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भारत के इतिहास में हुई सबसे बडी रेल दुर्घटनाएं और उनकी तिथियाँ

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भारत की सबसे बडी रेल दुर्घटनाएं और उनकी तिथियाँ: (Major Train Accidents of Indian History in Hindi)

भारतीय रेलवे:

भारतीय रेलवे, दुनिया का चौथा सबसे बड़ा रेलवे नेटवर्क है, लंबे समय से रेलवे की बुनियादी सुविधाएं खराब रही हैं, जो पिछले कई वर्षों से रेल दुर्घटनाओं का कारण रही हैं। भारतीय रेल में प्रतिदिन सवा करोड़ से अधिक लोग इसे हर दिन इस्तेमाल करते हैं। एक अनुमान के अनुसार देश में हर साल औसतन 300 छोटी-बड़ी रेल दुर्घटनाएं होती हैं। रेलवे के आंकड़ो के अनुसार, पिछले 5 सालों में 586 रेल दुर्घटनाएं हो चुकी हैं। भारत में 2014-15 में 131 रेल हादसे हुए और इसमें 168 लोग मारे गए। वर्ष 2013-14 में 117 ट्रेन हादसे हुए और इसमें 103 लोग मारे गए थे। वर्ष 2014-2015 में 60 फ़ीसदी रेल दुर्घटना ट्रेनों के पटरी से उतरने के कारण हुई। इनमें से करीब 53% दुर्घटनाएं ट्रेन के पटरी से उतरने की वजह से हुई हैं।

भारत में रेल दुर्घटना के कारण:

आखिर भारत में ट्रेनें पटरी से क्यों उतर जाती हैं, जिसके दो मुख्य कारण निम्नलिखित है:-

  • भारत में अधिकांश रेल दुर्घटनाएं पटरियों के क्षतिग्रस्त होने और अत्यधिक भीड़ के कारण ट्रेनों के पटरियों से उतरने के कारण होती हैं। कुछ ट्रेनों के गुजरने के बाद, रेल लाइन (पटरियों) की दरारें फ्रैक्चर में बदल जाती हैं, जिसके कारण ट्रेनें पटरी से उतर जाती हैं और इससे जानमाल का भारी नुकसान होता है।
  • रेलवे कर्मचारियों की लापरवाही रेल दुर्घटनाओं और मौतों का मुख्य कारण बनती हैं। अधिकांश रेल दुर्घटनाओं में मानव की गलतियों को जिम्मेदार पाया गया है। कई बार, रेलवे कर्मचारी शॉर्टकट पर ध्यान नहीं देते हैं या सुरक्षा नियमों और दिशानिर्देशों का पालन नही करते है, जिसके भयंकर विनाशकारी परिणाम सामने आए हैं। इसी बीच उपकरणों की विफलता, टूट-फूट, डिब्बों में अधिक भीड़, पुराने डिब्बे और कई आकस्मिक कारक इस प्रकार की रेल दुर्घटनाओं का कारण बनते हैं।

आइये जानते है देश की सबसे बड़ी रेल दुर्घटनाओं के बारे में, जिसमें अब तक हजारों लोगो की जाने जा चुकी है:-

इन्हें भी पढे: भारतीय रेलवे क्षेत्र एवम उनके मुख्यालय

भारतीय इतिहास में अब तक हुए सबसे बड़े रेल हादसों (दुर्घटनाओं) की सूची:

