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भारत के प्रमुख ऐतिहासिक स्थलों और शहरों की सूची

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Important Historical places and cities of India in Hindi

भारत के प्रमुख ऐतिहासिक स्थलों और शहरों की सूची: (List of Famous Historical Places of India in Hindi)

यहाँ आपको भारतीय इतिहास के प्रमुख ऐतिहासिक स्थलों और शहरों से सम्बंधित सामान्य ज्ञान जानकारी दी गयी है। भारत के प्रमुख शहरों और स्थलों के आधार पर हर परीक्षा में दो या तीन प्रश्न अवश्य पूछे जाते है। यह आपकी सभी प्रकार की सरकारी प्रतियोगी परीक्षाओं विशेषकर बैंक पीओ व क्लर्क, यूपीएससी, एसएससी, आईएएस, पीसीएस, केट, भारतीय रेलवे, गेट आदि के लिए अत्यंत उपयोगी है। इस पोस्ट में भारतीय इतिहास के प्रमुख ऐतिहासिक स्थलों और शहरों का वर्णन किया है,जो हमे भारत के इतिहास से अवगत कराते है।

  • मैसूर महल: मैसूर महल को अंबा विलास महल के नाम से भी जाना जाता है। मैसूर भारत के कर्नाटक प्रान्त का दूसरा सबसे बड़ा शहर है। यह प्रदेश की राजधानी बंगलोर से लगभग डेढ सौ किलोमीटर दक्षिण में तमिलनाडु की सीमा पर बसा है। इस महल में इंडो-सारासेनिक, द्रविडियन, रोमन और ओरिएंटल शैली का वास्तुशिल्प देखने को मिलता है। महल के साथ-साथ यहां 44.2 मीटर ऊंचा एक पांच तल्ला टावर भी है, जिसके गुंबद को सोने से बनाया गया है।
  • लाल किला: दिल्ली के किले को लाल-किला भी कहते हैं, क्योंकि यह लाल रंग का है। यह भारत की राजधानी नई दिल्ली से लगी पुरानी दिल्ली शहर में स्थित है। लाल किला एक मुगलकालीन इमारत है, जिसे मुगल शहंशाह शाहजहाँ ने 17वीं शताब्दी में बनवाया था। यह युनेस्को विश्व धरोहर स्थल में चयनित है।

  • हवा महल: हवा महल भारतीय राज्य राजस्थान की राजधानी जयपुर में एक राजसी-महल है। इसे सन 1798 में महाराजा सवाई प्रताप सिंह ने बनवाया था और इसे किसी ‘राजमुकुट’ की तरह वास्तुकार लाल चंद उस्ता द्वारा डिजाइन किया गया था।
  • ताजमहल: भारत के आगरा शहर में स्थित एक विश्व धरोहर मक़बरा है। इसका निर्माण मुग़ल सम्राट शाहजहाँ ने, अपनी पत्नी मुमताज़ महल की याद में करवाया था। ताजमहल मुग़ल वास्तुकला का उत्कृष्ट नमूना है। इसकी वास्तु शैली फ़ारसी, तुर्क, भारतीय और इस्लामी वास्तुकला के घटकों का अनोखा सम्मिलन है। सन् 1983 में, ताजमहल युनेस्को विश्व धरोहर स्थल बना।
  • कुतुबमीनार: कुतुब मीनार भारत के दक्षिणी शहर दिल्ली के महरौली भाग में स्थित है। कुतुब मीनार ईंट से बनी विश्व की सबसे ऊँची मीनार है। इसकी ऊँचाई 72.5 मीटर (237.86 फीट) और व्यास 17.3 मीटर है, जो ऊपर जाकर शिखर पर 2.75 मीटर (9.02 फीट) हो जाता है। इसमें ३७९ सीढियाँ हैं। यह परिसर युनेस्को द्वारा विश्व धरोहर के रूप में स्वीकृत किया गया है।
