सिख धर्म का इतिहास, गुरु और उनके कार्यो की सूची: (History of Sikh Religion Gurus and His Work List in Hindi)
सिख धर्म का इतिहास एवं उत्पत्ति:
सिख धर्म का भारतीय धर्मों में अपना एक पवित्र स्थान है। ‘सिख’ शब्द की उत्पत्ति ‘शिष्य’ से हई है, जिसका अर्थ गुरुनानक के शिष्य से अर्थात् उनकी शिक्षाओं का अनुसरण करने वालों से है। गुरुनानक देव जी सिख धर्म के पहले गुरु और प्रवर्तक हैं। सिख धर्म में नानक जी के बाद नौ गुरु और हुए।
सिख धर्म की स्थापना:
सिख धर्म की स्थापना 15वीं शताब्दी में भारत के उत्तर-पश्चिमी पंजाब प्रांत में गुरुनानक देव जी ने की थी। यह एक ईश्वर तथा गुरुद्वारों पर आधारित धर्म है। सिख धर्म में गुरु की महिमा पूजनीय व दर्शनीय मानी गई है।
गुरु गोबिन्द जी सिखों के 9वें गुरु तेग बहादुर जी के बेटे थे। इनका जन्म बिहार के पटनासाहिब में हुआ था। ये सिख धर्म के अंतिम गुरु माने जाते है। इन्हें 9 वर्ष की आयु में ही गद्दी मिल गई थी। इन्होंने अपने जीवन में देश और धर्म के लिए सब कुछ न्योछावर कर दिया था। बाद में गुरु गोबिन्द सिंह ने गुरु प्रथा समाप्त कर गुरु ग्रंथ साहिब को ही एकमात्र गुरु मान लिया। क्या आपको पता है कि इस धर्म की स्थापना किसने की थी और इस धर्म के 10 गुरु कौन-कौन से हैं ? अगर नहीं तो आइये जानते हैं:-
सिख धर्म के गुरु और उनके द्वारा किये गए कार्यो की सूची:
सिख गुरु का नाम | जन्मतिथि | समय (गुरु काल) | कार्य |
गुरु गुरु नानक देव | 15 अप्रैल 1469 | 20 अगस्त 1507-22 सितम्बर 1539 | सिख धर्म की स्थापना, आदि ग्रन्थ की रचना |
गुरु अंगद देव | 31 मार्च 1504 | 7 सितम्बर 1539-29 मार्च 1552 | गुरुमुखी लिपि के जनक |
गुरु अमर दास | 5 मई 1479 | 26 मार्च 1552-1 सितम्बर 1574 | धर्म प्रसार हेतु २२ गद्दियों की स्थापना |
गुरु राम दास | 24 सितम्बर 1534 | 1 सितम्बर 1574-1 सितम्बर 1581 | अमृतसर की स्थापना (१५७७ ई.) |
गुरु अर्जुन देव | 15 अप्रैल 1563 | 1 सितम्बर 1581-30 मई 1606 | ‘श्री हरमंदिर साहिब’ या ‘स्वर्ण मंदिर’ की नीव रखी, गुरु ग्रन्थ साहब’ का संकलन |
गुरु हरगोबिन्द सिंह | 19 जून 1595 | 25 मई 1606-28 फरवरी 1644 | ‘अकाल तख़्त’ की स्थापना, सिखों को सैनिक जाति में बदला |
गुरु हर राय | 16 जनवरी 1630 | 3 मार्च 1644-6 अक्टूबर 1661 | उत्तराधिकार (मुगलों के) युद्ध में भाग |
गुरु हर किशन सिंह | 7 जुलाई 1656 | 6 अक्टूबर 1661-30 मार्च 1664 | अल्पव्यस्क अवस्था में ही मृत्यु |
गुरु तेग बहादुर सिंह | 1 अप्रैल 1621 | 20 मार्च 1665-11 नवंबर 1675 | हिन्दू धर्म की रक्षा के लिए औरंगजेब द्वारा सर कटवा दिया गया |
गुरु गोबिंद सिंह | 22 दिसम्बर 1666 | 11 नवंबर 1675-7 अक्टूबर 1708 | ‘खालसा पंथ’ की स्थापना, अंतिम गुरु |
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