दुर्घटना की तिथि दुर्घटना का स्थान और संबन्धित जानकारी
19 अगस्त 2017 हरिद्वार से पुरी के बीच चलने वाली कलिंग उत्‍कल एक्‍सप्रेस उत्तर प्रदेश के मुज़़फ्फ़रनगर में खतौली के पास दुर्घटनाग्रस्‍त हो गई थी। इस हादसे में ट्रेन की 14 बोगियां पटरी से उतर गई, जिसके कारण 21 यात्रियों की मौत हो गई, जबकि 97 अन्‍य घायल हुए थे।
30 मार्च 2017 उत्तर प्रदेश के महोबा जिले के कुलपहर स्टेशन के पास महाकुंभ एक्सप्रेस पटरी से उतर गई थी। इस दुर्घटना में करीब 52 लोग घायल हो गए थे।
20 फरवरी 2017 कानपुर से आ रही कालिंदी एक्सप्रेस मालगाड़ी से टकराकर पटरी से उतर गई थी। सौभाग्य की बात यह रही कि इस दुर्घटना में कोई भी घायल नहीं हुआ।
22 जनवरी 2017 भारत के दक्षिण-पूर्वी तट पर स्थित आंध्रप्रदेश राज्य के विजयनगरम ज़िले में हीराखंड एक्सप्रेस के 8 डिब्बे पटरी से उतर गए थे। इस रेल हादसे में करीब 39 लोगों को अपनी जान गँवानी पड़ी थी।
20 मार्च, 2015 देहरादून से उत्तर प्रदेश के वाराणसी जा रही जनता एक्सप्रेस पटरी से उतर गई थी। इस हादसे में करीब 34 लोग मारे गए थे।
04 मई, 2014 महाराष्ट्र के नागोठाने और रोहा स्टेशन के बीच दिवा सावंतवादी पैसेंजर ट्रेन के पटरी से उतरने के कारण इस रेल हादसे में 20 लोगों की जान गई और 100 अन्य घायल हुए थे।
28 दिसम्बर 2013 बेंगलूरु-नांदेड़ एक्सप्रेस ट्रेन में आग लगने से लगभग 26 लोग मारे गए और करीब 20 लोग घायल हुए थे। आग एयर कंडिशन कोच में लगी थी।
19 अगस्त 2013 बिहार के खगड़िया ज़िले में राज्यरानी एक्सप्रेस की चपेट में आने से 28 लोगों को अपनी जान गँवानी पड़ी थी।
30 जुलाई 2012 वर्ष 2012 भारतीय रेलवे के इतिहास में दुर्घटनाओं के मामले से सबसे बुरे सालों में से एक रहा। साल 2012 में लगभग 14 रेल हादसे हुए, जिनमें पटरी से उतरने और आमने-सामने टक्कर दोनों तरह के हादसे शामिल हैं। 30 जुलाई 2012 को दिल्ली से चेन्नई जाने वाली तमिलनाडु एक्सप्रेस के एक कोच में नेल्लोर के पास आग लग गई थी, जिसमें 30 से ज़्यादा लोग मारे गए थे।
07जुलाई 2011 देश के सबसे राज्य उत्तर प्रदेश में एक ट्रेन और बस की टक्कर में लभग 38 लोगों को अपनी जान गँवानी पड़ी थी।
20 सितम्बर 2010 मध्य प्रदेश राज्य के शिवपुरी शहर में ग्वालियर इंटरसिटी एक्सप्रेस और एक मालगाड़ी के बीच हुई टक्कर में 33 लोगों की मौत हो गई और और 160 से ज़्यादा लोग घायल हुए।
19 जुलाई 2010 भारत के पूर्वी भाग में स्थित पश्चिम बंगाल में उत्तर बंग एक्सप्रेस और वनांचल एक्सप्रेस के बीच हुए रेल हादसे में  62 लोगों की मौत हुई और 150 से ज़्यादा घायल हुए थे।
28 मई, 2010 पश्चिम बंगाल में संदिग्ध नक्सली हमले में ज्ञानेश्वरी एक्सप्रेस पटरी से उतरी। इस हादसे में लगभग 170 लोगों की मौत हो गई।
14  फरवरी, 2009 रेल बजट के दिन ही हावड़ा से चेन्नई जा रही कोरोमंडल एक्सप्रेस के 14 डिब्बे पटरी से उतरे। हादसे में 15 की मौत हो गई और 50 घायल हुए थे।
अगस्त, 2008 सिकंदराबाद से काकिनाडा जा रही गौतमी एक्सप्रेस में देर रात आग लगी। इसके कारण 32 लोग मारे गए और कई घायल हुए।
16 अप्रैल, 2007 तमिलनाडु में हुई एक रेल दुर्घटना में कम से कम 11 लोग मारे गए। दुर्घटना थिरुमातपुर के कांचीपुरम गाँव के पास तब हुई जब एक ट्रेन मिनीबस से जा टकराई।
21 अप्रैल, 2005 गुजरात में बड़ोदरा के पास साबरमती एक्सप्रेस और एक मालगाड़ी की टक्कर में कम से कम 17 लोगों की मौत हो गई और 78 अन्य घायल हो गए।
फरवरी, 2005 महाराष्ट्र में एक रेलगाड़ी और ट्रैक्टर-ट्रॉली की टक्कर में कम से कम 50 लोगों की मौत हो गई थी और इतने ही घायल हुए थे।