  • अमरावती: अमरावती आन्ध्र प्रदेश के गुंटूर ज़िले में कृष्णा नदी के दाहिने तट पर आधुनिक विजयवाड़ा के निकट स्थित है। यह नगर सातवाहन राजाओं के शासनकाल में हिन्दू संस्कृति का केन्द्र था। इसका प्राचीन नाम धान्यघट या धान्यकटक अथवा धरणिकोट है। कृष्णा नदी के तट पर बसे होने से इस स्थान का बड़ा महत्त्व था, क्योंकि समुद्र से कृष्णा नदी से होकर व्यापारिक जहाज़ यहाँ पहुँचते थे। यहाँ से भारी मात्रा में आहत सिक्के (पंच मार्क्ड) जो सबसे पुराने हैं, मिले हैं।
  • अहिछत्र : उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में स्थित है। यह स्थान एक समय पाँचालों की राजधानी थी। महाभारत के अनुसार उत्तर पाँचाल की राजधानी अहिच्छत्र को कुरुओं ने वहाँ के राज से छीनकर द्रोण को दे दिया था। कहा जाता है, द्रोण ने द्रुपद को अपने शिष्यों की सहायता से हराकर प्रतिशेध लिया था और उसका आधा राज्य बाँट लिया था।
  • आइहोल: कर्नाटक में स्थित आइहोल चालुक्यों द्वारा बनवाए गए पाषाण के मन्दिरों के लिए प्रसिद्ध है।
  • अजंताकीगुफाएँ: अजंता की गुफाएँ अजंता नामक गांव के सन्निकट में स्थित हैं, जो कि महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले में हैं। इसमें 29 बौद्ध गुफाएँ मौजूद हैं। यह गुफाएँ अपनी चित्रकारी के लिए प्रसिद्ध हैं। इनका काल 2 सदी ई. पू. से 7 शताब्दी ई. तक है। यहां बौद्ध धर्म से सम्बंधित चित्रण एवं शिल्पकारी के उत्कृष्ट नमूने मिलते हैं।  अजंता की गुफाएं को सन 1983 से युनेस्को की विश्व धरोहर स्थल घोषित है।
  • अरिकामेडू: चोल काल के दौरान पाँडिचेरी के निकट स्थित समुद्री बंदरगाह था। अरिकामेडू को पेरिप्लस में पेडूक कहा गया है।
  • बादामीयावातापी: कर्नाटक में स्थित यह स्थान चालुक्य मूर्तिकला के  लिए प्रसिद्ध है जो कि गुहा मंदिरों में पाई जाती है। यह स्थान द्रविड़ वास्तुकला का उत्तम उदाहरण है।
  • चिदाम्बरम: यह स्थान चेन्नई के 150 मील दक्षिण में स्थित है और एक समय यह चोल राज्य की राजधानी थी। यहाँ के मंदिर भारत के प्राचीनतम मंदिरों में से हैं और वे द्रविड़स्थापत्य व वास्तुकला का बखूबी प्रतिनिधित्व करते हैं।
  • बोधगया:बिहार की राजधानी पटना के दक्षिणपूर्व में लगभग 100 किलोमीटर दूर स्थित बोधगया गया जिले से सटा एक छोटा शहर है। कहते हैं बोधगया में बोधि पेड़़ के नीचे तपस्या कर रहे गौतम बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति हुई थी। तभी से यह स्थल बौद्ध धर्म के अनुयायियों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। वर्ष 200 में यूनेस्कोद्वारा इस शहर को विश्व विरासत स्थल घोषित किया गया।
