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शुंग वंश का इतिहास एवं महत्वपूर्ण तथ्यों की सूची

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शुंग वंश का इतिहास एवं महत्वपूर्ण तथ्यों की सूची- Shung Dynasty History in Hindi

शुंग वंश का इतिहास एवं महत्वपूर्ण तथ्यों की सूची: (Important History and Facts about Shung Dynasty in Hindi)

शुंग वंश:

शुंग वंश प्राचीन भारत का एक शासकीय वंश था जिसने मौर्य राजवंश के बाद शासन किया। इसका शासन उत्तर भारत में 187 ईसा पूर्व से 75 ईसा पूर्व तक यानि 112 वर्षों तक रहा था। पुष्यमित्र शुंग इस राजवंश का प्रथम शासक था।

शुंग वंश का इतिहास:

मौर्य साम्राज्य के पतन के उपरान्त इसके मध्य भाग में सत्ता शुंग वंश के हाथ में आ गई। इस वंश की उत्पत्ति के बारे में कोई निश्चित जानकारी नहीं है। शुंग उज्जैन प्रदेश के थे, जहाँ इनके पूर्वज मौर्यों की सेवा में थे। शुंगवंशीय पुष्यमित्र अन्तिम मौर्य सम्राट बृहद्रथ का सेनापति था। उसने अपने स्वामी की हत्या करके सत्ता प्राप्त की थी। इस नवोदित राज्य में मध्य गंगा की घाटी एवं चम्बल नदी तक का प्रदेश सम्मिलित था। पाटलिपुत्र, अयोध्या, विदिशा आदि इसके महत्त्वपूर्ण नगर थे। दिव्यावदान एवं तारनाथ के अनुसार जलंधर और साकल नगर भी इसमें सम्मिलित थे। पुष्यमित्र शुंग को यवन आक्रमणों का भी सामना करना पड़ा। शुंग वंश का अंतिम सम्राट देवहूति था, उसके साथ ही शुंग साम्राज्य समाप्त हो गया था। शुग-वंश के शासक वैदिक धर्म के मानने वाले थे। इनके समय में भागवत धर्म की विशेष उन्नति हुई।

शुंग वंश के शासकों की सूची इस प्रकार है:

  • पुष्यमित्र शुंग (185-149 ईसा पूर्व)
  • अग्निमित्र (149-141 ईसा पूर्व)
  • वसुज्येष्ठ (141-131 ईसा पूर्व)
  • वसुमित्र (131-124 ईसा पूर्व)
  • अन्धक (124-122 ईसा पूर्व)
  • पुलिन्दक (122-119 ईसा पूर्व)
  • घोष शुंग
  • वज्रमित्र
  • भगभद्र
  • देवभूति (83-73 ईसा पूर्व)

शुंग वंश के बारे में महत्वपूर्ण तथ्य:

  • मौर्य वंश का अंतिम शासक वृहदत था।
  • वृहदत की हत्या पुष्यमित्र शुंग ने की थी।
  • शुंग वंश की स्थापना 185 ईसा पूर्व में हुई थी।
  • पुष्यमित्र शुंग वृहदत का सेनापति था।
  • पुष्यमित्र शुंग ब्राह्मण जाती का था।
  • पुष्यमित्र शुंग ने वृहदत की हत्या सभी सैनिको के सामने 185 ईसा पूर्व में की थी।

  • मौर्य साम्राज्य का कार्यकाल 322-185 ईसा पूर्व तक रहा।
  • शुंग वंश की स्थापना पुष्यमित्र शुंग ने की थी।
  • वैदिक धर्म का पुनः उद्धारकरने वाला पुष्यमित्र शुंग को माना जाता है।
  • शुंग वंश के शासको ने अपनी राजधानी विदिशा में स्थापित की थी।
  • इन्दो-युनानी शासक मिनांडर को पुष्यमित्र शुंग ने पराजित किया था।
  • पुष्यमित्र शुंग ने दो बार अश्वमेघ यज्ञ कराया था।
  • पंतजलि पुष्यमित्र शुंग के दरबार में रहते थे।
  • पुष्यमित्र ने पंतजलि के द्वारा अश्वमेघ यज्ञ कराया था।
  • भरहुत स्तूप का निर्माण पुष्यमित्र ने कराया था।
  • पुष्यमित्र शुंग के बेटे का अग्निमित्र था, जो उसका उतराधिकारी बना था।
  • शुंग वंश का अंतिम शासक देवभूति था।
  • शुंग वंश के अंतिम शासक देवभूति की हत्या वासुदेव ने की थी।
  • वासुदेव ने शुंग वंश की हत्या 73 ईसा पूर्व में की थी।
  • शुंग वंश का कार्यकाल 185-73 ईसा पूर्व तक रहा।
  • शुंग वंश के बाद कण्व वंश का उदय हुआ।
  • कण्व वंश का संस्थापक वासुदेव था।

इन्हें भी पढ़े: नंद वंश का इतिहास एवं महत्वपूर्ण तथ्यों की सूची

और जानिये : शुंग वंश का इतिहास एवं महत्वपूर्ण तथ्यों की सूची


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