वर्ष 1901 से अब तक नोबेल पुरुस्कार से सम्मानित भारतीय व्यक्तियों के नाम: (Indian Nobel Prize Winners in Hindi)
नोबेल पुरस्कार विश्व के सबसे बड़े पुरस्कारो में से एक माना जाता है एंव यह पुरस्कार विश्व के सर्वश्रेष्ठ लोगों को मिलता है। वर्ष 1901 से नोबेल पुरस्कार की शुरुआत हुई और इसे एल्फ़्रेड नोबेल (Alfred Nobel) के नाम पर रखा गया। एल्फ़्रेड नोबेल स्वीडन के निवासी थे। उन्होंने डायनामाईट का आविष्कार किया था। नोबेल पुरस्कार भौतिकी (Physics), रसायन विज्ञान (Chemistry), चिकित्सा विज्ञान (Physiology or Medicine), साहित्य (Literature) और शांति (Peace) के क्षेत्र में उत्कर्ष कार्यों के लिए दिये जाते हैं।
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भारत को विश्वगुरु कहा जाता है एंव विश्वभर में भारतीयों ने अपनी अमिट छाप छोड़ी है। कई भारतीयों को उनके उत्कर्ष कार्यों के लिए नोबेल पुरुस्कार से सम्मानित किया जा चुका है। कैलाश सत्यार्थी अंतिम भारतीय व्यक्ति है जिन्हें वर्ष 2014 में बाल अधिकारों की रक्षा एंव बाल श्रम के विरूद्ध लड़ाई के लिए नोबेल पुरुस्कार से सम्मानित किया गया। उन्हें पाकिस्तान की मलाला युसुफ़जई के साथ संयुक्त रूप से नोबेल शांति पुरुस्कार से सम्मानित किया गया। तो आईये जानते है कि अब तक किन-2 भारतीयों व्यक्तियों को नोबेल पुरुस्कार से सम्मानित किया जा चुका है:-
नोबेल पुरस्कार से सम्मानित भारतीय व्यक्तियों की सूची
- रवींद्रनाथ टैगोर (1913): महान कवि और रचयिता गुरु रवींद्रनाथ टैगोर नोबेल पुरुस्कार पाने वाले एशिया एंव भारत के पहले व्यक्ति थे। रबींद्र नाथ टैगोर को साहित्य के क्षेत्र में उनकी काव्य पुस्तक ‘गीतांजलि’ के लिए वर्ष 1913 में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया। रवींद्रनाथ टैगोर ने महज आठ वर्ष की उम्र से ही कवितायें लिखनी शुरु कर दी थी। वे एक ऐसे व्यक्ति थे जिन्होंने भारत और बंग्लादेश, दो देशों के लिये राष्ट्रगान लिखा। ‘गीतांजलि’ और ‘साधना’ उनकी महत्वपूर्ण कृतियां हैं।
- सर चंद्रशेखर वेंकटरमन (1930): महान वैज्ञानिक सर चंद्रशेखर वेंकटरमन को वर्ष 1930 में भौतिकी के क्षेत्र में महत्वपूर्ण कार्य करने के लिए नोबेल पुरुस्कार से सम्मानित किया गया। डॉ. रमन ने अपने अनुसंधान में इस बात का पता लगाया कि जब प्रकाश किसी पारदर्शी माध्यम से गुजरता है तब उसकी वेवलैंथ (तरंग की लम्बाई) में बदलाव आता है। इसी को रमन इफ़ेक्ट के नाम से जाना गया।
- अमर्त्य सेन (1998): अमर्त्य सेन को अर्थशास्त्र में उनके योगदान के लिये वर्ष 1998 में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। उन्होंने अकाल में भोजन की व्यवस्था के लिये अपनी थ्योरी दी। वह पहले भारतीय थे जिन्हें अर्थशास्त्र के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार मिला। पिछले चालीस बरसों में तीस से अधिक भाषाओं में उनकी पुस्तकें छप चुकी हैं।
- मदर टेरेसा (1979): तल्लीन अल्बीनियाई मूल की भारतीय मदर टेरेसा को 45 सालों तक गरीब, असहाय और मरीजों की सेवा करने के लिए वर्ष 1979 में शांति के नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया। मदर टेरेसा ने भारत में बेसहारा, अनाथ और रोगियों की सेवा करके समाज में सेवा का एक उदाहरण पेश किया जिसके चलते उन्हें विश्व शांति का नोबेल मिला।