  • एलीफेंटा की गुफाएं: एलीफेंटा की गुफाएं मुंबई से लगभग 11 किलोमीटर उत्तर-पूर्व की तटीय पहाडि़यों पर स्थित हैं तथा ये लगभग सात किलोमीटर के क्षेत्र में फैली हैं। एलिफेंटा की गुफ़ाएँ पौराणिक देवताओं की अत्यन्त भव्य मूर्तियों के लिए विख्यात है। इस खाड़ी का नाम घारापुरी भी है जिसका अर्थ होता है गुफाओं का शहर। इस जगह पर दो प्रकार की गुफाएं हैं एक जो हिन्दू धर्म को दर्शाती हैं और दूसरी वो जो बौद्ध धर्म के मानने वालों के लिए हैं। 1987 में एलिफेंटा की गुफ़ाएँ को विश्व विरासत स्थल की सूची में शामिल किया गया था।
  • अयोध्या: अयोध्या भारत के उत्तर प्रदेश प्रान्त का एक अति प्राचीन धार्मिक नगर है। यह फैजाबाद जिला के अन्तर्गत आता है। यह सरयू नदी (घाघरा नदी) के दाएं तट पर बसा है। प्राचीन काल में इसे ‘कौशल देश’ कहा जाता था। अयोध्या हिन्दुओं का प्राचीन और सात पवित्र तीर्थस्थलों में एक है। भगवान राम का जन्म स्थान यही है।
  • एलोरागुफायें: यह स्थान महाराष्ट्र राज्य के औरंगाबाद जिले के उत्तर-पश्चिम में स्थित है। प्रकृति की हरी-भरी वादियों में बसी, बाघेरा नदी के किनारे घोड़े की नाल के आकार में पत्थर को काटकर बनाई गईं 34 गुफाएं स्थित हैं।
  • फतेहपुरसीकरी: फतेहपुर सीकरी भारत के उत्तर प्रदेश राज्य में, आगरा से 23 मील की दूरी पर स्थित है। इसकी स्थापना 1569 में अकबर ने की थी। फतेहपुर सीकरी हिंदू और मुस्लिम वास्‍तुशिल्‍प के मिश्रण का सबसे अच्‍छा उदाहरण है। यहाँ पर 176 फीट ऊँचा बुलंद दरवाजा मौजूद है।
  • हड़प्पा: हड़प्पा पूर्वोत्तर पाकिस्तान के पंजाब प्रांत का एक पुरातात्विक स्थल है। यह साहिवाल शहर से २० किलोमीटर पश्चिम मे स्थित है। सिन्धु घाटी सभ्यता के अनेकों अवशेष यहाँ से प्राप्त हुए है। सिंधु घाटी सभ्यता को इसी शहर के नाम के कारण हड़प्पा सभ्यता भी कहा जाता है।
  • हम्पी: हम्पी मध्यकालीन हिन्दू राज्य विजयनगर साम्राज्य की राजधानी था। तुंगभद्रा नदी के तट पर स्थित यह नगर अब ‘हम्पी’ के नाम से जाना जाता है। यह प्राचीन शानदार नगर अब मात्र खंडहरों के रूप में ही अवशेष अंश में उपस्थित है। यहाँ के खंडहरों को देखने से यह सहज ही प्रतीत होता है कि किसी समय में हम्पी में एक समृद्धशाली सभ्यता निवास करती थी। भारत के कर्नाटक राज्य में स्थित यह नगर यूनेस्को द्वारा ‘विश्व विरासत स्थलों’ की सूची में भी शामिल है।
  • आगरा: इस शहर की नींव लोदी वंश के बादशाह सिकंदर लोदी ने 1509 में रक्खी थी। बाद में मुगल सम्राटों ने इसे अपनी राजधानी बनाया। शाहजहाँ ने यहीं अपनी पत्नी मुमताज महल की याद में ताजमहल का निर्माण कराया था।
  • अमृतसर: अमृतसर भारत के पंजाब राज्य का एक शहर है। अमृतसर पंजाब का सबसे महत्वपूर्ण और पवित्र शहर माना जाता है, क्योंकि सिक्खों का सबसे बडा गुरूद्वारा स्वर्ण मंदिर अमृतसर में ही है। ताजमहल के बाद सबसे ज्यादा पर्यटक अमृतसर के स्वर्ण मंदिर को ही देखने आते हैं। इसका निर्माण सिक्खों के चौथे गुरू रामदास ने करवाया था।
  • अवन्ति: पुराणों में अवन्ति प्राचीन भारत के 16 महाजनपदों में से एक था। इसके अंतर्गत आधुनिक मालवा था। उज्जैन इसकी राजधानी थी।
