Quantcast
Channel: सामान्य ज्ञान अध्ययन – SamanyaGyan.com 2021
Viewing all 1939 articles
Browse latest View live

द्रोणाचार्य पुरस्कार से सम्मानित व्यक्तियों (प्रशिक्षकों) की सूची वर्ष 1985 से 2020 तक

$
0
0
द्रोणाचार्य पुरस्कार विजेताओं की सूची (1985-2018) | Dronacharya Award in Hindi

द्रोणाचार्य पुरस्कार के बारे में जानकारी: (1985-2020):

द्रोणाचार्य पुरस्कार युवा मामलों और खेल मंत्रालय द्वारा प्रतिवर्ष दिया जाने वाला एक खेल कोचिंग पुरस्कार है। यह सम्मान हर साल ऐसे जानेमाने कोचों (प्रशिक्षकों) को दिया जाता है, जिन्होंने सफलतापूर्वक खिलाडिय़ों या टीमों को प्रशिक्षित किया, जिसकी वजह से उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय प्रतिस्पर्धाओं में बेहतरीन सफलता हासिल की है।

द्रोणाचार्य पुरस्कारों के बारे में संक्षिप्त जानकारी:

पुरस्कार का वर्ग खेल
स्थापना वर्ष 1985
पुरस्कार राशि 7.5 लाख रुपये
कुल विजेता 123 (2020 तक)
प्रथम विजेता भलाचंद्र भास्कर भागवत, ओम प्रकाश भारद्वाज, ओ. एम. नाम्बियार (1985)
आखिरी विजेता (2020) धर्मेंद्र तिवारी, पुरुषोत्तम राय, शिव सिंह, रोमेश पठानिया, कृष्ण कुमार हुड्डा, विजय भालचंद्र मुनीश्वर, नरेश कुमार, ओम प्रकाश दहिया, जूड फेलिक्स सेबेस्टियन, योगेश मालवीय, जसपाल राणा, कुलदीप कुमार हांडू, गौरव खन्ना।

द्रोणाचार्य पुरस्कार का इतिहास:

द्रोणाचार्य पुरस्कार की स्थापना वर्ष 1985 में की गई थी। यह पुरस्कार गुरु द्रोण के नाम पर रखा गया है, जिसे अक्सर “द्रोणाचार्य” या “गुरु द्रोण” कहा जाता है, जो कि प्राचीन भारत के संस्कृत महाकाव्य महाभारत का एक पात्र है। वह उन्नत सैन्य युद्ध के स्वामी थे और कौरव और पांडव राजकुमारों को सैन्य कला और एस्ट्रस (दिव्य शस्त्र) में उनके प्रशिक्षण के लिए शाही राजनेता के रूप में नियुक्त किया गया था। इस पुरस्कार के पहले प्राप्तकर्ता भालचंद्र भास्कर भागवत (कुश्ती), ओम प्रकाश भारद्वाज (मुक्केबाजी), और ओ एम. नांबियार (एथलेटिक्स) थे, जिन्हें 1985 में सम्मानित किया गया था। आमतौर पर हर साल अधिकतम 5 प्रशिक्षकों को इस पुरस्कार से सम्मानित किया जाता है।

द्रोणाचार्य पुरस्कार में मिलने वाली राशि:

भारत सरकार के द्वारा पहले राजीव गाँधी खेल रत्न और अर्जुन अवॉर्ड सहित देश के सर्वोच्च खेल पुरस्कारों में दी जाने वाली पुरस्कार राशि 5 लाख रुपए थी। लेकिन भारत सरकार द्वारा 2017 में यह राशि 5 लाख रुपए से बढ़ाकर 7 लाख 50 हजार रुपए कर दी गई है। द्रोणाचार्य पुरस्कार के तहत अब 07 लाख 50 हजार रुपए नकद, एक कांस्य की प्रतिमा, प्रमाण पत्र और औपचारिक पोशाक प्रदान की जाती है।

द्रोणाचार्य पुरस्कार 2020 विजेता:

जीवन पर्यंत श्रेणी में धर्मेंद्र तिवारी (तीरंदाजी), पुरुषोत्तम राय (एथलेटिक्स), शिव सिंह (मुक्केबाजी), रोमेश पठानिया (हॉकी), कृष्ण कुमार हुड्डा (कबड्डी), विजय भालचंद्र मुनीश्वर (पैरा पावरलिफ्टिंग), नरेश कुमार (टेनिस)), ओम प्रकाश दहिया (कुश्ती) और नियमित श्रेणी में जूड फेलिक्स सेबेस्टियन (हॉकी), योगेश मालवीय (मल्लखंब), जसपाल राणा (निशानेबाजी), कुलदीप कुमार हांडू (वुशु), गौरव खन्ना (पैरा बैडमिंटन) को अपने अपने खेलों में खिलाडिय़ों को तैयार करने और उनके अभूतपूर्ण योगदान के लिए द्रोणाचार्य अवार्ड के लिए चुना गया है।

वर्ष 1985 से 2020 तक द्रोणाचार्य पुरस्कार विजेताओं की सूची:

वर्ष सम्मानित प्रशिक्षकों के नाम सम्बंधित खेल
1985 भलाचंद्र भास्कर भागवत रेसलिंग
1985 ओम प्रकाश भारद्वाज मुक्केबाज
1985 ओ. एम. नाम्बियार एथलेटिक्स
1986 देश प्रेम आज़ाद क्रिकेट
1986 रघुनंदन वसन्त गोखले चेस
1987 गुरू हनुमान रेसलिंग
1987 गुरचरण सिंह क्रिकेट
1988 कोई पुरस्कार नहीं
1989
1990 रमाकान्त अचरेकर क्रिकेट
1990 सय्यद नईमुद्दीन फुटबॉल
1990 ए. रमाणा राव वॉलीबॉल
1991 कोई पुरस्कार नहीं
1992 कोई पुरस्कार नहीं
1993 कोई पुरस्कार नहीं
1994 इलियास बाबर एथलीट
1995 श्याम सुंदर राव वॉलीबॉल
1995 करण सिंह एथलीट
1996 विल्सन जोन्स बिलियर्ड और स्नूकर
1996 पाल सिंह संधू वेट लिफ्टिंग
1997 जोगिंदर सिंह सैनी एथलीट
1998 जी. एस. संधू मुक्केबाजी
1998 हरगोबिन्द सिंह संधू एथलीट
1998 बहादुर सिंह चौहान एथलीट
1999 केनेथ ओवन बोसेन एथलीट
1999 हवा सिंह मुक्केबाजी
1999 अजय कुमार सिरोही वेटलिफ्टिंग
2000 एस एम आरिफ बैडमिंटन
2000 गुड़ियाल सिंह भंगू हॉकी
2000 भूपेंद्र धवन पॉवरलिफ्टिंग
2000 गोपाल पुरुषोत्तम फड़के खो खो
2000 हंसा शर्मा वेटलिफ्टिंग
2001 माइकल फेरेरिया बिलियर्ड और स्नूकर
2001 सनी थॉमस निशानेबाज
2002 महाराज कृष्ण कौशिक हॉकी
2002 रेणू कोहली एथलीट
2002 होमी मोतीवाला याचिंग
2002 ई. प्रसाद राव कबड्डी
2002 जसवंत सिंह एथलीट
2003 सुखचैन चीमा रेसलिंग
2003 रॉबर्ट बॉबी जॉर्ज एथलीट
2003 अनूल कुमार बॉक्सिंग
2003 राजिंदर सिंह जूनियर हॉकी
2004 सीरस पोंछा स्कॉश
2004 अरविन्द सवुर बिलियर्ड और स्नूकर
2004 सुनीता शर्मा क्रिकेट
2005 इस्माइल बैग रोइंग
2005 महा सिंह राव रेसलिंग
2005 बलवान सिंह कबड्डी
2005 एम. वेणु मुक्केबाज
2006 कोनेरू अशोक चेस
2006 दामोदरन चंद्रलाल मुक्केबाजी
2006 आर. डी. सिंह एथलेटिक्स
2007 जगदीश सिंह मुक्केबाजी
2007 जगमिंदर सिंह रेसलिंग
2007 संजीव कुमार सिंह आर्चरी
2007 जी. ई. श्रीधरन वॉलीबॉल
2008 कोई पुरस्कार नहीं
2009 जयदेव बिष्ट मुक्केबाजी
2009 पुलेला गोपीचंद बैडमिन्टन
2009 एस. बलदेव सिंह हॉकी
2009 सतपाल सिंह रेसलिंग
2010 सुभाष अग्रवाल बिलियार्ड्स और स्नूकर
2010 अजय कुमार बंसल हॉकी
2010 कप्तान चांदरूप रेसलिंग
2010 एके कुट्टी एथलेटिक्स
2010 ल. इबोमचा सिंह मुक्केबाजी
2011 देवेंदर कुमार राठौड़ जिम्नास्टिक
2011 कुंतल कुमार रॉय एथलेटिक्स
2011 रामफल रेसलिंग
2011 इनुकरथु वेंकटेश्वर रॉय मुक्केबाजी
2011 राजिंदर सिंह जूनियर हॉकी
2012 जसविंदर सिंह भाटिया एथलेटिक्स
2012 सुनील दबास कबड्डी
2012 बीआई फर्नांडेज मुक्केबाजी
2012 भवानी मुख़र्जी टेबल टेनिस
2012 वीरेंदर पूनिया एथलेटिक्स
2012 सत्यपाल सिंह एथलेटिक्सखंड-चिह्न
2012 हरेंद्र सिंह हॉकी
2012 यशवीर सिंह रेसलिंग
2013 पूर्णिमा महतो आर्चरी
2013 नरेंदर सिंह सैनी हॉकी
2013 महावीर सिंह मुक्केबाजी
2013 राज सिंह रेसलिंग
2013 केपी थॉमस एथलेटिक्स
2014 गुरचरण गोगी जुडो
2014 जोस जैकब रोइंग
2014 एन. लिंगप्पा एथलेटिक्स
2014 गणपति मनोहरण मुक्केबाजी
2014 महाबीर प्रसाद रेसलिंग
2015 निहार अमीन तैराकी
2015 अनूप सिंह रेसलिंग
2015 हरबंस सिंह एथलेटिक्स
2015 नवल सिंह एथलेटिक्सखंड-चिह्न
2015 स्वतंत्र राज सिंह मुक्केबाजी
2016 सागर मल धायल मुक्केबाजी
2016 एस. प्रदीप कुमार तैराकी
2016 बिश्वेश्वर नंदी जिम्नास्टिक
2016 महावीर सिंह फोगाट रेसलिंग
2016 नागपुरी रमेश एथलेटिक्स
2016 राजकुमार शर्मा क्रिकेट
2017 आर. गाँधी एथलेटिक्स
2017 हीरा नन्द कटारिया कबड्डी
2017 जी. एस. एस. वी. प्रसाद बैडमिंटन
2017 ब्रिज भूषण मुक्केबाजी
2017 पी. ए. राफेल हॉकी
2017 संजोय चक्रवर्ती शूटिंग
2017 रोशन लाल रेसलिंग
2018 सुबेदार चेनंदा अचैया कुट्टप्पा मुक्केबाज़ी
2018 विजय शर्मा भारोत्तोलन
2018 ए. श्रीनिवास राव टेबल टेनिस
2018 सुखदेव सिंह पन्नू एथलेटिक्स
2018 क्लैरेंस लोबो हॉकी (लाइफ टाइम)
2018 तारक सिन्हा क्रिकेट (लाईफटाइम)
2018 जीवन कुमार शर्मा जुडो (लाईफटाइम)
2018 वी.आर. बीडु एथलेटिक्स (लाईफटाइम)
2019 मर्जबान पटेल हॉकी (लाइफ टाइम)
2019 रामवीर सिंह खोखर कबड्डी (लाइफ टाइम)
2019 संजय भारद्वाज क्रिकेट (लाईफटाइम)
2019 विमल कुमार बैडमिंटन
2019 संदीप गुप्ता टेबल टेनिस
2019 मोहिंदर सिंह ढिल्लन एथलेटिक्स
2020 धर्मेंद्र तिवारी तीरंदाजी (लाईफटाइम)
2020 पुरुषोत्तम राय एथलेटिक्स (लाईफटाइम)
2020 शिव सिंह मुक्केबाजी (लाईफटाइम)
2020 रोमेश पठानिया हॉकी (लाईफटाइम)
2020 कृष्ण कुमार हुड्डा कबड्डी (लाईफटाइम)
2020 विजय भालचंद्र मुनीश्वर पैरा पावरलिफ्टिंग (लाईफटाइम)
2020  नरेश कुमार टेनिस (लाईफटाइम)
2020 ओम प्रकाश दहिया कुश्ती (लाईफटाइम)
2020 जूड फेलिक्स सेबेस्टियन हॉकी
2020  योगेश मालवीय मल्लखंब
2020 जसपाल राणा निशानेबाजी
2020 कुलदीप कुमार हांडू वुशु
2020 गौरव खन्ना बैडमिंटन

इन्हें भी पढ़ें: राष्‍ट्रीय खेल पुरस्‍कार 2017 के विजेताओं की सूची

The post द्रोणाचार्य पुरस्कार से सम्मानित व्यक्तियों (प्रशिक्षकों) की सूची वर्ष 1985 से 2020 तक appeared first on सामान्य ज्ञान (Samanya Gyan 2020).


अर्जुन पुरस्कार वर्ष 1961 से 2020 तक सभी प्राप्तकर्ताओं की सूची

$
0
0
अर्जुन पुरस्कार वर्ष 1961 से 2020 तक सभी प्राप्तकर्ताओं की सूची

अर्जुन पुरस्कार के बारे में जानकारी:

अर्जुन पुरस्कार 1961 में शुरू किया गया ,युवा मामलों और खेल मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा खेलों में उत्कृष्ट उपलब्धि को मान्यता देने के लिए दिए जाता हैं। इस पुरस्कार में, 500,000 का नकद पुरस्कार, अर्जुन की कांस्य प्रतिमा और एक स्क्रॉल शामिल है। कई वर्षों में, पुरस्कार के दायरे का विस्तार किया गया है और कई एथलीट जो पूर्व अर्जुन पुरस्कार युग से संबंधित थे, उन्हें भी सूची में शामिल किया गया था। इसके अलावा, जिन विषयों के लिए पुरस्कार दिया जाता है उनमें स्वदेशी खेल और शारीरिक रूप से विकलांग श्रेणी को शामिल करने के लिए वृद्धि की गई थी। सरकार वर्षों से अर्जुन पुरस्कार के मानदंडों को संशोधित करती है। संशोधित दिशानिर्देशों के अनुसार, एक खिलाड़ी को न केवल पिछले चार वर्षों के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर लगातार उत्कृष्ट प्रदर्शन करना चाहिए, बल्कि उस वर्ष के लिए उत्कृष्टता की सिफारिश की जानी चाहिए।

अर्जुन पुरस्कार वर्ष 1961 से 2020 तक सभी प्राप्तकर्ताओं की सूची:

वर्ष खिलाड़ी का नाम

एथलेटिक्स

1961 गुरबचन सिंह रंधावा
1962 तरलोक सिंह
1963 स्टेफी डिसूजा
1964 माखन सिंह
1965 केनेथ पॉवेल
1966 अजमेर सिंह
1966 भोगेश्वर बरुआ
1967 प्रवीण कुमार
1967 भीम सिंह
1968 जोगिंदर सिंह
1968 मंजीत वालिया
1969 हरनेक सिंह
1970 मोहिंदर सिंह गिल
1971 एडवर्ड सेकीरा
1972 विजय सिंह चौहान
1973 श्रीराम सिंह
1974 टी. सी. योहनन
1974 शिवनाथ सिंह
1975 हरि चंद
1975 वी. अनसूया बाई
1976 बहादुर सिंह
1976 गीता जुत्शी
1977 सतीश कुमार (एथलीट)
1978 सुरेश बाबू
1978 एंजेल मैरी जोसेफ
1979 आर. ज्ञानसेकरन
1980 गोपाल सैनी
1981 साबिर अली
1982 चार्ल्स बोरोमो
1982 चंद राम
1982 एम. डी. वलसम्मा
1983 सुरेश यादव
1983 पी. टी. उषा
1984 राज कुमार
1984 शाइनी अब्राहम
1985 रघुबीर सिंह बाल
1985 आशा अग्रवाल
1985 अदिले सुमरीवाला
1986 सुमन रावत
1987 बलविंदर सिंह
1987 वंदना राव
1987 बागीचा सिंह
1987 वंदना शानबाग
1988 अश्विनी नचप्पा
1989 दया कुट्टन
1990 दीना राम
1992 बहादुर प्रसाद
1993 के सरम्मा
1994 रोजा कुट्टी
1995 शक्ति सिंह
1995 ज्योतिर्मय सिकदर
1995 मलाथी कृष्णमूर्ति होल्ला (पैरा एथलीट)
1995 के कालेगौड़ा (पैरा एथलीट)
1996 अजीत भदुरिया
1996 पद्मिनी थॉमस
1997 एम. महादेवा (पैरा एथलीट)
1997 रीथ अब्राहम
1998 सिरचंद राम
1998 नीलम जसवंत सिंह
1998 एस. डी. ईशान
1998 रचिता मिस्त्री
1998 परमजीत सिंह
1999 गुलाब चंद
1999 जी. वेंकटरावनप्पा (पैरा एथलीट)
1999 गुरमीत कौर
1999 प्रद्युमन सिंह
1999 सुनीता रानी
2000 के. एम. बीनमोल
2000 यदवेंद्र वशिष्ठ (पैरा एथलीट)
2000 जोगिंदर सिंह बेदी (आजीवन योगदान और पैरा एथलीट)
2001 के.आर. शंकर अय्यर (पैरा एथलीट)
2002 अंजू बॉबी जॉर्ज
2002 सरस्वती साहा
2003 सोमा बिस्वास
2003 माधुरी सक्सेना
2004 अनिल कुमार
2004 जे. जे. शोभा
2004 देवेंद्र झाझरिया (पैरा एथलीट)
2005 मनजीत कौर
2006 के एम. बीनू
2007 चित्रा के. सोमन
2009 सिनिमोल पॉलोज
2010 जोसेफ अब्राहम (एथलेटिक्स)
2010 कृष्णा पुनिया
2010 जगसीर सिंह (पैरा एथलीट)
2011 पीरजा श्रीधरन
2012 सुधा सिंह
2012 कविता रामदास राउत
2012 दीपा मलिक (पैरा एथलीट)
2012 रामकरन सिंह (पैरा एथलीट)
2013 अमित कुमार सरोहा
2014 चिंटू लुका
2015 एम. आर पूवम्मा
2016 ललिता बाबर
2016 संदीप सिंह मान an
2017 खुशबीर कौर
2017 अरोकिया राजीव
2017 मरियप्पन थंगावेलु (पैरा एथलीट)
2017 वरुण भाटी (पैरा एथलीट)
2018 जिंसन जॉनसन
2018 हेमा दास
2018 नीरज चोपड़ा
2018 अंकुर धामा (पैरा एथलीट)
2019 मोहम्मद अनस याहिया
2019 तजिंदर पाल सिंह
2019 स्वप्न बर्मन
2019 सुंदर सिंह गुर्जर
2020 दुती चंद
2020 संदीप (पैरा एथलेटिक्स)

तीरंदाजी

1981 कृष्ण दास
1989 हरीश नानगुनुरी
1991 बाबा श्रवण किशोर
1992 संजीव कुमार सिंह
2005 तरुणदीप राय
2005 डोला बनर्जी
2006 जयंत तालुकदार
2009 मंगल सिंह चंपिया
2011 राहुल बनर्जी
2012 दीपिका कुमारी
2012 लाईशराम बोम्बायला देवी
2013 चेक्रोवोलु स्वुरो
2014 अभिषेक वर्मा
2015 संदीप कुमार
2016 रजत चौहान
2017 वी. जे. सुरेखा
2020 अतनु दास

बैडमिंटन

1961 नंदू नाटेकर
1962 मीना शाह
1965 दिनेश खन्ना
1967 सुरेश गोयल
1969 दीपू घोष
1970 दमयंती ताम्बे
1971 शोभा मूर्ति
1972 प्रकाश पादुकोण
1974 रमन घोष
1975 दविंदर आहूजा
1976 अमी घिया
1977 कंवल ठाकुर सिंह
1980 सैयद मोदी
1982 पार्थो गांगुली
1982 मधुमिता बिष्ट
1991 राजीव बग्गा
2000 पुलेला गोपीचंद
1999 जॉर्ज थॉमस
2002 रमेश टीकाराम (पैरा एथलीट)
2003 मदसु श्रीनिवास राव (पैरा एथलीट)
2004 अभिन श्याम गुप्ता
2005 अपर्णा पोपट
2006 चेतन आनंद
2006 रोहित भाकर (पैरा एथलीट)
2008 अनूप श्रीधर
2009 साइना नेहवाल
2009 पारुल परमार (पैरा एथलीट)
2011 ज्वाला गुट्टा
2012 अश्विनी पोनप्पा
2012 परुपल्ली कश्यप
2013 पी.वी. सिंधु
2014 वलियावेटिल दीजू
2015 श्रीकांत किदांबी
2018 सिक्की रेड्डी
2019 बी. साई प्रणीत
2019 प्रमोद भगत (पैरा एथलीट)
2020 सात्विक साईराज रंकीरेड्डी
2020 चिराग चंद्रशेखर शेट्टी

बॉल बैडमिंटन

1970 जे. पिच्या
1972 जे. श्रीनिवासन
1973 ए. करीम
1975 एल.ए. इकबाल
1976 सैम क्रिस्टुदास
1984 डी. राजारामन

बास्केटबॉल

1961 सरबजीत सिंह
1967 ख़ुशी राम
1968 गुरदयाल सिंह
1969 हवलदार हरि दत्त
1970 गुलाम अब्बास मोंटसिर
1971 मन मोहन सिंह
1973 एस. के. कोट्टालय
1974 ए.के. पुंज
1975 हनुमान सिंह
1977 टी. सेल्वारागवन
1979 ओम प्रकाश
1982 अजमेर सिंह
1983 सुमन शर्मा
1982 राधेश्याम
1991 एस. शर्मा
1999 सज्जन सिंह चीमा
2001 परमिंदर सिंह
2003 सत्या (खेल)
2014 गेथु अन्ना जोस
2017 प्रशांति सिंह
2020 विशेष भृगुवंशी

बिलियर्ड्स और स्नूकर

1963 विल्सन जोन्स
1973 माइकल फरेरा
1983 सुभाष अग्रवाल
1986 गीत सेठी
1997 अशोक शांडिल्य
2002 आलोक कुमार
2003 पंकज आडवाणी
2005 अनुजा प्रकाश ठाकुर
2009 आर उमादेवी नागराज
2012 आदित्य एस. मेहता
2013 रूपेश शाह
2016 सौरव कोठारी

मुक्केबाज़ी

1961 एल. बडी डी’ सूजा
1962 हवलदार. पी. बददुर मल
1966 हवा सिंह
1968 हवलदार डेनिस स्वामी
1971 हवलदार मुनीस्वामी वेणु
1972 हवलदार चंद्रनारायण
1973 हवलदार मेहताब सिंह
1977 बी. एस. थापा
1978 सी. सी. मचाया
1979 बी. सिंह
1980 इस्साक अमलदास
1981 हवलदार. जी. मनोहरन
1982 हवलदार. कौर सिंह
1983 जस लाल प्रधान
1986 जय पाल सिंह
1987 सेवा जयराम
1989 गोपाल देवांग
1991 धर्मेंद्र सिंह यादव
1992 राजेंद्र प्रसाद
1993 मनोज पिंगले
1993 मुकुंद किल्लेकर
1995 वी. देवराजन
1996 राज कुमार सांगवान
1998 डिंग्को सिंह
1999 गुरचरण सिंह
1999 जितेन्द्र कुमार
2002 मोहम्मद अली क़मर
2003 मैरी कॉम
2005 अखिल कुमार
2006 विजेंद्र सिंह
2008 र्गीज जॉनसन
2009 लेशराम सरिता देवी
2010 दिनेश कुमार
2011 सुरंजय सिंह
2012 विकास कृष्णन
2013 कविता चहल
2014 मनोज कुमार
2015 मनदीप जांगड़ा
2016 शिव थापा
2017 देवेंद्रो लाईशराम
2019 सोनिया लाठर
2020  सूबेदार मनीष कौशिक
2020 लवलीना बोरगोहेन

कैरम

1996 ए. मारिया इरुदम

शतरंज

1961 मैनुअल आरोन
1980 रोहिणी खडिलकर
1983 दिब्येंदु बरुआ
1984 प्रवीण थिप्से
1985 विश्वनाथन आनंद
1987 डी. वी. प्रसाद
1987 भाग्यश्री थिप्से
1990 अनुपमा गोखले
2000 सुब्बारमन विजयलक्ष्मी
2002 कृष्णन शशिकिरण
2003 कोनेरू हम्पी
2005 सूर्य शेखर गांगुली
2006 पेंटाला हरिकृष्णा
2008 द्रोणावल्ली हरिका
2009 तानिया सचदेव
2010 परिमार्जन नेगी
2013 अभिजीत गुप्ता

क्रिकेट

1961 सलीम दुरानी
1964 मंसूर अली खान पटौदी
1965 विजय मांजरेकर
1966 चंदू बोर्डे
1967 अजीत वाडेकर
1968 ई.ए.एस. प्रसन्ना
1969 बिशन सिंह बेदी
1970 दिलीप सरदेसाई
1971 श्रीनिवासराघवन वेंकटराघवन
1972 एकनाथ सोलकर
1972 बी. एस. चंद्रशेखर
1974 अंजन भट्टाचार्जी
1975 सुनील गावस्कर
1976 शांता रंगास्वामी
1977 गुंडप्पा विश्वनाथ
1979 कपिल देव निखंज
1980 चेतन चौहान
1980 सैयद किरमानी
1981 दिलीप वेंगसरकर
1982 मोहिन्दर अमरनाथ
1983 डायना एडुल्जी
1984 रवि शास्त्री
1985 शुभांगी कुलकर्णी
1986 मोहम्मद अजहरुद्दीन
1986 संध्या अग्रवाल
1989 मदन लाल
1993 मनोज प्रभाकर
1993 किरण मोरे
1994 सचिन तेंदुलकर
1995 अनिल कुंबले
1996 जवागल श्रीनाथ
1997 अजय जडेजा
1997 सौरव गांगुली
1998 राहुल द्रविड़
1998 नयन मोंगिया
2000 वेंकटेश प्रसाद
2001 के वीवीएस लक्ष्मण
2002 वीरेंद्र सहवाग
2003 हरभजन सिंह
2003 मिताली राज
2005 अंजू जैन
2006 अंजुम चोपड़ा
2009 गौतम गंभीर
2010 झूलन गोस्वामी
2011 ज़हीर खान
2012 युवराज सिंह
2013 विराट कोहली
2014 रविचंद्रन अश्विन
2015 रोहित शर्मा
2016 अजिंक्य रहाणे
2017 चेतेश्वर पुजारा
2017 हरमनप्रीत कौर
2018 स्मृति मंधाना
2019 पूनम यादव
2019 रवींद्र जडेजा
2019 ईशांत शर्मा
2019 दीप्ति शर्मा

साइकिलिंग

1975 अमर सिंह
1978 एम. महापात्रा
1983 ए.आर. अर्थना

घुड़सवार

1973 दफादार खान एम
1976 लेफ्टिनेंट कर्नल एच.एस. सोढ़ी
1982 मेजर. आर. सिंह बराड़
1982 रघुबीर सिंह
1984 कैप्टन जी. मो. खान
1987 मेजर जे.एस. अहलूवालिया
1991 कैप्टन अधिराज सिंह
2003 कैप्टन राजेश पट्टू
2004 मेजर दीप कुमार अहलावत
2019 फौद मिर्ज़ा
2020 सावंत अजय अनंत

फ़ुटबॉल

1961 पी. के. बनर्जी
1962 तुलसीदास बलराम
1963 चुन्नी गोस्वामी
1964 जरनैल सिंह
1965 अरुण लाल घोष
1966 यूसुफ खान
1967 पीटर थंगराज
1969 इंदर सिंह
1970 सैयद नईमुद्दीन
1971 सी. पी. सिंह
1973 मगन सिंह
1978 गुरदेव सिंह गिल
1979 प्रसून बनर्जी
1980 मोहम्मद हबीब
1981 सुधीर कर्मकार
1983 शांति मुल्लिक
1989 सुब्रत भट्टाचार्य
1997 ब्रह्मानंद सांखवलकर
1998 बाइचुंग भूटिया
2002 ब्रूनो कोटिन्हो
2003 आई. एम. विजयन
2010 दीपक कुमार मोंडल
2011 सुनील छेत्री
2016 सुब्रत पॉल
2017 ओइनम बेमबेम देवी
2019 गुरप्रीत सिंह संधू
2020 संदेश झिंगन

गोल्फ़

1961 पी. जी सेठी
1963 अशोक मलिक
1967 राज कुमार पीताम्बर
1972 अंजलि एन देसाई
1973 विक्रमजीत सिंह
1977 सीता रावली
1982 लक्ष्मण सिंह
1987 नॉनिटा लॉल
1991 अली शेर
1999 जीव मिल्खा सिंह
2002 शिव कपूर
2004 ज्योति रंधावा
2007 अर्जुन अटवाल
2013 गगन जीत भुल्लर
2014 अनिर्बान लाहिड़ी
2017 शिव चौरसिया
2018 शुभंकर शर्मा
2020 अदिति अशोक

जिमनास्टिक

1961 श्याम लाल
1975 मोंटू देबनाथ
1985 एस. शर्मा
1989 कृपाली पटेल
2000 कल्पना देबनाथ
2011 आशीष कुमार
2015 दीपा कर्माकर

हॉकी

1961 पृथ्वीपाल सिंह
1961 एन लम्सडेन
1963 चरणजीत सिंह
1964 एस. लक्ष्मण
1965 उधम सिंह
1965 ई. ब्रिटो
1966 जॉन पीटर
1966 सुनीता पुरी
1966 गुरबख्श सिंह
1967 हरबिंदर सिंह
1967 मोहिंदर लाल
1968 बलबीर सिंह कुलार
1970 अजीत पाल सिंह
1971 पी. कृष्णमूर्ति
1972 माइकल किंडो
1973 एम. पी. गणेश
1973 ओ. मैस्करेनहास
1974 अशोक कुमार
1974 ए. कौर
1975 बी. पी. गोविंदा
1975 रूपा सैनी
1977 कैप्टन हरचरण सिंह
1977 लेस्ली फर्नांडीज
1979 वासुदेवन बसकरन
1979 आर. बी. मुंडन
1980 मोहम्मद शाहिद
1980 एलिजा नेल्सन
1981 वर्शा सोनी
1983 ज़फ़र इक़बाल
1984 राजबीर कौर
1984 एस माने
1985 प्रेम माया सोनिर
1985 मण्यपंडा मुथना सोमया
1986 जे.एम. कार्वाल्हो
1988 एम. पी. सिंह
1989 परगट सिंह
1990 जगबीर सिंह
1992 मर्विन फर्नांडीस
1994 जूड फेलिक्स सबस्टैन
1995 धनराज पिल्लई
1995 मुकेश कुमार
1996 ए. बी. सुब्बैया
1996 आशीष बल्लाल
1997 हार्दिक सिंह
1997 सुरिंदर सिंह सोढ़ी
1997 राजिंदर सिंह
1998 सुरजीत सिंह रंधावा
1998 प्रीतम रानी सिवाच
1998 बलजीत सिंह ढिल्लों
1998 एस. ओमाना कुमारी
1998 मोहम्मद रियाज़
1998 बलदेव सिंह
1998 महाराज कृष्ण कौशिक
1999 बलबीर सिंह कुल्लर
1998 हरिपाल कौशिक
1998 रमनदीप सिंह
1998 विक्टर फिलिप्स
2000 बलजीत सिंह सैनी
2000 तिंगोनलिमा चानू
2000 रघबीर सिंह भोला
2000 बालकिशन सिंह
2000 जलालुद्दीन रिज़वी
2000 मधु यादव
2002 दिलीप तिर्की
2002 गगन अजीत सिंह
2002 ममता खरब
2003 देवेश चौहान
2003 सूरज लता देवी
2004 दीपक ठाकुर
2004 मासूम हेलेन मैरी
2005 वीरेन रसकिन्हा
2006 ज्योति सुनीता कुल्लू
2008 प्रभजोत सिंह
2009 सुरिंदर कौर
2009 इग्नेस तिर्की
2010 जसजीत कौर हांडा
2010 संदीप सिंह
2011 राजपाल सिंह
2012 सरदार सिंह
2013 सबा अंजुम करीम
2015 पी. आर. श्रीजेश
2016 वी. आर. रघुनाथ
2016 रितु रानी
2017 एस. वी. सुनील
2018 सविता पुनिया
2018 मनप्रीत सिंह
2019 चिंगलेनसाना सिंह
2020 दीपिका
2020 आकाशदीप सिंह

कबड्डी

1994 सुब्बैया राजरत्नम
1995 पी. गणेशन
1996 राजू भावसार
1998 आशान कुमार
1998 बिस्वजीत पालित
1998 तीरथ राज
1999 बलविंदर सिंह
2000 सी. हनप्पा
2002 राम मेहर सिंह
2003 संजीव कुमार
2004 सुंदर सिंह
2005 रमेश कुमार
2006 नवीन गौतम
2008 पंकज नवनाथ श्रीमत
2010 दिनेश कुमार
2011 तेजस्विनी बाई
2011 राकेश कुमार
2012 अनूप कुमार
2014 ममता पूजारी
2015 मंजीत छिल्लर
2015 अभिलाषा म्हात्रे
2017 जसवीर सिंह
2018 प्रणव साईं रेड्डी
2019 अजय ठाकुर
2020 दीपक हुड्डा

लॉन टेनिस

1961 रामनाथन कृष्णन
1962 नरेश कुमार
1966 जयदीप मुखर्जी
1967 प्रेमजीत लाल
1974 विजय अमृतराज
1978 निरुपमा मांकड़
1980 रमेश कृष्णन
1985 आनंद अमृतराज
1990 लिएंडर पेस
1995 महेश भूपति
1996 गौरव नाटेकर
1997 आसिफ इस्माइल
2000 अख्तर अली
2001 संदीप कीर्तन
2004 सानिया मिर्ज़ा
2011 सोमदेव देववर्मन
2017 साकेत मायनेनी
2018 रोहन बोपन्ना
2020 दिविज शरण

रोलर स्केटिंग

2015 अनूप कुमार यम

रोइंग (Rowing)

1981 मेजर परवीन ओबेरॉय
1984 कैप्टन एम.ए. नाइक
1991 नायब सूबेदार दलवीर सिंह
1994 मेजर आर.एस. बनवाला
1996 सुरेंदर सिंह वल्दिया
1999 जगजीत सिंह
2000 सुरेंदर सिंह कंवासी
2001 कसम खान
2002 इंद्रपाल सिंह
2004 जेनिल कृष्णन
2008 बजरंग लाल ठक्कर
2009 सतीश जोशी
2014 साजी थॉमस
2015 सवर्ण सिंह विर्क
2020 दत्तू बबन भोकानल

निशानेबाजी (शूटिंग)

1961 करणी सिंह
1968 राज्यश्री कुमारी
1969 भुवनेश्वरी कुमारी
1971 भीम सिंह
1972 उदयन चिनुभाई
1978 रणधीर सिंह
1981 एस. पी. चौहान
1983 मोहिंदर लाल
1983 सोमा दत्ता
1985 ए. जे. पंडित
1986 भागीरथ समई
1993 मनशेर सिंह
1994 जसपाल राणा
1996 मोराड ए. खान
1997 सतेंद्र कुमार
1997 शिल्पी सिंह
1997 नरेश कुमार शर्मा (पैरा एथलीट)
1998 मानवजीत सिंह
1998 रूपा उन्नीकृष्णन
1999 विवेक सिंह
2000 अंजलि वेदपाठक भागवत
2000 अभिनव बिंद्रा
2000 गुरबीर सिंह
2002 अनवार सुल्तान
2002 सुमा शिरूर
2002 समरेश जंग
2003 राज्यवर्धन सिंह राठौर
2004 दीपाली ए. देशपांडे
2005 गगन नारंग
2006 विजय कुमार
2008 अवनीत कौर सिद्धू
2009 रोंजन सोढ़ी
2010 संजीव राजपूत
2011 तेजस्विनी सावंत
2012 अन्नू राज सिंह
2012 ओंकार सिंह
2012 जॉयदीप कर्मकार
2013 राजकुमारी राठौर
2014 हीना सिद्धू
2015 जीतू राय
2016 अपूर्वी चंदेला
2016 गुरप्रीत सिंह
2017 पीएन प्रकाश
2018 राही सरनोबत
2018 अंकुर मित्तल
2018 श्रेयसी सिंह
2019 अंजु मोदगिल
2020 मनु भाकर
2020 सौरभ चौधरी
2020 मनीष नरवाल (पैरा निशानेबाजी)

स्क्वाश (Squash)

1969 अनिल नायर
2006 सौरव घोषाल
2012 दीपिका पल्लीकल
2013 जोशना चिनप्पा
2014 अनाका अलंकामोनी

तैराकी

1961 बजरंगी प्रसाद
1966 रीमा दत्ता
1967 अरुण शॉ
1969 बैद्यनाथ नाथ
1971 भंवर सिंह
1973 डी. (टिंगू) खाटू
1974 ए.बी. सारंग
1974 मंजरी भार्गव (डाइविंग)
1975 एम.एस. राना
1975 स्मिता देसाई
1982 पर्सिस मदन
1983 अनीता सूद
1984 खजान सिंह
1988 विल्सन चेरियन
1990 तुला चौधरी
1996 कुट्रलीस्वरन
1998 भानु सचदेवा
1999 निशा बाजरा
2000 सेबस्टियन जेवियर
2000 जे. अभिजीत
2005 शिखा टंडन
2010 रेहान पोंचा
2011 वीरधवल खाडे
2011 प्रशांत कर्मकार (पैरा एथलीट)
2012 संदीप सेजवाल
2015 शरथ गायकवाड़ (पैरा एथलीट)
2020 सुयश नारायण जाधव (पैरा एथलीट)

टेबल टेनिस

1961 जे.सी. वोहरा
1965 जी. आर. दीवान
1966 यू. सुंदरराज
1967 एफ. आर. खोदाईजी
1969 मीर कासिम अली
1970 जी. जगन्नाथ
1971 के. एफ. खोदाईजी
1973 एन. आर. बजाज
1976 शैलजा सलोखे
1979 इंदु पुरी
1980 मंजीत दुआ
1982 वी. चंद्रशेखर
1985 कमलेश मेहता
1987 मोनालिसा बरुआ
1989 नियाती शाह
1990 एम. एस. वालिया
1997 चेतन बाबर
1998 सुब्रमण्यम रमन
2002 मंटू घोष
2004 अचंता शरथ कमल
2005 सौम्यदीप रॉय
2006 सुभजीत साहा
2009 पोलोमी घटक
2013 मौमा दास
2016 सौम्यजीत घोष
2017 एंथनी अमलराज
2018 साथियान ज्ञानसेकरन
2018 मनिका बत्रा
2019 हरमीत देसाई
2020 मधुरिका सुहास पाटकर

