सन 1950 से अब तक नियुक्त हुए भारत के सभी मुख्य न्यायाधीशों की सूची
भारत में अब तक 44 लोगों ने देश के मुख्य न्यायाधीश के रूप में सेवा की है। वर्तमान में जस्टिस जगदीश सिंह खेहर भारत के मुख्य न्यायाधीश हैं। जगदीश सिंह खेहर 4 जनवरी 2017 से भारत के मुख्य न्यायाधीश का पदभार संभाल रहे हैं। भारत के पहले मुख्य न्यायाधीश के रूप में एच. जे. कनिया ने 26 जनवरी 1950 को शपथ ली थी। जस्टिस जगदीश सिंह खेहर भारत के 44वें मुख्य न्यायाधीश है। जस्टिस जगदीश सिंह खेहर ने न्यायमूर्ति टीएस ठाकुर की जगह ली है। तीरथ सिंह ठाकुर ने 03 दिसंबर 2015 से 03 जनवरी 2017 तक भारत के मुख्य न्यायाधीश का पदभार संभाला है।
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यहाँ पर वर्ष 1950 से अब तक नियुक्त हुए भारत के सभी मुख्य न्यायाधीशों के नाम उनकी योग्यताएँ, उनका कार्यकाल एवम कुल अवधि के बारे सम्पूर्ण जानकारी दी गयी है।
भारत के मुख्य न्यायाधीशों की सूची:-
क्रमांक | नाम | अवधि | कुल अवधि (दिनों में) | अदालत | नियुक्ति | |
1 | एच जे कनिया | 26 जनवरी 1950 | 6 नवम्बर 1951 | 649 | मुंबई उच्च न्यायालय | राजेंद्र प्रसाद |
2 | एम पी शास्त्री | 7 नवम्बर 1951 | 3 जनवरी 1954 | 788 | मद्रास उच्च न्यायालय | |
3 | मेहरचंद महाजन | 4 जनवरी 1954 | 22 दिसम्बर 1954 | 352 | पूर्वी पंजाब उच्च न्यायालय | |
4 | बी के मुखरीजा | 23 दिसम्बर 1954 | 31 जनवरी1956 | 404 | कोलकाता उच्च न्यायालय | |
5 | एस आर दास | 1 फ़रवरी 1956 | 30 सितम्बर 1959 | 1337 | कोलकाता उच्च न्यायालय | |
6 | बी पी सिन्हा | 1 अक्टूबर 1959 | 31 जनवरी 1964 | 1583 | पटना उच्च न्यायालय | |
7 | पी बी गजेन्द्रगढ़कर | 1 फ़रवरी 1964 | 15 मार्च 1966 | 773 | मुंबई उच्च न्यायालय | एस राधाकृष्णन |
8 | ए के सरकार | 16 मार्च 1966 | 29 जून 1966 | 105 | कोलकाता उच्च न्यायालय | |
9 | के एस राव | 30 जून 1966 | 11 अप्रैल 1967 | 285 | मद्रास उच्च न्यायालय | |
10 | के एन वान्चू | 12 अप्रैल 1967 | 24 फ़रवरी 1968 | 318 | इलाहाबाद उच्च न्यायालय | |
11 | एम हिदायतुल्ला | 25 फ़रवरी 1968 | 16 दिसम्बर 1970 | 1025 | मुंबई उच्च न्यायालय | ज़ाकिर हुसैन |
12 | जे सी शाह | 17 दिसम्बर 1970 | 21 जनवरी 1971 | 35 | मुंबई उच्च न्यायालय | वी वी गिरी |
13 | एस एम सिकरी | 22 1971 | 25 अप्रैल 1973 | 824 | लाहौर उच्च न्यायालय | |
14 | ए एन रे | 26 अप्रैल 1973 | 27 जनवरी 1977 | 1372 | कोलकाता उच्च न्यायालय | |
15 | मिर्जा हमीदुल्ला बेग | 28 जनवरी 1977 | 21 फ़रवरी 1978 | 389 | इलाहाबाद उच्च न्यायालय | फखरुद्दीन अली अहमद |
16 | वाई वी चंद्रचूड़ | 22 फ़रवरी 1978 | 11 जुलाई 1985 | 2696 | मुंबई उच्च न्यायालय | नीलम संजीव रेड्डी |
17 | पी एन भगवती | 12 जुलाई 1985 | 20 दिसम्बर 1986 | 526 | गुजरात उच्च न्यायालय | ज़ैल सिंह |
18 | आर एस पाठक | 21 दिसम्बर 1986 | 18 जून 1989 | 940 | इलाहाबाद उच्च न्यायालय | |
19 | ई एस वेंकटरमैय्या | 19 जून 1989 | 17 दिसम्बर 1989 | 181 | कर्नाटक उच्च न्यायालय | रामास्वामी वेंकटरमण |
20 | एस मुखर्जी | 18 दिसम्बर 1989 | 25 सितम्बर 1990 | 281 | कोलकाता उच्च न्यायालय | |
21 | रंगनाथ मिश्र | 26 सितम्बर 1990 | 24 नवम्बर 1991 | 424 | उड़ीसा उच्च न्यायालय | |
22 | के एन सिंह | 25 नवम्बर 1991 | 12 दिसम्बर 1991 | 17 | इलाहाबाद उच्च न्यायालय | |
23 | एम एच कनिया | 13 दिसम्बर 1991 | 17 नवम्बर 1992 | 340 | मुंबई उच्च न्यायालय | |
24 | एल एम शर्मा | 18 नवम्बर 1992 | 11 फ़रवरी 1993 | 85 | पटना उच्च न्यायालय | शंकर दयाल शर्मा |
25 | एम एन वेंकटचेलैय्या | 12 फ़रवरी 1993 | 24 अक्टूबर 1994 | 619 | कर्नाटक उच्च न्यायालय | |
26 | ए एम अहमदी | 25 अक्टूबर 1994 | 24 मार्च 1997 | 881 | गुजरात उच्च न्यायालय | |
27 | जे एस वर्मा | 25 मार्च 1997 | 17 जनवरी 1998 | 298 | मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय | |
28 | एम एम पुंछी | 18 जनवरी 1998 | 9 अक्टूबर 1998 | 264 | पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय | के आर नारायणन |
29 | ए एस आनंद | 10 अक्टूबर 1998 | 11 जनवरी 2001 | 824 | जम्मू और कश्मीर उच्च न्यायालय | |
30 | एस पी भरुचा | 11 जनवरी 2001 | 6 मई 2002 | 480 | मुंबई उच्च न्यायालय | |
31 | बी एन कृपाल | 6 मई 2002 | 8 नवम्बर 2002 | 186 | दिल्ली उच्च न्यायालय | |
32 | जी बी पटनायक | 8 नवम्बर 2002 | 19 दिसम्बर 2002 | 41 | उड़ीसा उच्च न्यायालय | ऐ पी जे अब्दुल कलाम |
33 | वी एन खरे | 19 2002 | 2 मई 2004 | 500 | इलाहाबाद उच्च न्यायालय | |
34 | राजेन्द्र बाबू | 2 मई 2004 | 1 जून 2004 | 30 | कर्नाटक उच्च न्यायालय | |
35 | आर सी लहोटी | 1 जून 2004 | 1 नवम्बर 2005 | 518 | मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय | |
36 | वाई के सभरवाल | 1 नवम्बर 2005 | 13 जनवरी 2007 | 438 | दिल्ली उच्च न्यायालय | |
37 | के. जी. बालकृष्णन | 13 जनवरी 2007 | 11 मई 2010 | 1214 | केरल उच्च न्यायालय | |
38 | एस एच कापड़िया | 12 मई 2010 | 28 2012 | 870 | मुंबई उच्च न्यायालय | प्रतिभा पाटिल |
39 | अल्तमास कबीर | 29 सितम्बर 2012 | 18 जुलाई 2013 | 292 | कोलकाता उच्च न्यायालय | प्रणब मुखर्जी |
40 | पी सतशिवम | 19 जुलाई 2013 | 26 अप्रैल 2014 | 281 | मद्रास उच्च न्यायालय | |
41 | राजेन्द्र मल लोढ़ा | 26 अप्रैल 2014 | 27 सितम्बर 2014 | 153 | राजस्थान उच्च न्यायालय | |
42 | एच एल दत्तु | 28 सितम्बर 2014 | 2 दिसम्बर 2015 | 584 | कर्नाटक उच्च न्यायालय | |
43 | तीरथ सिंह ठाकुर | 3 दिसम्बर 2015 | जनवरी 2017 | 146 | जम्मू और कश्मीर उच्च न्यायालय | |
44 | जगदीश सिंह खेहर | 4 जनवरी 2017 | से अब तक | 146 | कर्नाटक उच्च न्यायालय |
नोट: यह लिस्ट 4 जनवरी 2017 को अपडेट की गयी है।
उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश की नियुक्ति:
उच्चतम न्यायालय के सभी न्यायाधीशों की नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति द्वारा उच्चतम न्यायालय के परामर्शानुसार की जाती है। सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश इस प्रसंग में राष्ट्रपति को परामर्श देने से पूर्व अनिवार्य रूप से चार वरिष्ठतम न्यायाधीशों के समूह से परामर्श प्राप्त करते हैं तथा इस समूह से प्राप्त परामर्श के आधार पर राष्ट्रपति को परामर्श देते हैं।
अनुछेद 124 के अनुसार मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति करते समय राष्ट्रपति अपनी इच्छानुसार सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की सलाह लेगा। वहीं अन्य जजों की नियुक्ति के समय उसे अनिवार्य रूप से मुख्य न्यायाधीश की सलाह माननी पडेगी।
उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश की योग्यताएँ:
- व्यक्ति भारत का नागरिक हो।
- कम से कम पांच साल के लिए उच्च न्यायालय का न्यायाधीश या दो या दो से अधिक न्यायालयों में लगातार कम से कम पांच वर्षों तक न्यायाधीश के रूप में कार्य कर चुका हो।
- किसी उच्च न्यायालय या न्यायालयों में लगातार दस वर्ष तक अधिवक्ता रह चुका हो।
- वह व्यक्ति राष्ट्रपति की राय में एक प्रतिष्ठित विधिवेत्ता होना चाहिए।
- उच्चतम न्यायालय का न्यायाधीश बनने हेतु किसी भी प्रदेश के उच्च न्यायालय में न्यायाधीश का पांच वर्ष का अनुभव होना अनिवार्य है और वह 62 वर्ष की आयु पूरी न किया हो।
कार्यकाल
उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीशों की सेवानिवृत्ति की आयु 65 वर्ष होती है। न्यायाधीशों को केवल (महाभियोग) दुर्व्यवहार या असमर्थता के सिद्ध होने पर संसद के दोनों सदनों द्वारा दो-तिहाई बहुमत से पारित प्रस्ताव के आधार पर ही राष्ट्रपति द्वारा हटाया जा सकता है।
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