्रचलित था, किंतु 1 अप्रैल 1958 ई0 से मीटरी पद्धति का प्रयोग हो रहा है। इन पद्धतियों के अतिरिक्त अन्य निम्नलिखित मापें भी भारत में प्रचलित हैं।

इन्हें भी पढ़े: कम्प्यूटर के बारे में सामान्य ज्ञान और महत्वपूर्ण तथ्य

और जानिये : मापने की महत्वपूर्ण इकाइयाँ, मात्रक एवं प्रकार से सम्बंधित सामान्य ज्ञान

मौर्य राजवंश का इतिहास, पतन के कारण एवं उनके शासकों के नाम

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मौर्य राजवंश का इतिहास एवं उनके शासकों की सूची- Murya Empire History in Hindi

मौर्य राजवंश का इतिहास एवं शासकों के नाम: (History of Murya Empire and Name of Rulers in Hindi)

मौर्य राजवंश:

मौर्य राजवंश (322 से 185 ईसा पूर्व) प्राचीन भारत का एक महान राजवंश था। इसने 137 वर्ष भारत में राज्य किया। इसकी स्थापना का श्रेय चन्द्रगुप्त मौर्य और उसके मन्त्री आचार्य चाणक्य (कौटिल्य) को दिया जाता है, जिन्होंने नंदवंश के सम्राट घनानन्द को पराजित किया। मौर्य साम्राज्य के विस्तार एवं उसे शक्तिशाली बनाने का श्रेय सम्राट अशोक जाता है। विनयपिटक के अनुसार बुद्ध से मिलने के बाद उसने बौद्ध धर्म को ग्रहण किया, लेकिन जैन और ब्राह्मण धर्म के प्रति उसकी सहिष्णुता थी।

मौर्य राजवंश का इतिहास:

मौर्य साम्राज्य पूर्व में मगध राज्य में गंगा नदी के मैदानों (आज का बिहार एवं बंगाल) से शुरु हुआ। इसकी राजधानी पाटलिपुत्र (आज के पटना शहर के पास) थी। चन्द्रगुप्त मौर्य ने 322 ईसा पूर्व में इस साम्राज्य की स्थापना की और तेजी से पश्चिम की तरफ़ अपना साम्राज्य का विकास किया। उसने कई छोटे छोटे क्षेत्रीय राज्यों के आपसी मतभेदों का फायदा उठाया जो सिकन्दर के आक्रमण के बाद पैदा हो गये थे। ३१६ ईसा पूर्व तक मौर्य वंश ने पूरे उत्तरी पश्चिमी भारत पर अधिकार कर लिया था। चक्रवर्ती सम्राट अशोक के राज्य में मौर्य वंश का बेहद विस्तार हुआ। सम्राट अशोक के कारण ही मौर्य साम्राज्य सबसे महान एवं शक्तिशाली बनकर विश्वभर में प्रसिद्ध हुआ।

मौर्य साम्राज्य का पतन:

मौर्य सम्राट की मृत्यु के उपरान्त लगभग दो सदियों (322 से 184ई.पू.) से चले आ रहे शक्‍तिशाली मौर्य साम्राज्य का विघटन होने लगा। अन्तिम मौर्य सम्राट वृहद्रथ की हत्या उसके सेनापति पुष्यमित्र शुंग ने कर दी। इससे मौर्य साम्राज्य समाप्त हो गया।

मौर्यवंश के पतन के मुख्य कारण:

  • अयोग्य एवं निर्बल उत्तराधिकारी,
  • प्रशासन का अत्यधिक केन्द्रीयकरण,
  • राष्ट्रीय चेतना का अभाव,
  • आर्थिक एवं सांस्कृतिक असमानताएँ,
  • प्रान्तीय शासकों के अत्याचार,
  • करों की अधिकता।

मौर्य राजवंश के शासक एवं शासन अवधि:

क्र.सं. मौर्य राजवंश के शासकों का नाम शासन काल अवधि
1. चन्द्रगुप्त मौर्य 322 ईसा पूर्व से 298 ईसा पूर्व तक
2. बिन्दुसार 298 ईसा पूर्व से 272 ईसा पूर्व तक
3. अशोक 273 ईसा पूर्व से 232 ईसा पूर्व तक
4. दशरथ मौर्य 232 ईसा पूर्व से 224 ईसा पूर्व तक
5. सम्प्रति 224 ईसा पूर्व से 215 ईसा पूर्व तक
6. शालिसुक 215 ईसा पूर्व से 202 ईसा पूर्व तक
7. देववर्मन 202 ईसा पूर्व से 195 ईसा पूर्व तक
8. शतधन्वन मौर्य 195 ईसा पूर्व से 187 ईसा पूर्व तक
9. बृहद्रथ मौर्य 187 ईसा पूर्व से 185 ईसा पूर्व तक