वॉलीबॉल

1961 ए. पलानीसामी
1962 नृपजीत सिंह
1972 बलवंत सिंह ए. के. बल्लू
1973 जी. एम. रेड्डी
1974 एम.एस. राव
1975 आर. सिंह
1975 के.सी. एलम्मा
1976 जिमी जॉर्ज
1977 ए. रमाना राव
1978 कुट्टी कृष्णन
1979 रियाज अहमद
1979 एस.के. मिश्रा
1982 जी.ई. श्रीधरन
1983 आर.के. पुरोहित
1984 साले जोसेफ
1986 सिरिल सी. वलोर
1989 अब्दुल बासिथ
1990 दलाल सिंह रोर
1991 के. उदय कुमार
1999 सुखपाल सिंह
2000 पी. वी. रमना
2001 अमीर सिंह
2002 रविकांत रेड्डी
2010 के. जे. कपिल देव
2011 संजय कुमार
2014 कमलेश खटले

भारोत्तोलन (Weightlifting)

1961 ए.एन. घोष
1962 लाल कृष्ण दास
1963 के.ई. राव
1965 बी. एस. भाटिया
1966 मोहन लाल घोष
1967 एस. जॉन गेब्रियल
1970 अरुण कुमार दास
1971 एस.एल. सलवान
1972 अनिल कुमार मंडल
1974 एस. वेलाइस्वामी
1975 दलबीर सिंह
1976 के. बालमुरुगनंदनम
1977 एम. तमिलसेलिवन
1978 एकामबरम करुणाकरण
1981 बी.के. सत्पथी
1982 तारा सिंह
1983 विसपी के. दरोगा
1985 मेहर चंद भास्कर
1986 जग मोहन सपरा
1987 जी. देवन
1989 ज्योत्सना दत्ता
1990 आर. चंद्रा
1990 कुंजरानी देवी
1991 छाया अदक
1993 भारती सिंह
1994 कर्णम मल्लेश्वरी
1997 परमजीत शर्मा
1997 एन. लक्ष्मी
1998 सतीश राय
1999 दलबीर देओल
2000 सनमचा चानू थिंगबाइगम
2002 थांडव मूर्ति मुथु
2006 गीता रानी
2011 काटुलु रवि कुमार
2012 नंगाबम सोनिया चानू
2014 रेणुबाला चानू
2015 सतीश शिवलिंगम

कुश्ती

1961 सूबेदार उदय चंद
1962 मालवा
1963 जी. अंडालकर
1964 बिशम्बर सिंह
1966 भीम सिंह भाटी
1967 मुख्तियार सिंह
1969 मास्टर चंदगी राम (भारतीय शैली की कुश्ती)
1970 सुदेश कुमार
1972 प्रेम नाथ
1973 जगरूप सिंह
1974 सतपाल
1978 राजिंदर सिंह
1980 जगमिंदर सिंह
1982 करतार सिंह
1985 महाबीर सिंह
1987 सुभाष वर्मा
1988 राजेश कुमार
1989 सत्यवान
1990 ओमबीर सिंह
1992 पप्पू यादव
1993 अशोक कुमार
1997 जगदीश भोला
1997 संजय कुमार
1998 काका पवार
1998 रोहतास सिंह दहिया
1999 अशोक कुमार
2000 रणधीर सिंह
2000 कृपा शकर पटेल
2000 के.डी. जाधव (मरणोपरांत)
2000 नरेश कुमार
2002 पलविंदर सिंह चीमा
2002 सुजीत मान
2003 शोखिन्दर तोमर
2004 अनुज कुमार
2005 सुशील कुमार
2006 गीतिका जाखड़
2008 अलका तोमर
2009 योगेश्वर दत्त
2010 राजीव तोमर
2011 रविन्द्र सिंह
2012 नरसिंह यादव
2012 राजिंदर कुमार
2012 गीता फोगट
2013 नेहा राठी
2013 धर्मेंद्र दलाल
2014 सुनील कुमार राणा
2015 बजरंग पुनिया
2015 बबीता कुमारी
2016 विनेश फोगट
2016 अमित कुमार सरोहा
2016 अमित कुमार दहिया, विनेश फोगट, वीरेंद्र सिंह
2017 सत्यव्रत कादियान
2018 सुमित मलिक
2019 पूजा ढांडा
2020 दिव्या काकरान
2020 राहुल अवारे

नौकायन (Yachting)

1970 लेफ्टिनेंट कमांडर एस. जे. कॉन्ट्रैक्टर
1973 अफसर हुसैन
1978 कमांडर। एस के मोंगिया
1981 जरीर करंजिया
1982 फारुख तारापोर
1982 फाली उनावाला
1982 जीजी अनवाला
1986 लेफ्टिनेंट ध्रुव भंडारी
1987 सी. एस. प्रदीपक
1990 पुष्पेन्द्र कुमार गर्ग
1993 कमांडर होमी मोतीवाला
1996 लेफ्टिनेंट कमांडर केली सुबबानंद राव (मरणोपरांत)
1999 आशिम मोंगिया
2001 महेश रामचंद्रन
2002 नितिन मोंगिया
2009 गिरधारी लाल यादव

पोलो

1961  प्रेम सिंह
1963 लेफ्टिनेंट कर्नल किशन सिंह
1964 हनुत सिंह
1975 मेजर वी. पी. सिंह
1983 लेफ्टिनेंट कर्नल आर.एस.सोढ़ी
1987 लेफ्टिनेंट कर्नल के.एस. गरचा
2012 समीर सुहाग
2018 रवि राठौर
2019 सिमरन सिंह शेरगिल

बॉडी बिल्डर

2019 एस. भास्करन

मोटरस्पोर्ट्स

2019 गौरव सिंह गिल

वुशु (मार्शल आर्ट)

2011 डब्ल्यू. संधिरानी देवी
2012 एम. बिमोलजीत सिंह
2015 युन्नम सनथोई देवी

खो खो

2020 काले सारिका सुधाकर

ल्यूज (Luge)

2020 शिवा केशवन

The post अर्जुन पुरस्कार वर्ष 1961 से 2020 तक सभी प्राप्तकर्ताओं की सूची appeared first on सामान्य ज्ञान (Samanya Gyan 2020).

राष्ट्रीय खेल पुरस्कार 2020

$
0
0
राष्‍ट्रीय खेल पुरस्‍कार 2020 विजेता | National Sports Awards 2020 Winners in Hindi

राष्‍ट्रीय खेल पुरस्‍कार विजेता 2020: (Winners of National Sports Awards 2020 in Hindi)

राष्‍ट्रीय खेल पुरस्‍कार 2020:

खेल मंत्रालय ने 21 अगस्त 2020 को  घोषणा की, पिछले सप्ताह न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) मुकुंदकम शर्मा की अगुवाई वाली चयनसमिति ने अर्जुन पुरस्कार के लिए 29 खिलाड़ियों के नाम खेल मंत्रालय के पास भेजे थे. इस सूची में रियो ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता पहलवान साक्षी मलिक और 2017 की विश्व भारोत्तोलन चैम्पियन मीराबाई चानू का नाम भी शामिल था, लेकिन इन दोनों को अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित करने का अंतिम फैसला खेल मंत्री किरण रिजिजू पर छोड़ दिया गया था।

असल में इन दोनों खिलाड़ियों को पहले ही देश का सर्वोच्च खेल पुरस्कार खेल रत्न (साक्षी-2016, मीराबाई-2018) मिल चुका था. इन दोनों के नाम को सूची में शामिल करने की आलोचना भी हुई थी।

इस साल खेल रत्न पाने वाले पांच खिलाड़ियों में स्टार क्रिकेटर रोहित शर्मा, पहलवान विनेश फोगाट, पैरालंपिक स्वर्ण पदक विजेता मरियप्पन थंगवेलु, टेबल टेनिस खिलाड़ी मनिका बत्रा और महिला हॉकी टीम की कप्तान रानी रामपाल शामिल हैं. मंत्रालय ने अपनी औपचारिक प्रेस विज्ञप्ति में इसकी पुष्टि की है।

कोविड-19 महामारी के कारण पहली बार पुरस्कार वितरण समारोह 29 अगस्त को राष्ट्रीय खेल दिवस पर वर्चुअल आयोजित किया जाएगा। इसी दिन हर साल राष्ट्रीय खेल पुरस्कार दिए जाते हैं। पहले इसके लिए राष्ट्रपति भवन में पुरस्कार समारोह का आयोजन किया जाता था।

राष्‍ट्रीय खेल पुरस्‍कार विजेता 2020 को मिलने वाली राशि:

राजीव गांधी खेल रत्‍न पुरस्‍कार: राजीव गांधी खेल रत्न भारत में दिया जाने वाला सबसे बड़ा खेल पुरस्कार है। इस पुरस्कार को भारत के भूतपूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के नाम पर रखा गया है। इस पुरस्कार मे एक पदक, एक प्रशस्ति पत्र और साढ़े सात लाख रुपय पुरुस्कृत व्यक्ति को दिये जाते है। इस पुरस्कार की स्थापना वर्ष 1991-92 में की गयी थी।
अर्जुन पुरस्‍कार: यह पुरस्‍कार लगातार चार वर्ष तक बेहतरीन प्रदर्शन के लिए दिया जाता है. इस पुरस्कार की शुरुआत वर्ष 1961 में हुई थी। पुरस्कार के रूप में पाँच लाख रुपये की राशि, अर्जुन की कांस्य प्रतिमा और एक प्रशस्ति पत्र दिया जाता है।
द्रोणाचार्य पुरस्‍कार: यह पुरस्‍कार प्रतिष्ठित अंतर्राष्‍ट्रीय खेल स्‍पर्धाओं में पदक विजेता तैयार करने हेतु कोचों को और खेल विकास के क्षेत्र में जीवन भर योगदान देने के लिए प्रदान किया जाता है। इस पुरस्कार की शुरुआत वर्ष 1985 में हुई थी। द्रोणाचार्य पुरस्कार के तहत गुरु द्रोणाचार्य की प्रतिमा, प्रमाणपत्र, पारंपरिक पोशाक और पाँच लाख रुपये का नकद पुरस्कार दिया जाता है।
ध्‍यान चंद पुरस्‍कार: यह पुरस्कार खेल-कूद में आजीवन उपलब्धि के लिए वर्ष 2002 में शुरू किया गया सर्वोच्च पुरस्कार है। यह पुरस्कार महान भारतीय हॉकी खिलाड़ी ध्यानचंद के नाम पर है. यह पुरस्कार प्राप्त करने वालों को एक प्रतिमा, प्रमाणपत्र, पारंपरिक पोशाक और पाँच लाख रुपये नकद दिये जाते हैं. इस पुरस्कार से प्रत्येक वर्ष ज़्यादा से ज़्यादा तीन खिलाड़ियों को सम्मानित किया जाता है।

राजीव गांधी खेल रत्‍न पुरस्‍कार विजेता 2020:
  • रोहित शर्मा (क्रिकेट)
  • विनेश फोगाट (कुश्ती)
  • मनिका बत्रा (टेबल टेनिस)
  • रानी रामपाल (हॉकी)
  • मरियप्पन थंगावेलु (पैरा एथलीट)
द्रोणाचार्य पुरस्‍कार विजेता 2020:

जीवन पर्यंत श्रेणी:

  • धर्मेंद्र तिवारी (तीरंदाजी)
  • पुरुषोत्तम राय (एथलेटिक्स)
  • शिव सिंह (मुक्केबाजी)
  • रोमेश पठानिया (हॉकी)
  • कृष्ण कुमार हुड्डा (कबड्डी)
  • विजय भालचंद्र मुनीश्वर (पैरा पावरलिफ्टिंग)
  • नरेश कुमार (टेनिस)
  • ओम प्रकाश दहिया (कुश्ती)

नियमित श्रेणी:

  • जूड फेलिक्स सेबेस्टियन (हॉकी)
  • योगेश मालवीय (मल्लखंब)
  • जसपाल राणा (निशानेबाजी)
  • कुलदीप कुमार हांडू (वुशु)
  • गौरव खन्ना (पैरा बैडमिंटन)

अर्जुन पुरस्‍कार विजेता 2020:

  • अतनु दास (तीरंदाजी)
  • दुती चंद (एथलेटिक्स)
  • सात्विक साईराज रंकीरेड्डी (बैडमिंटन)
  • चिराग चंद्रशेखर शेट्टी (बैडमिंटन)
  • विशेष भृगुवंशी (बास्केटबॉल)
  • सूबेदार मनीष कौशिक (मुक्केबाजी)
  • लवलीना बोरगोहेन (मुक्केबाजी)
  • ईशांत शर्मा (क्रिकेट)
  • दीप्ति शर्मा (क्रिकेट)
  • सावंत अजय अनंत (अश्वारोही)
  • संदेश झिंगन (फुटबॉल)
  • अदिति अशोक (गोल्फ)
  • आकाशदीप सिंह (हॉकी)
  • दीपिका (हॉकी)
  • दीपक हुड्डा (कबड्डी)
  • काले सारिका सुधाकर (खो खो)
  • दत्तू बबन भोकानल (रोइंग)
  • मनु भाकर (निशानेबाजी)
  • सौरभ चौधरी (निशानेबाजी)
  • मधुरिका सुहास पाटकर (टेबल टेनिस)
  • दिविज शरण (टेनिस)
  • शिवा केशवन (शीतकालीन खेल)
  • दिव्या काकरान (कुश्ती)
  • राहुल अवारे (कुश्ती)
  • सुयश नारायण जाधव (पैरा स्विमिंग)
  • संदीप (पैरा एथलेटिक्स)
  • मनीष नरवाल (पैरा निशानेबाजी)
ध्‍यानचंद पुरस्‍कार विजेता 2019:
  • मैनुअल फ्रेडरिक्स (हॉकी)
  • अनूप बासक (टेबल टेनिस)
  • मनोज कुमार (कुश्ती)
  • नितिन कीर्तने (टेनिस)
  • सी लालरेमसांगा (तीरंदाजी)

राष्ट्रीय खेल प्रोत्साहन पुरस्कार 2020:

  • लक्ष्‍य इंस्‍टीट्यूट (उभरती हुई युवा प्रतिभा की पहचान करना और उसे शिक्षित करना)
  • आर्मी स्‍पोर्ट्स इंस्‍टीट्यूट (उभरती हुई युवा प्रतिभा की पहचान करना और उसे शिक्षित करना)
  • तेल और प्राकृतिक गैस निगम (ओएनजीसी) लिमिटेड (कॉर्पोरेट सामाजिक जिम्‍मेदारी के जरिये खेलों को प्रोत्‍साहन)
  • एयर फोर्स स्‍पोर्ट्स कंट्रोल बोर्ड (खिलाडि़यों को रोजगार और खेल कल्‍याण उपाय)
  • इंटरनेशनल इंस्‍टीट्यूट ऑफ स्‍पोर्ट्स मैनेजमेंट (आईआईएसएम) (खेल के विकास के लिए)

मौलाना अबुल कलाम आजाद (MAKA) ट्रॉफी 2018-19:

  • पंजाब विश्वविद्यालय, (चण्डीगढ़) पंजाब

यह भी पढे: राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय कप व ट्रॉफियां और उनसे सम्बंधित खेल

The post राष्ट्रीय खेल पुरस्कार 2020 appeared first on सामान्य ज्ञान (Samanya Gyan 2020).

पद्म पुरस्कार 2020 के सभी विजेताओं के नाम और उनके क्षेत्र की सूची

$
0
0
पद्म पुरस्कार 2019 के विजेताओं की सूची | List of Padma Awardees Year 2020

पद्म पुरस्कार 2020 के विजेताओं के नाम और उनके क्षेत्र: (Winners List of Padma Awards 2019 in Hindi)

देश के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कारों में से एक पद्म पुरस्कार तीन श्रेणियों, पद्म विभूषण, पद्म भूषण और पद्मश्री में प्रदान किया जाता है। ये पुरस्कार विभिन्न विषयों/गतिविधियों के क्षेत्रों, अर्थात- कला, सामाजिक कार्य, सार्वजनिक मामले, विज्ञान एवं इंजीनियरिंग, व्यापार एवं उद्योग, चिकित्सा, साहित्य और शिक्षा, खेल, नागरिक सेवा आदि में प्रदान किए जाते हैं। ‘पद्म विभूषण’ असाधारण और विशिष्ट सेवा के लिए, ‘पद्म भूषण’ उच्च क्रम की विशिष्ट सेवा के लिए और ‘पद्मश्री’ किसी क्षेत्र में विशिष्ट सेवा के लिए प्रदान किए जाते हैं। यह पुरस्कार हर साल गणतंत्र दिवस के अवसर पर घोषित किए जाते हैं।

राष्‍ट्रपति द्वारा ये पुरस्कार राष्ट्रपति भवन में आमतौर पर हर साल मार्च/अप्रैल के आसपास आयोजित एक समारोह में प्रदान किए जाते है। इस वर्ष राष्ट्रपति ने 4 युगल मामलों (एक युगल मामलों का मतलब एक पुरस्‍कार) सहित नीचे दी गई सूची के अनुसार 141 पद्म पुरस्कार प्रदान करने को मंजूरी दी है। इस सूची में 7 पद्म विभूषण, 16 पद्म भूषण और 118 पद्मश्री पुरस्कार शामिल हैं। पुरस्कार पाने वालों में 33 महिलाएं हैं। इस सूची में विदेशियों की श्रेणी के 18 व्यक्तियों/एनआरआई/पीआईओ/ओसीआई और 12 मरणोपरांत पुरस्कार पाने वाले भी शामिल हैं।

आइये पढ़ें पद्म पुरस्कार 2020 के सभी विजेताओं की पूरी सूची:

पद्म विभूषण:

नाम क्षेत्र राज्‍य/देश
श्री जॉर्ज फर्नांडिज (मरणोपरांत) राजनीति बिहार
श्री अरुण जेटली (मरणोपरांत) राजनीति दिल्‍ली
श्री अनिरुद्ध जगन्‍नाथ जीसीएसके राजनीति मॉरीशस
श्रीमती एम सी मैरीकॉम खेल मणिपुर
श्री छन्‍नू लाल मिश्र कला उत्‍तर प्रदेश
श्रीमती सुषमा स्‍वराज (मरणोपरांत) राजनीति दिल्‍ली
श्री विश्‍वेशतीर्थ स्‍वामीजी श्री पजवरा अधोखज मठ उडुपी (मरणोपरांत) अन्‍य-आध्‍यात्मिकता कर्नाटक

पद्म भूषण:

नाम क्षेत्र राज्‍य/देश
श्री एम. मुमताज अली (श्री एम) अन्‍य-आध्‍यात्मिकता केरल
श्री सैय्यद मुअज्‍़ज़ीम अली (मरणोपरांत) राजनीति बांग्‍लादेश
श्री मुज़फ्फर हुसैन बेग राजनीति जम्‍मू एवं कश्‍मीर
श्री अजॉय चक्रवर्ती कला पश्चिम बंगाल
श्री मनोज दास साहित्‍य एवं शिक्षा पुदुचेरी
श्री बालकृष्‍ण दोशी अन्‍य वास्‍तुकला गुजरात
सुश्री कृष्‍णम्‍मल जगन्‍नाथन सामाजिक कार्य तमिलनाडु
श्री एस.सी. जमीर राजनीति नगालैंड
श्री अनिल प्रकाश जोशी सामाजिक कार्य उत्‍तराखंड
डा. त्‍सेरिंग लेंडोल चिकित्‍सा लद्दाख
श्री आनन्‍द महिन्‍द्रा व्‍यापार एवं उद्योग महाराष्‍ट्र
श्री नीलकण्‍ठ रामकृष्‍ण माधव मेनन (मरणोपरांत) राजनीति केरल
श्री मनोहर गोपालकृष्‍ण प्रभु पर्रिकर (मरणोपरांत) राजनीति गोवा
प्रो. जगदीश सेठ साहित्‍य एवं शिक्षा अमेरिका
सुश्री पी वी सिंधू खेल तेलंगाना
श्री वेणु श्रीनिवासन व्‍यापार एवं उद्योग तमिलनाडु

पद्मश्री

नाम क्षेत्र राज्‍य/देश
गुरु शशाधर आचार्य कला झारखंड
डॉ. योगी एरॉन चिकित्‍सा उत्‍तराखंड
श्री जयप्रकाश अग्रवाल व्‍यापार एवं उद्योग दिल्‍ली
श्री जगदीश लाल आहूजा सामाजिक कार्य पंजाब
श्री काज़ी मासूम अख्‍तर साहित्‍य एवं शिक्षा पश्चिम बंगाल
सुश्री ग्‍लौरिया अरिएैरा साहित्‍य एवं शिक्षा ब्राजील
श्री खान जहीर खान बख्तियार खान खेल महाराष्‍ट्र
डा. पद्मावति बंदोपाध्‍याय चिकित्‍सा उत्‍तर प्रदेश
डा. सुशोवन बनर्जी चिकित्‍सा पश्चिम बंगाल
डा. दिगम्‍बर बेहरा चिकित्‍सा चंडिगढ़
डा. दमयंती बेसरा साहित्‍य एवं शिक्षा ओडिशा
श्री पवार पोपटराव भगुजी सामाजिक कार्य महाराष्‍ट्र
श्री हिम्‍मत राम भंभु सामाजिक कार्य राजस्‍थान
श्री संजीव भीखचंदानी व्‍यापार एवं उद्योग उत्‍तर प्रदेश
श्री गफूर भाई एम. बिलाखिया व्‍यापार एवं उद्योग गुजरात
श्री बॉब ब्‍लैकमेन राजनीति ब्रिटेन
सुश्री इंदिरा पी. पी. बोरा कला असम
श्री मदन सिंह चौहान कला छत्‍तीसगढ़़
सुश्री ऊषा चौमार सामाजिक कार्य राजस्‍थान
श्री लील बहादुर छेत्री साहित्‍य एवं शिक्षा असम
सुश्री ललीता एवं सुश्री सरोज चिदम्‍बरम (युगल)* कला तमिलनाडु
डा. वजीरा चित्रसेन कला श्रीलंका
डा. पुरुषोत्‍तम दधीच कला मध्‍य प्रदेश
श्री उत्‍सव चरणदास कला ओडिशा
प्रो. इंदिरा दासनायके (मरणोपरांत) साहित्‍य एवं शिक्षा श्रीलंका
श्री एच.एम. देसाई साहित्‍य एवं शिक्षा गुजरात
श्री मनोहर देवदास कला तमिलनाडु
सुश्री ओइनाम बेमबिम देवी खेल मणिपुर
सुश्री लिया दिसकिन सामाजिक कार्य ब्राजील
श्री ए.पी. गणेश खेल कर्नाटक
डा. बंगलोर गंगाधर चिकित्‍सा कर्नाटक
डा. रमण गंगाखेडकर विज्ञान एवं इंजीनियरिंग महाराष्‍ट्र
श्री बेरी गार्डिनर राजनीति ब्रिटेन
श्री चेवांग मोनुप गोबा व्‍यापार एवं उद्योग लद्दाख
श्री भरत गोयनका व्‍यापार एवं उद्योग कर्नाटक
श्री यादला गोपालराव कला आंध्र प्रदेश
श्री मित्रभानु गोंटिया कला ओडिशा
सुश्री तुलसी गौडा सामाजिक कार्य कर्नाटक
श्री सुजॉय के. गुहा विज्ञान एवं इंजीनियरिंग बिहार
श्री हरिकला हजब्‍बा सामाजिक कार्य कर्नाटक
श्री इनामुल हक अन्‍य-पुरातत्‍व बांग्‍लादेश
श्री मधु मंसूरी हसमुख कला झारखंड
श्री अब्‍दुल जब्‍बार (मरणोपरांत) सामाजिक कार्य मध्‍य प्रदेश
श्री बिमल कुमार जैन सामाजिक कार्य बिहार
सुश्री मीनाक्षी जैन साहित्‍य एवं शिक्षा दिल्‍ली
श्री नेमनाथ जैन व्‍यापार एवं उद्योग मध्‍य प्रदेश
सुश्री शांति जैन कला बिहार
श्री सुधीर जैन विज्ञान एवं इंजीनियरिंग गुजरात
श्री बेनीचंद्र जमातिया साहित्‍य एवं शिक्षा त्रिपुरा
श्री के. वी. संपथ कुमार एवं सुश्री विदुषी जयलक्ष्‍मी के. एस. (युगल)* साहित्‍य एवं शिक्षा – पत्रकारिता कर्नाटक
श्री करण जौहर कला महाराष्‍ट्र
डा. लीला जोशी चिकित्‍सा मध्‍य प्रदेश
सुश्री सरिता जोशी कला महाराष्‍ट्र
श्री सी कमलोआ साहित्‍य एवं शिक्षा मिजोरम
डा. रवि कन्‍नन आर. चिकित्‍सा असम
सुश्री एकता कपूर कला महाराष्‍ट्र
श्री याज़दी नाओश्रीवान करंजिया कला गुजरात
श्री नारायण जे. जोशी करायल साहित्‍य एवं शिक्षा गुजरात
डा. नरिन्‍दर नाथ खन्‍ना चिकित्‍सा उत्‍तर प्रदेश
श्री नवीन खन्‍ना विज्ञान एवं इंजीनियरिंग दिल्‍ली
श्री एस. पी. कोठारी साहित्‍य एवं शिक्षा अमरीका
श्री वी.के. मनुसामी कृष्‍णा पख्‍़तहर कला पुदुचेरी
श्री एम. के. कुंजोल सामाजिक कार्य केरल
श्री मनमोहन महापात्रा (मरणोपरांत) कला ओडिशा
उस्‍ताद अनवर खान मंगनियार कला राजस्‍थान
श्री कट्टुंगल सुब्रमण्‍यम मनिलाल विज्ञान एवं इंजीनियरिंग केरल
श्री मुन्‍ना मास्‍टर कला राजस्‍थान
प्रो. अभिराज राजेन्‍द्र मिश्र साहित्‍य एवं शिक्षा हिमाचल प्रदेश
सुश्री बीनापाणि मोहंती साहित्‍य एवं शिक्षा ओडिशा
डॉ. अरुणोदय मंडल चिकित्‍सा पश्चिम बंगाल
डा. पृथविन्‍द्र मुखर्जी साहित्‍य एवं शिक्षा फ्रांस
श्री सत्‍यनाराण मुंडयूर सामाजिक कार्य अरुणाचल प्रदेश
श्री मणिलाल नाग कला पश्चिम बंगाल
श्री एन. चन्‍द्रशेखरण नायर साहित्‍य एवं शिक्षा केरल
डा. तेत्‍सू नकामूरा (मरणोपरांत) सामाजिक कार्य अफगानिस्‍तान
श्री शिवदत्‍त निर्मोही साहित्‍य एवं शिक्षा जम्‍मू एवं कश्‍मीर
श्री पु. ललबियाकथंगा पचुआऊ साहित्‍य एवं शिक्षा-पत्रकारिता मिजोरम
सुश्री मुझिक्‍कल पंकजाक्षी कला केरल
डा. प्रसंत कुमार पटनायक साहित्‍य एवं शिक्षा अमरीका
श्री जोगेन्‍द्र नाथ फुकन साहित्‍य एवं शिक्षा असम
सुश्री रहिबाई सोम पोपेरे अन्‍य-कृषि महाराष्‍ट्र
श्री योगेश प्रवीण साहित्‍य एवं शिक्षा उत्‍तर प्रदेश
श्री जीतू राय खेल उत्‍तर प्रदेश
श्री तरुणदीप राय खेल सिक्किम
श्री एस. रामाकृष्‍णन सामाजिक कार्य तमिलनाडु
सुश्री रानी रामपाल खेल हरियाणा
सुश्री कंगना रनौत कला महाराष्‍ट्र
श्री दलवई चलापतिराव कला आंध्र प्रदेश
श्री शाहबुद्दीन राठौर साहित्‍य एवं शिक्षा गुजरात
श्री कल्‍याण सिंह रावत सामाजिक कार्य उत्‍तराखंड
श्री चिंतला वेंकट रेड्डी अन्‍य-कृषि तेलंगाना
श्रीमती डा. शांति राय चिकित्‍सा बिहार
श्री राधममोहन एवं सुश्री सबरमती (युगल)* अन्‍य-कृषि ओडिशा
श्री बताकृष्‍णा साहू अन्‍य-पशुपालन ओडिशा
सुश्री त्रिनिति साईऊ अन्‍य-कृषि मेघालय
श्री अदनान सामी कला महाराष्‍ट्र
श्री विजय संकेश्‍वर व्‍यापार एवं उद्योग कर्नाटक
डा. कुशल कुंवर सर्मा चिकित्‍सा असम
श्री सैय्यद महबूब शाह कादरी ऊर्फ सैय्यद भाई सामाजिक कार्य महाराष्‍ट्र
श्री मोहम्‍मद शरीफ सामाजिक कार्य उत्‍तर प्रदेश
श्री श्‍याम सुंदर शर्मा कला बिहार
डा. गुरदीप सिंह चिकित्‍सा गुजरात
श्री रामजी सिंह सामाजिक कार्य बिहार
श्री वशिष्‍ठ नारायण सिंह (मरणोपरांत) विज्ञान एवं इंजीनियरिंग बिहार
श्री दया प्रकाश सिन्‍हा कला उत्‍तर प्रदेश
डॉ. सान्‍द्र देसा सौजा चिकित्‍सा महाराष्‍ट्र
श्री विजयसारथी श्रीभाष्‍यम साहित्‍य एवं शिक्षा तेलंगाना
श्रीमती कली शाबी महबूब एवं श्री शेक महबूब सुबानी (युगल)* कला तमिलनाडु
श्री जावेद अहमद टॉक सामाजिक कार्य जम्‍मू एवं कश्‍मीर
श्री प्रदीप थलाप्पिल विज्ञान एवं इंजीनियरिंग तमिलनाडु
श्री येशे दोरजी थॉन्‍गची साहित्‍य एवं शिक्षा अरुणाचल प्रदेश
श्री रॉबर्ट थर्मन साहित्‍य एवं शिक्षा अमेरिका
श्री अगस इंद्रा उद्यन सामाजिक कार्य इंडोनेशिया
श्री हरीश चंद्र वर्मा विज्ञान एवं इंजीनियरिंग उत्‍तर प्रदेश
श्री सुंदरम वर्मा सामाजिक कार्य राजस्‍थान
डा. रोमेश टेकचंद वाधवानी व्‍यापार एवं उद्योग अमेरिका
श्री सुरेश वाडकर कला महाराष्‍ट्र
श्री प्रेम वत्‍स व्‍यापार एवं उद्योग कनाडा

The post पद्म पुरस्कार 2020 के सभी विजेताओं के नाम और उनके क्षेत्र की सूची appeared first on सामान्य ज्ञान (Samanya Gyan 2020).

संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) के अध्यक्ष, उनके कार्य एवं भूमिकाओं की सूची

$
0
0
यूपीएससी के अध्यक्षों की सूची (1926-2018) | List of UPSC Chairman in Hindi

संघ लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष: (Union Public Service Commission (UPSC) Chairman’s List in Hindi)

यूपीएससी (UPSC) क्या है?

संघ लोक सेवा आयोग (‘यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन’ अर्थात ‘यूपीएससी’) भारत के संविधान द्वारा स्थापित एक ऐसी संस्था है, जो भारत सरकार के लोक सेवा के अधिकारियों की नियुक्ति के लिए परीक्षाएँ संचालित करती है। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 315-323 में एक ‘संघीय लोक सेवा आयोग’ और राज्यों के लिए ‘ राज्य लोक सेवा आयोग’ के गठन का प्रावधान है। प्रथम लोक सेवा आयोग की स्थापना 1 अक्टूबर, 1926 ई. को हुई थी। संघ लोक सेवा आयोग की मुख्य भूमिका केंद्र तथा राज्यों के लिए सामान्य विभिन्न केंद्रीय सिविल सेवाओं तथा पदों एवं सेवाओं में नियुक्ति के लिए व्यक्तियों का चयन करना है।

संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) अध्यक्ष 2020:

बरेली कॉलेज के वाणिज्य विभाग में शिक्षक रहे प्रोफेसर प्रदीप कुमार जोशी को संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) का अध्यक्ष नियुक्ति किया गया है। उनका कार्यकाल 12 मई, 2021 तक रहेगा। प्रोफेसर जोशी इसके पहले छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग दोनों के अध्यक्ष थे। वे मई 2015 में यूपीएससी में सदस्य के रूप में शामिल हुए थे।

2000-02 नेशनल इंस्टीट््यूट ऑफ एजुकेशन प्लाङ्क्षनग एंड एडमिनिस्ट्रेशन (नेपा) के चेयरमैन रहे। इसके अलावा मानव संसाधन विकास मंत्रालय की विभिन्न समितियों में भी कार्यरत रहे हैं। 2002- 2012 तक मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष रहे। इसके बाद 2012 से 2016-17 तक छत्तीसगढ़ सेवा आयोग के अध्यक्ष रहे। बाद में वह संघ लोक सेवा आयोग के सदस्य बनें और आज वह इसके अध्यक्ष बनाए गए हैं।

वर्ष 1926 से अब तक के सभी संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) अध्यक्षों की सूची:

नाम कार्यकाल
सर रोस बार्कर 1926 से 1932 तक
सर डेविड पेट्री अगस्त 1932 से 1936 तक
सर आयरे गोर्डन 1937 से 1942 तक
सर एफ. डब्ल्यू. राबर्टसन 1942 से 1947 तक
श्री एच. के. कृपलानी 1 अप्रैल 1947 से 13 जनवरी 1949 तक
श्री आर. एन. बनर्जी 14 जनवरी 1949 से 09 मई 1955 तक
श्री एन. गोविंदराजन 10 मई 1955 से 09 दिसंबर 1955 तक
श्री वी. एस. हेजमाड़ी 10 दिसंबर 1955 से 09 दिसंबर 1961 तक
श्री बी. एन. झा 11 दिसंबर 1961 से 22 फरवरी 1967 तक
श्री के. आर. दामले 18 अप्रैल 1967 से 02 मार्च 1971 तक
श्री आर. सी. एस. सरकार 11 मई 1971 से 01 फरवरी 1973 तक
डॉ. ए. आर. किदवई 05 फरवरी 1973 से 04 फरवरी 1979 तक
डॉ. एम. एल. शहारे 16 फरवरी 1979 से 16 फरवरी 1985 तक
श्री एच. के. एल. कपूर 18 फरवरी 1985 से 05 मार्च 1990 तक
श्री जे.पी. गुप्ता 05 मार्च 1990 से 02 जून 1992 तक
श्रीमती आर.एम. बाथ्यू (खरबुली) 23 सितंबर 1992 से 23 अगस्त 1996 तक
श्री एस.जे.एस. छतवाल 23 अगस्त 1996 से 30 सितंबर 1996 तक
श्री जे.एम. कुरैशी 30 सितंबर 1996 से 11 दिसंबर 1998 तक
ले. जनरल (सेवानिवृत्त) सुरिंदर नाथ 11 दिसंबर 1998 से 25 जून 2002 तक
श्री पी.सी. होता 25 जून 2002 से 08 सितंबर 2003 तक
श्री माता प्रसाद 08 सितंबर 2003 से 04 जनवरी 2005 तक
डॉ. एस.आर. हाशिम 04 जनवरी 2005 से 01 अप्रैल 2006 तक
श्री गुरबचन जगत 01 अप्रैल 2006 से 30 जून 2007 तक
श्री सुबीर दत्ता 30 जून 2007 से 16 अगस्त 2008 तक
प्रोफेसर डीपी अग्रवाल 16 अगस्त 2008 से 16 अगस्त 2014 तक
रजनी राज़दान 16 अगस्त 2014 से 22 नवंबर 2014 तक
दीपक गुप्ता 22 नवंबर 2014 से 20 सितंबर 2016 तक
श्रीमती अल्का सिरोही 21 सितंबर 2016 से 03 जनवरी 2017 तक
प्रो. डेविड आर. सिम्लिह 04 जनवरी 2017 से 21 जनवरी 2018 तक
विनय मित्तल 22 जनवरी 2018 से 19 जून 2018 तक
अरविंद सक्सेना 20 जून 2018-06 अगस्त 2020
प्रो. (डॉ.) प्रदीप कुमार जोशी 07 अगस्त 2020- वर्तमान

अंतिम संशोधन: 07 अगस्त 2020

यह भी पढे: भारतीय लोक सभा के स्पीकर और उनका कार्यकाल

संघ लोक सेवा आयोग का कार्यालय स्थल:

कार्यालय स्थल भारत के संघ लोक सेवा आयोग का मुख्यालय कार्यालय स्थल धौलपुर हाउस नई दिल्ली है। कुंडलाकार की यह सुन्दर इमारत इंडिया गेट के बगल में शाहजहां रोड पर स्थित है। यह पहले धौलपुर राजघराने का निवास हुआ करता था और इसका निर्माण भी नई दिल्ली के निर्माण के दौरान 1920 के दशक में किया गया था।

संघ लोक सेवा आयोग के कार्य एवं भूमिकाएं कौन-कौन सी है?

संघ लोक सेवा आयोग (‘यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन’) को संविधान के अंतर्गत निम्नलिखित कार्य एवं भूमिकाएँ सौंपी गई हैं:-

  • संघ के अधीन सेवाओं और पदों पर प्रतियोगिता परीक्षाओं के आयोजन के माध्यम से भर्ती।
  • केंद्र सरकार के अधीन सेवाओं तथा पदों पर साक्षात्कार के माध्यम से चयन द्वारा भर्ती।
  • पदोन्नति पर नियुक्ति के साथ-साथ प्रतिनियुक्ति पर स्थानांतरण के लिए अधिकारियों की उपयुक्तता पर परामर्श देना।
  • विभिन्न सेवाओं तथा पदों पर भर्ती की पद्धति से सम्बध्द सभी मामलों पर सरकार को परामर्श देना।
  • विभिन्न सिविल सेवाओं से सम्बद्ध अनुसानिक मामले।
  • असाधारण पेंशन प्रदान करने, विधिक व्यय आदि की प्रतिपूर्ति से संबंधित विविध मामले आदि।

संघ लोक सेवा आयोग के सदस्यों का चुनाव कैसे होता है?

