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भारत के प्रमुख बांध के नाम और उनके प्रकार

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भारत के सबसे बड़े बांधो की सूची: (List of Largest Dams of India in Hindi)

बाँध किसे कहते है?

बाँध की परिभाषा: बाँध एक अवरोध होता है, जो पानी को बहने से रोकता है और एक जलाशय बनाने में मदद करता है। इससे बाढ़ आने से तो रुकती ही है, जमा किये गया जल सिंचाई, जलविद्युत, पेय जल की आपूर्ति, नौवहन आदि में भी सहायक होती है।

बांध के प्रकार:

भारत में कई बांध हैं, और इसलिए उनके बारे में जानने की आवश्यकता है क्योंकि भारत के बांधों पर आधारित प्रश्न हैं। IBPS या SBI जैसे बैंक परीक्षा में इस खंड के प्रश्न शामिल हैं। संरचना के आधार पर बांधों के प्रकार निम्नानुसार हैं:

  • आर्क बांध: एक आर्क बांध एक कंक्रीट बांध है जो योजना में ऊपर की तरफ घुमावदार है। इसे ऐसा बनाया गया है कि हाइड्रोस्टेटिक दबाव (इसके खिलाफ पानी का बल) आर्क के खिलाफ दबाता है, जिससे आर्क थोड़ा सा सीधा हो जाता है और संरचना को मजबूत करता है क्योंकि यह अपनी नींव या एब्यूमेंट में धकेलता है। एक चाप बांध संकीर्ण के लिए सबसे उपयुक्त है.
  • गुरुत्वाकर्षण बांध: कंक्रीट या पत्थर की चिनाई से निर्मित बांध ग्रेविटी बांध हैं। वे पानी के केवल दबाव का विरोध करने के लिए नींव के खिलाफ सामग्री और उसके प्रतिरोध का वजन का उपयोग करके पानी को वापस पकड़ने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं। इन्हें इस तरह से डिजाइन किया गया है कि बांध का प्रत्येक खंड अन्य खंड के लिए स्थिर और स्वतंत्र है।
  • आर्क-ग्रेविटी बांध: इस बांध में आर्च बांध और गुरुत्व बांध दोनों की विशेषताएं हैं। यह एक बांध है जो एक संकरी अवस्था में ऊपर की ओर घटता है जो कि घाटी की चट्टान की दीवारों के अधिकांश पानी के दबाव को निर्देशित करता है। पानी द्वारा बांध की आवक संपीड़न, बांध पर पार्श्व (क्षैतिज) बल को कम करता है।
  • बैराज: एक बैराज एक प्रकार का कम-सिर, डायवर्सन बांध है जिसमें कई बड़े द्वार होते हैं जिन्हें पानी के प्रवाह की मात्रा को नियंत्रित करने के लिए खोला या बंद किया जा सकता है। यह संरचना को सिंचाई और अन्य प्रणालियों में उपयोग के लिए नदी के जल उन्नयन को विनियमित और स्थिर करने की अनुमति देता है।
  • तटबंध बांध: तटबंध बांध एक बड़ा कृत्रिम बांध है। यह आम तौर पर मिट्टी, रेत, मिट्टी या चट्टान की विभिन्न रचनाओं के एक जटिल अर्ध-प्लास्टिक टीले के प्लेसमेंट और संघनन द्वारा बनाया जाता है। इसकी सतह और घने, अभेद्य कोर के लिए एक अर्ध-विकृत जलरोधक प्राकृतिक आवरण है।
  • रॉक-फिल्स बांध: रॉक-फिल बांध एक अभेद्य क्षेत्र के साथ कॉम्पैक्ट मुक्त-सूखा दानेदार पृथ्वी के तटबंध हैं।  “रॉक-फिल” शब्द  पृथ्वी का उपयोग अक्सर बड़े कणों का उच्च प्रतिशत होता है, इसलिए
  • कंक्रीट-फेस रॉक-फिल बांध: कंक्रीट-फेस रॉक-फिल डैम (CFRD) एक रॉक-फिल डैम है, जिसके ऊपरी हिस्से पर कंक्रीट स्लैब हैं। यह डिजाइन रिसाव को रोकने के लिए एक अभेद्य दीवार के रूप में कंक्रीट स्लैब प्रदान करता है
  • पृथ्वी-भरण बाँध: पृथ्वी से भरे बांध, जिन्हें मिट्टी के बांध भी कहा जाता है, लुढ़का-पृथ्वी बांध या बस पृथ्वी बांध, का निर्माण अच्छी तरह से कॉम्पैक्ट पृथ्वी के एक साधारण तटबंध के रूप में किया जाता है। एक सजातीय लुढ़का-पृथ्वी बांध पूरी तरह से एक प्रकार की सामग्री से बना है, लेकिन इसमें सीप का पानी इकट्ठा करने के लिए एक नाली की परत हो सकती है।