इन्हें भी पढे: प्राचीन भारत के प्रमुख राजवंश और संस्थापक

और जानिये : मौर्य राजवंश का इतिहास, पतन के कारण एवं उनके शासकों के नाम

राजस्थान के मुख्यमंत्रियों के नाम, कार्यकाल एवं उनकी राजनीतिक पार्टी (वर्ष 1949 से 2017)

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राजस्थान के मुख्यमंत्रियों की सूची: (List of Chief Ministers of Rajathan From 1949 to 2017 in Hindi)

राजस्थान:

राजस्थान भारत गणराज्य का क्षेत्रफल के आधार पर सबसे बड़ा राज्य है। इसके पश्चिम में पाकिस्तान, दक्षिण-पश्चिम में गुजरात, दक्षिण-पूर्व में मध्यप्रदेश, उत्तर में पंजाब (भारत), उत्तर-पूर्व में उत्तरप्रदेश और हरियाणा है। राजस्थान की वर्तमान मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे सिंधिया हैं। वे राजस्थान की पहली महिला मुख्यमंत्री हैं।

राजस्थान का इतिहास एवं महत्वपूर्ण सामान्य ज्ञान:

राजस्थान उपमहाद्वीप के पश्चिमोत्तर भाग में स्थित है। राजस्थान की राजधानी जयपुर है।इसके पश्चिम और पश्चिमोत्तर सीमा में पाकिस्तान, उत्तर और उत्तर-पूर्व में पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश, पूर्व और दक्षिण-पूर्व में उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और दक्षिण-पश्चिम में गुजरात राज्य है। कर्क रेखा इसके दक्षिणी छोर से बांसवाड़ा जिले से होकर गुजरती है।  राज्य का क्षेत्रफल 3,42,239 वर्ग कि॰मी॰ (1,32,139 वर्ग मील) है। जीडीपी के दर से यह नवे (9) नंबर पे आता है उत्तर प्रदेश और बिहार भी जीडीपी दर में इससे कही आगे हैं। 2011 की गणना के अनुसार राजस्थान की साक्षरता दर 66.11% हैं।

भौगोलिक विशेषताओं में पश्चिम में थार मरुस्थल और घग्गर नदी का अंतिम छोर है। विश्व की पुरातन श्रेणियों में प्रमुख अरावली श्रेणी राजस्थान की एक मात्र पर्वत श्रेणी है, जो कि पर्यटन का केन्द्र है, माउंट आबू और विश्वविख्यात दिलवाड़ा मंदिर सम्मिलित करती है। पूर्वी राजस्थान में दो बाघ अभयारण्य, रणथम्भौर एवं सरिस्का हैं और भरतपुर के समीप केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान है, जो सुदूर साइबेरिया से आने वाले सारसों और बड़ी संख्या में स्थानीय प्रजाति के अनेकानेक पक्षियों के संरक्षित-आवास के रूप में विकसित किया गया है।

मुख्यमंत्री का नाम पद ग्रहण पद मुक्त राजनीतिक दल
हीरा लाल शास्त्री 7 अप्रेल 1949 5 जनवरी 1951 भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
सी एस वेंकटाचारी 6 जनवरी 1951 25 अप्रेल 1951 भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
जय नारायण व्यास 26 अप्रेल 1951 3 मार्च 1952 भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
टीका राम पालीवाल 3 मार्च 1952 31 अक्टूबर 1952 भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
जय नारायण व्यास [2] 1 नवम्बर 1952 12 नवम्बर 1954 भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
मोहन लाल सुखाडीया 13 नवम्बर 1954 11 अप्रेल 1957 भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
मोहन लाल सुखाडीया [2] 11 अप्रेल 1957 11 मार्च 1962 भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
मोहन लाल सुखाडीया [3] 12 मार्च 1962 13 मार्च 1967 भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
राष्ट्रपति शासन (13 मार्च 1967 से 26 अप्रेल 1967 तक)
मोहन लाल सुखाडीया [4] 26 अप्रेल 1967 9 जुलाई 1971 भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
बरकतुल्लाह खान 9 जुलाई 1971 11 अगस्त 1973 भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
हरी देव जोशी 11 अगस्त 1973 29 अप्रेल 1977 भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
राष्ट्रपति शासन (29 अगस्त 1973 से 22 जून 1977 तक)
भैरों सिंह शेखावत 22 जून 1977 16 फरवरी 1980 जनता पार्टी
राष्ट्रपति शासन (16 मार्च 1980 से 6 जून 1980 तक)
जगन्नाथ पहाड़ीया 6 जून 1980 13 जुलाई 1981 भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस

शिव चंद्र माथुर 14 जुलाई 1981 23 फरवरी 1985 भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
हीरा लाल देवपुरा 23 फरवरी 1985 10 मार्च 1985 भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
हरी देव जोशी [2] 10 मार्च 1985 20 जनवरी 1988 भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
शिव चंद्र माथुर [2] 20 जनवरी 1988 4 दिसम्बर 1989 भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
हरी देव जोशी [3] 4 दिसम्बर 1989 4 मार्च 1990 भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
भैरों सिंह शेखावत [2] 4 मार्च 1990 15 दिसम्बर 1992 भारतीय जनता पार्टी
राष्ट्रपति शासन (15 दिसम्बर 1992 से 4 दिसम्बर 1993 तक)
भैरों सिंह शेखावत [3] 4 दिसम्बर 1993 29 दिसम्बर 1998 भारतीय जनता पार्टी
अशोक गहलोत 1 दिसम्बर 1998 8 दिसम्बर 2003 भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
वसुन्धरा राजे सिंधिया 8 दिसम्बर 2003 11 दिसम्बर 2008 भारतीय जनता पार्टी
अशोक गहलोत [2] 12 दिसम्बर 2008 13 दिसम्बर 2013 भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
वसुन्धरा राजे सिंधिया [2] 13 दिसम्बर 2013 पदस्थ भारतीय जनता पार्टी

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हर्यक राजवंश का इतिहास एवं उनके शासकों की सूची

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हर्यक राजवंश का इतिहास एवं उनके शासकों की सूची- Haryak Empire History in Hindi

हर्यक राजवंश का इतिहास एवं शासकों के नाम: (History of Haryak Empire and Name of Rulers in Hindi)

हर्यक राजवंश:

हर्यक वंश (544 ई. पू. से 412 ई. पू. तक) की स्थापना बिम्बिसार (544 ई. पू. से 493 ई. पू.) ने की थी। इसके साथ ही राजनीतिक शक्ति के रूप में बिहार का सर्वप्रथम उदय हुआ था। बिम्बिसार को मगध साम्राज्य का वास्तविक संस्थापक माना जाता है। उसने गिरिव्रज (राजगीर) को अपनी राजधानी बनाया था। नागदशक ‘हर्यक वंश’ का अंतिम शासक था। उसके अमात्य शिशुनाग ने 412 ई. पू. में नागदशक की निर्बलता से लाभ उठाकर गद्दी पर अधिकार कर लिया और ‘शिशुनाग वंश’ की स्थापना की।

हर्यक वंश का इतिहास:

बिम्बिसार (544 ई. पू. से 493 ई. पू.) एक कूटनीतिज्ञ और दूरदर्शी शासक था। उसने हर्यक वंश की स्थापना की थी। बिम्बिसार को मगध साम्राज्य का वास्तविक संस्थापक माना जाता है। उसने ने ‘गिरिव्रज’ (राजगीर) को अपनी राजधानी बनाया था। कौशल, वैशाली एवं पंजाब आदि से वैवाहिक सम्बंधों की नीति अपनाकर बिम्बिसार ने अपने साम्राज्य का बहुत विस्तार किया। बिम्बिसार गौतम बुद्ध के सबसे बड़े प्रश्रयदाता थे। बिम्बिसार ने करीब 52 वर्षों तक शासन किया। बौद्ध और जैन ग्रन्थानुसार उसके पुत्र अजातशत्रु ने उसे बन्दी बनाकर कारागार में डाल दिया था जहाँ उसका 492 ई. पू. में निधन हो गया।

बिम्बिसार के बारे में महत्वपूर्ण तथ्य:

  • बिम्बिसार ने अपने बड़े पुत्र “दर्शक” को उत्तराधिकारी घोषित किया था।
  • भारतीय इतिहास में बिम्बिसार प्रथम शासक था जिसने स्थायी सेना रखी।
  • बिम्बिसार ने राजवैद्य जीवक को भगवान बुद्ध की सेवा में नियुक्‍त. किया था।
  • बौद्ध भिक्षुओं को निःशुल्क जल यात्रा की अनुमति दी थी।
  • बिम्बिसार की हत्या महात्मा बुद्ध के विरोधी देवव्रत के उकसाने पर अजातशत्रु ने की थी।

हर्यक राजवंश के शासक एवं शासन अवधि:

  • बिम्बिसार (544 ई. पू. से 493 ई. पू.)
  • अजातशत्रु (493 ई.पू. से 461 ई.पू.)
  • उदायिन (461 ई.पू. से 445 ई.पू.)
  • अनिरुद्ध
  • मंडक
  • नागदशक

हर्यक राजवंश का पतन:

बौद्ध ग्रन्थों के अनुसार उदायिन के तीन पुत्र थे- ‘अनिरुद्ध’, ‘मंडक’ और ‘नागदशक’ थे। उदायिन के इन तीनों पुत्रों ने राज्य किया था। हर्यक वंश का अन्तिम राजा नागदशक था। नागदशक के पुत्र शिशुनाग ने 412 ई. पू. में उन्हें हटा कर ‘शिशुनाग वंश’ की स्थापना की। कुछ इतिहासकारों के अनुसार शिशुनाग अपने राजा नागदशक का अमात्य था। क्योंकि नागदशक अत्यन्त विलासी और निर्बल सिद्ध हुआ था, इसीलिए शासन तन्त्र में शिथिलता के कारण व्यापक असन्तोष जनता में फैल गया। इसी समय राज्य विद्रोह कर अमात्य शिशुनाग ने सिंहासन पर अधिकार कर लिया राजा बन गया। इस प्रकार हर्यक वंश का अन्त हुआ और ‘शिशुनाग वंश की स्थापना हुई।

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और जानिये : हर्यक राजवंश का इतिहास एवं उनके शासकों की सूची

नंद वंश का इतिहास एवं महत्वपूर्ण तथ्यों की सूची

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नंद वंश का इतिहास एवं महत्वपूर्ण तथ्यों की सूची- Nanda Empire History in Hindi

नंद वंश का इतिहास एवं महत्वपूर्ण तथ्यों की सूची: (Important History and Facts about Nanda Empire in Hindi)

नंद वंश:

नंद वंश मगध, बिहार का लगभग 344 ई.पू. से 322 ई.पू. के बीच का शासक वंश था, जिसका आरंभ महापद्मनंद से हुआ था।

नंद वंश का इतिहास:

344 ई. पू. में महापद्यनन्द नामक व्यक्‍ति ने नन्द वंश की स्थापना की। पुराणों में इसे महापद्म तथा महाबोधिवंश में उग्रसेन कहा गया है। यह नाई जाति का था। उसे महापद्म एकारट, सर्व क्षत्रान्तक आदि उपाधियों से विभूषित किया गया है। महापद्म नन्द के प्रमुख राज्य उत्तराधिकारी हुए हैं- उग्रसेन, पंडूक, पाण्डुगति, भूतपाल, राष्ट्रपाल, योविषाणक, दशसिद्धक, कैवर्त, धनानन्द। इसके शासन काल में भारत पर आक्रमण सिकन्दर द्वारा किया गया। सिकन्दर के भारत से जाने के बाद मगध साम्राज्य में अशान्ति और अव्यवस्था फैली। धनानन्द एक लालची और धन संग्रही शासक था, जिसे असीम शक्‍ति और सम्पत्ति के बावजूद वह जनता के विश्‍वास को नहीं जीत सका। उसने एक महान विद्वान ब्राह्मण चाणक्य को अपमानित किया था।

  • चाणक्य ने अपनी कूटनीति से धनानन्द को पराजित कर चन्द्रगुप्त मौर्य को मगध का शासक बनाया।
  • महापद्मनन्द पहला शासक था जो गंगा घाटी की सीमाओं का अतिक्रमण कर विन्ध्य पर्वत के दक्षिण तक विजय पताका लहराई।
  • नन्द वंश के समय मगध राजनैतिक दृष्टि से अत्यन्त समृद्धशाली साम्राज्य बन गया।
  • व्याकरण के आचार्य पाणिनी महापद्मनन्द के मित्र थे।
  • वर्ष, उपवर्ष, वर, रुचि, कात्यायन जैसे विद्वान नन्द शासन में हुए।
  • शाकटाय तथा स्थूल भद्र धनानन्द के जैन मतावलम्बी अमात्य थे।