सदस्य आयोग के सदस्य भारत के राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त होते हैं। कम से कम आधे सदस्य किसी लोक सेवा के सदस्य होते हैं, जो न्यूनतम 10 वर्षों के अनुभव प्राप्त हों। इनका कार्यकाल 6 वर्षों या 65 वर्ष की उम्र तक का होता है। ये कभी भी अपना इस्तीफ़ा राष्ट्रपति को दे सकते हैं। इससे पहले राष्ट्रपति इन्हें पद की अवमानना या अवैध कार्यों में लिप्त होने के लिए बर्ख़ास्त कर सकता है।

संघ लोक सेवा आयोग द्वारा संचालित प्रमुख परीक्षाएं कौन-कौन सी है?:

संघ लोक सेवा आयोग का मुख्य कार्य केन्द्र तथा राज्यों की लोकसेवा के लिए सदस्यों का चुनाव करना है। इसके लिए यह विभिन्न परीक्षाएं को संचालित करती है। इनमें से कुछ मुख्य परीक्षाएं निम्नलिखित है:-

  • सम्मिलित चिकित्सा सेवा परीक्षा (फरवरी में)
  • राष्ट्रीय रक्षा अकादमी और नौसेना अकादमी परीक्षा (अप्रैल और सितम्बर में)
  • सिविल सेवा (प्रारंभिक) परीक्षा (मई में)
  • भारतीय वन सेवा परीक्षा (जुलाई में)
  • इंजीनियरी सेवा परीक्षा (जुलाई में)
  • स्पेशल क्लास रेलवे अप्रेंटिसेज़ परीक्षा (अगस्त में)
  • भारतीय अर्थ सेवा/भारतीय सांख्यिकी सेवा परीक्षा (सितम्बर में)
  • सिविल सेवा (प्रधान) परीक्षा (अक्टूबर/नवम्बर में)
  • सम्मिलित रक्षा सेवा परीक्षा (मई और अक्टूबर में)
  • भू-विज्ञानी परीक्षा (दिसम्बर में)
  • अनुभाग अधिकारी/आशुलिपिक (ग्रेड ख/ग्रेड 1) सीमित विभागीय प्रतियोगिता परीक्षा (दिसम्बर में)

इसके अतिरिक्त राज्य लोक सेवा के अधिकारियों को संघ लोक सेवा से अधिकारी के रूप में भर्ती करना, भर्ती के नियम बनाना, विभागीय पदोन्नति समितियों का आयोजन करना, भारत के राष्ट्रपति द्वारा निर्दिष्ट कोई अन्य मामला सुलझाना इत्यादि कार्यो को भी संपन्न करना है।

यह भी पढ़े: भारत की प्रमुख प्रतियोगी परीक्षाओं की सूची

The post संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) के अध्यक्ष, उनके कार्य एवं भूमिकाओं की सूची appeared first on सामान्य ज्ञान (Samanya Gyan 2020).

विश्व के सभी देशों के राष्ट्रीय फलों की सूची

$
0
0
विश्व के सभी देशों के राष्ट्रीय फलों की सूची National fruits of all countries in the World

भारत का राष्ट्रीय फल (National fruit of India):

एक गूदे दार फल, जिसे पकाकर खाया जाता है या कच्‍चा होने पर इसे अचार आदि में इस्‍तेमाल किया जाता है, यह मेग्‍नीफेरा इंडिका का फल अर्थात आम है जो उष्‍ण कटिबंधी हिस्‍से का सबसे अधिक महत्‍वपूर्ण और व्‍यापक रूप से उगाया जाने वाला फल है। इसका रसदार फल विटामिन ए, सी तथा डी का एक समृद्ध स्रोत है। भारत में विभिन्‍न आकारों, मापों और रंगों के आमों की 100 से अधिक किस्‍में पाई जाती हैं। आम को अनंत समय से भारत में उगाया जाता रहा है। कवि कालीदास ने इसकी प्रशंसा में गीत लिखे हैं। अलेक्‍सेंडर ने इसका स्‍वाद चखा है और साथ ही चीनी धर्म यात्री व्‍हेन सांग ने भी। मुगल बादशाह अकबर ने बिहार के दरभंगा में 1,00,000 से अधिक आम के पौधे रोपे थे, जिसे अब लाखी बाग के नाम से जाना जाता है।

विश्‍व भर में बसे विविध पृष्‍ठभूमियों के भारतीय इन राष्‍ट्रीय प्रतीकों पर गर्व करते हैं क्‍योंकि वे प्रत्‍येक भारतीय के हृदय में गौरव और देश भक्ति की भावना का संचार करते हैं।

भारत एवं विश्व के राष्ट्रीय फलों की सूची:

देश साधारण नाम वैज्ञानिक नाम
 अफ़ग़ानिस्तान आड़ू प्रूनस पर्सिका
आड़ू या सतालू का उत्पत्ति स्थान चीन है। कुछ वैज्ञानिकों का मत है कि यह ईरान में उत्पन्न हुआ। यह पर्णपाती वृक्ष है।
 आर्मीनिया खुबानी प्रूनस आर्मीनिया
ख़ुबानी एक गुठलीदार फल है। वनस्पति-विज्ञान के नज़रिए से ख़ुबानी, आलू बुख़ारा और आड़ू तीनों एक ही “प्रूनस” नाम के वनस्पति परिवार के फल हैं। उत्तर भारत और पाकिस्तान में यह बहुत ही महत्वपूर्ण फल समझा जाता है। विश्व में सबसे ज़्यादा ख़ुबानी तुर्की में उगाई जाती है।
 ऑस्ट्रेलिया रास्पबेरी सियाजियम ल्युमैननी (Syzygium luehmannii)
स्पबेरी लाल रंग का रसदार फल होता है, जो गुलाब परिवार से संबंधित है। रास्पबेरी को रसभरी भी कहा जाता है। यह फल कई रंगों में पाया जाता है जैसे – लाल, काले व बैंगनी। यह बहुत ही स्वादिष्ट फल होता है। इसमें भरपूर मात्रा में विटामिन-सी और अन्य जरूरी पोषक तत्व मौजूद होते हैं। 2018 में रास्पबेरी का विश्व उत्पादन 870,209 टन था, जिसका नेतृत्व रूस कुल विश्व के 19% के साथ कर रहा था।
 ऑस्ट्रिया सेब मालुस डोमेस्टिका
सेब का रंग लाल या हरा होता है। वैज्ञानिक भाषा में इसे मेलस डोमेस्टिका (Melus domestica) कहते हैं। इसका मुख्यतः स्थान मध्य एशिया है। इसके अलावा बाद में यह यूरोप में भी उगाया जाने लगा। यह हजारों वर्षों से एशिया और यूरोप में उगाया जाता रहा है। इसे एशिया और यूरोप से उत्तरी अमेरिका बेचा जाता है। इसका ग्रीक और यूरोप में धार्मिक महत्व है। विश्व मे सेब की 7,500 से अधिक ज्ञात किस्में हैं
 आज़रबाइजान अनार प्यूनिका ग्रेनेटम (Punica granatum)
अनार दुनिया के गर्म प्रदेशों में पाया जाता है। स्वास्थ्य की दृष्टि से यह एक महत्त्वपूर्ण फल है। भारत में अनार के पेड़ अधिकतर महाराष्ट्र, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु और गुजरात में पाए जाते हैं। सबसे पहले अनार के बारे में रोमन भाषियों ने पता लगाया था। रोम के निवासी अनार को ज्यादा बीज वाला सेब कहते थे।
 बांग्लादेश कटहल आर्टोकार्पस हेट्रोफिलस
कटहल या फनस का वृक्ष शाखायुक्त, सपुष्पक तथा बहुवर्षीय वृक्ष है। यह दक्षिण तथा दक्षिण-पूर्व एशिया का मूल-निवासी है। पेड़ पर होने वाले फलों में इसका फल विश्व में सबसे बड़ा होता है। फल के बाहरी सतह पर छोटे-छोटे काँटे पाए जाते हैं। इस प्रकार के संग्रन्थित फल को सोरोसिस कहते हैं।
 कंबोडिया चाक पोंग मूण मूसा एरोमैटिक
कंबोडिया का राष्ट्रीय फल चिकन अंडे केला है। केला को सबसे मूल्यवान पौधों के बीच कंबोडिया का राष्ट्रीय फल माना जाता है और यह ताड़ के पेड़ और रूमडॉल फूल के समान समाज को कई लाभ प्रदान करता है। चीक पोंग मोइन को खमेर भाषा में कहा जाता है, और वैज्ञानिक का नाम अंग्रेजी में मूसा एरोमैटिक और चिकन एग केला है।
 कनाडा कोई नहीं
 केंद्रीय अफ्रीकन गणराज्य केला मूसा एक्युमिनाटा, मूसा बेलबिसियाना, मूसा पैरादिसिया
मूसा जाति के घासदार पौधे और उनके द्वारा उत्पादित फल को आम तौर पर केला कहा जाता है। मूल रूप से ये दक्षिण पूर्व एशिया के उष्णदेशीय क्षेत्र के हैं और संभवतः पपुआ न्यू गिनी में इन्हें सबसे पहले उपजाया गया था। आज, उनकी खेती सम्पूर्ण उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में की जाती है।केले का सर्वप्रथम प्रमाण 4000 साल पहले मलेशिया में मिला थl केला खाने के संदर्भ में युगांडा पहले स्थान पर है जहां प्रति व्यक्ति 1 साल में लगभग 225 खेले खा जाता है
 चीन फजी किवी फ्रूट एक्टिनिडिया डेलिसिओसा
कीवी (वैज्ञानिक नाम- एक्टीनीडिया डेलीसिओसा) देखने में हल्का भूरा, रोएदार व आयताकार, रूप में चीकू फल की तरह का फल होता है। इसमें विटामिन सी भरपूर मात्रा में पाया जाता है। किवी एक विशेष प्रकार का स्वादिष्ट फल होता है। किवी अपने सुंदर रंग के लिए लोगो में अधिक पसंद किया जा रहा है। किवी में विटामिन सी, विटामिन इ, विटामिन के और प्रचुर मात्रा में पोटैशियम, फोलेट होते है।
बेर (Jujube) ज़िज़िफस ज़िज़िफ़स
बेर एक प्रकार का फल हैं। कच्चे बेर के फल हरे रंग के होते हैं। पकने पर थोड़ा लाल या लाल-हरे रंग के हो जाते हैं। बेर एक ऐसा फलदार पेड़़ है जो कि एक बार पूरक सिंचाई से स्थापित होने के पश्चात वर्षा के पानी पर निर्भर रहकर भी फलोत्पादन कर सकता है। यह एक बहुवर्षीय व बहुउपयोगी फलदार पेड़ है जिसमें फलों के अतिरिक्त पेड़ के अन्य भागों का भी आर्थिक महत्व है।
 कोलम्बिया बोरोजो (Borojó) एलिबर्टिया पेटिनोइ
एलिबर्टिया पेटिनोइ जिसे आमतौर पर बोरोजो के रूप में जाना जाता है। यह एक खाने योग्य फल है। यह कोलंबिया के उत्तर-पश्चिमी क्षेत्र में चोको विभाग में और इक्वाडोर के एस्मेराल्डास प्रांत में उच्च आर्द्रता और तापमान वाले क्षेत्रों में बढ़ता है। बोरोजो एक एम्बर शब्द है जिसका अर्थ है: बोरो = सिर, जो = फल – सिर के आकार का फल, या गोल, गोलाकार फल।
क्युबा पासिफ़्लोरा मोलिसिमा
पासिफ़्लोरा मोलिसिमा को कुरूबा या क्युबा के नाम से भी जाना जाता है, यह दक्षिण अमेरिका में पाई जाने वाली लगभग 64 पसिफ्लोरा प्रजातियों का एक समूह है। इस खंड की अधिकांश प्रजातियाँ उच्च ऊंचाई वाले क्लाउड फ़ॉरेस्ट आवासों में पाई जाती हैं। फूलों में एक बेलनाकार हाइपेंथियम होता है।
 क्यूबा मैमी पटरिया सपोटा (Pouteria sapota)
पेरोडिया सपोटा, मैमी सपोट, क्यूबा और मध्य अमेरिका के मूल निवासी पेड़ की एक प्रजाति है, जो स्वाभाविक रूप से दक्षिणी क्यूबा से दक्षिणी कोस्टा रिका, प्लस मैक्सिको तक है। आज, न केवल क्यूबा में, बल्कि मध्य अमेरिका, कैरिबियन और दक्षिण फ्लोरिडा में भी इसके फल के लिए पेड़ की खेती की जाती है, जो आमतौर पर कई लैटिन अमेरिकी देशों में खाया जाता है। Mamey संयुक्त राज्य भर में कई लैटिन अमेरिकी समुदायों में पाया जा सकता है, जहां इसे अन्य खाद्य पदार्थों के बीच मिल्कशेक और आइसक्रीम में बनाया जाता है।
 फ्रांस नेक्टराइन (Nectarine) प्रूनस पर्सिका (Prunus persica var. nucipersica)
आड़ू एक पर्णपाती पेड़ है जो कि तरिम बेसिन और कुनलुन पर्वत के उत्तरी ढलानों के बीच उत्तर पश्चिमी चीन के क्षेत्र उगाया जाता है, जहाँ पहले इसकी खेती की जाती थी। यह विभिन्न विशेषताओं के साथ खाद्य रसदार फलों की तरह ही होता है, जिन्हें पीच और अन्य (ग्लॉसी-स्किन वाली किस्में), नेकटाइन कहा जाता है। 2018 में, चीन ने दुनिया के 62% आड़ू और अमृत का उत्पादन किया।
 जर्मनी सेब मालुस डोमेस्टिका
सेब का रंग लाल या हरा होता है। वैज्ञानिक भाषा में इसे मेलस डोमेस्टिका (Melus domestica) कहते हैं। इसका मुख्यतः स्थान मध्य एशिया है। इसके अलावा बाद में यह यूरोप में भी उगाया जाने लगा। यह हजारों वर्षों से एशिया और यूरोप में उगाया जाता रहा है। इसे एशिया और यूरोप से उत्तरी अमेरिका बेचा जाता है। इसका ग्रीक और यूरोप में धार्मिक महत्व है। विश्व मे सेब की 7,500 से अधिक ज्ञात किस्में हैं
 हैती (Haiti) आम मंगिफेरा इंडिका
आम एक प्रकार का रसीला फल होता है। इसे भारत में फलों का राजा भी बोलते हैं। इसकी मूल प्रजाति को भारतीय आम कहते हैं, जिसका वैज्ञानिक नाम मेंगीफेरा इंडिका है। आमों की प्रजाति को मेंगीफेरा कहा जाता है। इस फल की प्रजाति पहले केवल भारतीय उपमहाद्वीप में मिलती थी, इसके बाद धीरे धीरे अन्य देशों में फैलने लगी। इसका सबसे अधिक उत्पादन भारत में होता है। यह भारत, पाकिस्तान और फिलीपींस में राष्ट्रीय फल माना जाता है और बांग्लादेश में इसके पेड़ को राष्ट्रीय पेड़ का दर्जा प्राप्त है।
 भारत आम मंगिफेरा इंडिका
आम एक प्रकार का रसीला फल होता है। इसे भारत में फलों का राजा भी बोलते हैं। इसकी मूल प्रजाति को भारतीय आम कहते हैं, जिसका वैज्ञानिक नाम मेंगीफेरा इंडिका है। आमों की प्रजाति को मेंगीफेरा कहा जाता है। इस फल की प्रजाति पहले केवल भारतीय उपमहाद्वीप में मिलती थी, इसके बाद धीरे धीरे अन्य देशों में फैलने लगी। इसका सबसे अधिक उत्पादन भारत में होता है। यह भारत, पाकिस्तान और फिलीपींस में राष्ट्रीय फल माना जाता है और बांग्लादेश में इसके पेड़ को राष्ट्रीय पेड़ का दर्जा प्राप्त है।
 ईरान अनार प्यूनिका ग्रेनेटम (Punica granatum)
अनार दुनिया के गर्म प्रदेशों में पाया जाता है। स्वास्थ्य की दृष्टि से यह एक महत्त्वपूर्ण फल है। भारत में अनार के पेड़ अधिकतर महाराष्ट्र, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु और गुजरात में पाए जाते हैं। सबसे पहले अनार के बारे में रोमन भाषियों ने पता लगाया था। रोम के निवासी अनार को ज्यादा बीज वाला सेब कहते थे।
 जमैका (Jamaica) एककी फल ब्लिगिया सैपिडा
ब्लिगिया सैपिडा या एककी फल सपिन्देसी सोपबेरी परिवार का एक फल है, जैसे लीची और लोंगान। यह उष्णकटिबंधीय पश्चिम अफ्रीका में पाया जाता है। वैज्ञानिक कैप्टन विलियम ब्लीग  जो सान 1793 में इंग्लैंड के केव (लंदन का एक जिला)  में जमैका से रॉयल बॉटैनिकल गार्डन तक फल ले गए थे। इसका अँग्रेजी नाम पश्चिम अफ्रीकी अकन एके फूफा से लिया गया है।
 जापान जापानी ख़ुरमा (Japanese persimmon) डायस्पायरोस काकी
काकी जिसे डायस्पायरोस काकी भी कहा जाता है, यद्यपि इसका पहला वनस्पति विवरण 1780 तक प्रकाशित नहीं किया गया था, काकी सबसे पुराने खेती वाले पौधों में से है, जो चीन में 2000 से अधिक वर्षों से उपयोग में है। कुछ ग्रामीण चीनी समुदायों में, काकी फल को एक महान रहस्यमय शक्ति के रूप में देखा जाता है जिसे सिरदर्द, पीठ के दर्द और पैर के दर्द को ठीक करने के लिए उपयोग किया जा सकता है।
 मलेशिया रम्बूटान नेफेलियम लेपेसियम
म्बूटान सैपिन्डेसी परिवार में मध्यम आकार के उष्णकटिबंधीय वृक्ष होता है। इस पेड़ पर लगने वाले फल को भी रम्बूटान ही कहा जाता है। यह फल पकने पर इसका रंग लाल हो जाता है। ओर यह पुरी तरह पका फल मीठा लगता है ।अधिकारी पका फल खट्टा लगता है। यद्यपि रामबुटन मलेशिया का आधिकारिक रूप से मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय फल है, लेकिन देश के आगंतुकों द्वारा ड्यूरियन को अधिक मान्यता प्राप्त है।
 मेक्सिको रूचिरा पर्सिया एमेरिकाना
एवोकैडो एक पेड़, जिसका संभावित मूल दक्षिण मध्य मैक्सिको माना जाता है को पुष्प परिवार लॉरेसी के सदस्य के रूप में वर्गीकृत किया गया है। पौधे का फल, जिसे एवोकाडो या रूचिरा, avocado pear अथवा alligator pear पुकारते है वानस्पति रूप से एक बड़ी बेरी फल है जिसमें एक एक बड़ा बीज होता है। रूचिरा या मक्खनफल या एवोकैडो कैरिबियाई क्षेत्र से संबंधित एक फल है।
   नेपाल गोल्डन हिमालयन रास्पबेरी रूबस आइलिप्टिकस
रूबस आइलिप्टिकस, जिसे आमतौर पर ऐसेलु गोल्डन सदाबहार रास्पबेरी गोल्डन हिमालयन रास्पबेरी या पीले हिमालयन रास्पबेरी के रूप में जाना जाता है, गुलाब परिवार में कांटेदार फलने वाली झाड़ी की एक एशियाई प्रजाति है। यह मूलत: चीन, नेपाल, भारतीय उपमहाद्वीप, इंडोचाइना और फिलीपींस का पाया जाता है।
 न्यूजीलैंड कीवी फल एक्टिनिडिया डेलिसिओसा
कीवी (वैज्ञानिक नाम- एक्टीनीडिया डेलीसिओसा) देखने में हल्का भूरा, रोएदार व आयताकार, रूप में चीकू फल की तरह का फल होता है। इसमें विटामिन सी भरपूर मात्रा में पाया जाता है। किवी एक विशेष प्रकार का स्वादिष्ट फल होता है। किवी अपने सुंदर रंग के लिए लोगो में अधिक पसंद किया जा रहा है। किवी में विटामिन सी, विटामिन इ, विटामिन के और प्रचुर मात्रा में पोटैशियम, फोलेट होते है।
 पाकिस्तान आम (ग्रीष्मकालीन राष्ट्रीय फल) मंगिफेरा इंडिका
आम न केवल पाकिस्तान का राष्ट्रीय फल हैं, बल्कि वे पाकिस्तानी संस्कृति का भी हिस्सा हैं। आम गर्मियों के मौसम का सबसे स्वादिष्ट फल है जो सभी को पसंद आता है। यह उच्च अंतरराष्ट्रीय मूल्य के साथ पाकिस्तान की दूसरी प्रमुख फल-फसल है। यह अपने स्वादिष्ट स्वाद, खुशबू और उच्च आहार मूल्य के कारण इसे “सभी फलों का राजा” कहा जाता है। फलों की दुनिया में आम को “सुपर फ्रूट” कहा जाता है।
अमरूद (शीतकालीन राष्ट्रीय फल) Psidium एसपीपी
यह लोकप्रिय फल पोषक तत्वों का एक बिजलीघर है। पाकिस्तान में, यह 468.3 हजार टन के उत्पादन के साथ 58.5 हजार हेक्टेयर के क्षेत्र में सभी प्रांतों में उगाया जाता है और आम के बाद उत्पादित दूसरा सबसे बड़ा फल है, इसलिए इसे क्रमशः देश के द्वितीयक राष्ट्रीय आबादी वाले फल के रूप में नामित किया गया है।
 फिलीपींस आम मंगिफेरा इंडिका
आम एक प्रकार का रसीला फल होता है। इसे भारत में फलों का राजा भी बोलते हैं। इसकी मूल प्रजाति को भारतीय आम कहते हैं, जिसका वैज्ञानिक नाम मेंगीफेरा इंडिका है। आमों की प्रजाति को मेंगीफेरा कहा जाता है। इस फल की प्रजाति पहले केवल भारतीय उपमहाद्वीप में मिलती थी, इसके बाद धीरे धीरे अन्य देशों में फैलने लगी। इसका सबसे अधिक उत्पादन भारत में होता है। यह भारत, पाकिस्तान और फिलीपींस में राष्ट्रीय फल माना जाता है और बांग्लादेश में इसके पेड़ को राष्ट्रीय पेड़ का दर्जा प्राप्त है।
 पोलैंड सेब मालुस डोमेस्टिका
सेब का रंग लाल या हरा होता है। वैज्ञानिक भाषा में इसे मेलस डोमेस्टिका (Melus domestica) कहते हैं। इसका मुख्यतः स्थान मध्य एशिया है। इसके अलावा बाद में यह यूरोप में भी उगाया जाने लगा। यह हजारों वर्षों से एशिया और यूरोप में उगाया जाता रहा है। इसे एशिया और यूरोप से उत्तरी अमेरिका बेचा जाता है। इसका ग्रीक और यूरोप में धार्मिक महत्व है। विश्व मे सेब की 7,500 से अधिक ज्ञात किस्में हैं
 सर्बिया बेर (Plum) prunus
प्लम जीनस प्रूनस के सबजेनस प्रूनस का एक फल है। सबजेनस को अन्य उपगर्भा (आड़ू, चेरी, बर्ड चेरी, आदि) से अलग किया जाता है, जिसमें अंकुर में कली और एकान्त पक्ष की कलियाँ होती हैं (गुच्छेदार नहीं होती हैं), इसे बेर के नाम से भी जाना जाता है।
 सिंगापुर डूरियन दुरियो ज़िबेथिनस
पूरे साउथ एशिया में इस फल को ‘किंग ऑफि फ्रूट्स’ (King of Fruits) के नाम से जाना जाता है. लोगों को इस फल का क्रीमी टेक्स्चर बेहद पसंद है. इंडोनेशिया में ड्यूरियन फल (Durian Fruit) नाम से मशहूर एक फल इंडोनेशिया में 500 डॉलर (35,730) में बिकता है.
 श्री लंका कटहल आर्टोकार्पस हेट्रोफिलस
कटहल या फनस का वृक्ष शाखायुक्त, सपुष्पक तथा बहुवर्षीय वृक्ष है। यह दक्षिण तथा दक्षिण-पूर्व एशिया का मूल-निवासी है। पेड़ पर होने वाले फलों में इसका फल विश्व में सबसे बड़ा होता है। फल के बाहरी सतह पर छोटे-छोटे काँटे पाए जाते हैं। इस प्रकार के संग्रन्थित फल को सोरोसिस कहते हैं।
 थाईलैंड बैंगनी मैंगोस्टीन गार्सीनिया मंगोस्ताना
बैंगनी मेन्गोस्टीन को बोलचाल के ढंग से मेन्गोस्टीन कहा जाता जो एक उष्णकटिबंधीय सदाबहार वृक्ष है। यह फल मुख्य रूप से दक्षिण पूर्व एशिया मे बढ़ता है और भारत मे केरला के राज्य मे उपजाता है। यह पेड ६ से लेकर २५ मीटर तक लंबा चलता है। मेन्गोस्टीन का फलरसदार और कुछ हद तक रेशेदार होता है।
 स्पेन अंगूर विटिस विनीफेरा
अंगूर एक बलवर्द्धक एवं सौन्दर्यवर्धक फल है। अंगूर फल माँ के दूध के समान पोषक है। फलों में अंगूर सर्वोत्तम माना जाता है। यह निर्बल-सबल, स्वस्थ-अस्वस्थ आदि सभी के लिए समान उपयोगी होता है। बहुत से ऐसे रोग हैं जिसमें रोगी को कोई पदार्थ नहीं दिया जाता है। उसमें भी अंगूर फल दिया जा सकता है। पका हुआ अंगूर तासीर में ठंडा, मीठा और दस्तावर होता है। यह स्पर को शुद्ध बनाता है तथा आँखों के लिए हितकर होता है
 यूनाइटेड किंगडम रास्पबेरी सियाजियम ल्युमैननी (Syzygium luehmannii)
स्पबेरी लाल रंग का रसदार फल होता है, जो गुलाब परिवार से संबंधित है। रास्पबेरी को रसभरी भी कहा जाता है। यह फल कई रंगों में पाया जाता है जैसे – लाल, काले व बैंगनी। यह बहुत ही स्वादिष्ट फल होता है। इसमें भरपूर मात्रा में विटामिन-सी और अन्य जरूरी पोषक तत्व मौजूद होते हैं। 2018 में रास्पबेरी का विश्व उत्पादन 870,209 टन था, जिसका नेतृत्व रूस कुल विश्व के 19% के साथ कर रहा था।
 संयुक्त राज्य अमेरिका ब्लूबेरी क्यानोकोक्कस (Cyanococcus)
ब्लूबेरी आमतौर पर संकरी झाड़ियाँ होती हैं जो आकार में 10 सेंटीमीटर (3.9 इंच) से 4 मीटर (13 फीट) ऊँचाई तक भिन्न हो सकती हैं। ब्लूबेरी के व्यावसायिक उत्पादन में, निम्न-स्तर की झाड़ियों पर उगने वाले छोटे, मटर के आकार की जामुन वाली प्रजातियां “लोअरबश ब्लूबेरी” के रूप में जानी जाती हैं, जबकि बड़े बेरीज वाली प्रजातियों को लम्बे समय से तैयार झाड़ियों के रूप में जाना जाता है। “हाईबश ब्लूबेरी”। कनाडा लो ब्लश ब्लूबेरी का प्रमुख उत्पादक है, जबकि संयुक्त राज्य अमेरिका विश्व में हाईबश ब्लूबेरी की आपूर्ति का लगभग 40% उत्पादन करता है।

The post विश्व के सभी देशों के राष्ट्रीय फलों की सूची appeared first on सामान्य ज्ञान (Samanya Gyan 2020).

विश्व के प्रमुख देशों के समाचार पत्रों का नाम, स्थान और भाषा की सूची

$
0
0
विश्‍व के प्रमुख देशों के समाचार पत्रों की सूची | Newspapers of World Countries in Hindi

विश्व के विभिन्न देशों में प्रकशित होने वाले समाचार पत्रों का नाम, प्रकाशन स्थल और उनकी भाषा:  (Leading Newspapers of World Countries in Hindi)

समाचार पत्र अथवा अख़बार समाज और देश में हो रही घटनाओं पर आधारित एक प्रकाशन है। इसमें मुख्यत: ताजी घटनाएँ, खेल-कूद, व्यक्तित्व, राजनीति, विज्ञापन की जानकारियाँ सस्ते काग़ज़ पर छपी होती है। समाचार पत्र संचार के साधनों में महत्त्वपूर्ण स्थान रखते हैं। ये काग़ज़ पर शब्दों से बने वाक्यों को लिखकर या छापकर तैयार होते हैं। समाचार पत्र प्रायः दैनिक होते हैं लेकिन कुछ समाचार पत्र साप्ताहिक, मासिक एवं छमाही भी होते हैं। अधिकतर समाचारपत्र स्थानीय भाषाओं में और स्थानीय विषयों पर केन्द्रित होते हैं।

विश्व के प्रमुख देशों के समाचार पत्रों के नाम की सूची

समाचार-पत्र प्रकाशन-स्थल भाषा
अर्जेंटीना
ला नेशन (La Nación) ब्यूनस आयर्स स्पेनिश
ऑस्ट्रेलिया
द सिडनी मॉर्निंग हेराल्ड सिडनी अंग्रेजी
ऑस्ट्रिया
डाई प्रेस (Die Presse) वियना जर्मन
बांग्लादेश
द डेली स्टार ढाका अंग्रेजी
ब्राजील
ओ एस्तादो द साओ पाउलो (O Estado de S. Paulo) साओ पाउलो पुर्तगाली
बेल्जियम
द स्टैण्डर्ड (De Standard) ग्रूट बिज्गार्देन (Groot-Bijgaarden) डच
चिली
एल मर्क्युरियो (El Mercurio) सैंटियागो स्पेनिश
चीन (हांग कांग)
साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट हांग कांग अंग्रेजी
मिस्र
अल- अहराम (Al-Ahram) काहिरा अरबी
ग्रीस
काथिमेरिनी (Kathimerini) एथेंस ग्रीक
हंगरी
नेप्स्जाबदसग (Népszabadság) बुडापेस्ट हंगरी
भारत
द टाइम्स ऑफ़ इंडिया मुंबई अंग्रेजी
इंडोनेशिया
मर्डेगा जकार्ता इण्डोनेशियाई
अल  अहराम काहिरा अरबी
कोम्पास जकार्ता इण्डोनेशियाई
ईरान
एतेलात (Ettela’at) तेहरान फारसी
आयरलैंड
द आयरिश टाइम्स डब्लिन अंग्रेजी
इज़रायल
हारेत्ज़ (Haaretz) तेल अवीव हिब्रू और  अंग्रेजी
इटली
कोरिएरे डेल्ला सेरा (Corriere della Sera) मिलान इतालवी
जापान
असाही शिम्बुन (Asahi Shimbun) ओसाका जापानी
केन्या
डेली नेशन नैरोबी अंग्रेजी
मलेशिया
न्यू स्ट्रेट्स टाइम्स (New Straits Times) कुआलालामपुर अंग्रेजी
नीदरलैंड
एनआरसी हन्देल्स्ब्लाद (NRC Handelsblad) एम्सटर्डम डच
नॉर्वे
आफ्तेनपोस्तेन (Aftenposten) ओस्लो रिक्स्मल(Riksmål)
पुर्तगाल
डिअरिओ  डे नोतिसिअस (Diário de Notícias) लिस्बन पुर्तगाली
फ्रांस
ली फिगारो (Le Figaro) पेरिस फ्रेंच
ली मोंडे (Le Monde) पेरिस फ्रेंच
सिंगापुर
द स्ट्रेट्स टाइम्स (The Straits Times) सिंगापुर अंग्रेजी
दक्षिण कोरिया
चोसुन इल्बो (Chosun Ilbo) सियोल कोरियाई
स्पेन
एल पैस (El País) मैड्रिड स्पेनिश
स्वीडन
दजेंस नीहेटर (Dagens Nyheter) स्टॉकहोम स्वीडिश
स्विट्ज़रलैंड
नुए ज़ुर्चेर ज़ितुंग (Neue Zürcher Zeitung) ज्यूरिख जर्मन
तुर्की
हुर्रियत (Hürriyet) इस्तांबुल तुर्की
कनाडा
द ग्लोब एंड मेल टोरंटो अंग्रेजी
ला प्रेस (La Presse) मॉन्ट्रियल फ्रेंच
सर्बिया
डानस (Danas) बेलग्रेड सर्बियाई
पोलिटिका बेलग्रेड सर्बियाई
जर्मनी
फ्रैन्क्फर्टर अल्जेमिएने ज़ितुंग (Frankfurter Allgemeine Zeitung) फ्रैंकफर्ट जर्मन
सुदेउत्स्चे ज़ितुंग (Süddeutsche Zeitung) म्युनिख जर्मन
डाई ज़िट (Die Zeit) हैम्बर्ग जर्मन
यूनाइटेड किंगडम
द डेली टेलीग्राफ लंदन अंग्रेजी
द इंडिपेंडेंट लंदन अंग्रेजी
द टाइम्स लंदन अंग्रेजी
यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ़ अमेरिका
लॉस एंजेल्स लॉस एंजेल्स अंग्रेजी
द न्यूयॉर्क टाइम्स न्यूयॉर्क सिटी अंग्रेजी
द वाशिंगटन पोस्ट वाशिंगटन डी.सी. अंग्रेजी
ब्रिटेन
गार्जियन वीकली लन्दन अंग्रेजी
न्यू स्टेट्समैन लन्दन अंग्रेजी
डेली मिरर लन्दन अंग्रेजी
टाइम्स ऑफ़ लन्दन लन्दन अंग्रेजी
मैनचेस्टर गार्जियन मैनचेस्टर अंग्रेजी
डेली टेलीग्राफ लन्दन अंग्रेजी
रूस
प्रावदा मॉस्को रशियन
जेवास्ता मॉस्को रशियन
इजवेस्तिया मॉस्को रशियन
पाकिस्तान
डौन -कराची कराची अंग्रेजी
पाकिस्तान टाइम्स रावलपिंडी अंग्रेजी

इन्हें भी पढे: विश्व के प्रमुख देश और समाचार एजेंसियों के नाम

The post विश्व के प्रमुख देशों के समाचार पत्रों का नाम, स्थान और भाषा की सूची appeared first on सामान्य ज्ञान (Samanya Gyan 2020).

कौन क्या है 2020 –भारत और विश्व में वर्तमान में कौन किस पद पर है 2020

$
0
0
वर्तमान में कौन क्या है 2019, भारत और विश्व | Latest Who is Who 2019 in Hindi

वर्तमान में कौन क्या है (Latest Who is Who 2020 in India and World in Hindi)

इस पोस्ट में आप भारत और विश्व के महत्वपूर्ण कार्यालयों/कंपनियों और संगठनों के प्रमुखों और मुख्य सचिवों के बारे में नवीनतम जानकारी प्राप्त करेंगे। वर्तमान में महत्वपूर्ण कार्यालयों/कंपनियों और संगठनों के प्रमुखों के आधार पर हर परीक्षा में दो या तीन प्रश्न अवश्य पूछे जाते है।

इस तरह के सवाल ‘कौन क्या है’ की श्रेणी में आते हैं। महत्वपूर्ण व्यक्तियों और उनके पद बदलते रहते हैं, तो यह पोस्ट आप को देश और दुनिया के मुख्य संगठनों या कार्यालयों के क्षेत्र की नवीनतम जानकारी से अवगत रखने के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। यह आपकी सभी प्रकार की सरकारी प्रतियोगी परीक्षाओं विशेषकर बैंक पीओ व क्लर्क, यूपीएससीएसएससीआईएएस, पीसीएस, केट, भारतीय रेलवे, गेट आदि के लिए अत्यंत उपयोगी है। आइये जाने वर्तमान में भारत और विश्व में कौन क्या है 2019-20?