बांध के लाभ (फायदे):

बांध और जलाशय निम्‍नलिखित मानवीय मूलभूल आवश्‍यकताओं की पूर्ति करने में उल्‍लेखनीय योगदान देते हैं:-

  • उचित रूप से अभिकल्पित तथा सुनिर्मित किए गए बांध लोगों की पेयजल की आवश्‍यकताओं और औद्योगिक आवश्‍यकताओं की पूर्ति करने में जलाशयों में संचित जल का अत्‍य अधिक प्रयोग किया जाता है।
  • बांध और जलाशयों एक निर्माण से वर्षा ऋतु के दौरान अतिरिक्‍त जल का उपयोग शुष्‍क भूमि पर सिंचाई हेतु किया जा सकता है।
  • इस प्रकार की योजनाएं बाढ़ जैसे भयानक खतरे को रोकने में सहायक है।
  • बांध में एकत्रित पानी से विद्युत का उत्पादन होता है।  ऊर्जा देश के सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाती है। जल विद्युत ऊर्जा का सस्‍ता, स्‍वच्‍छ और नवीनीकरणीय स्‍त्रोत है।
  • बांध के निर्माण से आसपास का स्थान एक झील की तरह सुन्‍दर प्रस्‍तुत करता है,जो एक मनोरंजन का स्‍त्रोत बन जाता हैं। इसके अलावा लोग झील से नौकायन, तैराकी, मत्‍स्‍य पालन इत्‍यादि का भी लाभ उठा सकते हैं।

बांध से होने वाले नुकसान (हानियाँ):

  • नदी पर बांध बनने से नदी के जल का प्रवाह बाधित होता है।
  • बाँध से नदी की शाखाएँ बट जाती है, जो जल में रहने वाले वनस्पति को स्थानांतरित करता है।
  • बाढ़ निर्मित मैदान में बने जल भंडारों में वनस्पति डूब जाती है तथा मृदा विघटित हो जाती है।
  • बहुउद्देशीय परियोजनाएं तथा बड़े बांध नर्मदा बचाओ आंदोलन और टिहरी बांध आंदोलन के जन्मदाता बन गये है क्योंकि लोगो को इनके कारण अपने घरो से पलायन करना पड़ा।
  • बांधों के कारण पानी रुकने से मछलियों की कई प्रजाति समाप्त हो जाती है जिससे जलीय जैव विविधता को नुकसान होता है।
  • बांधो के जलाशयों में रुके पानी में मलेरिया की कीटाणु पनपते हैं. जो जलाशयों के नजदीकी क्षेत्र में रह रहे लोगों की बीमारियाँ बढ़ाते हैं।
  • बाँध के जलाशयों में पत्ते, टहनियां और जानवरों की लाशें नीचे जमती हैं और सड़ने लगती है. तालाब के नीचे इन्हें ऑक्सीजन नहीं मिलती है जिस कारण मीथेन गैस बनती है जो कार्बन डाई ऑक्साइड से ज्यादा ग्लोबल वार्मिंग को बढ़ाती है।

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भारत के प्रमुख बांधों के बारे में रोचक तथ्य:

  • उत्तराखंड में भारत का सबसे ऊंचा और विशाल टिहरी बांध है।
  • टिहरी बांध एशिया का दूसरा सबसे ऊँचा बांध और दुनिया में आठवाँ सबसे ऊँचा बांध है।
  • इस बांध की ऊंचाई 857 फीट (260.5 मीटर) है जबकि इसकी लंबाई 575 मीटर है तथा इससे 2400 मेगावाट बिजली का उत्पादन होता है।
  • सरदार सरोवर बांध भारत का सबसे बड़ा और विश्व का दूसरा सबसे बड़ा बांध है। गुजरात में वडोदरा जिले के दभोई में स्थित सरदार सरोवर बांध की ऊंचाई 138.68 मीटर और लंबाई 1210 मीटर है।
  • दुनिया के सबसे लंबे बांधों में से एक हीराकुंड बांध ओडिशा के संबलपुर में है। साल 1956 में महानदी पर बने इस बांध की लंबाई 26 किलोमीटर है, जो देश का सबसे लंबा और दुनिया के लंबे बांधों में से एक है।
  • आधुनिक तकनीक से बना नागार्जुन सागर बांध अपनी मजबूती के साथ-साथ अपनी भव्य बनावट और खूबसूरती के लिए भी प्रसिद्ध है। आंध्र प्रदेश के नलगोंडा जिले में कृष्णा नदी पर बना यह बांध आंध्र प्रदेश के लिए सिंचाई का अहम साधन है। नागार्जुन सागर डैम की ऊंचाई 124 मीटर और लंबाई 1450 मीटर है।

आइये जानते है कि भारत का कौन-सा बांध किस नदी पर बना हुआ है तथा किस राज्य में स्थित है:-

भारत के सबसे बड़े बांधो की सूची:

बांध का नाम किस नदी पर बना हुआ है किस राज्य में स्थित है
सरदार सरोवर बांध नर्मदा नदी वडोदरा,गुजरात
टेहरी बांध भागीरथी नदी प्रतापनगर, उत्तराखंड
लखवार बांध यमुना नदी देहरादून, उत्तराखंड
इडुक्की (एब)/इडुक्की आर्च बांध पेरियार नदी तोडुपुलै, केरल
भाखडा बांध सतलुज नदी बिलासपुर, हिमाचल प्रदेश
पकाल दुल बांध मरुसूदर नदी किश्तवाड़, जम्मू कश्मीर
सरदार सरोवर गुजरात बांध नर्मदा नदी राजपीपल, गुजरात
श्रीसैलम बांध कृष्णा नदी नन्दीकोटकुर, आंध्र प्रदेश
रंजीत सागर बांध रवि नदी पठानकोट, पंजाब
बगलिहार बांध चेनाब नदी रामबाण, जम्मू कश्मीर
चेमेराई बांध रवि नदी भटियात, हिमाचल प्रदेश
चेरुठोणी बांध चेरुठोणी नदी तोडुपुलै, केरला
पांग बांध बीस नदी गोपीपुर, हिमाचल प्रदेश
जमरनी बांध गोला नदी नैनीताल, उत्तराखंड
सुबनसिरी लोअर बांध सुबनसिरी नदी सुबनसिरी, अरुणाचल प्रदेश
रामगंगा बांध रामगंगा नदी लैंसडौन, उत्तराखंड
नागार्जुन सागर बांध कृष्णा नदी गुरुजला, आंध्र प्रदेश
कक्की (एब) बांध कक्की नदी रानी, केरल
नगी बांध नगी नदी जमुई, बिहार
सलाल (रॉकफिल एंड कंक्रीट) बांध चेनाब नदी गुलाब गढ़, जम्मू कश्मीर
लख्या बांध लख्या होल नदी मुदिगेरे, कर्नाटक
शोलयर बांध शोलयर नदी पोलाची, तमिलनाडु
कोयना बांध कोयना नदी पतन, महाराष्ट्र
इदमलयर (एब) बांध इदमलयर नदी देवीकोलम, केरल
सुपा बांध काली नदी सुपा, कर्नाटक
कर्जन बांध कर्जन नदी राजपीपला, गुजरात
धारोई बांध साबरमती नदी मेहसाणा, गुजरात
हीराकुंड बांध महानदी संबलपुर, ओडिशा