जून, 2003 महाराष्ट्र में हुई रेल दुर्घटना में 51 लोग मारे गए थे और अनेक घायल हुए।
02 जुलाई, 2003 आँध्र प्रदेश में हैदराबाद से 120 किलोमीटर दूर वारंगल में गोलकुंडा एक्सप्रेस के दो डिब्बे और इंजन एक ओवरब्रिज से नीचे सड़क पर जा गिरे। इस दुर्घटना में 21 लोगों की मौत हुई।
22 जून, 2003 गोवा और महाराष्ट्र की सीमा पर रत्नागिरी के पास एक विशेष यात्री गाड़ी के डिब्बे पटरी से उतरे। कम से कम 51 यात्रियों की मौत हुई।
15 मई, 2003 पंजाब में लुधियाना के नज़दीक फ़्रंटियर मेल में आग लगी। कम से कम 38 लोग मारे गए।
09 सितम्बर, 2002 हावड़ा से नई दिल्ली जा रही राजधानी एक्सप्रेस दुर्घटनाग्रस्त हुई। इसमें 120 लोग मारे गए।
10 सितम्बर, 2002 बिहार के गया के रफीगंज के समीप राजधानी एक्सप्रेस की कुछ बोगियां नदी में गिर गई इस घटना में लगभग 150 लोगों की मौत हो गई थी।
09 सितम्बर, 2002 हावड़ा से नई दिल्ली जा रही राजधानी एक्सप्रेस दुर्घटनाग्रस्त हुई। इस हादसे में 120 लोग मारे गए।
12 मई, 2002 नई दिल्ली से पटना जा रही श्रमजीवी एक्सप्रेस पटरी से उतरी। इस दुर्घटना में 12 लोग मारे गए।
22 जून, 2001 मंगलोर-चेन्नई मेल केरल की कडलुंडी नदी में जा गिरी। इस हादसे में 59 लोगों को अपनी जान गँवानी पड़ी।
31 मई, 2001 उत्तर प्रदेश में एक रेलवे क्रॉसिंग पर खड़ी बस से ट्रेन जा टकराई। इस दुर्घटना में 31 लोग मारे गए।
02 दिसम्बर, 2000 कोलकाता से अमृतसर जा रही हावड़ा मेल एक मालगाड़ी से टकराई, जिसमें 44 लोगों की मौत और 140 घायल हुए थे।
03 अगस्त, 1999 पश्चिम बंगाल के गैसल में दिल्ली जा रही ब्रह्पुत्र मेल और अवध-असम एक्सप्रेस के बीच हुई टक्कर में लभग 285 लोगों की मौत हुई थी और 312 अन्य लोग घायल हुऐ थे।
16 जुलाई, 1999 दिल्ली जा रही ग्रैंड ट्रंक एक्सप्रेस मथुरा के पास एक मालगाड़ी से टकराई। इस दुर्घटना में 17 लोगों की मौत हुई थी और 200 घायल हुए थे।
26 नवम्बर, 1998 पंजाब के खन्ना जम्मूतवी-सियालदह एक्सप्रेस और अमृतसर गोल्डेन टेम्पल मेल से टकराई थी। इस रेल दुर्घटना में लगभग 209 लोगों की मौत और 120 घायल हुऐ थे।
14 सितम्बर, 1997 मध्यप्रदेश के बिलासपुर में हुई इस रेल दुर्घटना में 100 लोगों की मौत हो गई थी, वहीं 200 लोग घायल थे। अहमदाबाद-हावड़ा एक्सप्रेस की पांच बोगियां नदी में गिर गई थीं।
18 अप्रैल, 1996 एर्नाकुलम एक्सप्रेस दक्षिण केरल में एक बस से टकराई। इस दुर्घटना में 35 की मौत और 50 घायल हुए थे।
20 अगस्त, 1995 आगरा के समीप फिरोजाबाद में पुरुषोत्तम एक्सप्रेस कालिंदी एक्सप्रेस की आमने-सामने की टक्कर में लगभग 305 लोगों की मौत हो गई थी वहीं लगभग 344 लोग घायल थे।
21 दिसम्बर, 1993 कोटा-बीना एक्सप्रेस मालगाड़ी से राजस्थान में टकराई। 71 की मौत और अनेक घायल हुए थे।
16 अप्रैल, 1990 पटना के निकट रेल में आग लगी। इस दुर्घटना में 70 की मौत की हुई थी ।
23 फरवरी, 1985 राजनांदगाँव में एक यात्री गाड़ी के दो डिब्बों में आग लगी। इस हादसे में 50 की मौत और अनेक घायल हुए थे।
06 जून, 1981 भारत के बिहार राज्‍य एक बहुत ही खतरानाक रेल दुर्घटना हुई थी जिसमें जिसमे रात्रि में एक पैसेंजर ट्रेन की कई बोगियाँ खगड़िया के पास धमारा में नदी के पुल से नीचे जा गिरी थी जिसमें 800 की मौत और 1000 से अधिक घायल हुए थे।

और जानिये : भारत के इतिहास में हुई सबसे बडी रेल दुर्घटनाएं और उनकी तिथियाँ


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