नवीनतम कौन क्या है 2020 की सूची:

पद/कार्यालय/संगठन का नाम व्यक्ति का नाम
भारत के राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद (25 जुलाई 2017)
भारत के उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू (05 अगस्त 2017)
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र दामोदर दास मोदी
लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला
राज्य सभा के उप-सभापति श्री हरिवंश नारायण सिंह (09 अगस्त 2018)
लोकसभा के डिप्टी स्पीकर रिक्त
विपक्ष के नेता (राज्य सभा) गुलाम नबी आजाद
नीति आयोग के उपाध्यक्ष (वाइस चेयरमैन) डॉ. राजीव कुमार (1 सितम्बर 2017)
मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा (02 दिसम्बर 2018)
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति एच. एल. दत्तु (29 फरवरी 2016)
भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) राजीव महर्षि (24 सि‍तम्‍बर 2017)
राष्ट्रीय धार्मिक और भाषाई अल्पसंख्यक आयोग, अध्यक्ष जस्टिस रंगनाथ मिश्रा
दिल्ली पुलिस आयुक्त एसएन श्रीवास्तव
संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) के अध्यक्ष प्रो. (डॉ.) प्रदीप कुमार जोशी (0 अगस्त 2020)
राष्ट्रीय किसान आयोग (एनसीएफ) के अध्यक्ष डॉ. एम. एस. स्वामीनाथन
केन्द्रीय सूचना आयोग के आयुक्त (सीआईसी) बिमल जुल्का (16 फरवरी 2020)
एस.एस.सी (कर्मचारी चयन आयोग) के अध्यक्ष श्री ब्रज राज शर्मा
रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड, अध्यक्ष श्री मुकेश अंबानी
भारतीय चिकित्सा अनुसंधान की परिषद, महानिदेशक डॉ. बलराम भार्गव
भारत की महापंजीयक और जनगणना आयुक्त विवेक जोशी
विधि आयोग के अध्यक्ष बी.एस. चौहान (रिटायर्ड)
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर श्री शक्तिकांत दास (12 दिसम्बर 2018)
प्रधानमंत्री के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (आंतरिक सुरक्षा) श्री अजीत डोभाल
अल्पसंख्यक शैक्षणिक संस्थाओं हेतु राष्ट्रीय आयोग जस्टिस नरेंद्र कुमार जैन
इंडियन नेशनल एकेडमी ऑफ इंजीनियरिंग, अध्यक्ष डॉ. सनक मिश्रा
प्रशासनिक सुधार आयोग, अध्यक्ष बलबीर सिंह चौहान
राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग, चेयरमैन या अध्यक्ष डॉ. भगवान लाल सैनी
ऑडिट ब्यूरो सर्कुलेशन (एबीसी), अध्यक्ष मधुकर कामथ
पेट्रोलियम निर्यात का संगठन (ओपेक), अध्यक्ष मोहम्मद बरकिंडो
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के अध्यक्ष प्रमोद चंद्र मोदी
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी), अध्यक्ष अजय त्‍यागी
राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी) के महानिदेशक राजीव चोपड़ा
राष्ट्रीय महिला आयोग, अध्यक्ष रेखा शर्मा
लोक वित्त एवं नीति के राष्ट्रीय संस्थान (एनआईपीएफपी), अध्यक्ष डॉ. विजय केलकर लक्ष्मण
प्रसार भारती (ब्रॉडकास्टिंग कारपोरेशन ऑफ इंडिया) के अध्यक्ष ए. सूर्य प्रकाश (दिसम्बर 2017)
भारतीय फिल्म एवं टेलीविजन संस्थान (एफटीआईआई) के चेयरमैन बृजेंद्र पाल सिंह (13 दिसम्बर 2018)
निवेश आयोग, अध्यक्ष श्री रतन टाटा
संयुक्त राष्ट्र, उपमहासचिव अमीना जे. मोहम्मद
विश्व बैंक के अध्यक्ष डेविड मालपास
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ), प्रबंध निदेशक क्रिस्टालिना जॉर्जीवा
एशियाई रग्बी के अध्यक्ष जॉनी स्टाव्रिनौ
यूनेस्को की महानिदेशक (प्रमुख) ऑद्रे अजोले (नवम्बर 2017)
विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक टेड्रोस एडहानोम ट्रेंडिंग
अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन के महानिदेशक गाए राइडर
संयुक्त राष्ट्र अंतरराष्ट्रीय बाल आपात कोष (यूनिसेफ) के कार्यकारी निदेशक ऐन वेनेम
संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन व्यापार पर और विकास (अंकटाड), महासचिव अब्दल महमूद अब्दलहलीम मोहम्मद
आर्थिक सहयोग और विकास संगठन (ओईसीडी) के महासचिव जोस एंजेल गुर्रिया
अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय के न्यायमूर्ति अब्दुलकावी यूसुफ
एशियाई विकास बैंक (एडीबी) के अध्यक्ष मात्सुगु असकवा
अफ्रीकी विकास बैंक के अध्यक्ष एकिनवुमी अदेसिना
अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति के अध्यक्ष थामस बाक
भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) के अध्यक्ष नरिंदर बत्रा (15 दिसम्बर 2017)
राष्ट्रमंडल के महासचिव माननीय पेट्रीसिया
विश्व व्यापार संगठन निर्देशक-जनरल रॉबर्टो अज़ेवेदो
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद एलिज़ाबेथ टिची-फ़िसलबर्गर
यूरोपीय परिषद के राष्ट्रपति चार्ल्स मिशेल
खाड़ी सहयोग परिषद के महासचिव अब्दुल्लतीफ बिन राशिद अल-जायनी
इस्लामिक सहयोग संगठन के महासचिव डॉ.यूसुफ बिन अहमद अल-ओथिमीन
उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) के महासचिव जेन्स स्टोलटेनबर्ग
आसियान के महासचिव लिम जॉक होइ
सार्क के महासचिव एसाला वेराकोन
भारतीय भारोत्तोलन महासंघ (आईडब्ल्यूएलएफ) के अध्यक्ष बीरेन्द्र प्रसाद वैश्य (नवम्बर 2017)
नासा के चीफ (यूएसए) जिम ब्रेंडेन्सटाइन (Jim Bridenstine)
राज्य सभा के महासचिव श्री दीपक वर्मा (01 सितम्बर 2017)
लोकसभा के महासचिव स्नेहलता श्रीवास्तव (01 दिसम्बर 2017)
इंटेलिजेंस (खुफिया) ब्यूरो (आईबी) के चीफ अरविंद कुमार
केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई),  निदेशक श्री ऋषि कुमार शुक्ला
रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) निदेशक सेमन्त गोयल
केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के महानिदेशक आनंद प्रकाश माहेश्वरी
केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) के महानिदेशक श्री राजेश रंजन (11 अप्रैल, 2018)
रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) के महानिदेशक श्री अरुण कुमार (29 सितम्बर 2018)
भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के महानिदेशक सुरजीत सिंह देसवाल (29 अक्टूबर 2018)
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के अध्यक्ष प्रोफेसर धीरेंद्र पाल सिंह (22 दिसंबर, 2017)
रक्षा मंत्री के वैज्ञानिक सलाहकार श्री जी. एस. रेड्डी
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के चेयरमैन (अध्यक्ष) श्री कैलासवादिवू सिवान (10 जनवरी 2018)
परमाणु ऊर्जा विभाग के अध्यक्ष और सचिव श्री के. एन. व्यास (20 सितम्बर 2018)
राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष सैयद ग़य्यूर-उल-हसन रिज़वी
राष्ट्रीय सांख्यिकी आयोग के अध्यक्ष संघमित्रा बंदोपाध्याय
सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) के महानिदेशक कुमार राजेश चंद्रा (08 जनवरी 2019)
फेसबुक के सीईओ मार्क जुकरबर्ग
इंफोसिस के सीईओ सलिल पारेख
राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग (एनसीएसटी) के अध्यक्ष रामेश्वर उरांव
राष्ट्रीय ज्ञान आयोग के अध्यक्ष श्री सैम पित्रोदा
राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग (एनसीएससी) के अध्यक्ष प्रो. रामशंकर कठेरिया (31 मई, 2017)
राष्ट्रीय जांच एजेंसी या नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) के महानिदेशक श्री वाईसी मोदी (18 सितम्बर 2017)
भारतीय तटरक्षक के महानिदेशक कृष्णस्वामी नटराजन
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के कार्यवाहक अध्यक्ष सौरव गांगुली
भारत के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति श्री शरद अरविंद बोबडे
भारत के महाधिवक्ता (सॉलिसिटर जनरल) श्री तुषार मेहता (10 अक्टूबर 2018)
संगीत नाटक अकादमी के अध्यक्ष श्री शेखर सेन
वाणिज्य इंटरनेशनल चैंबर (आईसीसी) के अध्यक्ष जॉन डब्ल्यू.एच.डेंटन ए.ओ.
भारतीय वाणिज्य एंव उद्योग मंडल (एसोचैम) के अध्यक्ष बालकृष्ण गोयनका (17 अक्टूबर 2018)
भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के अध्यक्ष विक्रम श्रीकांत किर्लोस्कर
भारतीय सेना के अध्‍यक्ष (प्रमुख) मनोज मुकुंद नरवणे
भारतीय नौसेना के अध्‍यक्ष (प्रमुख) एडमिरल करमबीर सिंह
भारतीय वायुसेना के अध्‍यक्ष (प्रमुख) एअर मार्शल राकेश कुमार सिंह भदौरिया (01 अक्टूबर, 2019)
भारत के महान्यायवादी (अटॉर्नी जनरल) श्री के. के. वेणुगोपाल (03 जुलाई, 2017)
बाल अधिकार के संरक्षण के लिए राष्ट्रीय आयोग (एनसीपीसीआर) के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो
14वें वित्त आयोग के अध्यक्ष डॉ. वाई. वी. रेड्डी
15वें वित्त आयोग के अध्यक्ष एन. के. सिंह (27 नवम्बर 2017)
प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया (पीटीआई) के अध्यक्ष विजय कुमार चोपड़ा
सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के महानिदेशक श्री वी.के. जौहरी
संयुक्त राष्ट्र विश्व खाद्य कार्यक्रम (डब्ल्यूएफपी) के कार्यकारी निदेशक डेविड बिस्ले
भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) के अध्यक्ष श्री जे सत्यनारायण
दिल्ली मेट्रो रेल निगम (डीएमआरसी) बोर्ड के अध्यक्ष श्री डी.एस. मिश्रा
पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो के महानिदेशक वी. एस. कौमुदी
भारतीय विदेश सचिव श्री हर्षवर्धन श्रृंगला
भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के महानिदेशक चंद्रजीत बैनर्जी
नीति आयोग के अध्यक्ष नरेन्द्र मोदी
नीति आयोग के सीईओ श्री अमिताभ कांत
भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) के चेयरपर्सन (अध्यक्ष) श्री अशोक कुमार गुप्ता (09 नवम्बर 2018)
भारतीय चैंबर के वाणिज्य एवं उद्योग (फिक्की) के अध्यक्ष संगीता रेड्डी
राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (एनसीडीआरसी) के अध्यक्ष जस्टिस राजेश कुमार अग्रवाल
राष्ट्रीय इस्पात निगम लिमिटेड के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक प्रदोष कुमार रथ
वित्तीय क्षेत्र विधायी सुधार आयोग न्यायमूर्ति बी एन श्रीकृष्णा
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के अध्यक्ष श्री सुखबीर सिंह संधू (24 अक्टूबर 2019)
भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) के अध्यक्ष  अरविंद सिंह (24 अक्टूबर 2019)
बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (आईआरडीए) के अध्यक्ष सुभाष चंद्र खूंटिया (मई 2018)
अंतरराष्ट्रीय उर्वरक संघ (आईएमए) का अध्यक्ष राकेश कपूर
भारतीय किसान उर्वरक सहकारी लिमिटेड (इफको) के अध्यक्ष श्री बी. एस. नकई
भारतीय पर्यटन विकास निगम (आईटीडीसी) के अध्यक्ष जी. कमला वर्धन राव
भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक श्री डी. वी. प्रसाद
भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) के अन्तरिम अध्यक्ष श्री एम. आर. कुमार
पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस नियामक बोर्ड (पीएनजीआरबी) के अध्यक्ष श्री डी. के. सर्राफ (दिसम्बर 2017)
भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के अध्यक्ष राम सेवक शर्मा (अगस्त 2018)
भारतीय व्यापार संवर्धन संगठन (आईटीपीओ) के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक श्री एल. सी. गोयल
भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक श्री प्रवीण कुमार पुरवार
तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम लिमिटेड (ओएनजीसी) के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक श्री शशि शंकर (01 अक्टूबर, 2017)
स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया (सेल) के अध्यक्ष अनिल कुमार चौधरी (23 सितम्बर 2018)
भारतीय महिला बैंक के कार्यकारी निदेशक सुश्री एस. एम. स्वाति
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) के अध्यक्ष (चेयरमैन) इमरान ख्वाजा (1 जुलाई 2020)
पावर फाइनेंस कॉर्पोरेशन लिमिटेड के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक श्री सतनाम सिंह
रेलवे बोर्ड के चेयरमेन श्री विनोद कुमार यादव (31 दिसम्बर 2018)
केन्द्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड या भारतीय सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष प्रसून जोशी
राष्ट्रीय अनुसंधान विकास निगम (एनआरडीसी) के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक डॉ. हनुमांथू पुरुषोतम
केंद्रीय सतर्कता आयुक्त (सीवीसी) श्री संजय कोठारी
रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग (डीआरडीओ) के अध्यक्ष व सचिव जी सतीश रेड्डी (अगस्त 2018)
राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के निदेशक रामफल पवार
फीफा अध्यक्ष गिआनी इन्फैनटिनों
नागरिक उड्डयन सुरक्षा ब्यूरो (बीसीएएस) के महानिदेशक श्री राकेश अस्थाना
भारतीय मर्चेंट चैंबर (आईएमसी) के अध्यक्ष श्री आशीष वैद
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ़ इंडिया (एनएसई) के अध्यक्ष श्री गिरीश चंद्र चतुर्वेदी
राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) के अध्यक्ष डॉ. हर्ष कुमार भानवाला
भारतीय निर्यातकों के संगठन संघ (एफआईईओ) के अध्यक्ष शरद कुमार सराफ
भारत की औद्योगिक वित्त निगम (आईएफसीआई) के अध्यक्ष  सुनील कुमार बंसल
सेंट्रल बोर्ड ऑफ एक्साइज एंड कस्टम्स (सीबीईसी) के अध्यक्ष एम. अजीत कुमार
परमाणु ऊर्जा निगम ऑफ़ इंडिया लिमिटेड (एनपीसीआईएल) के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक डॉ. एस. के. शर्मा
राष्ट्रीय संग्रहालय, नई दिल्ली के महानिदेशक श्री सुब्रत नाथ
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) अध्यक्ष मनोज आहुजा
खेल प्राधिकरण ऑफ इंडिया (साई) के डायरेक्टर जनरल श्री संदीप प्रधान
राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के महानिदेशक श्री एस. एन. प्रधान
संयुक्त राष्ट्र संगठन (संयुक्त राष्ट्र संघ) के महासचिव एंटोनी गुटरेज़
न्यू डेवलपमेंट (ब्रिक्स बैंक) के अध्यक्ष मार्कोस प्रादो ट्रायजो

यह भी पढे: भारत के उच्च न्यायालयों के नाम, स्थापना वर्ष और उनका स्थान

नोट: प्रिय पाठकगण यदि आपको इस पोस्ट में कंही भी कोई त्रुटि (गलती) दिखाई दे, तो कृपया हमे कमेंट के माध्यम से उस गलती से अवगत कराएं, हम उसको जल्दी से जल्दी ठीक (सही) करने का प्रयास करेंगे।

The post कौन क्या है 2020 – भारत और विश्व में वर्तमान में कौन किस पद पर है 2020 appeared first on सामान्य ज्ञान (Samanya Gyan 2020).


भारत के राष्ट्रपति 2020 –नाम की सूची, शक्तियाँ, कार्यकाल तथा महत्वपूर्ण जानकारी

$
0
0

भारत के राष्ट्रपति: (Indian Presidents 1950 to 2020 in Hindi)
भारत विश्व का सबसे बड़ा लोकतान्त्रिक देश है, जो अपनी विविधता तथा अपनी एकता के लिए पूरे विश्व में जाना जाता है। भारत पर लगभग 200 वर्षो तक ब्रिटिश साम्राज्य ने शासन किया, उनके शासन काल के दौरान उन्होने न केवल भारत सामाजिक एवं संस्कृति को प्रभावित किया बल्कि उन्होने भारत की राजनीति को भी प्रभावित किया। 15 अगस्त 1947 में जब भारत स्वतंत्र हुआ तो उस समय भारत के संविधान निर्माण का सुनेहरा दौर चल रहा था, लेकिन संविधान सभा के सामने सबसे बड़ा प्रश्न यह था कि भारत में किस प्रकार कि शासन प्रणाली अपनाई जाए, तब गहन विचार विमर्श के बाद यह निर्णय लिया गया कि भारत के अधिकतर लोग ब्रिटेन कि शासन प्रणाली से परिचित है इसलिए भारत में संसदीय प्रणाली को अपना लिया गया।

राष्ट्रपति किसे कहते है? या राष्ट्रपति कौन होता है?

भारतीय संविधान के अनुच्छेद 52 के अनुसार भारत का राष्ट्रपति राष्ट्र का संवैधानिक प्रमुख है, जो भारत कि संसदीय प्रणाली का प्रधान होता है। राष्ट्रपति को देश के पहले नागरिक होने का दर्जा दिया जाता है। राष्ट्रपति राज्य तथा विभिन्न राज्यों के बीच में सहयोग के लिए एक “अंतर्राज्यीय परिषद की नियुक्ति करता है। भारत की संसदीय प्रणाली ब्रिटेन से ली गई है ऐसे में वहाँ की रानी के पद को भारत में राष्ट्रपति के पद के रूप में उपयोग किया जाता है और बाकी अन्य पद समान रखे गए है।

भारत के राष्ट्रपति की योग्यताएं

भारत का राष्ट्रपति बनने के लिए भारतीय संविधान के अनुच्छेद 58 और 59 में कुछ महत्वपूर्ण योग्यताएं व शर्ते रखी गई है जो निम्नलिखित है-

  1. वह भारत का नागरिक हो।
  2. 35 वर्ष की आयु पूर्ण कर चुका हो।
  3. लोकसभा का सदस्य रह चुका हो या सदस्य चुनने लायक हो।
  4. किसी भी सरकारी लाभ के पद पर न हो।
  5. दिवालिया और मानसिक रूप से बीमार न हो।

भारत के राष्ट्रपति का चुनाव या निर्वाचन

भारत के राष्ट्रपति का चुनाव भारत कि स्वतंत्र संवैधानिक निकाय “चुनाव आयोग” करवाता है। यह चुनाव गुप्त चुनाव होता है, जिसमें भारत कि सामान्य जनता भाग नहीं लेती है। भारत के राष्ट्रपति के निर्वाचन के लिए संसद के दोनों सदनो के निर्वाचित सदस्य, राज्य विधान सभा के निर्वाचित सदस्य और केंद्र शासित प्रदेशों में केवल पुदुचेरी और दिल्ली के विधायक ही भाग ले सकते है। राष्ट्रपति का चुनाव समानुपातिक प्रणाली के एकल संक्रमणीय मत पद्धति के तहत किया जाता है। जब चुनाव में कोई उम्मीदवार जीत जाता है तो उसकी संवैधानिक नियुक्ति सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश करते हैं और सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश ही राष्ट्रपति को पद का शपथ दिलाते हैं।

राष्ट्रपति चुनाव में भाग लेने के लिये किसी भी उम्मीदवार की उम्र 35 वर्ष से कम नहीं होनी चाहिये, लोकसभा सदस्य होने की पात्रता रखता हो, संसद अथवा राज्य सदन का सदस्य न हो, कोई लाभ का पद धारण न करता हो, उपराष्ट्रपति, राज्यों के राज्यपाल, केन्द्रीय मंत्री तथा किसी राज्य के मंत्री अपने पद से इस्तीफा देने के बाद राष्ट्रपति चुनाव के लिये खड़े हो सकते है। नीचे आजादी के बाद से अब तक भारत के सभी राष्ट्रपतियों की सूची उनके महत्वपूर्ण विवरण के साथ दी गयी है।

भारत के राष्ट्रपति की शक्तियाँ और कार्य

(A) कार्यपालिका शक्तियाँ-

भारतीय संविधान के अनुच्छेद 53 के तहत भारतीय संसद कि सारी की सारी शक्तियाँ भारत के राष्ट्रपति में निहित होंगी, जो उनका उपयोग केवल मंत्रि मण्डल की सलाह (42वें संशोधन) पर ही कर सकता है। राष्ट्रपति की कार्यपालिका संबंधी शक्तियाँ निम्नलिखित है-

  1. शासन के समस्त कार्य राष्ट्रपति के नाम- अनुच्छेद 53 के अनुकसार केंद्र की कार्यपालिका की पूरी शक्ति राष्ट्रपति में निहित होगी, ऐसे में कार्यपालिका जो भी कार्य करेगी वे सब कार्ये राष्ट्रपति के नाम पर ही किए जाएंगे।
  2. मंत्रिमंडल का निर्माण करना और उनके निर्णयों की जानकारी रखना-भारत में जब भी लोकसभा के चुनाव पूर्ण होते है तो बहुमत दल के नेता को भारत का प्रधानमंत्री नियुक्त करने का कार्य भी राष्ट्रपति ही करते है और मंत्रिमंडल बनाने की भी सलाह देते है, जो भविष्य में राष्ट्रपति को उनके कार्य करने की सलाह देगी। भारत के राष्ट्रपति को यह अधिकार है की वह प्राय मंत्री मण्डल द्वारा लिए गए निर्णयों के बारें में जानकारी प्राप्त करें।
  3. मंत्रिमंडल के निर्णयों से संबंधित संदेहास्पद निषेधाधिकार (वीटो पावर)- भारतीय संविधान के अनुच्छेद 74 (अ) के अनुसार राष्ट्रपति मंत्री मण्डल के निर्णयों व प्रस्तावो को पुन: विचार के लिए मंत्री मण्डल के पास वापस भेज सकता है परंतु मंत्री मण्डल के पुन: विचार विमर्श के बाद वह उन्हे व्यवहार में लाने के लिए बाध्य होगा।
  4. तीन सेना का प्रधान- भारत का राष्ट्रपति भारत की स्थल, जल और वायु का सर्वोच्च प्रधान होता है तथा सेना के अन्य अधिकारियों की नियुक्ति करता है।
  5. नियुक्ति तथा सेवामुक्त संबंधी शक्तियाँ- भारत का राष्ट्रपति ही प्रधानमंत्री, मंत्री, महान्यायवादी नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक, उच्चतम एवं उच्च न्यायालयों के न्यायाधीश, राज्यपाल, जल विवाद आयोग, वित्त आयोग, संघ लोक सेवा आयोग, मुख्य निर्वाचन आयुक्त एवं राज्य भाषा आयोग आदि की नियुक्ति एवं सेवामुक्ति करता है।
  6. कूटनीतिक संबंध स्थापित करना- कूटनीतिक संबंधों को स्थापित करने के लिए राष्ट्रपति अन्य राष्ट्रो में समय-समय पर राजदूतों की नियुक्ति करते है।

(B) विधायी शक्तियाँ

  1. संसद का अभिन्न अंग- भारतीय संविधान की धारा 79 के अनुसार भारत की संसद का निर्माण भारत के राष्ट्रपति, राज्यसभा और लोकसभा से मिलकर होता है इसलिए राष्ट्रपति संसद का अभिन्न अंग होता है।
  2. संसद को आमंत्रित, स्थगित, संबोधित तथा भंग करने का अधिकार- भारत का राष्ट्रपति ही संसद को आमंत्रित करने का कार्य करता है वह चाहे तो संसद के दोनों सदनो को एक साथ बुला सकता है। राष्ट्रपति ही संसद को स्थगित और संबोधित करता है। राष्ट्रपति मंत्रिपरिषद की सलाह पर संसद को भंग भी कर सकता है।
  3. संसदीय सदस्यो को मनोनीत करना- राज्यसभा में कला, साहित्य तथा विज्ञान से संबंधित 12 लोगो को मनोनीत करने का अधिकार भी राष्ट्रपति के पास है।
  4. बिलो को स्वीकृति प्रदान करना- कोई बिल कानून रूप तब तक धारण नहीं कर सकता जब तक की राष्ट्रपति उस पर हस्ताक्षर न कर दे। विशेष प्रकार के बिलो जैसे धन विधेयक, संचित विधि में व्यय संबंधी विधेयक, राज्यों के नाम, क्षेत्र निर्माण संबंधी विधेयक, कराधन विधेयक, संविधान संशोधन विधेयक और आदि में राष्ट्रपति की सलाह लेना अनिवार्य है।

(C) न्यायिक शक्तियाँ

  1. न्यायधीशों की नियुक्ति करना- भारत के राष्ट्रपति ही उच्च न्यायलय और सर्वोच्च न्यायलय के न्यायधीशों की नियुक्ति कर सकते है पर वह उन्हे अपदस्थ नहीं कर सकते।
  2. क्षमा करने का अधिकार- यदि किसी व्यक्ति को सर्वोच्च न्यायालय द्वारा मृत्यु दंड का आदेश दिया गाय हो तो वह व्यक्ति राष्ट्रपति से गुहार लगा सकता है और राष्ट्रपति क्षमा करने के अधिकार का उपयोग करके उसे माफ या उसकी सजा को कम कर सकता है।

(D) वित्तीय शक्तियाँ

  1. धन विधेयक को पूर्व स्वीकृति देना- भारत का कोई भी धन विधेयक भारत के राष्ट्रपति की पूर्व अनुमति के बिना लोकसभा में प्रस्तावित नही हो सकता।
  2. बजट प्रस्तुत करना- राष्ट्रपति ही भारत के केंद्रीय बजट और संसद के बजट को वित्त मंत्री की सहायता से संसद में पेश करता है।
  3. आकस्मिकता निधि संबंधी अधिकार- भारत में जब भी किसी क्षेत्र में अचानक धन की की जरूरत होती है तो राष्ट्रपति भारत के मुद्राकोष में से धन निकाल सकता है इसके लिए उसे संसद की अनुमति की जरूरत नहीं है।
  4. वित्त आयोग की नियुक्ति करना- भारत के राष्ट्रपति के पास ही यह अधिकार है की वह केंद्र तथा राज्य के मध्य धन के बटवारें को लेकर वित्त आयोग का गठन कर सकता है।
  5. महान्यायवादी नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक की नियुक्ति करना- भारत का राष्ट्रपति ही की महान्यायवादी नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक की नियुक्ति करता है। महान्यायवादी नियंत्रक ही सरकारी लेखे-जोखे की रिपोर्ट भारत के राष्ट्रपति के सामने प्रस्तुत करता है।

(E)आपातकालीन शक्तियाँ

भारत का राष्ट्रपति भारत में केवल 3 स्थितियों में ही आपातकाल की घोषणा कर सकता है जो निम्नलिखित है:

  1. विदेश आक्रमण (युद्ध) व सशस्त्र विद्रोह की स्थिति में- अनुच्छेद 352 के अनुसार भारत का राष्ट्रपति भारत में विदेश आक्रमण, युद्ध, व सशस्त्र विद्रोह की स्थिति की आशंका में पूरे भारत में आपातकाल लागू कर सकता है।
  2. राज्य में संवैधानिक शासन की असफलता पर- अनुच्छेद 356 के अनुसार जब किसी राज्य का शासन संविधान के अनुसार नहीं चल रहा हो तो उस स्थिति में राष्ट्रपति उस राज्य में आपातकाल घोषित कर सकता है।
  3. वित्तीय संकट- अनुच्छेद 360 के तहत यदि भारत को यह लगता है की किसी राज्य में धन के अभाव के कारण कोई बड़ा संकेट उत्पन्न होने वाला है तो वह उस राज्य में आपातकाल घोषित कर सकता है।

आपातकाल की अवधि-

आपातकाल की अवधि भारतीय संविधान में 44वें संशोधन के बाद ही निश्चित की गई है। इसके अनुसार भारत के किसी राज्य अथवा भारत में आपातकाल जब तक जारी रह सकता है जब तक संसद इसे मंजूरी देती रहेगी। आपात काल के दौरान प्रत्येक 6 माह पर संसद को अगर इसकी जरूरत महसूस होगी तो वह इसे जारी रखेगी नहीं तो इसे हटाकर पुन: चुनावो का आयोन करेगी।

राष्ट्रपति पर महाभियोग

समान्यत: राष्ट्रपति का कार्यकाल पाँच वर्षो का होता है, परंतु विशेष स्थितियों में उन्हे अपना पद छोडना पद सकता है। अनुच्छेद 61 के तहत राष्ट्रपति पर महाभियोग उस स्थिति में लगाया जा सकता है जब राष्ट्रपति ने संविधान का उल्लघंन किया हो। महाभियोग लगाने के लिए संसद में महाभियोग प्रस्ताव लाया जाता है, जिकी सूचना राष्ट्रपति को 14दिन पहले ही दे दी जाती है। जब उस प्रस्ताव को दोनों सदन मिलकर 1/4 समर्थन दे देते है तो वह प्रस्ताव पारित कर दिया जाता है और राष्ट्रपति को अपना पद छोडना पड़ता है।

वर्ष 1950 से 2020 तक भारत के राष्ट्रपतियों की सूची:

नाम कार्यकाल रोचक तथ्य
डा. राजेन्द्र प्रसाद 26 जनवरी 1950 से 13 मई 1962 तक संविधान सभा के अध्यक्ष
डा. सर्वपल्ली राधाकृष्णन 13 मई 1962 से 13 मई 1967 तक उप-राष्ट्रपति
डा. जाकिर हुसैन 13 मई 1967 से 03 मई 1969 तक कार्यकाल में मृत्यु
वी.वी. गिरि (कार्यवाहक) 3 मई 1969 से 20 जुलाई 1969 तक उप-राष्ट्रपति
मोहम्मद हिदायतउल्ला (कार्यवाहक) 20 जुलाई 1969 से 24 अगस्त 1969 तक मुख्य न्यायाधीश
वी.वी. गिरी 24 अगस्त 1969 से 24 अगस्त 1974 तक स्वतन्त्र उम्मीदवार के रूप में ते
फखरुद्‍दीन अली अहमद 24 अगस्त 1974 से 11 फरवरी 1977 तक केन्द्रीय मंत्री (कार्यकाल में मृत्यु)
बीडी जत्ती (कार्यवाहक) 11 फरवरी 1977 से 25 जुलाई 1977 तक उप-राष्ट्रपति
नीलम संजीव रेड्‍डी 25 जुलाई 1977 से 25 जुलाई 1982 तक निर्विरोध निर्वाचित, 1929 में पराजित
एम. हिदायतुल्ला (कार्यवाहक) 02 अक्टूबर 1982 से 31 अक्टूबर 1982 तक उप-राष्ट्रपति
ज्ञानी जैल सिंह 25 जुलाई 1982 से 25 जुलाई 1987 तक प्रथम सिख राष्ट्रपति
रामास्वामी वेंकटरामन 25 जुलाई 1987 से 25 जुलाई 1992 तक उप-राष्ट्रपति
शंकरदयाल शर्मा 25 जुलाई 1992 से 25 जुलाई 1997 तक उप-राष्ट्रपति (4 प्रधानमंत्रियों के साथ काम)
डा. के. आर.नारायणन 25 जुलाई 1997 से 25 जुलाई 2002 तक प्रथम दलित
डा. ए.पी. जे. अब्दुल कलाम 25 जुलाई 2002 से 25 जुलाई 2007 तक वैज्ञानिक, मिसाइल कार्यक्रम के प्रणेता
श्रीमती प्रतिभा पाटिल 25 जुलाई 2007 से 25 जुलाई 2012 तक प्रथम महिला राष्ट्रपति
प्रणब मुख़र्जी 25 जुलाई 2012 से 25 जुलाई 2017 तक वित्त मंत्री, विदेश मंत्री, रक्षा मंत्री
रामनाथ कोविंद 25 जुलाई 2017 से अब तक बिहार के राज्यपाल

भारत के राष्ट्रपति से सम्बंधित अन्य महत्वपूर्ण तथ्य

  • राष्ट्रपति चुनाव में पहली महिला उम्मीदवार मनोहर होल्कर थी जिन्होंने 1967 में निर्दलीय चुनाव लड़ा था।
  • भारत में अभी तक किसी भी राष्ट्रपति के ऊपर महाभियोग नहीं लगाया गया है।
  • राष्ट्रपति के रुप में सबसे छोटा कार्यकाल डाँ जाकिर हुसैन का था, वे लगभग 2 वर्ष तक राष्ट्रपति रहे।
  • डाँ राधाकृष्णन, जाकिर हुसैन, वी. वी गिरि, आर वेंकटरमण, शंकर दयाल शर्मा एवं के. आर नारायणन उपराष्ट्रपति से राष्ट्रपति बने थे।
  • राष्ट्रपति भवन जो कि स्वतंत्रता के पहले वायसराय भवन था उसके वास्तुकार लुटियंस थे।
  • राष्ट्रपति का कार्यकाल समान्यत: पाँच वर्षो का होता है।
  • राष्ट्रपति का 1 महीने का वेतन करीब 5 लाख रुपए है।

इन्हें भी पढ़े: भारतीय राज्य एवं उनके वर्तमान मुख्यमंत्री

अंतिम संशोधन: 23 मई 2019

The post भारत के राष्ट्रपति 2020 – नाम की सूची, शक्तियाँ, कार्यकाल तथा महत्वपूर्ण जानकारी appeared first on सामान्य ज्ञान (Samanya Gyan 2020).

गरीब कल्याण रोजगार अभियान। PM Garib Kalyan Rojgar Yojna

$
0
0
गरीब कल्याण रोजगार अभियान। PM Garib Kalyan Rojgar Yojna

गरीब कल्याण रोजगार अभियान क्या है?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 20 जून 2020 को बिहार के खगड़िया जिले के तेलिहार गाँव से गरीब कल्याण रोजगार अभियान की शुरुआत की यह एक 125 दिवसीय अभियान है, जिसमें COVID-19 महामारी के कारण वापस लौटे प्रवासी कमगरों और प्रभावित ग्रामीण जनसमुदाय की समस्याओं को दूर करने के उद्देश्य से विपदाग्रस्त लोगों को तत्काल रोजगार और आजीविका के अवसर उपलब्ध कराने, गाँवों को सार्वजनिक अवसंरचना से परिपूर्ण करने और आय अर्जन कार्यकलापों तथा दीर्घकालिक आजीविका के अवसरों को बढ़ावा देने के लिए आजीविका परिसंपत्तियों का निर्माण करने की बहूद्देशीय कार्यनीति के माध्यम से विभिन्न कार्यों पर ज़ोर दिया जाएगा।

योजना के बारे में

यह एक ग्रामीण सार्वजनिक कार्य योजना है जिसे 6 राज्यों में 116 जिलों के लिए 50000 करोड़ की प्रारम्भिक निधि के साथ लॉंच किया गया है। बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश, राजस्थान, झारखंड और ओडिशा में से प्रत्येक में 25000 से अधिक प्रवासी श्रमिकों वाले कुल 116 जिलों को, जिसमें 27 आकांक्षी जिले शामिल हैं

राज्य जिले आकांक्षी जिले*
बिहार 32 12
उत्तर प्रदेश 31 5
मध्य प्रदेश 24 4
राजस्थान 22 2
झारखंड 3 3
ओड़ीशा 4 1
कुल 116 27

नोट: आकांक्षी जिले भारत के वे जिले हैं जो खराब सामाजिक-आर्थिक संकेतकों से प्रभावित हैं।

योजना की अवधि और कार्य:

  • यह अभियान 125 दिनों के लिए मिशन मोड में काम करेगा जिसमें एक ओर प्रवासी श्रमिकों को रोजगार प्रदान करने के लिए 25 विभिन्न प्रकार के कार्य शामिल हैं और दूसरी ओर देश में ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी ढाँचे का निर्माण करना है।
  • इन 25 कार्यों में सामुदायिक स्वच्छता परिसर, ग्राम पंचायत भवन, वित्त आयोग, निधियों के अंतर्गत कार्य, राष्ट्रीय राजमार्ग कार्य, जल संरक्षण और संचयन कार्य, कुएँ, पौधरोपण कार्य, बागवानी, आंगनवाड़ी केंद्र, रेलवे कार्य, श्यामा प्रसाद मुखर्जी रूब्रन मिशन, प्रधानमंत्री कुसुम कार्य, ग्रामीण आवास कार्य (PMAY-G), ग्रामीण संपर्क कार्य, भारत के अंतर्गत ओप्टिक फाइबर बिछाना, जल जीवन मिशन के अंतर्गत कार्य, प्रधानमंत्री ऊर्जा गंगा परियोजना, आजीविकाओं के लिए KVK के माध्यम से प्रशिक्षण, जिला निधि खनिज के माध्यम से कार्य, ठोस और तरल अपशिष्ट प्रबंधन कार्य, खेत तालाब, मवेशियों के बाड़े, बकरियों के बाड़े, मुर्गियों के दबड़े, तथा वर्मी खाद शामिल है।
  • इस अभियानों के क्रियाकलापों की प्रगति की निगरानी केंद्रीय देशबोर्ड और मोबाइल एप्प के माध्यम से प्रोग्रेस ट्रेकिग के द्वारा की जाएगी।

योजना के उद्देश्य:

  • गरीब कल्याण रोजगार अभियान के व्यापक उद्देश्य इस प्रकार हैं-
  • वापस लौटे प्रवासी श्रमिकों और समान रूप से प्रभावित ग्रामीण आबादी को तत्काल रोजगार अवसर प्रदान करना।
  • गाँवों को सार्वजनिक बुनियादी ढाँचे और संपत्ति के साथ संतृप्त करना।
  • लंबे समय तक आजीविका के अवसरों को बढ़ाने के लिए तैयार करना।

मंत्रालयों का समन्वय:

इस अभियान के लिए ग्रामीण विकास मंत्रालय का प्रमुख योगदान है और इस अभियान को राज्य सरकारों के साथ अभिन्न समन्वय में लागू किया जाएगा। यह विशेष योजना ग्रामीण विकास, पंचायत राज, सड़क परिवहन और राजमार्ग, खान पेयजल और स्वछता, पर्यावरण, रेलवे, पेट्रोलियम, और प्रकृतिक गैस, नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा, सीमा सड़कें, दूरसंचार और कृषि जैसे 12 विभिन्न मंत्रालयों / विभागों के बीच समन्वित प्रयास मे कार्यन्वित की जा रही है।

आवेदन हेतु शर्तें:

  • योजना का लाभ लेने के लिए आवदेक इन 6 राज्यों में से किसी एक का नागरिक होना चाहिए।
  • आवेदक के पास आधार कार्ड होना अनिवार्य है।
  • उसके पास निवासी प्रमाण पत्र होना चाहिए।
  • रोजगार केवल 18 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को ही दिया जाएगा।

गरीब कल्याण रोजगार अभियान की मुख्य तथ्य:

  • गरीब कल्याण रोजगार अभियान के तहत श्रमिकों को मनरेगा के तहत काम मिलेगा. जिसकी दैनिक मजदूरी 182 रुपए से बढ़ाकर 202 रुपए कर दी गई है. इस योजना के तहत श्रमिकों को 125 दिनों तक के लिए रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा।
  • यह अभियान मिशन मोड में चलाया जाएगा. जिसमें काम करने वाले श्रमिकों को राज्य सरकार के अधिकारियों द्वारा भुगतान किया जाएगा।

The post गरीब कल्याण रोजगार अभियान। PM Garib Kalyan Rojgar Yojna appeared first on सामान्य ज्ञान (Samanya Gyan 2020).