नंद वंश के बारे में महत्वपूर्ण तथ्य:

  • नंद शासक मौर्य वंश के पूर्ववर्ती राजा थे।
  • स्थानीय और जैन परम्परावादियों से पता चलता है कि इस वंश के संस्थापक महापद्म, जिन्हें महापद्मपति या उग्रसेन भी कहा जाता है, समाज के निम्न वर्ग के थे।
  • महापद्म ने अपने पूर्ववर्ती शिशुनाग राजाओं से मगध की बाग़डोर और सुव्यवस्थित विस्तार की नीति भी जानी। उनके साहस पूर्ण प्रारम्भिक कार्य ने उन्हें निर्मम विजयों के माध्यम से साम्राज्य को संगठित करने की शक्ति दी।
  • पुराणों में उन्हें सभी क्षत्रियों का संहारक बतलाया गया है। उन्होंने उत्तरी, पूर्वी और मध्य भारत स्थित इक्ष्वाकु, पांचाल, काशी, हैहय, कलिंग, अश्मक, कौरव, मैथिल, शूरसेन और वितिहोत्र जैसे शासकों को हराया। इसका उल्लेख स्वतंत्र अभिलेखों में भी प्राप्त होता है, जो नन्द वंश के द्वारा गोदावरी घाटी- आंध्र प्रदेश, कलिंग- उड़ीसा तथा कर्नाटक के कुछ भाग पर कब्ज़ा करने की ओर संकेत करते हैं।
  • महापद्म के बाद पुराणों में नंद वंश का उल्लेख नाममात्र का है, जिसमें सिर्फ सुकल्प (सहल्प, सुमाल्य) का ज़िक्र है, जबकि बौद्ध महाबोधिवंश में आठ नामों का उल्लेख है। इस सूची में अंतिम शासक धनानंद का उल्लेख संभवत: अग्रामी या जेन्ड्रामी के रूप में है और इन्हें यूनानी स्त्रोतों में सिकंदर महान का शक्तिशाली समकालीन बताया गया है।

  • इस वंश के शासकों की राज्य-सीमा व्यास नदी तक फैली थी। उनकी सैनिक शक्ति के भय से ही सिकंदर के सैनिकों ने व्यास नदी से आगे बढ़ना अस्वीकार कर दिया था।
  • कौटिल्य की सहायता से चंद्रगुप्त मौर्य ने 322 ई. पूर्व में नंदवंश को समाप्त करके मौर्य वंश की नींव डाली।
  • इस वंश में कुल नौ शासक हुए – महापद्मनंद और बारी-बारी से राज्य करने वाले उसके आठ पुत्र।
  • इन दो पीढ़ियों ने 40 वर्ष तक राज्य किया।
  • इन शासकों को शूद्र माना जाता है।
  • नंद वंश का संक्षिप्त शासनकाल मौर्य वंश के लंबे शासन के साथ प्रारंभिक भारतीय इतिहास में महत्त्वपूर्ण संक्रमण काल को दर्शाता है।
  • गंगा नदी में (छठी से पांचवी शताब्दी ई.पू.) भौतिक संस्कृति में बदलाव आया, जिसका विशेष लक्षण कृषि में गहनाता और लौह तकनीक का बढता इस्तेमाल था। इससे कृषि उत्पादन में उपयोग से अधिक वृद्धि हुई और वाणिज्यिक और शहरी केंद्रों के विकास को बढ़ावा मिला।
  • सिकंदर के काल में नंद की सेना में लगभग 20,000 घुड़सवार, 2,00,000 पैदल सैनिक, 2000 रथ और 3000 हाथी। प्रशासन में नंद राज्य द्वारा उठाए गए क़दम कलिंग (उड़ीसा) में सिचाई परियोजनाओं के निर्माण और एक मंत्रिमंडलीय परिषद के गठन से स्पष्ट होते हैं।

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और जानिये : नंद वंश का इतिहास एवं महत्वपूर्ण तथ्यों की सूची

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