  • इंद्रप्रस्थ: इंद्रप्रस्थ, प्राचीन भारत के राज्यों में से एक था। महान भारतीय महाकाव्य महाभारत के अनुसार यह पांडवों की राजधानी थी। यह शहर यमुना नदी के किनारे स्थित था, जो कि भारत की वर्तमान राजधानी दिल्ली में स्थित है।
  • उज्जयिनी: वर्तमान उज्जैन नगर, जो कि भारत के मध्य प्रदेश में स्थित है, उसे प्राचीन काल में उज्जयिओनी कहा जाता था। इसी से वर्तमान नाम उज्जैन पड़ा है। यह सात मोक्षदायिनी नगरियों, सप्तपुरियों में आता है। छठी सदी ई. पू. में यह शहर उत्तरी अवन्ति की राजधानी था।
  • कन्नौज: उत्तर प्रदेश में स्थित यह शहर हर्ष की राजधानी थी। कन्नौज एक प्राचीन नगरी है एवं कभी हिंदू साम्राज्य की राजधानी के रूप में प्रतिष्ठित रहा है। माना जाता है कि कान्यकुब्ज ब्राह्मण मूल रूप से इसी स्थान के हैं।
  • कन्याकुमारी: कन्याकुमारी पद्मपुराण में वर्णित तमिलनाडु प्रान्त के सुदूर दक्षिण तट पर बसा एक शहर है। यह हिन्द महासागर, बंगाल की खाड़ी तथा अरब सागर का संगम स्थल है, जहां भिन्न सागर अपने विभिन्न रंगो से मनोरम छटा बिखेरते हैं। भारत के सबसे दक्षिण छोर पर बसा कन्याकुमारी वर्षो से कला, संस्कृति, सभ्यता का प्रतीक रहा है।

  • कपिलवस्तु: कपिलवस्तु, शाक्य गण की राजधानी था। गौतम बुद्ध के जीवन के प्रारम्भिक काल खण्ड यहीं पर व्यथीत हुआ था। भगवान बुद्ध का जन्म इस स्थान से 10 किमी पूर्व में लुंबिनी मे हुआ था।
  • कांचीपुरम: कांचीपुरम भारत के तमिलनाडु राज्य में पलार नदी के किनारे स्थित है। यह मन्दिरों का शहर है। इसे पूर्व में कांची या काचीअम्पाठी भी कहते थे। कांचीपुरम प्राचीन चोल और पल्लव राजाओं की राजधानी थी। यहां कई बडे़ मन्दिर हैं, जैसे वरदराज पेरुमल मन्दिर भगवान विष्णु के लिये, भगवान शिव के पांच रूपों में से एक को समर्पित एकाम्बरनाथ मन्दिर, कामाक्षी अम्मा मन्दिर, कुमारकोट्टम, कच्छपेश्वर मन्दिर, कैलाशनाथ मन्दिर, इत्यादि। यह नगर अपनी रेशमी साडि़यों के लिये भी प्रसिद्ध है।
  • कुशीनगर: उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले में स्थित इसी स्थान पर महात्मा बुद्ध का महापरिनिर्वाण हुआ था।
  • खजुराहो: दसवीं से बारहवीं शताब्दी के मध्य चंदेल शासकों द्वारा निर्मित मंदिरों के लिए प्रसिद्ध खजुराहों मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में स्थित है।
  • गया: बिहार में स्थित इस नगर की गणना पवित्र नगरियों में की जाती है। यहीं पर बुद्ध को ज्ञान की प्राप्त हुई थी।
  • जयपुर: 1721 में कछवाहा शासक सवाई जयसिंह ने इस नगर की स्थापना की थी।
  • झांसी: उत्तर प्रदेश का यह नगर रानी लक्ष्मी बाई की वजह से प्रसिद्ध है।
  • दौलताबाद: प्राचीनकाल में देवगिरि के नाम से विख्यात यह नगर महाराष्ट्र के औरंगाबाद में स्थित है। मुहम्मद बिन तुगलक ने इसे अपनी राजधानी बनाया था।