भारतीय राज्यों के राजकीय पक्षियों के नाम की सूची

$
0
0
भारतीय राज्यों के राजकीय पक्षियों के नाम की सूची | National Birds of Indian States in Hindi

भारत के राज्यों के राजकीय पक्षियों की सूची: (National birds of India and state-wise List in Hindi)

यहाँ पर भारत का राष्ट्रीय पक्षी और राज्यों के राजकीय पक्षियों के बारे में जानकारी दी गयी है। मोर भारत का राष्ट्रीय पक्षी है। भारत के लोगों से यदि यह पूछा जाए कि आपके प्रदेश के राष्ट्रीय पशु और पक्षी कौन-कौन हैं, तो ज्यादातर लोग बगलें झांकते नजर आएगे। यह बात बहुत कम लोग जानते हैं कि 1985 में इंडियन बोर्ड फॉर वाइल्ड लाइफ ने भारत के सभी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों से अपना अपना राजकीय पशु, पक्षी, वृक्ष और पुष्प चिन्हित करते हुए उन्हें अधिघोषित करने को कहा था। अब तक कई राज्यों ने अपने राजकीय प्रतीक घोषित कर दिए। लेकिन कई राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों ने इसमें रूचि नहीं दिखाई। आइए जानते हैं किस भारतीय राज्य का कौन-सा राजकीय पक्षी है:

यह सूची भारत के राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के आधिकारिक पक्षियों की है:

राज्य आधिकारिक/राजकीय पक्षियों के नाम वैज्ञानिक नाम
अरुणाचल प्रदेश भीमकाय धनेश Buceros bicornis
धनेश एक पक्षी प्रजाति है जिनकी चोंच लंबी और नीचे की ओर घूमी होती है और अमूमन ऊपर वाली चोंच के ऊपर लंबा उभार होता है जिसकी वजह से इसका अंग्रेज़ी नाम Hornbill (Horn=सींग, bill=चोंच) पड़ा है क्योंकि अंग्रेज़ों ने इस उभार को सींग का दर्ज़ा दिया था। भारत में इसकी ९ जातियाँ पाई जाती हैं।
असम देवहंस Asarcornis scutulata
हंस एक पक्षी है। भारतीय साहित्य में इसे बहुत विवेकी पक्षी माना जाता है। और ऐसा विश्वास है कि यह नीर-क्षीर विवेक (पानी और दूध को अलग करने वाला विवेक) से युक्त है। यह विद्या की देवी सरस्वती का वाहन है। ऐसी मान्यता है कि यह मानसरोवर में रहते हैं। यह पानी मे रहता है। यह एक दुर्लभ जीव है।
आंध्र प्रदेश तोता Psittacula krameri
तोता एक पक्षी है जिसका वैज्ञानिक नाम ‘सिटाक्यूला केमरी’ है। भारत के मप्र सागर देवरी मै लाखो की तादात मै शाम को देवरी शहर आते है कुछ परम्परागत ABC तोतो 25 सालो से लगातार एक निश्चित स्थान बैठते है और बाकी तोते शहर के पेडो पर रोज बैठते है उनकी चिकचिकाहट रात 12 बजे तक साफ सुनाई देती है यह कई प्रकार के रंग में मिलता है और दूसरों की नकल कर सकता है।
उत्तर प्रदेश सारस क्रौंच Grus antigone
सारस विश्व का सबसे विशाल उड़ने वाला पक्षी है। इस पक्षी को क्रौंच के नाम से भी जानते हैं। पूरे विश्व में भारतवर्ष में इस पक्षी की सबसे अधिक संख्या पाई जाती है। सबसे बड़ा पक्षी होने के अतिरिक्त इस पक्षी की कुछ अन्य विशेषताएं इसे विशेष महत्व देती हैं। उत्तर प्रदेश के इस राजकीय पक्षी को मुख्यतः गंगा के मैदानी भागों और भारत के उत्तरी और उत्तर पूर्वी और इसी प्रकार के समान जलवायु वाले अन्य भागों में देखा जा सकता है।
उत्तराखंड हिमालयी मोनाल Lophophorus impejanus
मोनाल फ़ीसण्ट (Pheasant) परिवार का लोफ़ोफ़ोरस (Lophophorus) जीनस का एक पक्षी है। इसकी तीन प्रजातियाँ और बहुत सी उपप्रजातियाँ लोफ़ोफ़ोरस जीनस के अन्तर्गत पाई जाती हैं।
ओडिशा नीलकंठ Coracias benghalensis
नीलकंठ वैज्ञानिक नाम, कोरेशियस बेन्गालेन्सिस रोलर वर्ग का पक्षी है। यह मुख्यतः उष्णकटिबन्धीय क्षेत्रों में पाया जाता है जिसमें पश्चिमी एशिया से भारतीय उपमहाद्वीप तक शामिल हैं। इसे आईयूसीएन लाल सूची में अल्पतम चिन्ता की स्थिति में सूचीबद्ध किया गया है.
कर्णाटक नीलकंठ Coracias benghalensis
नीलकंठ वैज्ञानिक नाम, कोरेशियस बेन्गालेन्सिस रोलर वर्ग का पक्षी है। यह मुख्यतः उष्णकटिबन्धीय क्षेत्रों में पाया जाता है जिसमें पश्चिमी एशिया से भारतीय उपमहाद्वीप तक शामिल हैं। इसे आईयूसीएन लाल सूची में अल्पतम चिन्ता की स्थिति में सूचीबद्ध किया गया है.
केरल भीमकाय धनेश Buceros bicornis
धनेश एक पक्षी प्रजाति है जिनकी चोंच लंबी और नीचे की ओर घूमी होती है और अमूमन ऊपर वाली चोंच के ऊपर लंबा उभार होता है जिसकी वजह से इसका अंग्रेज़ी नाम Hornbill (Horn=सींग, bill=चोंच) पड़ा है क्योंकि अंग्रेज़ों ने इस उभार को सींग का दर्ज़ा दिया था। भारत में इसकी ९ जातियाँ पाई जाती हैं।
गुजरात हंसावर Phoenicopterus roseus
फ्लेमिंगो परिवार की सबसे अधिक व्यापक और सबसे बड़ी प्रजाति फ्लेमिंगो (Phoenicopterus roseus) है। यह अफ्रीका में, भारतीय उपमहाद्वीप पर, मध्य पूर्व में और दक्षिणी यूरोप में पाया जाता है।
गोआ लालग्रीवा बुलबुल Pycnonotus gularis
बुलबुल, शाखाशायी गण के पिकनोनॉटिडी कुल (Pycnonotidae) का पक्षी है और प्रसिद्ध गायक पक्षी “बुलबुल हजारदास्ताँ” से एकदम भिन्न है। ये कीड़े-मकोड़े और फल फूल खानेवाले पक्षी होते हैं। ये पक्षी अपनी मीठी बोली के लिए नहीं, बल्कि लड़ने की आदत के कारण शौकीनों द्वारा पाले जाते रहे हैं। यह उल्लेखनीय है कि केवल नर बुलबुल ही गाता है, मादा बुलबुल नहीं गा पाती है
छत्तीसगढ़ पहाड़ी मैना Gracula religiosa peninsularis
आम पहाड़ी मैना (ग्रेकुला धर्मियो), जिसे कभी-कभी “मैना” कहा जाता था और पूर्व में इसे पहाड़ी मैना या मैना पक्षी के रूप में जाना जाता है, यह मैना सबसे अधिक एवोकल्चर में देखा जाता है, जहाँ इसे अक्सर बाद के दो नामों से जाना जाता है। यह दक्षिण एशिया और दक्षिण पूर्व एशिया के पहाड़ी क्षेत्रों में रहने वाले, स्टर्लिंग परिवार (स्टर्निडे) का सदस्य है।
झारखंड कोयल Gracula religiosa peninsularis
कोयल या कोकिल ‘कुक्कू कुल’ का पक्षी है, जिसका वैज्ञानिक नाम ‘यूडाइनेमिस स्कोलोपेकस’ है। नर कोयल नीलापन लिए काला होता है, तो मादा तीतर की तरह धब्बेदार चितकबरी होती है। नर कोयल ही गाता है। उसकी आंखें लाल व पंख पीछे की ओर लंबे होते हैं। नीड़ परजीविता इस कुल के पक्षियों की विशेष नेमत है यानि ये अपना घोसला नहीं बनाती। ये दूसरे पक्षियों विशेषकर कौओं के घोंसले के अंडों को गिरा कर अपना अंडा उसमें रख देती है।
तमिलनाडु मरकती पंडुक Chalcophaps indica
पन्ना कबूतर या मरकती पंडुक उष्ण तथा उपोष्ण कटिबन्धीय भारतीय उपमहाद्वीप, म्याँमार, थाइलैंड, मलेशिया, इंडोनेशिया तथा उत्तरी व पूर्वी ऑस्ट्रेलिया में पाया जाने वाला एक कबूतर का प्रकार है। इसे हरा कबूतर या हरित-पक्ष-कबूतर के नाम से भी जाना जाता है। यह भारत के तमिलनाडु राज्य का राज्यपक्षी है। इसकी अनेक उपप्रजातियाँ हैं, जिनमें तीन ऑस्ट्रेलिया में पायी जाती हैं।
तेलंगाना नीलकंठ Coracias benghalensis
नीलकंठ रोलर वर्ग का पक्षी है। यह मुख्यतः उष्णकटिबन्धीय क्षेत्रों में पाया जाता है जिसमें पश्चिमी एशिया से भारतीय उपमहाद्वीप तक शामिल हैं। इसे आईयूसीएन लाल सूची में अल्पतम चिन्ता की स्थिति में सूचीबद्ध किया गया है।
त्रिपुरा राजहारिल (हरा शाही कबूतर) Ducula aenea
हरा शाही कबूतर एक बड़ा जंगल कबूतर है। बड़ी रेंज दक्षिणी भारत और श्रीलंका से पूर्व में दक्षिणी चीन, इंडोनेशिया और फिलीपींस तक पाया जाता है।
नागालैंड ब्लिथ का ट्रैगोपेन Tragopan blythii
ब्लाइथ्स ट्रागोपन एक तीतर है जो एक कमजोर प्रजाति है। सामान्य नाम एडवर्ड बेलीथ, अंग्रेजी प्राणीविज्ञानी और बंगाल के एशियाटिक सोसाइटी के क्यूरेटर का स्मरण करता है। एक तीतर है जो एक कमजोर प्रजाति है। सामान्य नाम एडवर्ड बेलीथ, अंग्रेजी प्राणीविज्ञानी और बंगाल के एशियाटिक सोसाइटी के क्यूरेटर का स्मरण करता है।
पंजाब राजबाज़ Accipiter gentilis
बाज़ एक शिकारी पक्षी है जो कि गरुड़ से छोटा होता है। इस प्रजाति में दुनिया भर में कई जातियाँ मौजूद हैं और अलग-अलग नामों से जानी जाती हैं। वयस्क बाज़ के पंख पतले तथा मुड़े हुए होते हैं जो उसे तेज़ गति से उड़ने और उसी गति से अपनी दिशा बदलने में सहायता करते हैं।
पश्चिम बंगाल श्वेतग्रीवा किलकिला Halcyon smyrnensis
श्वेतकण्ठ कौड़िल्ला एक पक्षी है जो एशिया के विभिन्न भागों में पाया जाता है। वैसे तो यह पक्षी जलस्रोतों के निकट रहता है किन्तु जल से बहुत दूर भी पाया जाता है जहाँ ये सरीसृपों, उभयजीवियों, केकड़ों आदि का शिकार कर अपना पेट भरते हैं।
बिहार गौरैया Passer domesticus
घरेलू गौरैया (पासर डोमेस्टिकस) एक पक्षी है जो यूरोप और एशिया में सामान्य रूप से हर जगह पाया जाता है। इसके अतिरिक्त पूरे विश्व में जहाँ-जहाँ मनुष्य गया इसने उनका अनुकरण किया और अमरीका के अधिकतर स्थानों, अफ्रीका के कुछ स्थानों, न्यूज़ीलैंड और आस्ट्रेलिया तथा अन्य नगरीय बस्तियों में अपना घर बनाया। शहरी इलाकों में गौरैया की छह तरह ही प्रजातियां पाई जाती हैं। ये हैं हाउस स्पैरो, स्पेनिश स्पैरो, सिंड स्पैरो, रसेट स्पैरो, डेड सी स्पैरो और ट्री स्पैरो। इनमें हाउस स्पैरो को गौरैया कहा जाता है।
मणिपुर नांगयिन Syrmaticus humiae
धारीदार पूँछ वाला तीतर या ह्यूम तीतर, भारत के पूर्वोत्तर हिमालय तथा चीन, म्यांमार तथा थाइलैंड में पाया जाने वाला एक तीतर प्रजाति का पक्षी है। यह भारतीय राज्य मणिपुर और मिज़ोरम का राज्य पक्षी भी है जहाँ इसे क्रमश: नांगयिन (मणिपुरी) और वावु नाम से जाना जाता है।
मध्य प्रदेश दूधराज Terpsiphone paradisi
दूधराज या सुल्ताना बुलबुल, जिसे अंग्रेज़ी में एशियाई दिव्यलोकी कीटमार कहते हैं, पासरीफ़ोर्मीज़ जीववैज्ञानिक गण का मध्य आकार का एक पक्षी है। नरों की दुम पर लम्बे पंख होते हैं जो उत्तर भारत में अक्सर सफ़ेद रंग के, लेकिन अन्य जगहों पर आमतौर से काले या लाल-भूरे होते हैं। यह घनी टहनियों वाले पेड़ों के नीचे कीट पकड़कर खाते हैं।
महाराष्ट्र हरियल Treron phoenicoptera
हरियाल पहली बार भारतीय उपमहाद्वीप में देखने को मिली थी हरियल पक्षी के बारे में कहा जाता है कि यह जमीन पर नहीं बैठता है। हरियाल भारत के महाराष्ट्र राज्य की राजकीय पक्षी है। यह ट्रेरन फॉनीकॉप्टेरा की प्रजाति की है।
मिजोरम वावु Syrmaticus humiae
धारीदार पूँछ वाला तीतर या ह्यूम तीतर, भारत के पूर्वोत्तर हिमालय तथा चीन, म्यांमार तथा थाइलैंड में पाया जाने वाला एक तीतर प्रजाति का पक्षी है। यह भारतीय राज्य मणिपुर और मिज़ोरम का राज्य पक्षी भी है जहाँ इसे क्रमश: नांगयिन (मणिपुरी) और वावु नाम से जाना जाता है।
मेघालय पहाड़ी मैना Gracula religiosa peninsularis
आम पहाड़ी मैना (ग्रेकुला धर्मियो), जिसे कभी-कभी “मैना” कहा जाता था और पूर्व में इसे पहाड़ी मैना या मैना पक्षी के रूप में जाना जाता है, यह मैना सबसे अधिक एवोकल्चर में देखा जाता है, जहाँ इसे अक्सर बाद के दो नामों से जाना जाता है। यह दक्षिण एशिया और दक्षिण पूर्व एशिया के पहाड़ी क्षेत्रों में रहने वाले, स्टर्लिंग परिवार (स्टर्निडे) का सदस्य है।
राजस्थान सोनचिरैया Ardeotis nigriceps
गोडावण एक बड़े आकार का पक्षी है जो भारत के राजस्थान तथा सीमावर्ती पाकिस्तान में पाया जाता है। उड़ने वाले पक्षियों में यह सबसे अधिक वजनी पक्षी है। बड़े आकार के कारण यह शुतुरमुर्ग जैसा प्रतीत होता है। यह राजस्थान का राज्य पक्षी है। सोहन चिड़िया, हुकना, गुरायिन आदि इसके अन्य नाम हैं।
सिक्किम चिलमे (रक्त तीतर) Ithaginis cruentus
तीतर परिवार के जीनस इटहेजिनिस में रक्त तीतर (इटहेजिनस क्रेंटस) एकमात्र प्रजाति है। यह एक अपेक्षाकृत छोटा या छोटी पूंछ वाला तीतर है रक्त तीतर सिक्किम के पूर्व साम्राज्य का राष्ट्रीय पक्षी था, और सिक्किम का राज्य पक्षी बना हुआ है
हरियाणा काला तीतर Francolinus francolinus
काले तीतर का सिर घुमावदार होता है और इसकी आँख की पुतली का रंग भूरा होता है। सिर का अगला भाग भूरा होता है और गला काले रंग का होता है। इसकी लंबाई ३३ से ३६ से. मी. होती है और वज़न लगभग ४५३ ग्राम होता है। इसका प्रमुख रंग काला होता है-काली छाती, लाल पेट, बगलों पर काले पर सफ़ेद धब्बे और पृष्ठ भाग में सुनहरे भूरे धब्बे होते हैं।
हिमाचल प्रदेश जुजुराना Tragopan melanocephalus
पश्चिमी ट्रगोपैन या पश्चिमी सींग वाला ट्रैपोपान एक मध्यम आकार का चमकता हुआ तीतर है, जो कि भारत के उत्तर में पूर्वी पाकिस्तान में खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के उत्तर-पूर्वी जिलों से लेकर पूर्व में भारत के भीतर उत्तराखंड तक पाया जाता है। प्रजाति अत्यधिक खतरे में है और विश्व स्तर पर खतरा है।

केन्द्र शासित प्रदेश

अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह अंडमान जंगली कबूतर Columba palumboides
अंडमान की लकड़ी कबूतर परिवार कोलंबिया में पक्षी की एक प्रजाति है। यह अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के लिए स्थानिक है।
चंडीगढ़ भारतीय धूसर धनेश Ocyceros birostris
भारतीय ग्रे हॉर्नबिल (ऑकीसेरॉस बिरोस्ट्रिस ) एक साधारण हॉर्नबिल है जो भारतीय उपमहाद्वीप में पायी जाती है। यह सर्वाधिक वानस्पतिक पक्षी है और आमतौर पर जोड़े में दिखायी पड़ती है। इनमे पूरे शरीर पर ग्रे रंग के रोयें होते हैं और इनके पेट का हिस्से हल्का ग्रे या फीके सफ़ेद रंग का होता है। इनके सिर का उभार काले या गहरे ग्रे रंग का होता है और शिरस्त्राण इस उभार के वक्रता बुंडू तक फैला होता है। अनेकों शहरों के ग्रामीण क्षेत्रों में पाई जाने वाली हॉर्नबिलों में से एक हैं, ग्रामीण क्षेत्रों में ये विशाल वृक्ष युक्त मार्गों का उपभोग कर पाती हैं।
जम्मू और कश्मीर अभी तक घोषित नहीं
दादरा और नगर हवेली और दमन और दीव अभी तक घोषित नहीं
दिल्ली गौरैया Passer domesticus
घरेलू गौरैया (पासर डोमेस्टिकस) एक पक्षी है जो यूरोप और एशिया में सामान्य रूप से हर जगह पाया जाता है। इसके अतिरिक्त पूरे विश्व में जहाँ-जहाँ मनुष्य गया इसने उनका अनुकरण किया और अमरीका के अधिकतर स्थानों, अफ्रीका के कुछ स्थानों, न्यूज़ीलैंड और आस्ट्रेलिया तथा अन्य नगरीय बस्तियों में अपना घर बनाया। शहरी इलाकों में गौरैया की छह तरह ही प्रजातियां पाई जाती हैं। ये हैं हाउस स्पैरो, स्पेनिश स्पैरो, सिंड स्पैरो, रसेट स्पैरो, डेड सी स्पैरो और ट्री स्पैरो। इनमें हाउस स्पैरो को गौरैया कहा जाता है।
पुदुच्चेरी एशियाई कोयल Eudynamys scolopaceus
एशिया में पाया जाने वाला कोयल कुकुलीफोर्म्स नामक कोयल गण का पक्षी है। यह दक्षिण एशिया, चीन एवं दक्षिण-पूर्वी एशिया में पाया जाता है ब्लेक बिल व प्रशांति कोयल के साथ उप प्रजाति दर्शाता है, यह पक्षी कभी भी अपने अंडों के लिए हौसला नहीं बनाता यह अपने अंडे अन्य पक्षियों के घोंसले में रख देता है, ज्यादातर ये कौवा के अंडे को नीचे गिरा कर अपने अंडे उसके घोंसले में रख देता है यह शर्मिला अकेला रहने वाला पक्षी है एशियाई कोयल ज्यादातर फलभक्षी होते हैं कोयल भारत में कई जगह कविताओं में अच्छा प्रतीक माना जाता है!
लक्षद्वीप काजल कुररी Onychoprion fuscatus
कालिख टर्न परिवार लारिडे में एक सीबर्ड है। यह उष्णकटिबंधीय महासागरों का एक पक्षी है जो विंग पर सोता है, केवल भूमध्यरेखीय क्षेत्र में द्वीपों पर प्रजनन के लिए भूमि पर लौटता है।
लद्दाख काली गर्दनवाला सारस Grus nigricollis
काली गर्दन वाली क्रेन एशिया में एक मध्यम आकार की क्रेन है जो तिब्बती पठार और भारत के दूरदराज के हिस्सों और भूटान पर प्रजनन करती है।

इन्हें भी पढे: भारत के प्रमुख राष्ट्रीय अभ्यारण्य व उद्यानों की सूची

भारतीय पक्षियों  के बारे में महत्वपूर्ण तथ्य:

  • दुनिया में लगभग 8,650 जाति के पक्षी मिलते हैं।
  • इनमें से 1,200 जातियों के पक्षी भारत में पाए हैं।
  • भारत में 900 जातियों के पक्षी स्थानीय हैं।
  • भारत में 300 जातियों के पक्षी प्रवासी हैं। ये सर्दियों के मौसम में हिमालय के पार के देशों से भारत आते हैं और अक्टूबर से मार्च तक भारत में रहते हैं।
  • भारत में के पक्षियों में 180 जातियों के पक्षी ऐसे हैं, जो पूरी तरह भारतीय हैं। इनकी उत्पत्ति और विकास भारत में ही हुआ है।
  • भारत का सबसे बड़ा पक्षी सारस क्रोच है। इसकी ऊंचाई डेढ़ मीटर से भी अधिक होती है।
  • भारत का सबसे छोटा पक्षी एक फूलचुकी (प्लेन कलड फ्लावर पेकर) है। इसकी लम्बाई 7 सेंटीमीटर से अधिक नहीं होती। यह भारत की सबसे हल्की चिडिय़ा है। इसका वजन 4.5 ग्राम से अधिक नहीं होता।
  • भारत की सबसे भारी चिडिय़ा सोनचिरैया (ग्रेट इंडियन बस्टर्ड) है। इसका वजन 13 किलोग्राम से भी अधिक होता है।
  • मोर भारत का राष्ट्रीय पक्षी है। भारत का सबसे सुन्दर पक्षी मोर है। इसके बाद मोनाल का स्थान है।
  • छोटे पक्षियों में शकरखोरा (सन बर्ड) सर्वाधिक सुन्दर पक्षी है।

The post भारतीय राज्यों के राजकीय पक्षियों के नाम की सूची appeared first on सामान्य ज्ञान (Samanya Gyan 2020).

विश्व के प्रसिद्ध देशों के नाम और उनके गणतंत्र दिवस की सूची

$
0
0
विश्व के प्रसिद्ध देश और उनके गणतंत्र दिवस | Republic Day of Countries in Hindi

विश्व के प्रसिद्ध देशों के नाम और उनके गणतंत्र दिवस: (Republic Day of famous countries of World in Hindi)

यहां पर आपको विश्व के प्रसिद्ध देशों के नाम और उनके गणतंत्र दिवस कब मनाये जाते है के बारे में सामान्य जानकारी दे रहे है। विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में प्रसिद्ध देशों के नाम और उनके गणतंत्र दिवस के आधार पर  प्रश्न पूछे जाते है, इसलिए यह पोस्ट आपकी सभी प्रकार की प्रतियोगी परीक्षाओं जैसे:- एसएससी, बैंक, शिक्षक, टीईटी, कैट, यूपीएससी, अन्य सरकारी परीक्षाओं की तैयारी के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। आइये जानते है विश्व के किस देश में गणतंत्र दिवस कब मनाया जाता है:-

विभिन्न देशों में गणतंत्र दिवस की सूची:

1 जनवरी स्लोवाकिया
स्लोवाक गणराज्य की स्थापना का दिन चेकोस्लोवाकिया से स्लोवाक स्वतंत्रता का प्रतीक है, जो चेक और स्लोवाक फेडेरेटिव रिपब्लिक के विघटन के एक दिन बाद 1 जनवरी 1993 को हुआ था।
26 जनवरी भारत
भारत ने 15 अगस्त 1947 को अपनी स्वतंत्रता प्राप्त की, जिसके बाद एक संविधान तैयार करने की प्रक्रिया शुरू की गई। संविधान सभा में 26 नवंबर 1949 को संविधान पारित किया गया था। इसे 26 जनवरी 1950 को एक लोकतांत्रिक सरकारी प्रणाली के साथ अपनाया गया था। 26 जनवरी का चयन इसलिए किया गया क्योंकि 1930 में यह दिन था जब भारतीय स्वतंत्रता की घोषणा की गई थी।
1 फरवरी हंगरी
गणतंत्र का स्मारक दिवस 1 फरवरी 1946 को हंगरी गणराज्य की उद्घोषणा के रूप में मनाया जाता है। 2004 से, यह दिन एक सार्वजनिक या राष्ट्रीय अवकाश नहीं, बल्कि राष्ट्रीय स्मारक दिवस के रूप में मनाया जाता है।
15 फरवरी सर्बिया
सर्बिया का गणतंत्र दिवस हर साल दो प्रमुख ऐतिहासिक घटनाओं की स्मृति में मनाया जाता है 1804 में प्रथम सर्बियाई विद्रोह की शुरुआत में और 1835 में पहला सर्बियाई संविधान निर्माण में।
23 फरवरी गुयाना
23 फरवरी 1970 को, गुयाना को राष्ट्रमंडल के भीतर एक “सहकारी गणराज्य” घोषित किया गया।
23 मार्च पाकिस्तान
पाकिस्तान में, 23 मार्च को दो संबंधित घटनाओं को चिह्नित करता है, 1940 में अखिल भारतीय मुस्लिम लीग के नेताओं द्वारा लाहौर प्रस्ताव, अनिवार्य रूप से 1947 में ब्रिटिश भारत के बाद के मुसलमानों के लिए एक अलग राज्य (पाकिस्तान) की मांग करना। दूसरा आयोजन औपचारिक घोषणा था 1956 में इस्लामी गणतंत्र के रूप में पाकिस्तान, पहले डोमिनियन का दर्जा रखता था।
1 अप्रैल ईरान
ईरानी इस्लामी गणतंत्र दिवस, इस्लामी गणतंत्र की 1979 की स्थापना की वर्षगांठ को चिह्नित करने के लिए ईरानी कैलेंडर के फरवार्डिन 12 पर मनाया जाता है। फ़ारवर्डिन 12 ग्रेगोरियन कैलेंडर में 1 अप्रैल को या उसके आसपास आता है।
24 अप्रैल गाम्बिया
24 अप्रैल 1970 को, गैम्बिया राष्ट्रमंडल के भीतर एक गणतंत्र बन गया।
15 मई लिथुआनिया
लिथुआनिया की संविधान सभा 15 मई 1920 को पहली बार मिली थी। इस दिन को संविधान सभा दिवस के रूप में मनाया जाता है।
22 मई श्रीलंका
22 मई 1972 को, सीलोन ने अपना नाम बदलकर श्रीलंका कर लिया, एक नया संविधान अपनाया और आधिकारिक तौर पर एक गणतंत्र बन गया।
28 मई आज़रबाइजान
28 मई 1918 को, अजरबैजान ने ट्रांसकेशासियन डेमोक्रेटिक फेडेरेटिव रिपब्लिक से स्वतंत्रता की घोषणा की, इस प्रकार अज़रबैजान डेमोक्रेटिक रिपब्लिक का गठन हुआ। अज़रबैजान मुस्लिम दुनिया में पहला लोकतांत्रिक संसदीय गणराज्य था। सोवियत काल के दौरान छुट्टी नहीं मनाई गई थी।
28 मई नेपाल
नेपाल की कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) द्वारा 2006 में नेपाल के सभी प्रमुख राजनीतिक दलों द्वारा कई महीनों तक बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन के साथ एक दशक की जनवादी क्रांति, एक शांति समझौते के तहत हुई और अंतिम नेपाली नरेश ज्ञानेंद्र शाह के पक्ष में भारी मतदान हुआ, जिसके बाद 28 मई 2008 को एक संघीय लोकतांत्रिक गणराज्य की स्थापना हुई।
31 मई दक्षिण अफ्रीका
1961 और 1994 के बीच, 31 मई को दक्षिण अफ्रीका में गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया गया। 1994 में, दक्षिण अफ्रीका ने राष्ट्रमंडल राष्ट्र की स्थापना की।
2 जून  इटली
यह 1946 के जनमत संग्रह की याद दिलाता है जब द्वितीय विश्व युद्ध के बाद देश को देने के लिए सरकार (राजशाही या गणराज्य) के किस रूप को तय करने के लिए इतालवी आबादी को बुलाया गया था और फासीवाद के पतन के बाद। राजशाही के 85 वर्षों के बाद, इटली एक गणराज्य बन गया, यह सबसे महत्वपूर्ण इतालवी सार्वजनिक छुट्टियों में से एक है, जो फ्रांस में 14 जुलाई और अमेरिका में 4 जुलाई की तरह, राष्ट्र के जन्म का जश्न मनाता है। मध्य रोम में एक भव्य सैन्य परेड आयोजित की जाती है।
17 जून आइसलैंड
17 अगस्त, 1944 आइसलैंड गणराज्य बना था।
1 जुलाई घाना
 1 जुलाई 1960 को, घाना के प्रथम प्रधानमंत्री क्वामे नक्रमा ने एक गणतंत्र की घोषणा की और इसके पहले राष्ट्रपति बने।
4 जुलाई फिलीपींस
1946 से 1961 तक, इस दिन को संयुक्त राज्य अमेरिका से देश की आजादी और 1946 में तीसरे गणतंत्र की स्थापना के सम्मान में स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाया गया। 1962 में, राष्ट्रपति डिओसादो मैकापगल ने स्वतंत्रता दिवस की तारीख को बदलकर 12 जून कर दिया। “हमारे लोगों की स्वतंत्रता और स्वतंत्रता के लिए उनके निहित और अयोग्य अधिकार की घोषणा की”, और गणतंत्र अधिनियम संख्या 4166 के अनुसार “फिलीपीन गणतंत्र दिवस” के रूप में 4 जुलाई को नामित किया गया। 12 जून की वर्तमान तिथि प्रथम फिलीपीन गणराज्य के धर्मनिरपेक्षता से मनाती है।
 14 जुलाई इराक
14 जुलाई 1958 वह दिन है जब अब्दुल करीम कसीम के नेतृत्व में लोकप्रिय सेनाओं द्वारा इराक में हशेमते राजशाही को उखाड़ फेंका गया, जो देश के नए नेता बने। 14 जुलाई स्क्वायर पर एक प्रतिमा के साथ बगदाद में कार्यक्रम का आयोजन किया गया था।
25 जुलाई ट्यूनीशिया
ट्यूनीशिया में गणतंत्र दिवस राष्ट्रीय सभा द्वारा राजशाही के उन्मूलन का जश्न मनाता है, जिसके परिणामस्वरूप ट्यूनीशिया गणराज्य की घोषणा हुई है। हबीब बोरगुइबा को ट्यूनीशिया का पहला राष्ट्रपति चुना गया था।
2 अगस्त उत्तरी मेसिडोनिया
उत्तर मेसिडोनिया में, 2 अगस्त को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह 2 अगस्त 1903 के इलिंडेन-प्रीबॉर्बनेरी विद्रोह, और 2 अगस्त 1944 को मैसिडोनिया के राष्ट्रीय मुक्ति के लिए फासीवाद विरोधी सभा की पहली बैठक है। यह दिन सेंट एलिजा दिवस या इलिंडेन के रूप में भी मनाया जाता है।
9 सितंबर उत्तर कोरिया
डेमोक्रेटिक पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ कोरिया की स्थापना 9 सितंबर 1948 को सोवियत कब्जे से मुक्त होने और एक अनंतिम सरकार के बाद हुई थी।
24 सितंबर त्रिनिदाद एंड टोबैगो
त्रिनिदाद एंड टोबैगो आधिकारिक तौर पर 1 अगस्त 1976 को एक गणतंत्र बन गया। गणतंत्र दिवस हर साल 24 सितंबर को मनाया जाता है, क्योंकि यह है कि पहली संसद नए गणतंत्र संविधान के तहत मिली थी, हालांकि इसे 1999 से 2001 तक छुट्टियों के आधिकारिक कैलेंडर से हटा दिया गया था।
5 अक्टूबर पुर्तगाल
पुर्तगाल में 5 अक्टूबर को Implantação da República के रूप में जाना जाता है। यह 1910 में प्रथम पुर्तगाली गणराज्य की उद्घोषणा मनाता है।
7 अक्टूबर पूर्वी जर्मनी
द टैग डेर रिपब्लिक ने 7 अक्टूबर 1949 को जर्मन डेमोक्रेटिक रिपब्लिक की स्थापना की, परंतु 3 अक्टूबर 1990 को पूर्वी जर्मनी को भंग कर दिया गया था।
10 अक्टूबर ताइवान
ताइवान में 10 अक्टूबर 1911 में चीन गणराज्य की स्थापना की याद में एक राष्ट्रीय अवकाश है, जो वुचंग विद्रोह के साथ चीनी क्रांति की प्रतीकात्मक शुरुआत है। इसे डबल टेन डे के रूप में भी जाना जाता है।
29 अक्टूबर तुर्की
29 अक्टूबर 1923 को, तुर्की संविधान में संशोधन किया गया और तुर्की एक गणराज्य बन गया। इसने औपचारिक रूप से तुर्क साम्राज्य के विघटन की घोषणा की। हर साल पूरे तुर्की में गणतंत्र दिवस मनाया जाता है।
11 नवंबर मालदीव
11 नवंबर 1968 को, मालदीव की राजशाही को एक गणतंत्र द्वारा बदल दिया गया था।
15 नवंबर ब्राज़िल
15 नवंबर 1889 को, रियो डी जनेरियो (उस समय ब्राजील की राजधानी) शहर में, फील्ड मार्शल देदोरो दा फोंसेका के नेतृत्व में एक सैन्य तख्तापलट ने सम्राट पेड्रो II को उखाड़ फेंका और ब्राजील को एक गणतंत्र घोषित किया।
15 नवंबर उत्तरी सायप्रस
15 नवंबर 1983 को,उत्तरी सायप्रस की घोषणा की गई थी।
28 नवंबर चाड
28 नवंबर 1958 को, चाड फ्रांसीसी समुदाय के भीतर एक स्वायत्त राज्य बन गया।
29 नवंबर यूगोस्लाविया
29 नवंबर 1943 को, एंटी-फ़ासिस्ट काउंसिल ऑफ़ नेशनल लिबरेशन ऑफ यूगोस्लाविया ने युद्ध के बाद यूगोस्लाविया की स्थापना एक संघीय गणराज्य के रूप में की, जिसे आधिकारिक तौर पर 1945 में एक ही तिथि पर घोषित किया गया था।
1 दिसंबर मध्य अफ्रीकी गणराज्य
1 दिसंबर 1958 को, उबांगी-शैरी मध्य अफ्रीकी गणराज्य के रूप में फ्रांसीसी समुदाय के भीतर एक स्वायत्त क्षेत्र बन गया।
11 दिसंबर बुर्किना फासो
11 दिसंबर 1958 को, ऊपरी वोल्टता फ्रांसीसी समुदाय में एक स्वायत्त गणराज्य बन गया। यह बुर्किना फासो में गणतंत्र की उद्घोषणा के रूप में मनाया जाता है।
16 दिसंबर कजाखस्तान
सोवियत शासन के दिनों में, सोवियत संघ के अलग-अलग गणराज्यों ने अधिक स्वायत्तता की मांग की। सोवियत संघ ने 1990 की शुरुआत में राजनीतिक शक्ति का एकाधिकार छोड़ने के लिए सहमति व्यक्त की। लिथुआनियाई एसएसआर, रूसी एसएफएसआर, अन्य के नेतृत्व के बाद, कजाख एसएसआर ने 25 अक्टूबर 1990 को अपनी संप्रभुता की घोषणा की, और बाद में 16 दिसंबर 1991 को सोवियत संघ के पतन के बाद कजाकिस्तान स्वतंत्र हो गया। 16 दिसंबर को गणतंत्र दिवस के रूप में कजाकिस्तान में सार्वजनिक अवकाश के रूप में मनाया जाता है।
18 दिसंबर नाइजर
18 दिसंबर 1958 को राष्ट्रीय अवकाश के रूप में नाइजीरिया गणराज्य में मनाया जाता है। यद्यपि फ्रांस से औपचारिक स्वतंत्रता की तारीख नहीं है, 18 दिसंबर को फ्रांसीसी गणतंत्र के संवैधानिक परिवर्तनों के बाद, गणराज्य की स्थापना और नाइजर गणराज्य के राष्ट्रपति पद के निर्माण का प्रतीक है।
28 दिसंबर दक्षिण सूडान
28 दिसंबर 2012 को, दक्षिण सूडान के राष्ट्रपति ने देश को एक गणतंत्र राष्ट्र घोषित किया।

इन्हें भी पढे: भारतीय गणतंत्र दिवस का इतिहास, महत्व एवं मुख्य अतिथियों की सूची

The post विश्व के प्रसिद्ध देशों के नाम और उनके गणतंत्र दिवस की सूची appeared first on सामान्य ज्ञान (Samanya Gyan 2020).

भारतीय इतिहास में हुई प्रमुख क्रांति उनके क्षेत्र एवं उनके जनक

$
0
0

भारतीय इतिहास में हुई प्रमुख क्रांति एवं उनके सम्बंधित क्षेत्रो के नाम: (Leading Revolutions and their Fields in Indian History in Hindi)

भारतीय पर इतिहास में हुई प्रमुख क्रांति एवं उनसे संबंधित क्षेत्रो के नाम दिए है सामान्यतः प्रमुख क्रांति एवं उनके क्षेत्र से सम्बंधित प्रश्न प्रतियोगी परीक्षाओं में पूछे जाते है और आगे भी पूछे जायेंगे। यदि आप विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं जैसे: आईएएस, शिक्षक, यूपीएससी, पीसीएस, एसएससी, बैंक, एमबीए एवं अन्य सरकारी नौकरियों के लिए तैयारी कर रहे हैं, तो आपको भारतीय इतिहास में हुई प्रमुख क्रांति एवं उनके संबंधित क्षेत्र के बारे में अवश्य पता होना चाहिए।

आइये जाने भारतीय इतिहास में हुई प्रमुख क्रांति एवं उनके संबंधित क्षेत्र:

क्रांति संबंधित क्षेत्र
काली क्रांति पेट्रोलियम प्रॉडक्शन से
स्वर्ण क्रांति शहद, बागवानी से
हरित क्रांति खाद्यान्न उत्पादन से
श्वेत क्रांति दुग्ध उत्पादन से
नीली क्रांति मत्स्य उत्पादन से
भूरी क्रांति सीमेंट, उर्वरक, उन उत्पादन से
रजत क्रांति अंडा उत्पादन से
पीली क्रांति तिलहन, तेल के बीज, खाद्य तेल, विशेष रूप से सरसों और सूरजमुखी से
कष्ण क्रांति बायोडीजल उत्पादन से
लाल क्रांति टमाटर/मांस उत्पादन से
गुलाबी क्रांति झींगा मछली उत्पादन से
बादामी क्रांति मासाला उत्पादन से
सनहरी क्रांति फल उत्पादन से
अमृत क्रांति नदी जोड़ो परियोजनाएं से
धसर/स्लेटी क्रांति सीमेंट से
गोल क्रांति आलु से
सनराइज/सुर्योदय क्रांति इलेक्ट्रॉनिक उधोग के विकास से
गंगा क्रांति भ्रष्टाचार के खिलाफ सदाचार पैदा करने हेतु
सदाबहार क्रांति जैव तकनीकी से
सफ्रॉन क्रांति केसर उत्पादन से
सलेटी/ग्रे क्रांति उर्वरको के उत्पादन से
हरित सोना क्रांति बाँस उतपादन से
मक्का क्रांति मोटे अनाजों के उत्पादन से
परामनी क्रांति भिन्डी उत्पादन से
ग्रीन गॉल्ड क्रांति चाय उत्पादन से
खाद्द श्रंखला क्रांति भारतीय कृषकों की 2020 तक आमदनी को दुगुना करने से
खाकी क्रांति चमड़ा उत्पादन से
वहाइट गॉल्ड क्रांति कपास उत्पादन से (तीसरी) क्रांति)
N.H.क्रान्ति स्वर्णिम चतुर्भुज योजना से
गोल्डन फाइबरक्रांति जूट से
सिल्वर फाइबरक्रांति कपास से
सदाबहार क्रांति कृषि का समग्र विकास से
इंद्रधनुषी क्रांति सम्पूर्ण कृषि क्षेत्र विकास से
खाधान्न श्रृंखला क्रांति खाधान्न/सब्जी/फलों को सड़ने से बचाना

भारतीय इतिहास में हुई प्रमुख क्रांति के जनक:

प्रमुख क्रांति जनक
यूनानी क्रांति के जनक (भारत) एम. एस. स्वामीनाथन
श्वेत क्रांति के जनक वर्गीस कुरियन
मिल्क मैन ऑफ इंडिया वर्गीस कुरियन
नीली क्रांति के जनक डॉ. अरुण कृष्णन
प्रेरित प्रजनन के पिता प्रो. हरिलाल चौधरी
गुलाबी क्रांति के जनक दुर्गेश पटेल
स्वर्ण क्रांति के जनक निरपख तूतेज
लाल क्रांति के जनक विशाल तिवारी
रजत क्रांति के जनक इंदिरा गांधी
प्रोटीन क्रांति के जनक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अरुण जेटली
पीली क्रांति के जनक सैम पित्रोदा

फसलों के उपनाम राजा:

दालो का राजा- चना
फलो का राजा- आम
फलो का राजा- गुलाब
मसालों का राजा/प्रकृति का आश्चर्य- मिर्च
अनाजों का राजा- चावल
मोटे अनाजों का राजा- ज्वार
शितोष्ण फलो का राजा- सेब
सखे मेवो का राजा- बादाम
चारे कि फसलों का राजा- बरसीम
जगो का राजा- टीक

फसलों के उपनाम रानी:

दालों कि रानी- मटर
फलों कि रानी- लीची
मसालों कि रानी- इलायची
अनाजों कि रानी- मक्का
तिलहनी फसलों कि रानी- तिल
पेय पदार्थो कि रानी- चाय

The post भारतीय इतिहास में हुई प्रमुख क्रांति उनके क्षेत्र एवं उनके जनक appeared first on सामान्य ज्ञान (Samanya Gyan 2020).