- हरगोबिंद खुराना (1968): भारतीय मूल के अमरीकी नागरिक डॉ. हरगोबिंद खुराना को आनुवांशिक कोड (डीएनए) की व्याख्या करने के लिए चिकित्सा के क्षेत्र में अनुसंधान के लिए वर्ष 1968 में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया। खुराना ने मार्शल, निरेनबर्ग और रोबेर्ट होल्ले के साथ मिलकर चिकित्सा के क्षेत्र में काम किया। उन्हें कोलम्बिया विश्वविद्यालय की ओर से 1968 में ही होर्विट्ज़ पुरस्कार भी प्राप्त हुआ।
- सुब्रह्मण्यम चंद्रशेखर (1983): डॉ. सुब्रह्मण्यम चंद्रशेखर को भौतिक शास्त्र के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान के लिए वर्ष 1983 में नोबेल पुरस्कार दिया गया। डॉ. चंद्रशेखर भारतीय मूल के अमरीकी नागरिक होने के साथ साथ एक विख्यात खगोल भौतिक शास्त्री थे। उनके सिद्धांत से ब्रह्मांड की उत्पत्ति के बारे में अनेक रहस्यों का पता चला।
- वेंकटरमन रामाकृष्ण (2009): भारतीय मूल के अमरीकी नागरिक वेंकटरमन रामाकृष्ण को चिकित्सा विज्ञान के क्षेत्र में महत्वपूर्ण कार्य करने के लिए वर्ष 2009 में रसायन शास्त्र के क्षेत्र में पुरस्कार से सम्मानित किया गया। वेंकटरमन रामाकृष्ण को इजराइली महिला वैज्ञानिक अदा योनोथ और अमरीका के थॉमस स्टीज़ के साथ संयुक्त तौर पर रसायन के नोबेल के लिए सम्मानित किया गया। नोबेल पाने वाले तीनों वैज्ञानिकों ने थ्रीडी तकनीक के ज़रिए समझाया कि किस तरह रिबोसोम्ज़ अलग-अलग रसायनों के साथ प्रतिक्रिया करते हैं।
- कैलाश सत्यार्थी (2014): वर्ष 2014 में कैलाश सत्यार्थी को बाल अधिकारों की रक्षा एंव बाल श्रम के विरूद्ध लड़ाई के लिए नोबेल पुरुस्कार से सम्मानित किया गया है। उन्होंने बचपन बचाओ आन्दोलन की स्थापना की और विश्व भर में हजारों बच्चों के अधिकारों की रक्षा के लिए कार्य किया। उन्हें पाकिस्तान की मलाला युसुफ़जई के साथ संयुक्त रूप से नोबेल शांति पुरुस्कार से सम्मानित किया गया।
नोबेल पुरस्कार से सम्बंधित महत्वपूर्ण तथ्य:
- पहले नोबेल पुरस्कार पाँच विषयों में कार्य करने के लिए दिए जाते थे। अर्थशास्त्र के लिए पुरस्कार स्वेरिजेश रिक्स बैंक, स्वीडिश बैंक द्वारा अपनी 300वीं वर्षगाँठ के उपलक्ष्य में 1967 में आरम्भ किया गया और इसे 1969 में पहली बार प्रदान किया गया। इसे अर्थशास्त्र में नोबेल स्मृति पुरस्कार भी कहा जाता है।
- पुरस्कार के लिए बनी समिति और चयनकर्ता प्रत्येक वर्ष अक्टूबर में नोबेल पुरस्कार विजेताओं की घोषणा करते हैं लेकिन पुरस्कारों का वितरण अल्फ्रेड नोबेल की पुण्य तिथि 10 दिसम्बर को किया जाता है।
- प्रत्येक पुरस्कार में एक वर्ष में अधिकतम तीन लोगों को पुरस्कार दिया जा सकता है। इनमें से प्रत्येक विजेता को एक स्वर्ण पदक, डिप्लोमा, स्वीडिश नागरिकता में एक्सटेंशन और धन दिया जाता है।
- अगर एक पुरस्कार में दो विजेता हैं, तो धनराशि दोनों में समान रूप से बांट दी जाती है। पुरस्कार प्राप्तकर्ताओं की संख्या अगर तीन है तो चयन समिति के पास यह अधिकार होता है कि वह धनराशि तीन में बराबर बाँट दे या एक को आधा दे दे और बाकी दो को बचा धन बराबर बाँट दे।
- अब तक केवल दो बार मृत व्यकियों को यह पुरस्कार दिया गया है। पहली बार एरिएक्सेल कार्लफल्डट को 1931 में और दूसरी बार संयुक्त राष्ट्रसंघ के महासचिव डैग डैमरसोल्ड को 1961ई. में दिया गया था।
- 1974 में नियम बना दिया गया कि मरणोपरांत किसी को नोबेल पुरस्कार नहीं दिया जाएगा।
- पुरस्कार वितरण 1901 से प्रारंभ किया गया था। 1969 से यह पुरस्कार अर्थशास्त्र क्षेत्र में भी दिया जाने लगा।
- 1937 से लेकर 1948 ई. तक गाँधी जी को पाँच बार शांति पुरस्कारों के लिए नामित किया गया पर एक बार भी उन्हें इस पुरस्कार के लिए नहीं चुना गया।
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