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

भारत में कुछ महत्वपूर्ण बांध कौन-कौन से हैं ?
  1. भारत में सबसे ऊंचा बांध: टिहरी बांध (उत्तराखंड)
    1. ऊंचाई: 260.5 मीटर
    2. लंबाई: 575 मीटर
    3. नदी: भागीरथी नदी
    4. स्थान: उत्तराखंड
    5. पूरा होने का वर्ष: 2006 (पहला चरण)
  2. भारत में सबसे लंबा बांध: हीराकुंड बांध (ओडिशा)
    1. कुल लंबाई: 25.79 किमी (16.03 मील)
    2. मुख्य बांध की लंबाई: 4.8 किमी (3.0 मील)
    3. नदी: महानदी
    4. स्थान: ओडिशा
    5. पूरा होने का वर्ष: 1953
  3. भारत में सबसे पुराना बांध: कल्लनई बांध (तमिलनाडु)
    1. नदी: कावेरी
    2. स्थान: तमिलनाडु
    3. पूरा होने का वर्ष: 100 ईसा पूर्व -100 ईस्वी

बांध किसे कहते है?
नदी अथवा नीचले जल ग्रहण क्षेत्र में अवरोधक लगाकर जल का संग्रहण करना बांध (Dam) कहलाता है। भारत में 4000 से अधिक और विश्व में एक लाख से अधिक छोटे-बड़े बांध बने हुए हैं।

बांध का निर्माण कैसे होता है?
बांध का निर्माण कंक्रीट, चट्टानों के काटव, लकड़ी अथवा मिट्टी से किया जाता है । भाखड़ा बांध, सरदार सरोवर, टीहरी बांध इत्यादि बड़े बांधों के उदाहारण है । एक बांध की इसके पीछे के पानी के भार को वहन करने की क्षमता बेहद जरूरी होती है। बांध पर धकेले जाने वाली जल की मात्रा को जल-दाब कहा जाता है । जल-दाब जल की गहराई के साथ-साथ बढ़ता रहता है । इसके परिणामस्वरूप कई बांधों का तल चौडा होता है जिससे यह सतह के काफी नीचे बहुभागा में बहने वाले जल का भार वहन कर सकें।

हमें बांधों की आवश्यकता क्यों होती है?
हमारे निजी जीवन में भी बांधो का बहुत महत्व हैं क्योंकि बांधों का उपयोग सिंचाई, पीने का पानी, बिजली बनाने तथा पुनः सृजन के लिए जल के भण्डारण में किया जाता है। बांधों से बाढ़ जैसी विकराल आपदा नियंत्रण में भी सहायता मिलती है। आप बांध के जलाशय से पीने का पानी प्राप्त कर सकते हैं अथवा बांध के जलाशय के जल से सिंचित क्षेत्रों के खाद्य पदार्थों का सेवन कर सकते हैं अथवा जल विद्युत सयंत्र से उत्पन्न बिजली प्राप्त कर सकते हैं। नदी का जल बांधों के पीछे उठता है तथा कृत्रिम झीलों का निर्माण करता है, जिसे जलाशय कहा जाता हैं। जलाशय, मछली पकड़ने तथा खेलने के लिए भी अच्छे स्थान है।

बांध कितने प्रकार के होते हैं?
भारत मे बांध काई प्रकार के हैं यहाँ कुछ निम्न प्रकार के बांध दिये हुए हैं जिनमें आर्क बांध, गुरुत्वाकर्षण बांध, आर्क-ग्रेविटी बांध, बैराज, तटबंध बांध, रॉक-फिल्स बांध, कंक्रीट-फेस रॉक-फिल बांध, पृथ्वी-भरण बाँध सम्मिलित हैं।

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