विश्व के इतिहास में हुए प्रमुख युद्धों के नाम, कब और किसके बीच हुए

$
0
0
विश्व के इतिहास में हुए प्रमुख युद्ध | Important Wars of World History in Hindi

विश्व के प्रमुख युद्धों के नाम, कब और किसके बीच हुए (Important Wars of World History in Hindi)

यहां पर आपको विश्व के इतिहास में हुए प्रमुख युद्धों के नाम, किस वर्ष में हुए, किस-किस के बीच हुए व उसके परिणाम के बारे में सामान्य जानकारी दे रहे है। इतिहास की परीक्षा में विश्व के प्रमुख युद्धों, कब और किसके बीच हुए के आधार पर ज्यादातर प्रश्न पूछे जाते है, इसलिए यह पोस्ट आपकी सभी प्रकार की प्रतियोगी परीक्षाओं जैसे:- एसएससी, बैंक, शिक्षक, टीईटी, कैट, यूपीएससी, अन्य सरकारी परीक्षाओं की तैयारी के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। आइये जानते है विश्व के इतिहास में कौन-2 से प्रमुख युद्ध कब और किसके बीच हुए तथा उसके परिणाम क्या रहे:-

विश्व के इतिहास के प्रमुख युद्ध कब और किसके बीच हुए की सूची:

समय युद्ध का नाम किस-किस के बीच हुए
490 ई. मैराथन का युद्ध ईरानियों एवं यूनानियों के बीच युद्ध हुआ।
यह युद्ध 490 ई.पू. में यूनान व फारस के बीच मैराथन के मैदान में हुआ था। डेरियस फारस का राजा था। वह अत्यंत पराक्रमी था। पश्चिम में इजियन सागर से लेकर, पूर्व में सिंधु नदी तक, व उत्तर में सिथियन के मैदानों से लेकर, दक्षिण में मिस्र की नील नदी तक उसके राज्य का विस्तार था।
1066 ई. हेस्टिंग्स का युद्ध नारमैंडी के ड्यूक विलियम तथा इंग्लैंड के राजा हेराल्ड द्वितीय के बीच युद्ध हुआ।
हेस्टिंग्स की लड़ाई 14 अक्टूबर 1066 को इंग्लैंड की नॉर्मन विजय की शुरुआत करते हुए, विलियम के नॉर्मन-फ्रांसीसी सेना, नॉर्मंडी के ड्यूक, और एंग्लो-सैक्सन राजा हेरोल्ड गोडविंसन के बीच एक अंग्रेजी सेना के बीच लड़ी गई थी। लड़ाई की पृष्ठभूमि जनवरी 1066 में निःसंतान राजा एडवर्ड द कन्फैसर की मृत्यु थी, जिसने कई दावेदारों के बीच अपने सिंहासन के लिए उत्तराधिकार संघर्ष स्थापित किया। एडवर्ड की मृत्यु के तुरंत बाद हेरोल्ड को राजा का ताज पहनाया गया था, लेकिन विलियम, उनके अपने भाई टॉस्टिग और नॉर्वे के राजा हैराल्ड हार्डडा (नॉर्वे के हेरोल्ड III) द्वारा आक्रमणों का सामना करना पड़ा।
1346 ई. शतवर्षीय युद्ध अंग्रेजों एवं फ्रांसीसियों के बीच युद्ध हुआ।
इतिहासकारों ने यूरोपीय संघर्षों में सबसे लंबे समय तक सैन्य संघर्ष का निर्माण करते हुए, इन संघर्षों को शामिल करने के लिए “हंड्रेड इयर्स वॉर” शब्द को ऐतिहासिक कालखंड के रूप में अपनाया। युद्ध को तीन चरणों में विभाजित करना आम है, ट्रेजों द्वारा अलग किया गया: एडवर्डियन वॉर (1337–1360), कैरोलीन वॉर (1369–1389), और लैंकास्ट्रियन वॉर (1415-1453)। यद्यपि प्रत्येक पक्ष ने कई सहयोगियों को युद्ध में आकर्षित किया, लेकिन अंत में, हाउस ऑफ वलॉइस ने फ्रांसीसी सिंहासन को बरकरार रखा।
1455-1485 ई. गुलाबों को युद्ध लैंकेस्टर और यॉर्कशायर के बीच युद्ध हुआ।
“वार्स ऑफ़ द रोज़ेज़” नाम का तात्पर्य एक ही शाही घराने की दो प्रतिद्वंद्वी शाखाओं, यॉर्क के व्हाइट रोज़ और लैंकेस्टर के रेड रोज़ से जुड़े हेराल्ड बैज से है। 19 वीं शताब्दी में सर वाल्टर स्कॉट द्वारा एनी ऑफ जिएरस्टीन के प्रकाशन के बाद 19 वीं शताब्दी में रोजेज के युद्ध आम उपयोग में आए। यॉर्किस्ट गुट ने संघर्ष में शुरुआती दौर से सफेद गुलाब के प्रतीक का इस्तेमाल किया था, लेकिन 1485 में बोसवर्थ के युद्ध में हेनरी ट्यूडर की जीत के बाद ही लंकेस्ट्रियन लाल गुलाब पेश किया गया था।
1585–1604ई. आंग्ल-स्पेन युद्ध अंग्रेजों एवं स्पेन के बीच युद्ध हुआ।
स्पेन और इंग्लैंड के राज्यों के बीच एक आंतरायिक संघर्ष था जिसे कभी औपचारिक रूप से घोषित नहीं किया गया था। 1585 में इंग्लैंड के सैन्य अभियान के साथ शुरू हुआ था, तब रॉबर्ट हडबर्ग शासन के राज्य जनरल के प्रतिरोध के समर्थन में रॉबर्ट डुडले, अर्ल ऑफ लीसेस्टर की कमान में स्पेनिश नीदरलैंड था। अंग्रेजों ने 1587 में कादिज़ पर जीत हासिल की और 1588 में स्पेनिश अरमाडा को फिर से हासिल किया, लेकिन फिर 1589 में अंग्रेजी आर्मडा में भारी नुकसान हुआ। नीदरलैंड, फ्रांस और आयरलैंड में अभियानों के दौरान 17 वीं शताब्दी के मोड़ के आसपास युद्ध गतिरोध बन गया। यह लंदन की संधि के साथ अंत में लाया गया, 1604 में स्पेन के नए राजा, फिलिप III के प्रतिनिधियों और इंग्लैंड के नए राजा, जेम्स आई। इंग्लैंड और स्पेन के प्रतिनिधियों के बीच बातचीत हुई, जो स्पेन के नीदरलैंड में अपने सैन्य हस्तक्षेप को रोकने के लिए सहमत हुए।
25 अप्रैल 1607 ई. जिब्राल्टर बे का युद्ध डचों तथा स्पेन एवं पुर्तगाल के बीच युद्ध हुआ।
जिब्राल्टर की नौसेना लड़ाई 25 अप्रैल 1607 को हुई, जब अस्सी साल के युद्ध के दौरान, एक डच बेड़े ने आश्चर्यचकित किया था। स्पेनिश बेड़े का नेतृत्व डॉन जुआन अल्वारेज़ डे एविला ने किया था। स्पेनिश प्रमुख सैन ऑगस्टिन की कमान डॉन जुआन के बेटे द्वारा की गई थी। अन्य जहाज नुस्त्र्रा सनोरा डे ला वेगा और माद्रे डी डीआईओएस थे। लड़ाई के परिणामस्वरूप 12 साल का संघर्ष हुआ जिसमें डच गणराज्य ने स्पेनिश क्राउन द्वारा वास्तविक मान्यता प्राप्त की।
1756-1763 ई. सप्तवर्षीय युद्ध ब्रिटेन एवं प्रशिया तथा ऑस्ट्रिया एवं फ्रांस के बीच युद्ध हुआ।
सप्तवर्षीय युद्ध एक विश्वयुद्ध था जो 1754 तथा 1763 के बीच लड़ा गया। इसमें 1756 से 1763 तक की सात वर्ष अवधि में युद्ध की तीव्रता अधिक थी। इसमें उस समय की प्रमुख राजनीतिक तथा सामरिक रूप से शक्तिशाली देश शामिल थे। इसका प्रभाव योरप, उत्तरी अमेरिका, केंद्रीय अमेरिका, पश्चिमी अफ्रीकी समुद्रतट, भारत तथा फिलीपींस पर पड़ा। भारतीय इतिहास के सन्दर्भ में इसे तृतीय कर्नाटक युद्ध (1757–63) कहते हैं। विश्व के दूसरे क्षेत्रों में इसे ‘द फ्रेंच ऐण्ड इण्डियन वार’ (उत्तरी अमेरिका, 1754–63); मॉमेरियन वार (स्वीडेन तथा प्रुसिया, 1757–62); तृतीय सिलेसियन युद्ध (प्रुसिया तथा आस्ट्रिया, 1756–63) आदि के नाम से जाना जाता है।
1775 ई. बंकर हिल का युद्ध अमेरिकी स्वतंत्रता संग्राम की पहली लड़ाई थी।
बंकर हिल की लड़ाई 17 जून, 1775 को बोस्टन के पास मैसाचुसेट्स के चार्ल्सटन प्रायद्वीप में हुई थी, हालांकि अधिकांश लड़ाई पास के ब्रीड हिल पर हुई थी। यह बोस्टन की घेराबंदी के दौरान था, जो ऐतिहासिक अमेरिकी क्रांतिकारी युद्ध (1775 – 1783) के शुरुआती चरणों के दौरान हुआ था। इस विशेष लड़ाई के लिए अग्रणी कारक अमेरिकियों को खुफिया जानकारी मिली थी कि ब्रिटिश सैनिक बोस्टन शहर और उसके बंदरगाहों पर नियंत्रण रखने की कोशिश कर रहे थे। ये बंदरगाह ब्रिटिशों के लिए महत्वपूर्ण थे, क्योंकि उनके जहाज सुदृढीकरण सैनिकों और आपूर्ति में ला सकते थे। ब्रिटिश एक रणनीतिक लाभ प्राप्त करने के लिए ब्रीड हिल और बंकर हिल पर कब्जा करने का लक्ष्य बना रहे थे, हालांकि अमेरिकी सेनाओं का इरादा इन पहाड़ियों को खड़ा करने और उनका बचाव करने का था।
1777 ई. सरतोगा का युद्ध अमेरिकियों एवं अंग्रेजों के बीच युद्ध हुआ।
सरतोगा का युद्ध सितंबर और अक्टूबर, 1777 में अमेरिकी क्रांति के दूसरे वर्ष के दौरान हुआ था। इसमें दो महत्वपूर्ण लड़ाइयाँ शामिल थीं, अठारह दिन अलग-अलग लड़े, और महाद्वीपीय सेना के लिए एक निर्णायक जीत और क्रांतिकारी युद्ध में एक महत्वपूर्ण मोड़ था।
1798 ई. पिरामिड का युद्ध मिस्र के शासक ममेलुक एवं नेपोलियन के बीच युद्ध हुआ।
पिरामिडों की लड़ाई, जिसे एम्बाब की लड़ाई के रूप में भी जाना जाता है, 21 जुलाई 1798 को मिस्र के फ्रांसीसी आक्रमण के दौरान लड़ी गई एक प्रमुख लड़ाई थी। नेपोलियन बोनापार्ट के नेतृत्व में फ्रांसीसी सेना ने स्थानीय मामलुक शासकों की सेना के खिलाफ एक निर्णायक जीत हासिल की, जो मिस्र में स्थित लगभग पूरी तुर्क सेना का सफाया कर दिया। यह वह लड़ाई थी जहाँ नेपोलियन ने डिवीजनल स्क्वायर टैक्टिक को बड़े प्रभाव में रखा। इस लड़ाई को द बैटल ऑफ चोब्राकिट के नाम से भी जाना गया है।
1798 ई. नील नदी का युद्ध ब्रिटेन एवं फ्रांस के बीच युद्ध हुआ।
नील की लड़ाई ब्रिटिश शाही नौसेना और फ्रांसीसी गणराज्य की नौसेना के बीच 1 से 17 अगस्त की 1 से 3 अगस्त तक मिस्र के नील डेल्टा से दूर भूमध्य तट पर अबूकिर बे में लड़ी गई एक प्रमुख नौसैनिक युद्ध थी। यह लड़ाई थी एक नौसैनिक अभियान का चरमोत्कर्ष जो युद्ध से पिछले तीन महीनों के दौरान भूमध्यसागरीय क्षेत्र में व्याप्त थी, एक बड़े फ्रांसीसी काफिले के रूप में टॉलोन से अलेक्जेंड्रिया तक जनरल नेपोलियन बोनापार्ट के नेतृत्व में एक अभियान चलाया गया। ब्रिटिश बेड़े का नेतृत्व रियर-एडमिरल सर होरेशियो नेल्सन ने किया था; उन्होंने वाइस-एडमिरल फ्रांस्वा-पॉल ब्रूइस डी’गैलियर्स के तहत निर्णायक रूप से फ्रांसीसी को हराया।
1805 ई. ट्रफ़ैलगर का युद्ध ब्रिटेन एवं फ्रांस के बीच युद्ध हुआ।
ट्रफ़ैलगर का युद्ध ब्रिटिश नौसेना का फ़्रांसिसी और स्पेनी मिलीजुली नौसेना के एक आक्रामक बेड़े के साथ २१ अक्टूबर १८०५ में लड़ा गया एक समुद्री युद्ध था। नेपोलियन फ्रांस का सम्राट बनकर ही संतुष्ट नहीं हुआ वह समस्त विश्व को जीतने की योजना बनाने लगा। नेपोलियन की विश्व विजय योजना में बाधा उत्पन्न करने वाला मुख्य देश इंग्लैंड था। अब इंग्लैंड भी फ्रांस को अपना शत्रु मानने लगा था क्योंकि वह जानता था कि फ्रांस ही एक ऐसा राज्य है जो उसे चुनौती दे सकता है। अतः इंग्लैंड के प्रधानमंत्री पिट ने 1805 ईसवी में फ्रांस के विरुद्ध यूरोपीय देशों का एक तृतीय गुट खड़ा कर दिया था।
1803-1815 ई. नेपोलियन का युद्ध नेपोलियन प्रथम एवं यूरोपीय देशों के बीच युद्ध हुआ।
नेपोलियन युद्धों (1803–1815) फ्रांसीसी साम्राज्य और उसके सहयोगियों की अगुवाई करने वाले प्रमुख संघर्षों की एक श्रृंखला थी, जिसका नेतृत्व नेपोलियन I ने किया था, विभिन्न गठबंधन में यूरोपीय शक्तियों के उतार-चढ़ाव वाले सरणी के खिलाफ, यूनाइटेड किंगडम द्वारा वित्तपोषित और नेतृत्व किया गया था। इसने यूरोप के अधिकांश हिस्सों पर फ्रांसीसी वर्चस्व की एक संक्षिप्त अवधि का उत्पादन किया। फ्रांसीसी क्रांति और इसके परिणामी संघर्ष से जुड़े अनसुलझे विवादों से उपजे युद्ध। युद्धों को अक्सर पांच संघर्षों में वर्गीकृत किया जाता है, प्रत्येक को नेपोलियन से लड़ने वाले गठबंधन के बाद कहा जाता है: तीसरा गठबंधन (1805), चौथा (1806–07), पांचवां (1809), छठा (1813-14) और सातवां। (1815)
1815 ई. वाटरलू का युद्ध वेलिंगटन एवं बलुचर की संयुक्त सेनाओं एवं नेपोलियन प्रथम के बीच, इस युद्ध के बाद ही नेपोलियन को बंदी बना लिया गया तथा सेंट हेलेना द्वीप निर्वासित कर दिया गया।
वाटरलू का युद्ध 18 जून 1815 में लड़ा गया था। नेपोलियन का ये अन्तिम युद्ध था एक तरफ फ्रांस था तो दूसरी तरफ ब्रिटेन, रूस, प्रशा, आस्ट्रिया, हंगरी की सेना थी। युद्ध में हारने के बाद नेपोलियन ने आत्म्सर्पण कर दिया था। मित्र राष्ट्रों ने उसे कैदी के रूप में सेंट हैलेना नामक टापू पर भेज दिया जहाँ 52 वर्षों की आयु में 1821 ई. में उसकी मृत्यु हो गई।
1853-1856 ई. क्रीमिया का युद्ध ब्रिटेन, फ्रांस, सार्डिना एवं तुर्की तथा रूस के बीच युद्ध हुआ।
क्रीमिया का युद्ध (जुलाई, 1853 – सितंबर, 1855) तक काला सागर के आसपास चला युद्ध था, जिसमें फ्रांस, ब्रिटेन, सारडीनिया, तुर्की ने एक तरफ़ तथा रूस ने दूसरी तरफ़ से लड़ा था। ‘क्रीमिया की लड़ाई’ को इतिहास के सर्वाधिक मूर्खतापूर्ण तथा अनिर्णायक युद्धों में से एक माना जाता है। युद्ध का कारण स्लाववादी राष्ट्रीयता की भावना थी। इसके अतिरिक्त दूसरे तरफ़ तुर्की के धार्मिक अत्याचार भी कारण बने, किंतु बेहद खून खराबे के बाद भी नतीजा कुछ भी नहीं निकला।
1839-1842 ई. अफीम युद्ध ब्रिटेन और चीन के बीच अफीम के आयात को लेकर युद्ध हुआ।
उन्नासवीं सदी के मध्य में चीन और मुख्यतः ब्रिटेन के बीच लड़े गये दो युद्धों को अफ़ीम युद्ध कहते हैं। उन्नीसवीं शताब्दी में लम्बे समय से चीन (चिंग राजवंश) और ब्रिटेन के बीच चल रहे व्यापार विवादों की चरमावस्था में पहुचने के कारण हुए। प्रथम युद्ध 1839 से 1842 तक चला और दूसरा 1856 से 1860 तक। दूसरी बार फ़्रांस भी ब्रिटेन के साथ-साथ लड़ा। दोनो ही युद्धों में चीन की पराजय हुई और चीनी शासन को अफीम का अवैध व्यापार सहना पड़ा। चीन को नान्जिन्ग की सन्धि तथा तियान्जिन की सन्धि करनी पड़ी।
1898 ई. स्पेन-अमेरिका युद्ध स्पेन एवं अमेरिका के बीच युद्ध हुआ।
स्पैनिश-अमेरिकी युद्ध 1898 में स्पेन और संयुक्त राज्य अमेरिका के बीच एक सशस्त्र संघर्ष था। क्यूबा में हवाना हार्बर में यूएसएस मेन के आंतरिक विस्फोट के बाद शत्रुता शुरू हुई, स्वतंत्रता के क्यूबा युद्ध में अमेरिकी हस्तक्षेप के कारण। युद्ध के कारण कैरेबियाई क्षेत्र में अमेरिका प्रमुख हो गया, और इसके परिणामस्वरूप स्पेन के प्रशांत संपत्ति का अमेरिकी अधिग्रहण हो गया। जिसके कारण फिलीपीन क्रांति में अमेरिकी भागीदारी और अंततः फिलीपीन-अमेरिकी युद्ध हुआ।
1904-05 ई. रूस-जापान युद्ध रूस एवं जापान के बीच युद्ध हुआ।
रूस तथा जापान के मध्य 1904 -1905 के दौरान लड़ा गया था। इसमें जापान की विजय हुई थी जिसके फलस्वरूप जापान को मंचूरिया तथा कोरिया का अधिकार मिला था। इस जीत ने विश्व के सभी प्रेक्षकों को आश्चर्यचकित कर दिया और जापान को विश्वमंच पर लाकर खड़ा कर दिया। इस शर्मनाक हार के परिणामस्वरूप रूस के भ्रष्ट ज़ार सरकार के विरुद्ध असंतोष में भारी वृद्धि हुई। १९०५ की रूसी क्रांति का यह एक प्रमुख कारण था।
1912-13 ई. बाल्कन युद्ध बाल्कन देशों एवं तुर्की के बीच युद्ध हुआ।
20 वीं शताब्दी की शुरुआत तक, बुल्गारिया, ग्रीस, मोंटेनेग्रो और सर्बिया ने ओटोमन साम्राज्य से स्वतंत्रता हासिल कर ली थी, लेकिन उनकी जातीय आबादी के बड़े तत्व ओटोमन शासन के अधीन रहे। 1912 में, इन देशों ने बाल्कन लीग का गठन किया। प्रथम बाल्कन युद्ध 8 अक्टूबर 1912 को शुरू हुआ, जब लीग के सदस्य राज्यों ने ओटोमन साम्राज्य पर हमला किया, और आठ महीने बाद 30 मई 1913 को लंदन की संधि पर हस्ताक्षर करने के साथ समाप्त हो गया। दूसरा बाल्कन युद्ध 16 जून 1913 को शुरू हुआ, जब बुल्गारिया मैसेडोनिया के अपने नुकसान से असंतुष्ट, अपने पूर्व बाल्कन लीग के सहयोगियों पर हमला किया।
1936-39 ई. स्पेन का गृहयुद्ध स्पेन के लोगों के बीच युद्ध हुआ।
स्पेन का गृहयुद्ध, 1936 से 1939 तक चला। यह युद्ध स्पेन के रिपब्लिकनों और राष्ट्रवादियों के बीच हुआ। इसे प्रायः लोकतन्त्र तथा फासीवाद के बीच युद्ध माना जाता है किन्तु अनेक इतिहासकार मानते हैं कि यह युद्ध वस्तुतः वामपंथी क्रांतिकारियों एवं दक्षिणपन्थी प्रतिक्रान्तिकारियों के बीच हुआ था। इस युद्ध में अन्ततः राष्ट्रवादियों की विजय हुई और उसके पश्चात फ्रैकों अगले 36 वर्षों तक (1975 में अपनी मृत्यु तक) स्पेन का शासक बना रहा।
1956 ई. स्वेज नहर का युद्ध मिस्र तथा फ्रांस, इजरायल एवं ब्रिटेन के बीच युद्ध हुआ।
मिस्र के तत्कालीन राष्ट्रपति कर्नल नासिर द्वारा स्वेज नहर का राष्ट्रीयकरण करने के बाद सन् 1956 में स्वेज नहर का युद्ध हुआ था। इस युद्ध में ब्रिटेन, फ्रांस और इजराइल ने संयुक्त रूप से मिस्र पर आक्रमण कर दिया। संयुक्त राष्ट्र संघ के दबाव की वजह से आक्रमक सेनाओं को वहां से हटना पड़ा था।
1957-1975 ई. वियतनाम युद्ध अमेरिका एवं वियतनाम के बीच, इस युद्ध में अमेरिका ने ‘एजेंट ऑरेंज’ (डायोक्सिन) नामक एक रसायन का प्रयोग किया था।
वियतनाम युद्ध में अमेरिका की सक्रिय भागीदारी 1954 में शुरू हुई। हो की साम्यवादी सेना का उत्तरी वियतनाम पर कब्जा होने के बाद उत्तरी और दक्षिणी भाग की सेनाओं के बीच युद्ध शुरू हो गया। मई 1954 में उनके बीच निर्णायक युद्ध हुआ। उसमें वियत मिन्ह सेना जीत गई। युद्ध में फ्रांस की हार के साथ ही वियतनाम में फ्रांस के औपनिवेशिक शासन जुलाई 1954 में जिनीवा कॉन्फ्रेंस में एक संधि हुई जिसमें वियतनाम को दो भागों में बांट दिया गया। हो के कब्जे में उत्तरी वियतनाम रहा जबकि बाओ के कब्जे में दक्षिणी वियतनाम। संधि में प्रावधान था कि देश का फिर से एकीकरण के लिए 1956 में चुनाव हुआ।
1954 ई. कोरिया का युद्ध उत्तरी कोरिया एवं दक्षिणी कोरिया के बीच युद्ध हुआ।
कोरियाई युद्ध(1950-53)का प्रारंभ 25 जून, 1950 को उत्तरी कोरिया से दक्षिणी कोरिया पर आक्रमण के साथ हुआ।यह शीत युद्ध काल में लड़ा गया सबसे पहला और सबसे बड़ा संघर्ष था।एक तरफउत्तर कोरिया था जिसका समर्थन कम्युनिस्ट सोवियत संघ तथा साम्यवादी चीन कर रहे थे, दूसरी तरफ दक्षिणी कोरिया था जिसकी रक्षा अमेरिका कर रहा था। युद्ध अन्त में बिना निर्णय ही समाप्त हुआ परन्तु जन क्षति तथा तनाव बहुत ज्यादा बढ़ गया था।
1956 एवं 1973 ई. अरब-इजरायल युद्ध प्रथम अरब-इजरायल युद्ध 1956 में तथा दूसरा अरब-इजरायल युद्ध 1973 में हुआ। इजरायल ने तीन अरब देशों-जॉर्डन, सीरिय एवं मिस्र को पराजित किया तथा पश्चिमी किनारे एवं गोलन पहाड़ियों पर कब्जा कर लिया।
1962 ई. भारत-चीन युद्ध भारत एवं चीन के बीच, भारत पराजित हुआ।
भारत-चीन युद्ध कठोर परिस्थितियों में हुई लड़ाई के लिए उल्लेखनीय है। इस युद्ध में ज्यादातर लड़ाई 4250 मीटर (14,000 फीट) से अधिक ऊंचाई पर लड़ी गयी। इस प्रकार की परिस्थिति ने दोनों पक्षों के लिए रसद और अन्य लोजिस्टिक समस्याएँ प्रस्तुत की। इस युद्ध में चीनी और भारतीय दोनों पक्ष द्वारा नौसेना या वायु सेना का उपयोग नहीं किया गया था।  विवादित हिमालय सीमा युद्ध के लिए एक मुख्य कारण था।
1965 एवं 1971 ई. भारत-पाकिस्तान युद्ध भारत एवं पाकिस्तान के बीच युद्ध हुआ।
 1965 में कच्छ के रण में पकिस्तान ने अपनी झड़प शुरू की थी और इस ऑपरेशन का नाम ‘डेजर्ट हॉक’ रखा था. भारत ने यह मामला संयुक्त राष्ट्र में उठाया। इसे भारत की कमजोरी समझते हुए पाकिस्तान ने कश्मीर में उपद्रव मचाने की कोशिश की। 5 अगस्त 1965 को पाकिस्तान ने नियंत्रण रेखा (LOC) पर सेना को तैनात कर दिया था। 6 दिसंबर 1971 को बांग्लादेश नाम के नए देश के नाम से स्वतंत्र घोषित किया गया। दोनों ही देश संघर्ष विराम के लिए सहमत हुए और 1972 में जेड.ए.भुट्टो पाकिस्तान के नेता के तौर पर उभरे और मुजीबुर रहमान बांग्लादेश के पहले राष्ट्रपति बने।
1967 ई. छ: दिवसीय युद्ध इजरायल तथा मिस्र, सीरिया और जॉर्डन के बीच, इजरायल ने सिनाय प्रायद्वीप, गाजापट्टी तथा सीरिया की गोलन चोटियों पर कब्जा कर लिया।
1973 ई.  ई. योम किप्पर युद्ध इजरायल तथा मिस्त्र और सीरिया के बीच युद्ध हुआ।
योम किप्पुर युद्ध, रमजान युद्ध या अक्टूबर युद्ध को 1973 के अरब-इजरायल युद्ध के रूप में भी जाना जाता है, 6 से 25 अक्टूबर 1973 तक, मिस्र के खिलाफ मिस्र और सीरिया के नेतृत्व में अरब राज्यों के गठबंधन द्वारा लड़ा गया था। यह युद्ध ज्यादातर सिनाई और गोलान में हुआ था – 1967 के छह-दिवसीय युद्ध के दौरान इज़राइल द्वारा कब्जा कर लिया गया था – अफ्रीकी मिस्र और उत्तरी इसराइल में कुछ लड़ाई के साथ। मिस्र का प्रारंभिक युद्ध उद्देश्य स्वेज नहर के पूर्वी तट पर एक पैर जमाने के लिए अपनी सेना का उपयोग करना था और शेष सिनाई की वापसी के लिए बातचीत करने के लिए इसका उपयोग करना था।
1980-1988 ईरान-इराक युद्ध इराक एवं ईरान के बीच युद्ध हुआ।
ईरान और इराक़ के बीच युद्ध सन् 1980-88 के बीच लड़ा गया। यह युद्ध अनिर्णीत ख़त्म हुआ था। इस युद्ध का मुख्य कारण सीमा-विवाद था। 90 के दशक में इराक़ के साथ सीमा विवाद को लेकर जो सन्धि हुई थी उससे इराक़ सन्तुष्ट नहीं था। उस समय इरान राजनैतिक रूप से कमज़ोर था क्योंकि देश में इस्लामिक क्रांति अभी-अभी हुई थी। लेबनॉन में हिज़्बोल्ला का जन्म इसके सबसे खतरनाक परिणामों में से एक था इस युद्ध में यूरोपीय देशों ने खुद को युद्ध से अलग बताया पर हथियारों के रूप में उन्होंने इराक की मदद की।
1991 ई. खाड़ी युद्ध इराक के द्वारा कुवैत पर आधिपत्य किए जाने के पश्चात शुरू हुआ। अमेरिका सहित 39 देशों के सैन्य गठबंधन के इराक को पराजित कर दिया।
खाड़ी युद्ध (जिसे प्रथम खाड़ी युद्ध के रूप में भी जाना जाता है) संयुक्त राज्य के नेतृत्व में चौंतीस राष्ट्रों से संयुक्त राष्ट्र के अधिकृत गठबंधन बल ईराक के खिलाफ छेड़ा गया युद्ध था, इस युद्ध का उद्देश्य 2 अगस्त 1990 को हुए आक्रमण और अनुबंध के बाद इराकी बलों को कुवैत से बाहर निकालना था। इस युद्ध को (इराकी नेता सद्दाम हुसैन के द्वारा) सभी युद्धों की मां भी कहा गया है और इसे सैन्य अनुक्रिया द्वारा सामान्यतया डेजर्ट स्टॉर्म, या ईराक युद्ध के नाम से भी जाना जाता है।
2001 ई. अमेरिका-अफगानिस्तान युद्ध अफगानिस्तान के बीच, तालिबान का शासन समाप्त हुआ।
अफगानिस्तान अमेरिका के इतिहास का सबसे लंबा युद्ध साबित हुआ है। 2001 में 9/11 हमले के बाद तत्कालीन राष्ट्रपति जॉर्ज बुश ने अफगानिस्तान में आतंकवाद के खिलाफ युद्ध छेड़ा था। लगभग दो दशक तक चले युद्ध में 7000 अमेरिकी सैनिक मारे गए और 50000 से अधिक घायल हुए हैं। अमेरिका पर 156 लाख करोड़ रुपए के कर्ज में अफगान युद्ध के कर्ज की हिस्सेदारी 42 लाख करोड़ रुपए से अधिक है। 2019 पहला वर्ष है जब 9/11 के बाद जन्मा कोई अमेरिकी अफगानिस्तान या आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में शामिल होने के लिए सेना में जा सकता है।
2003 ई. द्वितीय खाड़ी युद्ध अमेरिका एवं इराक के बीच, सद्दाम हुसैन के शासन का अंत हुआ।
इराक पर 2003 का आक्रमण 20 मार्च से 1 मई 2003 तक चला और इराक युद्ध की शुरूआत को संकेत था, जो संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा संचालित ऑपरेशन इराकी स्वतंत्रता (19 मार्च से पहले, इराक में मिशन को “ऑपरेशन एंडरिंग फ्रीडम” कहा जाता था।. आक्रमण में 21 दिनों के प्रमुख मुकाबले और संचालन शामिल थे, जिसमें संयुक्त राज्य अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम, ऑस्ट्रेलिया और पोलैंड के सैनिकों की एक संयुक्त सेना ने इराक पर हमला किया और सद्दाम हुसैन की बाथिस्ट सरकार को हटा दिया। आक्रमण चरण में मुख्य रूप से पारंपरिक रूप से लड़ा युद्ध के शामिल था, जिसमें ऑस्ट्रेलिया और पोलैंड के साथ यूनाइटेड किंगडम की निहित सहायता के साथ अमेरिकी सेनाओं द्वारा बगदाद की इराकी राजधानी पर कब्जा शामिल था।

इन्हें भी पढे: भारतीय इतिहास के प्रमुख युद्ध कब और किसके बीच हुए

The post विश्व के इतिहास में हुए प्रमुख युद्धों के नाम, कब और किसके बीच हुए appeared first on सामान्य ज्ञान (Samanya Gyan 2020).

मिस अर्थ विजेताओं के नाम, वर्ष और उनके देश वर्ष 2001 से 2020 तक

$
0
0
मिस अर्थ विजेताओं की सूची (2001-2018) | List of Miss Earth Winners in Hindi

मिस अर्थ विजेताओं की सूची (2001-2020): (List of Miss Earth Winners in Hindi)

मिस अर्थ प्रतियोगिता किसे कहते है?

मिस अर्थ पर्यावरण जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए हर साल आयोजित होने वाली एक अंतर्राष्ट्रीय पर्यावरण-संबंधी सौंदर्य प्रतियोगिता है। मिस वर्ल्ड और मि यूनिवर्स के प्रतिद्वंद्वियों के साथ, मिस अर्थ प्रतियोगिता राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं द्वारा फाइनल में भाग लेने की संख्या के अनुसार विश्व की तीसरी सबसे बड़ी सौंदर्य प्रतियोगिता में से एक है। मिस इंटरनेशनल के साथ, इस समूह को बिग फोर इंटरनेशनल सौंदर्य प्रतियोगिता के रूप में जाना जाता है।

इस प्रतियोगता को जीतने वाले व्यक्ति विशिष्ट परियोजनाओं को बढ़ावा देने के लिए अपने साल को समर्पित करते हैं और अक्सर स्कूल पर्यटन, वृक्षारोपण गतिविधियों, सड़क अभियान, तटीय स्वच्छ अभियान, शॉपिंग मॉल टूर, मीडिया अतिथिकरण, पर्यावरण मेलों, कहानी कहने के माध्यम से पर्यावरणीय गतिविधियों और अन्य वैश्विक मुद्दों से बच्चों को संबोधित करते हैं।

मिस अर्थ 2020 विजेता:

29 नवंबर, 2020 को आयोजित किया जाएगा।

नेल्लीस पिमेंटेल, मिस अर्थ 2019 का ताज पहनने वाली प्यूर्टो रिकान मॉडल, मनोवैज्ञानिक और अंतर्राष्ट्रीय सौंदर्य प्रतियोगिता की खिताब विजेता हैं। वह मिस अर्थ जीतने वाली पहली पर्टो रिकान और कैरेबियन महिला बन गईं, जो बिग फोर की सबसे प्रभावशाली ब्यूटी पेजेंट में से एक हैं।  03 नवम्बर 2018 को पासे (Pasay), मेट्रो मनीला, फिलीपींस में आयोजित मिस अर्थ 2018 सौंदर्य प्रतियोगिता का ख़िताब वियतनाम की गुयेन फुओंग खान ने जीता था, उन्हें  2017 के विजेता फिलीपींस की करेन इबास्को द्वारा ताज पहनाया गया था। गुयेन फुओंग खान मिस अर्थ का ख़िताब जीतने वाली पहली वियतनामी महिला हैं।

निकोल फारिया मिस अर्थ का ख़िताब जीतने वाली पहली भारतीय महिला हैं। उन्होंने वर्ष 2010 में बीस साल की आयु में वियतनाम के विनेपलैंड में आयोजित मिस अर्थ प्रतियोगिता में यह ख़िताब अपने नाम किया था।

वर्ष 2001 से अब तक की सभी मिस अर्थ विजेताओं की सूची:-

वर्ष विजेता का नाम देश आयोजन स्थल
2001 कैथेरिना स्वेनसन डेनमार्क फिलीपींस
2002 ज़ेजला ग्लोवोविक और विनफ्रेड ओमवाकवे बोस्निया और हर्जेगोविना, केन्या फिलीपींस
2003 डनिया प्रिंस होंडुरास फिलीपींस
2004 प्रिस्किल्ला मीरलेस ब्राज़ील फिलीपींस
2005 एलेक्जेंड्रा ब्रौन वेनेजुएला फिलीपींस
2006 हिल हर्नांडेज़ चिली फिलीपींस
2007 जेसिका ट्रिस्को कनाडा फिलीपींस
2008 कार्ला हेनरी फिलीपींस फिलीपींस
2009 लारिसा रामोस ब्राज़ील फिलीपींस
2010 निकोल फारिया भारत वियतनाम
2011 ओल्गा अलावा इक्वेडोर फिलीपींस
2012 तेरेज़ा फजकोवा चेक गणराज्य फिलीपींस
2013 एलेज़ हेनरिक वेनेजुएला फिलीपींस
2014 जेमी हेरेल फिलीपींस फिलीपींस
2015 एंजेलिया ओन्ग फिलीपींस ऑस्ट्रिया
2016 कैथरीन एस्पिन इक्वाडोर फिलीपींस
2017 करेन इबास्को फिलीपींस फिलीपींस
2018 गुयेन फुओंग खान वियतनाम फिलीपींस
2019 नेल्लीस पिमेंटेल पुर्तो रिको फिलीपींस
2020 29 नवंबर, 2020 को आयोजित किया जाएगा

यह भी पढ़ें: मिस यूनिवर्स विजेताओं की सूची

The post मिस अर्थ विजेताओं के नाम, वर्ष और उनके देश वर्ष 2001 से 2020 तक appeared first on सामान्य ज्ञान (Samanya Gyan 2020).