  • पाटलिपुत्र: बिहार स्थित पाटलिपुत्र वर्तमान में पटना के नाम से प्रसिद्ध है। यह मौर्र्यों की राजधानी थी।
  • पूणे: मराठा सरदार शिवाजी तथा उनके पुत्र शम्भाजी की राजधानी पूणे महाराष्ट्र का एक प्रमुख शहर माना जाता है।
  • पुरूषपुर: प्रथम शताब्दी ई.पू. में कनिष्क द्वारा स्थापित पुरूषपुर पाकिस्तान के पश्चिमोत्तर सीमा प्रांत में स्थित है। इसे वर्तमान में पेशावर के नाम से जाना जाता है।
  • प्लासी: प्लासी 1757 में ईस्ट इंडिया कंपनी एवं बंगाल के नवाब सिराजुद्दौला के बीच हुए युद्ध के लिए प्रसिद्ध है।
  • प्रयाग: तीर्थराज कहलाने वाला यह नगर गंगा:यमुना के संगम पर बसा है। प्राचीन काल से ही इस स्थली की गणना पवित्र नगरियों में की जाती है। बाद में अकबर ने इसका नाम बदलकर इलाहाबाद कर दिया था।
  • बीजापुर: युसूफ आदिलशाह द्वारा स्थापित यह नगर कर्नाटक में स्थित है। यहां गोल गुंबज मुहम्मद आदिलशाह का मकबरा है।
  • भुवनेश्वर: वर्तमान समय में उड़ीसा की राजधानी भुवनेश्वर प्राचीन समय में उत्कल की राजधानी के रूप में प्रसिद्ध था। यहाँ के मंदिर विशेष रूप से प्रसिद्ध हैं।
  • रामेश्वरम: तमिलनाडु में स्थित यह स्थान रामनाथ स्वामी मंदिर के लिए प्रसिद्ध है।
  • मदुरै: पाण्ड्य राजाओं की राजधानी एवं तमिलनाडु में स्थित यह नगर मंदिरों के लिए प्रसिद्ध है।
  • भीतरगांव: उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले में स्थित यह स्थल गुप्तकालीन ईंटों से बने मंदिर के लिए प्रसिद्ध है।
  • माउंटआबू: दिलवाड़ा के जैन मंदिर के लिए प्रसिद्ध यह स्थान अरावली पर्वत पर स्थित है।
  • मथुराउत्तर प्रदेश में स्थित यह नगरी भगवान श्रीकृष्ण की जन्म स्थली होने की वजह से प्रसिद्ध है।
  • मामल्लपुरम:पल्लव नरेश नरसिंह वर्मन द्वारा चेन्नई के पास निर्मित यह नगर वर्तमान में महाबलीपुरम के रुप में विख्यात है। यहां के मंदिर विशेष रूप से प्रसिद्ध हैं।
  • विजयनगर: इस राज्य की नींव 1336 में तुंगभद्रा नदी के तट पर हरिहर व बुक्का द्वारा रखी गई थी।
  • श्रवणबेलगोला: कर्नाटक के हसन जिले में स्थित श्रवणबेलगोला जैन धर्म के मुख्य केेंद्र के रूप में प्रसिद्ध है। यहां जैन तीर्र्थंकर बाहुबली की विशाल मूर्ति है।
  • सारनाथ: यह स्थान उत्तर प्रदेश के वाराणसी के पास स्थित है जहां बुद्ध ने अपना पहला उपदेश दिया था।
  • कोणार्क सूर्य मंदिर: कोणार्क का सूर्य मंदिर, भारत के उड़ीसा राज्य के पुरी जिले के पुरी नामक शहर में स्थित है। इसे लाल बलुआ पत्थर एवं काले ग्रेनाइट पत्थर से १२३६– १२६४ ई.पू. में गंग वंश के राजा नृसिंहदेव द्वारा बनवाया गया था। यह मंदिर, भारत की सबसे प्रसिद्ध स्थलों में से एक है। इसे युनेस्को द्वारा सन 1984 में विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया है।

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