मिस वर्ल्ड विजेताओं के नाम, वर्ष और उनके देश वर्ष 1951 से 2020 तक

$
0
0
मिस वर्ल्ड विजेताओं की सूची (1951-2018) | List of Miss World Winners in Hindi

मिस वर्ल्ड विजेता 1951 से 2020 अब तक: (List of Miss World Winners in Hindi)

मिस वर्ल्ड या विश्व सुन्दरी किसे कहते है?

मिस वर्ल्ड इन्कॉर्पेरेशन, लंदन हर वर्ष दिसम्बर में विश्व के विभिन्न देशों की सुन्दरियों में से सर्वश्रेष्ठ बहुमुखी सौंदर्य से संपन्न ‘विश्‍व सुंदरी’ (मिस वर्ल्ड) का चयन करता है। यह एक अंतर्राष्ट्रीय सौंदर्य प्रतियोगिता है जो प्रतिवर्ष महिलाओं के लिये आयोजित की जाती है।इसकी शुरूआत वर्ष 1951 से हुई। इसमें पुरस्कार स्वरूप 50,000 पौंड दिये जाते है।

मिस वर्ल्ड या विश्व सुन्दरी 2020:

इस साल 2020 में कोरोना या   COVID-19 महामारी के कारण कोई प्रतियोगिता आयोजित नहीं हुई। जमैका की टोनी-एन सिंह ने मिस वर्ल्ड 2019 ख़िताब जीता था। उन्हें मिस वर्ल्ड 2018 वेनेसा पोन्स डे लियॉन ने ताज पहनाया था। टोनी-एन सिंह एक जमैका अमेरिकी गायक और ब्यूटी क्वीन हैं उन्हें पहले मिस जमैका वर्ल्ड 2019 का ताज पहनाया गया था और मिस वर्ल्ड जीतने वाली जमैका की चौथी महिला  हैं।  वेनेसा पोन्स डे लियॉन मिस वर्ल्ड खिताब जीतने वाली पहली मैक्स‍िकन महिला थी। भारत की तरफ से 2018 मिस इंडिया अनुकृति वास ने इस प्रतियोगिता में हिस्सा लिया था, लेकिन वह टॉप 12 में अपनी जगह नहीं बना सकीं। 08 दिसंबर, 2018 को चीन के सान्या शहर में आयोजित हुई मिस वर्ल्ड 2018 अंतर्राष्ट्रीय सौंदर्य प्रतियोगिता के 68वें संस्करण में कुल 118 प्रतियोगियों ने भाग लिया था।

भारत की तरफ से अब तक 6 महिलाओं में मिस वर्ल्ड का ख़िताब जीता है, जिनमें मानुषी छिल्लर (2017), प्रियंका चोपड़ा (2000), युक्ता मुखी (1999), डायना हैडन (1997), ऐश्वर्या राय (1994) व रीता फारिया (1966) शामिल है।

पढ़ें मिस वर्ल्ड (विश्व सुंदरियों) विजेताओं की सूची (1951-2018):

वर्ष विजेता का नाम देश
2020 COVID-19 महामारी के कारण कोई प्रतियोगिता आयोजित नहीं हुई ——-
2019 टोनी-एन सिंह जमैका
2018 वेनेसा पोन्स डे लियॉन मेक्सिको
2017 मानुषी छिल्लर भारत
2016 स्टेफनी डेल वाले पुअर्तो रिको
2015 मिरेइया लालागुना स्पेन
2014 रोलेन स्ट्रॉस दक्षिण अफ्रीका
2013 मेगन यंग फिलीपींस
2012 यु वेंक्सिया चीन पीआर
2011 इविन सरकोस वेनेजुएला
2010 एलेक्‍जेंड्रिया मिल्‍स संयुक्त राज्य अमेरिका
2009 काइने अल्‍डोरिनो जिब्राल्टर
2008 क्‍सेनिया सुखीनोवा रूस
2007 झांग जीलिन चीन पीआर
2006 तताना कुचारोवा चेक गणतंत्र
2005 उन्‍नूर बिरना विल्‍हजलम्‍सदो‍त्तिर आइसलैंड
2004 मारिया जुलिया मेंटिला पेरू
2003 रोसान डेविसन आयरलैंड
2002 अजरा एकिन तुर्की
2001 अगबानी डरेगाे नाइजीरिया
2000 प्रियंका चोपडा भारत
1999 युक्‍ता मुखी भारत
1998 लिनोर अबरगिल इजराइल
1997 डायना हेडेन भारत
1996 आइरीन क्लिावा यूनान
1995 जैक्‍वीलीन एडी0 मारकोनोो वेनेजुएला
1994 ऐश्‍वर्या राय भारत
1993 लिसा ऐना जमैका
1992 जुलिया कोरोचिना रूस
1991 निनि बेथ लिऐल वेनेजुएला
1990 जिना ट्वा्लिसन संयुक्त राज्य अमेरिका
1989 एनिटा कैग्लिका पोलैंड
1988 लिंडा पेट्स दाेेतो आइसलैंड
1987 उला वेगर स्‍टॉर्फे ऑस्ट्रिया
1986 जिस्‍लै लैैरोड ट्रिनिडाड और टोबैगो
1985 हुफीकार्ल्‍स दातो आइसलैंड
1984 एस्ट्रिड कैरोलिना हेर्रेरा वेनेजुएला
1983 सारा जॉन हट यूनाइटेड किंगडम
1982 मेरी एस्‍ले एलवेयर डोमिनिकन गणराज्य
1981 पेलेन लियोन वेनेजुएला
1980 किम बर्ली सैंटास जर्मनी
1979 जिवा स्‍वेन्‍सन बरमूडा
1978 सिल्‍वाना स्‍वेयरे अर्जेंटीना
1977 मेरी स्‍बइनविन स्वीडन
1976 सिंडी ब्रेक स्‍पीयर जमैका
1975 विलनेलिया मर्सिड प्यूर्टो रिको
1974 एनी लाइस क्रियेल दक्षिण अफ्रीका
1973 मेरीजुवेरी वैलेस यूनाइटेड स्टेट्स
1972 बेलेंडा ग्रीन ऑस्ट्रेलिया
1971 लुसिया पेटरली ब्राजील
1970 जेनिफर हॉस्‍टन ग्रेनाडा
1969 इवा रयूबर स्‍टीयर ऑस्ट्रिया
1968 पिनी लोप प्‍लमर ऑस्ट्रेलिया
1967 मैडेनील हार्टोज बेल पेरू
1966 रीता फारिया भारत
1965 लेस्‍ली लैंग्‍ले इंगलैंड
1964 एनी ए सिडनी इंगलैंड
1963 कैैरोल जोन काफोर्ड जमैका
1962 कैथरीन लार्ड्स नीदरलैंड्स
1961 रोजी मेरी फेंकले इंगलैंड
1960 नोर्मा कपाग्‍ले अर्जेंटीना
1959 कोराइन रास्‍ट हैयर नीदरलैंड्स
1958 पेनेलोप ऐनी काेेलेन दक्षिण अफ्रीका
1957 मेरिटा लिंडस फिनलैंड
1956 पेट्टा सरमान जर्मनी
1955 सुजाना दुुव्‍जम वेनेजुएला
1954 एटिगान कोस्‍टाडा मिस्र
1953 डिनायस पेरिया फ्रांस
1952 लुुई फ्लॉडिन स्वीडन
1951 कीकी हा कामसन स्वीडन

यह भी पढे: मिस यूनिवर्स विजेताओं की सूची

Stats and Facts Related to Miss World the oldest running international beauty pageant. [Infographic]

Stats and Facts related to Miss World Title Award

The post मिस वर्ल्ड विजेताओं के नाम, वर्ष और उनके देश वर्ष 1951 से 2020 तक appeared first on सामान्य ज्ञान (Samanya Gyan 2020).

आत्मनिर्भर भारत इनोवेशन चैलेंज विजेताओं की सूची

$
0
0
आत्मनिर्भर भारत इनोवेशन चैलेंज विजेताओं की सूची Digital India AatmaNirbhar Bharat Innovate Challenge winner list

आत्मनिर्भर भारत इनोवेशन चैलेंज इनोवेशन चैलेंज:

चाइनीज एप्स पर डिजिटल स्ट्राइक करने के बाद भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय और अटल इनोवेशन मिशन की साझेदारी के तहत नीति आयोग ने डिजिटल इंडिया आत्मनिर्भर भारत इनोवेट चैलेंज शुरू किया था जिसके तहत आपको मोबाइल गेम्स, सोशल मीडिया और फोटो-वीडियो एडिटिंग एप बनाना था। इस चैलेंज का मंत्र है ‘मेक इन इंडिया फॉर इंडिया एंड द वर्ल्ड’।

आत्मनिर्भर भारत इनोवेट चैलेंज इनोवेशन चैलेंज की शुरुआत निम्नलिखित 9 व्यापक श्रेणियों में की गई थी:-

  1. कार्यालय उत्पादकता और घर से काम
  2. सामाजिक नेटवर्किंग
  3. ई-लर्निंग
  4. मनोरंजन
  5. स्वास्थ्य और कल्याण
  6. एग्रिटेक और फिनटेक सहित व्यापार
  7. समाचार
  8. खेल
  9. अन्य

सरकार को मिलीं 6,940 एंट्रीज

इस चैलेंज के तहत सरकार को  कुल 6,940 एप्स की एंट्रीज मिली थी। जिनमें से 3,939 व्यक्तिगत और 3,001 किसी संस्था से जुड़े हैं। संचार, इलेक्ट्रानिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी और विधि एवं न्याय के कैबिनेट मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने ट्वीट करके इसकी जानकारी दी थी। ट्वीट के मुताबिक 6,940 एंट्रीज में से 1,140 एप्स बिजनेस के, 901 हेल्थ और वेलनेस के 1,062 ई-लर्निंग के, 1,155 सोशल नेटवर्किंग के, 326 गेम्स के, 662 ऑफिस और वर्क फ्रॉम होम, 237 न्यूज, 320 इंटरटेनमेंट और 1,135 अदर्स कैटेगरीज के थे।

आत्मनिर्भर भारत इनोवेशन चैलेंज विजेताओं की सूची:

वर्ग श्रेणी रैंक एप्लिकेशन का नाम
मनोरंजन 1 कैप्शनप्लस (CaptionPlus)
मनोरंजन 2 मीम चैट (Meme Chat)
मनोरंजन 3 एफ़टीसी टैलंट (FTC Talent)
समाचार 1 तार्किक (logically) – नकली समाचार की जाँच करें और तथ्यों को सत्यापित करें
समाचार 2 IsEqualTo – छात्रों के लिए दैनिक समाचार, प्रश्नोत्तरी और जीके
खेल 1 हिटविकेट ™ सुपरस्टार – 3 डी क्रिकेट स्ट्रेटजी गेम
खेल 2 स्कारफॉल: द रॉयल कॉम्बैट
खेल 3 वर्ल्ड क्रिकेट चैम्पियनशिप 2 – डब्ल्यूसीसी 2
कार्यालय 1 ज़ोहो Workplace and Cliq
कार्यालय 2 श्यौरएमडीएम (SureMDM)
स्वास्थ्य 1 स्टेपसेटगो (एसएसजी) – स्टेप अर्न रिडीम (StepSetGo (SSG) – Step Earn Redeem)
स्वास्थ्य 2 iMumz – सप्ताह गर्भावस्था कार्यक्रम द्वारा सप्ताह
ई-लर्निंग 1 दिस्प्र्ज़ (Disprz)
ई-लर्निंग 2 कुटकी किड्स लर्निंग ऐप- घर में आपका प्रीस्कूल
ई-लर्निंग 3 हैलो इंग्लिश: लर्न इंग्लिश
व्यापार 1 ज़ोहो इनवॉयस, बुक्स एंड एक्सपेंस
व्यापार 2 Mall91 – समूहों में खरीदारी करके संदर्भ, सेव द्वारा अर्जित करें
व्यापार 3 गिम्बूक्स- ईज़ी इन्वाइस मैनेजर
सामाजिक 1 चिंगारी- ओरिजनल इंडियन शॉर्ट विडियो ऐप
सामाजिक 2 YourQuote – भारत का सबसे बड़ा लेखन ऐप
सामाजिक 3 कू (Koo): भारतीय भाषाओं में शीर्ष भारतीय और समाचार का पालन करें
अन्य 1 MapmyIndia मूव: मैप्स, नेविगेशन और ट्रैकिंग
अन्य 2 आस्कसरकार (AskSarkar)
अन्य 3 माइटरेटर्न (Myitreturn)

The post आत्मनिर्भर भारत इनोवेशन चैलेंज विजेताओं की सूची appeared first on सामान्य ज्ञान (Samanya Gyan 2020).

गुप्त राजवंश का इतिहास, शासकों का नाम उनके अभिलेख एवं महत्‍वपूर्ण तथ्य

$
0
0
गुप्त राजवंश का इतिहास, शासकों के नाम, उनके अभिलेख एवं महत्‍वपूर्ण तथ्य | Indian History GK in Hindi

गुप्त राजवंश का इतिहास, शासकों का नाम एवं महत्‍वपूर्ण तथ्य: (History of Gupat dynasty, names of rulers and important facts in Hindi)

गुप्त राजवंश:

गुप्त राजवंश या गुप्त वंश प्राचीन भारत के प्रमुख राजवंशों में से एक था। इसे भारत का एक स्वर्ण युग माना जाता है। मौर्य वंश के पतन के बाद दीर्घकाल तक भारत में राजनीतिक एकता स्थापित नहीं रही। कुषाण एवं सातवाहनों ने राजनीतिक एकता लाने का प्रयास किया। मौर्योत्तर काल के उपरान्त तीसरी शताब्दी इ. में तीन राजवंशो का उदय हुआ जिसमें मध्य भारत में नाग शक्‍ति, दक्षिण में बाकाटक तथा पूर्वी में गुप्त वंश प्रमुख हैं। मौर्य वंश के पतन के पश्चात नष्ट हुई राजनीतिक एकता को पुनस्थापित करने का श्रेय गुप्त वंश को है।

गुप्त राजवंशों का इतिहास:

गुप्त वंश 275 ई. के आसपास अस्तित्व में आया। इसकी स्थापना श्रीगुप्त ने की थी। लगभग 510 ई. तक यह वंश शासन में रहा। आरम्भ में इनका शासन केवल मगध पर था, पर बाद में गुप्त वंश के राजाओं ने संपूर्ण उत्तर भारत को अपने अधीन करके दक्षिण में कांजीवरम के राजा से भी अपनी अधीनता स्वीकार कराई। गुप्त साम्राज्य की नींव तीसरी शताब्दी के चौथे दशक में तथा उत्थान चौथी शताब्दी की शुरुआत में हुआ। गुप्त वंश का प्रारम्भिक राज्य आधुनिक उत्तर प्रदेश और बिहार में था। इस वंश में अनेक प्रतापी राजा हुए। कालिदास के संरक्षक सम्राट चन्द्रगुप्त द्वितीय (380-413 ई.) इसी वंश के थे।

इन्हें भी पढे: भारतीय इतिहास के प्रमुख राजवंश, राजधानी और उनके संस्थापक

साहित्य और संस्कृति के क्षेत्र में इस अवधि का योगदान आज भी सम्मानपूर्वक स्मरण किया जाता है। कालिदास इसी युग की देन हैं। अमरकोश, रामायण, महाभारत, मनुस्मृति तथा अनेक पुराणों का वर्तमान रूप इसी काल की उपलब्धि है।

गुप्त राजवंश के शासक एवं शासन अवधि:

गुप्त राजवंश के शासकों का नाम शासन अवधि
श्रीगुप्त 240-280 ई.
घटोत्कच 280-319 ई.
चंद्रगुप्त प्रथम 319-335 ई.
समुद्रगुप्त 335-375 ई.
रामगुप्त 375 ई.
चंद्रगुप्त द्वितीय 380-413 ई.
कुमारगुप्त प्रथम महेन्द्रादित्य 415-454 ई.
स्कन्दगुप्त 455-467 ई.
नरसिंहगुप्त बालादित्य 467-473 ई.
कुमारगुप्त द्वितीय 473-476 ई.
बुद्धगुप्त 476-495 ई.

भारतीय इतिहास के गुप्तकालीन शासक और उनके अभिलेख: (Gupta Rulers History in Hindi)

गुप्त सम्राटों के समय में गणतंत्रीय राजव्यवस्था का ह्मस हुआ। गुप्त प्रशासन राजतंत्रात्मक व्यवस्था पर आधारित था। देवत्व का सिद्वान्त गुप्तकालीन शासकों में प्रचलित था। राजपद वंशानुगत सिद्धान्त पर आधारित था। राजा अपने बड़े पुत्र को युवराज घोषित करता था। उसने उत्कर्ष के समय में गुप्त साम्राज्य उत्तर में हिमालय से लेकर दक्षिण में विंघ्यपर्वत तक एवं पूर्व में बंगाल की खाड़ी से लेकर पश्चिम में सौराष्ट्र तक फैला हुआ था।

भारतीय इतिहास के गुप्तकालीन शासक और उनके अभिलेखों की सूची:

शासक का नाम सम्बंधित अभिलेख
समुद्रगुप्त (335-375ई) प्रयाग प्रशस्ति, एरण प्रशस्ति, नालंदा, गया ताम्र शासन लेख।
चन्द्रगुप्त द्वितीय (380-414ई) मथुरा स्तंभलेख, उदयगिरी का प्रथम और द्वितीय गुहा लेख, गढ़वा का प्रथम शिलालेख, साँची शिलालेख, महरौली प्रशस्ति।
कुमारगुप्त महेन्द्रादित्य (415-455ई) बिल्सड़ स्तंभलेख, गढ़वा का द्वितीय शिलालेख, गढ़वा का तृतीय शिलालेख, उदयगिरी का तृतीय गुहलेख, धनदैह अभिलेख, मथुरा का जैन मूर्ति लेख, तुमैन शिलालेख, मंदसौर शिलालेख, कर्मदंडा लिंगलेख, कुलाईकुरी ताम्रलेख, दामोदरपुर प्रथम एवं द्वितीय ताम्रलेख, बैग्राम ताम्रलेख, मानकुंवर बुद्धमूर्ति लेख।
स्कंदगुप्त जूनागढ़ प्रशस्ति, कहाँव स्तम्भ लेख, सुपिया स्तंभलेख, इंदौर ताम्रलेख, भितरी स्तम्भलेख।
कुमारगुप्त द्वितीय सारनाथ बुद्धमूर्ति लेख।
पुरुगुप्त बिहार स्तम्भ लेख।
बुद्धगुप्त सारनाथ बुद्धमूर्ति लेख, पहाडपुर ताम्रलेख, राजघाट (वाराणसी), स्तम्भ लेख, नंदपुर ताम्रलेख।
वैन्यगुप्त गुनईधर (टिपरा) ताम्रलेख।
भानुगुप्त एरण स्तंभलेख।
विष्णुगुप्त पंचम दामोदरगुप्त ताम्र लेख।

इन्हें भी पढे: भारत की प्रमुख ऐतिहासिक गुफाएं तथा उनके स्थान

गुप्‍त राजवंश के बारे में महत्‍वपूर्ण सामान्य ज्ञान तथ्य:

  • गुप्‍त वंश की स्‍थापना श्रीगुप्‍त ने की थी।
  • श्री गुुप्‍त ने मगध के मृग शिखातन में एक मंदिर का निर्माण करवाया था।
  • श्री गुुप्‍त ने महाराज की उपाधि हासिल की थी।
  • श्री गुप्‍त ने धटोत्‍कच्च काेे अपना उत्‍तराधिकरी बनाया था।
  • धटोत्‍कच ने अपने उत्‍तराधिकरी के रूप मेंं चन्‍द्रगुप्‍त प्रथम को गद्दी पर बिठाया था।
  • गुप्‍त वंश का सबसे महान सम्राट चन्‍द्रगुप्‍त प्रथम था।
  • इसने महाराजाधिराज की उपाधि धारण की थी।
  • चन्‍द्रगुप्‍त प्रथम ने लच्‍छवी कुल की कन्‍या कुमारदेवी से शादी की थी।
  • चन्‍द्रगुप्‍त प्रथम ने अपने उत्‍तराधिकारी के रूप में अपने पुत्र समुद्रगुप्‍त को राजगद्दी पर बिठाया अौर सन्‍यास ग्रहण कर लिया था।
  • समुद्रगुप्‍त 335ई० में राजगद्दी पर बैठा था।
  • समुद्रगुप्‍त‍ विष्‍णु का उपासक था।
  • समुद्रगुप्‍त ने अश्‍वमेघकर्ता की उपाधि धारण की थी।
  • समुद्रगुप्‍त संंगीत का बहुत प्रेमी था।
  • गुप्‍त कालीन सिक्‍कों में समुद्रगुप्‍त काे वीणा वादन करते हुऐ दिखाया गया है।
  • श्री लंका के राजा मेघवर्मन ने कुछ उपहार भेज कर समुद्रगुप्‍त से गया में बौद्ध मंदिर बनबाने की अनुमति मॉगी थी।
  • भारतीय इतिहास में समुद्रगुप्‍त काेे भारत का नेपोलियन भी कहा जाता है।
  • समुद्रगुप्‍त को कविराज भी कहा जाता है।
  • समु्द्रगुप्‍त ने 355 ई० से 375 ई० राज किया था।
  • समुद्रगुप्‍त के बाद रामगुप्‍त राजगद्दी पर बैैठा था।
  • रामगुप्‍त की हत्‍या चन्‍द्रगुप्‍त द्वतीय ने की थी।
  • चन्‍द्रगुप्‍त द्वतीय 380 ई० में राजगद्दी पर बैठा था।
  • चन्‍द्रगुुप्‍त द्वतीय ने विक्रमादित्‍य की उपाधि भी धारण की थी।
  • चन्‍द्रगुुप्‍त द्वतीय को शकों पर विजय पाने के लिए शकारि भी कहा जाता था।
  • शकों कोे पराजित करने के उपलक्ष्‍य में चन्‍द्रगुप्‍त द्वतीय ने चॉदी के विशेष सिक्‍के जारी किये थे।
  • चन्‍द्रगुप्‍त द्वतीय ने वाकाटक राज्‍य को अपने राज्‍य में मिलाकर उज्‍जैन को अपनी राजधानी बनाया था।
  • चन्‍द्रगुप्‍त द्वतीय के दरबार के नवरत्‍न कालिदास, आर्यभट्ट, वराहमिहिर, ब्रह्मगुप्त, धन्‍वंतरि, तथा। अमरसिंह आदि थे।
  • चीनी यात्री फाह्यान चन्‍द्रगुप्‍त के शासन काल में भारत आया था।
  • चन्‍द्रगुप्‍त द्वतीय ने 380 ई० से 413 ई० तक शासन किया था।
  • चन्‍द्रगुप्‍त के बाद कुमार गुप्‍त राजगद्दी पर बैठा था।

  • चन्‍द्रगुप्‍त द्वतीय के शासन काल में सस्‍कृत के सबसे महान कवि कालिदास थे।
  • चन्‍द्रगुप्‍त द्वतीय के दरवार में रहने वालेे आयुर्वेदाचार्य धन्‍वंतरि थे।
  • नालन्‍दा विश्वविद्यालय के संस्‍थापक कुुमारगुप्‍त था।
  • कुमारगुप्‍त के बाद स्‍कन्‍दगुप्‍त राजगद्दी पर बैठा था।
  • स्‍कन्‍दगुप्‍त ने विक्रमादित्‍य की उपाधि धारण की थी।
  • स्‍कन्‍द गुप्‍त के काल मे ही हूणों का भारत पर हुआ था।
  • गुप्‍त वंश का अंंतिम महान सम्राट स्‍कन्‍दगुप्‍त था।
  • गुप्‍त काल का अंतिम शासक भानुु गुप्‍त था।
  • गुप्‍त काल में राजपद वंशानुगत सिद्धांत पर आधारित‍ था।
  • गुप्‍त सम्राट न्‍यान, सेना एवं दीवानी विभाग का प्रधान होता था।
  • गुप्‍त काल मेंं सबसे बडी प्रादेशिक इकाई देश थी। जिसके शासक को गोजा कहा जाता था।
  • गुप्‍त काल में पुलिस विभाग के साधारण कर्मचारियों को चाट एवं भाट कहा जाता था।
  • गुप्‍त काल में उज्‍जैन नगर सर्वाधिक महत्‍वपूर्ण व्‍यापारिक स्‍थल था।
  • गुप्‍तकाल में स्‍वर्ण मुद्राओं की अभिलेखों में दीनार कहा जाता है।
  • शिव के अर्धनार‍ीश्‍वर रूप की कल्‍पना एवं शिव तथा। पर्वती की एक साथ मूर्तियों की निर्माण गुप्‍तकाल में हुआ था।
  • त्रि‍मूर्ति पूजा के अर्न्‍तगत ब्रह्मा, विष्‍णु और महेश की पूजा गुप्‍त काल में अारम्‍भ हुई थी।
  • गुप्‍त काल मेंं मंदिर निर्माण कला का जन्‍म हुुआ था।
  • भगवान शिव के एकमुखी एवं चतुर्मखी शिवलिंग का निर्माण गुप्‍तकाल में हुआ था।
  • अजन्‍ता की गुफाओं में चित्रकारी गुप्‍तकाल की देन है।
  • अजन्‍ता में निर्मित कुुल 29 गुफाआेेंं में से वर्तमान मेंं केवल 6 गुफायें ही शेष है।
  • अजन्‍ता में निर्मित गुफा संख्‍या 16 और 17 गुप्‍तकाल से संबन्धित है।
  • गुप्‍तकाल में वेश्‍या‍वृति करने वाली महिलाओं को गणिका कहा जाता था।
  • विष्‍णु का वाहन गरूण गुुप्‍त काल का राजचिन्‍ह था।
  • गुप्‍तकाल में चांदी के सिक्‍कों को रूप्‍यका कहा जाता था।
  • गुप्‍त काल में अठ्ठाहर प्रकार के कर थे।
  • गुप्‍त काल को भारतीय इतिहास का स्‍वर्ण काल कहा जाता है।

The post गुप्त राजवंश का इतिहास, शासकों का नाम उनके अभिलेख एवं महत्‍वपूर्ण तथ्य appeared first on सामान्य ज्ञान (Samanya Gyan 2020).

सिंधु घाटी सभ्यता के प्रमुख स्थल और खोजकर्ता एवं सम्बंधित महत्वपूर्ण तथ्य

$
0
0
सिंधु घाटी सभ्यता के प्रमुख स्थल और खोजकर्ता | Founders of Indus Valley Civilization in Hindi

सिंधु घाटी सभ्यता के प्रमुख स्थल और खोजकर्ता एवं महत्वपूर्ण तथ्य: (Founders of Indus Valley Civilization Major Places and important facts in Hindi)

सिंधु घाटी सभ्यता का इतिहास

सिंधु घाटी सभ्यता विश्व की प्राचीन नदी घाटी सभ्यताओं में से एक प्रमुख सभ्यता थी। सम्मानित पत्रिका नेचर में प्रकाशित शोध के अनुसार यह सभ्यता कम से कम 8000 वर्ष पुरानी है। यह हड़प्पा सभ्यता और ‘सिंधु-सरस्वती सभ्यता’ के नाम से भी जानी जाती है। इसका विकास सिंधु और घघ्घर/हकड़ा (प्राचीन सरस्वती) के किनारे हुआ। मोहनजोदड़ो, कालीबंगा, लोथल, धोलावीरा, राखीगढ़ी और हड़प्पा इसके प्रमुख केन्द्र थे। दिसम्बर 2014 में भिर्दाना को अब तक खोजा गया सिंधु घाटी सभ्यता का सबसे प्राचीन नगर माना गया।

1826 में चार्ल्स मैसेन ने पहली बार इस पुरानी सभ्यता को खोजा। कनिंघम ने 1856 में इस सभ्यता के बारे में सर्वेक्षण किया। 1856 में कराची से लाहौर के मध्य रेलवे लाइन के निर्माण के दौरान बर्टन बंधुओं द्वारा हड़प्पा स्थल की सूचना सरकार को दी। इसी क्रम में 1861 में अलेक्जेंडर कनिंघम के निर्देशन में भारतीय पुरातत्व विभाग की स्थापना की। 1904 मे लार्ड कर्जन द्वारा जॉन मार्शल को भारतीय पुरातात्विक विभाग का महानिदेशक बनाया गया।

सिन्धु सभ्यता के प्रमुख स्थल व खोजकर्ता:

हड़प्पा:

स्थल हड़प्पा
अवस्थिति मांटगोमरी (पाकिस्तान)
खोजकर्ता का नाम दयाराम साहनी
वर्ष 1921
नदी/सागर तट रावी

हड़प्पा स्थल का संक्षिप्त विवरण:

हड़प्पा पूर्वोत्तर पाकिस्तान के पंजाब प्रांत का एक पुरातात्विक स्थल है। यह साहिवाल शहर से 20 किलोमीटर पश्चिम मे स्थित है। सिन्धु घाटी सभ्यता के अनेकों अवशेष यहाँ से प्राप्त हुए है। सिंधु घाटी सभ्यता को इसी शहर के नाम के कारण हड़प्पा सभ्यता भी कहा जाता है। 1921 में जब जॉन मार्शल भारत के पुरातात्विक विभाग के निर्देशक थे तब दयाराम साहनी ने इस जगह पर सर्वप्रथम खुदाई का कार्य करवाया था। दयाराम साहनी के अलावा माधव स्वरुप व मार्तीमर वीहलर ने भी खुदाई का कार्य किया था। हड़प्पा शहर का अधिकांश भाग रेलवे लाइन निर्माण के कारण नष्ट हो गया था।

मोहनजोदड़ो:

स्थल मोहनजोदड़ो
अवस्थिति लरकाना (पाकिस्तान)
खोजकर्ता का नाम राखालदास बनर्जी
वर्ष 1922
नदी/सागर तट सिन्धु

मोहनजोदड़ो स्थल का संक्षिप्त विवरण:

मोहन जोदड़ो का सिन्धी भाषा में अर्थ है ” मुर्दों का टीला “। यह दुनिया का सबसे पुराना नियोजित और उत्कृष्ट शहर माना जाता है। यह सिंघु घाटी सभ्यता का सबसे परिपक्व शहर है। यह नगर अवशेष सिन्धु नदी के किनारे सक्खर ज़िले में स्थित है। मोहन जोदड़ो शब्द का सही उच्चारण है ‘मुअन जो दड़ो’। इसकी खोज राखालदास बनर्जी ने 1922 ई. में की। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के महानिदेशक जान मार्शल के निर्देश पर खुदाई का कार्य शुरु हुआ। यहाँ पर खुदाई के समय बड़ी मात्रा में इमारतें, धातुओं की मूर्तियाँ, और मुहरें आदि मिले। पिछले 100 वर्षों में अब तक इस शहर के एक-तिहाई भाग की ही खुदाई हो सकी है, और अब वह भी बंद हो चुकी है। माना जाता है कि यह शहर 125 हेक्टेयर क्षेत्र में फैला हुआ था तथा इस में जल कुड भी हुआ करता था! स्थिति- पाकिस्तान के सिंध प्रांत का लरकाना जिला।

रोपड़:

स्थल रोपड़
अवस्थिति पंजाब
खोजकर्ता का नाम यज्ञदत्त शर्मा
वर्ष 1953
नदी/सागर तट सतलज

रोपड़ स्थल का संक्षिप्त विवरण:

रोपड़ अति प्राचीन स्थल है, वर्तमान में इसे रूपनगर के नाम से जाना जाता है नगर का इतिहास सिंधु घाटी की सभ्यता का शहर जाता है। रूपनगर सतलुज के दक्षिणी किनारे पे बसा है। सतलुज नदी के दूसरी ओर शिवालिक के पहाड़ हैं। रूपनगर चंडीगढ़ (सबसे समीप विमानक्षेत्र एवं पंजाब की राजधानी) से लगभग 50 कि.मी. की दूरी पर है। प्राचीन शहर रूपनगर का नाम 11वि सदी के रोकेशर नामक राजा ने अपने पुत्र रूप सेन के उपर रखा था।

लोथल:

स्थल लोथल
अवस्थिति अहमदाबाद (गुजरात)
खोजकर्ता का नाम रंगानाथ नाथ राव
वर्ष 1954
नदी/सागर तट भोगवा नदी

लोथल स्थल का संक्षिप्त विवरण:

लोथल प्राचीन सिंधु घाटी सभ्यता के शहरों में से एक बहुत ही महत्वपूर्ण शहर है। लगभग 2400 ईसापूर्व पुराना यह शहर भारत के राज्य गुजरात के भाल क्षेत्र में स्थित है और इसकी खोज सन 1954 में हुई थी। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने इस शहर की खुदाई 13 फ़रवरी 1955 से लेकर 19 मई 1956 के मध्य की थी। लोथल, अहमदाबाद जिले के धोलका तालुका के गाँव सरागवाला के निकट स्थित है। सिंधु घाटी सभ्यता के समय इसके आसपास का कच्छ का मरुस्थल, अरब सागर का एक हिस्सा था। प्राचीन समय में यह एक महत्वपूर्ण और संपन्न व्यापार केंद्र था जहाँ से मोती, जवाहरात और कीमती गहने पश्चिम एशिया और अफ्रीका के सुदूर कोनों तक भेजे जाते थे। मनकों को बनाने की तकनीक और उपकरणों का समुचित विकास हो चुका था और यहाँ का धातु विज्ञान पिछले 4000 साल से भी अधिक से समय की कसौटी पर खरा उतरा था। प्रमुख खोजों में एक टीला, एक नगर, एक बाज़ार स्थल और एक गोदी शामिल है।

कालीबंगा:

स्थल कालीबंगा
अवस्थिति गंगानगर (राजस्थान)
खोजकर्ता का नाम अमलानन्द घोष
वर्ष 1953
नदी/सागर तट घग्घर

कालीबंगा स्थल का संक्षिप्त विवरण:

कालीबंगा सिंधु भाषा का शब्द है जो काली+बंगा (काले रंग की चूड़ियां) से बना है। काली का अर्थ काले रंग से तथा बंगा का अर्थ चूड़ीयों से है। कालीबंगा राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले का एक प्राचीन एवं ऐतिहासिक स्थल है। यहां हड़प्पा सभ्यता के बहुत दिलचस्प और महत्वपूर्ण अवशेष मिले हैं। काली बंगा एक छोटा नगर था। यहां एक दुर्ग मिला है। प्राचीन द्रषद्वती और सरस्वती नदी घाटी वर्तमान में घग्गर नदी का क्षेत्र में सैन्धव सभ्यता से भी प्राचीन कालीबंगा की सभ्यता पल्लवित और पुष्पित हुई। कालीबंगा 4000 ईसा पूर्व से भी अधिक प्राचीन मानी जाती है। सर्वप्रथम 1953 ई॰ में अमलानन्द घोष ने इसकी खोज की। बीके थापर व वीवी लाल ने 1961-69 में यहाँ उत्खनन का कार्य किया।

चन्हुदड़ो:

स्थल चन्हूदड़ो
अवस्थिति सिंध (पाकिस्तान)
खोजकर्ता का नाम एन. जी. मजूमदार
वर्ष 1934
नदी/सागर तट सिन्धु

चन्हुदड़ो स्थल का संक्षिप्त विवरण:

चन्हुदड़ो सिंधु घाटी सभ्यता के नगरीय झुकर चरण से सम्बंधित एक पुरातत्व स्थल है। यह क्षेत्र पाकिस्तान के सिंध प्रान्त के मोहेंजोदड़ो से 130 किलोमीटर (81 मील) दक्षिण में स्थित है। यह क्षेत्र 4000 से 1700 ईसा पूर्व में बसा हुआ माना जाता है और इस स्थान को इंद्रगोप मनकों के निर्माण स्थल के रूप में जाना जाता है। चन्हुदड़ो की पहली बार खुदाई मार्च 1934 में एन॰जी॰ मजुमदार ने करवाई और उसके बाद 1935-36 में अमेरीकी स्कूल ऑफ़ इंडिक एंड इरानियन तथा म्यूज़ियम ऑफ़ फाइन आर्ट्स, बोस्टन के दल ने अर्नेस्ट जॉन हेनरी मैके के नेतृत्व में करवाई।

सुत्कांगेडोर:

स्थल सुत्कांगेडोर
अवस्थिति बलूचिस्तान (पाकिस्तान)
खोजकर्ता का नाम आरेल स्टाइन
वर्ष 1927
नदी/सागर तट दाश्क

सुत्कांगेडोर स्थल का संक्षिप्त विवरण:

सुत्कांगेडोर सिंधु घाटी सभ्यता का सबसे पश्चिमी ज्ञात पुरातात्विक स्थल है। यह पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में ईरानी सीमा के निकट ग्वादर के पास मकरान तट पर कराची से लगभग 480 किमी दूर पश्चिम में स्थित है। सुत्कांगेडोर की खोज 1875 में मेजर एडवर्ड मॉकलर ने की थी, जिन्होंने छोटे पैमाने पर उत्खनन किया था। 1928 में ऑरेल स्टीन ने अपने गेड्रोसिया दौरे के हिस्से के रूप में क्षेत्र का दौरा किया, और आगे की खुदाई की। अक्टूबर 1960 में, सुत्कांगेडोर को अपने मकरान सर्वेक्षण के एक हिस्से के रूप में जॉर्ज एफ. डेल्स द्वारा अधिक बड़े पैमाने पर खुदाई की गई थी, जो बिना पुआल के पत्थर और मिट्टी की ईंटों से बनी संरचनाओं को उजागर करते थे।

कोटदीजी:

स्थल कोटदीजी
अवस्थिति सिंध (पाकिस्तान)
खोजकर्ता का नाम फज़ल अहमद खां
वर्ष 1955
नदी/सागर तट सिन्धु

कोटदीजी स्थल का संक्षिप्त विवरण:

कोटदीजी में प्राचीन स्थल सिंधु सभ्यता का एक महत्वपूर्ण अंग था। इस स्थल की व्यवसाय पहले से ही 3300 ईसा पूर्व में प्रमाणित है। अवशेषों में उच्च भूमि और बाहरी क्षेत्र पर दो भागों का गढ़ क्षेत्र शामिल है। पाकिस्तान विभाग के पुरातत्व विभाग ने 1955 और 1957 में कोटदीजी में खुदाई की। पाकिस्तान के सिंध प्रांत में खैरपुर से लगभग 24 किलोमीटर दक्षिण में, यह मोहनजोदाड़ो के सामने सिंधु के पूर्वी तट पर है। यह स्थल रोहड़ी पहाड़ियों के तल पर स्थित है जहाँ एक किला (कोट दीजी का किला) 1790 के आसपास ऊपरी सिंध के तालपुर वंश के शासक मीर सुह्रब द्वारा बनाया गया था, जिन्होंने 1783 से 1830 ई. तक शासन किया था। एक तंग संकरी पहाड़ी के रिज पर बना यह किला अच्छी तरह से संरक्षित है।

आलमगीरपुर:

स्थल आलमगीरपुर
अवस्थिति मेरठ
खोजकर्ता का नाम यज्ञदत्त शर्मा
वर्ष 1958
नदी/सागर तट हिंडन

आलमगीरपुर स्थल का संक्षिप्त विवरण:

आलमगीरपुर सिंधु घाटी सभ्यता का एक पुरातात्विक स्थल है जो यमुना नदी (3300-1300 ईसा पूर्व) के साथ-साथ मेरठ जिले, उत्तर प्रदेश, भारत में स्थित हड़प्पा काल से जुड़ा हुआ है। यह सभ्यता का सबसे पूर्वी स्थल है। इस स्थल को परसाराम-खीरा भी कहा जाता था।

सुरकोटदा:

स्थल सुरकोटदा
अवस्थिति कच्छ (गुजरात)
खोजकर्ता का नाम जगपति जोशी
वर्ष 1967
नदी/सागर तट

सुरकोटदा स्थल का संक्षिप्त विवरण:

सुरकोटदा या ‘सुरकोटडा’ गुजरात के कच्छ ज़िले में स्थित है। इस स्थल से हड़प्पा सभ्यता के विस्तार के प्रमाण मिले हैं। इसकी खोज 1964 में ‘जगपति जोशी’ ने की थी इस स्थल से ‘सिंधु सभ्यता के पतन’ के अवशेष परिलक्षित होते हैं। यहाँ पर एक बहुत बड़ा टीला था। यहाँ पर किये गये उत्खनन में एक दुर्ग बना मिला, जो कच्ची ईंटों और मिट्टी का बना था। परकोटे के बाहर एक अनगढ़ पत्थरों की दीवार थी। मृद्भाण्ड सैंधव सभ्यता के हैं। यहाँ पर एक क़ब्र बड़े आकार की शिला से ढंकी हुई मिली है। यह क़ब्र अभी तक ज्ञात सैंधव शव-विसर्जन परम्परा में सर्वथा नवीन प्रकार की है।

रंगपुर:

स्थल रंगपुर
अवस्थिति कठियावाड़ (गुजरात)
खोजकर्ता का नाम ए. रंगनाथ राव
वर्ष 1953-54
नदी/सागर तट सुकभादर

रंगपुर स्थल का संक्षिप्त विवरण:

रंगपुर गुजरात के काठियावाड़ प्रायद्वीप में सुकभादर नदी के समीप स्थित है। इस स्थल की खुदाई वर्ष 1953-1954 में ए. रंगनाथ राव द्वारा की गई थी। यहाँ पर पूर्व हड़प्पा कालीन संस्कृति के अवशेष मिले हैं। रंगपुर से मिले कच्ची ईटों के दुर्ग, नालियां, मृदभांड, बांट, पत्थर के फलक आदि महत्त्वपूर्ण हैं। यहाँ धान की भूसी के ढेर मिले हैं। यह ऐतिहासिक स्थान गोहिलवाड़ प्रांत में सुकभादर नदी के पश्चिम समुद्र में गिरने के स्थान से कुछ ऊपर की ओर स्थित है। इस स्थान से 1935 तथा 1947 में उत्खनन द्वारा सिंधु घाटी सभ्यता के अवशेष प्रकाश में लाए गये थे। यहाँ पहली बार की खुदाई के अवशेषों से विद्वानों ने यह समझा था कि ये हड़प्पा सभ्यता के दक्षिणतम प्रसार के चिन्ह हैं, जिनका समय लगभग 2000 ई. पू. होना चाहिए। वर्ष 1944 ई. के जनवरी मास में यहाँ पुरातत्त्व विभाग ने पुनः उत्खनन किया, जिससे अनेक अवशेष प्राप्त हुए। जिनमें प्रमुख थे- अलंकृत व चिकने मृदभांड, जिन पर हिरण तथा अन्य पशुओं के चित्र हैं; स्वर्ण तथा कीमती पत्थर की बनी हुईं गुरियां तथा धूप में सुखाई हुई ईंटे। यहाँ से भूमि की सतह के नीचे नालियों तथा कमरों के भी चिन्ह मिलें हैं।

बालाकोट:

स्थल बालाकोट
अवस्थिति पाकिस्तान
खोजकर्ता का नाम डेल्स
वर्ष 1979
नदी/सागर तट अरब सागर

बालाकोट स्थल का संक्षिप्त विवरण:

बालाकोट सिन्धु घाटी की सभ्यता का एक महत्वपूर्ण स्थान है जहाँ खुदाई में ढाई हजार ईसापूर्व की निर्मित एक भट्ठी मिली है जिसमें सम्भवतः सिरैमिक वस्तुओं का निर्मान होता था। बालाकोट पाकिस्तान के उत्तरी भाग में ख़ैबर-पख़्तूनख़्वा प्रान्त के मानसेहरा ज़िले की काग़ान घाटी में कुनहार नदी (नैनसुख नदी) के किनारे स्थित एक शहर है। यह 2005 कश्मीर भूकम्प में पूरी तरह ध्वस्त हो गया था और फिर इसका साउदी अरब की सहायक संस्थानों की मदद लेकर नवनिर्माण करा गया।

सोत्काकोह:

स्थल सोत्काकोह
अवस्थिति पाकिस्तान
खोजकर्ता का नाम जॉर्ज एफ. डेल्स
वर्ष 1960
नदी/सागर तट अरब सागर

सोत्काकोह स्थल का संक्षिप्त विवरण:

सोत्काकोह पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में पसनी शहर के पास मकरान तट पर एक हड़प्पा स्थल है। यह पहली बार 1960 में अमेरिकी पुरातत्वविद् जॉर्ज एफ. डेल्स द्वारा सर्वेक्षण किया गया था, जबकि मकरान तट के साथ-साथ वनस्पतियों की खोज की गई थी। यह स्थल पसनी से लगभग 15 मील उत्तर में स्थित है।

बनावली:

स्थल बनवाली
अवस्थिति हिसार (हरियाणा)
खोजकर्ता का नाम आर. एस. बिष्ट
वर्ष 1973-74
नदी/सागर तट

बनावली स्थल का संक्षिप्त विवरण:

बनावली एक भारतीय राज्य हरियाणा के हिसार जिला स्थित एक पुरातत्व स्थल है जो कि सिन्धु घाटी सभ्यता से सम्बन्धित है। यह कालीबंगा से 120 किमी तथा फतेहाबाद से 16 किमी दूर है। यह नगर रंगोई नदी के तट पर स्थित था। कालीबंगा सरस्वती की निचली घाटी जबकि यह नगर इसकी उपरी घाटी में स्थित था।

गुजरात:

स्थल धोलावीरा
अवस्थिति कच्छ (गुजरात)
खोजकर्ता का नाम जे.पी. जोशी
वर्ष 1967
नदी/सागर तट

धोलावीरा स्थल का संक्षिप्त विवरण:

गुजरात में कच्छ प्रदेश के उतरीय विभाग खडीर में धोलावीरा गांव के पास पांच हजार साल पहले विश्व का यह प्राचीन महानगर था। उस जमाने में लगभग 50,000 लोग यहाँ रहते थे। 4000 साल पहले इस महानगर के पतन की शुरुआत हुई। सन 1450 में वापस यहां मानव बसाहट शुरु हुई। यहाँ उत्तर से मनसर और दक्षिण से मनहर छोटी नदी से पानी जमा होता था। हड़प्पा संस्कृति के इस नगर की जानकारी 1960 में हुई और 1990 तक इसकी खुदाई चलती रही। हड़प्पा, मोहन जोदडो, गनेरीवाला, राखीगढ, धोलावीरा तथा लोथल ये छः पुराने महानगर पुरातन संस्कृति के नगर है। जिसमें धोलावीरा और लोथल भारत में स्थित है।

मांडा:

स्थल मांडा
अवस्थिति जम्मू-कश्मीर
खोजकर्ता का नाम जे.पी. जोशी
वर्ष 1976-77
नदी/सागर तट चिनाब

मांडा स्थल का संक्षिप्त विवरण:

मांडा एक गाँव है और जम्मू और कश्मीर के भारतीय केंद्र शासित प्रदेश में एक पुरातात्विक स्थल है। इसकी खुदाई भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा 1976-77 के दौरान जे.पी. जोशी द्वारा की गई थी। साइट में एक प्राचीन सिंधु घाटी सभ्यता के खंडहर हैं। मांडा, जम्मू से 28 किमी उत्तर पश्चिम में पीर पंजाल रेंज की तलहटी में चिनाब नदी के दाहिने किनारे पर स्थित है और इसे हड़प्पा सभ्यता की सबसे उत्तरी सीमा माना जाता है। इसे सिंधु घाटी सभ्यता का सबसे उत्तरी स्थल माना जाता है। इसे हिमालय की उप पहाड़ियों से लकड़ी खरीदने और सिंधु घाटी सभ्यता के अन्य शहरों में भेजने के लिए स्थापित स्थल माना जाता है।

दैमाबाद:

स्थल दैमाबाद
अवस्थिति महाराष्ट्र
खोजकर्ता का नाम बी॰ पी॰ बोपर्दिकर
वर्ष 1990
नदी/सागर तट प्रवरा

दैमाबाद स्थल का संक्षिप्त विवरण:

दैमाबाद गोदावरी नदी की सहायक प्रवरा नदी के तट पर स्थित एक निर्जन गाँव तथा पुरातत्व स्थल है, जो कि भारत के महाराष्ट्र राज्य के अहमदनगर ज़िले में है। यह स्थान बी॰ पी॰ बोपर्दिकर द्वारा खोजा गया था। इस स्थान की भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण द्वारा तीन बार खुदाई की जा चुकी है। पहली खुदाई 1958-59 में एम॰ एन॰ देशपांडे के नेतृत्व में हुई। दूसरी खुदाई एस॰ आर॰ राव के नेतृत्व में 1974-75 में हुई। अंतिम खुदाई एस॰ ए॰ सली के नेतृत्व में 1976-79 में हुई। दैमाबाद में हुई खोजों से सिन्धु घाटी सभ्यता के दक्खन के पठार तक विस्तार का निष्कर्ष निकाला गया। दैमाबाद बहुत से कांस्य के सामानों के लिये प्रसिद्ध है, जिसमे से कुछ सिन्धु घाटी सभ्यता के काल के हैं।

देसलपुर:

स्थल देसलपुर
अवस्थिति गुजरात
खोजकर्ता का नाम के. वी. सुन्दराजन
वर्ष 1964
नदी/सागर तट

देसलपुर स्थल का संक्षिप्त विवरण:

गुजरात के भुज ज़िले में स्थित ‘देसलपुर’ की खुदाई ‘पी.पी. पाण्ड्या’ और ‘एक. के. ढाके’ द्वारा किया गया। बाद में ‘सौनदरराजन’ द्वारा भी उत्खनन किया गया। इस नगर के मध्य में विशाल दीवारों वाला एक भवन था जिसमें छज्जे वाले कमरे थे जो किसी महत्त्वपूर्ण भवन को चिह्नित करता है।

भिरड़ाना:

स्थल भिरड़ाना
अवस्थिति हरियाणा
खोजकर्ता का नाम भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण विभाग
वर्ष 2014
नदी/सागर तट सरस्वती नदी

भिरड़ाना स्थल का संक्षिप्त विवरण:

भिरड़ाना भारत के उत्तरी राज्य हरियाणा के फतेहाबाद जिले का एक छोटा सा गाँव है। भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण विभाग के दिसम्बर 2014 के शोध से पता चला है कि यह सिंधु घाटी सभ्यता का अबतक खोजा गया सबसे प्राचीन नगर है जिसकी स्थापना 4540 ईसापूर्व में हुई थी। 2003-2004 में किए गए उत्खनन में इस नगर की खोज हुई थी। मोहन जोदड़ो की कास्य की नर्तकी की नक़ल जो बर्तन पर उकेरी गयी थी यहाँ से प्राप्त हुई थी। नवपाषाण युग में भिरड़ाना एक छोटा सा ग्राम था, ताम्र पाषाण युग में यहाँ नगर व्यवस्था आई, कांस्य युग के आते आते यह राखीगढ़ी, मोहनजोदड़ो, सुमेर आदि अपने सभी समकालीन महानगरो की तरह एक समृद्ध महानगर बना।

इन्हें भी पढ़े: विश्व के प्रमुख व्यक्ति और उनके कार्यों की सूची

सिंधु घाटी सभ्यता के बारे में महत्पूर्ण तथ्य:

  • भारत की प्रथम सभ्‍यता सिन्‍धु घाटी सभ्‍यता है।
  • सिन्‍धु सभ्‍यता की खोज ब्रिटिश अधिकारी सर जॉन मार्शल के संरक्षण मेे राय बहादुर साहनी व राखल दास बनर्जी द्वारा 1921-22 ई० में की गयी थी।
  • मोहनजोदडों  के टीलों जिसे मृतको का टीला कहा जाता है। की खोज 1922 में राखल दास बनर्जी नेे की थी।
  • चन्‍हूूदडों नगर की खोज सर्वप्रथम 1931 ई० में गोपाल मजूमदार ने की थी।
  • लोथल की खुदाई 1957-58 में रंगनाथ राव नेे कराई थी।
  • रोपड की खुदाई 1953-56 ई० में यज्ञदत्‍त शर्मा ने कराई थी।
  • कालीबंगा की खुदाई 1953 में बी०बी० लाल एवं बी०के० थापर द्वारा कराई गई थी।
  • बनवाली की खुदाई 1953 में बी०बी० लाल एवं बी०के० थापर द्वारा कराई गई थी।
  • सुरकोटडा की खोज 1927 ई० में ऑरेन स्‍टाइन ने की थी।
  • रंगपुरा की खुदाई 1951-53 ई० में माधोस्‍वरूप वत्‍स बी० बी० लाल एस आर० राव ने कराई थी।
  • सिन्‍धु सभ्‍यता को वर्तमान मे हडप्‍पा सभ्‍यता कहा जाता है।
  • हडप्‍पा सभ्‍यता को ऋग्वेद में हरियूपिया कहा जाता है।
  • सिन्‍धु का बाग हडप्‍पा सभ्‍यता में मोहनजोदडो के पुरास्‍थल को कहा जाता है।
  • हडप्‍पा सभ्‍यता के सम्‍पूर्ण क्षेेत्र का आकार त्रि‍भुजाकार था
  • हडप्‍पा सभ्‍यता की मुद्राऍ मिट्टी से बनाई जाती थी।
  • हडप्‍पा सभ्‍यता की मुद्राऍ आयताकार थी।
  • अधिकतर हडप्‍पाई मुहर पर सॉड का चित्र बना हुआ था
  • सिन्‍धु सभ्‍यता को सिन्‍धु घटी सभ्‍यता हडप्‍पा सभ्‍यता तथा नागरीय सभ्‍यता कहा जाता है।
  • सिन्‍धु सभ्‍यता के अधिकांश नगर नदियों के किनारे बसे थे।
  • सिन्‍धु सभ्‍यता में कालीबंगा से नक्‍काशीदार ईटों के प्रयुक्‍त होने का प्रमाण मिलता है।
  • सिन्‍धु सभ्‍यता की सबसे बडी इमारत मोहनजोदडो का अन्‍नागार है।
  • सिन्‍धु सभ्‍यता में प्रयुक्‍त ईटों की लम्‍बाई और चौडाई तथा ऊॅचाई का अनुपात क्रमश: 4:2:1 था
  • मेलुहा सिन्‍धु क्षेेत्र का पुराना नाम था
  • सबसे पहले सिन्‍धु सभ्‍यता के दो प्रमुख स्‍थल हडप्‍पा तथा मोहनजोदडो मिले थे।
  • हडप्‍पा नगर रावी नदी के किनारे स्थित था
  • लोथल भोगवा नदी के किनारे स्थित था
  • मोहनजोदडो सिन्‍धु नदी के किनारे स्थित था
  • स्‍वतन्‍त्रता प्राप्ति के बाद हडप्‍पा सभ्‍यता के सबसे अधिक स्‍थल गुजरात में खोेजे गये थे।
  • हडप्‍पावासी फिनीशिया के मूल निवासी थे।
  • सर्वप्रथम कपास उपजाने का श्रेय हडप्‍पावासियों को जाता है।
  • मोहनजोदडाेे में विशाल स्‍नानगार स्थित है।
  • अण्‍डाकार शव के अवशेष सुरकोतडा से मिलते है।
  • एक कब्र में दो शव आपस में लिपटे हुए लोथल से मिले है।
  • मोहनजोदडो से नर्तकी की एक कांस्‍य मूर्ति मिली थी।
  • पुजारी का सिर मोहनजोदडो से मिला है।
  • सिन्‍धु सभ्‍यता का प्रधान बन्‍दरगाह लोथल था
  • सिन्‍धु सभ्‍यता के लोगों ने नगरों तथा घरो के विन्‍यास के लिए ग्रीड पदृति अपनाते थे।
  • सिन्‍धु सभ्‍यता केे निवासी शाकाहारी और मासाहारी दोनों ही प्रकार का भोजन करते थे।
  • सिन्‍धु सभ्‍यता के निवासी सूती त‍था ऊनी दोनों प्रकार के वस्‍त्र पहनते थे।
  • सिन्‍धुु सभ्‍यता के मानव आवागमन के लिए दो पहिये एवं चार पहियों वाली वैल गाडियों का प्रयोग करते थे।
  • सिन्‍धु सभ्‍यता केे निवासी मनोरंजन के लिए शतरंज, संगीत, नृत्‍य, तथा जुआ आदि खेलते थे।
  • सिन्‍धु सभ्‍यता के निवासी मातृदेवी और शिवलिंग के उपासना करते थे।
  • सिन्‍धु सभ्‍यता के लोग धरती को उर्वरता की देवी मानकर उपासना करते थे।
  • वृक्ष पूजा और शिव पूजा के प्रचलन के साक्ष्‍य भी सिन्‍धु सभ्‍यता से मिलते है।
  • स्‍वास्तिक चिन्‍ह हडप्‍पा सभ्‍यता की देन है।
  • पशुओं में कूबड वाला सॉड इस सभ्‍यता के लोगों के लिए विशेष पूजनीय था
  • सिन्‍धुवासी वैल काेे शक्ति का प्रतीक मानते थे।
  • सिन्‍धुवासियों को घोडे का ज्ञान नहीं था
  • मनकेे बनाने के कारखाने लोथल एवं चन्‍हुदडो से प्राप्‍त हुऐ है।
  • मोहनजोदडो में घोडे के दॉत के अवशेष मिले है।
  • मोहनजोदडो से सीप का तथा लोथल से हाथी। दॉत से निर्मित एक-एक पैमाना मिला है।ै
  • लोथल में घोडे की लघु मृण्‍मूर्तियों के अवशेष मिले है।
  • कालीबंंगा से जुते हुए खेत का साक्ष्‍य मिला है।
  • लोथल से चावल के प्रथम साक्ष्‍य मिले है।
  • सिन्‍धु सभ्‍यता के लोग काले रंग से डिजाइन किए हुए लाल मिट्टी् के बर्तन बनातेे थे।
  • सिन्‍धु सभ्‍यता के लोग तलवार से परिचित नहीं थे।
  • कालीबंगा एकमात्र हडप्‍पाकालीन स्‍थल था जिस‍का निचला शहर भी किलेे से घिरा हुआ था
  • पर्दा-प्रथा एवं वेश्‍यावृत्ति सैधव सभ्‍यता में प्रचलित थी।
  • शवों काेे गाडने और जलाने की दाेेनों ही प्रथाऐं प्रचलित थी।
  • कालीबंंगा और लोथल में हवनकुुण्‍ड के प्रथम साक्ष्‍य मिले थे।
  • मेहरगढ से भारत में कृषि का प्राचीनतम् साक्ष्‍य मिला था
  • सिन्‍धुवासी तॉबा धातु का प्रयोग ज्‍यादा करते थे।
  • सिन्‍धुवासी को लोहा धातु का ज्ञान नहीं था
  • घरों के दरवाजे और खिडकीयॉ सडक की ओर न खुल कर पिछवाडे की ओर खुलते थे।
  • केवल लोथल नगर के घरों के दरवाजे सडक की ओर खुलते थे।
  • सिन्‍धुवासी मिठास शहद का प्रयोग करते थे।
  • मोहनजोदडो की सडकों की लम्‍बाई 400 मीटर तथा चौडाई 10 मीटर थी।
  • सिन्‍धुवासी का प्रमुख पेशा कृषि तथा पशुपालन था
  • हडप्पावासी सुमेर देश से व्‍यापार करते थे।
  • सिन्‍धु सभ्‍यता के विनाश के लिए वाढ, सूखा या विदेशी आक्रमण को जिम्‍मेदार ठहराया जाता है।
  • प्रथम बार कांस्य के प्रयोग के कारण इसे कांस्य सभ्यता भी कहा जाता है।

The post सिंधु घाटी सभ्यता के प्रमुख स्थल और खोजकर्ता एवं सम्बंधित महत्वपूर्ण तथ्य appeared first on सामान्य ज्ञान (Samanya Gyan 2020).

कौन क्या है 2020 –भारत और विश्व में वर्तमान में कौन किस पद पर है 2020

$
0
0
वर्तमान में कौन क्या है 2019, भारत और विश्व | Latest Who is Who 2019 in Hindi

वर्तमान में कौन क्या है (Latest Who is Who 2020 in India and World in Hindi)

इस पोस्ट में आप भारत और विश्व के महत्वपूर्ण कार्यालयों/कंपनियों और संगठनों के प्रमुखों और मुख्य सचिवों के बारे में नवीनतम जानकारी प्राप्त करेंगे। वर्तमान में महत्वपूर्ण कार्यालयों/कंपनियों और संगठनों के प्रमुखों के आधार पर हर परीक्षा में दो या तीन प्रश्न अवश्य पूछे जाते है।

इस तरह के सवाल ‘कौन क्या है’ की श्रेणी में आते हैं। महत्वपूर्ण व्यक्तियों और उनके पद बदलते रहते हैं, तो यह पोस्ट आप को देश और दुनिया के मुख्य संगठनों या कार्यालयों के क्षेत्र की नवीनतम जानकारी से अवगत रखने के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। यह आपकी सभी प्रकार की सरकारी प्रतियोगी परीक्षाओं विशेषकर बैंक पीओ व क्लर्क, यूपीएससीएसएससीआईएएस, पीसीएस, केट, भारतीय रेलवे, गेट आदि के लिए अत्यंत उपयोगी है। आइये जाने वर्तमान में भारत और विश्व में कौन क्या है 2019-20?

नवीनतम कौन क्या है 2020 की सूची:

 

 

पद/कार्यालय/संगठन का नाम व्यक्ति का नाम
भारत के राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद (25 जुलाई 2017)
भारत के उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू (05 अगस्त 2017)
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र दामोदर दास मोदी
लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला
राज्य सभा के उप-सभापति श्री हरिवंश नारायण सिंह (09 अगस्त 2018)
लोकसभा के डिप्टी स्पीकर रिक्त
विपक्ष के नेता (राज्य सभा) गुलाम नबी आजाद
नीति आयोग के उपाध्यक्ष (वाइस चेयरमैन) डॉ. राजीव कुमार (1 सितम्बर 2017)
मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा (02 दिसम्बर 2018)
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति एच. एल. दत्तु (29 फरवरी 2016)
भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) राजीव महर्षि (24 सि‍तम्‍बर 2017)
राष्ट्रीय धार्मिक और भाषाई अल्पसंख्यक आयोग, अध्यक्ष जस्टिस रंगनाथ मिश्रा
दिल्ली पुलिस आयुक्त एसएन श्रीवास्तव
संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) के अध्यक्ष प्रो. (डॉ.) प्रदीप कुमार जोशी (0 अगस्त 2020)
राष्ट्रीय किसान आयोग (एनसीएफ) के अध्यक्ष डॉ. एम. एस. स्वामीनाथन
केन्द्रीय सूचना आयोग के आयुक्त (सीआईसी) बिमल जुल्का (16 फरवरी 2020)
एस.एस.सी (कर्मचारी चयन आयोग) के अध्यक्ष श्री ब्रज राज शर्मा
रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड, अध्यक्ष श्री मुकेश अंबानी
भारतीय चिकित्सा अनुसंधान की परिषद, महानिदेशक डॉ. बलराम भार्गव
भारत की महापंजीयक और जनगणना आयुक्त विवेक जोशी
विधि आयोग के अध्यक्ष बी.एस. चौहान (रिटायर्ड)
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर श्री शक्तिकांत दास (12 दिसम्बर 2018)
प्रधानमंत्री के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (आंतरिक सुरक्षा) श्री अजीत डोभाल
अल्पसंख्यक शैक्षणिक संस्थाओं हेतु राष्ट्रीय आयोग जस्टिस नरेंद्र कुमार जैन
इंडियन नेशनल एकेडमी ऑफ इंजीनियरिंग, अध्यक्ष डॉ. सनक मिश्रा
प्रशासनिक सुधार आयोग, अध्यक्ष बलबीर सिंह चौहान
राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग, चेयरमैन या अध्यक्ष डॉ. भगवान लाल सैनी
ऑडिट ब्यूरो सर्कुलेशन (एबीसी), अध्यक्ष मधुकर कामथ
पेट्रोलियम निर्यात का संगठन (ओपेक), अध्यक्ष मोहम्मद बरकिंडो
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के अध्यक्ष प्रमोद चंद्र मोदी
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी), अध्यक्ष अजय त्‍यागी
राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी) के महानिदेशक राजीव चोपड़ा
राष्ट्रीय महिला आयोग, अध्यक्ष रेखा शर्मा
लोक वित्त एवं नीति के राष्ट्रीय संस्थान (एनआईपीएफपी), अध्यक्ष डॉ. विजय केलकर लक्ष्मण
प्रसार भारती (ब्रॉडकास्टिंग कारपोरेशन ऑफ इंडिया) के अध्यक्ष ए. सूर्य प्रकाश (दिसम्बर 2017)
भारतीय फिल्म एवं टेलीविजन संस्थान (एफटीआईआई) के चेयरमैन बृजेंद्र पाल सिंह (13 दिसम्बर 2018)
निवेश आयोग, अध्यक्ष श्री रतन टाटा
संयुक्त राष्ट्र, उपमहासचिव अमीना जे. मोहम्मद
विश्व बैंक के अध्यक्ष डेविड मालपास
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ), प्रबंध निदेशक क्रिस्टालिना जॉर्जीवा
एशियाई रग्बी के अध्यक्ष जॉनी स्टाव्रिनौ
यूनेस्को की महानिदेशक (प्रमुख) ऑद्रे अजोले (नवम्बर 2017)
विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक टेड्रोस एडहानोम ट्रेंडिंग
अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन के महानिदेशक गाए राइडर
संयुक्त राष्ट्र अंतरराष्ट्रीय बाल आपात कोष (यूनिसेफ) के कार्यकारी निदेशक ऐन वेनेम
संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन व्यापार पर और विकास (अंकटाड), महासचिव अब्दल महमूद अब्दलहलीम मोहम्मद
आर्थिक सहयोग और विकास संगठन (ओईसीडी) के महासचिव जोस एंजेल गुर्रिया
अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय के न्यायमूर्ति अब्दुलकावी यूसुफ
एशियाई विकास बैंक (एडीबी) के अध्यक्ष मात्सुगु असकवा
अफ्रीकी विकास बैंक के अध्यक्ष एकिनवुमी अदेसिना
अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति के अध्यक्ष थामस बाक
भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) के अध्यक्ष नरिंदर बत्रा (15 दिसम्बर 2017)
राष्ट्रमंडल के महासचिव माननीय पेट्रीसिया
विश्व व्यापार संगठन निर्देशक-जनरल रॉबर्टो अज़ेवेदो
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद एलिज़ाबेथ टिची-फ़िसलबर्गर
यूरोपीय परिषद के राष्ट्रपति चार्ल्स मिशेल
खाड़ी सहयोग परिषद के महासचिव अब्दुल्लतीफ बिन राशिद अल-जायनी
इस्लामिक सहयोग संगठन के महासचिव डॉ.यूसुफ बिन अहमद अल-ओथिमीन
उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) के महासचिव जेन्स स्टोलटेनबर्ग
आसियान के महासचिव लिम जॉक होइ
सार्क के महासचिव एसाला वेराकोन
भारतीय भारोत्तोलन महासंघ (आईडब्ल्यूएलएफ) के अध्यक्ष बीरेन्द्र प्रसाद वैश्य (नवम्बर 2017)
नासा के चीफ (यूएसए) जिम ब्रेंडेन्सटाइन (Jim Bridenstine)
राज्य सभा के महासचिव श्री दीपक वर्मा (01 सितम्बर 2017)
लोकसभा के महासचिव स्नेहलता श्रीवास्तव (01 दिसम्बर 2017)
इंटेलिजेंस (खुफिया) ब्यूरो (आईबी) के चीफ अरविंद कुमार
केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई),  निदेशक श्री ऋषि कुमार शुक्ला
रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) निदेशक सेमन्त गोयल
केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के महानिदेशक आनंद प्रकाश माहेश्वरी
केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) के महानिदेशक श्री राजेश रंजन (11 अप्रैल, 2018)
रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) के महानिदेशक श्री अरुण कुमार (29 सितम्बर 2018)
भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के महानिदेशक सुरजीत सिंह देसवाल (29 अक्टूबर 2018)
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के अध्यक्ष प्रोफेसर धीरेंद्र पाल सिंह (22 दिसंबर, 2017)
रक्षा मंत्री के वैज्ञानिक सलाहकार श्री जी. एस. रेड्डी
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के चेयरमैन (अध्यक्ष) श्री कैलासवादिवू सिवान (10 जनवरी 2018)
परमाणु ऊर्जा विभाग के अध्यक्ष और सचिव श्री के. एन. व्यास (20 सितम्बर 2018)
राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष सैयद ग़य्यूर-उल-हसन रिज़वी
राष्ट्रीय सांख्यिकी आयोग के अध्यक्ष संघमित्रा बंदोपाध्याय
सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) के महानिदेशक कुमार राजेश चंद्रा (08 जनवरी 2019)
फेसबुक के सीईओ मार्क जुकरबर्ग
इंफोसिस के सीईओ सलिल पारेख
राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग (एनसीएसटी) के अध्यक्ष रामेश्वर उरांव
राष्ट्रीय ज्ञान आयोग के अध्यक्ष श्री सैम पित्रोदा
राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग (एनसीएससी) के अध्यक्ष प्रो. रामशंकर कठेरिया (31 मई, 2017)
राष्ट्रीय जांच एजेंसी या नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) के महानिदेशक श्री वाईसी मोदी (18 सितम्बर 2017)
भारतीय तटरक्षक के महानिदेशक कृष्णस्वामी नटराजन
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के कार्यवाहक अध्यक्ष सौरव गांगुली
भारत के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति श्री शरद अरविंद बोबडे
भारत के महाधिवक्ता (सॉलिसिटर जनरल) श्री तुषार मेहता (10 अक्टूबर 2018)
संगीत नाटक अकादमी के अध्यक्ष श्री शेखर सेन
वाणिज्य इंटरनेशनल चैंबर (आईसीसी) के अध्यक्ष जॉन डब्ल्यू.एच.डेंटन ए.ओ.
भारतीय वाणिज्य एंव उद्योग मंडल (एसोचैम) के अध्यक्ष बालकृष्ण गोयनका (17 अक्टूबर 2018)
भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के अध्यक्ष विक्रम श्रीकांत किर्लोस्कर
भारतीय सेना के अध्‍यक्ष (प्रमुख) मनोज मुकुंद नरवणे
भारतीय नौसेना के अध्‍यक्ष (प्रमुख) एडमिरल करमबीर सिंह
भारतीय वायुसेना के अध्‍यक्ष (प्रमुख) एअर मार्शल राकेश कुमार सिंह भदौरिया (01 अक्टूबर, 2019)
भारत के महान्यायवादी (अटॉर्नी जनरल) श्री के. के. वेणुगोपाल (03 जुलाई, 2017)
बाल अधिकार के संरक्षण के लिए राष्ट्रीय आयोग (एनसीपीसीआर) के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो
14वें वित्त आयोग के अध्यक्ष डॉ. वाई. वी. रेड्डी
15वें वित्त आयोग के अध्यक्ष एन. के. सिंह (27 नवम्बर 2017)
प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया (पीटीआई) के अध्यक्ष विजय कुमार चोपड़ा
सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के महानिदेशक श्री वी.के. जौहरी
संयुक्त राष्ट्र विश्व खाद्य कार्यक्रम (डब्ल्यूएफपी) के कार्यकारी निदेशक डेविड बिस्ले
भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) के अध्यक्ष श्री जे सत्यनारायण
दिल्ली मेट्रो रेल निगम (डीएमआरसी) बोर्ड के अध्यक्ष श्री डी.एस. मिश्रा
पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो के महानिदेशक वी. एस. कौमुदी
भारतीय विदेश सचिव श्री हर्षवर्धन श्रृंगला
भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के महानिदेशक चंद्रजीत बैनर्जी
नीति आयोग के अध्यक्ष नरेन्द्र मोदी
नीति आयोग के सीईओ श्री अमिताभ कांत
भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) के चेयरपर्सन (अध्यक्ष) श्री अशोक कुमार गुप्ता (09 नवम्बर 2018)
भारतीय चैंबर के वाणिज्य एवं उद्योग (फिक्की) के अध्यक्ष संगीता रेड्डी
राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (एनसीडीआरसी) के अध्यक्ष जस्टिस राजेश कुमार अग्रवाल
राष्ट्रीय इस्पात निगम लिमिटेड के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक प्रदोष कुमार रथ
वित्तीय क्षेत्र विधायी सुधार आयोग न्यायमूर्ति बी एन श्रीकृष्णा
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के अध्यक्ष श्री सुखबीर सिंह संधू (24 अक्टूबर 2019)
भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) के अध्यक्ष  अरविंद सिंह (24 अक्टूबर 2019)
बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (आईआरडीए) के अध्यक्ष सुभाष चंद्र खूंटिया (मई 2018)
अंतरराष्ट्रीय उर्वरक संघ (आईएमए) का अध्यक्ष राकेश कपूर
भारतीय किसान उर्वरक सहकारी लिमिटेड (इफको) के अध्यक्ष श्री बी. एस. नकई
भारतीय पर्यटन विकास निगम (आईटीडीसी) के अध्यक्ष जी. कमला वर्धन राव
भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक श्री डी. वी. प्रसाद
भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) के अन्तरिम अध्यक्ष श्री एम. आर. कुमार
पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस नियामक बोर्ड (पीएनजीआरबी) के अध्यक्ष श्री डी. के. सर्राफ (दिसम्बर 2017)
भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के अध्यक्ष राम सेवक शर्मा (अगस्त 2018)
भारतीय व्यापार संवर्धन संगठन (आईटीपीओ) के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक श्री एल. सी. गोयल
भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक श्री प्रवीण कुमार पुरवार
तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम लिमिटेड (ओएनजीसी) के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक श्री शशि शंकर (01 अक्टूबर, 2017)
स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया (सेल) के अध्यक्ष अनिल कुमार चौधरी (23 सितम्बर 2018)
भारतीय महिला बैंक के कार्यकारी निदेशक सुश्री एस. एम. स्वाति
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) के अध्यक्ष (चेयरमैन) इमरान ख्वाजा (1 जुलाई 2020)
पावर फाइनेंस कॉर्पोरेशन लिमिटेड के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक श्री सतनाम सिंह
रेलवे बोर्ड के चेयरमेन श्री विनोद कुमार यादव (31 दिसम्बर 2018)
केन्द्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड या भारतीय सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष प्रसून जोशी
राष्ट्रीय अनुसंधान विकास निगम (एनआरडीसी) के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक डॉ. हनुमांथू पुरुषोतम
केंद्रीय सतर्कता आयुक्त (सीवीसी) श्री संजय कोठारी
रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग (डीआरडीओ) के अध्यक्ष व सचिव जी सतीश रेड्डी (अगस्त 2018)
राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के निदेशक रामफल पवार
फीफा अध्यक्ष गिआनी इन्फैनटिनों
नागरिक उड्डयन सुरक्षा ब्यूरो (बीसीएएस) के महानिदेशक श्री राकेश अस्थाना
भारतीय मर्चेंट चैंबर (आईएमसी) के अध्यक्ष श्री आशीष वैद
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ़ इंडिया (एनएसई) के अध्यक्ष श्री गिरीश चंद्र चतुर्वेदी
राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) के अध्यक्ष डॉ. हर्ष कुमार भानवाला
भारतीय निर्यातकों के संगठन संघ (एफआईईओ) के अध्यक्ष शरद कुमार सराफ
भारत की औद्योगिक वित्त निगम (आईएफसीआई) के अध्यक्ष  सुनील कुमार बंसल
सेंट्रल बोर्ड ऑफ एक्साइज एंड कस्टम्स (सीबीईसी) के अध्यक्ष एम. अजीत कुमार
परमाणु ऊर्जा निगम ऑफ़ इंडिया लिमिटेड (एनपीसीआईएल) के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक डॉ. एस. के. शर्मा
राष्ट्रीय संग्रहालय, नई दिल्ली के महानिदेशक श्री सुब्रत नाथ
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) अध्यक्ष मनोज आहुजा
खेल प्राधिकरण ऑफ इंडिया (साई) के डायरेक्टर जनरल श्री संदीप प्रधान
राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के महानिदेशक श्री एस. एन. प्रधान
संयुक्त राष्ट्र संगठन (संयुक्त राष्ट्र संघ) के महासचिव एंटोनी गुटरेज़
न्यू डेवलपमेंट (ब्रिक्स बैंक) के अध्यक्ष मार्कोस प्रादो ट्रायजो
एशियाई विकास बैंक के उपाध्यक्ष अशोक लवासा
 भारत निर्वाचन आयोग के नए निर्वाचन आयुक्त (ईसी) राजीव कुमार (01 सितम्बर 2020)

यह भी पढे: भारत के उच्च न्यायालयों के नाम, स्थापना वर्ष और उनका स्थान

नोट: प्रिय पाठकगण यदि आपको इस पोस्ट में कंही भी कोई त्रुटि (गलती) दिखाई दे, तो कृपया हमे कमेंट के माध्यम से उस गलती से अवगत कराएं, हम उसको जल्दी से जल्दी ठीक (सही) करने का प्रयास करेंगे।

The post कौन क्या है 2020 – भारत और विश्व में वर्तमान में कौन किस पद पर है 2020 appeared first on सामान्य ज्ञान (Samanya Gyan 2020).

Viewing all 1939 articles
Browse latest View live


<script src="https://jsc.adskeeper.com/r/s/rssing.com.1596347.js" async> </script>